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भारत की खोज

पाठ 7,8 और 9

प्रश्न 1-प्रथम विश्ियुद्ध का भारत पर क्या प्रभाि पडा?

उत्तर:प्रथम विश्ियद्
ु ध की समाप्तत पर दे श में राहत और प्रगतत के बजाय
दमनकारी कानून और पंजाब में माशशल लॉ लागू हुआ। जनता में अपमान की
कडिाहट और क्रोध फैल गया। शोषण का बाजार गमश था।

प्रश्न 2-गााँधी जी के व्यप्क्तत्ि पर प्रकाश डाललए ।

उत्तर -गााँधी जी मूलतः धमश-परायणव्यप्क्त थे।उनका कमश संबंधी अिधारणाका ककसी


लसद्धांत, परं परा या कमशकांड से संबंध नहीं था। िे सत्य और अहहंसा के लसद्धांतों
में विश्िास करते थे। उनकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होता था। िे गरीबों
और प्रियों की भलाई के ललए कायश करते थे।

प्रश्न 3-गााँधी जी का आगमन कैसा था?

उत्तर -गााँधी जी का आगमन एक ताजा हिा के झोंके की तरह था। उन्होंने हमें
गहरी सांस लेने योग्य बनाया। गााँधी जी की लशक्षा का सार था तनभशयता और सत्य
और इनसे जुडा कमश । गााँधी जी ने भारत के करोडों लोगों को प्रभावित ककया।

प्रश्न 4- -मोहम्मद अली प्जन्ना के क्या विचार थे?

उत्तर -मोहम्मद अली प्जन्ना की मााँग का आधार एक नया लसद्धांत था- भारत में
दो राष्ट्र हैं- हहंद ू और मुसलमान। इनके दो राष्ट्रों के लसद्धांत से पाककरतान या
भारत के विभाजन की अिधारणा का विकास हुआ, लेककन इससे दो राष्ट्रों की
समरया का हल नहीं हुआ। उन्हीं के विचारों के कारण आजादी के समय भारत दो
भागों भारत और पाककरतान में विभाप्जत हो गया।

प्रश्न 5--'भारत छोडो' प्ररताि कब पाररत हुआ और इसका क्या पररणाम हुआ?
उत्तर- ‘भारत छोडो' प्ररताि 8 अगरत, सन ् 1942 को दे र रात को पाररत हुआ। पूरे
दे श की जनता ने अंग्रेजों का विरोध करना शरू
ु ककया। जैसे ही जनता ने प्रदशशन
ककया िैसे ही अंग्रेज़ सरकार ने जनता का प्रतततनधधत्ि करने िाले नेताओं की
धगरफ्ताररयााँ करनी आरं भ कर दीं। इन्हीं धगरफ्ताररयों में नेहरू जी ि अन्य बडे
नेताओं को अहमदनगरद के ककले में कैद कर हदया।

प्रश्न 6-लेखक ने अकाल के बारे में क्या कहा है ?

उत्तर- ब्रिहटश शासन के 170 िषों में सबसे भयंकर अकाल पडा। इसका प्रभाि
बंगाल तथा पूिी और दक्षक्षणी भारत पर पडा। इसकी तुलना 1766 ई. से 1770 के
दौरान बंगाल और ब्रबहार की भयंकर अकालों से की जा सकती है । इसके बाद
भयंकर महामारी फैली जैसे है जा, मलेररया आहद।

प्रश्न 7-अकाल के दौरान क्या अंतविशरोध हदखाई पड रहे थे?

उत्तर-अकाल के दौरान कलकत्ता की सडकों पर लाशें ब्रबछी पडी थी तो दस


ू री ओर
अमीर तबके के लोग नाच-गाने, राग-रं ग में मरत थे। उनके सामाप्जक जीिन में
कोई पररितशन नहीं आया था। दाितों तथा विलालसता का प्रदशशन हो रहा था।
उनका जीिन उल्लास से भरा था।

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