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KEY - ANSWER

Pre Board Examination-I


2021-2022 (Term-2)
Grade : X Marks : 40
Subject : Hindi -‘B’ Time : 2 Hrs.

सामान्य निर्देश :
● इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं - खंड ‘ क ‘ और ‘ख’ l
● खंड ‘क’ में कु ल 3 प्रश्न है l दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उत्तर दीजिए l
● खंड ‘ख’ में कु ल 5 प्रश्न है l दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उत्तर दीजिए l
● प्रत्येक प्रश्न को ध्यान पूर्वक पढ़ते हुए यथासंभव क्रमानुसार उत्तर लिखिए l

खंड - क
(पाठ्यपुस्तक /पूरक पाठ्यपुस्तक)

प्रश्न I. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए l ( 2x2=4)
(क) ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता के आधार पर ‘टू ट पड़ा भू पर अंबर’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए l
Ans :-- जब पहाड़ी इलाकों में मूसलधार (भारी) बारिश होती है तो कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है कि मानो आसमान ही धरती पर टू ट पड़ा है क्योंकि चारों
तरफ बारिश के अतिरिक्त कु छ भी दिखाई नहीं देता और भय से विशाल शाल के पेड़ ज़मीन के में धँस गए हो ऐसा लगने लगता है l

(ख) ‘टी-सेरेमनी’ से क्या-क्या लाभ हैं ? स्पष्ट कीजिए l


Ans :-- जापान में प्रचलित टी- सेरेमनी वास्तव में ध्यान की एक प्रक्रिया है l उसका प्रमुख उद्देश्य लोगों को भाग- दौड़ भरे जीवन से कु छ देर शांत और
एकांत वातावरण में ले जाना है l असीम शांति के अंतर्गत धीरे- धीरे व्यक्ति वर्तमान को महसूस करने लगता है l कु छ समय के लिए वह भूत और भविष्य को
भूल जाता है l दिमाग के उथल - पुथल विचारों का आवागमन रुक जाता है और दिमाग को शांति और सुकू न मिलता है l इस प्रकार यह आयोजन तनावग्रस्त
जीवन में से कु छ चैन भरे पल जीने का उपहार देता है l

(ग) मैथिलीशरण गुप्त ने गर्वरहित जीवन बिताने के लिए क्या तर्क दिए हैं ?
Ans :-- मैथिलीशरण गुप्त ने गर्वरहित जीवन बिताने के लिए तर्क देते हुए कहा है कि धन एक तुच्छ वस्तु है, जो आता है और जाता है l अतः उसका गर्व
नहीं करना चाहिए l हमें अपने सनाथ होने का भी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस संसार में ईश्वर के होते हुए कोई भी अनाथ नहीं है l इस प्रकार जो
धैर्यशाली हैं, वह दूसरों के काम आते हैं तथा जो अभिमानरहित हैं, वही मनुष्य कहलाने के योग्य है l

प्रश्न 2. निम्नलिखित 2 प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 60-70 शब्दों में लिखिए l (4x1=4)
(क) कै प्टन विक्रम बत्रा जब पहली जून 1999 को कारगिल युद्ध के लिए गए तो उनके कं धों पर राष्ट्रीय श्रीनगर-लेह मार्ग के बिलकु ल ठीक ऊपर महत्वपूर्ण चोटी
5140 को दुश्मन फौज से मुक्त करवाने की जिम्मेदारी थी। युद्ध के दौरान घायल लेफ्टिनेंट नवीन को बचाते हुए जब एक गोली विक्रम बत्रा के सीने में लगी तो भारत माँ के
इस लाल ने भारत माता की जय कहते हुए अंतिम सांस ली, इससे आहत सभी सैनिक गोलियों की परवाह किए बिना दुश्मन पर टू ट पड़े और चोटी 4875 को आखिरकार
फतह किया।

उपर्युक्त घटना और ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता से हमें यह पता चलता है कि एक देशभक्त सैनिक बलिदान के पलों को जश्न की तरह मनाता है, शहीद होना
उसके लिए जश्न होती है l सैनिकों द्वारा बलिदान के पलों को जश्न की तरह मनाने के पीछे कौन-सी भावना व गुण कार्य करते हैं, विचार करके बताइए l
Ans :-- उपर्युक्त घटना और ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता से हमें यह पता चलता है कि एक देशभक्त सैनिक बलिदान के पलों को जश्न की तरह मनाता है l
एक सच्चा सैनिक देश के लिए अपने जीवन का बलिदान करने को अपना परम धर्म तथा पुनीत कर्तव्य मानता है l वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में रहते हुए
भी देश की सुरक्षा में कमियां नहीं आने देते l वह सगाई में भारत माता के शत्रुओं से भारत माता की रक्षा के लिए तत्पर रहता है l वह मानसिक रूप से देश के
लिए अपने प्राणों का बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहता है l मरते समय भी उसे न तो मरने का दुख होता है न ही उसके जोश में कमी आती है क्योंकि
सैनिक को इस बात का गर्व रहता है कि उसे अपना परम कर्तव्य निर्वाह करने का शुभ अवसर मिला जिसे उसने पूरी ईमानदारी से निभाया और जोश और उत्साह
के साथ जश्न की तरह मनाएं तभी जीत का जश्न मनाने का अवसर मिलता है l

(ख) देशभक्ति किसी के लिए उसके देश के प्रति प्यार और निष्ठा और अपने नागरिकों के साथ गठबंधन की भावना को प्रकट करता है l 'कारतूस' पाठ के
आधार पर उदहारण के साथ स्पष्ट कीजिए कि जाँबाज तथा एक सच्चा देशभक्त वज़ीर अली के जीवन का लक्ष्य अंग्रेज़ों को इस देश से बाहर करना था।
Ans :-- जाँबाज़ वज़ीर अली अत्यंत साहसी, वीर तथा पराक्रमी था l वह अवध के नवाब आसिफ़उद्दौला का बेटा था l वह जब स्वयं अवध के तख्त़ पर
बैठा था, तो मात्र पाँच महीने के शासन में ही उसने अवध के दरबार को अंग्रेज़ी प्रभाव से पूर्णतया मुक्त कर दिया था l उसके अंग्रेज़ विरोधी कार्य को देखते हुए
अंग्रेजों ने अपने षड्यंत्रों द्वारा उसे तख्त़ से हटाकर उसके पिता के भाई सआदत अली को नवाब घोषित कर दिया था l वज़ीर अली ने विषम परिस्थितियों से भी
हार नहीं मानी तथा वह सदैव अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए प्रयत्नशील रहा l उसने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिंदुस्तान पर आक्रमण करने का
आमंत्रण दिया ताकि अंग्रेज़ों की शक्ति तथा सैन्य बल क्षीण हो सके l वह लगातार अपने बहादुर सिपाहियों के साथ नेपाल की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा था
ताकि वहाँ पहुँचकर वह अपनी शक्ति का विस्तार कर सके l वजीर अली के पीछे अंग्रेज़ी फ़ौज के साथ-साथ नवाब सआदत अली के सिपाही भी लगे हुए थे, पर
वह किसी के भी हाथ नहीं आ पा रहा था l उसका मुख्य लक्ष्य अभी उससे दूर था और उसी को पाने के लिए वह प्रत्येक कठिनाई का सामना कर रहा थाl

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए l (3x2=6)
(क) हरिहर काका अनपढ़ थे लेकिन अपने अनुभव और विवेक से दुनिया को बेहतर समझते थे l उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए l
Ans:-- हरिहर काका एक अनपढ़ और भोले किसान थे l खेती-बाड़ी में व्यस्त रहते थे और जब कभी उससे समय मिलता तो गाँव की ठाकु रबारी में जाकर
धार्मिक कार्यों में अपना समय व्यतीत करते थे l भाइयों के परिवार के साथ रहते हुए सीधा-सादा जीवन व्यतीत कर रहे थे l ठाकु र बारी और महंत के प्रति
उनके मन में अपार श्रद्धा थी किं तु समय के साथ-साथ उन्हें ऐसे अनुभव प्राप्त हुए जिन्होंने हरिहर को यह समझ दी कि कोई भी अपना नहीं होता, सब स्वार्थ के
कारण साथ निभाते हैं l तब विवश होकर उन्होंने मौन धारण कर लिया, सबसे अलग एकांत में जीवन व्यतीत करने लगे l अपनी ज़मीन के संबंध में निर्णय
लिया कि जीते जी ज़मीन किसी के नाम नहीं करेंगे, क्योंकि जिन लोगों ने ऐसा किया था उनका जीवन पशुओं से भी बदतर हो चुका था l
(ख) परंतु कभी-कभी ऐसी सभी स्थितियों के रहते स्कू ल अच्छा भी लगने लगता l जब स्काउटिंग का अभ्यास करवाते समय पीटी साहब नीली- पीली झंडियाँ
हाथों में पकड़ा कर वन टू थ्री कहते, झंडियाँ ऊपर- नीचे, दाएँ-बाएँ करवाते तो हवा में लहराती और फड़फड़ा थी झंडियों के साथ खाकी वर्दियों तथा गले में
दोरंगे रुमाल लटकाए अभ्यास किया करतेl

कथन के आलोक में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताइए कि स्कू ल किस प्रकार की स्थिति में अच्छा लगने लगता है और
क्यों ?
Ans:-- सभी बच्चों को शिक्षा में एक समान रुचि हो यह आवश्यक नहीं और यही कारण है सभी बच्चे खुशी- खुश विद्यालय जाएँ, यह भी आवश्यक नहीं l जिन
बच्चों को खेल-कू द में अधिक दिलचस्पी होती है, जिनके शरीर में अधिक जोश होता है, वे कक्षा की चारदीवारी में बैठना पसंद नहीं करते l उन्हें हर समय कु छ न
कु छ शारीरिक क्रियाएँ करने में रुचि होती है l यदि स्कू ल का वातावरण और पाठ्यक्रम ऐसा बनाया जाए कि छात्रों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ करने का
अवसर मिले, शारीरिक और मानसिक रूप से वह व्यस्त भी रहे और उन क्रियाओं के माध्यम से सीखते भी रहे, तो संभव है ऐसी स्थिति में विद्यालय जाना उन्हें
अच्छा लगने लगेगा l
(ग) “हम एक दिन एको रहीम कबाबची की दुकान पर क कबाबो खाते देखा रहा l” मुन्नी बाबू ने टुकड़ा लगाया l
कबाब !
“ राम राम राम !” रामदुलारी घिन्न के दो कदम पीछे हट गईं l टोपी मुन्नी की तरफ़ देखने लगा l क्योंकि असलियत यह थी कि टोपी ने मुन्नी बाबू को कबाब
खाते देख लिया था और मुन्नी बाबू ने उसे एक इकन्नी रिश्वत की दी थी l टोपी को यह मालूम था परंतु वह चुगलखोर नहीं था l

उपरोक्त पंक्तियों से टोपी के प्रति मुन्नी बाबू का व्यवहार के बारे में आप क्या समझते हैं ? अगर आप के विरुद्ध कोई झूठी शिकायत करने से आपकी क्या
प्रतिक्रिया होगी ?
Ans:-- टोपी के प्रति मुन्नी बाबू का व्यवहार अच्छा नहीं रहा l मुन्नी बाबू टोपी का बड़ा भाई था l वहां जब-जब टोपी की झूठी शिकायत करता था, जिसे
सुनकर दादी से टोपी को दांत और मार खानी पड़ती थी l उसने झूठ कहा के उसने टोपी को कबाब खाते हुए देखा है, जबकि सच्चाई यह थी कि टोपी ने मुन्नी
बाबू को कबाब खाते हुए देखा था, किं तु उसने शिकायत नहीं की थी क्योंकि उसे चुगली करना पसंद नहीं था l जब मुन्नी बाबू का उतरा हुआ टोपी को पहनाने को
दिया तो उसे बुरा लगा l इस पर भी मुन्नी बाबू ने उसे भला-बुरा सुनाया l तब भी दादी ने मुन्नी बाबू को समझाने की बजाय टोपी की ही पिटाई करी l
अगर मेरे विरुद्ध कोई झूठी शिकायत करते तो मैं उसे सहन नहीं करता l जैसे गलत करना अनुचित है वैसे ही गलती को सहना भी उचित नहीं है l मैं शिकायत
करने वाले के विरुद्ध सबूत इकट्ठा करता और एक दिन घर वालों के सामने उसकी सारी गलतियों को बता देता ।

खंड - ‘ख’
( लेखन)
प्रश्न 4. अनुच्छेद
● भूमिका - 1 अंक
● विषय वस्तु - 4 अंक
● भाषा - 1 अंक

प्रश्न 5. औपचारिक पत्र लेखन :-


● आरंभ और अंत की औपचारिकताएं -1 अंक
● विषय वस्तु-3 अंक
● भाषा-1 अंक

प्रश्न 6. सूचना लेखन :-


● औपचारिकताएं - ½ अंक
● विषय वस्तु - 1 ½ अंक
● भाषा - ½ अंक

प्रश्न 7. विज्ञापन :-
● विषय वस्तु- 1 अंक
● प्रस्तुति - 1 अंक
● भाषा - ½ अंक
प्रश्न 8. लघु कथा लेखन
● विषय वस्तु - 2 अंक
● प्रस्तुति - 2 अंक
● भाषा - 1 अंक
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