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आयुष-GK NOTES

(Part-1)
th
 7 - AYURVRDA DAY-2022  23 Oct 2022=Dhanwantari jayanti
 by-आयुष मंत्रालय & AIIA
 नारा – “हर ददन हर घर आयुर्वेद ”
 जनसन्दे श ..... जनभागीदारी.... जनआन्दोलन
6
 सप्ताह तक जनभागीदारी के अंतगगत Theme based Celebration
सप्ताह र्व ददनांक THEME
प्रथम सप्ताह 12-18 Sep ................ for Holistic Health.
Ayurveda
द्वितीय सप्ताह (19-25 Sept) AYURVEDA FOR MILLENIALS
तृतीय सप्ताह (26/10-02 oct) AYURVEDA AAHAR
चतुथथ सप्ताह (03-09 oct) AYURVEDA FOR CITIZENS
पंचम सप्ताह (10-16 oct) AYURVEDA FOR MENTAL WELLBEING
षष्ठम सप्ताह (17-23 oct) AYURVEDA –SHARING OF
EXPERIENCE

 World Homoeopathy Day-10/4/2022


 World unani Day-11/02/2022
 National Naturopathy day – 18/11/2022
 Natiobal Siddha Day-23/12/2022

 International YOGA Day-2022-


 Theme-YOGA FOR HUMANITY
 100 ददन-100स्थान -100 सं गठन (100 DAY COUNTDOWN Prog till 21 जून 2022)
 “Guardian Ring ” program
 प्रद्वतवषथ -21 जून को ये द्वदन मनाया जाता है |
 apps- WHO mYoga app; Y-break app;
 2015 में शुरू हुआ था
 अत: इस बार 8th योग द्वदवस मनाया गया |
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app, (ORG Code-Jexhy)
YEAR THEME Place
2022 मानर्वता के दलए योग -YOGA FOR Mysuru, KN
HUMANITY
2021 स्वास्थ्य के द्विए योग -YOGA FOR WELL- Digital – due to covid
BEING
2020 'घर पर योग और पररवार के साथ योग है । Digital-Due to covid
'Yoga at Home and Yoga with Famil'
2019 पयाथ वरण के द्विए योग-Yoga for Climate Ranchi-Jharkhand
Action
2018 शां द्वत के द्विए योग-Yoga for Peace Dehradun-UK
2017 स्वास्थ्य के द्विए योग-Yoga for Health Lucknow-UP
2016 युवाओं को कनेक्ट करें -Connect the Chandigarh
youth
2015 सद्भाव और शां द्वत के द्विए योग-Yoga for -
Harmony and Peace

 GLOBAL AYUSH INVESTMENT & INNOVATION-2022


o द्वदनां क  20 से 22 अप्रेि,
o स्थान – महात्मा मंद्वदर , गााँ धीनगर गुजरात
o AYUSH MARK & AYUSH VISA-
-GLOBAL AYUSH INVESTMENT & INNOVATION-2022 को संबोद्वधत करते हुए, पीएम
मोदी ने घोषणा की द्वक दे श जल्द ही गुणवत्ता वािे आयुष (आयुवेद, योग और प्राकृद्वतक द्वचद्वकत्सा,
यूनानी, द्वसद्ध और होम्योपैथी) उत्पादों को प्रामाद्वणकता दे ने के द्विए 'आयुष माकग िॉन्च करे गा।
भारत में। यह िॉन्च राष्ट्र के पारं पररक द्वचद्वकत्सा उद्योग को बढावा दे ने के उद्दे श्य से द्वकया जाएगा।
आयुष र्वीजा उन सभी व्यक्तियों की मदद करे गा जो पारं पररक उपचार के द्विए भारत आना
चाहते हैं । आयुष वे िनेस सेंटर दु द्वनया भर से बहुत सारे आगंतुकों को आकद्वषथत करने में सक्षम
होंगे द्वजससे दे श की अथथ व्यवस्था को बढावा द्वमिे गा।
o TAGs
 invest in Ayush for a vibrant healthy future;
 investment…innovation…entrepreneurship

 आयुष मंत्रालय
o केद्वबनेट -आयुष मंत्री –सबाथ नन्द सोनोवाि
o राज मंत्री -डॉ.मुंजपरा महें द्र भाई कािू भाई
o सद्वचव-वै द्य राजेश कोटे चा
o AYUSH- पद्धदतयााँ  आयुवेद,योग,प्राकृद्वतक द्वचद्वकत्सा,यूनानी,द्वसद्ध,होम्योपैथी,सोर्वा-ररग्पा

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Official app.
 MCI- Medical council of india (भारतीय द्वचद्वकत्सा पररषद् ) स्थापना-1933
- MCI is replaced by NMC (National commission of india)  march/2018
- NMC Act-2019
 केन्द्रीय आयुवेद एवं होम्योपैथी अनुसधान पररषद की स्थापना-1969
 CCIM-भारतीय द्वचद्वकत्सा केन्द्रीय पररषद नई द्वदल्ली की स्थापना-1971
(CCIM Act -1970; CCIM Act (G.O.)- 1971 में (FA)

 ISM&H
भारतीय द्वचद्वकत्सा पद्धद्वत और होम्योपैथी द्ववभाग (ISM&H) का गठन 1995 में द्वकया गया जो सभी
पदयद्वतयााँ के द्ववकास के द्विए काम करती है । आयु वेद, योग और प्राकृद्वतक द्वचद्वकत्सा यूनानी द्वसदध और
होम्योपैथी के क्षेत्री में द्वशक्षा और अनुसंधान पर ध्यान केंद्वद्रत करने के साथ इसका नाम बदिकर नवं बर
2003 में आयुवेद योग और प्राकृद्वतक द्वचद्वकत्सा, यूनानी द्वसद्ध और होम्योपैथी (AYUSH) द्ववभाग के रूप में
द्वकया गया था।

AYUSH-AAHAR
-by the Union Ministry of AYUSH (Ayurveda, Yoga and Naturopathy, Unani, Siddha, and
Homeopathy) in the direction of promoting nutritional diet, and healthy living among the
Indian people.
-for the promotion of a healthy diet and aligns perfectly with the Prime Minister Modi's vision
of health for all.
-It is a pilot project started in the Ayush Bhawan situated in delhi.
-These healthy meals are offered in the canteen of Ayush Bhawan.
-It is launched by the Union Ministry of AYUSH, Government of India.

ONE HERB-ONE STANDARD(MoU b/w – PCIM&H and IPH)


Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine and Homoeopathy (Ministry of Ayush) and
Indian Pharmacopoeia Commission (Ministry of Health & Family Welfare) today in New Delhi
for Inter-Ministerial cooperation for promotion and facilitation of ‚One Herb, One Standard‛.
हाि ही में "वन हबथ , वन स्टैं डडथ " प्राप्त करने के द्विए भारतीय द्वचद्वकत्सा और होम्योपैथी (आयुष मंत्रािय) और
भारत के फामाथ कोद्वपया आयोग (स्वास्थ्य और पररवार कल्याण मंत्रािय) के द्विए फामाथ कोद्वपया आयोग के बीच
एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर द्वकए गए हैं ।
प्राथद्वमक उद्दे श्य- सावथ जद्वनक स्वास्थ्य को बढावा दे ने के द्विए पीसीआईएम और एच और आईपीसी के बीच
सहयोगात्मक प्रयास द्ववकद्वसत करना है ।
NEW BATCHES STARTING FOR
AIAPGET-2023, Registration Oepn.
NATIONAL AYUSH MISSION
राष्ट्रीय आयुष द्वमशन 2014 में स्वास्थ्य और पररवार कल्याण मंत्रािय के आयुष द्ववभाग िारा शुरू की गई एक
केंद्र प्रायोद्वजत योजना है ।
राष्ट्रीय आयुष द्वमशन को 15 दसतंबर 2014 को लॉन्च करने के द्विए प्रधान मंत्री िारा अनुमोद्वदत द्वकया गया था।
इसे 12वीं पं चवषीय योजना के दौरान िॉन्च द्वकया गया था।
प्रधानमंत्री नरें द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंद्वत्रमं डि ने राष्ट्रीय आयुष द्वमशन (National AYUSH Mission –
NAM) को जारी रखने की मंजूरी दे दी है । मुख्य द्वबंदु NAM एक केंद्र प्रायोद्वजत योजना है द्वजसे 01-04-2021 से
31-03-2026 तक बढा ददया गया है। कुि द्ववत्तीय द्वनद्वहताथथ (financial implication) 4607.30 करोड़ रुपये
का होगा।
• NAM का मूि उद्दे श्य िागत प्रभावी सेवाओं के माध्यम से द्वचद्वकत्सा की आयुष प्रणािी को बढावा दे ना, इसकी
शैद्वक्षक प्रणाद्वियों को बढावा दे ना, आयुष दवाओं की गुणवत्ता द्वनयंत्रण और आयुष कच्चे माि की स्थायी
उपिब्धता सुद्वनद्वित करना है ।

DIGITAL INITIATIVES IN AYUSH SECTOR


Following are some of the latest online portals launched to provide better and faster access to
information and government services:
1. Clinical Trial Registry of India (CTRI)
2. Research Management Information System (RMIS)
3. Showcase of Ayurveda Historical Imprints (SAHI)
4. Ayush Manuscripts Advanced Repository (AMAR)
5. Electronic - Medical Heritage Accession (e Medha)

आयुष क्लीदनकल केस ररपॉदजट्र ी (AYUSH Clinical Case Repository-ACCR) पोट्ग ल


• ACCR- पोटथ ि, आयुष द्वचद्वकत्सकों और आम जनता, दोनों को एक ऐसा प्लेटफामथ प्रदान करे गा, जहां द्ववद्वभन्न
सुद्ववधायें मौजूद रहें गी।
• इस पोटथ ि का उद्दे श्य आयुष द्वचद्वकत्सा से सम्बं द्वधत व्यक्तियों से प्राप्त क्लीद्वनकि पररणामों के हवािे से उसकी
सूचना को बड़े पैमाने पर इकट्ठा करना है ।
• इस पोटथ ि से न द्वसफथ सूचना द्वमिेगी, बक्ति द्ववश्लेषण और अनुसंधान को आगे बढाने में भी मदद द्वमिेगी।
इसके जररये द्ववद्वभन्न रोगों के उपचार में आयुष प्रणािी की क्षमता को दस्तावे जी रूप द्वदया जाये गा।
• ACCR पोटथ ि से आयुष द्वचद्वकत्सा से सम्बंद्वधत समुदायों को तो िाभ होगा, िेद्वकन साथ-साथ जनता को भी
आयुष की द्ववद्वभन्न द्ववधाओं के बारे में वै ज्ञाद्वनक समझ बढाने में मदद द्वमिे गी।
• ACCR पोटथ ि का एक उल्ले खनीय तत्त्व यह है द्वक इसमें आयुष प्रणाद्वियों के जररये कोद्ववड-19 मामिों के
उपचार के बारे में सूचनाओं को एक अिग खं ड में रखा जाये गा |
आयुष संजीर्वनी एप (AYUSH Sanjivani App)
The application will provide documented studies about the efficiency of some AYUSH
interventions in the treatment, diagnostics, and prevention of some diseases including COVID
- 19.
• भारत सरकार ने हाि ही में आयुष संजीवनी एप का तीसरा संस्करण िााँ च द्वकया है ।
• इस संस्करण में यह भी शाद्वमि द्वकया जाये गा द्वक आयुष 64 और कबासु र कुडीनीर (Ayush 64 and
Kabasura Kudineer) दवाओं सद्वहत चुनी हुई आयुष औषद्वधयों के िक्षण-रद्वहत, हिे और कम गंभीर कोद्ववड
मामिों के उपचार में क्या भूद्वमका रही है । इसके बारे में अहम अध्ययन द्वकया जायेगा।
• उल्लेखनीय है द्वक भारत सरकार िारा एक राष्ट्रीय द्ववतरण अद्वभयान चिाया जा रहा है , द्वजसके जररये आयुष
मंत्रािय घर में आईसोिे शन में रहने वािे कोद्ववड मरीजों को उपयुथ ि दोनों कारगर आयुष दवायें (आयुष 64 और
कबासुर कुडीनीर) द्वन:शु ि उपिब्ध करा रहा है ।
• गौरतिब है द्वक ‘आयुष संजीवनी एप’ (AYUSH Sanjivani App) को भारत सरकार के आयुष मंत्रािय
(Ministry of AYUSH) ने इिेक्टरॉद्वनक्स एवं सूचना प्रौद्योद्वगकी मंत्रािय (Ministry of Electronics and
Information Technology- MEITY) के साथ द्वमिकर द्ववकद्वसत द्वकया है ।

कबासु र कुडीनीर- तदमलनाडु में दसद्धा डॉक्टरों द्वारा कोरोना मरीजो के दलए तैयार दकया गया हबगल
काढा (दसद्धा में काढे को कुडीनीर कहते है ) –
शुंठी,दपप्पली,ल गं ,अकरकरा,कोदकलाक्ष,हरीतकी,गुडूची,भारं गी,कालमेघ,र्वासा,एला,अश्वगंधा,तुलसी,दचत्र
क...आदद कुल 18 घट्क |

आयुष दिड प्रोजे क्ट (Ayush Grid Project)


• आयुष द्विड पररयोजना को आयुष मंत्रािय िारा 2018 में आईटी क्षेत्र के द्विए एक रीढ बनाने के द्विए िॉन्च
द्वकया गया था।
आयुष मंत्रािय और इिे क्टरॉद्वनक्स व सूचना प्रौद्योद्वगकी मंत्रािय (MeitY) ने आयुष द्विड पररयोजना के द्विए एक
समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर द्वकए। MoU के एक द्वहस्से के रूप में , इिेक्टरॉद्वनक्स व सूचना प्रौद्योद्वगकी
मंत्रािय आयुष मंत्रािय को 3 साि की अवद्वध के द्विए आयुष क्षेत्र को द्वडद्वजटि बनाने के द्विए तकनीकी सहायता
प्रदान करे गा।

आयुष-64’(AYUSH-64) औषदध
• ‘आयुष 64’ दवा, सप्तपणथ (Alstonia scholaris), कुटकी (Picrorhiza kurroa), द्वचरायता (Swertia chirata)
एवं कुबेराक्ष (Caesalpinia crista) औषद्वधयों से बनी है ।
• ‘आयुष 64’ औषद्वध या दवा को आयुष मंत्रािय की केंद्रीय आयुवेद अनुसंधान पररषद (CCRAS) िारा द्ववकद्वसत
द्वकया गया है ।
• इस दवाई को िेने की सिाह आयुवेद एवं योग आधाररत नेशनि क्लीद्वनकि मैनेजमेंट प्रोटोकॉि (National
Clinical Management Protocol) िारा भी दी गयी है ।
NCISM (National Commission for Indian System of Medicine (NCISM) Act 2020)
-President- Dr.RAGHURAM BHATT
-Chairperson-वै द्य जयंत दे वपुजारी
-The president of board of ayurveda- Dr.Sreenivasa Prasad buduru
-The president of board of ethics and registration for indian system of medicine-
-आयुवेद, यूनानी, द्वसद्ध और सोवा ररग्पा जैसी पारं पररक द्वचद्वकत्सा प्रणाद्वियााँ भारतीय द्वचद्वकत्सा पद्धद्वत के अंतगथत
आती हैं ।
-भारतीय द्वचद्वकत्सा प्रणािी के द्विए राष्ट्रीय आयोग (NCISM) अद्वधद्वनयम 2020 (2020 का 14) के प्रावधानों के
अनुसरण में , भारतीय द्वचद्वकत्सा केंद्रीय पररषद (IMCC) अद्वधद्वनयम 1970 (1970 का 48) को द्वनरस्त कर द्वदया
गया है और राष्ट्रीय आयोग के सभी प्रावधान भारतीय द्वचद्वकत्सा प्रणािी के द्विए (NCISM) जून 2021 के 11 वें
द्वदन से िागू हो गया है ।
-NCISM अद्वधद्वनयम 2020 की धारा 59 (2) के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार ने आयोग और चार स्वायत्त बोडों
का गठन द्वकया है ।
-भारतीय दचदकत्सा पद्धदत के दलए राष्ट्रीय आयोग के उद्दे श्य -
1.गुणवत्तापूणथ और द्वकफायती आयुवेद, यूनानी, द्वसद्ध और सोवा-ररग्पा (एयूएस एं ड एसआर) द्वचद्वकत्सा द्वशक्षा तक
पहुं च में सुधार
2.दे श के सभी भागों में पयाथ प्त और उच्च गुणवत्ता वािे AUS&SR द्वचद्वकत्सा पेशेवरों की उपिब्धता सुद्वनद्वित
करना;
3.समान और सावथ भौद्वमक स्वास्थ्य दे खभाि को बढावा दे ना जो सामुदाद्वयक स्वास्थ्य पररप्रेक्ष्य को प्रोत्साद्वहत करती
है और सभी नागररकों के द्विए एयूएस और एसआर द्वचद्वकत्सा पे शेवरों की से वाओं को सुिभ बनाती है ;
4.द्वचद्वकत्सा पे शेवरों को अपने काम में नवीनतम द्वचद्वकत्सा अनुसंधान को अपनाने और अनुसंधान में योगदान
करने के द्विए प्रोत्साद्वहत करें ;
5.समय-समय पर पारदशी तरीके से द्वचद्वकत्सा सं स्थानों का द्वनष्पक्ष मूल्यां कन और मूल्यां कन;
6.भारत के द्विए एक राष्ट्रीय एयूएस और एसआर मेद्वडकि रद्वजस्टर बनाए रखें ;
7.AUS&SR द्वचद्वकत्सा से वाओं के सभी पहिुओं में उच्च नैद्वतक मानकों को िागू करना;
8. एक प्रभावी द्वशकायत द्वनवारण तंत्र हो।

यूनानी दचदकत्सा पररचय यूनानी-द्वतब्ब या यूनानी द्वचद्वकत्सा भी यूनानी द्वचद्वकत्सा (अरबी, द्वहंदुस्तानी, पश्तो
और फारसी) की वतथनी है , मध्य-पूवथ और दद्वक्षण-एद्वशयाई दे शों में प्रचद्वित पारं पररक द्वचद्वकत्सा का एक रूप है ।
यह िीको-अरबी द्वचद्वकत्सा की एक परं परा को संदद्वभथत करता है , जो िीक द्वचद्वकत्सक द्वहप्पोक्रेट् स और रोमन
द्वचद्वकत्सक गै िेन की द्वशक्षाओं पर आधाररत है , और मध्य युग में अरब और फारसी द्वचद्वकत्सकों िारा एक द्ववस्तृत
द्वचद्वकत्सा प्रणािी में द्ववकद्वसत द्वकया गया है , जैसे द्वक रे ज़ (अि-रज़ी) ), एद्ववसेना (इब्न सेना), अि-ज़हरवी, और इब्न
नफीस।
द्वदल्ली सल्तनत (1206-1527) की स्थापना और उत्तर भारत पर इस्लामी शासन की स्थापना के साथ यूनानी
द्वचद्वकत्सा पहिी बार भारत में 12 वीं या 13 वीं शताब्दी के आसपास पहुं ची और बाद में मुगि साम्राज्य के तहत
द्ववकद्वसत हुई। एक उत्कृष्ट् द्वचद्वकत्सक और यूनानी द्वचद्वकत्सा के द्वविान, हकीम अजमि खान (1868 - 1927) ने
भारत में यूनानी प्रणािी का समथथन द्वकया। यूनानी द्वचद्वकत्सा पद्धद्वत IMCC, अद्वधद्वनयम 1970 के अनु सार CCIM
(केंद्रीय भारतीय द्वचद्वकत्सा पररषद) में शाद्वमि है ।
दसद्धा दचदकत्सा पररचय 
द्वसद्धरगि" या द्वसद्धार प्राचीन काि के प्रमु ख वै ज्ञाद्वनक थे। तद्वमिनाडु राज्य में मुख्य रूप से दद्वक्षणी भारत के
द्वसद्धों ने द्वसद्ध द्वचद्वकत्सा पद्धद्वत की नींव रखी। द्वसद्धर आध्याक्तत्मक द्वनपु ण थे द्वजनके पास अष्ट् द्वसक्तद्धयााँ थीं। अगस्त्य
या अगस्त्य को द्वसद्ध द्वचद्वकत्सा का जनक माना जाता है ।
द्वसद्ध द्वचद्वकत्सा में अठारह द्वसद्धों को महत्वपूणथ माना गया है । द्वसद्ध दवा का दावा है द्वक यह रोग का कारण बनने
वािे द्वनक्तिय अंगों को पु नजीद्ववत और द्वफर से जीवं त करता है और दोष के अनुपात को बनाए रखता है ।
Kayakarpam (special combination of medicine and life style) and Muppu (the universal Salt)
are speciality of Siddha system of medicine.

सोर्वा ररग्पा दचदकत्सा  एक सद्वदयों पुरानी पारं पररक द्वचद्वकत्सा प्रणािी है जो द्वनदान के द्विए एक जद्वटि
दृद्वष्ट्कोण को द्वनयोद्वजत करती है , द्वजसमें नाड़ी द्ववश्लेषण और यूररनद्विद्वसस जैसी तकनीकों को शाद्वमि द्वकया
जाता है , और व्यवहार और आहार संशोधन, प्राकृद्वतक सामिी (जैसे, जड़ी-बूद्वटयों और खद्वनजों) से बनी दवाओं
और भौद्वतक उपचारों का उपयोग द्वकया जाता है ।
The Four Tantras (Gyushi, rGyu-bzhi) are native Tibetan texts incorporating Indian, Chinese
and Greco-Arab medical systems. The Four Tantras is the common name for the text of the
Secret Tantra Instruction on the Eight Branches, the Immortality Elixir essence. The four
Tantras are as follows, Root Tantra - Exegetical Tantra - Instructional Tantra - Subsequent
Tantra Although there is clear written instruction in the Four Tantra, the oral transmission of
medical knowledge still remained a strong element in Tibetan Medicine. राजपत्र अद्वधसूचना संख्या
2345 द्वदनां क 16.12.2011 के अनुसार, सोवा ररग्पा प्रणािी द्वचद्वकत्सा वषथ 2012 से CCIM में शाद्वमि है ।

 PLIM- Pharmacopial laboratory for indian medicine-गादजयाबाद


Pharmacopoeial Laboratory for Indian Medicine (PLIM) is a subordinate office of the
Ministry of AYUSH, Govt. of India.
This laboratory was established in the year 1970 as a Pharmacopoeial Standards Setting-
Cum-Drugs Testing Laboratory at National Level for Indian Medicines which includes
drugs of Ayurveda, Unani and Siddha systems.
 CCRAS-1978 (CENTRAL COUNCIL FOR RESEARCH IN AYURVEDA & SIDDHA)-ददल्ली
o (केन्द्रीय आयुवेद एवं द्वसद्ध अनुसंधान पररषद) स्थापना-1959
o CCRAS-is an autonomous body of the Ministry of AYUSH (Ayurveda, Yoga &
Naturopathy, Unani, Siddha and Homeopathy), Government of India. It is an apex
body in India for the formulation, coordination, development and promotion of
research on scientific lines in Ayurveda and Sowa-Rigpa system of medicine.
Daily Live Classes
A to Z Saved Classes
Notes Hard Copies
Test Series.

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