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नाड़ी कु छ नियम

 शनि यदि सूर्य से आगे हो तो सरकारी काम में होगा


 शनि से दशम भाव में वृश्चिक राशि हो और कोई ग्रह नहीं है तो व्यक्ति का काम लोहे या स्टील या मशीन से संबंधित होगा
 शनि से दशम भाव में मंगल हो तो जातक का कार्य लोहा, स्टील या मशीन से संबंधित होगा
 शनि के दशम भाव में सूर्य है तो व्यक्ति सरकारी सेवा में होगा
 शनि से आगे वाले भाव में गुरु की दृष्टी में आता है तो व्यक्ति शिक्षा से संबंधित कार्य करेगा
 शनि में कुं डली में दूसरे चक्र में 6 हाउस में आता है( नेटल चार्ट के गुरु से 6 भाव में ) तो नाम, यश एवं कृ ति खो देता है
 2 राउंड में जब शनि शुक्र को छू ता है तो व्यक्ति नया काम एवं धंधा करता है
 जब भी सूर्य के ऊपर से जाएगा शनि तो आदमी को प्रमोशन मिलता है
 जब शनि और मंगल साथ हो और गुरु की दृष्टि नहीं हो तो दिक्कत आती है और मेहनत करनी पड़ती है. 36 साल के बाद ही राहत आती है. व्यक्ति मशीन से संबंधित
कार्य करता है.
 शनि मकर राशि में हो और इसके आगे यानी कु म्भ में शुक्र हो तो व्यक्ति महंगा जूस एवं शराब का धंधा करता है
 शनि सूर्य एवं मंगल के साथ एक ही राशि में या त्रिकोण में हैं और इसपर गुरु की दृष्टि नहीं हो तो व्यक्ति मशीनों से संबंधित कार्य करेगा
 अगर शनि बुध के साथ या बुध की राशि में है तो व्यक्ति व्यापारी होता है. किसी के अन्दर कार्य नहीं करता है.
 शनि के दूसरे घर या उससे आगे राहू है तो उसे कम सैलरी मिलती है( डीग्री या भाव में आगे हो)
 शनि अगर के तु के साथ है तो मशीन का काम करेगा. जॉब छु टेगा एक बार
 शनि के आगे सूर्य, शुक्र या बुध( या तो डिग्री या घर) उसका शानदार कारोबार होता है
 शनि के आगे बुध मिला तो व्यापार मिलेगा. इसके आगे शुक्र मिलेगा तो धन मिलेगा और उसके आगे मंगल हो तो साहस होता है. ऐसा व्यक्ति ब्याज भी देने का काम
करता है
 शनि से 7 घर में सूर्य एवं बुध साथ हो तो पैसे वाले कं पनी में काम करता है
 अगर शनि से तीसरा मंगल हो और चौथा के तु हो आदमी को बहुत दिक्कत होगी और एनर्जी भी वेस्ट होती है. बहुत मेहनत करनी होती है. पूरा जीवन
 अगर शनि से 7 मंगल हो तो व्यक्ति को लो पेड जॉब मिलती है.बहुत मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन इसमें गुरु की दृष्टि नहीं होना चाहिए
 शनि के आगे के तु यानी घर या डीग्री हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन के शुरुआत में बहुत दिक्कत होती है. पहला नौकरी छु ट जाता है. आदमी ज्योतिष भी बनता है.
 यदि गोचर का शनि सबसे पहले गुरु को छू ता हो सबसे पहले गुरु मिलता है तो वह शिक्षा से संबंधित कार्य करेगा
 गोचर में यदि शनि को सबसे पहले राहू मिलता है और उसके बाद गुरु मिलता है तो ऐसे व्यक्ति को शुरुआत में संघर्ष होता है एवं इसके बाद ही सफलता मिलता है.

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