You are on page 1of 5

गुप्त शत्रओ

ु ं से बचाव कैसे करें

आज के परिवेश में हम दे खतेहैं, गुप्त शत्रओ


ु ं द्वारा व्यक्ति भययुक्त हो कर परे शान हो रहा है , उसका
लाभ पाखंडी तांत्रिकों द्वारा लगातार उठाया जा रहा है , शास्त्रोंमें इससे छुटकारे के लिए अनेकों उपाए भी
दिए गए हैं, परन्तउ
ु नकी क्रियाएं जटिलता से भरी होती हैं, जो साधारण व्यक्ति के लिए अत्यन्त कठिन
होती हैं।हमारा सदै व प्रयास रहा है कि सुगमता पूर्वक जिसे आम व्यक्ति कर सके और विपदाओं से
सुरक्षित रहे , माँ की बड़ी कृपा रहती है , वे ही हमें प्रेरणा दे ती है कि व्यक्ति को सुगम मार्ग पर चलना
सिखलाएं।

हमारे एक शिष्य है उनके ऊपर नित्य कुछ न कुछ तांत्रिक प्रयोग विपक्षी गणों द्वारा किया ही जाता रहा
है , अनेकों जपों का अनुष्ठान किया, कुछ दिन सब सामान्य रहता है , पन
ु ः विपक्षी द्वारा तांत्रिक प्रयोग
होता है और वे परे शानी के चक्रव्यूह में उलझ जाते हैं आखीर यह सब कब तक चलता रहे गा।वहीं
हिमांचल से एक साधक ने बताया विलोम शतनाम के पहले दिन दस पाठ किए, दस
ू रे दिन तीस पाठ
किए, चौथे दिन अभिचार करने वाले को इतनी घबराहट हुई कि उसने कहा दे खो यदि कल जीवित रहता
हूँ, तो मिलना होगा।वही सातारा महाराष्ट्र से विशाल ने बतलाया - पहले दिन सौ पाठ किए, दस
ू रे दिन सौ
पाठ कर लेटा था कि ऐसा लगा मेरे हाथ-पैरों को किसी ने बाँध दिया हो, वे हिलडुल भी नहीं पार हे थे,
साथ ही कान में तेज हं सी की आवाज आने लगी, तुरन्त मूलमंत्र का जप कर फूक मारी हाथ पैरों के
बन्धन खुल ही नहीं गए अपितु हं सी की आवाज भी शान्त हो गई।
यह प्रयोग सभी साधक सग
ु मता पर्व
ू क कर सकते हैं।

सर्वप्रथम संकल्प लें -

संकल्प :-अज्ञात शत्रओ
ु ं द्वारा मेरे ऊपर जो अभिचारिक क्रियाएं की जा रही हैं हे माँ! पीताम्बरा उन सभी
का स्तम्भन करने की कृपा करें और मेरे जीवन को मंगलमय बनाने की भी कृपा करें , इसके लिए मैं आप
के बीजमंत्र से संयुक्त, विलोम शतनामका एक हजार पाठ करने का संकल्प ले रहा हूँ (जल गोले पर डाल
दें )
 
ऊँ ह्लीं स्तम्भ रूपा दे व्यैनमः।
ऊँ ह्लीं स्तम्भिनी दे व्यैः नमः।
ऊँ ह्लीं दष्ु टस्तम्भनकारिणी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भक्तप्रिया दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं महाभोग दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं श्रीविद्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं ललिताम्बिका दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं मैनापुत्री दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शिवानन्दा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं मातंग्ङी दे व्यैन मः।
ऊँ ह्लीं भग
ु वेश्वरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं नारसिंही दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं नरे न्द्रा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं नप
ृ ाराध्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं नरोत्तमा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं नागिनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं नागपत्र
ु ी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं नागराजसुता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं उमा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं पीताम्बा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं पीतपुष्पा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं पीतवस्त्रप्रिया दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शुभा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं पीतगंधप्रिया दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं रामा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं पीतरत्नार्चिता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शिवा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं अर्द्धचन्द्रधरीदे वी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं गदामुद्गरधारिणी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं सावित्री दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं त्रिपदा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शुद्धा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं सद्योरागविवर्धिनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं विष्णुरूपा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं जगन्मोहा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं ब्रम्हरूपा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं हरिप्रिया दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं रूद्ररूपा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं रूद्रशक्तिश्चिन्मयी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भक्तवत्सला दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं लोकमाता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शिवा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं सन्ध्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शिवपज
ू नतत्परा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं धनाध्यक्षा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं धनेशी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं धर्मदा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं धनदा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं धना दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं चण्डदर्पहरीदे वी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शुम्भासुर-निवर्हिणी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं ब्रम्हानन्दप्रदायिनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं माताश्रीबगलामुखी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं चिच्छक्तिर्ज्ञानरूपा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं ब्रम्हानन्दप्रादायिनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं महाविद्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं महालक्ष्मी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं श्रीमती त्रिपुरसुन्दरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भुवनेशी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं जगन्माता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं पार्वती दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं सर्वमंङगला दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं ललिता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भैरवी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शान्ता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं अन्नपूर्णा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं कुलेश्वरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं वाराही दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं छिन्नमस्ता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं तारा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं काली दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं सरस्वती दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं जगत्पूज्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं महामाया दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं कामेशी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भगमालिनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं दक्षपत्र
ु ी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शिवांकस्था दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शिवरूपा दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं शिवप्रिया दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं सर्वसम्पतकरीदे वी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं सर्वलोकवंशकरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं वेदविद्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं महापूज्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भक्ताद्वेषीभयंकरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं राजराजेश्वरीदे वी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं महिषासरु -मर्दिनीदे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं मधुकैटभहन्त्री दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं रक्तबीज-विनाशिनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं धम्र
ू ाक्षदै त्यहन्त्री दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भण्डासुरविनासीनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं रे णुपुत्री दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं महामाया दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भ्रामरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भ्रमराम्बिका दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं ज्वालामुखी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भद्रकाली दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं बगलाशत्रन
ु ाशिनी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं इन्द्राणी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं इन्द्रपूज्या दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं गह्
ु य माता दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं गुणेश्वरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं ब्रजपाशधरादे वी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं जिह्वामद्
ु गरधारिणी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं भक्तानंदकरीदे वी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं बगला दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं परमेश्वरी दे व्यै नमः।
ऊँ ह्लीं दे व्यै नमः।

यह एक पाठ हुआ, एक हजार पाठ के उपरान्त, दस पाठ से हवन कर दें , फिर दे खें माँ का चमत्कार, विपक्षी
लोगों पर माँ का चक्र तीव्र गति से चलता है कि उन्हें रोते नहीं बनता।

हवनसामग्री :- मल
ू मंत्र वाली होगी।

You might also like