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क ा -10
1 सेनानी न होते ए भी च मेवाले को लोग कै टन य कहते थे ?
उ र:- च मेवाला कभी सेनानी नह रहा पर तु च मेवाला एक दे शभ नाग रक था। उसके दय म दे श के वीर
जवान के त स मान था। वह अपनी ओर से एक च मा नेताजी क मू त पर अव य लगाता था उसक इसी
भावना को दे खकर लोग उसे कै टन कहते थे।
2.हालदार साहब ने ाइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लए मना कया था ले कन बाद म तुरंत रोकने
को कहा
उ र-
3.आशय प क जए
‘‘बार-बार सोचते, या होगा उस कौम का जो अपने दे श क खा तर घर-गृह थी-जवानी- जदगी सब कुछ होम
दे नव
े ाल पर भी हँसती है और अपने लए बकने के मौके ढूँ ढ़ती है।
उ र- पानवाला अपनी पान क कान पर बैठा ाहक को पान दे ने के अलावा उनसे कुछ न कुछ बात करता रहता
है। वह वभाव से खुश मज़ाज, काला मोटा है। उसक त द नकली ई है। वह पान खाता रहता है जससे
उसक ब ीसी लाल-काली हो रही है। वह जब हँसता है तो उसक त द थरकने लगती है। वह वाकपटु है जो
ं या मक बात कहने से भी नह चूकता है।
उ र- “वह लँगड़ा या जाएगा फ़ौज म पागल है पागल !” पानवाला कै टन च मेवाले के बारे म ऐसा कहना अ छा
नही लगता। वा तव म कै टन इस तरह क उपे ा का पा नह है। उसका इस तरह मजाक उड़ाना त नक भी उ चत
नह है। वा तव म कै टन उपहास का नह स मान का पा है जो अपने अ त सी मत संसाधन से नेताजी क मू त
पर च मा लगाकर दे श ेम का दशन करता है और लोग म दे शभ क भावना उ प करने के अलावा उसे गाढ़
भी करता है।
पद