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HindiCourseB SQP
HindiCourseB SQP
खंड - अ (व तप
ु रक न)
न 1 न न ल खत ग यांश को यानपूवक पढ़कर इसके आधार पर सवा धक उपयु त उ र वाले
वक प चन
ु कर ल खए- (1×5=5 )
आदमी क पहचान उसक भाषा से होती है और भाषा सं कार से बनती है। िजसके जैसे सं कार ह गे,
वैसी उसक भाषा होगी। जब कोई आदमी भाषा बोलता है , तो साथ म उसके सं कार भी बोलते ह। यह
कारण है क भाषा श क का दा य व बहुत गु तर और चन
ु ौतीपण
ू है । परंपरागत प म श क क
भू मका इन तीन कौशल -- बोलना, पढ़ना और लखना तक सी मत कर द गई है । केवल यां क
कौशल कसी जीती-जागती भाषा का उदाहरण नह ं हो सकते ह। सोचना और महसस
ू करना दो ऐसे
कारक ह, िजनम भाषा सह आकार पाती है। इनके बना भाषा, भाषा नह ं है , इनके बना भाषा सं कार
नह ं बन सकती, इनके बना भाषा यग
ु -यग
ु का लंबा सफ़र तय नह ं कर सकती, इनके बना कोई
भाषा कसी दे श या समाज क धड़कन नह ं बन सकती। केवल सं ेषण ह भाषा नह ं है । दद और
मु कान के बना कोई भाषा जीवंत नह ं हो सकती।
भाषा हमारे समाज के नमाण, वकास, अि मता, सामािजक व सां कृ तक पहचान का भी मह वपण
ू
साधन है। भाषा के बना मनु य पण
ू नह ं है । भाषा म ह हमारे भाव रा य, सं कार, ांतीयता झलकती
है। इस झलक का संबंध यि त क मानवीय संवेदना और मान सकता से भी होता है । िजस यि त
के जीवन का उ दे य और मान सकता िजस तर क होगी, उसक भाषा के श द और मु याथ भी
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उसी तर के ह गे। सा ह यकार ऐसी भाषा को आधार बनाते ह, जो उनके पाठक एवं ोताओं क
संवेदना के साथ एकाकार करने म समथ ह ।
(4) 'दद और मस
ु कान के बना भाषा जीवंत नह ं हो सकती।' लेखक वारा ऐसा कथन दशाता है -
(A) यथाथ क समझ (B) सामािजक समरसता
(C) सा ह य- ेम (D) भाषा कौशल
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(B) भाषा को सरकार समथन भी ा त होता है ।
(C) भाषा सामािजक सं थाओं से ो साहन ा त करती है ।
(D) भाषायी कौशल के साथ मनु य सोचता और महसस
ू भी करता है ।
न 2 न न ल खत ग यांश को यानपव
ू क पढ़कर इसके आधार पर सवा धक उपयु त उ र वाले
वक प चन
ु कर ल खए- (1×5=5 )
सा ह य को समाज का त बंब माना गया है अथात समाज का पूण प सा ह य म त बं बत होता रहता है।
अना द काल से सा ह य अपने इसी धम का पूण नवाह करता चला आ रहा है। वह समाज के व भ न प का
च ण कर एक ओर तो हमारे सामने समाज का यथाथ च तत
ु करता है और दस
ू र ओर अपनी खर मेधा
और व थ क पना वारा समाज के व भ न पहलओ
ु ं का ववेचन करता हुआ यह भी बताता है क मानव समाज
क सुख-समृ ध, सुर ा और वकास के लए कौन-सा माग उपादे य है? एक आलोचक के श द म- “क व वा तव
म समाज क यव था, वातावरण, धम-कम, र त-नी त तथा सामािजक श टाचार या लोक यवहार से ह अपने
का य के उपकरण चन
ु ता है और उनका तपादन अपने आदश के अनु प करता है।”
सा ह यकार उसी समाज का त न ध व करता है , िजसम वह ज म लेता है ।वह अपनी सम याओं का सुलझाव,
अपने आदश क थापना अपने समाज के आदश के अनु प ह करता है । िजस सामािजक वातावरण म उसका
ज म होता है , उसी म उसका शार रक, बौ धक और मान सक वकास भी होता है। अत: यह कहना सवथा
असंभव और अ ववेकपूण है क सा ह यकार समाज से पूणतः नरपे या तट थ रह कर सा ह य सज
ृ न करता
है । वा मी क, तल
ु सी, सूर, भारतद ु , ेमचंद आ द का सा ह य इस बात का सवा धक सश त माण है क
सा ह यकार समाज से घ न ठ प से संबंध रखता हुआ ह सा ह य सज
ृ न करता है । समाज क अवहे लना करने
वाला सा ह य णजीवी होता है।
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(3) सा ह य क णभंगुरता का कारण होगा-
(A) सामािजक अव ा (B) सामािजक सम या
(C) सामािजक स भाव (D) सामािजक समरसता
(4) वा मी क, तल
ु सी, सूर के उदाहरण वारा लेखक चाहता है –
(A) भाव सा यता (B) य माण
(C) सहानभ
ु ूत (D) श टाचार
न 3 नदशानस
ु ार ‘पदबंध ' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र
द िजए- (1x4=4)
(1)‘सुलेमान केवल मानव जा त के ह राजा नह ं थे, सारे छोटे -बड़े पशु- प ी के भी हा कम थे।’ रेखां कत
पदबंध का भेद है -
(A) सं ा पदबंध (B) सवनाम पदबंध
(C) या पदबंध (D) वशेषण पदबंध
(2) 'जीने मरने वाले मनु य तो हो सकते ह पर सह अथ म नह ं।'
इस वा य म वशेषण पदबंध होगा -
(A) मनु य तो हो सकते ह (B) सह अथ म नह ं
(C) जीने-मरने वाले मनु य (D) जीने-मरने वाले
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(4) ‘अकसर हम या तो गुज़रे हुए दन क ख ट -मीठ याद म उलझे रहते ह या भ व य के रं गीन
सपने दे खते रहते ह ।’ रे खां कत पदबंध का भेद है -
(A) सं ा पदबंध (B) सवनाम पदबंध
(C) वशेषण पदबंध (D) या पदबंध
(5) ' खड़क के बाहर अब असहाय दोन कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते ह। ' रे खां कत
पदबंध का भेद है -
(A) सं ा पदबंध (B) या पदबंध
(C) वशेषण पदबंध (D) या वशेषण पदबंध
न 4 नदशानस
ु ार 'रचना के आधार पर वा य भेद' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से
क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4)
(2) 'जब से कानून भंग का काम शु हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान म नह ं
क गई थी ।'रचना के आधार पर वा य भेद है -
(A) सरल वा य (B) संयु त वा य
(C) म त वा य (D) सामा य वा य
3 मझ
ु े कनकौआ लट
ू ना था और भाई iii म वा य
साहब मेरे साथ दौड़ रहे थे।
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वक प
(A) 1-(iii) , 2-(i) , 3-(ii) (B) 1-(ii) , 2-(iii) , 3-(i)
(C) 1-(i) , 2-(ii) , 3-(iii) (D) 1-(ii) , 2-(i), 3-(iii)
(4) न न ल खत वा य म म त वा य है -
(A) जैसे ह वे घर से बाहर नकले, वैसे ह जोर से धमाका हुआ।
(B) वे लोग घर से बाहर नकले और ज़ोर से धमाका हुआ।
(C) धमाका होते ह घर से बाहर नकले।
(D) उनके घर से नकलते ह ज़ोर से धमाका हुआ।
न 5 नदशानस
ु ार समास पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र
द िजए- (1x4=4)
(1)'माग यय' श द/सम तपद कौन-से समास का उदाहरण है?
(A) वगु समास (B) कमधारय समास
(C) त पु ष समास (D) अ ययीभाव समास
(2)'महाजन'-सम त पद का व ह होगा -
(A) महान है जो जन (B) महा है जो जन
(C) महान का जन (D) जन क महानता
iv स जन iv वगु समास
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(A) यथा और शि त - वं व समास (B) यथा क शि त - त पु ष समास
(C) शि त के अनस
ु ार - अ ययीभाव समास (D) यथाथ शि त का धनी अथात
यि त वशेष- बहु ी ह समास
(5) सेठ द नदयाल अपने े के जाने-माने यापार ह।.................. के वारा ह उनक गनती चन
ु े
हुए धनवान म होती है ।
र त थान क पू त के लए उपयु त वक प का चयन क िजए ।
(A) सातव आसमान पर होने (B) नतम तक होने
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(C) हवा म उड़ने (D) दो से चार बनाने के ग णत
न 7 न न ल खत प यांश को पढ़कर पछ
ू े गए न के उ र के लए सह वक प का चयन
क िजए- (1x5=5)
साँस थमती गई, न ज़ ज़मती गई,
फर भी बढ़ते कदम को न कने दया,
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नह ं,
सर हमालय का हमने न झक
ु ने दया,
मरते-मरते रहा बाँकपन सा थयो,
अब तु हारे हवाले वतन सा थयो।
िज़ंदा रहने के मौसम बहुत ह मगर
जान दे ने क त रोज़ आती नह ं
हु न और इ क दोन को सवा करे
वो जवानी जो खँू म नहाती नह ं,
आज धरती बनी है दल
ु हन सा थयो
अब तु हारे हवाले वतन सा थयो !
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(A) सै नक धरती को द ु हन क तरह सजा हुआ दे खकर स न हो गए।
(B) सै नक ने मातभ
ृ ू म क र ा हे तु जोश और साहस से यु ध कया।
(C) दे शवा सय को बार-बार पुकारकर सै नक ने उनम दे शभि त का भाव जगाया।
(D) सै नक ने कभी भी टे ढ़ेपन से बातचीत नह ं क , दे श र ा ह एकमा उ दे य रहा।
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ोध म उसने तलवार नकाल और कुछ वचार करता रहा। ोध लगातार अि न क तरह बढ़ रहा था।
लोग सहम उठे । एक स नाटा-सा खंच गया। जब कोई राह न सूझी तो ोध का शमन करने के लए
उसम शि त भर उसे धरती म घ प दया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा।
सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ़ खींचते-खींचते दरू तक पहुँच गया। वह हाँफ रहा था।
अचानक जहाँ तक लक र खंच गई थी. वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ म बँटने लगी
हो। एक गड़गड़ाहट-सी गँज
ू ने लगी और लक र क सीध म धरती फटती ह जा रह थी। वीप के
अं तम सरे तक तताँरा धरती को मानो ोध म काटता जा रहा था। सभी भयाकुल हो उठे । लोग ने
ऐसे य क क पना न क थी, वे सहर उठे । उधर वामीरो फटती हुई धरती के कनारे चीखती हुई
दौड़ रह थी - तताँरा.... तताँरा....तताँरा उसक क ण चीख मानो गड़गड़ाहट म डूब गई। तताँरा
दभ
ु ा यवश दस
ू र तरफ़ था। वीप के अं तम सरे तक धरती को चाकता वह जैसे ह अं तम छोर पर
पहुँचा, वीप दो टुकड़ म वभ त हो चक
ु ा था। एक तरफ़ तताँरा था दस
ू र तरफ़ वामीरो।
10 | P a g e
(4) तताँरा और वामीरो अलग कैसे हुए?
(A) अपमान के डर से (B) गाँव वाल के दबाव म
(C) पशु मेले क भीड़ के कारण (D) भू म के दो भाग म कटने से
खंड - ब (वणना मक न)
न 11 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए –
(3x2=6)
11 | P a g e
(1) प रवार के अनभ
ु वी जन वारा द गई सीख भ व य नमाण म सहायक स ध होती है । आपके
वारा पश पा यपु तक म पढ़े गए पाठ के मा यम से भी है यह ात होता है। कहानी के पा के
मा यम से कथन को स ध क िजए।
न 12 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए –
(3x2=6)
(1)कबीर ने नंदक को पास रखने क सलाह य द है ? या यह सलाह आपको उ चत तीत होती है ? कारण
स हत प ट क िजए।
(2) आपके वारा इस पा य म म पढ़ गई कस क वता क अं तम पंि तयाँ आपको सवा धक भा वत
करती ह और य ? अपने वचार य त क िजए।
(3) रवीं नाथ ठाकुर और मीरा क भि त का तल
ु ना मक व लेषण क िजए।
न 13 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए –
(3x2=6)
(1) ठाकुर ह रनाम संह के तीन लड़क को एहसास था क वे कले टर के बेटे ह। लेखक वारा ऐसा
कहा जाना ठाकुर ह रनाम संह के तीन बेट और टोपी के वषय म कस वचारधारा को प ट
करता है।'टोपी शु ला' पाठ के आधार पर ल खए।
(2) “उनक इस ि थ त म मुझे चं तत कर दया है । जैसे कोई नाव बीच मझधार म फँसी हो और उस
पर सवार लोग च ला कर भी अपनी र ा ना कर सकते हो य क उनक च लाहट दरू तक फैले
सागर के बीच उठती गरती लहर म वल न हो जाने क अ त र त कर ह या सकती है।“'ह रहर
काका' पाठ से उ धत
ृ लेखक के इस कथन क संदभ स हत ववेचना क िजए।
(3)'सपन के से दन' पाठ के आधार पर बताइए क कूल क छु टय के शु और आ खर दन म
ब च क ि ट म या अंतर होता था? या यह ि थ त आपक भी होती है ? अपने वचार ल खए।
12 | P a g e
• जी 20 या है? •गठन का कारण •कायशैल और भारत क भू मका
(3) करत-करत अ यास के जड़म त होत सुजान
•सिू त का आशय •जीवन म अ यास का मह व •सफलता का मल
ू मं
न 15 (1) आप व यालय के हंद संघ के स चव रजत च टोपा याय और वेता च टोपा याय
ह।अपने व यालय के धानाचाय को प ल खए िजसम पु तकालय म हंद क अ छ पु तक व
प काएँ मँगवाने के लए नवेदन कया गया हो। ( श द-सीमा - लगभग 100 श द)
(5x1=5)
अथवा
(2) आप शौय शमा /शारवी शमा ह। नवभारत टाइ स के संपादक को प ल खए िजसम सड़क
दघ
ु टनाओं को रोकने के सझ
ु ाव ह । (श द-सीमा - लगभग 100 श द)
13 | P a g e
(2) आपके बक खाते म गलती से 5000 पये क रा श अ धक आ गई है। इसक जानकार बक
अ धकार को ईमेल लखकर द िजए। (श द-सीमा लगभग 100श द)
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14 | P a g e