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The Universe - Hindi - pdf-88
The Universe - Hindi - pdf-88
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ब्रह्माण्ड
• ब्रह्माण्ड अंतरिक्ष औि समय औि उनसे बनी भौततक संिचनाओं जैसे ग्रह, तािे , आकाशगंगा
औि पदार्थ तर्ा ऊजाथ के अन्य रूपों में विद्यमान है ।
• ब्रह्माण्ड का उद्भव: ब्रह्माण्ड की उत्पवि औि विकास को समझाने के लिए तीन मख्
ु य
लसद््ांत सामने िखे गए हैं: -
• बिग िैंग थ्योरी: सन ् 1916 में आइंस्टीन ने सामान्य सापेक्षता का लसद््ांत ददया, इसके
सार् ही उन्होंने ब्रह्माण्ड के एक सैद््ांततक मॉडि भी प्रस्तत
ु ककया जजसके अनस
ु ाि
ब्रह्माण्ड विस्ताि नहीं कि िहा र्ा।
• सन ् 1922 में रूसी खगोिविज्ञानी अिेक्जेंडि फ्राइडमैन ने फ्राइडमैन समीकिण की खोज
की, जोकक आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता लसद््ांतों पि आ्ारित र्ी: इसमें आइंस्टीन की
अि्ािणा के विपिीत ब्रह्माण्ड के तनिं ति फैिने का समर्थन ककया गया।
फ्राइडमैन के काम से ही पता चिा कक ब्रह्माण्ड का विस्ताि हो िहा र्ा।
• सन ् 1924 में, एडविन हब्बि ने तनकटतम सवपथिाकाि नेबि
ु ा के लिए महान दिू ी की नाप
की जजससे पता चिा कक ये तंत्र िास्ति में अन्य आकाशगंगाएं र्ीं।
• सन ् 1927 में , बेजजजयम के भौततक विज्ञानी औि िोमन कैर्ोलिक पादिी जाजथ िीमेत्रे ने
स्ितंत्र रूप से फ्रीडमैन समीकिणों के समान परिणाम तनकािे औि प्रस्तावित ककया कक
ब्रह्माण्ड के विस्ताि के कािण अनम
ु ातनत मंदी आकाशगंगाएं र्ीं।
• सन ् 1929 में , हब्बि ने दिू ी औि डेक्यज
ू ेशन िेग के बीच एक संब्
ं की खोज की,
जजसे हबि तनयम के नाम से जाना जाता है ।
• सन ् 1931 में , जॉजेस लिमेट्री ने सझ
ु ाि ददया कक ब्रह्माण्ड के ितथमान विस्ताि का अर्थ है
कक कािातीत में एक समय ऐसा होगा जब इसका प्रसाि ककसी छोटे बबंद ु से हुआ हो।
उन्होंने तकथ ददया, ककसी ब्रह्माण्ड का संपण
ू थ द्रव्यमान ककसी एक एकि बबंद ु पि केंदद्रत
होगा, जहां से अंतरिक्ष औि समय के बहुत सघन जाि की उत्पवि हुई।
• सन ् 1949 में , फ्रेड हॉयि ने लिमेट्री अि्ािणा के लिए "बबग बैंग" शब्द ददया।
• सन ् 1965 में : कॉजस्मक माइक्रोिेि बैकग्राउं ड िे डडएशन (M.B.R) की खोज औि इसकी पजु टट
ने व्यािहारिक रूप से बबग बैंग लसद््ांत का समर्थन ककया।
• सन ् 1981 में, भौततकविज्ञानी एिन बार् ने तेजी से ब्रह्माण्डीय विस्ताि की अिध् को
प्रततपाददत ककया जजसने अन्य सैद््ांततक समस्याओं को दिू ककया।
• सन ् 1990 में , डाकथ एनजी की खोज ने बबग बैंग लसद््ांत के कई सिािों को हि ककया।
• कुछ अन्य प्रयोगों ने भी बबग बैंग लसद््ांत का समर्थन ककया।
(1) कॉजस्मक बैकग्राउं ड एक्सप्िोिि (COBE)
(2) हबि स्पेस टे िीस्कोप
(3) विजजकन्सन माइक्रोिेि एतनसोट्रॉपी प्रोब (WMAP)
(4) प्िैंक ऑबजििेटिी
(5) िाजथ हे ड्रॉन कोिाइडि प्रयोग (LHC)
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• 1940 के दशक में हमथन बांडी, र्ॉमस गोजड औि सि फ्रेड हॉयि ने जस्र्ि िाज्य लसद््ांत
विकलसत ककया र्ा।
• इस लसद््ांत के अनस
ु ाि, हािांकक ब्रह्माण्ड का विस्ताि हो िहा है , िेककन यह हमेशा संतलु ित
िहता है । ब्रह्माण्ड के विस्ताि के कािण घनत्ि में कमी को संतलु ित किने के लिए नए
पदार्थ का तनमाथण हुआ है (पिु ानी आकाशगंगाओं की जगह नई आकाशगंगाएं)।
पल्िेट ग
ां थ्योरी
• इस लसद््ांत के अनस
ु ाि ब्रह्माण्ड एकांति रूप में विस्ताि औि संकुचन का अनस
ु िण किता है
अर्ाथत स्पंददत होता है । इसमें कहा गया है कक ब्रह्माण्ड के एक तनजचचत आकाि में लसकुडने
के बाद, विस्फोट होगा औि ब्रह्माण्ड का विस्ताि होना शरू
ु हो जाएगा।
नोट: ब्रह्माण्ड का विस्ताि गरु
ु त्िाकर्थण खखंचाि द्िािा हो सकता है औि िे कफि से लसकुड
सकते हैं।
महत्वपर्
ू ण बिांद ु
आकाशगांगा
• आकाशगंगा गैस, ्ूि औि अिबों लसतािों औि उनके सौि तंत्रों का एक विशाि संग्रह है ।
• आकाशगंगा गरु
ु त्िाकर्थण बि से जुडी िहती है ।
2. सवपथिाकाि: िे आकाश में विशािकाय वपनव्हीजस की तिह ददखते हैं। ये मध्यम आयु की आकाशगंगाएं
हैं।
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3. अण्डाकाि: िे सपाट गें दों की तिह ददखते हैं। ये पिु ानी आकाशगंगा हैं।
5. सैटेिाइट गैिक्
े सी: ये कम विशाि आकाशगंगाएँ हैं। इन आकाशगंगाओं में एक साफ सवपथि आकाि
का अभाि है , क्योंकक अन्य आकाशगंगाएं इसे खींच िही हैं औि इसे विकृत कि िही हैं। इसे बौनी
आकाशगंगाओं के रूप में भी जाना जाता है ।
1. आकाशगंगा शब्द ग्रीक शब्द galaxias से लिया गया है जजसका शाजब्दक अर्थ दधू ्या होता है ।
2. ज्यादाति आकाशगंगाओं का व्यास 1,000 औि 10,000 पािसेक के बीच होता है ।
(पािसेक िंबाई की एक खगोिीय इकाई है । संख्या को परिप्रेक्ष्य में िखने के लिए एक पािसेक
िगभग 31 दट्रलियन ककिोमीटि या 19 दट्रलियन मीि के बिाबि है ।)
3. दे खे जा सकने िािे ब्रह्माण्ड में दो दट्रलियन से अध्क आकाशगंगाएँ हैं।
4. 25 हजाि से अध्क आकाशगंगाओं को सच
ू ीबद्् ककया गया है , िेककन केिि कुछ को अच्छी
तिह से स्र्ावपत नाम ददया गया है ।
जैसे: (1) C.R. – 7 : बबग बैंग के बाद बनने िािी पहिी आकाशगंगा।
1. लमजकीिे: यह गैिीलियो द्िािा ददया गया हमािी आकाशगंगा का नाम है । यह सवपथिकाि
है । हमािा सौि मंडि इसके मध्य घम
ू ने िािी भज
ु ाओं में जस्र्त है जजसे ऐिाित पर् के
नाम से जाना जाता है ।
2. एंड्रोमेडा: यह लमजकीिे से तनकटतम आकाशगंगा है । यह सवपथिाकाि है ।
ननहाररका (Nebula)
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क्वािर
• क्िासी-स्टे िि िे डडयो स्रोतों या क्िासि को 1960 में एिन स्टैंडज
े द्िािा खोजा गया र्ा। क्िासि
सबसे उज्ज्िि औि सबसे दिू की ज्ञात खगोिीय िस्तओ
ु ं में से हैं औि प्रािं लभक ब्रह्माण्ड को
समझने में महत्िपण
ू थ हैं। क्िासि केिि सप
ु िमैलसि ब्िैक होजस िािी आकाशगंगाओं में िहते
हैं।
ब्लैक होल्ि
• इसके बहुत किीब जाने िािा कुछ भी सैद््ांततक प्रकक्रया में पोटीन की तिह बढाया औि
संपीडडत हो जाएगा जजसे स्पघेटीकिण के रूप में जाना जाता है ।
• चाि प्रकाि के ब्िैक होि हैं
1. तािकीय
2. मध्यम
3. बहुत बडे
4. छोटे
नक्षत्र
● हाइड्रा क्षेत्रफि की दृजटट से सबसे बडा तािामण्डि है तर्ा तािों की संख्या (68 तािे ) के आ्ाि पि
यह सबसे छोटा तािामण्डि है ।
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तारामांडल
ध्रव
ु तारा
उििी गोिा्थ में इसे उिि तािे के रूप में भी जाना जाता है । यह सबसे चमकीिा तािा है जो ककसी
विशेर् समय में या तो खगोिीय के सबसे नजदीक ददखाई दे ता है ।
तारे
• पथ्
ृ िी का तनकटतम तािा सूयथ है ।
• प्रोजक्समा सेंचुिी सूयथ का तनकटतम तािा है ।
• तािे के िं ग का संबं् उसके तापमान से है ।
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ककसी तािे का जीिन चक्र उसके द्रव्यमान पि तनभथि किता है । तािे का द्रव्यमान जजतना अध्क
होगा, उसका जीिन चक्र उतना ही कम होगा।
▪ आजण्िक तािा : तािे का जन्म ठं डी आजण्िक गैसों के बडे बादिों के रूप में शरू
ु होता है । गैस
मेघ आकाशगंगा में िाखों िर्ों तक तैि सकती हैं, िेककन ककसी घटना के घदटत होने पि यह
अपने गरु
ु त्िाकर्थण के कािण संकुधचत होना शरू
ु हो जाती है । उदाहिण के लिए: जब आकाशगंगाएं
आपस में टकिाती हैं, तो ठं डी गैसों को आपस में संकुधचत होने के लिए आिचयक बि लमिता
है । जब ये संकुधचत होती हैं, इंटिस्टे िि मेघ छोटे -छोटे टुकडों में टूटने होने िगते हैं, औि कफि
ये प्रत्येक टुकडा अंदि की ओि संकुधचत होता है । कफि ये प्रत्येक टुकडा एक तािा बन जाता है ।
▪ प्रोटोस्टाि: जैस-े 2 नक्षत्रीय पदार्थ अंदि ही अंदि सघन होता जाता है , यह गमथ हो जाता है , औि
गरु
ु त्िाकर्थण बि के कािण औि अध्क संकुधचत हो जाता है । इस बबंद ु पि तािे के प्रोटोस्टाि
कहा जाता है ।
▪ टाउिी स्टाि: टाउिी तािे का तनमाथण के समय प्रोटोस्टाि में संकुचन की प्रकक्रया र्म जाती है
औि यह अत्यध्क मात्रा में ऊजाथ तनटकालसत किता है । यह अिस्र्ा िगभग 100 लमलियन
िर्ों तक बनी िहती है ।
▪ मख्
ु य अनक्र
ु म : इसकी शरु
ु आत तब होती है जब तािे का तापमान उस बबंद ु पि पहुंच जाता है
जब इसका केन्द्र संियन की प्रकक्रया शरु
ु कि दे ता है (एक्जोर्लमथक अलभकक्रया)
▪ िाि तािा: जब तािे के केन्द्र में हाइड्रोजन ईं्न समाप्त हो जाता है , इसकी आंतरिक नालभकीय
अलभकक्रया र्म जाती है । अब तािा गरु
ु त्िाकर्थण के कािण अंदि की ओि लसकुडने िगता है ।
▪ तािे के केन्द्र का तापमान औि दबाि अंततः ऐसे बबंद ु पि पहुंच जाता है कक हीलियम काबथन
के सार् संितयत हो सकता है औि इस जस्र्तत को िाि तािा या बौना तािा कहा जाता है ।
▪ सफेद तािा : तािा अंतरिक्ष में अपनी बाहिी पतथ को छोड दे ता है औि कफि अंततः लसकुडकि
सफेद तािे में बदि जात है ।
▪ सप
ु िनोिा: यह अध्क द्रव्यमान िािा एक मिता तािा है जोकक एक भयंकि विस्फोट के बाद
अपने जीिन को समाप्त किता है ।
▪ न्यट्र
ू ॉन तािा : यह अत्यध्क छोटा केन्द्र है जो सप
ु िनोिा विस्फोट के बाद बचता है ।
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िौर मांडल
• सौिमंडि में सय
ू ,थ हजके ग्रह औि उनके उपग्रह, बौने ग्रह, छुद्र ग्रह, ्म
ू केतु औि पथ्
ृ िी के
समीप वपण्ड शालमि हैं।
• सौिमंडि का जन्म : इसे समझाने के लिए कई अि्ािणाएं प्रततपाददत की गई हैं:
• तनहारिक अि्ािणा: यह लसद््ांत इमैनय
ु ि कांत ने सन ् 1734 में ददया र्ा।
• इसका बाद में विकास स्िीडेन बर्गसथ ने 1755 में ककया र्ा।
• सन ् 1796 में , वपयि लसमोन िाप्िास ने भी इसी प्रकाि का मॉडि प्रस्तत
ु ककया।
• इस लसद््ांत के अनस
ु ाि, “गैसीय तनहारिका ्ीिे -2 घम
ू ती हैं, औि अंततः फट जाती हैं औि
गरु
ु त्िाकर्थण के कािण सपाट होकि तािों औि ग्रहों का तनमाथण किती हैं।
• ग्रहों में 99% कोणीय संिग
े होता है , इस तथ्य को तनहारिका मॉडि द्िािा नहीं समझाया जा
सका।
1. ग्रहसदृचय लसद््ांत : इस लसद््ांत को र्ॉमस लसमोन िाप्िास औि फॉिे स्ट मॉजट ने सन ्
1911 में िखा।
2. ज्िािीय ग्रह लसद््ांत : इस लसद््ांत को जीन्स ने सन ् 1917 में ददया।
3. अलभिद्
ृ ध् मॉडि : इस मॉडि को 1944 में ओटो जस्मट ने ददया र्ा।
4. प्रोटो प्िैनेट लसद््ांत : यह लसद््ांत विलियम मैकरिया ने सन ् 1960 में ददया र्ा।
5. कैप्चि लसद््ांत : यह लसद््ांत माइकि िोजफसन ने सन ् 1969 में ददया र्ा।
6. आ्तु नक लसद््ांत : यह एंड्रू प्रेदटंस द्िािा सन ् 1978 में ददया गया र्ा। इस लसद््ांत के
अनस
ु ाि,
a) नक्षत्रीय गैस के मेघ अर्िा ्ूि (सौयथ तनहारिका) विचलित हो जाती है औि स्ियं के गरु
ु त्िाकर्थण
के कािण संकुधचत होने िगती है । यह विक्षोभ ककसी तनकटिती सप
ु िनोिा से शॉक िेि जैसी
िगती है ।
b) मेघ के लसकुडने पि, यह गमथ हो जाती है औि केन्द्र में संकुधचत हो जाती है । इसके गमथ होने
से ्ूि िाटपीकृत हो जाती है । प्रािं लभक विनाश में 100,000 साि से कम का समय िगता है ।
c) केन्द्र संकुधचत होकि प्रोटोस्टाि में बदि जाता है औि शेर् गैसें इसके चािों ओि परिक्रमण
किती हैं। अध्कति गैसें इसके चािों ओि गतत किती हैं। अंदि की ओि गतत किने िािी गैस
तनमाथणकािी तािे के द्रव्यमान में जुडती है िेककन गैस अभी भी घम
ू िही होती है । अलभकेन्द्रीय
बि कुछ गैसों को तनमाथणकािी तािे के केन्द्र में जाने से िोकता है । इसके बजाय, यह तािे के
चािों ओि अलभिद्
ृ ध् डडस्क का तनमाथण किता है ।
d) प्रोटोस्टाि की परिक्रमा किने िािी गैस अजस्र्ि हो सकती है औि अपने गरु
ु त्िाकर्थण के कािण
अंदि धगिना शरु
ु कि सकती है । यह प्रायः द्वि तािे को जन्म दे ती है ।
डडस्क अपनी ऊजाथ मक्
ु त कि दे ती है औि ठं डी होना शरु
ु हो जाती है ।
e) यदद ऐसा नहीं होता है , गैस ्ातओ
ु ं, चट्टानों, औि बफथ के छोटे कणों के रूप में संघतनत होने
के लिए पयाथप्त रूप से ठं डी हो जाती है ।
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िय
ू ण (Sun)
• हमािा सय
ू थ एक सामान्य मख्
ु य क्रम G-2 पीिा बौना तािा है , जो चमकती हुई गैसों की एक गमथ
गें द है औि हमािी आकाशगंगा में 100 बबलियन से अध्क लसतािों में से एक है ।
• इसका गरु
ु त्िाकर्थण पिू े सौि मंडि को, जो सबसे बडे ग्रहों से िेकि मिबे के सबसे छोटे कणों
तक सभी को कुछ अपनी कक्षा में िखता है ।
• व्यास - 13,90,000 ककमी
• द्रव्यमान- 1.989e30 ककग्रा
• तापमान - 5800 K (सतह) 15,600,000 K (कोि)
• सय
ू थ का कई पौिाखणक कर्ाओं में िणथन ककया गया है , यन
ू ातनयों ने इसे हे लियोस कहा औि िोम
ने इसे सोि कहा।
• सौि मंडि में कुि द्रव्यमान का 99.8% से अध्क सय
ू थ में होता है ।
• सय
ू थ मख्
ु य रूप से हाइड्रोजन (H) (70%), हीलियम (He) (28%) से लमिकि बनता है , जजसमें
काबथन, ऑक्सीजन, िोहा, तनयोन औि अन्य तत्ि कम मात्रा में होते हैं।
• सय
ू थ की बाहिी पितें विभेदक घण
ू न
थ प्रदलशथत किती हैं → भम
ू ध्य िे खा पि सतह हि 25.4 ददनों
में एक बाि घम
ू ती है - औि ध्रुि के पास यह 36 ददनों के बिाबि है । यह विर्म व्यिहाि इसकी
गैसीय संिचना के कािण है ।
• सय
ू थ की कोि अपनी बत्रज्या के िगभग 25% भाग को घेिे िखती है । कोि के केंद्र में सय
ू थ का
घनत्ि पानी के 150 गन
ु ा से अध्क है ।
• सय
ू थ की शजक्त पिमाणु संियन अलभकक्रया द्िािा पैदा होती है । प्रत्येक दस
ू िे सेकण्ड 70 लमलियन
टन से अध्क हाइड्रोजन इस प्रकक्रया से गज
ु िती है औि गामा विककिण के रूप में ऊजाथ का
उत्पादन किती है ।
• सय
ू थ की सतह को फोटोस्फेयि (प्रकाशमंडि) (5800 k) कहा जाता है ।
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• सय
ू थ ्ब्बे ठं डे क्षेत्र हैं (3800 k)
• क्रोमोस्फीयि (िणथमड
ं ि) के रूप में जाना जाने िािा एक छोटा क्षेत्र प्रकाशमंडि के बाहि जस्र्त
है ।
• पण
ू थ सय
ू थ ग्रहण के दौिान क्रोमोस्फीयि के ऊपि ददखाई दे ने िािे अत्यंत दि
ु भ
थ क्षेत्र को कोिोना
कहते हैं।
• सय
ू थ के सबसे बाहिी भाग को कोिोना क्षेत्र के रूप में जाना जाता है ।
• प्िट
ू ो से बाहि सिू ज का मैर्गनेटोस्फीयि / हे लियोस्फीयि (चंब
ु कीय क्षेत्र क्षेत्र) अच्छी तिह से
फैिा हुआ है ।
• सय
ू थ इिेक्ट्रॉन, प्रोटॉन जैसे आिेलशत कणों की तनम्न घनत्ि तिं ग भी उत्सजजथत किता है जजसे
सौि पिन कहते हैं जोकक पिू े सौि मंडि में फैिती है । सौि चक्र के न्यन
ू तम होने के दौिान,
ध्रि
ु ीय भाग से तनकिने िािी सौि पिने िगभग दोगन
ु ी हो जाती हैं। अध्कतम सौि के दौिान,
सौि पिनें सामान्य गतत से प्रिादहत होती हैं।
• सय
ू थ की आयु 6.5 अिब िर्थ है ।
ग्रह
• अंतिाथटट्रीय खगोिीय संघ लशखि सम्मेिन 2006 के अनस
ु ाि; एक ग्रह एक खगोिीय वपंड है
जो-
(1) ककसी भी तािे की परिक्रमा किता है
(2) कम से कम 3000 ककमी 2 का क्षेत्रफि
(3) उस तािे से उसे ऊजाथ औि प्रकाश लमिता हो।
(4) स्ियं का पयाथप्त द्रव्यमान हो, जजससे गरु
ु त्िाकर्थण ठोस तनकाय बिों से अध्क हो ताकक
यह जिस्र्ैततक साम्य आकाि (िगभग गोि) प्राप्त कि िे।
(5) अपनी कक्षा के आसपास के क्षेत्र को साफ कि ददया हो।
• हमािे सौि मंडि में कुि ग्रहों की संख्या 8 है ; जजसे दो श्रेखणयों में बांटा गया है : -
o थिलीय या भीतरी ग्रह - ये क्षुद्रग्रहों की पेटी के अंदि पाए जाते हैं। िे ब्
ु , शक्र
ु , पथ्ृ िी,
मंगि आददक कुि 4 हैं।
o गैस के विशाि वपण्ड या बाहिी ग्रह- इसमें बह
ृ स्पतत, शतन, यिू े नस, नेपच्यन
ू आदद कुि 4
ग्रह हैं।
• िे ग्रह जो अन्य तािों की परिक्रमा किते हैं (सय
ू थ की नहीं) एक्सोप्िैनट
े कहिाते हैं।
1. ि्
ु :
• यह सय
ू थ के सबसे तनकट का ग्रह औि बहुत गमथ ग्रह है ।
• इसका व्यास 4900 ककिोमीटि है औि यह सौि मंडि का सबसे छोटा ग्रह है ।
• 88 ददनों में सय
ू थ की परिक्रमा पिू ी किने के लिए, यह 172500 ककमी प्रतत घंटे की गतत के
से चिने िािा सबसे तेज ग्रह है ।
• इसमें ग्रह पि कोई जि औि गैसें जैसे नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, काबथन डाइऑक्साइड
नहीं है ।
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2. शक्र
ु :
• 478 डडग्री सेजजसयस के सतही तापमान के सार् यह सौि मंडि का सबसे गमथ ग्रह है ।
• इसे "पथ्
ृ िी का जड
ु िां" भी कहा जाता है , यह शक्र
ु औि पथ्
ृ िी के बीच आकाि औि द्रव्यमान
में समानता के कािण है ।
• यह सौि मंडि का दक्षक्षणाितथ ददशा में परिक्रमा किने िािे दो ग्रहों में से एक है ।
• सौिमंडि का सबसे चमकीिा तािा। इसे सब
ु ह औि शाम को खि
ु ी आंखों से दे खा जा सकता
है । इसलिए "संध्या तािा" औि "भोि का तािा" के रूप में जाना जाता है ।
3. पथ्
ृ वी
• जीिन संभि बनाने के लिए अनक
ु ू ि जििायु िािा एकमात्र ग्रह।
• जि की उपजस्र्तत के कािण इसे "नीिा ग्रह" कहा जाता है ।
• इसका एक प्राकृततक उपग्रह है जजसका नाम "चन्द्रमा" है ।
4. मांगल
• आयिन यक्
ु त िाि लमट्टी के कािण "िाि ग्रह" के रूप में जाना जाता है ।
• ब्
ु के बाद सौि मंडि का दस
ू िा सबसे छोटा ग्रह।
• दो प्राकृततक चंद्रमा "फोबोस" औि "डीमोस" हैं।
• घादटयों, क्रेटिों, िे धगस्तानों औि बफथ लशखिों आदद के सार् एक महीन िाताििण औि सतह है ।
• "ओिजम्पस मॉन्स" - सबसे बडा ज्िािामख
ु ी औि सौिमंडि का सबसे ऊँचा पिथत मंगि ग्रह
पि जस्र्त है ।
5. िह
ृ थपनत
• सबसे छोटा घण
ू न
थ किने िािा सौिमंडि का सबसे बडा ग्रह।
• हाइड्रोजन, हीलियम औि अन्य गैसों के िाताििण से तनलमथत है ।
• चंद्रमा औि शक्र
ु के बाद िात के आकाश में तीसिी सबसे चमकीिी िस्तु है ।
• ग्रेट िे ड स्पॉट, सौि मंडि में एक विशाि तफ
ू ान इस ग्रह पि आता है ।
• गैिीलियो द्िािा खोजे गए 4 बडे गैिीलियन उपग्रह "िो, यिू ोपा, गेनीमेड औि कैलिस्टो" सदहत
कम से कम 69 उपग्रह हैं। "गेनीमेड"े उनमें से सबसे बडा है ।
• इसके चािों ओि एक अस्पटट ििय है ।
6. शनन
• सौिमंडि का दस
ू िा सबसे बडा ग्रह औि एक गैस का विशािकाय वपण्ड।
• इसके चािों ओि चमकीिे औि गाढे ििय होते हैं जो कक छोटी चट्टानों औि बफथ के टुकडों से
बने होते हैं।
• शतन पानी पि तैि सकता है क्योंकक इसका घनत्ि पानी की ति
ु ना में कम है ।
• कम से कम 62 चंद्रमा हैं औि टाइटन उनमें से सबसे बडा है ।
7. यरू े नि
• सौिमंडि में तीसिा सबसे बडा ग्रह है औि सौि मंडि में चौर्ा सबसे अध्क द्रव्यमान िािा
ग्रह है ।
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• इसका िं ग हिा है ।
• सन ् 1781 में विलियम हशथि द्िािा खोजा गया।
• "विशािकाय दहम" के रूप में जाना जाता है । यिू े नस का िाताििण मख्
ु य रूप से हाइड्रोजन
औि हीलियम से बना है , िेककन इसमें पानी, अमोतनया आदद भी अध्क हैं।
• सौिमंडि में सबसे ठं डा ग्रह है ।
• शक्र
ु की तिह अपनी ्िु ी पि दक्षक्षणाितथ घम
ू ता है ।
• कम से कम 25 उपग्रह हैं। प्रलसद्् उपग्रह- लमिांडा, एरियि औि उजम्ब्रएि
8. नेप्च्यन
ू
• सय
ू थ से सबसे दिू का ग्रह।
• यह "विशािकाय दहमवपण्ड" भी है । िायम
ु ड
ं ि मख्
ु य रूप से हाइड्रोजन औि हीलियम से बना
है ।
• मीर्ेन की िजह से िं ग में नीिापन।
• चौर्ा सबसे बडा ग्रह औि सौि मंडि का तीसिा सबसे भािी ग्रह है
• 1846 में जोहान गािे औि अबेन िे िेरियि द्िािा खोजा गया। गखणतीय भविटयिाखणयों
द्िािा पाया गया सौि मंडि का एकमात्र ग्रह।
• इसके 14 उपग्रह है । प्रलसद्् उपग्रह - ट्राइटन
अन्य
प्चलू ो
स्क्वपर पट् ी
• यह नेप्च्यन
ू की कक्षा के बाहि एक गोिाकाि सीमा है जजसमें कई क्षुद्रग्रह, चट्टानें औि
्ूमकेतु हैं।
गोल्डीलॉक्ि जोन
• यह एक तािे के आसपास िहने योर्गय क्षेत्र को संदलभथत किता है जहां तापमान लसफथ सही है -
बहुत गमथ नहीं है औि बहुत ठं डा नहीं है - तिि पानी के लिए एक ग्रह पि मौजद
ू है ।
• क्षुद्रग्रह
• ये छोटे वपण्ड हैं; चट्टानें (ज्यादाति मिबे) सय
ू थ के चािों ओि घम
ू ते हैं।
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उल्का और उल्कापपांड
्म
ू केतु
• ये चमकदाि, "पछ
ूं िािे तािे " हैं। ये चट्टानी औि ्ाजत्िक पदार्थ हैं जो जमे हुए गैसों से तघिे
हैं।
• ये आम तौि पि जक्िपि बेजट में पाए जाते हैं। िे सय
ू थ की ओि यात्रा किते हैं।
• उनकी पछ
ूं सय
ू थ के विपिीत औि लसि सय
ू थ की ओि होता है ।
• िे तब ददखाई दे ते हैं जब िे सय
ू थ के किीब जाते हैं।
• है िी का ्ूमकेतु प्रलसद्् है जो वपछिी बाि 1986 में आया र्ा औि जो प्रत्येक 76 िर्ों के
बाद पन
ु : प्रकट होता है ।
िय
ू ण िे क्रम में ग्रहों को याद करने की टिक
1. M- ब्
ु (Mercury)
2. V- शक्र
ु (Venus)
3. E- पथ्
ृ िी (Earth)
4. M- मंगि (Mars)
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5. J- बह
ृ स्पतत (Jupiter)
6. S- शतन (Saturn)
7. U- यिू े नस (Uranus)
8. N- नेपच्यन
ू (Neptune)
1. J- बह
ृ स्पतत (Jupiter)
2. S- शतन (Saturn)
3. U- यिू े नस (Uranus)
4. N- नेपच्यन
ू (Neptune)
5. E- पथ्
ृ िी (Earth)
6. V- शक्र
ु (Venus)
7. M- मंगि (Mars)
8. M- ब्
ु (Mercury)
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