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》अध्याय- 1 → भूगोल एक विषय के रूप में
》अध्याय- 1 → भूगोल एक विषय के रूप में
क ा 11 भूगोल
(भाग क) पाठ-1 भूगोल एक िवषय के प म
मह वपूण नो र
4. या ? कहाँ ? और य ? वग क
ं े न का वणन क जए जनका भूगोल देता है?
उ र- भूगोल एक वै ािनक िवषय है। एक प रप व वै ािनक िवषय के प म भूगोल िन न ल खत तीन वग के न से
संबं धत है :-
i. या ? कुछ न ऐसे होते है जो भूतल पर पाई जाने वाली ाकृितक तथा सां कृितक िवशेषताओं के ित प क पहचान
से जुड़े हए होते ह, जो ' या' न का उ र देते है।
ii. कहाँ ? कुछ ऐसे भी न होते ह जो पृ वी पर भौितक एं व सां कृितक त व के िवतरण से जुड़े हए होते ह, ये कहाँ’ न
से संब होते ह।
iii. य ? न का तीसरा वग या या अथवा त व के बीच काय-कारण संबध
ं से जुडा होता है, जो ' य ' का उ र देता है।
5. भौितक भूगोल क मुख शाखाओं का वणन क जए ?
उ र- भौितक भगोल क िन न ल खत चार मुख शाखाएँ है:-
i. भू आकृितक िव ान :- भूपृ पर पाए जाने वाले िविभ कार के भू-ल ण , जैसे-महा ीप पवत पठार , मैदान , नदी
घािटय आिद का जनिनक अ ययन है।
ii. जलवायु िव ान :- इसम जलवायु तथा इसके संघटक त व का मब अ ययन िकया जाता है। वषा, तापमान, वायुदाब,
पवन, आं धी आिद जलवायु के मु य घटक है।
iii. जल िव ान :- इसम महासागर , निदय , झील , िहमािनय तथा जलवा प ारा कृित तथा मानव जीवन म जल क
भूिमका का अ ययन िकया जाता है।
iv. मृदा भूगोल :- इसम मृदा के िनमाण क ि या उनके कार तथा उनके िवतरण का अ ययन िकया जाता है।
6. मानव भूगोल के अ तगत कौन – कौन सी मुख उपशाखाएँ शािमल ह ?
उ र- मानव भूगोल भूपृ पर मानवीय अथवा सां कृितक त व का अ ययन करता है। मानवीय त व कहलाते ह। इस लए
मानव भूगोल बहत ही िव तृत िवषय है और इसक अनेक शाखाएं िन न ल खत ह :-
i. सा कृितक भूगोल |
ii. सामा जक भूगोल |
iii. जनसं या उगोल |
iv. नगरीय भूगोल।
v. ामीण भूगोल |
vi. आ थक भूगोल |
vii. कृिष भूगोल
viii. औ ोिगक भूगोल।
ix. राजिनितक भूगोल।
x. यापार एं व प रवहन भूगोल।
7. भौितक भूगोल के अ ययन का मानव जीवन के लए या मह व है?
उ र- भौितक भूगोल, भूगोल क एक मह वपूण शाखा है, य िक यह सम त भूगोल के अ ययन को ठोस आधार दान करता
है। भूगोल क यह सबसे मह वपूण तथा आधारभूत शाखा भूमंडल, वायुमंडल, जल मंडल तथा जैव मंडल के अ ययन से
संबं धत है। भौितक भूगोल के इन सभी त व (भू-आकृितय , जल- वाह व चावच) का िवशेष मह व है ये।◌ांिक ये मानव के
ि याकलाप को भािवत करते ह। उदाहरणतया मैदान का योग कृिष के लए िकया जाता है। उपजाऊ िम ी, कृिष को ठोस
आधार दान करती है। सभी मानवीय ि याकलाप को ठोस आधार दान करती है। सभी मानवीय ि याकलाप भौितक भूगोल
क िविभ शाखाओं से भािवत होते ह।
8. या भूगोल को े ीय िभ ता का अ ययन मानना तािकक है? तीन िब दओ ं इस क पृि क जए?
ु म
उ र-
i. भूगोल म उन सभी त व का अ ययन करना होता है जो े ीय स दभ म िभ होते ह|
ii. भूगोलवे ा मा धरातल पर त य म िविभ ता का अ ययन नह करता ब क उन कारक का भी अ ययन करता है जो
इन िविभ ताओं को ज म देते ह। (काय-कारण स ब ध)
iii. उदाहरण के तौर पर फसल के प प म ादेिशक िभ ताएं पाई जाती ह, जो िम ी, जलवायु बाजार म मांग, िकसान क
यय- मता, तकनीक िनवेश क उपल धता आिद म िभ ताओं से समब धत होती है। इस कार भूगोल दो त व के
म य काय-कारण संबध
ं भी ात करता है।
9. मानव और कृित के अ तसबंध को तीन िब दओ ं प क जए।
ु म
उ र-
i. मानव के अनुकूलन (Adaptation) तथा आप रवतन अथात (Modification) के मा यम से कृित के साथ
समझौता िकया है।
ii. मानव ने उ च तकनीक एं व ाकृितक संसाधन का समुिचत उपयोग करके ाकृितक वातावरण म प रवतन िकए ह।
iii. तकनीक के िमक िवकास के साथ मानव अपने ऊपर भौितक पयावरण के ारा कसे हए बंधन को ढीला करने म स म
हो गया है। तकनीक ने म क कठोरता को कम करके म- मता को बढ़ाया है तथा काय के दौरान अवकाश का
ावधान िकया है।
10. भूगोल अ ययन क आगमन तथा िनगमन प ितय म अ तर प कर।
उ र- आगमन प ित (Inductive Method) - आगमन प ित के अ तगत भूगोलवे ा त य का एक समु चय (Set of
Facts) एकि त कर लेता है। इनम पाई जाने वाली समानताओं को छाँट लेता है और िनयम िनिमत करता है। यह अ ययन
िवशेष से सामा य के स ांत' (From specific to general) पर आधा रत है।
िनगमन प ित (Deductive Method) - इसके अ तगत कहे गये आधार पर वा य से िन कष िनकाले जाते ह। यह िव ध
सामा य से िवशेश (From general to specific) के स ांत' पर आधा रत है।