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MSD/2021-22/VI/SANSKRIT/PGNO 1 OF 2

नाम-
कक्षा - VI
S
विषय – संस्कृत
सत्र - 2021-22

रामार्ण आदि कवव वाल्मीकक द्वारा ललखा गर्ा संस्कृत का


अनुपम महाकाव्र् है । इसके 24,000 श्लोक हैं। इसे आदिकाव्र् भी कहा जाता है

कार्य पत्रिका -1

धातुरूपम ्

प्र-1 लट् लकार में हस ् धातु के रूप याद कीजिए व ररक्त स्थानों की पर्ू ति कीजिए-
हस ् धातु = हँसना (लट् लकार) ( वतयमान काल)

परु
ु ष एकवचनम ् द्वववचनम ् बहुवचनम ्
प्रथम परु
ु ष सः हसतत तौ हसतः ते हसन्तत
सः/तौ/ते (वह हँसता है ) (वे दो हँसते हैं) (वे सब हँ सते हैं)
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मध्यम पुरुष त्वम ् हससस युवाम ् हसथः यूयम ् हसथ


त्वम ्/युवाम ्/यूयम ् ( तुम हँसते हो) ( तुम दो हँसते हो) ( तुम सब हँसते हो)
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उत्तम पुरुष अहम ् हसासम आवाम ् हसावः वयम ् हसामः


अहम ्/आवाम ्/वयम ् (मैं हँसता हूँ) (हम दो हँसते हैं) ( हम सब हँसते हैं)
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MSD/2021-22/VI/SANSKRIT/PGNO 2 OF 2

ललख ् धातु (लट् लकार) ( वतयमान काल)

पुरुष एकवचनम ् द्वववचनम ् बहुवचनम ्

प्रथम परु
ु ष सिखतत -------------------- -------------------

सः/तौ/ते

मध्र्म पुरुष -------------------- सिखथः -------------------

त्वम ्/युवाम ्/यूयम ्

उत्तम पुरुष ----------------------- ---------------------- सिखामः

अहम ्/आवाम ्/वयम ्

गम ्(गच्छ) धातु (लट् लकार) ( वतयमान काल)

परु
ु ष एकवचनम ् द्वववचनम ् बहुवचनम ्

प्रथम पुरुष गच्छतत -------------------- -------------------

सः/तौ/ते

मध्र्म पुरुष -------------------- ------------------------ गच्छथ

त्वम ्/युवाम ्/यूयम ्

उत्तम परु
ु ष गच्छासम ---------------------- -----------------------

अहम ्/आवाम ्/वयम ्

“सत्र् -सत्र्मेवेश्वरो लोके सत्र्े धमयः सिाश्रितः।सत्र्मल


ू नन सवायणण सत्र्ान्नास्स्त परं पिम ् ॥”
भावाथथ : सत्य ही संसार में ईश्वर है ; धमथ भी सत्य के ही आश्रित है ; सत्य ही समस्त भाव - ववभाव
का मि
ू है ,सत्य से बढ़कर और कुछ नहीं है ।

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