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HINDI AS A SECOND LANGUAGE

HINDI/L9/W5
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अभ्यास १
'गुलाबो सिताबो' नामक फ़िल्म की िमीक्षा को ध्यानपूर्वक पढ़िए और ढिए गये प्रश्नों के उत्तर िीजिए:
शूजीत सिरकार की फिल्म 'गुलाबो सिताबो' का टाइटल उत्तर प्रदे श के लोकप्रप्रय कठपुलती शो िे सलया गया
है क्योंफक कहानी इि बडे राज्य की राजधानी लखनऊ में िेट है। यह लखनऊ पुराना फकस्म का है जहााँ पर
िाततमा महल नामक एक जजजर हवेली है। इि खंडहर होती हवेली की मालफकन हैं बेगम (िार्रजख ज़िर)
जजनकी उम्र ९५ बरि हो चली है। 'िाततमा महल' की दे खभाल का जजम्मा बेगम के शौहर समजाज (असमताभ
बच्चन) पर है जो बेगम िे १७ वर्ज छोटा है। इि हवेली में कुछ फकराएदार भी रहते हैं जो बरिों िे यहााँ
जमे हुए हैं। ३० रुपये, ७० रुपये जैिा मासिक फकराया चुकाने में भी आनाकानी करते हैं।

फकराएदारों में आटा चक्की चलाने वाला बांके (आयष्ु मान खरु ाना) तेजतराजर है और आए ददन समजाज िे
उलझता रहता है। एक ददन बांके की एक लात िे पाखाना की दीवार गगर जाती है और समजाज मामला पसु लि
तक ले जाता है। थाने में बैठा परु ातत्व प्रवभाग का अगधकारी ज्ञानेश शक्
ु ला (प्रवजय राज) मामला ताड लेता
है और हवेली को 'हैररटे ज' घोप्रर्त करने का जाल बन
ु ने लगता है। फिस्टोिर क्लाकज (ब्रजेन्द्र काला) वकील
है और वह समजाज को वो तरकीबें बताता है जजििे हवेली 'हैररटे ज' न बन पाए। जूही चतव
ु ेदी द्वारा सलखी
इि फिल्म में फकरदार बडे जोरदार सलखे गए हैं। फकरदारों की गहराई और उनके इरादे तरु ं त दशजक िमझ
जाते हैं, लेफकन इन फकरदारों के सलए जो कहानी सलखी गई है वो उतनी दमदार नहीं है। शूजीत सिरकार
कहानी को अपने तरीके िे कहने के सलए जाने जाते हैं, लेफकन 'गुलाबो सिताबो' में उनका यह अंदाज
कमजोर रहा। बेशक उन्द्होंने फकरदार और लोकेशन बेहतरीन गढे हैं, लेफकन वे इमोशन और हास्य रचने में
ििल नहीं हो पाए।

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लंबी-िी नाक और उि पर मोटा चश्मा, ढं का सिर और ििेद दाढी के कारण असमताभ बच्चन का ८०
प्रततशत चेहरा तछप जाता है और उनके भाव उतने नजर नहीं आते, लेफकन इिकी कमी उन्द्होंने बॉडी लैंग्वेज
िे पूरी की है और समजाज का फकरदार शानदार तरीके िे तनभाया है। आयुष्मान खुराना एक िमथज कलाकार
हैं और उनिे बहुत ज्यादा उम्मीदें रहती हैं, शायद यही उनके सलए घातक िाबबत हुई है क्योंफक उनका
असभनय उम्मीद िे कम रहा है। फिल्म की सिनेमाटोग्रािी लाजवाब है। हवेली और लखनऊ फकरदार की
तरह लगते हैं। एक-दो गाने हैं जो फिल्म के भावों को व्यक्त करते हैं। 'गुलाबो सिताबो' िे बडे नाम जुडे हैं
सलहाजा उम्मीद जागना स्वाभाप्रवक है और इन उम्मीदों पर फिल्म खरी नहीं उतरती है।

१. लखनऊ फ़कि राज्य की राजधानी है ?


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२. फाततमा महल की बेगम की उम्र क्या है ?


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३. बाांके क्या व्यविाय करता है ?


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४. ‘गल
ु ाबो-सिताबो’ फ़फल्म के लेखक/लेखखका का नाम सलखखए?
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५. फ़फल्म में असमताभ जी और आयुष्मान खुराना के फ़करदारों का फाततमा महल िे क्या िांबांध है ?
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६. फ़फल्म की कोई दो खासियत बताइए?


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अभ्यास २
‘ख़तरे में अमेज़न: आग, जांगलों की कटाई और अब कोरोना वायरि’ के बारे में छपे इि लेख को पढ़ें |
प्रश्न ७ िे १५ का उत्तर दे ने के सलए उनके नीचे ददए गए अनुच्छे दों (A िे D) में िे िही अनुच्छे द चन
ु कर
उिके िामने के कोष्ठक में िही का तनशान लगाएँ।

A. अमेज़न के वर्ाज वन दतु नया की जलवायु का िंतल


ु न बनाए रखने में बेहद अहम भसू मका अदा करते हैं। ये
वर्ाज वन ग्लोबल वॉसमिंग की चन
ु ौती िे लडने में भी दतु नया की मदद करते हैं। लेफकन, दतु नया भर में िैली
कोरोना वायरि की महामारी का दष्ु प्रभाव अमेज़न के वर्ाज वनों पर भी पडा है । वर्ज २०२० के पहले चार
महीनों में अमेज़न जैप्रवक क्षेत्र में वनों के प्रवनाश में , प्रपछले िाल के मक
ु ाबले ५५ फीिद का इज़ाफा दे खा
गया है। क्योंफक कोरोना वायरि की महामारी िे पैदा हुए हालात का फायदा उठा कर बहुत िे लोग अवैध
तरीके िे जंगलों को िाफ कर रहे हैं।
B. अमेज़न में वनों के िफाए, अवैध उत्खनन, ज़मीन िाफ करने के सलए पेडों की टाई और जंगलों में लगने
वाली आग की घटनाओं में पहले ही ११ वर्ों में िबिे अगधक तेज़ी दे खी जा रही थी और वैज्ञातनकों का
कहना है फक अमेज़न जैप्रवक क्षेत्र को होने वाली क्षतत की रफ़्तार इतनी तेज़ है फक जल्द ही हम तबाही के
ऐिे मुहाने पर खडे होंगे, जहााँ िे लौट पाना मुजश्कल होगा। उि कगार पर पहुुँचने के बाद अमेज़न दतु नया
की आबोहवा िंतुसलत रखने में जो भूसमका अभी अदा करता है , वो आ आगे नहीं कर पाएगा। इि िाल
जंगलों के अवैध ििाए में तेज़ी आने िे पहले भी अमेज़न क्षेत्र के नौ दे शो में जंगलों के प्रवनाश में इज़ाफा
दे खा जा रहा था।
C. २०१९ में जजन दे शों में अमेज़न के जैप्रवक क्षेत्र को िबिे अगधक नुकिान हुआ, उनमें ब्राज़ील, बोसलप्रवया
और पेरु, शीर्ज के पााँच दे शों में शासमल हैं। बोसलप्रवया में वनों में लगी आग की वजह िे पेडो को भारी
नुकिान हुआ। लेफकन, िमस्या सिफज यही नहीं है । जलवायु वैज्ञातनक डोनाटो नोब्रे कहते हैं फक, 'अगर हम
अमेज़न को हो रहे नुकिान को केवल जंगलों के घटते दायरे की नज़र िे दे खते हैं , तो इिका अथज है फक
हम हरा भरा झूठ बोल रहे हैं।' डोनाटो नोब्रे कहते हैं फक अमेज़न का जैप्रवक क्षेत्र फकतना बबाजद हो चक
ु ा है ,
उिका ठीक-ठीक आकलन करने के सलए हमें जैप्रवक क्षरण के आंकडों को भी अपने आकलन में शासमल
करना होगा। जो हम नहीं कर पा रहे हैं।
D. ऐिा होता है जब जंगल के फकिी एक दहस्िे पर पड रहे दबावों, जैिे फक आग, जंगलों की कटाई और बबना
लाइिेंि के सशकार के कारण फकिी भी इकोसिस्टम के सलए ठीक िे काम करना मुजश्कल हो जाता है । फिर,
वन के फकिी एक दहस्िे में पेडों और हररत क्षेत्र की मात्रा भले ही कम न हो, लेफकन जैप्रवक क्षरण के कारण
वर्ाज वन अपनी उन खूबबयों को गवााँ दे ते हैं, जो हमारी धरती के सलए बेहद महत्वपूणज हैं। वैज्ञातनक कहते

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हैं फक अगर हम अमेज़न में वनों को हो रहे नुकिान और क्षरण के मौजूदा स्तर को रोक नहीं पाते हैं, तो
दतु नया के सलए जलवायु पररवतजन के पररणाम और भयंकर होंगे।

ददए गए वक्तव्यों (७-१४) को पदढ़ए तथा कोष्ठक में िही का तनशान लगाकर बताइए फ़क कौन-िा अनच्
ु छे द
(A-D) फ़कि वक्तव्य िे िांबधधत है।
उदाहरण: कौन-िा अनच्
ु छे द बताता है फक अमेज़न के वनों को वर्ाज वन भी कहा जाता है ।
A √
B C D

७. बताता है फक दो हज़ार उन्द्नीि में पेर्र और चार अन्द्य दे शों के अमेज़न को िबिे ज्यादा नुकिान हुआ।
A B C D

८. बताता है फक अमेज़न जैप्रवक क्षेत्र को तेज गतत िे होने वाला नुकिान हमें तबाह कर िकता है ।
A B C D

९. बताता है फक डोनाटो नोब्रे एक वैज्ञातनक हैं।


A B C D

१०. बताता है फक बोसलप्रवया के जंगलों में वक्ष


ृ ों को आग ने कािी नुकिान पहुुँचाया।
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११. बताता है फक लोग गैर-कानूनी ढं ग िे जंगलों को काट रहे हैं।


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१२. बताता है फक जैप्रवक क्षरण िे वर्ाज वन धरती के सलए महत्त्वपूणज अपने गुणों को खो दे ते हैं।
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१३. बताता है फक महामारी के प्रकोप िे अमेज़न के वर्ाज वनों को भी क्षतत पहुुँची है।
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१४. बताता है फक यदद हमने अमेज़न की वतजमान क्षतत की गतत न रोकी तो इिके दष्ु पररणाम भयंकर होंगे।
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१५. बताता है फक अमेज़न जैप्रवक क्षेत्र में ज़्यादा क्षतत होने पर यह जलवायु िंतुलन में मदद नहीं कर पाएगा।
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अभ्यास ३
अविाद अथाजत डडप्रेशन। जीवन में अििलता या अन्द्य फकिी कारण िे व्यजक्त अविाद का सशकार हो
जाता है। इिके चलते भय, हताशा, तनराशा, गचडगचडापन और अनावश्यक तनाव बना रहता है। यदद िमय
पर इिे िमझा नहीं गया तो यह कई पर अपने चरम स्तर पर पहुुँचकर हत्या या खुदकुशी करने की नौबत
भी पैदा कर दे ता है। यदद व्यजक्त ऐिा नहीं कर पाता है तो नशे में डूब जाता है। ऐिे में योग द्वारा इि
अविाद िे बहुत हद तक राहत समल िकती है। िबिे जर्रर िमझने वाली बात यह है फक 'मन के भाव'
हमारी श्वािों िे तनयंबत्रत होते हैं। यदद आप गौर करें गे तो िोध के िमय आपकी श्वाि अलग तरह िे
चलेगी और प्रिन्द्नता के िमय अलग। इिी तरह अविाद के िमय हमारी श्वािों पर मजस्तष्क के प्रवचारों
का तनयंत्रण हो जाता है। ऐिे में इि तनयंत्रण को प्राणायाम िे मुक्त कर िकते हैं। इिीसलए हर तरह के
तनाव या अविाद को प्राणायाम िे तनयंबत्रत फकया जा िकता है।

प्राणायाम में भ्रामरी, भ्रजस्त्रका और कपालभााँतत को िीखकर करें । प्रात: और िोने िे पव


ू ज यह प्राणायाम आप
तनयसमत करते हैं तो मजस्तष्क में ऑक्िीजन का स्तर बढ जाता है और धीरे -धीरे खद
ु में आत्म प्रवश्वाि
िंचार होता है और जीने की नई राह खल
ु ती है। चंरभेदी, िय
ू भ
ज ेदी और भ्रामरी प्राणायाम को अपनी ददनचयाज
का दहस्िा बना लें। भ्रामरी प्राणायाम के सलए दोनों हाथों के अंगठ
ू े िे दोनों कान बंद कर लें। दोनों हाथों
की ऊपर की दो अंगसु लयों को माथे पर रखें। तीिरी िे नाक के बीच के भाग को हलका दबाएाँ। बाकी की
दोनों अाँगुसलयों को होंठों के ऊपर रखें। कोहनी ऊपर उठाए रखें। अब नासिका िे पूरा श्वाि भरें । कुछ क्षण
आंतररक कुम्भक कर नासिका िे ही भौंरे की तरह गुंजन करते हुए धीरे -धीरे श्वाि छोडें अथाजत रे चक करें ।

प्राणायाम के िाथ-िाथ शवािन और ध्यान भी अविाद िे मजु क्त प्रदान कर िकते हैं। शव का अथज होता
है मुदाज अथाजत अपने शरीर को मुदे िमान बना लेने के कारण ही इि आिन को शवािन कहा जाता है।
श्वाि की जस्थतत में हमारा मन शरीर िे जुडा हुआ रहता है , जजििे फक शरीर में फकिी प्रकार के बाहरी
प्रवचार उत्पन्द्न नहीं होते। इि कारण हमारा मन पूणजत: आरामदायक जस्थतत में होता हैं, तब शरीर स्वत:
ही शांतत का अनुभव करता है। आंतररक अंग िभी तनाव िे मुक्त हो जाते हैं, जजििे रक्त िंचार िुचारु

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र्रप िे प्रवादहत होने लगता है और जब रक्त िुचारु र्रप िे चलता है तो शारीररक और मानसिक तनाव
घटता है। खािकर जजन लोगों को उच्च रक्तचाप और अतनरा की सशकायत है , ऐिे मरीजों के सलए शवािन
अगधक लाभदायक है। मात्र 10 समनट का ध्यान आपको हर तरह की िमस्या िे बाहर तनकालने की क्षमता
रखता है। ध्यान की िैंकडों प्रवगधयााँ हैं, आप उनमें िे फकिी भी एक को िीखकर अपने घर में तनयमसमत
र्रप िे करें । शततजया आपको जीवन में कभी भी गचंता, अविाद और तनाव नहीं होगा। इििे मजस्तष्क का
वह दहस्िा भी जागत
ृ होने लगता है जो अब तक िोया था और वह आपके िही ददशा ददखाता है और आप
में भरपूर आशा और उजाज का िंचार हो जाता है।
‘अविाद अथाजत डडप्रेशन’-नामक आलेख के आधार पर नीचे ददए गए प्रत्येक शीर्जक (१६-१८) के अंतगजत
िंक्षक्षप्त दटप्पणी/नोट सलखखए।

१६. अविाद के दष्ु प्रभाव :

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१७. प्राणायाम िे अविाद का इलाज :


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१८. शवािन और ध्यान िे होने वाले िायदे :


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अभ्यास ४ में आप अपने नोट्ि के आधार पर िारांश सलखेंगे।

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अभ्यास ४
१९. अभ्याि ३ के आलेख में ‘अविाद अथाात डिप्रेशन’ के बारे में की चचाा की गई है।
अभ्याि ३ में बनाए नोट्ि के आधार पर यथासंभर् अपने शब्िों में आलेख का सारांश लिखिए।
आपका आिेि १०० शब्िों से अधिक नहीं होना चाढहए।

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अभ्यास ५
२०. आपको अपने ववद्यालय में आमांत्रित फ़किी प्रसिद्ध शख्सियत का िाक्षात्कार लेने का मौका प्रदान फ़कया
गया। इि िाक्षात्कार को लगभग १२० शब्दों में सलखखए।
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अभ्यास ६
२१. ‘खेल को ववद्यालय के पाठ्यक्रम में िख्ममसलत करना ववद्याधथायों के दहत में है ।‘- ववषय के पक्ष या ववपक्ष
में लगभग २०० शब्दों में अपने ववचार प्रस्तुत कीख्जए।
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