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QUESTION 1 :-
प रचय
एक टै िफक जाम ा है ?
● म टै िफक जाम के िलए अ िधक जनसँ ा को दोषी ठहरा सकता ं । बढ़ती आबादी भी
िदन- ितिदन नई कारों को खरीद कर रही है ; आजकल सड़क पर ज रत से ादा कार ह।
हमारे पास भूिम, जल, आिद जैसे ाकृितक संसाधनों की एक सीिमत मा ा है । यातायात के मु ों
को दू र करने के िलए हम बड़े शहरों म नई सड़क नहीं बना सकते ह और प रणाम प, हम
इस कार के जाम का सामना करना पड़ता ह।
● दू सरी वजह है हमारी सड़क; वे कई े ों म ब त ापक नहीं ह जो टै िफक जाम की वजह बनती
ह।
● तीसरा कारण है खराब डाइिवंग आदत, आमतौर पर लोग भारत म यातायात िनयमों का पालन
नहीं करते ह और वे ादातर शॉटकट का िवक चुनने की कोिशश करते ह। नतीजतन, यह
टै िफक जाम का कारण बनता है ।
िन ष
QUESTION 2 :-
सेवा म,
संपादक महोदय जी,
दै िनक जागरण,
नई िद ी - 110065,
महोदय,
बड़े खेद के साथ म यह िशकायती प आपको िलख रहा ँ और आशा करता ँ िक इसकी उपयोिगता को
समझते ए आप ही से अपने प म थान दगे।
आजकल हमारा जनकपुरी े चोरी, बला ार, अपराध, उठाई िगरी, आिद का क बनता जा रहा है ।
जैसे-जैसे े म िवकास और गित हो रही है वैसे वैसे ही े म लूटपाट चोरी डकैती आज ही जैसे
अपराधों म भी वृ हो रही है । िपछले ही ह े े म िदनदहाड़े 2 कारे चोरी ई और पुिलस म िशकायत
दज कराने के बावजूद भी अभी तक कारों का कुछ पता नहीं है । और बीते 2 िदन पहले ही एक मिहला के
गले से सोने की चेन पर दो बाइक सवारों झप ा मार िलया। इसके भी अपराधी अभी तक पकड़ म नहीं
आ पाएं है ।
हम े वासी भी पुिलस म कई बार िशकायत दज करवा चुके ह लेिकन सरकारी अफसरों केसर पर जूं
तक ना रगी।
ध वाद
भवदीय
राजेश कुमार
QUESTION 3 :-
A :-
किव कहता है िक दे श म अनेक सं थाएँ ह जो नाग रकों के क ाण के िलए काम करती ह। किव उ
‘दर ’ की सं ा दे ता है । इन दर ों के नीचे छाया िमलने की बजाय धूप िमलती है अथात् ये सं थाएँ ही
आम आदमी का शोषण करने लगी ह। चारों तरफ ाचार फैला आ है । किव इन सभी व थाओं से दू र
रहकर अपना जीवन िबताना चाहता है । ऐसे म आम को िनराशा होती है ।
B :-
किव आम के िवषय म बताता है िक ये लोग गरीबी व शोिषत जीवन को जीने पर मजबूर ह। यिद ।
इनके पास व भी न हों तो ये पैरों को मोड़कर अपने पेट को ढँ क लगे। उनम िवरोध करने का भाव समा
हो चुका है ।
C:-
माटी का रं ग श ों का योग करके कविय ी ने संथाल लोगों की ओर इशारा िकया है । इसके मा म से
कविय ी अपनी सं ृ ित को बचाने का यास करती है ।
QUESTION 4 :-
A :-
भारत की चचा नेह जी दे श के कोने-कोने म आयोिजत जलसों म जाकर करते थे। वे िकसानों की सभा
म भारत की चचा अव करते थे। वे िकसानों के अपने गाँ व तक सीिमत ि कोण को िवकिसत करना
चाहते थे
B:-
आज़ादी से पूव िकसानों को िन िल खत सम ाओं का सामना करना पड़ता था –
• गरीबी और कजदारी।
• पूँजीपितयों, जमीदारों तथा महाजनों ारा ादा कज लेने की और लूटने की सम ा।
• पुिलस के अ ाचार।
• लगान की सम ा।
C:-
QUESTION 4 :-
A:-
B:-
तातुश के संपक म आने से पहले बेबी कई घरों म काम कर चुकी थी। उसका जीवन क ों से भरा था।
तातुश के प रवार म आने के बाद उसे आवास, िव , भोजन आिद सम ाओं से राहत िमली। यहाँ उसके
ब ों का पालन-पोषण ठीक ढं ग से होने लगा। यिद उसकी िजंदगी म तातुश का प रवार न आया होता तो
उसका जीवन अंधकारमय होता। उसे गंदी ब ी म रहने के िलए िववश होना पड़ता। उसके ब ों को िश ा
शायद नसीब ही नहीं होती, ोंिक उसके पास आय के ोत सीिमत होते। ब े या तो आवारा बन जाते या
बाल मजदू र बनते। अकेली औरत होने के कारण उसे समाज के लोगों के मा अ ील वहार का ही
सामना नहीं करना पड़ता, अिपतु उसे अवारा लोगों के शोषण का िशकार भी होना पड़ सकता था। बड़ा
लड़का तो शायद ही उसे िमल पाता। उसके िपता भी उसे याद नहीं करते और माँ की मृ ु का समाचार भी
नहीं िमलता। इस तरह बेबी का जीवन चुनौतीपूण तथा अंधकारमय होता।