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Lesson 10-Raheem Ke Dohe
Lesson 10-Raheem Ke Dohe
रहीम के दोहे
1. निम्ननिनित भाव को पाठ में ककि पंनियों द्वारा अनभव्यि ककया गया है –
1. निस पर नवपदा पड़ती वही इस देश में आता है।
उत्तर:- िा पर नवपदा पड़त है, सो आवत यह देस।
2. कोई िाि कोनशश करे पर निगड़ी िात किर िि िहीं सकती।
उत्तर:- निगरी िात ििै िहीं, िाि करौ ककि कोय।
3. पािी के नििा सि सूिा है अत: पािी अवश्य रििा चानहए।
उत्तर:- रनहमि पािी रानिये, नििु पािी सि सूि।
4. उदाहारण के आधार पर पाठ में आए निम्ननिनित शब्दों के प्रचनित रूप निनिए –
उत्तर:- उदाहारण – कोय-कोई, िै-िो
5. ज्यों, कछु , िहहं, कोय, धनि, आिर, निय, थोरे, होय, मािि, तिवारर, सींनचिो, मूिहहं, नपअत, नपआसो,
निगरी, आवे, सहाय, ऊिरै, नििु, निथा, अरठिैह,ैं पररिाय
उत्तर:-
ज्यों िैसे
कछु कु छ
िहहं िहीं
कोय कोई
धनि धन्य
आिर अक्षर
निय िीव
थोरे थोड़े
होय होता
मािि मक्िि
तिवारर तिवार
सींनचिो सींचिा
मूिहहं मूि
नपअत पीते ही
नपआसो प्यासा
निगरी निगड़ी
आवे आए
सहाय सहायक
ऊिरै उिरे
नििु निि
निथा व्यथा
अरठिैहैं इठिाएगे
पररिाय पड़ िाए