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यायालय का नाम: ...................

( ा प सं या 07)

अिभयु ि को हािज़र होने के िलए िववश करने के िलए कु क का आदेश

(द० ० स० क धारा 83)

ेिषती:-

थाना य ,

.................|

संग:-मामला सं या-...............(.............. थाना कांड सं या ................)

प रवाद कया गया है क .................................................(अिभयु का नाम व पता),ने,


भा०दं०सं० क धाराएं ..................... के अधीन दंडनीय ........................का अपराध कया है (या संदह
े है
क उसने कया है),और उसपर जारी कये गए िगर तारी के वारं ट को यह दशाकर लौटा दया गया है क उ
............... (अिभयु का नाम) िमल नह रहा है,और इस तरह समाधान द प म यह द शत कर दया गया
है क उ ...................... (अिभयु का नाम) फरार हो गया है(या उ वारं ट क तामील से बचने के िलए
अपने आपको िछपा रहा है), और उसपर उ .............. (अिभयु का नाम) से यह अपे ा करने वाली
उदघोषणा स यक प से जारी और कािशत क जा चुक है या क जा रही है क वह ................ दन के
अ दर उ आरोप का उ र देने के िलए हािज़र हो;तथा िजले म.................(गाँव या नगर का नाम) म
सरकार को राज व दायी भूिम से िभ िन िलिखत संपित आथात ................उ .............. (अिभयु का
नाम) के क जे म है और उसक कु क के िलए आदेश दया जा चुका है;

इसिलए आपसे अपे ा क जाती है क आप उ संपित को धारा 83 क उपधारा(2)के खंड(क) या


खंड (ग) या दोन * म िविन द रीित से कु क कर ल और उसे इस यायालय का आगे और कोई आदेश होने तक
कु क रख और इस वारं ट के िन पादन क रीित म पृ ांकन ारा मािणत करके इसे लौटा द|

तारीख,..................

पीठासीन पदािधकारी का हo.

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