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अभभस्र्ीकृनत संख्या....................
(कायाालय द्र्ारा भरा जाएगा)
प्ररूप 6
[निर्वाचक रजिस्टरीकरण नियम 1960 कव नियम 13(1) और 26 दे खिए]
पहली बवर मतदवतव यव ककसी एक निर्वाचि-क्षेत्र से ककसी अन्य एक निर्वाचि-क्षेत्र में स्टथविवांतरण के कवरण
निर्वाचक िवमवर्ली में िवम को सजमललत करिे के ललए आर्ेदि
सेर्ा में ,
निर्ााचक रजजस्रीकरण आफिसर,
................................सभा निर्ााचि-क्षेत्र/संसदीय निर्ााचि-क्षेत्र ।
आज्ञवपक वर्लिजियवां
(क) िाम
(ख) उपिाम(यदद
कोई हो)
(ग) आर्ेदक के िातेदार का
िाम और उपिाम [दे खें मद
(घ)]
जजला राज्य/संघ
राज्यक्षेत्र
(i) आर्ेदक का स्थायी पता गह
ृ सं.
गली/क्षेत्र/स्थाि
शहर/ग्राम
डाकघर वपि कोड
जजला राज्य/संघ
राज्यक्षेत्र
(ञ) ईपीआईसी सं. (यदद
जारी फकया गया है )
र्ैकजपक वर्लिजियवां
(ट) नि:शक्तता (यदद कोई दृश्य दब
ु ल
ा ता र्ाक् एर्ं सि
ु िे की नि:शक्तता गनत वर्र्यक नि:शक्तता
हो) अन्य
(समुचचत बाक्स पर
सही का निशाि लगाएं)
(ठ) ई-मेल (र्ैकजपक)
(ड) मोबाइल सं.
(र्ैकजपक)
घोषणव :
(i) मैं भारत का िागररक हूं और मेरे जन्म का ग्राम/शहर ............. जजला ............ राज्य........... है ।
(ii) मैं--------------से (तारीख, मास, र्र्ा) ऊपर (ज) में ददए गए पते र्ाले स्थाि में ............ से मामूली तौर से निर्ासी हूूँ;
(iii) मैंिे फकसी अन्य निर्ााचि-क्षेत्र के भलए निर्ााचक िामार्ली में अपिा िाम सजमभलत फकए जािे के भलए आर्ेदि िहीं
फकया है ;
*(iv) इस या फकसी अन्य सभा/संसदीय निर्ााचि-क्षेत्र के भलए निर्ााचक िामार्ली में मेरा िाम पहले से ही सजमभलत िहीं
फकया गया है
यव
*मेरा िाम--------राज्य के--------- निर्ााचि-क्षेत्र के, जजसमें मैं िीचे उजलखखत पते पर पहले से ही मामूली तौर से निर्ास
कर रहा था निर्ााचक िामार्ली में सजमभलत कर भलया गया होगा और यदद ऐसा है तो मैं अिुरोध करता हूं फक उसे उस
निर्ााचक िामार्ली से हटा ददया जाए ।
जजला राज्य/संघ
राज्यक्षेत्र
मैं इस बात से भभज्ञ हूं फक ऐसा कथि या घोर्णा करिा, जो भमथ्या है , जजसके प्रनत मैं यह जािता हूं या वर्श्र्ास करता
हूं फक र्ह भमथ्या है या उसके सत्य होिे का मुझे वर्श्र्ास िहीं है , लोक प्रनतनिचधत्र् अचधनियम, 1950 (1950 का 43)
की धारा 31 के अधीि दं डिीय है ।
स्थाि……………..........................
स्थाि:
भलए गए वर्निश्चय की संसूचिा (निर्ााचि क्षेत्र के निर्ााचक रजजस्रीकरण आफिसर द्र्ारा भरा जािा है और आर्ेदक
द्र्ारा ददए गए पते पर आर्ेदक को डाक से भेजा जािा है )
निर्ााचक रजजस्रीकरण
जजला राज्य/संघ
राज्यक्षेत्र
को (क) स्र्ीकार कर भलया गया है और श्री/श्रीमती/कुमारी के िाम
को…………………………………………………………………………………………………
अलभस्टर्ीकृनत/रसीद
अभभस्र्ीकृनत सं. _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ तारीख __ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _
श्री/श्रीमती/सश्र
ु ी ___________________ ______________________________________ का प्ररूप 6 में आर्ेदि प्राप्त हुआ
है
[आर्ेदक आर्ेदि की जस्थनत की अभभस्र्ीकृनत संख्या को निददा ट करते हुए जांच कर सकता है ] ।
ईआरओ/एईआरओ/बीएलओ का िाम/हस्ताक्षर
प्ररूप-6 के साथ लगेगा
प्ररूप-6
(III) बेघर भारतीय नागररक/यौन कमी भारतीय नागररक :- शेर्/फुटपवर् पर रिने ववले
बेघर भवरतीय नवगररक और यौन कमी भवरतीय नवगररक जिनके पवस सविवरण
ननववस कव कोई दस्ट्तववेिी प्रमवण निीं िै , ननववाचक नवमववली में पंिीकरण के
ललए पवत्र िैं बशते वे हदए गए पते पर सविवरण रूप से ननववस कर रिे िों।
(IV) ववद्याथी:- िोस्ट्टल यव मेस यव लॉि में कमोबेश लगवतवर रिने ववले, अपने
सवमवन्य घर यव ननववस के स्ट्र्वन में केवल अल्प अवधियों के ललए िवने ववले
ववद्यवर्ी, यहद वे अन्यर्व पवत्र िों, ऐसे स्ट्र्वन के सविवरण रूप में ननववसी िोने के
रूप में अलभननिवाररत ककए िव सकते िैं ििवं िोस्ट्टल यव मेस अवजस्ट्र्त िै । ऐसे
ववद्यवधर्ायों को िो अपने आपको िोस्ट्टल/मेस में पंिीकृत करववनव चविते िैं प्ररूप
6 के सवर् प्रिवनवध्यवपक/प्रवचवया/ननदे शक/रजिस्ट्रवर/शैक्षखणक संस्ट्र्वओं के र्ीन
द्ववरव ववधिवत रूप से प्रमवखणत यर्वर्ा घोषणव (अनुबंध IV के रूप हदए गए
नमूने के अनुसवर) संलग्न करनी िोगी।
9. फोटोग्रॉफ: ववननदे शन (3.5 सेमी x 3.5 सेमी के सवर् 200 र्ीपीआई ररजॉल्यूशन) कव िवल कव
पवसपोटा सवइि कलर फोटो प्ररूप में इस प्रयोिनवर्ा हदए गए स्ट्र्वन में धचपकवयव िवनव चवहिए। फोटो
कव ननववाचक नवमववली में आवेदक की छवव को मुहित करने और एवपक िवरी करने के ललए इस्ट्तेमवल
ककयव िवएगव। फोटो में आवेदक के लसर और कंिों के ऊपरी भवग कव क्लोि-अप दशवायव िवएगव।
चेिरव धचत्र के ऊध्ववािर आयवम के 75% को लेगव। फोटो शवपा फोकस में िोनव चवहिए, समुधचत चमक
एवं वैषम्य के सवर् लसकुड़न एवं स्ट्यविी के ननशवन से मुक्त उच्च गुणवत्तव की िोनी चवहिए और
ननववाचक के चेिरे की प्रवकृनतक त्वचीय रं गत हदखनी चवहिए और ववलशष्टतवएं सुस्ट्पष्ट रूप में पिचवने
िवने योग्य िोनी चवहिए। यि सिि अलभव्यजक्त एवं बंद मुख के सवर् ननववाचक को सीिे कैमरव दे खते
हदखवएगी। फोटोग्रॉफ ननववाचक को खल
ु ी आंखों में और आंखों को ढं कने ववले ककसी भी
केश/टोपी/टोप/पगड़ी/आवरण/छवयव/प्रनतबबंब आहद के बगैर हदखवएगव। यहद ननववाचक चश्मव पिनतव िै
तो फोटोग्रॉफ को आंखें चश्मों में प्रनतबबंबबत कोई भी रोशनी के बगैर सुस्ट्पष्ट रूप में दशवानी चवहिए।
चश्मों में रं जित लेंस निीं िोने चवहिए और यि सनु नजश्चत ककयव िवएगव कक चश्मों के फ्रेम ननववाचक
की आंखों के ककसी भी हिस्ट्से को निीं कवर करें । फोटोग्रॉफ की समतल, िल्के रं ग की पष्ृ ठभूलम िोनी
चवहिए और ननववाचक के सवर् और कोई व्यजक्त यव वस्ट्तु-दृश्यमवन निी िोनी चवहिए।
10. एवपक:
1. िब कभी भी ककसी भी भवरतीय नवगररक कव नवम ननववाचक नवमववललयों में पिली बवर शवलमल
ककयव िवतव िै, नयव एवपक बबनव ककसी पर्
ृ क आवेदन के स्ट्वमेव िवरी कर हदयव िवएगव और उसे
उधचत पववती के अिीन स्ट्पीर् पोस्ट्ट के मवध्यम से नन:शुल्क र्ेलीवर कर हदयव िवएगव।
2. स्थान पररवनतणत िोने पर प्रनतस्थापन एवपक: यहद आवेदक ने अपनव पतव पररवनतात कर ललयव िै
और ऐसे पररवतान पर प्ररूप 6 यव प्ररूप 8क में आवेदन कर रिव िै तो एवपक नं., यहद उसे
पूवव
ा ती ननववाचन-क्षेत्र/पते पर पिले िी िवरी ककयव गयव िै , कव उपयुक्त स्ट्र्वन पर उल्लेख ककयव
िवनव चवहिए। यहद वि प्रनतस्ट्र्वपन एवपक नए पते पर चवितव िै तो उसे उसके ललए प्ररूप 6 यव
प्ररूप 8क के आिवर पर नए स्ट्र्वन पर पंिीकरण के बवद प्रनतस्ट्र्वपन एवपक के ललए अपेक्षक्षत
शुल्क, एवं पुरवने एवपक के सवर्, प्ररूप एवपक-001 (अनुबंध V के में रूप हदए गए फवमेट के
अनुसवर) में आवेदन करनव चवहिए।
12. घोषणा
(1) “घोषणव” भवग में सभी प्रववजष्टयवं सभी दृजष्टयों से अननववया रूप से परू ी की िवनी
चवहिए। कृपयव वि तवरीख ननहदा ष्ट करें िब से आवेदक वतामवन में हदए गए पते पर
ननववस कर रिव िै । यहद उसे तवरीख यवद न िो तो उस मिीने एवं वषा कव उल्लेख
ककयव िवनव चवहिए िब से वि उस स्ट्र्वन पर ननववस कर रिे िैं। यहद उसकव नवम
ककसी अन्य ननववाचन क्षेत्र की ननववाचक नवमववली में पिले से शवलमल िै तो उस पव
ू व
ा ती
ननववाचन क्षेत्र के नवम कव उल्लेख ककयव िवनव चवहिए। उसके वपछले पते कव पण
ू ा
वववरण भी उपलब्ि करवयव िवनव चवहिए अन्यर्व, उसकव आवेदन प्रवरं लभक चरण में िी
अस्ट्वीकृत ककयव िव सकतव िै । वे ववकल्प िो सुसंगत निीं िैं सवफ-सवफ रूप में कवट
हदए िवने चवहिए। कृपयव नोट करें कक घोषणव अंश में कोई भी गलत कर्न दे नव लोक
प्रनतननधित्व अधिननयम, 1950 की िवरव 31 के अिीन एक दण्र्नीय अपरवि िै ।
(2) सेवव कवलमाक को, िो शवंनत स्ट्र्ल (पीस स्ट्टे शन) में तैनवती के अपने स्ट्र्वन पर
ननववाचक नवमववली में सवमवन्य ननववाचक के रूप में पंिीकरण के ललए आवेदन कर रिव
िै , तो उसे प्ररूप-6 के सवर् एक घोषणव (अनब
ु ंि-। में ) प्रस्ट्तुत करनी िै ।
**********************************************
अनब
ु ध
ं -। (प्ररूप-6 के ललए)
अपनी तैनवती के स्ट्र्वन की ननववाचक नवमववली के भवग में सविवरण ननववाचक के रूप में स्ट्वयं को
पंिीकृत करवने के ललए मैं, .............................................. (बड़े अक्षरों में नवम) ररकवर्ा
कवयवालय/कमवंर्ेंट द्ववरव इस आशय कव िवरी ककयव गयव प्रमवण-पत्र संलग्न कर रिव/रिी िूूँ कक मैं
मैं एतदद्ववरव घोषणव करतव/करती िूूँ कक मैंने ककसी भी ननववाचन-क्षेत्र की ननववाचक नवमववली के
अंनतम भवग में अपने आपको न तो पिले से पंिीकृत करववयव िुआ िै और न िी ककसी भी ननववाचन-क्षेत्र
की ननववाचक-नवमववली के अंनतम भवग में सेवव ननववाचक के रूप में इस प्रकवर के पंिीकरण के ललए
आवेदन ककयव िै ।
मैं यि भी घोषणव करतव/करती िूूँ कक मैं उस ववधि से अवगत िूूँ िो एक िी ननववाचन क्षेत्र में यव
लभन्न-लभन्न ननववाचन क्षेत्रों में एक से अधिक स्ट्र्वनों पर ननववाचक के रूप में पंिीकृत करववने को
ननवषद्ि करतव िै और यहद मेरव नवम लभन्न-लभन्न स्ट्र्वनों पर इस तरि प्रकट िोतव िै तो उन्िें वतामवन
स्ट्र्वन, जिसके ललए प्ररूप 6 प्रस्ट्तत
ु ककयव गयव िै , के लसववय ऐसे सभी स्ट्र्वनों से ववलोवपत कर हदयव
िवए।
रैंक.............................
स्ट्र्वन : .....................
तवरीख : ......................
अनब
ु ध
ं -।। (प्ररूप-6 के ललए)
मैं,................................................................................................................जिसकव नवम
................................................... वविवन सभव ननववाचन क्षेत्र की ननववाचक नवमववली की भवग संख्यव
........................... में क्रम संख्यव ......................... में पंिीकृत िै , ईश्वर के नवम से शपर् लेतव/लेती
िूूँ/सत्यननष्ठव से प्रनतज्ञवन करतव/करती िूूँ कक मेरव पत्र
ु /मेरी पत्र
ु ी/मेरव लशष्य हदनवंक ...........................
01 िनवरी, 20.... की जस्ट्र्नत के अनस ु वर –-- वषा कव/की िै और मेरे सवर् रि रिव/रिी िै ।
स्ट्र्वन :
तवरीख :
मवतव/वपतव/गरु
ु के िस्ट्तवक्षर
घोषणा*
(पिली बार नया पंजीकरण चािने वाले 21+ आयु-समूि के ननवाणचक के ललए)
2. मुझे ववगत में ककसी भी ननववाचन-क्षेत्र में ककसी भी समय कोई भी ननववाचक फोटो
पिचवन कवर्ा (एवपक) िवरी निीं ककयव गयव िै ।
आवेदक के िस्ट्तवक्षर
स्ट्र्वन:
हदनवंक:
(।।) मैं इस बवत से अवगत िूूँ कक ननववाचन ववधि के अिीन एक से अधिक ननववाचन-क्षेत्र की नवमववली में यव
ककसी ननववाचन क्षेत्र में एक से अधिक बवर पंिीकरण करववने की अनुमनत निीं िै और मैं लोक प्रनतननधित्व
अधिननयम, 1950 की िवरव 31 के दवंडर्क उपबंिों से भी अवगत िूूँ िो इस प्रकवर िै :-
“यदद कोई व्यल्तत (क) ककसी ननवाणचक नामावली की तैयारी, पुनरीिण या शुद्थध के, अथवा (ख) ककसी
प्रववल्ष्ट के ककसी ननवाणचक नामावली में सल्ममललत या उसमें अपवल्जणत ककए जाने के संबंध में , ऐसा कथन
या ऐसी घोषणा ललखखत रूप में करे गा जो लमथ्या िै और ल्जसके लमथ्या िोने का या तो उसे ज्ञान िै या
ववश्वास िै या ल्जसके सत्य िोने का उसे ववश्वास निीं िै , तो वि ऐसे कारावास से, ल्जसकी अवथध एक
वषण तक की िो सकेगी, या जुमाणने से या दोनों से दं डनीय िोगा।”
स्थान:
तारीख : (छात्र के िस्तािर)
स्थान:
प्रधानाध्यापक/प्राचायण/रल्जस्रार/ननदे शक/डीन के िस्तािर और मुिर
तारीख :
अनब
ु ंध V(प्ररूप-6 के ललए)
क रवज्य/संघ रवज्य-क्षेत्र :
जिलव:
सत्यवपनकतवा : िस्ट्तवक्षर
हदनवंक: ___/___/200__