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तदश नप (2023-24)

हंद (ब) कोड सं या 085


क ा - दसवीं
नधा रत समय :3 घंटे पण
ू ाक :80
सामा य नदश :-
 इस नप म दो खंड ह - खंड 'अ' और 'ब'।
 खंड 'अ' म उप न स हत 45 व तप
ु रक न पूछे गए ह। दए गए नदश का पालन करते
हुए कुल 40 न के उ र द िजए।
 खंड 'ब' म वणना मक न पूछे गए ह, आंत रक वक प भी दए गए ह।
 नदश को बहुत सावधानी से प ढ़ए और उनका पालन क िजए।
 दोन खंड के कुल 18 न ह । दोन खंड के न के उ र दे ना अ नवाय है।
 यथासंभव दोन खंड के न के उ र मशः ल खए।

खंड - अ (व तप
ु रक न)
न 1 न न ल खत ग यांश को यानपूवक पढ़कर इसके आधार पर सवा धक उपयु त उ र वाले
वक प चन
ु कर ल खए- (1×5=5 )

आदमी क पहचान उसक भाषा से होती है और भाषा सं कार से बनती है। िजसके जैसे सं कार ह गे,
वैसी उसक भाषा होगी। जब कोई आदमी भाषा बोलता है , तो साथ म उसके सं कार भी बोलते ह। यह
कारण है क भाषा श क का दा य व बहुत गु तर और चन
ु ौतीपण
ू है । परंपरागत प म श क क
भू मका इन तीन कौशल -- बोलना, पढ़ना और लखना तक सी मत कर द गई है । केवल यां क
कौशल कसी जीती-जागती भाषा का उदाहरण नह ं हो सकते ह। सोचना और महसस
ू करना दो ऐसे
कारक ह, िजनम भाषा सह आकार पाती है। इनके बना भाषा, भाषा नह ं है , इनके बना भाषा सं कार
नह ं बन सकती, इनके बना भाषा यग
ु -यग
ु का लंबा सफ़र तय नह ं कर सकती, इनके बना कोई
भाषा कसी दे श या समाज क धड़कन नह ं बन सकती। केवल सं ेषण ह भाषा नह ं है । दद और
मु कान के बना कोई भाषा जीवंत नह ं हो सकती।

भाषा हमारे समाज के नमाण, वकास, अि मता, सामािजक व सां कृ तक पहचान का भी मह वपण

साधन है। भाषा के बना मनु य पण
ू नह ं है । भाषा म ह हमारे भाव रा य, सं कार, ांतीयता झलकती
है। इस झलक का संबंध यि त क मानवीय संवेदना और मान सकता से भी होता है । िजस यि त
के जीवन का उ दे य और मान सकता िजस तर क होगी, उसक भाषा के श द और मु याथ भी

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उसी तर के ह गे। सा ह यकार ऐसी भाषा को आधार बनाते ह, जो उनके पाठक एवं ोताओं क
संवेदना के साथ एकाकार करने म समथ ह ।

(1) आदमी क पहचान उसक भाषा से होती है , य क-


(A) मनु य क पण
ू ता भाषा वारा ह संभव है ।
(B) यि त के मनोभाव भाषा से ह य त होते ह।
(C) भाषा का चार और वकास कोई रोक नह ं सकता।
(D) दद और मु कान के बना भाषा जी वत नह ं हो सकती।

(2) न न ल खत कथन (A) तथा कारण (R) को यानपव


ू क प ढ़ए। उसके बाद दए गए वक प म
से कोई एक सह वक प चन
ु कर ल खए।
कथन (A) जब कोई आदमी बोलता है, तो साथ म उसके सं कार भी बोलते ह।
कारण (R) : भाषा श क का दा य व बहुत चन
ु ौतीपूण होता है , य क उसे कौशल का वकास
करना होता है ।
(A) कथन (A) तथा कारण (R) दोन गलत है ।
(B) कथन (A) गलत है. ले कन कारण (R) सह है।
(C) कथन (A) सह है , ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है ।
(D) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या करता है ।

(3) ग यांश म सा ह यकार वारा कए गए काय का उ लेख इनम से कौन-से वक प से ात होता


है -
(A) सा ह य समाज का दपण है ।
(B) सा ह यकार सा ह य सज
ृ न म य त रहता है ।
(C) सा ह यकार सामािजक व सां कृ तक पहचान बनाता है ।
(D) सा ह यकार जन सामा य क अि मता का प रचायक होता है ।

(4) 'दद और मस
ु कान के बना भाषा जीवंत नह ं हो सकती।' लेखक वारा ऐसा कथन दशाता है -
(A) यथाथ क समझ (B) सामािजक समरसता
(C) सा ह य- ेम (D) भाषा कौशल

(5) भाषा तब सह आकार पाती है , जब-


(A) मनु य नरं तर उसका अ यास करता रहता है ।

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(B) भाषा को सरकार समथन भी ा त होता है ।
(C) भाषा सामािजक सं थाओं से ो साहन ा त करती है ।
(D) भाषायी कौशल के साथ मनु य सोचता और महसस
ू भी करता है ।

न 2 न न ल खत ग यांश को यानपव
ू क पढ़कर इसके आधार पर सवा धक उपयु त उ र वाले
वक प चन
ु कर ल खए- (1×5=5 )
सा ह य को समाज का त बंब माना गया है अथात समाज का पूण प सा ह य म त बं बत होता रहता है।
अना द काल से सा ह य अपने इसी धम का पूण नवाह करता चला आ रहा है। वह समाज के व भ न प का
च ण कर एक ओर तो हमारे सामने समाज का यथाथ च तत
ु करता है और दस
ू र ओर अपनी खर मेधा
और व थ क पना वारा समाज के व भ न पहलओ
ु ं का ववेचन करता हुआ यह भी बताता है क मानव समाज
क सुख-समृ ध, सुर ा और वकास के लए कौन-सा माग उपादे य है? एक आलोचक के श द म- “क व वा तव
म समाज क यव था, वातावरण, धम-कम, र त-नी त तथा सामािजक श टाचार या लोक यवहार से ह अपने
का य के उपकरण चन
ु ता है और उनका तपादन अपने आदश के अनु प करता है।”

सा ह यकार उसी समाज का त न ध व करता है , िजसम वह ज म लेता है ।वह अपनी सम याओं का सुलझाव,
अपने आदश क थापना अपने समाज के आदश के अनु प ह करता है । िजस सामािजक वातावरण म उसका
ज म होता है , उसी म उसका शार रक, बौ धक और मान सक वकास भी होता है। अत: यह कहना सवथा
असंभव और अ ववेकपूण है क सा ह यकार समाज से पूणतः नरपे या तट थ रह कर सा ह य सज
ृ न करता
है । वा मी क, तल
ु सी, सूर, भारतद ु , ेमचंद आ द का सा ह य इस बात का सवा धक सश त माण है क
सा ह यकार समाज से घ न ठ प से संबंध रखता हुआ ह सा ह य सज
ृ न करता है । समाज क अवहे लना करने
वाला सा ह य णजीवी होता है।

(1)सा ह य समाज का त बंब है य क यह-


( A) समाज क वा त वकता का योतक है।
(B) समाज म लोक यवहार का समथक है।
(C) यि त क सम याओं का नदान करता है ।
(D) सा ह य को दशा दान करता है।

(2) ग यांश दशाता है -


(A) समाज एवं सा ह य का पार प रक संबंध
(B) समाज एवं सा ह य क अवहे लना
(C) सा ह यकार क सज
ृ न शि त
(D) सामािजक श टाचार एवं लोक यवहार

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(3) सा ह य क णभंगुरता का कारण होगा-
(A) सामािजक अव ा (B) सामािजक सम या
(C) सामािजक स भाव (D) सामािजक समरसता

(4) वा मी क, तल
ु सी, सूर के उदाहरण वारा लेखक चाहता है –
(A) भाव सा यता (B) य माण
(C) सहानभ
ु ूत (D) श टाचार

(5) न न ल खत कथन (A) तथा कारण (R) को यानपव


ू क प ढ़ए। उसके बाद दए गए वक प म
से कोई एक सह वक प चन
ु कर ल खए।
कथन (A) - क व अपने का य के उपकरण का तपादन अपने आदश के अनु प करता है ।
कारण (R) क व दय अ य धक संवेदनशील होता है एवं सदै व दे श हत चाहता है ।
(A) कथन (A) तथा कारण (R) दोन गलत है ।
(B) कथन (A) गलत है ले कन कारण (R) सह है ।
(C) कथन (A) सह है ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है ।
(D) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या करता है।

न 3 नदशानस
ु ार ‘पदबंध ' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र
द िजए- (1x4=4)

(1)‘सुलेमान केवल मानव जा त के ह राजा नह ं थे, सारे छोटे -बड़े पशु- प ी के भी हा कम थे।’ रेखां कत
पदबंध का भेद है -
(A) सं ा पदबंध (B) सवनाम पदबंध
(C) या पदबंध (D) वशेषण पदबंध
(2) 'जीने मरने वाले मनु य तो हो सकते ह पर सह अथ म नह ं।'
इस वा य म वशेषण पदबंध होगा -
(A) मनु य तो हो सकते ह (B) सह अथ म नह ं
(C) जीने-मरने वाले मनु य (D) जीने-मरने वाले

(3) या वशेषण पदबंध का उदाहरण छाँ टए -


(A) ' ैि टकल आइ डया ल ट ' के जीवन से आदश धीरे -धीरे पीछे हटने लगते ह।
(B) ‘ ैि टकल आइ डया ल ट ' के जीवन से आदश धीरे -धीरे पीछे हटने लगते ह।
(C) ‘ ैि टकल आइ डया ल ट ' के जीवन से आदश धीरे -धीरे पीछे हटने लगते ह।
(D) ‘ ैि टकल आइ डया ल ट ' के जीवन से आदश धीरे -धीरे पीछे हटने लगते ह।

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(4) ‘अकसर हम या तो गुज़रे हुए दन क ख ट -मीठ याद म उलझे रहते ह या भ व य के रं गीन
सपने दे खते रहते ह ।’ रे खां कत पदबंध का भेद है -
(A) सं ा पदबंध (B) सवनाम पदबंध
(C) वशेषण पदबंध (D) या पदबंध

(5) ' खड़क के बाहर अब असहाय दोन कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते ह। ' रे खां कत
पदबंध का भेद है -
(A) सं ा पदबंध (B) या पदबंध
(C) वशेषण पदबंध (D) या वशेषण पदबंध

न 4 नदशानस
ु ार 'रचना के आधार पर वा य भेद' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से
क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4)

(1) न न ल खत म से उपयु त सरल वा य छाँ टए -


(A) जो कहोगे उसका प रणाम तो भुगतना ह पड़ेगा।
(B) नह
ू ने जब उनक बात सुनी तो दख
ु ी हो मु दत तक रोते रहे ।
(C) दस
ू रे गाँव के यव
ु क के साथ संबंध परं परा के व ध था।
(D) म उनक लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता।

(2) 'जब से कानून भंग का काम शु हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान म नह ं
क गई थी ।'रचना के आधार पर वा य भेद है -
(A) सरल वा य (B) संयु त वा य
(C) म त वा य (D) सामा य वा य

(3) कॉलम 1 कॉलम 2 के साथ सुमे लत क िजए और सह वक प चन


ु कर ल खए
कॉलम 1 कॉलम 2
1 भाई साहब और म कनकौआ लट
ू ने के i संयु त वा य
लए दौड़ रहे थे।

2 य क मुझे और भाईसाहब को ii सरल वा य


कनकौआ लट
ू ना था इसी लए हम दौड़
रहे थे।

3 मझ
ु े कनकौआ लट
ू ना था और भाई iii म वा य
साहब मेरे साथ दौड़ रहे थे।

5|Page
वक प
(A) 1-(iii) , 2-(i) , 3-(ii) (B) 1-(ii) , 2-(iii) , 3-(i)
(C) 1-(i) , 2-(ii) , 3-(iii) (D) 1-(ii) , 2-(i), 3-(iii)

(4) न न ल खत वा य म म त वा य है -
(A) जैसे ह वे घर से बाहर नकले, वैसे ह जोर से धमाका हुआ।
(B) वे लोग घर से बाहर नकले और ज़ोर से धमाका हुआ।
(C) धमाका होते ह घर से बाहर नकले।
(D) उनके घर से नकलते ह ज़ोर से धमाका हुआ।

(5) ' शैल का ढ़ मंत य था क दशक क च क आड़ म हम उथलेपन को उनपर


नह ं थोपना चा हए ।' रचना के आधार पर इस वा य का भेद होगा-
(A) सरल वा य (B) संयु त वा य
(C) म वा य (D) वधानवाचक वा य

न 5 नदशानस
ु ार समास पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र
द िजए- (1x4=4)
(1)'माग यय' श द/सम तपद कौन-से समास का उदाहरण है?
(A) वगु समास (B) कमधारय समास
(C) त पु ष समास (D) अ ययीभाव समास

(2)'महाजन'-सम त पद का व ह होगा -
(A) महान है जो जन (B) महा है जो जन
(C) महान का जन (D) जन क महानता

(3) न न ल खत यु म पर वचार क िजए :


सम तपद समास
i पराधीन i त पु ष समास

ii महा मा ii अ ययीभाव समास

iii नीलकंठ iii बहु ी ह समास

iv स जन iv वगु समास

उपयु त यु म म से कौन-से सह सुमे लत ह –


(A) i और ii (B) iऔर iii (C) ii और iv (D) iii और iv

(4) ' यथाशि त' श द के लए सह समास- व ह और समास का चयन क िजए -

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(A) यथा और शि त - वं व समास (B) यथा क शि त - त पु ष समास
(C) शि त के अनस
ु ार - अ ययीभाव समास (D) यथाथ शि त का धनी अथात
यि त वशेष- बहु ी ह समास

(5) ' तरं गा' का समास व ह एवं भेद होगा -


(A) तीन म रं गा-त पु ष समास
(B) तीन रं ग- वगु समास
(C) तीन रं ग के समान- कमधारय
(D) तीन रं ग वाला अथात भारत का रा वज- बहु ी ह समास
न 6 नदशानस
ु ार मुहावरे पर आधा रत छह बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र
द िजए- (1x4=4)

(1)मुहावरे और अथ के उ चत मेल वाले वक प का चयन क िजए-


(A) तत
ू ी बोलना- मुसीबत म फँसना (B) दध
ू क म खी- अनप
ु योगी
(C) लोहा मानना- क ठन काम करना (D) टूट पड़ना- काम शु करना

(2)'गहर नींद से जाग जाना /होश आना' के लए उपयु त मुहावरा है -


(A) सुध-बुध खोना (B) अलख जगाना
(C) दमाग होना (D) तं ा भंग होना

(3) 'आड़े हाथ लेना' मुहावरे का अथ है -


(A) घमंड करना (B) वरोध करना
(C) खंचाई करना (D) बेराह चलना

(4) रे खां कत अंश के लए कौन-सा मुहावरा यु त करना उ चत रहे गा?


'तू म है या श ु? जहाँ भी जाता हूँ , वह ं मे रे सामने बाधा उ प न कर दे ता है ।'
(A) मज़ा चखवाना (B) द वार खड़ी करना
(C) हावी होना (D) राह न सूझना

(5) सेठ द नदयाल अपने े के जाने-माने यापार ह।.................. के वारा ह उनक गनती चन
ु े
हुए धनवान म होती है ।
र त थान क पू त के लए उपयु त वक प का चयन क िजए ।
(A) सातव आसमान पर होने (B) नतम तक होने

7|Page
(C) हवा म उड़ने (D) दो से चार बनाने के ग णत

(6) 'परे शानी दे खकर घबरा जाना' अथ के लए उपयु त मुहावरा है-


(A) हाथ-पाँव फूल जाना (B) ाण ले ले ना
(C) सर फरना (D) ठं डा पड़ना

न 7 न न ल खत प यांश को पढ़कर पछ
ू े गए न के उ र के लए सह वक प का चयन
क िजए- (1x5=5)
साँस थमती गई, न ज़ ज़मती गई,
फर भी बढ़ते कदम को न कने दया,
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नह ं,
सर हमालय का हमने न झक
ु ने दया,
मरते-मरते रहा बाँकपन सा थयो,
अब तु हारे हवाले वतन सा थयो।
िज़ंदा रहने के मौसम बहुत ह मगर
जान दे ने क त रोज़ आती नह ं
हु न और इ क दोन को सवा करे
वो जवानी जो खँू म नहाती नह ं,
आज धरती बनी है दल
ु हन सा थयो
अब तु हारे हवाले वतन सा थयो !

(1) 'सर हमालय का हमने न झक


ु ने दया' का अथ है -
(A) हमालय को सजाना (B) हमालय क हफाज़त करना
(C) भारत के गौरव को बनाए रखना (D) भारत का गण
ु गान करना

(2) क व वारा 'सा थयो' संबोधन का योग......... के लए कया गया है ।


(A) क वय
(B) शह द
(C) सै नक
(D) दे शवा सय

(3) 'मरते-मरते रहा बाँकपन सा थयो' क व ने ऐसा कहा है य क-

8|Page
(A) सै नक धरती को द ु हन क तरह सजा हुआ दे खकर स न हो गए।
(B) सै नक ने मातभ
ृ ू म क र ा हे तु जोश और साहस से यु ध कया।
(C) दे शवा सय को बार-बार पुकारकर सै नक ने उनम दे शभि त का भाव जगाया।
(D) सै नक ने कभी भी टे ढ़ेपन से बातचीत नह ं क , दे श र ा ह एकमा उ दे य रहा।

(4) 'जान दे ने क त रोज़ आती नह ं' का भाव है -


(A) सै नक के दय म जी वत रहने क इ छा नह ं
(B) जी वत रहने का समय आनंददायक होना चा हए
(C) आ म ब लदान वारा भी दे श क र ा के लए त पर
(D) जीवन और मरण सब कुछ ई वर क इ छा पर नभर

(5) इस का यांश का संदेश यह है क हम -


(A) हु न और इ क को सवा करना चा हए
(B) दे श को दस
ू र के हवाले कर दे ना चा हए
(C) धरती को दल
ु हन क तरह सजाना चा हए
(D) दे श पर कुबान होने के लए तैयार रहना चा हए

न 8 न न ल खत न के उ र दे ने के लए उ चत वक प का चयन क िजए – (1x2=2)


(1)तोप के अतीत और वतमान का वणन करने के उपरांत क व ने एक मह वपूण संदेश दया है क
(A) ि थ त सदै व एक जैसी नह ं रहती।
(B) गौरै या जैसे प ी भी खेलते ह।
(C) कंपनी बाग म भी सजावट क गई है ।
(D)तोप बड़े-बड़े यो धाओं के पसीने छुटा दे ती है ।

(2) न न ल खत कथन पर वचार क िजए और उपयु त कथन चु नए।


(A) पशु व ृ को बनाए रखना ह सुमृ यु है ।
(B) स ची मनु यता ह सुमृ यु के समान है।
(C) सुम ृ यु वह है िजसम यि त को क ट न हो।
(D) सुमृ यु वह है िजसे मरने के बाद भी लोग याद कर।

न 9 न न ल खत ग यांश को पढ़कर पूछे गए न के उ र के लए सह वक प का चयन


क िजए- (1x5=5)

9|Page
ोध म उसने तलवार नकाल और कुछ वचार करता रहा। ोध लगातार अि न क तरह बढ़ रहा था।
लोग सहम उठे । एक स नाटा-सा खंच गया। जब कोई राह न सूझी तो ोध का शमन करने के लए
उसम शि त भर उसे धरती म घ प दया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा।
सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ़ खींचते-खींचते दरू तक पहुँच गया। वह हाँफ रहा था।
अचानक जहाँ तक लक र खंच गई थी. वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ म बँटने लगी
हो। एक गड़गड़ाहट-सी गँज
ू ने लगी और लक र क सीध म धरती फटती ह जा रह थी। वीप के
अं तम सरे तक तताँरा धरती को मानो ोध म काटता जा रहा था। सभी भयाकुल हो उठे । लोग ने
ऐसे य क क पना न क थी, वे सहर उठे । उधर वामीरो फटती हुई धरती के कनारे चीखती हुई
दौड़ रह थी - तताँरा.... तताँरा....तताँरा उसक क ण चीख मानो गड़गड़ाहट म डूब गई। तताँरा
दभ
ु ा यवश दस
ू र तरफ़ था। वीप के अं तम सरे तक धरती को चाकता वह जैसे ह अं तम छोर पर
पहुँचा, वीप दो टुकड़ म वभ त हो चक
ु ा था। एक तरफ़ तताँरा था दस
ू र तरफ़ वामीरो।

(1) लोग का सहम जाना कस बात का प रचायक है ?


(A) भय (B) क णा (C) ोध (D) स नता

(2) तताँरा को कोई राह न सझ


ू ने के कारण पर वचार क िजए और उ चत वक प का चयन क िजए।
(i) आ मसमपण का भाव
(ii) वामीरो से अ य धक ेम
(iii) तलवार क दै वीय शि त
(iv) गाँव वाल के त रोष

(A) (i) और (iii) (B) (i), (iii), (iv)


(C) केवल (iii) (D) (ii) और (iv)

(3) न न ल खत कथन- कारण को पढ़कर उ चत वक प का चयन क िजए।


कथन (A)लोग ने ऐसे य क क पना न क थी।
कारण (R) ामवा सय ने यह कदा प न सोचा था क तताँरा क त या इतनी वनाशकार स ध
हो सकती है ।
(A) कथन (A) तथा कारण (R) दोन गलत है ।
(B) कथन (A) गलत है ले कन कारण (R) सह है ।
(C) कथन (A) सह है ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है ।
(D) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या करता है।

10 | P a g e
(4) तताँरा और वामीरो अलग कैसे हुए?
(A) अपमान के डर से (B) गाँव वाल के दबाव म
(C) पशु मेले क भीड़ के कारण (D) भू म के दो भाग म कटने से

(5)ग यांश के आधार पर न न ल खत म से कौन-सा वचार मेल खाता है -


(A) जो मनु य अपने ोध को अपने वश म कर लेता है , वह दस
ू र के ोध से वयंमेव बच जाता है।
- सुकरात
(B) ोध म मनु य अपने मन क बात नह ं कहता, वह केवल दस
ू र का दल दख
ु ाना चाहता है । -
ेमचंद
(C) वह आदमी वा तव म बु धमान है जो ोध म भी गलत बात मँह
ु से नह ं नकालता। - शेखसाद
(D) ई या, लोभ, ोध एवं कठोर वचन - इन चार से सदा बचते रहना ह व तत
ु ः धम है। - त व लव
ु र

न 10 न न ल खत न के उ र दे ने के लए उ चत वक प का चयन क िजए - (1x2=2)

(1) िन िल खत म से कौन-से वा 'डायरी का एक प ा ' से मेल खाते ह-


(i) परु ानी स यता के बारे म यादा क से-कहा नयाँ सन
ु ने को मलते ह।
(ii) एक संग ठत समाज कृत संक प हो तो वह कुछ भी कर सकता है ।
(iii) यह पाठ हमारे ां तका रय क याद दलाता है और दे शभि त का भाव भरता है ।
(iv)26 जनवर 1930 को गल
ु ाम भारत म पहल बार वतं ता दवस मनाया गया था।
(A) केवल (i)
(B) (i) और (ii)
(C) केवल (iv)
(D) (ii),(iii),(iv)

(2) वा लयर से मंब


ु ई के बीच लेखक ने एक बदलाव महसस
ू कया क -
(A) ब ती ने जंगल का प ले लया है ।
(B) जंगल ने ब ती का प ले लया है ।
(C) वस वा नाम का शहर बस गया है ।
(D) पशु-प ी जंगल को छोड़कर चले गए ह।

खंड - ब (वणना मक न)
न 11 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए –
(3x2=6)

11 | P a g e
(1) प रवार के अनभ
ु वी जन वारा द गई सीख भ व य नमाण म सहायक स ध होती है । आपके
वारा पश पा यपु तक म पढ़े गए पाठ के मा यम से भी है यह ात होता है। कहानी के पा के
मा यम से कथन को स ध क िजए।

(2)पा य म म पढ़ एकांक वारा स ध क िजए क मु ठ भर आदमी भी बड़ी फ़ौज पर काबू पा


सकते ह।
(3)आशय प ट क िजए- ' यथा आदमी को परािजत नह ं करती उसे आगे बढ़ने का संदेश दे ती है ।'

न 12 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए –
(3x2=6)
(1)कबीर ने नंदक को पास रखने क सलाह य द है ? या यह सलाह आपको उ चत तीत होती है ? कारण
स हत प ट क िजए।
(2) आपके वारा इस पा य म म पढ़ गई कस क वता क अं तम पंि तयाँ आपको सवा धक भा वत
करती ह और य ? अपने वचार य त क िजए।
(3) रवीं नाथ ठाकुर और मीरा क भि त का तल
ु ना मक व लेषण क िजए।

न 13 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए –
(3x2=6)
(1) ठाकुर ह रनाम संह के तीन लड़क को एहसास था क वे कले टर के बेटे ह। लेखक वारा ऐसा
कहा जाना ठाकुर ह रनाम संह के तीन बेट और टोपी के वषय म कस वचारधारा को प ट
करता है।'टोपी शु ला' पाठ के आधार पर ल खए।
(2) “उनक इस ि थ त म मुझे चं तत कर दया है । जैसे कोई नाव बीच मझधार म फँसी हो और उस
पर सवार लोग च ला कर भी अपनी र ा ना कर सकते हो य क उनक च लाहट दरू तक फैले
सागर के बीच उठती गरती लहर म वल न हो जाने क अ त र त कर ह या सकती है।“'ह रहर
काका' पाठ से उ धत
ृ लेखक के इस कथन क संदभ स हत ववेचना क िजए।
(3)'सपन के से दन' पाठ के आधार पर बताइए क कूल क छु टय के शु और आ खर दन म
ब च क ि ट म या अंतर होता था? या यह ि थ त आपक भी होती है ? अपने वचार ल खए।

न 14 न न ल खत म से कसी एक वषय पर संकेत- बंदओ


ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म
अनु छे द ल खए - (5x1=5)
(1) कृ त क र ा मानव क सुर ा
•मनु य कृ त का अंग • कृ त से खलवाड़ •द ु भाव और दरू करने के उपाय
(2) जी वट और भारत

12 | P a g e
• जी 20 या है? •गठन का कारण •कायशैल और भारत क भू मका
(3) करत-करत अ यास के जड़म त होत सुजान
•सिू त का आशय •जीवन म अ यास का मह व •सफलता का मल
ू मं

न 15 (1) आप व यालय के हंद संघ के स चव रजत च टोपा याय और वेता च टोपा याय
ह।अपने व यालय के धानाचाय को प ल खए िजसम पु तकालय म हंद क अ छ पु तक व
प काएँ मँगवाने के लए नवेदन कया गया हो। ( श द-सीमा - लगभग 100 श द)
(5x1=5)
अथवा
(2) आप शौय शमा /शारवी शमा ह। नवभारत टाइ स के संपादक को प ल खए िजसम सड़क
दघ
ु टनाओं को रोकने के सझ
ु ाव ह । (श द-सीमा - लगभग 100 श द)

न 16 न न ल खत म से कसी एक वषय पर लगभग 60 श द म सच


ू ना ल खए –
(4x1=4)
(1) व यालय वारा च क सा जाँच श वर का आयोजन कया जा रहा है । वा य संगठन के
स चव होने के नाते क ा छठ से बारहवीं तक के सभी व या थय को काय म के ववरण स हत
इसक सच
ू ना दान क िजए।
अथवा
(2)सं कृ त लब क ओर से 'एक भारत े ठ भारत' काय म को बढ़ावा दे ने के लए सां कृ तक
काय म का आयोजन कया जा रहा है । इसक जानकार दे ते हुए तथा सहभा गता के लए े रत
करते हुए अ य क ओर से सच
ू ना ल खए।

न 17 न न ल खत म से कसी एक वषय पर लगभग 40 श द म व ापन तैयार क िजए-


(3x1=3)
(1) योग को बढ़ावा दे ते हुए एक आकषक व ापन लगभग 40 श द म तैयार क िजए।
अथवा
(2) अंतररा य पोषक अनाज वष 2023 के चार- सार के लए एक आकषक व ापन लगभग 40
श द म तैयार क िजए।

न 18 (1) 'प चाताप' वषय पर लघक


ु था लगभग 100 श द म ल खए।
(5x1=5)
अथवा

13 | P a g e
(2) आपके बक खाते म गलती से 5000 पये क रा श अ धक आ गई है। इसक जानकार बक
अ धकार को ईमेल लखकर द िजए। (श द-सीमा लगभग 100श द)

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14 | P a g e

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