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1690169993
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समाजवाद :
• ( 42 C.A.A. 1976) 3 Jan. 1977 से लागू |
• समाजवाद से तात्पर्य ऐसी व्र्वस्था से है जजसमें समाज को वरीर्ता दी जाती है और समदु ार् के भौजतक
ससं ाधनों का जनर्त्रं ण व जवतरण समदु ार् के जहत में जकर्ा जाता है ।
• धन के के न्द्रीकरण को रोका जाता है।
• आजथयक जवषमताओ ं को न्द्र्नू तम जकर्ा जाता है। भारत में 'मार्कसयवादी समाजवाद' को नहीं अपनार्ा बजकक
' फे जबर्न समाजवाद' को अपनार्ा जजसमें उदारवाद के साथ लोक ककर्ाणकारी तत्वों को शाजमल जकर्ा
जाता है ।
• "डी. एस. नकारा बनाम भारत संघ" वाद में सवोच्च न्द्र्ार्ालर् ने कहा जक भारतीर् समाजवाद- मार्कसयवाद
व गााँधीवाद का जमश्रण है जो गांधीवाद के ज्र्ादा नजदीक है ।
संववधान के भाग 4 (DPSP) में समाजवाद के अनेक तत्व उपलब्ध हैं।–
अनच्ु छे द 38 में जनदेश है जक राज्र् प्रजतष्ठा, आर्, अवसर और सुजवधाओ ं की असमानता को कम करे गा।
अनच्ु छे द 39 (B) में प्रावधान है जक राज्र् समदु ार् के भौजतक संसाधनों का जवतरण समदु ार् के जहत में करे गा|
अनच्ु छे द 39(c) के अनसु ार राज्र् धन और उत्पादन के साधनों का अजहतकारी सकें रण रोके गा ।
44 C.A.A. 1978 में सपं जि के मल ू अजधकार को समाप्त कर जदर्ा |
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