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चतुर चचत्रकार

चतुर चचत्रकार (कविता के उद्दे श्य)

१- हास्य तथा व्यंग्यात्मक कविता से पररचचत होना l


२- काव्य रस का आनंद लेनाl
३- कविता के भाि को समझनाl
सुलेख
चचत्र
चतुर चचत्रकार

कठिन शब्द

१- बटोर बटोर बटोर


२- सरदार सरदार सरदार
३- खखचसयाना खखचसयाना खखचसयाना
४- चचत्रकार चचत्रकार चचत्रकार
५- सुनसान सुनसान सुनसान
६- मुसीबत मुसीबत मुसीबत
७- झुुँझलाहट झुुँझलाहट झुुँझलाहट
८- डरपोक डरपोक डरपोक
९- अभ्यास अभ्यास अभ्यास
१०- कायर कायर कायर
११- अभ्यास अभ्यास अभ्यास
१२- घुमाकर घुमाकर घुमाकर
१३- खखसका खखसका खखसका
१४- चूर चूर चूर
चतुर चचत्रकार

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न१- चचत्रकार चचत्र बनाने कहाुँ गया था?

उत्तर- चचत्रकार चचत्र बनाने जंगल(सुनसान स्थान) में गया था|

प्रश्न२- चचत्रकार के होश क्यों उड़ गये थे?

उत्तर- अचानक शेर को आया दे खकर चचत्रकार के होश उड़ गए थे|

प्रश्न३- शेर का ध्यान भटकने के चलए चचत्रकार ने क्या ठकया?

उत्तर- शेर का ध्यान भटकने के चलए चचत्रकार शेर का चचत्र बनाने लगा और बाद में

कहा ठक आगे का चचत्र बन गया है अब आप पीछे की तरफ़ मुद जाइए और

इससे शेर का ध्यान भटक गया|

प्रश्न ४- शेर क्यों खखचसया गया था? उसने चचत्रकार से क्या कहा?

उत्तर- शेर धोखा खाकर खखचसया गया| उसने चचत्रकार से कहा- अरे ! डरपोक अपने

कागज़ और कलम तो ले जा|

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