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Fe 1 Vud HC 8 VWKy OSL6 y OW
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Class–10 Hindi
NCERT Solutions
Kshitij Chapter - 1
Surdas
10. गोिपय को कृ ण म ऐसे कौन-से प रवतन िदखाई िदए जनके कारण वे अपना मन वापस पा लेने क बात कहती ह?
उ र:- गोिपय को लगता है िक कृ ण ारका जाकर राजनीित के िव ान हो गए ह। उनके अनुसार ी कृ ण पहले से ही चतुर थे अब
भारी -भारी ंथो को पढ़कर वे पहले से भी अ धक चतुर हो गये ह। छल-कपट उनके वभाव का अंग बन गया है। उ ह ने गोिपय से
िमलने के थान पर योग क िश ा देने के लए उ व को भेज िदया है। ीकृ ण के इस कदम से गोिपय के दय बहत आहत हआ
है। इ ही प रवतन को देखकर गोिपयाँ अपना मन ीकृ ण से वापस लेना चाहती है।
11. गोिपय ने अपने वाक् चातुय के आधार पर ानी उ व को परा त कर िदया|उनके वाक् चातुय क िवशेषताएँ ल खए ?
उ र:- गोिपयाँ बात बनाने म िकसी को भी परा त कर सकती ह,गोिपयाँ उ व को अपने उपालंभ (तान ) के ारा चुप करा देती ह।
गोिपय म यं य करने क अ त
ु मता है। वह अपने यं य बाण ारा उ व को परा त कर देती ह। वह अपनी तक मता से बात-
बात पर उ व को िन र कर देती ह।
•रचना और अिभ यि
2. उ व ानी थे, नीित क बात जानते थे ; गोिपय के पास ऐसी कौन-सी शि थी जो उनके वाक् चातुय म मु खरत हो उठी ?
उ र:- स चे ेम म इतनी शि होती है िक बड़े-से-बड़ा ानी भी उसके आगे घुटने टेक देता है। गोिपय के पास ी कृ ण के ित
स चे ेम तथा भि क शि थी जस कारण उ ह ने उ व जैसे ानी तथा नीित को भी अपने वा चातुय से परा त कर िदया।
3. गोिपय ने यह य कहा िक ह र अब राजनीित पढ़ आए ह? या आपको गोिपय के इस कथन का िव तार समकालीन राजनीित
म नज़र आता है, प क जए।
उ र:- गोिपय को लगता है िक कृ ण ारका जाकर राजनीित के िव ान हो गए ह। अब कृ ण राजा बनकर चाल चलने लगे ह। छल-
कपट उनके वभाव के अंग बन गया है। गोिपय ने ऐसा इस लए कहा है य िक ी कृ ण ने सीधी सरल बात ना करके उ व के
मा यम से अपनी बात गोिपय तक पहँचाई है। गोिपय का यह कथन िक ह र अब राजनीित पढ़ आए ह। कह न कह आज क
राजनीित को प रभािषत कर रहा है। आज क राजनीित तो सर से पैर तक छल-कपट से भरी हई ह। कृ ण ने गोिपय को िमलने का
वादा िकया था और पूरा नह िकया वैसे ही आज राजनीित म लोग कई वादे कर के भूल जाते ह।