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टाउन हॉल के समीप सूचना प के सामने भीड़ थी। लोहार वैचर ने े ज को इतनी ती ता से न जाने को कहा। उसने बालक को व ास
दलाया क वह अपने व ालय म समय से पहले प ँच जाएगा। ायः व ालय आर होने के समय काफ कोलाहल होता था क तु उस
दन येक चीज़ ऐसे शा त थी जैसे क र ववार को ात काल हो। :
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खड़क से े ज ने दे खा क उसके सहठ पहले ही अपने अपने ान पर थे तथा म० हैमल अपने बाजू के नीचे लोहे का अपना भयंकर
( ) -
पैमाना लक र ख चने क पटरी रखे इधर उधर घूम रहे थे। े ज ने ार खोला तथा भीतर चला गया। शम से उसके चेहरे पर ला लमा
आ रही थी तथा वह भयभीत था। म० हैमल ने अ य त दया भाव से उसे अपने ान पर जाने को कहा।
,
े ज ने यान से दे खा क उनके अ यापक ने अपना सु दर हरा कोट झालरदार कमीज तथा छोट काली रेशमी टोपी पहनी ई थी। इन
सबपर कसीदा कढ़ा आ था। वह इ ह नरी ण अथवा पा रतो षक वतरण के दन पहनते थे। ामीण लोग चुपचाप ायः खाली रहने
वाली पीछे क सीट पर बैठे ए थे। येक : (
खी दखाई दे ता था। वृ हॉसर तो एक पुरानी वे शका वणमाला क ब क
)
पु तका भी ले आया था।
( )
ज को अफसोस खेद आ क उसने अपना पाठ उ चत ढं ग से याद नह कया था। म० हैमल के जाने क खबर से वणनकता यह
( ) ( )
भूल गया क उनका पैमाना प और वे म टर हैमल कतने ू र ह। अब े ज क समझ म आया क म० हैमल ने अपनी सव े
( )
र ववासरीय पोशाक य पहनी ई थी और गाँव के वृ लोग वहाँ य बैठे ए थे। वे अ यापक क चालीस वष क वामीभ पूण
सेवा के लए उनका ध यवाद करने तथा उस दे श के त स मान कट करने आए थे जो अब उनका नह था।
,
म० हैमल ने े ज को स वर गाने को कहा क तु वह वहाँ चुपचाप खड़ा रहा। अ यापक ने उसे नह धमकाया। उसने वीकार कया क
( ) -
वयं वह अ यापक तथा े ज के माता पता दोषी थे। फर उसने ांसीसी भाषा के वषय म बात क क यह संसार क सबसे सु दर
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भाषा सबसे साफ एवं अ य धक तकपूण है। उसने हम कहा क अपने बीच इसक र ा कर तथा कभी न भूल । उनक भाषा उनके
कारावास क कुं जी थी।
फर उ ह ाकरण तथा लेखन के पाठ मले। छत पर कबूतर ब त धीमे गुटरगूं कर रहे थे। े ज सोचने लगा क या वे कबूतर को भी
जमन भाषा म गाना गवायगे। इस पूरे समय म० हैमल कु स पर ग तहीन बैठे ए कसी न कसी व तु को दे खते रहे। उनक बहन ऊपर
वाले कमरे म ं क म अपना सामान लगा रही थी य क उ ह अगले दन दे श छोड़कर जाना था।
, , —,, , ,
लेखन के प ात उनका इ तहास का पाठ था तथा फर ब ने मं क भाँ त उ ा रत कया बा बे बी बो बु। वृ हॉसर भी रो रहा
था। अचानक गरजाघर के घंटे ने बारह बजाये तब दोपहर क ाथना ई। उस ण शया के सै नक के सै य अ यास से लौटने क
तुरही क व न खड़ कय के नीचे से आई। म० हैमल खड़ा हो गया। वह बोलना चाहता था क तु कसी चीज़ से उसका गला सँध गया।
, ,
फर उ ह ने चॉक का एक टु कड़ा उठाया तथा जतने बड़े अ र म वह लख सकता था उसने यामपट पर लखा ांस अमर रहे।“ ”
इसके प ात् वह क गया तथा द वार के साथ अपना सर झुका लया। बना कोई श द बोले उसने हाथ से ही यह इं गत करने क मु ा
बनाई क व ालय क छु हो गई थी तथा वे जा सकते थे।
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वे मतदान के पा ह। राशन काड क सहायता से उ ह अनाज मल जाता है। जी वत रहने के लए भोजन पहचान प से कह अ धक -
, -
आव यक है। उ ह जहाँ कह भोजन मल जाता है वह अपने त बू लगा लेते ह जो उनके गमन भवन बन जाते ह। उनम ब े बड़े होते ह ,
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तथा जी वत रहने म भागीदार बन जाते ह। सीमापुरी म जी वत रहने का अथ है कू ड़े करकट को खंगालना। वष बीतने के साथ कू ड़ा -
करकट म से मू यवान व तुएँ ढूं ढना एक कला का प धारण कर लया है। उनके लये कू ड़ा तो सोना है। यह उनक दै नक रोट है तथा
सर के ऊपर क छत ।
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कई बार साहेब कू ड़े के ढे र म एक पया अथवा दस पये का नोट पा लेता है। तब अ धक पाने क आशा होती है। कू ड़े करकट का उनके
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लए उनके माता पता क समझ से अलग अथ है। ब के लए यह आ य से लपटा आ है बड़ के लए यह जी वत रहने का साधन,
है।
:
सद म एक ात काल ले खका साहेब को पड़ोस के एक लब के कांटेदार बाड़ लगे ार के पास खड़ा पाती है। वह दो नवयुवक को
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टे नस खेलते ए दे ख रहा है। वे सफे द व पहने ए ह। साहेब को यह खेल अ ा लगता है क तु वह इस बाड़ के पीछे खड़े रहकर
( )
दे खने से ही स तु है। साहेब कसी के यागे फॅ के ए टे नस के जूते पहने ए है जो उसक रंग उड़ी ई कमीज तथा नकर पर अजीब
लगते ह। कसी ऐसे ,
के लए जो नंगे पैर चला हो छे द वाला जूता भी एक व के स य होने जैसा है। क तु नस उसक प ँच से
बाहर है।
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इस ात काल साहेब ध क कान क ओर जा रहा है। उसके हाथ म एक ट ल का ड बा है। वह एक चाय क कान पर काम करता
है। उसे 800 पये तथा उसके तीने समय का भोजन मलता है। साहेब अब अपनी मज का मा लक नह है। उसके चेहरे से च तामु
( )
दखना लु त गायब हो गया है। चाय क कान म काम करके वह स तीत नह होता।
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वे बदबूदार तंग ग लय से जो कू ड़े करकट से भरी पड़ी ह उन घर के समीप से गुजरते ए जाते ह जो ढहती ई द वार अ र लटकते ,
ए दरवाज एवं खड़क र हत तंग कोठ रयाँ मा ह। यहाँ मानव तथा पशु एक साथ नवास करते ह। वे आधी न मत एक फू हड़ झोपड़ी
म प ँचते ह। इसके एक भाग म सूखी घास क छत लगी है। एक कमजोर नवयुवती लकड़ी के चू हे पर शाम का भोजन बना रही है। वह
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मुकेश के बड़े भाई क प नी है तथा तीन पु ष क दे खभाल करने वाली है उसका प त मुकेश तथा उनका पता। पता एक नधन चू ड़याँ
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बनाने वाला है। वष तक कठोर प र म करने के बावजूद पहले एक दज के प म तथा फर चू ड़याँ बनाने वाले के प म वह एक ,
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मकान को पुनः बनाने तथा अपने दोन बालक को व ालय भेजने म असमथ रहा है। जो कु छ वह उ ह सखा पाया है वह वही है जो वह
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जानता है चू ड़याँ बनाने क कला।।
मुकेश क दाद ने चू ड़य के शीश क पा लश करने से उड़ी धूल से अपने प त को अ ा होते ए दे खा है। वह कहती है क यह उसका
भा य है। उसका न हत अथ है क भु द कु टु ब रेखा नह तोड़ी जा सकती। वे चूड़ी नमाता क जा त म उ प ये ह और उ ह ने
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व भ रंग क चू ड़य के अ त र कु छ अ य नह दे खा है। लड़के तथा लड़ कयाँ अपने माता पता के साथ बैठकर रंगीन शीशे के टु कड़
को जोड़कर चू ड़य के वृ बनाते ह। वे अंधेरी झ प ड़य म तेल के द य क टम टमाती ए लौ क पं य के आगे काम करते ह। उनक
:
आँख बाहर के काश क अपे ा अंधेरे म अ धक अ य त ह। वय क होने से पहले ही ाय वे कई बार अपनी आँख क यो त खो दे ते
ह।
फ क गुलाबी पोशाक पहने ए एक युवा लड़क स वता एक बुजुग म हला के साथ बैठ है। वह शीशे के टु कड़ को टांके लगा रही है।
उसके हाथ कसी मशीन के चमट क भाँ त मशीनी प से चलते ह। शायद वह उन चू ड़य क प व ता के वषय म नह जानती जनको
बनाने म वह सहायता करती है। उसके पास बैठ ी ने जीवनपय त एक बार भी भरपेट भोजन का आन द नह लया है। उसका प त
लहराती ई दाढ़ वाला वृ है। वह चू ड़य के अ त र कु छ नह जानता। उसने प रवार के नवास हेतु एक मकान बनाया है।
उसके सर पर छत है।
फरोजाबाद म समय के साथ ब त कम बदलाव आ है। प रवार के पास खाने को पया त भोजन नह है। उनके पास इतना धन नह है
क चू ड़याँ बनाने के ध े को जारी रखने के अ त र कोई अ य काम कर सक। वे उन बचौ लय के कु च म फस गए ह। ज ह ने
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उनके पता तथा दादा परदादा को जाल म फँ साया था। वष तक म त क को सु कर दे ने वाले प र म ने उनके पहल करने क सभी
भावना तथा व दे खने क साम य को समा त कर दया है। वह कसी सहकारी सं ा म संग ठत होने के अ न ु क ह। उ ह भय है
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क पु लस ारा उनको ही अवैध काय करने के लए पकड़ा जायेगा पीटा जायेगा तथा कारागार म डाल दया जायेगा। उनके म य कोई
(
नेता नह है। कोई भी उ ह व तु को पृथक प से दे खने म सहायता नह करता। वे सब थके ए तीत होते ह। वे गरीबी नधनता ),
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उदासीनता लालच तथा अ याय क बात करते ह।
दो - , , , ;
संसार दखाई दे ते ह एक गरीबी म फँ से प रवार जो क बोझा ढो रहे ह उसे कलंक का जस जा त म उ ह ने ज म लया है
, , , ,
सरे महाजन बचौ लय पु लसवाल कानून के रखवाल तथा राजनी त का च । उ ह ने एक साथ मलकर ब े पर इतना भार
( ) ,
सामान लाद दया है क वह इसे नीचे भी नह रख सकता वह इसे उतने ही वाभा वक प से वीकार कर लेता है जैसे क उसके पता
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ने कया था। कोई अ य काम करने का अथ होगा साहस करना तथा साहस करने का उनके बड़े होने म कोई ह सा नह है। ले खका को
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तब स ता होती है जब वह मुकेश म इसक चमक दे खती है जो क मोटर मैके नक म ी बनना चाहता है
( )
जब लेखक तीन या चार वष का था तभी से उसे पानी के त अ च घृणा हो गई थी। उसके पता उसे कै लफो नया म समु तट
( )
कनारे पर ले गए। वे समु झाग पर इक े खड़े ए थे। लहर ने उसे नीचे गरा दया तथा उसके ऊपर से बहने लग । वह पानी म दफ़न
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हो गया। उसक सांस चली गई। वह डर गया। उसके पता हँसे कतु लहर क अ य धक श ने उसके दय म अ त ती भय भर दया।
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जब वह तालाब पर गया तो वहाँ कोई और नह था। अतः वह सर क ती ा करने के लए तालाब के समीप बगल म बैठ गया। थोड़ी ( )
, - , 18
ही दे र म एक भारी भरकम लड़का एक मु के बाज़ आया। वह स वतः वष का होगा तथा उसके हाथ पैर पर सु दर मांसपे शयाँ -
‘ ’
थ । उसने लेखक को पतलू कहकर पुकारा तथा पूछा क वह पानी म डु बक लगाने को कै से पस द करेगा।
उस मु के बाज़ लड़के ने डगलस को उठाया तथा गहरे सरे म फक दया। वह बैठने क त म पानी से जा टकराया। उसने पानी नगल
( ) ,
लया और तुर त पद नीचे का तल क ओर चला गया। वह भयभीत हो गया क तु सोचने वचारने क श नह गॅवाई। उसने एक-
, ( )
योजना बनाई। जब उसके पैर पद से टकरायगे तो वह बड़ी छलांग लगायेगा। एक काक क डाट क भाँ त वह तल पर आ जायेगा इस ,
पर सीधा लेटेगा तथा फर पानी को धके लता आ तालाब के सरे तक प ँच जायेगा।
( ) ,
वे नौ फु ट न बे फु ट से भी अ धक तीत ए। उसके पद तली को छू ने से पहले ही उसके फे फड़े फटने को तैयार थे। जब उसके पैर पद
,
से टकराये तो उसने ऊपर क ओर तगड़ी छलाँग लगाई क तु वह तुर त ऊपरी तल तक प ँचने म असफल रहा। वह धीरे धीरे ऊपर -
,
आया। उसक आँख तथा नाक पानी से बाहर आ गये क तु मुँह नह आया। उसने पानी के तल पर अपनी टाँग इधरउधर घुमाई । उसने
( )
पानी नगल लया और उसका गला अव हो क गया। उसने अपनी टाँग ऊपर लाने का य न कया क तु वे भार क भाँ त लटक ,
रह । वह फर से तालाब क पद क ओर चला गया।
- (
वह पानी के नीचे चीख रहा था य क भय ने उसे जकड़ लया था। वह पानी के नीचे श हीन सा प ाघात या लकवे से सत हो गया )
,
था क तु उसके धड़कते दय तथा म त क ने उसे बताया क वह अभी भी जी वत था। जब वह पद से टकराया तो वह अपनी पूरी ,
श से ऊपर क ओर उछला। इस उछाल से भी कोई अ तर नह आया। पानी अब भी उसके चार ओर था। उसके हाथ पैर हलते ही -
,
नह थे। वह भय से काँपने लगा। उसने सहायता के लए पुकारने का यास कया माँ को पुकारने का क तु कु छ नह आ। फर वह ,
ऊपर उठा। उसक आँख तथा नाक लगभग पानी से ऊपर थे। उसने साँस लेने क को शश क क तु उसे पानी मला। वह तीसरी बार नीचे
जाने लगा।
फर सभी यास समा त हो गये तथा वह शा त हो गया। एक का लमा उसके म त क पर छा गई तथा उसने भय को प छकर बाहर
नकाल दया। अब अचानक होने वाला भय नह था। वह उन दा महसूस करने लगा तथा सोना चाहता था। उसने सभी यास छोड़ दये।
,
वह सब कु छ भूल गया। जब उसक चेतना वापस लौट तो उसने वयं को उ टयाँ करते ए पेट के बल तालाब के समीप लेटे ए पाया।
जस लड़के ने उसे पानी के अ दर फका था उसने कहा क वह तो के वल मज़ाक कर रहा था। कसी अ य ने कहा क लड़का तो लगभग
(
मर ही गया था। फर वे उसे लॉकर वाले कमरे म व बदलने को ले गये। )
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( )
कई घंटे उपरा त वह पैदल चलकर घर गया। वह बल कमज़ोर था तथा काँप रहा था। जब वह ब तर पर लेटा तो हलने तथा चीखने
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लगा। उस रात वह भोजन नह कर सका। कई दन तक उसके दय म बार बार भय मँडराता रहा। वह तालाब पर फर कभी वापस नह
गया। वह जल से भयभीत हो गया तथा जहाँ तक स व हो इससे बचता था।
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कु छ वष उपरा त उसे जल पात के पानी के वषय म ात आ। वह उनम घुसना चाहता था। जब कभी वह ऐसा करता तो वही भय
, :
जसने उसे तालाब म जकड़ लया था पुन लौट आता। उसक टाँग श हीन हो जाती थ । एक ठं डा भय उसके दय को कसकर पकड़
, -
लेता था। समय बीतते गए ले कन यह कमी उसके साथ बनी रही। वह जहाँ कह जाता बार बार आने वाला पानी का भय उसका पीछा
,
करता। इसने उसक मछली पकड़ने क या ा को बबाद कर दया। इसने उसे ड गीचालन नौकायन तथा तैराक से ा त होने वाली
स ता से वं चत कर दया।
, (
अपने भय पर काबू पाने के लए उसने उस येक ढं ग का योग कया जो वह जानता था। अ त म उसने एक श क सखाने वाले
) ,
गु क सेवाएँ लेने और तैरना सीखने का नणय लया। वह एक तालाब पर गया तथा स ताह म पाँच दन त दन एक घंटा अ यास,
( )
करता। श क ने उसके गद चार ओर एक पेट लगाई। पेट से जुड़ी ई एक र सी च से होकर सर के ऊपर बँधे तार से होकर जाती
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थी। वह र सी के सरे को पकड़ लेता था। कई स ताह तक इसी तरह चलता रहा। तालाब म येक बार मण के समय थोड़ा सा भय उसे
,
जकड़ लेता। येक बार जब श क र सी पर अपनी पकड़ ढ ली करता तथा लेखक पानी के नीचे जाता तो उसके पुराने भय का कु छ
अंश लौट आता और उसक टाँग सु हो जात ।
( ) - (
यह तनाव ह का ढ ला होते होते तीन महीने बीत गये। फर श क ने उसे पानी के अंदर चेहरा रखकर सांस छोड़ना बाहर नकालना )
( )
एवं नाक ऊपर को उठाना एवं सांस लेना भीतर ख चना सखाया। उसने यह अ यास सैकड बार दोहराया। उसका सर इस तरह पानी
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के अ दर जाने से उसका कु छ पुराना भय अ य त धीरे धीरे समा त होता गया।
फर श क ने उसे तालाब क तरफ के पास से पकड़ा तथा उससे टाँग से ठोकर लगवा । उसने ऐसा कई स ताह तक कया। धीरे धीरे -
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उसक टाँग आराम महसूस करने लग । इस कार टु कड़े टु कड़े म उसने उसे एक तैराक बनाया। जब उसने उसे येक भाग म पूणतया
नपुण कर दया तो उ ह साथ रखकर एक सम वत पूण प न मत कया। उसने अ ू बर म अ यास करना आर कया था तथा अ ैल
म श क ने उसे बताया क वह तैर सकता था। उसने लेखक को गोता मारने तथा पूरे तालाब क ल बाई म तैरने को कहा। उसने रगने
वाले हार से आर कया।
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जब वह तालाब म अके ला तैरता तो पुराने भय के छोटे छोटे अवशेष लौट आते क तु अब वह अपने भय को दबा सकता था। ऐसा जुलाई
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तक चलता रहा। वह अब भी स तु नह था। अत वह यू है शायर म लेक वे टवथ म गया। वहाँ उसने स प म एक गोद से गोता
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लगाया। वह झील के पार टा ए ट प तक दो मील तैरकर गया। वह रगने के हार छाती के हार प के हार तथा पीठ के हार
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से तैरा। भयं के वल एक ही बार लौटा। जब वह झील के म य म था तो उसने अपना सर पानी के नीचे कया तथा पद वहीन जल के
अ त र कु छ नह दे खा। उसने भय से पूछा क वह इसका या कर सकता था तथा यह र भाग गया।
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कु छ स दे ह अब भी शेष थे। अतः वह टाइटन नद के ऊपर को कॉनरेड चरागाह कानरैड पद माग से ऊपर मीड हमनद तक गया। उसने
वाम लेक के पास ऊँची चरागाह म श वर लगाया। अगली ातः उसने झील म गोता लगाया तथा सरे तट तक तथा पुनः वापस तैरकर
,
गया। वह स ता से च लाया तथा ग बट चोट से त व न टकराकर लौट आई। उसने पानी से अपने भय पर वजय ा त कर ली
थी।
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इसे अनुभव का उसके लए एक गहरा अथ था। लोग ज ह ने कठोर भय को जाना है तथा इसे व जत कया है के वल वे ही इसको समझ
,“
सकते ह। मृ यु म शा त है। मृ यु के भय म ही अ य धक भय है। जवे ट को यह ात था। उसने कहा था जससे हम डरना है वह तो
” ,
डर वयं ही है। डगलस ने मरने क अनुभू त तथा जो भय वह उ प कर सकता था इन दोन का ही अनुभव कया था। जी वत रहने क
इ ा कसी कार से ती ता म वक सत हो गई।
( ) ( )
अ त म डगलस ने वत मु महसूस कया। वह पवत के पथ पर चलने के लए तथा शखर चो टय पर चढ़ने को एवं भय को
अनदे खा करने के लए वत था।
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एक दन उसे एक वचार सूझा क पूरा संसार एक बड़ी चूहेदानी के अ त र कु छ और नह है। यह लोग को धन एवं स ता भोजन ,
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तथा घर गम तथा व भट करके उसी कार चु गा चारा डालता है जैसे चूहेदानी म पनीर तथा सूअर का मांस हो। य ही कोई
, , ( )
लो भत होकर इस ललचाने वाले चारे को छु एगा वह चूहेदानी म ब द हो जाएगा और तब येक बात व तु समा त हो जाएगी।
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एक अँधेरी शाम को वह भारी कदम से धीरे धीरे चल रहा था तभी उसने सड़क के समीप एक छोटा सा भूरा कु ट र दे खा। उसने रात के
लए शरण माँगने के लए ार खटखटाया। इसका वामी एक वृ था। उसक प नी अथवा कोई ब ा नह था। अके लेपन म
कसी ऐसे ,
को पाकर जससे क वह बात कर सके वह स था। उसने रात के अ पाहार के लए उसे हलवा तथा धू पान क
पाइप के लए त बाकू दया। फर उसने अपनी पुरानी ताश क ग ी नकाली और सोने का समय होने तक अपने अ त थ। के साथ ‘mj
lis’
⍤ नामक खेल खेला।
अपने समृ के दन म वागतकता रै सजो आयरनवस म खेती का वामी था। उसने भू म पर काम कया था। अब वह शारी रक प र म
नह कर सकता था। उसक गाय उसे सहारा दे ती थी। यह असाधारण गाय म खन बनाने के कारखाने के लए त दन ध दे सकती थी।
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उसने अजनबी को बताया क पछले महीने उसे भुगतान म पूरे तीस ोनर ा त ए थे। खे तहर ने अपने अ त थ को तीन मुड़े तुड़े दस -
,
दस ोनर के नोट दखाये जो उसने चमड़े के उस बटु ए से नकाले जो एक क ल से खड़क क चौखट म लटका आ था।
अगले दन दोन -
ज द उठे । भू वामी को अपनी गाय को हने क शी ता थी तथा सरा भी तब ब तर म नह पड़ा रहना
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चाहता था जब क उसका वागतकता जाग चुका हो। वे एक साथ कु ट र छोड़ कर गये। भू वामी ने ार को ताला लगाया तथा चाबी
अपनी जेब म रख ली। चूहेदानी वाले ( )
ने अपने मेज़बान वागतकता को अल वदा तथा ध यवाद कहा और चला गया। आधे घंटे के
उपरा त चूहेदानी बेचने वाला ,
लौट आया। उसने खड़क का शीशा तोड़ा अपना हाथ भीतर डालकर बटु ए को लपक लया। उसम
से उसने धन नकाला और अपनी जेब म हँस लया। फर उसने अ य त सावधानी से चमड़े के बटु ए को उसके ान पर लटका दया तथा
वहाँ से र चला गया।
उसे अपनी चु ती पर स ता महसूस ई। फर उसने महसूस कया क उसे सावज नक पथ पर और आगे चलने का साहस नह करना
चा हए। अतः उसने जंगल का माग पकड़ लया। वह एक वशाल तथा मत करने वाले वन म चला गया। उसने महसूस कया क वह
( )
वन के एक ही समान भाग म च कर काटे जा रहा था। उसने सोचा क उसने वयं को शकार फँ साने वाले चारे ारा मूख बनने दया
तथा पकड़ा गया। सारा वन उसे एक अभे कारागार तीत होने लगा जससे वह कभी बचकर नकल नह पायेगा।
दस बर के कई दन बीत चुके थे। अँधेरे ने खतरे तथा उसक उदासी और नराशा को बढ़ा दया। वह भू म पर धंस गया य क वह
,
ब कु ल थक गया था। सभी उसे हथौड़े क चोट क व न सुनाई द । उसने अपनी सारी श एक त क उठ खड़ा आ तथा
लड़खड़ाता आ व न क दशा म चल पड़ा। वह लोहां पघलाकर गढ़ने वाली एक भ के पास प ँचा जहाँ लुहार म ी तथा उसका
( )
सहायक भ के नकट बैठे ती ा कर रहे थे क क ा लोहो गम होकर तैयार हो ता क वे इसे घन नहाई पर रख सक। वहाँ कई
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व नयाँ थ बड़ी क नयाँ कराहती थ जलता आ कोयला चटखकर टू टता था आग म धन झ कने वाला लड़का काफ खनक के साथ
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, - ,
फावड़े से लकड़ी का कोयला फकता था जल पात दहाड़ता था ती उ री पवन ट क टाइल से बनी छत पर तेज़ी से वषा कर रही
थी। इन सारे शोर के कारण लुहार ने यह यान नह दया क एक ने फाटक खोला था तथा लुहारखाने क भ म वेश कर गया था
जब तक क वह भ के पास ही न प ँच गया।
, ,
लुहार ने मा लापरवाही तथा उदासीनता से इस बना बुलाये आने वाले क ओर नहारा जसक ल बी दाढ़ थी ग दे फटे चीथड़े थे तथा
( )
उसक छाती पर चूहेदा नय का एक गु ा झूल लटक रहा था। फे री वाले ने ठहरने क आ ा माँगी। बना कोई श द कहे लुहार म ी ने
,
सर हलाकर गव ली सहम त कट क । तभी लोहे का वामी जो रै सजो आयरन मल का मा लक था कारखाने के लुहारखाने म
नरी ण हेतु अपने रा दौरे पर आ प ँचा।
लोहे के कारखाने के वामी ने दे खा क ग दे फटे व म एक भ के इतना समीप चला गया था क उसके गीले चथड़ से भाप
,
उठ रही थी। वह चलता आ उसके समीप प ँचा तथा उसे अ य त यानपूवक दे खा। फर उसने उसको टोप जसको चौड़ा मुड़ने वाला
, ’
कनारा था ख चा ता क उसके चेहरे को अ धक अ े ढं ग से दे ख सके । उसने उसे न स ओ फ पुकारा तथा आ य कया क वह
कै सा दखता था।
चूहेदानी वाले ने रै सजो के लोहे के कारखाने के वामी को पहले कभी नह दे खा था तथा नह जानता था क उसका नाम या है।
-
उसने सोचा क शायद लोहे का वामी अपने पुराने प र चत को दो एक ोनर फक दे । अतः उसने उसे यह नह बताया क वह गलती पर
था। लोहे के कारखाने के वामी ने कहा क उसे रेजीमट से यागप नह दे ना चा हए था। फर उसने अजनबी से अपने साथ घर आने को
कहा। आवारा घु मकड़ सहमत नह आ। उसने तीस ोनर के वषय म सोचा। लोहे के कारखाने के वामी के घर जाने का अथ होगा
वयं को शेर क माँद म फक दे ना।
लोहे के कारखाने के वामी ने यह मान लया क वह दयनीय व के कारण परेशानी महसूस कर रहा था। उसने कहा क उसक प नी
,
ऐ लजाबेथ का दे हा त हो चुका था उसके पु वदे श म थे तथा के वल उसक सबसे बड़ी पु ी उसके साथ थी। उसने अजनबी को अपने
” ”
साथ समस तीत करने का नम ण दे दया। अजनबी ने तीन बार नह कहा। लोहे के कारखाने के वामी ने लुहार ट् ज़न ोम
को कहा क कै टन वॉन टाहले उस रात उसके साथ कना अ धक पस द करता था। वह वयं अपने आपम हँसा तथा चला गया।
,
आधे घंटे के उपरा त लुहारखाने के बाहर घोड़ागाड़ी के प हय क आवाज सुनाई द । लोहे के कारखाने के वामी क बेट वहाँ आई
जसके पीछे एक सेवक था जो बड़ा नम रेश वाला ऊनी कोट उठाए ए था। उसने अपना प रचय एडला वलमै सन के प म। दया।
उसने दे खा क वह डरा आ था। उसने सोचा क या तो उसने कु छ चुराया है अथवा वह जेल से बच नकला है। क तु उसने उसे
यक न दलाया क उसे उसी कार वत प से जाने क अनुम त होगी जैसे क वह आया था। उसने उसे कै टन कहकर स बो धत
कया तथा ाथना क क वह उनके साथ समस क पूव स या पर के । उसने यह इतने मै ीपूण लहजे से कहा क चूहेदानी व े ता
उसके साथ जाने को सहमत हो गया । रोयदार ऊनी कोट उसके चथड़ के ऊपर डाला गया तथा वह युवा म हला के पीछे घोड़ागाड़ी तक
गया। रा ते म फे रीवाले व े ता ने सोचा क उसने उस ( )
का धन य लया। वह पजरे चूहेदानी म बैठ गया था तथा कभी इससे
बाहर नह नकल पायेगा।
अगले ही दन समस क पूव स या थी। लोहे के कारखाने का वामी भोजन क म ना ते के लए आया। उसने रेजीमट के अपने उस
पुराने साथी के वषय म सोचा जससे वह अचानक बना कसी आशा के ही मला था। उसने स तु महसूस कया तथा उसे भली कार
से भोजन कराने तथा कु छ स मानजनक काम दे ने क सोची। उसक बेट ने कहा क पछली रात उसने उसम कोई भी ऐसी बात नह
दे खी जो यह दशाये क वह एक श त था। लोहे के कारखाने के वामी ने उससे धैय रखने को कहा तथा समझाया क उसे व
होने तथा व पहनने दे । तब वह कु छ पृथक् दे खेगी। घु मकड़ के आचरण के ढं ग घु मकड़ के व यागते ही बदल जायगे। तभी अजनबी
, , -
ने अ े दखने वाला सूट सफे द कमीज माँड लगा आ कालर वाला तथा सफे द जूते पहनकर वेश कया। य प वह भली भाँ त साफ
-सुथरा था तथा अ े व पहने आ था फर भी लोहे के कारखाने का वामी स तीत नह आ। उसने इस त य को समझा क
( )
पछली रात उससे गलती हो गई थी। अब दन के पूरे काश म उसे एक प र चत के प म गलती से समझना अस व था। अजनबी ने
सरे का ान लेकर छल करने का कोई यास नह कया। उसने कया क उसका कोई दोष नह था। उसने एक नधन ापारी
( )
होने के अ त र कोई और बहाना ढ ग नह कया था। उसने तो लोहे के वामी को उसे लुहारखाने म कने क आ ा दे ने को कहा था।
15
वह अपने चथड़े पहनकर जाने को तैयार था।
लोहे के कारखाने के वामी ने सोचा क उस म ईमानदारी नह थी तथा वह शे रफ को बुलाना चाहता था। आवारा भटकने वाले
( )
भखारी ने तब लोहे के वामी को बताया क पूरा संसार एक बड़ी चूहेदानी के अ त र कु छ नह था। जो सारी अ व तुएँ उसे पेश
,
क गई थ वे पनीर क ऊपरी परत तथा सूअर के मांस के टु कड़ के अ त र कु छ नह थ जो कसी असहाय नधन ( ) को क म
डालने के लए लगाई गई थी। स व था शे रफ इसके लए उसे जेल म ब द कर दे । उसने लोहे के कारखाने के वामी को चेतावनी द क
एक ऐसा दन भी आना स व था जब वह मांस का एक बड़ा टु कड़ा ा त करना चाहे तथा तब वह पजरे म पकड़ा जायेगा।
लोहे के कारखाने का वामी हँसने लगा। उसने शे रफ को सूचना भेजने का वचार याग दया। क तु उसने उस आवारा भखारी को जाने
को कहा तथा ार खोल दया। तभी उसक पु ी ने वेश कया तथा उसने पता से पूछा क वह या कर रहा था। उस ातः वह अ य त
( )
स थी। वह उस अभागे के लए घर जैसी चीज बनाना चाहती थी अतः वह उस वृथा घूमने वाले आवारा के प म बोली। वह चाहती
-
थी क वह उनके साथ एक दन शा त का बताये पूरे वष म के वल एक दन। वह जानती थी क गलती हो गई थी क तु उ ह उस
को खदे ड़कर नह भगाना चा हए जसे उ ह ने वहाँ आने को कहा था तथा समस क खु शयाँ बाँटने का वायदा कया था। लोहे के
( )
कारखाने के वामी ने आशा क क उसे इस पर अफसोस खेद नह करना पड़ेगा।
युवा लड़क अजनबी को मेज़ तक ले गई तथा उसे बैठने और खाने को कहा। उस ने एक श द भी नह बोला क तु भोजन करने
लगा। वह लड़क क ओर दे खता तथा आ य करता रहा क उसने उसके प म ह त ेप य कया था। रै सजो म समस क पूव
स या सदा क भाँ त बीत गई। अजनबी ने कोई क नह प ँचाया य क उसने सोने के अ त र कु छ नह कया। उ ह ने उसे के वल
इस लए जगाया क वह भोजन कर सके । शाम को समस के वृ म काश कया गया। दो घंटे प ात् उसे फर जगाया गया ता क वह
समस क मछली तथा हलवा ले सके । मेज़ से उठने के प ात वह चार ओर गया तथा उसने वहाँ व मान येक को ध यवाद
-
तथा शुभ रा कहा। लड़क ने उसे बताया क जो सूट वह पहने ए था वह उसके लए समस का उपहार था। तथा उसे यह लौटाना
,
नह था। य द वह अगली समस क पूव क स या शा त से बताना चाहे तो उसका पुनः वागत कया जायेगा। चूहेदा नयाँ बेचने वाले
( ) ( )
ने कोई उ र नह दया। वह के वल सीमाहीन अन त आ य हैरानी से उस युवा लड़क को दे खता रही।
अगले दन लोहे के कारखाने का वामी तथा उसक पु ी ज द उठे ता क वे गरजाघर क ाथना म जा सक। वे वहाँ से दस बजे के
लगभग घोड़ागाड़ी म चले। लड़क बैठ ई थी तथा उसने सामा य दन क अपे ा अपना सर अ धक नराशा से कु छ यादा झुका रखा
-
था। गरजाघर म उसे पता लगा क लोहे के कारखाने के एक पुराने भू वामी को एक ऐसे ारा लूट लया गया था जो चूहेदा नयाँ
बेचता फरता था। लोहे के वामी को भय था क उसने अलमारी से चाँद के कई च मच चुरा लए ह गे। जब छकड़ा सामने वाली सी ढ़य
के पास का तो उसने सेवक से अजनबी के वषय म पूछा। सेवक ने बताया क अजनबी जा चुका था। वह अपने साथ कु छ भी नह ले
,
गया था क तु कु मारी व लमै सन के लए एक पैकेट समस के उपहार के प म छोड़ गया था।
, - - ,
पैकेट खोलने पर उसने स ता भरी एक छोट सी चीख मारी। उसने एक छोट सी चूहेदानी पायी तथा इसके भीतर तीन झुरीदार मुड़े ( -
)
तुडे दस ोनर वाले नोट पड़े थे। उसे स बो धत करके लखा आ एक प भी वहाँ था। वह उसे एक चोर के ारा ल त नह । होने
( )
दे ना चाहता था अ पतु कै टन क भाँ त वहार करना चाहता था। उसने उसे लड़क से ाथना क क वह यह धनरा श सड़क के पास
वाले उस वृ - ( )
को लौय दे जसने धन का बटु आ इधर उधर घूमने वाले आवारा लोग को ललचाने के लये मांस के टु कड़े क भाँ त
खड़क क चौखट म लटका रखा था। चूहेदानी एक ऐसे चूहे क ओर से उपहार था जो इस संसार क चूहेदानी म फँ स गया होता य द उसे
, ( )
कै टन के पद पर तर क न द गई होती य क इस ढं ग से उसे वयं को व साफ करने क श मली।
गांधी जी ने च ारण क ( )
त के वषय म पूरी सूचना जानकारी ा त करने के लए पहले मुज फरपुर जाने का न य कया। वह 15
अ ैल 1917 को आधी रात म रेलगाड़ी से मुज फरपुर प ँच।े टे शन पर ोफे सर जे०बी० कृ पलानी ने उनका वागत कया। गांधी जी
( )
वहाँ दो दन ठहरे। गांधी जी के प ँचने तथा उनके येय वशेष काय क कृ त के वषय म समाचार मुज फरपुर होता आ च ारण
तक शी ता से फै ल गया। च ारण के बटाई पर खेती करने वाले कसान वहाँ प ँचने लगे। मुज फरपुर के वक ल ने गांधी जी को
कचहरी म चल रहे मामल के वषय म जानकारी द । उ ह नेवक ल को इन बंटाई पर खेती करने वाले कसान से अ धक फ स बटोरने
पर धमकाया। उ ह ने सोचा क इन कु चले ए तथा भय त कसान के लए यायालय थ थे। उनके लए असली राहत थी क वे भय
से मु ( )
वत ह ।
नकट के एक गाँव म एक कसान के साथ वहार आ था। अगले दन गांधी जी हाथी क पीठ पर सवार होकर चले। शी ही उ ह
पु लस अधी क के संदेशवाहक ारा रोका गया तथा उसी क घोड़ागाड़ी म नगर लौटने का आदे श दया गया। गांधी जी ने इस आ ा का
पालन कया। संदेशवाहक गांधी जी को गाड़ी म घर ले आया। फर उसने गांधी जी को तुर त च ारण छोड़कर चले जाने का नो टस थमा
( )
दया। गांधी जी ने इसक पावती रसीद पर ह ता र कये तथा इस पर लख दया क वह आदे श क अव ा करगे। गांधी जी को अगले
( )
दन यायालय म पेश होने का स मन यायालय का आदे श ा त आ। रात को गांधी जी ने राजे साद को तार भेजा आ म म ,
नदश भेजे तथा वायसराय को सूचना तार ारा े षत क ।
/
हज़ार कसान यायालय के चार ओर एक त हो गये। कमचारी श हीन महसूस करने लगे। शासक अ धकारी अपने से े लोग से
परामश करना चाहते थे। गांधी जी ने दे री का वरोध कया। द डा धकारी ने कहा क वह दो घंटे के अवकाश के उपरा त द ड सज़ा क ( )
घोषणा करेगा। उसने गांधी जी से कहा क वह 120 मनट के लये जमानत दे । गांधी जी ने इ कार कर दया। यायाधीश ने उ ह बना
जमानत के छोड़ दया। वराम के प ात् यायालय पुनः आर आ। यायाधीश ने कहा क वह कई दन तक नणय फै सला नह ( )
(
सुनायेगा। उसने गांधी जी को मु )
वत रहने क आ ा द ।
गांधी जी ने मुख वक ल से बटाई पर खेती करने वाले कसान के साथ हो रहे अ याय के वषय म पूछा। उ ह ने आपस म वचार वमश -
( )
कया। फर उ ह ने गांधी जी को बताया क वह उनका अनुसरण कर कारागार जेल जाने को तैयार थे। तब गांधी जी ने इस समूह को
( )
यु म जोड़ म वभा जत कर दया तथा वह म न त कर दया जसम वे गर तारी दगे। कई दन के प ात् गांधी जी को ,
( )
द डा धकारी ारा सूचना द गई क मामला समा त ब द कर दया गया है। आधु नक भारत म पहली बार नाग रक अव ा ने वजय
ा त क थी।
गांधी जी तथा वक ल ने कसान क शकायत पर जाँच करनी आर क । लगभग दस हज़ार कसान सा ी बने। द तावेज़ माण ( )
19
- , -
एक त कये गये। गांधी जी को उप रा यपाल सर एडवड गेट ारा बुलवाया गया। वह उप रा यपाल से चार बार मले। जाँच के लए
एक सरकारी कमीशन नयु कर दया गया।
ार म गांधी जी च ारण म सात महीने रहे और फर कई बार सं त मण के लए आये। सरकारी जाँच ने बड़े खेत के वा मय के
व माण एक त कये। वे स ा त प से कसान को धन लौटाने को सहमत हो गये। गांधी जी ने के वल 50
तशत माँगा। बड़े
खेत के वा मय के त न ध ने 25
तशत लौटाने का ताव कया। गांधी जी सहमत हो गये। अवरोध समा त टू ट गया।/
गांधी जी ने कया क लौटाई जाने वाली रा श क मा ा इस त य से कम मह वपूण थी क जम दार को कु छ धन तथा कु छ अपनी
,
त ा दे ने को ववश होना पड़ा था। कसान ने अब दे खा क उसके अ धकार थे तथा उनके र क भी। उसने साहस सीखा। घटना ने
गांधी जी क त को उ चत ठहराया। कु छ वष म ही टश भू वा मय ने अपने वशाल भूख ड छोड़ दये। ये अब कसान के पास
( )
लौट गये। नील क बटाई क खेती अ य गायब हो गई।
च ारण के गाँव के सां कृ तक तथा सामा जक पछड़ेपन को हटाने के लए गांधी जी कु छ करना चाहते थे। उ ह ने अ यापक के लए
, ,
ाथना क । गांधी जी के दो युवा श य महादे व दे साई तथा नरह र पा रख तथा उनक प नय ने वे ा से उस काम के लए वयं को
, ,
पेश कया। कई अ य भी मु बई पूना तथा दे श के सु र भाग से आये। गांधी जी का सबसे छोटा पु दे वदास आ म से आया तथा
ीमती गांधी भी आ । छः गाँव म ाथ मक पाठशालाएँ खोली ग । क तूरबा ने गत व ता एवं सामुदा यक सफाई के वषय म
आ म के नयम सखाये।।
( )
च ारण करण गांधी जी के जीवन म मोड़ वाला मह वपूण ब था। यह अव ा के प म आर नह आ। यह नधन कसान के
,
क कम करने के यास के प म उ प आ। गांधी जी क राजनी त करोड़ लोग क दै नक सम या से ावहा रक प से जुड़ी
ई थी। उ ह ने एक नये वत भारतीय को आकार दे ने क चे ा क जो अपने पैर पर खड़ा हो सके तथा इस कार भारत को वत
करा सके ।
Going Places
20
Summary In English
Sophie and Jansie, two school girls, were coming home from school. Sophie declared that
she was going to have a boutique. Jansie looked doubtful as something like that took money.
Sophie said that she would find it. Jansie observed that it would take a long time to save that
much. Sophie said she would be a manager till then. Jansie pointed out that they would not
make her manager straight off. However, Sophie persisted in her fantasising. She said that
she would be like Mary Quant. She would have the most amazing shop in that city.
Jansie knew that they were both earmarked for the biscuit factory. She became melancholy
and wished Sophie wouldn’t say those things. She told Sophie to be sensible. They didn’t pay
well for shop work. Moreover, her dad would never allow it.
Sophie changed track. She said that she would become an actress. There was real money in
that field. She could also have boutique as side business as actresses did not work full time.
Alternatively, she would become a fashion designer-something a bit sophisticated.
“If ever I come into money I’ll buy a boutique,” she said, entering the house. Little Derek, who
was hanging on to the back of his father’s chair, remarked, “She thinks money grows on trees,
don’t she, Dad?” Their mother sighed. Sophie watched her back stooped over the sink. The
small room was steamy from the stove and cluttered with the heavy-breathing man in his
vest at the table and the dirty washing piled up in the corner. Sophie felt a tightening in her
throat. She went to look for her brother Geoff.
Geoff was three years out of school. He was an apprentice mechanic. He travelled to his work
each day to the far side of the city. He was kneeling on the floor in the next room and
tinkering with a part of his motor cycle. Geoff was almost grown up now. She suspected
areas of his life about which she knew nothing, about which he never spoke. He seemed to be
away somewhere, in those places she had never seen. These places attained a special
fascination simply because they were unknown to her and remained out of her reach. She
wished she could be admitted more deeply into her brother’s affections and that someday he
might take her with him. She knew that Geoff thought her too young but she felt impatient.
Sophie told Geoff that she had met Danny Casey in the Arcade. Geoff did not believe her and
asked if she had told Dad. Geoff asked her how Casey looked like. She said that he had green,
gentle eyes but he was not very tall. Geoff told his father that Sophie had met Danny Casey.
Sophie wriggled. Her father looked at her with disdain. He considered Casey too young for
the first team. Sophie then said that Danny Casey told her that he was going to buy a shop.
Her father dismissed it as another of her wild stories. He did not believe her yarn. He warned
her that she was going to talk herself into a load of trouble someday.
In Geoff’s room Sophie looked at the large poster of United’s first team squad. It had a row of
coloured photographs beneath. Three of them were of the young Irish prodigy, Casey. Sophie
asked Geoff to promise he would not tell anyone about her meeting Casey and asking him for
21
autograph for Derek. Since neither of them had any paper or a pen, he asked her to come to
meet him next week. She promised to do so. Geoff said that it was the most unlikely thing he
had ever heard.
On Saturday, they went to watch United. Their team won two-nil and Casey drove in the
second goal. Sophie glowed with pride. Geoff was ecstatic.
Next week Jansie asked Sophie what she had been talking about meeting Danny Casey. She
promised to keep it a secret. Sophie said that her father would quarrel with her if he heard
about it. Sophie realised that Geoff had not told her about the date.
After dark she walked by the canal. She sat down on a wooden bench beneath a solitary elm
to wait. For sometime, she imagined his coming. Some more time passed. She began to think
that Danny might not come. She felt sad. Others would doubt her. Geoff would be
disappointed.
She climbed the steps to the street. Outside the pub, she noticed her father’s bicycle
propped against the wall. She was glad he would not be there when she got home. Coming
through the arcade she pictured Danny Casey again outside Royce’s. She saw his gentle,
gazelle like eyes. She kept waiting in the arcade alone for a long time remembering the soft
melodious voice, the shimmer of green eyes.
Then Sophie remembered another vision. Last Saturday she had seen Casey moving past the
defenders without making a sound and kicking the ball into the goal. She remembered the
thunderous applause made by fifty thousand supporters.
22
जै सी जानती थी क उन दोन का ब कु ट क फै टरी म जाना तय था। वह उदास हो गई तथा इ ा करने लगी क सोफ ऐसी बात न
कर । उसने सोफ को समझदार होने के लए कहा। कान पर काम करने के अ े पैसे नह मलते। इसके अ त र उसका पता कभी
इसक आ ा नह दे गा। सोफ ने माग बदल लया। उसने कहा क वह एक अ भने ी बन जायेगी। इसम तो असली धन था। वह साथ म
,
बुट क ापार के प म रख सकती थी य क अ भने य को येक समय काम नह करना पड़ता। वक प के प म वह एक फै शन ,
-
डजाईनर बन जायेगी कु छ थोड़ी सी प रमा जत चीज़।
,” , ” ,
घर म वेश करते ये उसने कहा य द कभी मुझे धन मला तो म बुट क खरीद लूंगी। छोटा डेरेक जो अपने पता क कु स क पीठ से
, ,” , , , ?’
झूल रहा था बोला वह सोचती है पैसा पेड़ पर उगता है या वह नह सोचती डैड उनक माँ ने आह भरी। सोफ ने उसक पीठ को
सक पर झुके दे खा। छोटा कमरा अंगीठ के कारण भाप से तथा मेज पर ब नयान पहने बैठे ये आदमी क भारीभारी सांस एवं कोने म
लगे ग दे कपड़ के ढ़े र से भरा पड़ा था। सोफ को अपने गले म कसाव महसूस आ। वह अपने भाई योफ को दे खने नकल पड़ी।
योफ को कू ल छोड़े तीन वष हो चुके थे। वह एक नौ स खया म ी थी। वह नगर के सरे छोर पर त दन अपने काम के लये या ा
( ) -
करता था। वह अगले कमरे म घुटन के बल झुका आ था तथा अपनी मोटरसाइ कल के एक पुज भाग के साथ छे ड़ छाड़ कर रहा था।
,
योफ अब लगभग बड़ा हो चुका था। वह उसके जीवन के कु छ े के वषय म स दे ह करती थी जनके वषय म वह कु छ नह जानती
,
थी तथा जनके वषय म वह कभी नह बोला था। ऐसा तीत होता था क वह कह र था ऐसे ान म जो उसने कभी नह दे खे थे। ये
ान एक वशेष आकषण लये ये थे। मा इस लये य क वे उसके लये अनजाने थे तथा उसक प ँच से बाहर रहते थे। वह इ ा
करती थी क वह अपने के भाई नेह म अ धक गहराई तक वेश करे तथा कसी दन वह उसे अपने साथ ले जाये। वह जानती थी क
,
योफ उसे ब त छोट समझता था क तु वह अ य त अधीर थी।
सोफ ने योफ को बताया क कान के मेहराबदार ग लयारे म उसक डैनी कै सी से भट हो गई। योफ ने उस पर व ास नह कया
तथा उससे पूछा क या उसने पताजी को बता दया था। योफ ने उससे पूछा क कै सी कै सा लगता था। उसने कहा क उसक हरी ,
वन आँख थ क तु वह अ धक ल बा नह था। योफ ने अपने पता को बताया क सोफ डैनी कै सी से मली थी। सोफ कसमसाई।
उसके पता ने उसक ओर घृणा से दे खा। वह कै सी को थम ट म के लये ब त छोटा समझता था। सोफ ने तब कहा क डैनी कै सी ने
उससे कहा था क वह एक कान खरीदने वाला है। उसके पता ने इसे उसक एक ऊटपटांग कहानी कहकर ठु करा दया। वह उसक
,
बहक झूठ बात म व ास नह करता था। उसने उसे चेतावनी द क इस कार क बात करके वह कसी दन वयं को ढे र सारी
मुसीबत म डाल लेगी।
योफ के कमरे म द वार पर सोफ ने यूनाइ टड क थम ट म के दल का वशाल पो टर दे खा। इसके नीचे रंगीन फोटो ाफ क एक
23
कतार थी। इनम से तीन आयरलडवासी युवा तभा कै सी के थे। सोफ ने योफ से यह वायदा करने को कहा क वह उसक कै सी से भट
( ) (
तथा डेरेक के लये वह त ल खत ह ता र माँग।े य क उनम से कसी के भी पास कोई कागज़ अथवा पेन कलम नह था उसने) ,
उसे अगले स ताह मलने आने को कहा। उसने ऐसा करने का वायदा कया। योफ ने कहा क यह सवा धक अनहोनी बात थी जो उसने
सुनी थी।
-
श नवार को वे युनाई टड का मैच दे खने गये। उनक ट म ने दो शू य से वजय ा त क । सरा गोल कै सी ने कया था। सोफ गव से
चमकने लगी। योफ अ त स था।
अगले स ताह जैसी ने सोफ से पूछा क डैनी कै सी से भट के वषय म वह या बात करती रही थी। उसने इसे गु त रखने का वायदा
कया। सोफ ने कहा क य द उसका पता इसके वषय म सुन लेगा तो वह उससे झगड़ पड़ेगा। सोफ ने महसूस कया क योफ ने उसे
पुनः मलने के वषय म नह बताया था।
अ रे े के प ात वह नहर के साथ चली। वह एक अके ले स के वृ के नीचे पड़ी बै च पर ती ा करने को बैठ गई। कु छ समय तो वह
उसके आगमन क क पना करती रही। कु छ समय और तीत आ। वह सोचने लगी क शायद डैनी न आये। उसने उदास महसूस
कया। अ य उस पर स दे ह करगे। योफ नराश हो जायेगा।
,
वह गली म जाने को सी ढ़याँ चढ़ । म दरालय के बाहर उसने अपने पता क साई कल को द वार के सहारे खड़े ये दे खा। वह स थी
क जब वह घर जायेगी तो उसका पता वहाँ नह होगा। मेहराव वाले ग लयारे से नकलते समय उसने फर रायस क कान के सामने
डैनी कै सी क क पना क । उसने उसके वन बारह सघे जैसी आँख दे ख । उसक कोमल सुरीली आवाज तथा हरी आँख क चमक को
याद करती ई वह काफ ल बे समय तक मेहराबदार ग लयारे म ती ा करती रही।
फर सोफ को एक अ य य याद आ गया। पछले श नवार को उसने कै सी को र क के पास से बना कोई आवाज कये गुजरते ये
तथा गे द को गोल म मारते ये दे खा था। उसे पचास हजार समथक ारा ता लय क शंसा क गड़गड़ाहट याद आ गई।
24
My Mother at Sixty-six
Summary in English
The poet was driving from her parent’s home to the Cochin airport last Friday morning. Her
mother was sitting beside her. She was sixty six years old. The old lady was dozing. Her
mouth remained open. Her face looked pale and faded. It was grey like ash. It looked lifeless
like a corpse (dead body).
The lifeless and faded face of her mother pained her heart. The old lady seemed to be lost in
her own thoughts. The poet turned away her attention from her mother and looked outside.
The world outside was full of life and activity. The young trees seemed running fast. The
children looked happy while moving out of their homes.
When they were at the airport, they had to undergo a security check. The poet was standing
a few yards away from her mother. She looked again at her old mother. She felt pained to
look at the colourless, lifeless and pale face of her mother. Her face looked faded like the late
winter’s moon which had lost its shine and strength. This aroused the old familiar ache in the
poet’s heart. Her childhood fear overpowered her again. However, she controlled herself. She
appeared to be normal. She scattered smiles on her face while saying good bye to her
mother. She wished to see her old Amma again.
25
:
उसक माँ का नज व तथा ववण चेहरा उसके दय को ख प ँचाता था। वृ ा अपने ही वचार म खोयी ई तीत होती थी। कव य ी
-
ने अपना यान अपनी माँ से हटाया तथा बाहर क ओर दे खा। बाहर का संसार जीवन से भरपूर तथा ग त व धय से भरा पड़ा था। छोटे
छोटे वृ पीछे दौड़ते ये तीत होते थे। अपने घर से बाहर नकलते ए ब े स दखते थे।
,
जब वे हवाई अ े पर थे तो उ ह सुर ा जाँच से गुजरना पड़ा। कव य ी अपनी माँ से कु छ गज़ र खड़ी थी। उसने अपनी माँ को फर से
,
दे खा। माँ के ववण नज व तथा पीले चेहरे को दे खकर वह पुनः ःखी हो गई। उसका चेहरा उस बीतती ई शरद ऋतु के ववण च मा
, - ( )
क भाँ त दखाई दे ता था जसक चमक तथा श चुक गई हो। इसने कव य ी के दय म पुरानी जानी पहचानी ट स पीड़ा जागृत
कर द । उसके बचपन के भय ने उसे फर से जकड़ लया। क तु उसने वयं को नय त कया। वह सामा य दखने लगी। उसे अल वदा
कहते समय उसने अपने चेहरे पर मु कान बखेर ली थी। वह अपनी वृ ा अ मा से फर से मलने क कामना करती थी।
26
शे सपीयर उनके लये कतई चपूण नह है। न ही संसार का मान च उनक कोई भलाई करता है। यह मान च ऐसे संसार को दशाता
( ),
है जो उनका अपना संसार नह है। यह संसार आकषण से भरा पड़ा है। ये ह सु दर पोत जहाज सूय तथा मानव ेम क गम ये ब -
को ललचाती ह। ये उ ह अपने दयनीय वातावरण से र भागकर इ ह ा त करने के लये लो भत करती ह। वे अपने तंग बल अथवा
मांद म अपना पूरा जीवन बताते ह। उनका जीवन अ न तता के कोहरे से आर होता है तथा उनक मृ यु क अ तहीन रात से समा त
होता है। कू ड़े के ढे र पर ये ब े अपनी खाल से बाहर झांकती ई ह य के साथ भटकते रहते ह। पैब द लगे शीश से जड़े ट ल के च मे
,
पहने वे ऐसे लगते ह जैसे प र पर बोतल के टू टे ये टु कड़े। ये ग द ब तयाँ सा ात जी वत नरक से कु छ कम नह ह। वा तव म ये
-
उनके स य संसार पर एक कलंक ह वह संसार जो अमीर तथा महान लोग का है।
—
स य संसार का मान च तथा इन अभागे ब क ग द ब तयाँ ये दो नता त भ संसार ह। रा यपाल शासक नरी क ( ), ,
आग तुक एवं अ य मह वपूण य को इस अ तर को कम करना चा हये। उ ह इन ग द ब तय म रहने वाले ब के जीवन म भी
28
झांक कर दे खना चा हये। उ ह अपने संसार को इन ग द ब तय म रहने वाले ब का संसार भी बनाना चा हये। ग द ब तय के
अनुपयु वातावरण ने उनक ग त के सारे माग अव कर दये ह। वे भू मगत क क भाँ त ब द पड़े ये ह। ये कावट तोड़ दे नी
,
चा हये। येक चीज़ जो उ ह बाँधती है उसे तोड़ दे ना चा हये। उ ह खुली हवा म सांस लेने दया जाना चा हये। उ ह अपने नगर क ग द
ब तय क तंग ग लय से बाहर नकलने क अनुम त दे नी चा हये। उ ह हरे खेत क सु दरता का आन द लेने द जये। उनके संसार का
-
सुनहरी रेत पर उभरती ई नीली नीली समु लहर तक व तार कर द। उनके लये बु म ा क पु तक के पृ खोल दो। उनक
( )
जुबान ज ला को बना कसी ब न अथवा भय के वत प से अपने आपको करने दो। के वल वे ही लोग इ तहास को
न मत अथवा सृ जत करते ह जनक भाषा म सूय क ऊ मा तथा ऊजा श हो। ( )
क व चाहता है क मछु आरे ुवीय े के ठ डे समु म हेल मछ लय को कोई हा न न प ँचाएं। वह भी जो अपने हाथ से नमक
,
एक त करता है अपने घायल हाथ का अव य यान रखे।
,
सभी कार के यु तुर त रोक दए जाने चा हए। पयावरण के व ह रत यु वषैली गैस के साथ यु तथा आ नेया के साथ यु
अभी रोक दे ने चा हए। इन यु म वजय अथहीन है य क यु के उपरा त कोई भी जी वत नह बचता। यु लड़ने अथवा छे ड़ने के
बजाय लोग को अपने सबसे ब ढ़या व पहनकर बाहर नकलना चा हए। उ ह अपने भाइय के साथ सैर करने जाना चा हए। उ ह
छायादार वृ के नीचे घूमना चा हए तथा कु छ भी न करने का आन द लेना चा हए।
‘ ’ ‘ ’ ‘ ’
क व यह नह चाहता क हम न लता को पूण न यता समझने क भूल कर। कु छ भी न करने का अथ होगा मृ यु क व का मृ यु
,
के साथ कोई स ब नह है। हम समझते ह क चलना ही जीवन है। हम सदा चलते ही नह रहना चा हए थोड़ी दे र के लए हम व ाम
भी करना चा हए। एक ल बी चु पी हमारा ब त लाभ कर सकती है। मनु य तब उदास हो जाते ह जब वे वयं को समझने म असफल
रहते ह। वे असहाय तब अनुभव करते ह जब वे वयं को मृ यु से डराना आर करते ह। एक ल बी चु पी हमारी भावना को शा त कर
सकती है तथा इस उदासी को हटाने म हमारी सहायता कर सकती है।
क व इस वचार को ’
करने के लए एक उदाहरण दे ता है क न लता का अथ पूण न‘ ’
यता नह होता। पृ वी हम । श ा दे
,
सकती है। जब येक चीज़ मृत ाय तीत होती है पृ वी सजीव रहती है।
,
क व हम जब तक वह बारह तक न गने शा त रहने को कहता है। फर वह चला जाएगा।
30
( )
हम े ष एवं नराशा से पी ड़त रहते ह। हमारे भीतर अ े मानवीय गुण एवं े नेक वभाव क कमी है। हमारे कु छ उदासी भरे दन
भी आते ह। ये सभी चीज जीवन को उदास बना दे ती ह। हम अ व तथा बुरे तरीके भी वक सत कर लेते ह जो हमारे क एवं ःख
को उ प करते ह।
( )
इन सभी क के बावजूद कु छ सु दर व तुय हमारी अ तरा मा दय से उदासी क भावना के आवरण को हटा दे ती ह। कृ त क
, ,
सभी सु दर व तुएं मानवता के लये एक वरदान ह। सूय च मा पुराने तथा नये वृ सभी स ता के ोत ह। ये सरल भेड़ के लये
छायादार आ य ल दान करती ह जो उनके लये एक वरदान है। डैफो डल के फू ल ह रयाली के बीच खलते ह। व पानी क
स रताय वयं को गम क ऋतु से बचाने के लये झा ड़य को ठं डा आ य बना लेती ह। जंगल के म य म झा ड़याँ उगी ई ह। वे सुंदर
खले ए कू ज के फू ल से अ धक सुंदर एवं भ बनी ई ह। इनक भ ता तथा सुंदरता उस तबाही के वैभव से कह अ धक ह जसक
क पना हमने अपने श शाली पूवज के लये क है।
,
कृ त क यह सुंदरता उन सभी सुंदर कहा नय से जो हमने सुनी या पढ़ ह से कह अ धक सुंदर है। कृ त एक अन त प से बहता
आ फ वारा है। यह वग के कनारे से हमारे दय म अमरता का पेय उड़ेल रहा है।
32
- ( )
आ ट जे नफर के हाथ अपनी ऊन म इधर उधर घूम रहे ह। क तु ग त चाल न व न तथा य नहीन नह है। आ ट को हाथी दाँत क
सलाइयाँ ख चने म भी काफ क ठनाई होती है। ववाह क प जसने उसे उसके प त के साथ बाँधा था उसके हाथ पर भारी पड़ रही है।
वह अभी भी वयं को उस भार के नीचे बंधी ई अनुभव करती है।
‘
जब आ ट मर जायेगी तो उस समय भी उसके आतं कत हाथ उसके खी जीवन क सारी कहानी कहगे। मुसीबत तथा क उसके
ववा हत जीवन के अंग थे। इ ह ने उसे कु चल दया। वह इनके शकं जे म थी। क तु प या फलक पर जो शेर उसने बनाये ह वे ग वत
भाव से नडर होकर छलांग लगाते रहगे।
34
( )
रा य म महाराजा के अ त र कसी अ य ारा बाघ के आखेट शकार पर तब लगा दया गया । महाराजा ने शपथ ली क वह
अ य सभी मामल क ओर पूरे 100 बाघ मारने के उपरा त ही यान दे गा। आर म राजा अपनी मह वाकां ा पूरी करने म पूणतया
सु न त लगा। उसने कई खतर का भी सामना कया। कई बार गोली अपना नशाना चूक जाती। बाघ उस पर उछल पड़ता। वह अपने
नंगे हाथ से बाघ से लड़ता। येक बार महाराजा ही वजयी होता।
एक बार उस पर अपनी राजग गंवाने का खतरा था। एक उ पद पर आसीन टश अ धकारी ने तब पुरम का मण कया। वह
बाघ के आखेट म ब त च रखता था तथा इससे भी अ धक शोक न था अपने ारा मारे गये बाघ के साथ च खचवाने का। वह
तब पुरम म बाघ का आखेट करना चाहता था। महाराजा भी अपने संक प म ढ़ रहा। उसने अनुम त दान करने से मना कर दया।
,
य क उसने एक टश अ धकारी को अपनी इ ा पूरी करने से रोका था महाराजा पर अपना रा य गंवाने का खतरा मंडराने लगा। इस
37
-
सम या पर महाराजा तथा द वान ने वचार वमश कया। व भ डजाइन क लगभग 50
महंगे हीर क अंगू ठयां टश अ धकारी
क प नी के पास भेजी ग । राजा तथा म ी आशा करते थे क वह एक अथवा दो को चुन लेगी तथा शेष को लौटा दे गी। पर तु उसने
,
सभी रख ली तथा ध यवाद का प भेज दया। य प महाराजा ने तीन लाख पये मँवा दये थे क तु वह स था य क वह अपना
रा य तो बचा पाने म स म रहा।
-
महाराजा के बाघ आखेट अ य त सफल होते रहे। दस वष के भीतर ही उसने स र बाघ मार डाले थे। क तु फर तब पुरम म कोई
बाघ नह बचा। एक दन महाराजा ने अपने द वान को बुलवाया तथा उसे बताया क उसक ब क ारा अभी 30
बाघ का आखेट
करना शेष था। उसने द वान को बताया क उसने ववाह करने का नणय कर लया था। द वान ने ऐसे रा य क सही क या का चुनाव
,
कया जसम बाघ ब त बड़ी सं या म थे। येक बार जब महाराजा जंग जंग बहा र अपने ससुर से मलने जाता तो वह पाँच या छह
बाघ मार डालता। इस कार तब पुरम के राजमहल के वागत क क द वार 99
बाघ क खाल से सुस त हो गई थ ।
एक सौ क सं या पर प ँचने के लये के वल एक बाघ को मारना शेष था। क तु अब उसके ससुर के रा य म भी बाघ के ांगण शु क
( - )
बाघ वहीन हो गये। बाघ को कह भी ढूं ढना अस व हो गया। महाराजा उदासी म डू ब गया। शी ही उसे एक सुखद समाचार मला।
, ,
उसके अपने रा य म पहाड़ी के पास वाले गाँव म भेड़े ायः गायब होने लग । न य ही कोई बाघ कायरत था। ामीण लोग महाराज को
, ( )
समाचार दे ने दौड़े क तु बाघ सरलता से नह पाया गया। महाराजा का ोध तथा हठ ज पन ऊपर चढ़ता गया। कई अ धकारी अपनी
नौक रयाँ आँवा बैठे।
-
एक दन बाघ राजा अ य धक ो धत थी। उसने द वान को बुलाया तथा तुर त लगान को दो गुणा करने का आदे श दया। द वान ने कहा
, ( )
क लोग अस तु हो जायगे फर उनका दे श रा य भी भारतीय रा ीय काँ स े का शकार बन जायेगा। राजा ने द वान को याग प
दे ने को कहा। द वान भयभीत हो गया। उसे अपना जीवन लौटता आ तभी महसूस आ जब उसने उस बाघ को दे खा जसे म ास के
-
जन उ ान से लाया गया था तथा उसके घर म छपा कर रखा गया था।
आधीरात को नगर शा तपूवक सो रहा था। द वान तथा उसक वृ ा प नी ने बूढ़े बाघ को कार तक घसीटा तथा इसको सीट पर धके ल
दया। द वान ने वयं गाड़ी सीधे उस जंगल तक चलाई जहाँ महाराजा शकार कर रहे थे। अब बाघ ने कार से बाहर नकलने से इ कार कर
( ) (
दया। कसी कार द वान ने इस हसक पशु को उठाकर कार से बाहर फका तथा भू म जमीन पर धके ला।। )
,
अगले दन वह बाघ घूमता आ महाराजा के सामने प ँचा तथा वहाँ खड़ा हो गया। असी मत आन द स हत महाराजा ने सावधानीपूवक
बाघ का नशाना साधा। बाघ एक सकु ड़ा आ ढे र हो गया। महाराजा स था क उसका एक सौ बाघ को मारने का ण पूरा हो गया
-
था। महाराजा ने आदे श दया क बाघ को भ शोभा या ा ारा राजधानी लाया जाए तथा अपनी कार म चला गया। महाराजा के जाने
,
के प ात् शकारी बाघ को समीप से दे खने प ँचे । बाघ ने अपनी आँख घुमा तथा उनक ओर दे खा। लोग ने समझ लया क बाघ मरा
नह थी। गोली नशाना चूक गई थी। वह तो गोली के पास से नकलने क व न से ही मू छत हो गया था। शका रय म से एक ने एक फु ट
( )
के फासले से नशाना साधा तथा बाघ को गोली से मार गराया। मृत बाघ को नगर म शोभाया ा जुलूस म ले जाया गया तथा दफना
दया गया।
( )
अगले दन राजा के दा हने हाथ म सं मण फै ल गया। चार दन म यह मवाद नकलने वाले घाव फोड़े म बदल गया। यह उसके पूरे बाजू
- - -
म फै ल गया। म ास से तीन स श य च क सक लाये गये। वचार वमश के उपरा त उ ह ने श य या आपरेशन करने का ( )
- ,
नणय लया। श य या सफल रही क तु महाराजा मर गया।
38
-
इस कार सौव बाघ ने बाघ राजा से अ ततः बदला ले ही लया।
.
व यु का समय था । जापान का अमे रका से यु चल रहा था। डा साडाओ को सै नक क टु क ड़य के साथ वदे श नह भेजा गया
( ) -
था। वृ सेनानायक जनरल क च क सा जारी थी तथा उसे श य या क आव यकता पड़ सकती थी। अतः डा साडाओ को .
जापान म ही रखा जा रहा था।
साडाओ ने दे खा क धुंध ने तट के समीप एक छोटे प को अपने आगोश म ले लया है। फर यह तट पर रगती ई उसके मकान के नीचे
तक आ गई। उसक प नी हाना बाहर आई और उसने अपना हाथ उसके बाजू पर रखा। इसने उसे स ता दान क । फर उसने अपना
गाल उसके बाजू पर लगा दया।
42
इसी ण उन दोन ने कसी काली व तु को धुंध से बाहर आते ये दे खा। यह एक था। वह कु छ कदम लड़खड़ाया। फर छ लेदार
( )
धुंध ने उसे छपा दया। हाना तथा साडाओ बरामदे क रे लग लोहे क बाड़ के ऊपर झुके। उ ह ने एक को अपने हाथ तथा घुटन
के बल रगते ये दे खा। फर वह मुँह के बल गर पड़ा तथा वह लेटा रहा। उ ह ने सोचा क यह स वतः कोई मछु आरा होगा जो अपनी
नौका से बह गया होगा।
, ( )
जब वे उसके समीप आये तो उ ह ने दे खा क वह घायल था और श थल ग तहीन पड़ा था। उ ह ने उसका चेहरा मुखम डल दे खा। ( )
हाना ने कानाफू सी क क वह एक गोरा ‘ ’
था। साडाओ ज म क तलाश करने लगा। उसके श से र बह नकला। इस भयावह
र ाव को रोकने के लये उसने समु काई से ज म को पूरा टक दया। वह (
अचेत बेहोश था। अपनी । बेहोशी अचेतनता म) ( )
वह पीड़ा से कराहा क तु जागा नह ।
,‘
साडाओ बुदबुदाया हम इस ?’ ,
का या कर उसने कहा क सव म बात जो वे कर सकते थे वह यह थी क इस ,
को पुनः
समु म वापस फक द। हाना इससे सहमत हो गई। साडाओ ने कया क यह एक क ठन प र त थी। य द वे कसी गोरे को
, ,
अपने घर म शरण दे ते तो वे पकड़े जाते। य द वे उसे एक कै द के प म स पते तो वह अव य मर जाता। वे एक व च वकषण से इस
-
न े शरीर को घूर घूर कर दे ख रहे थे।
फर उ ह ने यह ात करने क चे ा क क वह ( )
या काम करता था। वह अमे रकन दखाई पड़ता था। टू ट फू ट पुरानी टोपी पर -
( ) “. . ”
ह के धू मल अ र थे यू एस नेवी । वे इस न कष पर प ँचे क वह एक अमरीक यु पोत का ना वक था। यह एक यु ब द
था जो कसी तरह बच नकला था तथा पीठ म घायल हो गया था।
हाना ने साडाओ से पूछा क या वे उसे वापस समु म रख पाएंग।े साडाओ हच कचाया । य द यह पूण होता तो उसे बना कसी ,
क ठनाई के पु लस को स प दया जाता य क वह उसका श ु था। सभी अमे रकन उसके श ु थे। क तु य क वह घायल था। अतः
उ ह उसे समु म नह फक सकते थे।
हाना ने कहा क अब करने को के वल एक बात शेष थी। उ ह उसे घर म ले जाना चा हये। साडाओ अपने सेवक क त या के वषय म
व त नह थी। हाना ने सुझाव दया क वे सेवक को बता दगे क उनका इरादा उसे पु लस को स पने का था। उसने कहा । क उ ह
,
ऐसा करना चा हये वरना वे सब ख़तरे म पड़ जायगे।
उन दोन ने एक साथ मल कर डॉ सडाओ का . को उठाया। वह काफ ह का था। वे उसे सी ढय से ऊपर तथा ग लयारे । के बगल .
वाले ार म ले गये। वे उसे एक खाली शयन क म ले गये। य क वह ,
काफ ग दा था साडाओ ने सुझाव दया क उसे नहलाना
( )
धोना चा हये। य द वह पानी ले आयेगी तो वह उसे धो दे गा। हाना उसका इस को श करना छू ना सहन नह कर सकती थी। ( )
उसने ताव कया क वह नौकरानी यूमी को बतायेगी। साडाओ ने अ य सेवक को सू चत करने का उ रदा य व लया।
अचेत .
के चेहरे के पीलेपन ने डॉ सडाओ का वत कर दया क वह पहले झुके तथा उसक न ज़ दे खे । न ज ह क थी क तु ,
चल रही थी। उसने उस क ठ डी छाती पर हाथ रखा। दय भी अभी जी वत था। साडाओ ने कहा क य द उसक श य या नह
क गई तो वह मर जायेगा। वह ,
अ य त युवा था शायद वह प ीस वष का भी नह होगा। पहले उस को नहलानी था। क तु ,
(
सेवक ने ऐसा करने से इ कार कर दया। वे नह चाहते थे क उनका वामी श ु को इलाज करके ठ क करे। हाना ने उस ) को |
धोया जब तक क उसके शरीर का ऊपरी भाग पूरा साफ नह हो गया। साडाओ ने अपने औज़ार एक जीवाणु र हत तौ लये पर रखे। वह
सावधानी से उस क पीठ धोने लगा। उसने हाना से कहा क य द आव यकता पड़े तो वह उसे चेतनाशू य करने क औष ध दे दे ।
हाना का गला सँध गया। अपने हाथ कस कर मुँह पर रखे वह कमरे से बाहर दौड़ गई। साडाओ ने उसे बाग म उबकाई लेते ये सुना।
-
उसने पहले कभी श य या नह दे खी थी।
साडाओ ने तेज़ी से काम कया। हानी भीतर आ गई। साडाओ ने उससे कहा क वह ई को भगो ले तथा उस के नथुन के पास
पकड़े रखे। जब वह बुरी तरह सांस लेने लगे तो उसे इसे थोड़ा र हला दे ना था। फर साडाओ त हो गया। उसने अपने औज़ार क
नोक को कसी कठोर व तु से टकराते ये महसूस कया। यह उसके गुद के अ य त समीप थी। फर व तम एवं सव म सट क चीरा
लगा कर उसने गोली बाहर नकाली। ,
काँपा क तु वह अभी चेतनाशू य था। साडाओ ने उसे एक सूई लगा द तथा उस क
43
न ज़ अ धक मजबूत हो गई।
- ,
हांना को वयं ही उस नवयुवक क सेवा सु ूषा करनी पड़ी य क कोई भी सेवक उस कमरे म वेश ही नह करता था। वह दन
-- ,
ब दन अ धक व होता गया। सेवक ने न य कर लया क य द उनका वामी उस श ु को वहाँ छपा कर रखेगा तो वे उसे छोड़
कर चले जायगे। सातव दन सेवक एक साथ चले गये। होना उस कै द के लए सवेरे का भोजन ले गई। वापस आने पर उसने साडाओ से
- ,
पूछा क वे उस बात को साफ साफ य नह दे ख पा रहे ह जो उ ह दे खनी चा हये।
.
अपरा म सरकारी वद पहने एक स दे शवाहक आया। उसने डा साडाओ को तुर त महल म आने को कहा य क वृ जनरल को पीड़ा
,
हो रही थी। हाना ने चैन क साँस ली। जब साडाओ उसे अल वदा कहने आया तो उसने अपना भय कट कया क उसने सोचा था क वे
उसे पकड़ने आये थे। साडाओ ने वायदा कया क उसक खा तर वह उस से पड छु ड़ायेगा।
साडाओ ने जनरल को उस -
के वषय म बताया जसक उसने श य या क थी। जनरल ने वीकार कया क य साडाओ उसके
लए अप रहाय था। जनरल ने वायदा कया क वह अपने नजी ह यारे को उस को मारने तथा उसका शरीर वहाँ से हटाने को भेज
दे गा। उसने साडाओ से कहा क जब वह गोरा सो रहा हो तो उसके क का बाग क ओर बाहर वाला भाग खुला छोड़ दे ।।
इस योजना को सोचता आ साडाओ अपने घर गया। वह हाना को कु छ नह बतायेगा। उसे युवा अमे रकन को ब तर से बाहर तथा बाग
म जाने क तैयारी करते ये दे खकर आ य आ। उसने शकायत क क उसके एक तरफ के पहलू क माँसपे शयाँ स त थ । डा .
,
साडाओ ने कहा क ायाम तथा मा लश सहायक ह गे। फर उसने उस अमे रकन टॉम से कहा क वह सो जाये। अगले ात काल :
- ( )
साडाओ अ त थ क म गया तथा उसे सोते ये पाया। सरी रात भी बीत गई। नवयुवक अब भी वह था। उसने वयं दाढ़ बना ली
थी। उसके गाल म ह क सी रंगत थी।
. ( )
डा साडाओ ने उसे बताया क वह उस समय ब कु ल ठ क था। उसने ताव कया क उस रात वह अपनी नौका नाव तट पर रखेगा।
इसम भोजन एवं अ त र व भी ह गे। टॉम उस छोटे प तक नाव खेने म समथ हो सके गा जो तट से अ धक र नह था। इसको
कला बनाकर सु ढ़ नह कया गया था। वहाँ कोई भी नह रहता था य क तूफान म यह डू ब जाता था। य क अब तूफान क ऋतु नह
, ,
थी वह वहाँ तब तक नवास कर सकता था जब तक वह कसी को रयाई मछली पकड़ने क नाव को गुज़रते न दे खे।
,
य ही अ रे ा आ साडाओ ने नवयुवक क बच नकलने क तैयारी क । उसने उसे अपनी ती काश क बैटरी द । उसने उससे कहा
,
क य द उसको भोजन समा त हो जाये तो वह सूया त के समय दो बार काश क चमक करे। य द वह वह हो तथा सकु शल हो तो उसे,
( ) ( ) ,
के वल एक बार संकेत इशारा करना था। उसने उसे चेतावनी द क वह अ रे े म संकेत स नल न करे य क यह दे ख लया जायेगा।
अब उस कै द को जापानी व पहनाये गये। उसके लाल बाल वाले सरे पर एक काला व लपेट दया गया। उसने नाव तक माग ढूं ढ
लया। साडाओ ने तब तक ती ा क जब तक उसने तट से एक संकेत पी चमक न दे ख ली।
. -
रात को डा साडाओ को जनरल क एक आपातकालीन श य या करने के लये बुलाया गया। इसम उसक प क थैली शा मल थी।
बारह घ ट तक साडाओ को यक न नह था क जनरल जी वत रह पायेगा। फर वह गहरी सांस लेने लगा तथा भोजन मांगने लगा।
,
साडाओ ह यार के वषय म नह पूछ पाया। जहाँ तक वह जानता था वे कभी आये ही नह । सेवक लौट आये थे। क साफ कर दया
गया था।
- ( )
श य या के एक स ताह उपरा त साडाओ ने महसूस कया क अब जनरल पया त इतना ठ क था क उससे कै द के वषय म बात
क जा सके । साडाओ ने उसे सू चत कया क कै द नकल भागा था। जनरल ने डा टर से पूछा क या उसने उस को डा टर के
लये मारने का वायदा नह कया था। फर उसने स य वीकार कया। वह काफ क भोग रहा था। अतः उसने अपने अ त र कसी
( )
अ य बात के वषय म नह सोचा। वह अपना ण वायदा भूल गया था। उस रात साडाओ ने गोधू ल के समय प से काश क ती ा
क । कोई भी काश नह था। इसका मतलब था क उसका कै द र चला गया था तथा सुर त था। साडाओ आ य करता रहा क वह
उस नवयुवक को य नह मार पायो य प गोरे वकषक होते थे।
44
(
इस रोजर कं क से इतनी बुरी ग आती थी क वन का कोई भी अ य ाणी उसके साथ नह खेलता था। वे उसे ग यु बदबूदार )
कं क कहते तथा फर भाग जाते रोजर कं क वहाँ अके ला खड़ा रह जाता। उसक आँख से आँसू गरने लगते जो ने पूछा क या वह
उ लू से नह मलेगा। जैक ने कहा क रोजर कं क बड़ी उदासी से भरा एक बड़े वृ के पास चलकर प ँचा। वृ क नुक ली चोट पर
, ,
एक वशाल बु मान वृ उ लू रहता था।
रोजर कं क ने उ लू को बताया क सभी अ य पशु उससे र दौड़ जाते थे य क उसक ग अ य त बुरी थी। उ लू ने वीकार कया क
47
- -
ऐसा ही था। रोजर कं क जोर जोर से रोया च लाया। वह जानना चाहता था क वह या करे। उ लू ने सुझाव दया क वह जा ई
( )
श य वाले ओझा जा गर के पास जाए।
,
उ लू ने रोजर कं क को परामश दया क वह अँधेरे जंगल म से गुजरता आ सेब के वृ के नीचे से होता आ दलदल तक जाए तथा
( ) -
वहाँ एक छोट नद के ऊपर ओझा जा गर का घर होगा। उस छोटे से ेत घर पर प ँचने के प ात रोजर कं क ने ार थपथपाया। एक
,
छोटे कद का ल बी दाढ़ तथा नुक ले नीले टोप वाला वृ बाहर नकला। उसने कहा क वह जीव भयंकर ग छोड़ रहा था।
रोजर कं क ने कहा क वृ उ लू ने उसे बताया था क वह उसक सहायता कर सकता था। जा गर ने अपनी जा क छड़ी ढूँ ढ तथा
,“ ”
रोजर कं क से पूछा क वह कस कार क ग चाहता था। रोजर ने सोचा तथा कहा गुलाब । उसने एक जा का म पढ़ा। अचानक
जा गर के घर का भीतरी भाग गुलाब क ग से महक उठा। जा गर ने इस काम के लए सात पस माँगे । रोजर कं क के पास के वल
, :
चार पस थे अत वह रोने लगा।
जा गर ने उसे गली के अ त तक जाने को तथा तीन बार मुड़ने तथा जा ई कु एँ म नीचे दे खने को कहा। रोजर कं क ने ऐसा ही कया तथा
उसे जा ई कु एँ म तीन पस मल गए। वह उ ह जा गर के पास ले गया। अब वह अ य त स था। वह दौड़ता आ जंगल म गया। अ य
( ) ( )
जीव पशु उसके चार ओर एक त हो गए य क उसम से अ य त अ ग सुग नकल रही थी। उ ह ने वे व भ खेल खेले जो
-
ब े खेलते ह। वे पूरे अपराहन खेलते तथा हँसते रहे। फर अ रे ा होने लगा। वे सब अपनी अपनी माता के पास दौड़ गए।
जो ने सोचा क कहानी पूरी हो गई थी। जैक को यह पस द नह था क वह कसी भी बात को वतः स वीकार कर ले। उसने कहानी
”
आगे जारी रखी। रोजर कं क क माँ ने उससे उस भयंकर ग के वषय म पूछा। वह आ यच कत आ तथा उसने कहा क उसम तो
गुलाब क ग आ रही थी। फर उसने पूछा क कसने उसे इस कार क ग दे ने वाला बनाया है। उसने कहा क ऐसा करने वाला एक
जा गर था। माँ ने उसे कहा क वह उसके साथ आए तथा वे तुर त उस भयंकर जा गर के पास वापस चलगे।
कं क ने वरोध कया क सभी अ य पशु र भाग जाएँग।े उसक माँ ने कहा क उसम से वही ग नकला करती थी जैसी क एक छोटे
कं क म होनी चा हए। उसने एक छतरी ली तथा रोजर कं क के साथ वापस चल पड़ी। उसने ऐन सर के ऊपर जा गर को चोट मारी।
” ”
जा गर ने कहा ठ क है। रोजर कं क म से फर से ग नकलने लगी। अब वह गुलाब क भाँ त ग नह दे ता था।
,“
जो ने उसके होठ को छू ने के लए हाथ बढ़ाया तथा कहा तब जा गर ने उसके सर पर चोट मारी तथा उस छोटे कं क को वापस नह
”
बदला। उसके पता ने कहानी को अपने ढं ग से ही आगे बढ़ाया। कं क तथा उसक माँ घर गए। उ ह ने रेलगाड़ी क आवाज सुनी। जब
,
पताजी घर आए तब उ ह ने रा का ह का भोजन कया। जैक ने रा भोजन के व भ ंजन का वणन कया तथा कहानी समा त
हो गई।
जस ढं ग से उसके पता ने कहानी समा त क थी उससे छोट जो स तु नह ई। उसने पूछा क या अ य पशु भाग नह गए। जैक ने
,
कहा क कु छ समय उपरा त जैसा वह था वे उसक आद हो गए तथा उ ह ने कतई बुरा नह माना।।
जो ने कहा क वह तो मूख माता थी। जैक ने कहा क वह ऐसी नह थी। जो ने सोचा क वह उसके सामने अपनी माँ का बचाव कर रहा
था अथवा ऐसी ही कसी अ य व च बात का। जैक ने उससे कहा क वह त कये म अपना सर रखे तथा अ ल बी न द क झपक ले
ले। जोअ ने अपने पता से अगले दन यह कहानी सुनाने को कहा क जा गर ने जा क छड़ी ली तथा उस माँ के ऐन सर पर दे मारी।।
जैक ने कहा क कहानी ऐसे नह थी। उसने एक ब पर बल दया। छोटा कं क अ य सभी जीव क तुलना म अपनी माँ को अ धक
( )
यार करता था तथा वह उसक माँ जानती थी क या ठ क उ चत था। ( )
जो ने फर अपने पता से कहा क वह अगले दन यह कहे क जा गर ने उस माँ को चोट मारी। उसने आ ह कया क वह ऐसा कहे।
जैक ने वायदा कया क धंह गौर करेगा। उसने उससे कहा क वह व ाम करे तथा ब तर पर ही के । उसने अ बेट के प म
उसक शंसा क ।
, , -
जैक ने ार ब द कया तथा नीचे गया। उसक प नी लेअर ने समाचारप फै ला रखे थे तथा रंग रोगन का ड बा खोला आ था वह !
48
मातृ व क अपनी जनानी कमीज़ के ऊपर उसका एक पुराना कमीज़ पहने ए थी। वह कु स क लकड़ी क सलाख पर रोगन से भरी ुश
( ) ,
टकरा रही थी। उसने ऊपर क मं जल म पदचाप सुनी। उसने जोनी को च लाकर पछवाड़े चूतड़ पर पीटने को कहा पदचाप क गई।
,“ ”
लेअर ने कहा क यह तो काफ ल बी कहानी थी। उसने मा यह कहा बेचारी ब ी। उसने द वार पर लकड़ी के बने। सजावट
,
सामान पर अपनी प नी को कठोर प र म करते दे खा। इसम सजावट प सीधी सलाख तथा द वार के फश के साथ छू ते सर पर लगी
-
ई लकड़ी क पतली सी पटरी थी। उसने महसूस कया क वह एक कु प म य त म पकड़ा गया था। उसने अपने साथ उस पजरे
, , -
म अपनी प नी क उप त का भी आभास कया। क तु वह उसके साथ बोलना काम करना छू ना कु छ भी नह करना चाहता था। वह
नता त थकान से येक व तु को दे खता रहा।
म० लैम डैरी को सेब का यान रखने को कहता है। डैरी उस के वषय म पूछता है। म० लैम अपना नाम बताता है तथा उसे फर
से सेब का यान रखने को कहता है। वह कहता है क वे कड़वे जंगली सेब ह। तेज वायु ारा वे वृ से गरा दए गए ह तथा घास म पड़े
ए ह। लड़का उनम से कसी एक पर पैर रख सकता था तथा गर सकता था।
(
डैरी त) करना चाहता है। वह कहता है क उसने सोचा था यह खाली ान है। वह नह जानता था क वहाँ कोई था। म० लैम
उससे कहता है क वह भयभीत न हो। वह करता है क मकान तो खाली ही है य क वह तो उ ान म है। वह ट पणी करता है क
ऐसा सु दर दन घर के भीतर बताने यो य नह है।
डैरी अक मात भय द शत करता है तथा कहता है क उसे जाना ही होगा। म० लैम उससे कहता है क वह उसके कारण परेशान न हो।
वह परवाह नह करता क उ ान म कौन आता है। फाटक हमेशा खुला रहता है। यह तो के वल वह लड़का ही था जो द वार फांद कर
आया था। डैरी ो धत हो जाता है क वह वृ उसे यान से दे खे जा रहा था। म० लैम डैरी का वागत करता है।
52
डैरी करता है क वह कोई भी व तु चुराने नह आया था। म० लैम उसे आ त करता है क वह इसके लए नह आया था। वह आगे
-
कहता है क के वल छोटे छोटे ब े चोरी करते ह। वे बाग से सेब चुरा लेते ह। वह इतना छोटा नह है। डैरी करता है क वह तो मा
उ ान म आना चाहता था। वह जाना चाहता है तथा अल वदा कहता है।
म० लैम उससे कहता है क भयभीत होने क कोई बात नह है। यह के वल एक उ ान है तथा वहाँ के वल एक ही ,
है वयं वह। डैरी
( )
फर कहता है क लोग उससे डैरी से भयभीत ह। वह म० लैम से अपनी ओर दे खने को कहता है तथा सोचता है क चेहरा दे खने के
( )
प ात् वह शायद सोचेगा क वह संसार क सबसे अ धक भयावह डरावना तथा कु पतम व तु है। डैरी कहता है क जब वह दपण म
,
दे खता है तथा उसे अपना चेहरा दखलाई पड़ता है तो वह इससे भयभीत हो जाता है। म० लैम कहता है क उसका पूरा चेहरा तो
भयावह नह है।
- ( )
थोड़ा सा वराम आता है। अब म० लैम वषय को प रव तत कर दे ता है। वह कहता है क जब दन अपे ाकृ त ठं डा हो जाएगा तो वह ,
एक सीढ़ तथा एक छड़ी लाएगा तथा उन कड़वे सेब को तोड़ेगा। वे मुर बा बनाने के लए तैयार ह। इसके लए सत बर वष का सव म
समय है। सेब स तरे के रंग के तथा सुनहरे दखाई दे ते ह। वह डैरी से कहता है क वह उसक सहायता कर सकता है।
हैरी उससे पूछता है क उसने वषय कस लए बदल दया है। वह कहता है क वह वृ उससे इस लए नह पूछता य क वह ऐसा
करने से डरता है। डैरी कहता है क उसे लोग के साथ रहना पस द नह है। म० लैम एक अनुमान लगाता है। शायद यह लड़का आग म
( ) ( )
जल गया था। डैरी कहता है क उसके चेहरे के उस प तरफ पर अ ल तेजाब गर गया था तथा यह जल गया था। डैरी उस वृ
( )
से कहता है क या उसे उसम च नह है। वृ कहता है क वह ई र र चत येक व तु तथा म च रखता है -
( ), , , -
चाहे यह तृण घास कू ड़ा खरपतवार फू ल या फल ह । वह कहता है क ये सभी जीवन का प ह उसी कार वक सत हो रहे ह जैसे ,
( )
क हम मानव लोग ।
, ,
जब डैरी कहता है क वे एक समान नह ह तो म० लैम कहता है क कोई अ तर नह है। वह वृ है डैरी बालक है तथा उसका चेहरा
जला आ है। वृ ( )
क एक टांग रांग क अथात् बनावट है। उसक असली टांग तो वष पहले यु के समय व ोट म उड़ गई
थी। कु छ छोटे ब े उसे लंगड़ा लैम कहते ह क तु यह उसे वच लत नह करता। उसक टांग को छोड़कर काफ अ य व तुएँ ह ज ह घूर
- ( )
घूरकर दे खा जा सकता है। वह सु दरता क दे वी तथा जंगली पशु क ओर संकेत करता है। डैरी कहता है क कोई भी उसका चु बन
नह लेगा। वह प रव तत नह होगा।
( ) , -
डैरी दोहराता है क उसे लोग के समीप पास रहना पस द नह है वशेष प से तब जब क वे उसे घूर घूरकर दे खते ह तथा वह उ ह
वयं से भयभीत पाता हो। म० लैम तब उसे एक ऐसे क कहानी सुनाता है जो संसार क येक व तु से भयभीत था। अतः उसने
वयं को अपने कमरे म ताले म ब द कर लया तथा अपने ब तर म ही पड़ा रहा। द वार पर लटका एक च उसके सर पर गर पड़ा तथा
वह मर गया।
डैरी कहता है क यह वृ ( )
व च अजीब बात कहता है। फर वह उससे पूछता है क वह पूरे दन या करता है। म० लैम उ र
दे ता है क वह धूप म बैठता है। वह पु तक पढ़ता है। उसका घर पु तक से भरा पड़ा है। उसके घर म पद नह ह य क वह व तु को
( )
बाहर रोके रखने म व ास नह करता। उसे काश तथा अ रे ा पस द था। वह खुली खड़क म से पवन वायु क आवाज़ सुनता है।
डैरी छत पर वषा क व न तब सुनता है जब क वषा हो रही होती है।
,
म० लैम डैरी को कहता है क य द वह व तु को सुनता है तो वह खो नह गया है। डैरी कहता है क जब वह घर क नचली मं जल म
,
नह होता तो लोग उसके वषय म बात करते ह। वे उसके तथा उसके भ व य के वषय म च तत तीत होते ह। म० लैम उसे एक
53
( )
अ य त रे णा द परामश सलाह दे ता है। वह उसी कार आगे बढ़े गा जैसे क वह चाहता है। शेष अ य सभी क भाँ त उसके पास भी
- ,
भु द शारी रक अंग ह। य द वह ऐसा न य कर ले तो अ य सभी से े कर सकता था।
म० लैम डैरी को बताता है क उसके सैकड़ म ह। फाटक सदा खुली रहता है। लोग भीतर आते रहते ह। ब े सेब तथा नाशपाती तथा
-
टा फय के लए आते ह। वह शहीद से टा फयाँ बनाता है। कई बार उसक म ता एक प ीय भी हो सकती है। चाहे डैरी उससे फर कभी
, (
न मले म० लैम फर भी उसका म रहेगा। वह डैरी को बताता है क अ य लोग से घृणा करना खराब है। यह अ ल तेजाब क कसी )
,
बोतल से भी अ धक हा न प ँचाता है। येक व तु वही है क तु येक व तु भ है।।
डैरी के ( : )
कोण म एक मक शनै शनैः प रवतन आता है। वह वहाँ फर से आना चाहता है। वह सोचता है क य द वह आया तो
स वतः म० लैम के अ य म वहाँ से चले जाएँ। म० लैम उसे आ त करता है क लोग उससे भयभीत नह ह य क वह उनसे
भयभीत नह है।
डैरी वहाँ ठहरना चाहता है क तु उसे अपनी माँ को सू चत करना है क वह कहाँ है। उसका घर तीन मील र है। म० लैम कहता है क
वह दौड़कर वहाँ जाए तथा अपनी माँ को सू चत कर दे । डैरी वृ से उन लोग के वषय म पूछता है जो वहाँ आते रहते ह। वह
सोचता है क कोई भी वहाँ कभी भी नह आता। वृ वहाँ अके ले रहता है तथा ःखी रहता है। कोई भी नह जानता क वह
जी वत है या मर गया तथा कोई भी परवाह नह करता। डैरी कहता है क वह वा पस आएगा। फर डैरी र दौड़ जाता है।
सरे य म हम डैरी तथा उसक माँ को दे खते ह। वह अपनी माँ को उस लँगड़े के वषय म सू चत करता है। वह उसे वहाँ न जाने
,
को कं हती है। डैरी कहता है क वह वहाँ जाना चाहता है वहाँ बैठना तथा व तु को दे खना तथा सुनना चाहता है। कसी भी अ य
ने वे बात नह कह जो वृ ने कही थ । जब उसक माँ कहती है क वह अपने घर म ही सवा धक े ,
ान पर ह तो डैरी कहता
है क वह वहाँ से घृणा करता है। अब वह अपने चेहरे के वषय म परवाह नह करता। यह मह वपूण नह है। जो कु छ वह सोचता है ,
, , - ,
महसूस करता है दे खता है सुनता है तथा ढूं ढ़ पाता है वह ही मह वपूण है। य द वह वहाँ वा पस नह जाएगा तो वह फर इस संसार म
कह भी नह जा पाएगा।
( 8 )
अगले दन मंगलवार जून को दो ईवा स से भट करने आए। वे थे D वग (शाखा) का व र
कारागार अ धकारी म० जैकसन
, - ,
तथा म० ट फ स जो क एक मोटा ताजा उदास दखने वाला - था जसे इस वसाय म हाल ही म भत कया गया था। म०
जैकसन ने ख ली उड़ाने के अ दाज़ म ईवा स को आइ सट न कहकर स बो धत कया। ईवा स के चेहरे पर दाढ नह बनी ई थी तथा
उसने म० जैकसन से ाथना क क वह उसे दाढ़ बना लेने दे । जैकसन ने ट फ स को नदश दया क वह सु न त कर ले क वह
इसके उ तरे को कोठरी से बाहर ले जाए। म० जैकसन ने ईवा स को बताया क उसके पास वयं को चु त बनाने के लए आधा घंटा ही
था। उसने ईवा स को कहा क वह अपने सर से उस ग दे दखने वाले टोप को हटा ले। ईवा स ने उ र दया क यह उसके जीवन म
सौभा य लाया था तथा उसने ाथना क क परी ा के दौरान इसे पहने रहने क अनुम त द जाए।
-
कारागार के मु य ार के तुर त भीतर उस छोटे से क म आदरणीय एस० मकलीअरी ने भटकता क पु तका म अ य त सफाई से
( : ) - -
अपने नाम के ह ता र कए। वहाँ से वह एक चुप न श द कारागार अ धकारी के साथ साथ ायाम के ांगण से होता आ वग D-
( )
शाखा तक प ँचा। यहाँ जैकसन ारा उसका अ भवादन कया गया शाखा के भारी बाहरी ार का ताला खोला गया तथा उनके भीतर
आने के प ात ब द कर दया गया। यही भीतरी भारी ार के साथ कया गया। अब मकलीअरी क दे खभाल ट फ स को करनी थी।
जैकसन फु सफु साया क या उसने उ तरा ले लया था। ट फ स ने सर हलाया।
9
अब बजकर 10 मनट ातः का समय था। गवनर ने जैकसन को नदश दया क वह ईवा स को अ ायी मामूली सावधानी के वषय
म बता दे । गवनर ने सोचा क शायद ईवा स मकलीअरी से लाभ उठाने का यास करे। ईवा स को तो कसी भी स ा वत श ह थयार ( )
- ?
से छु टकारा दला दया गया था। क तु भोले भाले मकलीअरी के वषय म या स वतः वह कोई तह कए जाने वाला फल वाला चाकू
ले आए। ईवा स इसी चाकू क मदद से अपनी मु के लए उसे कै द बना ले। गवनर ने जैकसन को फोन कया जसने ह के से
मकलीअरी के व पर तलाशी के लए हाथ घुमाया। फर उसने सूटके स म रखी ई साम ी क तलाशी ली। वह रबड़ का कु छ हवा भरा
गोलाकर छ ला दे खकर व मत आ। मकलीअरी ने कया क जब वह ल बे समय तक बैठा रहता था तो उसे खूनी बवासीर हो
जाती थी। फर उसे सूटके स क तली म कागज काटने का चाकू मला। अ य त वन ता से उसने इसे ले लया।
60
परी ा थोड़ी दे री से आर ई। गवनर ने नरी क तथा परी ाथ क आवाज सुन । अब बजकर 9 20
मनट ए थे। ईवा स ने
( ) ( )
ट फ से क उप त पर आप ऐतराज कया य क वह उसक एका ता को वच लत भंग करता था। गवनर ने जैकसन को
आदे श दया क वह ट फ स को कोठरी से बाहर नकाल ले। फर परी ा आर हो गई। बजकर 9 25
मनट पर अ य त शा त थी।
- -
पहले घ टे के एक चौथाई भाग म तो ट फ स अ य त कत भावना से एक एक मनट के अ तराल पर छ से झाँकता रहा उसके ;
10
प ात् येक दो मनट पर। बजकर 45 -
मनट ातः भी येक बात ठ क ठाक थी। अपने होठ के बीच पेन रखे ईवा स अपने
सामने दरवाजे क ओर सीधा ताकता आ बैठा था जैसे क कह से कसी ेरणा क चाह कर रहा हो। उसके सामने मकलीअरी बैठा आ
था। उसके बाल कसी के ारा अ वसायी ढं ग से खोपड़ी के अ य त समीप से काटे ए थे।
10 बजकर 50 मनट पर रसीवर ने ह क -सी तेज़ आवाज़ क । गवनर ने महसूस कया क वह तो कु छ मनट के लए ईवा स को
लगभग भूल ही गया था। ईवा स पूछ रहा था क या वह अपने क े पर क बल लपेट सकता था य क वहाँ काफ ठं ड थी। मकलीअरी
ने इस वषय म शी ता करने को कहा। 10.51 पर ट फ स को ईवा स के क पर भूरा क बल लपटा आ दे खकर आ य आ।
उसने अ स ता से यौ रयाँ चढ़ाई। उसने परी ाथ को और समीप से दे खा।
11 बजकर 22 मनट पर जैकसन ने ग लयारे म से ट फ स को आवाज़ द । गवनर उससे बात करना चाहता था। ट फ स ने फोन
उठाया तो शी ता से बोले गए आदे श को सुना। वयं ट फ से को मकलीअरी को कारागार के मु य ार तक ले जाना था। उसे यह
पूणतया व सनीय बनाना था क मकलीअरी के कोठरी छोड़ने के प ात ईवा स के ार पर ताला लगा दया जाए।
11 बजकर 25 मनट पर गवनर ने अ तम आदान- दान सुना। उसने अ तम बार ार को झनझनाते ए सुना। परी ा समा त हो गई
थी। ट फ स मकलीअरी के साथ चलता आ मु य ार तक प च
ँ ा। उसके ल बे काले ऊपरी कोट ने इस म को ो सा हत कया क
अचानक ही वह कु छ अ धक पतला हो गया है।
, ,
ट फ स स ता महसूस कर रहा था क गवनर ने उसे न क जैकसन को कहा था क मकलीअरी को ांगण से वदा करे तथा
:
ात काल काफ अ ा तीत हो गया था। उसने D- वग म पुनः वेश कया तथा ईवा स क कोठरी का झाँकने को सुराख खोला।
उसने ईवा स क कु स म एक को पसरे ए लेटा पाया। उसके समीप से काटे ए बाल के अ नय मत गु े दार बाल का सामने का
,
भाग लाल र से सना आ था जो क पहले ही छोट काली दाढ़ से टपक रहा था। अब यह पादरी के सफे द कालर पर फै लता आ उसे
पादरी वाले सामने के काले भाग पर जा रहा था।
-
ट फ स ने जोर जोर से जैकसन को पुकारा। ये श द मकलीअरी के कान म भी घुस गए। उसने अपने माल को टटोला तथा इसे र
:
बहते ए सर पर लगाया। उसने एक ह क कराह भरी तथा बोलने का यास कया। क तु उसक आवाज़ मश अ धक शा त हो गई
-
तथा फर क गई। पु लस तथा ए बुले स को बुलाया गया। मकलीअरी ने धीरे धीरे वयं को खड़ा कया। उसने मेज पर जमन प -
पाया। उसने जैकसन से गवनर से स क करने को कहा। उसने दावा कया क वह जानता था क ईवा स कहाँ था।
61
लगभग तुर त साईरन बज उठे तथा कारागार क पूरी व ा हरकत म आ गई। जैकसन तथा ट फ स ने मकलीअरी को दोन ओर से
सहारा दया। उसक गवनर से कारागार के ांगण म भट ई। मकलीअरी ने गवनर का यान जमन -
प क ओर आकृ कया। इसके
अ तम पृ पर एक फोटो त ऊपर से लगाई ई थी। ार म यह खाली था। जमन भाषा के लेख को अनु दत कया गया। यह पढ़ने म
अ य त आकषक था। इसम कारवाई क योजना थी।
पु लस क एक कार कारागार के ार तक आई। जासूसी अधी क काटर बाहर नकला तथा उसने गवनर का अ भवादन कया। इससे
पहले क गवनर कु छ भी , …
कर सकता मकलीअरी ने अ धकारी को ऐ सफ वे ले जाने को कहा जहाँ ईवा स । घायल मकलीअरी
‘ -
पु लस के साथ गया। गवनर ने जमन लेख का अ तम भाग पढ़ा ऐ सफ वे से है ड गटन के गोल च कर क ओर गाड़ी घुमाओ। …’
, ,
गवनर को जैकसन एवं ट फ स पर ोध आया। ईवा स न के वल नकली दाढ़ एक जोड़ी च मा गोलब द होने वाली कालर तथा पादरी
-
का अ य ताम झाम छु पाने का ब कर पाया था ब क उसके पास एक ह थयार भी था जससे उसने मकलीअरी को सर पर मारा था।
गवनर अभी भी जमन लेख क अ तम पं पर यान जमाए ए था। श द ‘Neugraben’उसे क दे रहा था। यह यूबरी तीत‘ ’
होता था। उसने अपने चालक को जैकसन तथा ट फ स को से ट एलडेट्स पु लस थाने ले जाने तथा वहाँ मु य नरी क बेल से स क
( )
करने को कहा। फर गवनर अपने कायालय म गया तथा उसने तुर त बेल को फोन कया। बेल ने उसे ईवा स को पकड़ने का वायदा
कया।
गवनर पीछे को होकर बैठ गया तथा एक सगरेट सुलगा ली। यह एक अ य त सु दरता से बनाई गई योजना थी। क तु यह ईवा स क
लापरवाही थी क वह -
प को पीछे छोड़ गया। इन संकेत क सहायता से गवनर को ईवा स को वा पस लाने क आशा थी।
,
अधी क काटर ने उसे सूचना द क मकलीअरी ने ईवा स को ऐ सफ वे पर गाड़ी चलाते दे खा था क तु वह उसे है डगटन के गोल -
च कर पर नह पाया। अव य ही वह मुड़कर नगर म लौट आया होगा। गवनर ने कहा क स वतः वह यूबरी जाने के अपने माग पर हो ।
उसने काटर से पूछा क या वे मकलीअरी को सही सलामत अ ताल प ँचा आए थे।
,
काटर ने उ र दया क वह तब रैड लफ म था। कु छ मनट प ात गवनर ने रैड लफ म फोन कया तथा उस पादरी के वषय म पूछा
जो वहाँ उनक ऐ बुले स म ऐ सफ वे से आया था। गवनर को यह जानकर आघात लगा क जब ऐ बुले स वहाँ प ँची तो वह
,
गायब हो चुका था। चौथाई घ टे के उपरा त उ ह ने मकलीअरी को सुर त ब े ए तथा मुँह म कपड़ा ढूं से ए अपने ॉड ट के
अ ययन क म पाया। उसने कहा क वह वहाँ ातः 8.15 ,
से ही था जब दो मलने आए थे।
पूरे अपरा ह म यूबरी म पूछताछ का कोई प रणाम नह नकला। चाय के समय तक कारागार म येक को यह पता चल गया क
या घ टत आ था। ईवा स ने मकलीअरी का वेश धारण कया था तथा भीतर ही रहा था।
,
च पग नाटन के के के गद हलक चहलकदमी के उपरा त ईवा स गो न लायन होटल म लौट आया। एक सु दर नया टोप उसके
,
बाल को छु पाए ए था। उसक ठोड़ी खुजलाहट से ख रही थी तथा लाल थी उस दाढ़ के कारण जो उसे ला टर से चपकानी पड़ी थी।
- ,
उसने वागत क कमचारी को कु छ नदश दए उसक ओर मु कराया तथा अपने कमरे म चला गया। उसे अपने तंग ब तर पर गवनर
को बैठे दे खकर आघात लगा।
गवनर ने ईवा स को बताया क कु छ भी यास करना थ था। उसने उस ान के चार ओर अपने लगा रखे थे। याँ भी।
- ,
ईवा स हला आ दखाई दया। उसने वीकार कया क उस शु प ने उसका नाश कर दया था। धीरे अ य त धीरे ईवा स थोड़ा
ढ ला आ। वह योजना के वषय म बात करने लगा। वे कसी भी होटल को नयत कर सकते थे। वा त वक मह वपूण बात थी परी ा के
- -
समा त होने से थोड़ा सा पहले ही फोन आना। वे कारागार के अ धका रय को दो एक मनट के लए अपने माग से हटा सके ।
-
शु प ने होटल का नाम तथा परी ा आर होने का ब कु ल सही समय बताया। ईवा स ने गवनर से पूछा क उसने कस कार
-
जाना क यह कौन सा गो न लायन था। गवनर ने कहा क उसने भी वही ढं ग योग कया था। अनु म णका सं या के सं या 313;
271 । छः अंक वाला यह स दभ 313/271 को च पग नोटन के ठ क बीच बीच उतारता है।
गवनर ने फर उससे उसके जमन भाषा के ान के वषय म पूछा तथा कै से वह अपने सर पर डालने के लए इतना र ले आया था।
62
ईवी स ने ा या क क कै से उ ह ने उस बवासीर वाले छोटे गोलाकार छ ले को इसके लए यु कया था। उ ह ने सुअर का र
( )
योग कया था तथा इसको जमने थ के बनने से रोकने के लए 3.8 तशत ाईसो डयम साइ े ट का योग कया। अ न ापूण
शंसा से गवनर ने अपना सर हलाया। फर चलते ए सी ढ़य से नीचे आए। ईवा स ने कहा क उसके कई म थे य प उससे कोई
,
भट करने नह आता था तथा न ही प उसका जमन पढ़ाने वाला श क तो सदा उसके पास था। गवनर ने कहा क वह तो तकनीक
महा व ालय से था। ईवा स को इस सब म आन द आता आ तीत हो रहा था। उसने पूछा क या उसने इस बात क जाँच क थी।
वागतकम ने गवनर को बताया क वैन बाहर थी। एक चुपचाप रहने वाले कारागार अ धकारी ने ईवा स को हथकड़ी लगाई तथा पुनः
पकड़ लया। फर दोन कारागार क वैन म पछली सीट पर बैठ गए। ईवा स ने कहा अगले सत बर से इटा लयन भाषा क 0-
लेवल क ाएँ आर हो रही थ । गवनर ने कहा क शायद तब वह उनके साथ न हो। ईवा स ने इस पर वचार कया तथा सोचा क वह
वहाँ नह होगा।
,
जब कारागार क वैन च पग नोटन से ऑ सफोड रोड क ओर दांय मुड़ी तो चुपचाप पु लसकम ने हथक ड़याँ खोल द । वह चालक क
,
ओर मुड़ा तथा उससे तेज चलने को कहा। चालक ने खुले काट लहजे म पूछा क उ ह कधर चलना चा हए तो ईवा स ने यूबरी जाने का
( )
सुझाव दया। अ तम सफलता ईवा स क रही। वह अपने वरो धय को मूख बनाने म सफल रहा। एक बार फर वह कारागार से बच
नकला था।
,
सवेरे के समय दे र बाद उसक म जूड वन ने उसे बताया क उसने पीले चेहरे वाली ी को उसके ल बे भारी बाल को काटने के वषय
( )
म बात करते अक मात् सुन लया था। उनके लोग के म य छोटे बाल वलाप शोक करने वाल ारा रखे जाते थे जब क खोपड़ी के ,
( - )
समीप से मु न घोट मोट सफाचट के वल कायर ारा करवाया जाता था। जूड वन ने कहा क उ ह आ ापालन करना पड़ेगा य क
व ालय के अ धकारी ताकतवर थे। ले खका ने व ोह कया। उसने समपण से पहले वरोध करने का नणय लया।
,
जब कोई भी उसे नह दे ख रहा था तो वह गायब हो गयी तथा ऊपर क मं जल म रगती ई प ँच गई। उसने एक वशाल कमरे म जसम ,
,
तीन सफे द ब तर थे वयं को एक पलंग के नीच छपा लया। उसने नीचे हाल म अपना नाम पुकारती ई तेज आवाज सुन । जूड वन भी
उसे तलाश कर रही थी। उसने उ र दे ने के लए अपना मुँह नह खोला। पदचापे नकट तथा अ धक नकट आती ग । लड़ कय तथा
य ने कमरे म वेश कया। उ ह ने उसे येक ान पर तलाश कया । कसी ने पद को ऊपर फक दया। कमरा अचानक काश से
भर गया। वे झुके तथा पलंग के नीचे दे खने लगे। उसे घसीटकर बाहर नकाला गया। उसने लात मारकर तथा नाखून से न च खर च करके -
वरोध कया। उसे नीचे क मं जल म ले जाया गया तथा एक कु स म कसकर बाँध दया गया।
-
वह ज़ोर ज़ोर से च लाई तथा उसने अपना सर हलाया। फर उसे अपनी गदन पर कची के ठं डे फल का श महसूस आ । उसक
एक मोट चोट काट द गई। एक कायर के सर क भाँ त उसके सर का भी मु डन कया जा रहा था। जस दन से वह यहाँ आई थी ,
-
उसने अपमान ही सहन कया था। लोग उसे घूर घूर कर दे खते रहते थे। उसे लकड़ी क एक कठपुतली क भाँ त हेवा म उछाला गया। वह
,
अपनी माँ के लए सस कयाँ भरती रही क तु कोई भी उसे सां वना दे ने को आगे नह आया। अब वह चरवाहे ारा हांके गए झु ड के
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कई छोटे छोटे पशु म से एक थी।
एक दन वह व ालय से पैदल घर आ रही थी। इस री को दस मनट म पैदल चलना स व था क तु उसे ाय मनट लगा करते , : 30
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थे। वह ग लय कान तथा बाजार म सभी आन ददायक व तु खेल नवीनता एवं व च ता को यान से दे खती थी। येक
चीज उसे त कर दे ती तथा उसे आगे जाने क अनुम त नह दे ती थी।
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समय समय पर राजनै तक दल के नेता के भाषण नु कड़ नाटक कठपुतली का तमाशा जो खमभरे कौशल के काय या अ य ,
मनोरंजन होते रहते थे। वह वेटर को कॉफ ठं डी करने के लए सरे बतन म धार बांधकर उड़ेलते ए दे खती लोग को आँख एक ओर,
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करके याज काटते ए अथवा वायु ारा वृ से गराए गए बादाम दे खती। ऋतु के अनुसार व भ फल वहाँ आते थे। वह लोग को
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ना ते के लए वा द ंजन पयासम हलवा अथवा बफ के चूसने वाले गोले बेचते ए दे खती।
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एक दन उसने अपनी ही गली म एक कोने म अनाज कू टने पीटने के लए बनाए गए फश को दे खा। उनके ही लोग पशु को जोड़ म
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हाँक रहे थे ता क वे अनाज को भूसे से अलग कर सक। पशु के मुँह पर छ कली लगी ई थी। उसने भू वामी को एक प र पर बछ
बो रय पर बैठे दे खा। वह कारवाई को यान से दे ख रहा था। वह इसका आन द लेती ई कु छ दे र वह खड़ी रही।
तभी उसने अपनी ही गली के एक बुजुग को बाजार क दशा से आते ए दे खा। वह अपने ढं ग म काफ हा य द लगता था। वह एक
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पैकेट को बना छु ए के वल इसक डोरी से पकड़े ए था। फर वह भू वामी के पास गया । नीचे झुका तथा उसक ओर पैकेट बढ़ टगा।
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उसने जस हाथ से डोर पकड़ रखी थी उसका सरे हाथ से याला बनाया। भू वामी ने पैकेट खोला तथा वड़ा खाने लगा।
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उसने यह कहानी हा य द ववरण स हत अपने भाई को सुनाई। अ ान को आन द नह आया। उसने उसे बताया क वह बुजुग उस पैकेट
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को अपने उ जा त वाले भू वामी के लए ले जा रहा था। ये लोग व ास करते थे क नीची जा त वाले लोग को उ ह श नह करना
चा हए। य द वे ऐसा करगे तो वे अशु हो जाएँग।े यही कारण था क उसे पैकेट को डोरी से पकड़ कर ले जाना पड़ रहा था। यह सब
सुनकर वह उदास हो गई। वह ऊँची जा त वाले लोग के त ोध महसूस करने लगी।
उसका बड़ा भाई अ ान एक व व ालय म पढ़ रहा था। वह छु य म घर आया आ था। वह पु तक उधार लेने के लए ायः समीप
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के गाँव के पु तकालय म जाया करता था। एक दन जम दार भू वामी के ( )
य म से एक का र दा उसे मला। उसे अजनबी
समझकर उसने अ ान को आदरपूवक स बो धत कया। उसका नाम जानते ही उसका ढं ग बदल गया तथा उसने उस गली के वषय म
पूछा जसम वह रहता था । गली उनक जा त को सू चत कर दे गी।
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अ ान ने उसे बताया क उ ह कोई स मान शान अथवा आदर नह दया जाता य क वे एक वशेष समुदाय जा त म उ प ए ह।
उसने उसे परामश दया क वह अ ययन करे तथा ग त करे। तब लोग अपनी इ ा से उसके पास आएँग।े उसने कठोर अ ययन कया
तथा अपनी क ा म थम आई। तब कई लोग उसके म बन गए।
Prepare
by
Kaushik Dhoundiyal
Lecturer -English GIC Jajari