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युग - विकिपीडिया
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प रक पना क नया के म क इस वा त वक व के
ख दद से भी अ या धक खभरा है अ या धक उलझन
है अ या धक ाकुलता बैचैनी जब मनु य क मन
प रक पना क नया म वेश करती है तब से अं तम
ण अथात पांच वष तक सुख और चैन पूरी तरहा से
जीवन से चला जाता है मा सदै व चतन मनन
प रक पना ही रहता है ना जगने पर प रक पना ख म
होती है ना न ा म मा दन रात प रक पना आती ही
रहती है । कहा जाऐ तो भूख गरीबी बीमरी धोखा
अपमान मृ यु से भी भयावह कुछ है तो प रक पना क
नया क क पना अगर वा त वक नया म सतयुग
ेता युग व ारापाक युग व कालयुग होता तो व का
हर मनु य ाकुलता बैचैनी के कारण आ मह या कर
लेता ।
युग आ द का प रमाण
मु य लौ कक युग स य (उकृत), ेता, ापर और
क ल नाम से चार भाग म (चतुधा) वभ है। इस युग
के आधार पर ही म वंतर और क प क गणना क
जाती है। इस गणना के अनुसार स य आ द चार युग
सं या (युगारंभ के पहले का काल) और सं यांश (युगांत
के बाद का काल) के साथ 12000 वष प र मत होते ह।
चार युग का मान 4000 + 3000 + 2000 + 1000
= 10000 वष है; सं या का 400 + 300 + 200 +
100 = 1000 वष; सं यांश का भी 1000 वष है। युग
का यह प रमाण द वष म है। द वष = 360
मनु य वष है; अत: 12000 x 360 = 4320000 वष
चतुयुग का मानुष प रमाण आ। तदनुसार स ययुग =
1728000; ेता = 1296000; ापर = 864000;
क ल = 432000 वष है। ई श 1000 चतुयुग (चतुयुग
को युग भी कहा जाता है) से एक क प याने ाक
आयु 100 वष है। 71 द युग से एक म वंतर होता
है। यह व तुत: महायुग है। अ य अवांतर युग भी है।
येक सं या म ३६० के गुणा करना होता है य क
और क लयुग जो क १२०० द वष अव ध का था वह
मानव वष के प म ४३२००० वष का बना होता है
चार युग क अव ध इस कार है स य 17,28,000
वष , ेता 12,96,000 वष , ापर 8,64,000 वष
क लयुग 4,32,000 वष चार युग का जोड़
43,20,000 वष यानी एक चतुयुग | सरी गलती यह
ई क जब ापर समा त आ तो उस समय २४०० वा
वष चल रहा था जब क लयुग शु आ तो उसको
क लयुग थम वष लखा जाना चा हए था ले कन लखा
गया क लयुग २४०१ तो जो कहा जाता है क २०१८ म
क लयुग शु ए ५१२० वष हो गए ह उसमे से ु टपूण
जुड़े २४०० वष नकालने ह गे शेष बचे २७२० वष ही
सही अंक है | तीसरी गलती यह ई क कहा गया
क लयुग के बाद स ययुग आएगा ये वहा रक नह है
क लयुग क आखरी रा ी सोयगे सुबह उठगे तो सबकुछ
सही होगा हर सतोगुणी होगा यह संभव नह है
पतन जस कार धीरे धीरे आ उसी कार उ थान
होगा अधोगामी क लयुग के बीतने पर उ वगामी
क लयुग क शु आत होगी फर ापर फर ेता फर
स ययुग आएगा |
गधम
सूय अपने महा क ( ा) के च कर लगाता है इसके
एक च कर मे पृ वी के 24000 वष लगते ह इसमे
12000 वष (चार युग क अव ध)का एक आरोही
अधच तथा 12000 (चार युग क अव ध)वष का
एक अवरोही अधच होता है ।
एकपायेन वत ते सह ा ण शता न च ।।
यदे तत प रसं यातमादावेव चतुयुगम ।
ेता (300+3000+300=3600)
ापर (200+2000+200=2400)
क लयुग (100+1000+100=1200)
वै ा नक माण
राम#भगवान ी राम जी के ज म-समय पर आधु नक
शोध
क लयुग का आर भ
व ान ने क लयुगारंभ के वषय म व श वचार कया
है। कुछ के वचार से महाभारत यु से इसका आरंभ
होता है, कुछ के अनुसार कृ ण के नधन से तथा एकाध
के मत से ौपद क मृ यु त थ से क ल का आरंभ माना
जा सकता है। यत: महाभारत यु का कोई सवसंमत
काल न त नह है, अत: इस वषय म अं तम नणय
कर सकना अभी संभव नह है।
इ ह भी दे ख
भूवै ा नक कालगणना
युग (भौ मक )
युग वणन - व भ युग क वशेषताएँ
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