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जनजातीय
िवमशर्
संदभ% छ'ीसगढ़
भारत म/ अनस
ु 4ू चत जनजा7त ( ST )
जनजा>तय; पर 1. म#य भारत और पवू ./र भारत के संवेदनशील 9े:; म< जनजा>त समाज क? बहुलता
इनका इतना 2. Dवभाव से सरल जनजा>त समाज को छलना आसान
ज़ोर Vय;?
छ"ीसगढ़ म( जनजा,त जनसं/या
इस $कार औपिनवेिशक (ि0िटश) काल म5 योजनापूव:क उपरो<त िवषय? म5 मोटे तौर पर 09 $Cन खड़े िकये गये और धीरे-धीरे यही हमारा Main Discourse बन गया।
आिदवासी बनाम गैर आिदवासी समाज
§ सरं ि%त %े() म+ रह रहे आिदवासी बनाम वन अिधकारी (वन काननू और सरकार)
§ ;ामीण %े() म+ रह रहे आिदवासी बनाम गैर आिदवासी शोषक (बडे़ िकसान, अिधकारी आिद)
§ िवशेष जनजातीय योजनाओ ं के %े( के आिदवासी बनाम शासकHय तं( का IJाचार
§ िवशेष िपछड़ी जनजातीय %े() कH जनजाितयाँ बनाम िचिकPसा संबंधी समQयाएँ
पया/वरण
1वमश4 - 1
बढ़ता ORPs
जनगणना म' अ)य धम, कॉलम ORPs
Bवमश% - 2
!ह#द ू जनसं*या म. /गरावट छ5ीसगढ़ अ"य धम& कालम का बढ़ता -.तशत
एवं दे श म.
3.50%
3.00%
100.00% 2.50%
95.00% 2.00%
90.00%
1.50%
85.00%
1.00%
80.00%
75.00% 0.50%
70.00% 0.00%
1991 2011 1991 2011
छ"ीसगढ़ 94.70% 81.53% छ"ीसगढ़ 0.10% 1.94%
दे श 93.20% 79.80% दे श 0.44% 0.92%
छ"ीसगढ़ दे श दे श छ"ीसगढ़
उपरोVत Jवgलेषण से iात होता है bक जैसे जैसे ORPS क? संZया बढ़ रहj है , उसी ]कार से Nहcद ू जनसंZया कम हो रहj है ।
ORPs
आNदवासी हj भारत के मल
ू >नवासी हS
कहjं बोडोलSड
कहjं ग;डवाना लSड
कहjं आNदवाlसDतान
UCC समद ु ायो क? अलग अलग संDकृती है और अलग अलग >नयम है UCC
आने के बाद इनके Jवशेष >नयम संDकृती सब खnम हो जायेगी ।
समान नाग'रक सं+हता Ø समान नागvरक संNहता और डीlलिDटं ग जैसे मM ु दे हमेशा से हj संघ
पvरवार के J]य रहे हS ।
को लेकर Ø इन मM ु द; के बहाने संघ पvरवार आNदवाlसय; क? परं परा, pNढ़-]था एवं
जनजा2त समाज म3 Dवशासी कानन ू ; को खnम करने का ]यास कर रहा है ।
यह ]DताJवत कोड खासी समद ु ाय के रj>त-vरवाज;, परं पराओं, ]थाओं,
चलाये जा रहे 6वमश9
Ø
शादj और धाlमQक Dवतं:ता जैसे मM ु द; को ]भाJवत करे गा ।
Ø यNद कोई Jवशेष ~यिVतगत कानन ू भेदभावपण ू Q है तो उसम< संशोधन
bकया जा सकता है लेbकन परू े दे श के lलए एक यस ू ीसी बनाना उKचत
नहjं है ।
Ø वंशान• ु म और उ/राKधकारj क? मातस ृ /ाnमक और Jपतस ृ /ाnमक दोन;
पMध>तय; का पालन करने वालj जनजा>तयां ]भाJवत ह;गी ।
जनजा7त समाज के बीच रखे जा रहे संवध
ै ा7नक Bवषय :
Involved Organizations
<
जनगणना - 2011
जनगणना - 2001
जशपरु
)बलासपरु
जनजातीय Zे[\ म/ चलाये जा रहे अ]य Bवमश%
आNदवासी हक़ और अKधकार पहा„ड़य; पर एकाKधकार आNदवासी उ…वाNदय; के समथQक हS 5वीं, 6वीं अनस
ु च
ू ी म<
और अपने 9े: म< Jवकास नहjं चाहते ]ा‚त अKधकार के अनस ु ार
…ाम, दे श के क़ानन ू से ऊपर,
पथलगढ़j
§ भारत का जनजातीय समाज ‘िह/द’ू नह3 है।
!ा#पत अलगाववादी ,वमश/ § अनेक जनजाितय8 को ‘असरु ’ कहा गया।
और चुनौ,तयाँ § वनवासी ही यहां के 'आिद' वासी व मल
ू िनवासी हA।
§ पहले पहले के वल आिदवासी यहां के मािलक थे, शेष लोग आयG हA और बाहर से आये
सार – संLेप हA।
§ जनजाितय8 के देवी-देवता, तीज-Kयोहार, अनLु ान सब कुछ िभ/न हA।
§ जनजाित समाज कN माओवादी रPा कर रहे हA, इसिलए वो उनके समथGक हA और अपने
PेT मU जनजाित समाज िवकास नह3 चाहता ।
§ जनजाितयां और अWपYृ य जाितयां एक हA और वे ईसाइयत तथा इWलाम के करीब हA।
§ जनजाितय8 का कोई धमG नह3 है, वे \कृित पजू क हA।
§ कुछ समहू अब रावण कN पजू ा करते हA और मानने लगे हA िक वे रावणवश
ं ी हA।
§ अनेक समदु ाय मिहषासरु कN पजू ा आिद करने लगे हA।
§ यह िवमशG खड़ा िकया गया िक \चिलत परंपराएँ 'aाbण8' 'आयc' dारा थोपा गया है।
असली शTु aाbण ही हA। जो #ा%ण वन) म+ रहता ही नह0 वह असली श5ु बता
िदया गया।
§ ऐसे मनगढ़ंत िवमशA छा5ावास) को माDयम बनाकर लाये गये ।
SC - ST Hostels इसके गढ़ हP, जहां ये सब बात+ अRयिधक चलाई जाती हP।
नये संकट Nा हP नया संकट Nा है
o SC/ ST एक ही )ेकेट म- रखने का 2चलन खतरनाक है।
o जनजाितय; का कोई शोषण हAआ ही नहC है, लेिकन बामसेफ /
अबं ेडकरवादी लोग ऐसा ही झठू 2साRरत कर रहे हS।
o जनजातीय मचं ; पर िबरसा मडंु ा के साथ बाबा साहेब आबं ेडकर
कW भी फोटो लगने लगी है।
o दिलत, िपछड़ा, अ[सं\यक, आिदवासी आिद एक ही अ)ं ल े ा
के नीचे लाने का 2यास हो रहा है।
o बहAजन कW नई पRरभाषाएँ गढ़ी जा रही हS।
o सां_कृितक _मिृ त नbट हो गयी और पीिडत़ भाव जागतृ हो गया।
o बाहर से मिु _लम आकर ब_तर और सरगजु ा eेf म- जनजाित।
समाज कW लड़िकय; के साथ िववाह कर रहे,
और जमीन- ख़रीदने म- और राजनीितक ताक़त पर क़iज़े के
िलए उनका उपयोग कर रहे हS ।
ये कैसे अपने
ये Bवमश% ^थाBपत करने म/
सफल रहे ?
1. लंबे समय से, सतत योजनाबfध gयास hकया उ9हDने
मल
ू ˆोत; पर जाकर गहरा भारतीय समाज को
अ#ययन, Research गहराई से समझा
अपने उMदे gय
वषŠ वषQ लगातार लगे रहना
अनसु ार
JवमशQ तय bकये
पDु तक<,
vरसचQ पेपसQ
आNद ]काशन
वातावरण बनाना
• वनािधकार संघषI सिमित
• सवI आिदवासी समाज
• धमतरीमल
ू वासी बचाओ मचं
• कोया बमू काल €ांित सेना (KBKS)
• आिदवासी एकता महासभा • नेशनल आिदवासी पीप.ु स फे डरे शन • वनािधकार सघं षI सिमित • बAतर सAं कृ ित कला मचं
• आिदवासी यवु ा छा= संगठन • ग3डवाना ग3डमहासभा • जेल बंदी Gरहाई सिमित
• वीर ग@ु डाधरु यथु •लब • कोयतरु सेवासिमित • अिखल भारतीय ह.बा-ह.बी समाज • धमतरीमल
ू वासीबचाओ मचं • संयjु पंचायत संघषI सिमित
• ग3डवाना यथु •लब • ग3डवाना गणतं=पाट? • दडं कार@यपबIतमाला • सवI आिदवासी समाज माड़ बचाओ मचं
• बAतर संAकृ ित कला मचं
• आिदवासीबह‚ƒषे ीय सहकारी सिमित • कोयापनु ेम गो@डवानामहासभा िवकासपGरषद(DPBP) • Women against Sexual Violence
• जेल बंदी Gरहाई सिमित
• ग3डवाना समाज समLवय सिमित • ग3डवाना AटूडCटयिू नयन • आिदमजनजाित बैगा समाज छaीसगढ़ and State Repression (WSS)
• संयjु पंचायत संघषI सिमित
• सवI आिदवासी समाज ग3ड महासभा • कोयतरु यवु ासंगठन • लालगढ़सेवासिमित एवयं वु ाdकोeमैनपरु • नदी घटी मोचाI
• सवI आिदवासी समाज माड़ बचाओ मचं
• • राEFीय आिदवासी िवकास पGरशद
अनसु िू चत जनजाित संघ छaीसगढ़ • आिदवासीसेना छaीसगढ़ • Women against Sexual Violence • भारत जन आLदोलन
• सरगजु ा Aवािभमान मचं • समH ग3डवानानविनमाIण समाज • अिखलभारतीयजंगल आदं ोलन मचं • भमू गादी संघषI सिमित
and State Repression (WSS)
• पारंपGरकआिदवासी महासभा • राEFीय आिदवासी धमI समLवयसिमित • आिदवासी समLवय मचं • आिदवासी महासभा
• नदी घटी मोचाI
• गांव गणरा„य सरकार • आिदवासी उNथान संAथा, छ.ग. • चेरवा समाज सेवा सघं सिमित • छaीसगढ़ बचाओ आLदोलन
• भारत जन आLदोलन
• जंगो रायतारसिमित • राEFीयकोयापनु ेम भमु का सघं • छaीसगढ़ मिु j मोचाI
• भमू गादी संघषI सिमित
• अनसु िू चतजनजाित शासकUय सेवक • छaीसगढ़ वन अिधकार मचं • आिदवासी महासभा
िवकास संघ • हसदेव अर@य बचाओ संघषI सिमित • छaीसगढ़ बचाओ आLदोलन
• राEFीय कोया पनु ेम पGरषद
(Front)
• दिलत आिदवासी मचं , सोनाखान
• छaीसगढ़ मिु j मोचाI
2. आव`यकतानस ु ार रणनीbत से
अनेकानेक संगठन, मंच खड़े gकए
उदाहरण के lलए केवल छ/ीसगढ़ म< हj जनजातीय JवमशQ पर कायQ करने वाले उनके 65 संगठन; को सच
ू ीबMध bकया है
3. दरू गामी योजना से काम 5.नये नये पैतर< और तnपरता
उदाहरण के 9लए ORPs के hवमश^ कD जड़6
1891 से 1911 कD जनगणना म6 9मलती ह‰
6. समयानकु ू ल लोग; तक पहुँचने के
4. Dथान, पvरिDतKथ अनस
ु ार मा#यम चनु ने क? 9मता
रणनी>त अलग अलग उदाहरण के 9लए
कह`ं आय^ – 7ाhवण
तो कह`ं बाहर` – मल
ू ,नवासी
जैसे कोया पन
ु ेम संJवधान ]lश9ण lशJवर
कैसे Mथा1पत
hकए उ9हDने
अपने 1वमश4
9.
आधारहjन और झठ ू भी
7. उcह;ने बड़ी सफ़ाई से 11.
मज़बत ू DथाJपत bकया सेलेिVटव रे ’<स लेने
इकोlसDटम जैसे मनु Dम>ृ त का का उनका तरjक़ा
खड़ा bकया उcह;ने 8. अिDतnव सन ् 1800 से 10. जैसे परू j रामचvरत
टे Vनोलॉजी, पहले नहjं पर वो लेकर एकडेlमक 9े: मानस से एक
„डिजटल मी„डया आए और DथाJपत कर के साथ साथ चौपाई लेकर JवमशQ
आNद का समKु चत Nदया ज़मीन पर भी खड़ा कर Nदया
उपयोग उतनी क?
सb•यता
हमारा जनजातीय Bवमश%
Ø वैNदक समाज और जन • वैNदक समाज के दे वता अयाQन Iाइबल के ü सामाWय gप से ?कसी भी जनजातीय समाज म6 8
जातीय दे वी दे वताओं क? दे वता है , िजनम< lम: व•ण इcO आNद हj 10 दे वता ह` दे खे जाते है । वैRदक मंk. म6 पिू जत
संZया ]मखु है । बाद म< कुछ अcय दे वता बाद दे वताओं कD संFया लगभग 150 है । यह संFया
?कसी एक जनजा,त कD सामािजक धा9म^क
म< शाlमल bकए गए।
आवvयकताओं से कई गुणा अ&धक है wय.?क ?क
वdतत ु ः उस काल कD अWयांय जनजा,तय. म6
पिू जत सभी दे व. के :,त ›•धा और कृत™ता
œयwत करने वाले है । ये 9सफ^ ?कसी एक
जनजा,त के _ंथ नह`ं है ।
कैसे Cथा6पत होगा सह: 6वमश9
टे Vनोलॉजी का सहयोग
इकोlसDटम मल
ू ›ोत. पर जाकर रे •6स एकk करना एवं उसके
आधार पर हमारा hवमश^ तय और dप~ट करना
बनाना
01 02 03 04 05
आभार