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नौबतखाने म इबादत

यि त च का सार
यह पाठ बि म ला खाँ के जीवन च पर आधा रत है । इस पाठ म काशी क गौरवशाल सं कृ त, उसके
बदलते व प, बि म ला खाँ के बचपन से लेकर अब तक का जीवन च , उनक मा ताएँ, उनके
दख
ु -सख
ु , उनके च र म व यमान वशेषताओं इ या द का उ लेख कया गया है ।

काशी म हो रहे प रवतन


➽ परं पराओं का लु त होना।
➽ रयाज़ के मह व म कमी।
➽ संगीतकार तथा गायक के स मान म कमी।
➽ ह द ु तथा मु लमान के म य ेम भावना का कम होना।
➽ चैती, अदब तथा कजल का पहले जैसा स मान ना होना।
➽ वयं गायक तथा संगीतकार के म य अपनी कला के त घटता स मान।
➽ काशी म व यमान सा ह य तथा संगीत परं पराओं का वैसा स मान न होना।
➽ काशी म व यमान पारं पा रक यंजन , व तओु ं तथा उनम व यमान वशेषताओं का लु त होना।

पाठ म बताई ग आव यक बात


➽ शहनाई को सु षर वा य यं म शाह क पदवी द गई है ।
➽ मंगल व न बजाने के कारण बि म ला खाँ मंगल व न के नायक कहलाते ह।
➽ िजन वा ययं को मँह ु वारा फँू ककर बजाया जाता है , उ ह सु षर वा य कहते ह। शहनाई इनम से
एक है ।
➽ शहनाई म लगाई जाने वाल ​र ड डुमराँव म ह मलने वाल एक कार क नरकट घास से बनती है ।
इसी गाँव म बि म ला खाँ का भी ज म हुआ था। यह कारण है क डुमराँव का बहुत मह व है ।

बि म ला खाँ क वभावगत वशेषताएँ


➽ सरल
➽ वन
➽ संतोषी
➽ अहं कार र हत
➽ कला के त सम पत
➽ दखावे क व ृ से र हत
➽ अपनी कला से ेम करने वाले
➽ ई वर के त गहर आ था रखने वाले
➽ सभी धम के त आदरभाव रखने वाले

पाठ का उ दे य
➽ बि म ला खाँ के गण
ु को हमारे सम लाना।

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➽ काशी क गौरवशाल सं कृ त से प रचय कराना।
➽ ह द-ु मिु लम एकता को बनाए रखने का यास करना।
➽ खोती हुई कला के त लोग का यान आक षत करवाना।
➽ बि म ला खाँ जैसे महान यि त के गौरवशाल जीवन क झलक दखाना।

पाठ से मलने वाला संदेश / श ाएँ / ेरणा


➽ ई वर का आभार मानने का संदेश।
➽ बि म ला खाँ से गण ु को आ मसात करने का संदेश।
➽ कसी भी काय या कला म महारत हा सल करने के लए कठोर प र म करने का संदेश।
➽ अपनी कला से ेम करने का संदेश। कला को वाथ तथा लालच से दरू रखने का संदेश।
➽ सां दा यक सौहो को मह व दे ने का संदेश। सबके साथ ेम तथा भाईचारे से रहने का संदेश।

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