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मिश्रातु - विकिपीडिया
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अनु म
प रचय
वग करण
समा य म ण
ठोस वलयन
अंतराधातुक यौ गक (Intermetallic compound)
इ पात एक म धातु है
मुख म धातुएँ
अलौह म धातुएँ
लोह म धातुएँ
मह वपूण म त धातुएँ एवं उनके संघटक
इ ह भी दे ख
बाहरी क ड़याँ
प रचय
म धातु (Alloy) ापक प म एक ऐसा श द है जसका योग कसी भी धा वक व तु के लये होता है, बशत वह रासाय नक
त व न हो। म धातु बनाने क कला अ त ाचीन है। स य तो यह है क काँसे का मह व एक युग म इतना अ धक था क मानव
स यता के वकास के उस युग का नाम ही 'कां य युग' पड़ गया है। य प शु धातु के कई उपयोगी गुण ह, जैसे ऊ मा और
व ुत् क सुचालकता, तथा प यां क और नमाण संबंधी काय म साधारणतया शु धातुएँ उपयोग म नह लाई जात , य क इनम
आव यक मजबूती नह होती। धातु को अ धक मजबूत बनाने क सबसे मह वपूण व ध धातु म ण (alloying) है। इस
दशा म 19व शता द म ब त अ धक यास आ, उसी का फल है क अनेक उपयोगी काय के लये आज पाँच हजार से भी
अ धक म धातुएँ उपल ध ह और नई म धातुएँ तैयार करने के लये न य नए नए योग कए जा रहे ह। आज कसी वशेष
उपयोग के लये इ छत गुण वाली म धातुएँ बनाई जाती है।
धातुएँ जब कसी सामा य वलयन, जैसे अ ल, म घुलती है तब वे अपने धा वक गुण को छोड़ दे ती ह और साधारणतया लवण
बनाती ह, कतु पघलाने पर जब वे पर पर घुलती ह तब वे अपने धा वक गुण के स हत रहती ह। धातु के ऐसे ठोस वलयन को
म धातु कहते ह। अनेक म धातु म अधातुएँ भी अ प मा ा म होती ह, कतु संपूण का गुण धा वक रहता है। अत: 1939 ई0
म अमरीका व तु परी क प रषद् ने म धातु क न न ल खत प रभाषा क -
म धातु के गलनांक नकालने पर ात आ है क म धातु का वहार दो कार का है: कुछ म धातु का गलनांक जैसे
जैसे कसी अवयव धातु क मा ा बदलती ह वैसे-वैसे बदलता है, यह म ण का गुण है और कुछ म धातु का गलनांक एक थर
ताप होता है, जो कट करता है क म धातुएँ यौ गक ह।
म धातु के भौ तक तथा रासाय नक गुण अपनी अवयव धातु के गुण से भ होते ह और म धातु के गुण कसी भी
कार से अवयव धातु के गुण के मा य नह होते। यह भ ता इस कारण से है क जब धातु को एक साथ पघलाते ह, तब वे
कतने ही अंतराधातुक यौ गक तथा ठोस वलयन बनाती ह। म धातु का घन व अपनी अवयव-धातु के मा य घन व से कम या
अ धक हो सकता है। कुछ म धातु का रंग अपनी अवयव धातु के रंग से ब कुल ही भ होता है। ये अपनी अवयव धातु
से कठोरतर, कतु कम लचीली तथा घातव य और अ धक भंगरु होती ह। म धातु का गलनांक सवदा अ धकतम ताप पर
पघलनेवाली अवयवधातु के गलनांक से भी कम होता है। और ाय: यूनतम ताप पर पघलनेवाली अवयव धातु के गलनांक से भी
कम होता है। उदाहरणाथ, एक म धातु, जसम सीसा (4 भाग), टन (2 भाग), ब मथ (6 भाग) तथा कैड मयम (1 भाग) ह,
75˚स0 पर गलती है, जब क यूनतम ताप पर पघलने वाली अवयव-धातु, टन का गलनांक 232˚ स0 है। ये सब वे गुण ह जनके
कारण म धातुएँ शु धातु से अ धक मू यवान हो जाती ह तथा उ ोग म अ धक उपयोगी स होती ह।
वग करण
ऊपर व णत फल ारा तथा सू मदश , ए स- करण वण म मापी, ऊ मीय तथा रासाय नक व ेषण और सरे भौ तक परी ण
ारा म धात के संगठन तथा टलीय रचना के व तृत अ ययन के प रणाम व प, म धातु को तीन े णय म रखा गया
है। यह वभाजन म धातु म अवयव धातु के परमाणु का समूह कस कार से संग ठत है, उसके आधार पर कया गया है।
ये तीन े णयाँ न न ल खत ह:
समा य म ण
इस कार क म धातु म अवयव धातुएँ जब पघली ई होती ह, तब वे एक सरे म घुली ई रहती ह, कतु ठोस होने पर धातु
के टल अलग-अलग हो जाते ह, अथात् धातुएँ पर पर अ वलेय ह। इस कार म धातु येक अवयव धातु के शु टल का
म ण होती है और ठं डा करने पर कोई एक अवयव धातु ठोस प म पृथक् हो जाती है। उदाहरणाथ, एक तरल म धातु, जसम
मा ानुसार 10 भाग सीसा और 90 भाग टन होते ह, जब ठं डी क जाती है तब शु टन के टल थम उसी कार से पृथक् होते
ह जस कार शु हम के टल चीनी के तनु वलयन म से ठं डा करने पर पृथक् होते ह। जस ताप पर टन के टल पृथक
होना ारंभ करते है, वह ताप शु टन के गलनांक से कम होता है। टन के गलनांक को जब उसम सीसा घुला रहता है, ात कर
सीसे का अणुभार उसी नयम ारा नकालते ह जस नयम से पानी म घुली व त का अणुभार नकालते ह। इस व ध से उन कई
धातु का अणुभार नकाला गया है, जो तनुघा वक वलयन म अलग परमाणु के प म रहती है। सीसा- ट मनी म धातु म ण
ेणी क है। ट मनी भंगरु होता है और सीसा मुलायम। मु ण धातु सीसी, ट मनी और अ यंत कम मा ा म टन क म धातु है।
इस म धातु म ट मनी क कठोरता तो होती है, कतु यह उसक तरह भंगरु नह होती।
ठोस वलयन
इस कार क म धातु म एक अवयव धातु के परमाणु सरी अवयव धातु के टलीय ढाँचे (crystalline lattice) म भली-
भाँ त बैठ जाते ह। ठोस वलयन ेणी क म धातुएँ दो भ कार क होती है:
(क) अंतराकाशी (interstitial) म य ठोस वलयन-इस कार क म धातु म अधातु त व, जैसे हाइ ोजन, काबन,
नाइ ोजन और बोरॉन के लघु परमाणु धातु के टलीय ढाँचे के म य थान म अपना थान बनाते ह। साधारणत: इससे धातु क
रचना म कोई वशेष अंतर नह पड़ता है, केवल उसम थोड़ी सी वकृ त (distortion) आ जाती है। हॉग (Hogg) के अनुसार
अंतराकाशी म य ठोस वलयन तभी बनगे, जब अधातु और धातु के परमाणु के अ ास का अनुपात 0.59 से कम हो।
(ख) त था पत ठोस वलयन वे होते ह, जनम एक त व के परमाणु सरे त व के टलीय ढाँचे म उ ह थान को हण
करते ह जहाँ पर उनके पहले सरे त व के परमाणु थत थे। इस कार क ठोस वलेयता दोन त व के परमाणु के
अ ास सवसम (identical), या लगभग समान ह , तो ठोस वलेयता पूण प से होगी। उदाहरणाथ, ताँबे के परमाणु का
अ ास 12.75 नैनोमीटर तथा नकल के परमाणु का अ ास 12.43 नैनोमीटर का होता है, अत: इनक म धातु म ठोस
वलेयता पूण प से होगी। अगर अ ास म अ धक अंतर हो, जैसे टन और सीसे के परमाणु का अ ास मश: 15.0
नैनोमीटर तथा 17.46 नैनोमीटर है, तो केवल सी मत ठोस वलेयता होगी। अगर दोन धातु के ऋण व ुती अंतर
(electronegative difference) म कमी हो, तो इस कार क ठोस वलेयता और भी अ छ तरह से होगी।
ताँबा- नकल क अनेक म धातुएँ जनका मह वपूण उपयोग है, ठोस वलयन क ेणी म आती ह। उदाहरणाथ, वे म धातुएँ
जनसे नकल के स के, राइफल क गो लय क टो पयाँ और एक तार जसका वै ुत तरोध अ धक होता है, बनता है। कनाडा के
ब त से ख नज म ताँबा और नकल के स फाइड होते ह, जनको गलाने से एक म धातु मलती है। इसम नकल और ताँबा
मश: 67 और 28 तशत तथा शेष पाँच तशत म लोहा और मगनीज़ होते ह। इस म धातु को मोनेल (Monel) धातु कहते
ह। यह अ धक त य, लचीली तथा सं ारण तरोधक होती है।
अनेक अंतराधातुक यौ गक ब त थायी होते ह और अपने गलनांक से अ धक ताप पर गरम करने से भी अपनी अवयव धातु म
वघ टत नह होते। ये यौ गक तरल अमो नया म घुलते ह और इस कार से जो वलयन तैयार होता है, वह वै ुत् चालक होता है।
जब इनका वै ुत अपघटन कया जाता है, तब एक अवयव धातु, जो सरी क अपे ा यून धन व ुती (electropositive) होती
है, धना पर जमती है और सरी ऋणा पर। अंतराधातुक यौ गक य बनाता है, इसक अभी तक सै ां तक ा या नह ई।
केवल इतना ही तपा दत हो पाया है क वे धातुए,ँ जनके गुण एक से ह, एक सरे के साथ संयोग नह करती ह। चूँ क इस कार
क म धातुएँ कठोर, भंगरु , ब त ही कम त यशील तथा लचीली होती ह, अत: इनम से केवल कुछ ही उपयोगी ह।
मुख म धातुएँ
सब म धातु को साधारणतया लौह तथा अलौह म धातु म वभा जत कया गया है। जब म धातु म लोहा आधार धातु
रहता है, तब वह लौह तथा जब आधार धातु कोई अ य धातु होती है, तब वह अलौह म धातु कहलाती है।
अलौह म धातुएँ
कुछ मु य अलौह म धातुएँ न न ल खत ह:
(2) ऐ यु म नयम-कांसा - इसम ताँबा 99-89 तथा ऐ यु म नयम 1-11 तशत तक होता है। यह अ त कठोर तथा सं ारण
अवरोधक होता है। इसके बरतन बनाए जाते ह।
(3) ब बट (Babit) धातु - इसम टन, ट मनी तथा ताँबा क तशत मा ा मश: 89, 7.3 तथा 3.7 होती है। इसका मु य
उपयोग बॉल बय रग बनाने म होता है।
(4) घंटा धातु (Bell metal) - इसम ताँबा और टन क तशत मा ा मश: 75-80 और 25-20 तक होती है। इससे घंटे आ द
बनाए जाते ह।
(5) पीतल - इसम ताँबा 73-66 तथा ज ता 27-34 तशत तक होता है। इसका उपयोग चादर, नली तथा बरतन बनाने म होता है।
(6) काब लाय (Carboloy) - यह टं टन काबाइड तथा कोब ट क म धातु है। इससे रगड़ने और काटने वाले यं बनाए जाते
ह।
(7) कॉ टटे न (Constantan) - इसम तांबा 60-45, नकल 40-55, मैगनीज 0-1.4, काबन 0.1 तशत तथा शेष लोहा होता
है। इसका उपयोग वै ुत-तापमापक यं तथा ताप वै ुत-यु म (thermocouple) बनाने म होता है, य क यह व ुत् का बल
तरोधक होता है।
(8) डे टा धातु (Delta metal) - इसम ताँबा 56-54, ज ता 40-44, लोहा 0.9-1.3, मगनीज 0.8-1.4 और सीसा 0.4-1.8
तशत तक होता है। यह मृ इ पात के समान मजबूत है, कतु उसक तरह सरलता से जंग खाकर न नह होती। इसका उपयोग
पानी के जहाज बनाने म होता है।
(9) डो धातु (Dow metal) - इसम मै नी शयम 90-96, ऐ यु म नयम 10-4 तशत तक तथा कुछ अंश म मगनीज़ होता है।
इसका उपयोग मोटर तथा वायुयान के कुछ ह स को बनाने म होता है।
(10) जमन सलवर - इसम ताँबा 55, ज ता 25 और नकल 20 तशत होता है। कुछ व तु को बनाने म चाँद के थान पर
इसका उपयोग करते ह, य क इससे बनी व तुएँ चाँद के समान ही होती ह।
(11) ह रत वण (Green gold) - इसम सोना, चाँद और कैड मयम, मश: 75, 11-25 तथा 13-0 तशत तक, होते ह।
इसके आभूषण बनाए जाते ह।
(12) गन मेटल (Gun metal) - इसम ताँबा 95-71, टन 0-11, सीसा 0.-13, ज ता 0-5 तथा लोहा 0-1.4 तशत तक होता
है। इससे बटन, ब ले, था लयाँ तथा दाँतीदार च (gear) बनाए जाते ह।
(13) मै ने लयम (Magnalium) - इसम ऐ यु म नयम 95-70 तशत तथा मै नी शयम 5-30 तशत तक होता है। यह
म धातु ह क होती है। इसका उपयोग व ान संबंधी यं तथा तुलादं ड बनाने म होता है।
(14) नाइ ोम (Nichrome) - इसम नकल 80-54, ो मयम 10-22, लोहा 4.8-27 तशत तक होते ह। ऊँचे ताप पर
इसका सं ारण नह होता तथा इसका वै ुत तरोध अ धक होता है। इसका उपयोग ऊ मक (heater) बनाने म होता है।
(15) पालौ (Palau) - इसम सोना 80 तथा पैले डयम 20 तशत होते ह। मूषा (crucibles) और थाली बनाने म लै टनम के
थान पर इसका उपयोग कया जाता है।
(16) पमलॉय (Permalloy) - इसम नकल 78, लोहा 21, कोब ट 0.4 तशत तथा शेष मैगनीज, ताँबा, काबन, गंधक और
सलीकन होते ह। इससे टे लीफोन के तार बनाए जाते ह।
(17) सो डर (Solder) - इसम सीसा 67 तथा टन 33 तशत होते ह। यह धातु दो धातु को आपस म जोड़ने के काम आती
है।
(18) शॉट धातु (Shot metal) - इसम सीसा 99 तथा आस नक 1 तशत होता है। इससे बं क क गीली तथा छर बनाए जाते
ह।
(19) टन क प ी (Tin foil) - इसम टन 88, सीसा 8, ताँबा 4 और टमनी 0.5 तशत होते ह। यह प ी सगरेट और खा
व तु को सुर त रखने के लये उनके ऊपर लपेट जाती है।
(20) उड क धातु (Wood metal) - यह म धातु सव थम उड ने बनाई थी। इसम ब मथ 50, सीसा 25, टन 13 और
कैड मयम 13 तशत होते ह। इसका गलनांक ब त कम होता है। आग को पानी छड़क कर बुझानेवाले, वचा लत यं म, जो
लग (plug) लगा रहता है वह इस म धातु का बना होता है।
लोह म धातुएँ
आधु नक युग म लौह म धातु का अ धकतम मह व है। इसके अंतगत इ पात और ढलवाँ लोहा (cast iron) तथा पटवाँ लोहा
(wrought iron) लोहा आते ह। जब शु ग लत लोहे को ठं डा करते ह, तब 1,535˚ स0 पर तरल लोहे से टलीय प म इस
कार का लोहा नकलता है। इसको डे टा लोहा (δ-लोहा) कहते ह। यह लोहा सरे कार के टल म 1,404˚ स पर प रव तत
हो जाता है। इसको गामा लोहा (γ-लोहा) कहते ह। यह 900˚स0 के ऊपर थायी रहता है और इस ताप पर ऐ फा लोहा म प रव तत
हो जाता है, जो साधारण ताप पर थायी रहता है। लोहा और काबन का एक यौ गक बनता है, जसम काबन क तशत मा ा 6.67
होती है। इस म धातु को सेमटाइट (Sementite) कहते ह। यह म धातु गामा लोहा (y-लोहा) के साथ ठोस वलयन बनाती है,
जसको ऑ टे नाइट (Austenite) कहते ह। इ पात म काबन क मा ा 0.5 से लेकर 1.5 तशत तक रहती है। जब ग लत इ पात
ठोस होता है, तब ऑ टे नाइट के ठोस वलयन- टल ा त होते ह। ये टल मुलायम होते ह और इनसे च रे, छड़ तथा तार
सरलता से बनाए जाते ह।
मोटर गा ड़य के वकास के साथ साथ वे त व, जनको केवल रसायन ही जानते थे, इ पात के साथ म धातु बनाने के उपयोग म
लाए गए। ये इ पात म धातुएँ मोटर गा ड़य के इं जन के ह से बनाने तथा ये ह से जन यं से बनाए जाते ह, उनको बनाने म
काम आती ह। उदाहरणाथ, मगनीज से इ पात क मजबूती बढ़ती है और यह ऑ सीजन और गंधक को, जो इ पात को बल तथा
भंगरु बना दे ते ह, इ पात म से अलग कर दे ता है। नकल इ पात क मजबूती को बना उसक भंगरु ता बढ़ाए बढ़ा दे ता है। ो मयम
क कम मा ा इ पात को कठोरता दान करती है और इसक अ धक मा ा इ पात को सं ारण से बचाती है। टे नलेस ट ल म
ो मयम होता है। वैने डयम-इ पात (vanadium-steel) आघातसह (shock proof) होता है और मो ल डेनम्-इ पात
(molybdenum-steel) अ धक कठोर तथा ऊ मा अवरोधक होता है। इ पात- म धातुएँ केवल काबन-इ पात से अ धक महँगी
पड़ती ह।
7. टाइप ( टग) मेटल लेड (60 तशत) + एंट मनी (30 तशत)
+ टन (10 तशत)
12. मोनल धातु - तांबा (27 तशत) + न कल (70 तशत) + लोहा (3 तशत)
14. बुड्स धातु - ब मथ (33.5 तशत) + सीसा (33 तशत) + टन (19 तशत) + कैड मयम (14.5 तशत)
इ ह भी दे ख
म धातु क सूची
बाहरी क ड़याँ
Surface alloys (http://www.uni-ulm.de/~hhoster/personal/surface_alloys.html)
यह साम ी ये टव कॉम स ऍ यूशन/शेयर-अलाइक लाइसस के तहत उपल ध है; अ य शत लागू हो सकती ह। व तार से जानकारी हेतु दे ख उपयोग क
शत