Professional Documents
Culture Documents
10 नेताजी का चश्मा
10 नेताजी का चश्मा
प्रश्न 1. सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
उत्तर – चश्मेवाला स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सैननकों व नेताओं का अपने हृदय से सम्मान
करता था और उसे नेताजी को बिना चश्मे के दे खना पसंद नह ं था। वह अपने दे श से उसी तरह
लगाव रखता था जैसा कक फ़ौजी व्यक्क्त रखते हैं। उसके अंदर दे शभक्क्त की इसी भावना को दे ख
लोग उसे ” कैप्टन” िुलाते थे।
प्रश्न 2.हालदार साहि ने ड्राइवर को पहले च़ौराहे पर गाडी रोकने के ललए मना ककया था। लेककन िाद
में तुरंत रोकने को कहा —
उत्तर-हालदार साहि सोच रहे थे कक कस्िे की हृदयस्थल में नेताजी की मूनति तो अवश्य होगी , मगर
उनकी आँखों पर चश्मा नह होगा। क्योंकक नेताजी की मूनति पर चश्मा लगाने वाला कैप्टन तो मर
चुका है। और ककसी को कहां भला इतनी फुसित हैं कक वह नेताजी की मूनति पर चश्मा लगाए।िस यह
सोचकर हालदार साहि मायूस हो गए थे।
उत्तर-“वह लँ गडा क्या जाएगा फ़ौज में , पागल है पागल”। यह िात हालदार साहि द्वारा चश्मेवाले
यानन कैप्टन के िारे में पूछने पर पानवाले ने कह , जो सविथा अनचु चत है । भले ह कैप्टन शार ररक
रूप से ववकलांग था क्जस कारण वह सेना में भती होने के योग्य नह ं था। पर उसका नेताजी की
मनू ति पर चश्मा लगाना दे शभक्क्त व स्वतंत्रता सेनाननयों के प्रनत सम्मान की भावना को प्रकट करता
है। लेककन पानवाला उसे पागल समझता हैं ।जो उसकी मूखिता को दशािता हैं। जो लोग अपने दे श के
प्रनत पागलपन की हद तक प्रेम व सम्मान की भावना रखते हैं। वो सम्मानीय हैं। उन्हें पागल कहना
सविथा अनुचचत है ।
रचना और अलभव्यक्क्त
उत्तर-हालदार साहि का च़ौराहे पर रुकना और नेताजी की मूनति को ननहारना दशािता है कक उनके ददल
में भी दे शप्रेम का जज्िा प्रिल था और वो अपने दे श के स्वतंत्रता सेनाननयों का ददल से सम्मान
करते थे। उन्हें नेताजी की मूनति पर चश्मा दे खना अच्छा लगता था। वो नेताजी की मूनति पर चश्मा
लगाने वाले कैप्टन की दे शभक्क्त से िहुत प्रभाववत थे और वो उसका व उसकी दे शभक्क्त का ददल से
सम्मान करते थे।
(ख) पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुडकर मुँह का पान नीचे थूका और लसर झुकाकर अपनी
धोती के लसरे से आँखें पोंछता हुआ िोला “साहि ! कैप्टन मर गया”।
उत्तर-कैप्टन की मत्ृ यु पर पानवाले का उदास हो जाना और उसकी आंखों में आंसू का आ जाना , इस
िात का संकेत दे ता है कक पानवाला भी कह ं न कह ं कैप्टन और उसकी दे शभक्क्त का सम्मान करता
था। इसीललए वह कैप्टन के मर जाने से अत्यंत दख
ु ी हो गया था। यह िात पानवाले की कैप्टन के
प्रनत आत्मीयता , संवेदनशीलता व दे शप्रेम की भावना को दशािता है।
(ग) कैप्टन िार-िार मूनति पर चश्मा लगा दे ता था।उत्तर- कैप्टन का नेताजी की मूनति पर िार-िार
चश्मा लगाना , उसके ददल में नेताजी व अन्य स्वतंत्रता सेनाननयों के प्रनत सम्मान की भावना को
प्रकट करता है।और उसका अपने दे श के प्रनत प्रेम को भी दशािता हैं।
प्रश्न 7.जि तक हालदार साहि ने कैप्टन को सािात दे खा नह ं था , ति तक उनके मानस पटल पर
उसका क़ौन-सा चचत्र रहा होगा , अपनी कल्पना से ललखखए।
उत्तर-जि तक हालदार साहि ने कैप्टन को सािात रूप से नह ं दे खा था। ति तक उनके मानस पटल
पर कैप्टन की छवव बिल्कुल फ़ौज के एक कैप्टन की जैसी रह होगी। लंिी व मजित
ू कद-काठी ,
ऱौिदार चेहरा , हट्टा-कट्टा सा ददखने वाला ककसी फ़ौज का कैप्टन। वैसे भी हालदार साहि उन्हें
फ़ौजी ह समझते थे।
प्रश्न 8.कस्िों , शहरों , महानगरों के च़ौराहों पर ककसी न ककसी िेत्र के प्रलसद्ध व्यक्क्त की मनू ति
लगाने का प्रचलन सा हो गया है।
(ख) आप अपने इलाके के च़ौराहे पर ककस व्यक्क्त की मनू ति स्थावपत करवाना चाहें गे और क्यों ?
उत्तर-मूनति की गररमा व सम्मान का सदै व ध्यान रखा जाना चादहए। ककसी भी हालत में मूनति का
अपमान नह ं करना चादहए। मूनति को ककसी प्रकार की िनत ना हो , इस िात का भी ध्यान ददया
जाना आवश्यक है।मूनति की ननयलमत साफ-सफाई होनी चादहए और ववशेष अवसरों में मूनति पर
माल्यापिण अवश्य होना चादहए। क्जस महापुरुष की मूनति है , उनके ववचारों को आदशि मानकर उन्हें
अपने जीवन में उतारने की कोलशश करनी चादहए।
प्रश्न 9.सीमा पर तैनात फ़ौजी ह दे श प्रेम का पररचय नह ं दे ते। हम सभी अपने दै ननक कायों में
ककसी न ककसी रूप में दे श-प्रेम प्रकट करते हैं। जैसे-साविजननक संपवत्त को नुकसान न पहुँचाना ,
पयािवरण संरिण आदद। अपने जीवन जगत से जुडे ऐसे और कायों का उल्लेख कीक्जए और उन पर
अमल भी कीक्जए।
उत्तर-हमने क्जस माट में जन्म ललया हैं। उस माट की सुरिा के ललए हमें अपने कतिव्यों को कभी
नह ं भूलना चादहए।कफर चाहे वो एक फ़ौजी हो या आम इंसान। क्जस तरह फ़ौजी दे श की सीमा की
रिा कर अपना फजि ननभाते हैं। ठीक उसी तरह हम भी अपने दै ननक कायों में कुछ िातों को ध्यान
में रख कर दे श सेवा कर सकते हैं।
जैसे शह दों एवं दे शभक्तों का सम्मान करना , सरकार संपवत्त को िनत न पहुँचाना , वनों व पेडों को
कटने से रोकना , अचधक से अचधक पेड-प़ौधों को लगाना , पयािवरण की सुरिा करना , प्रदष
ू ण को कम
करने के ललए कायि करना , आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखना , नददयों व तालािों को प्रदष
ू ण
मुक्त िनाए रखना , लोगों को लशक्षित करना , एकता व भाईचारे की भावना को िनाये रखना , सभी
धमों , जानत समुदाय के लोगों का सम्मान करना , समय पर टै क्स अदा करना , दे श ववरोधी कामों से
दरू रहना आदद।
भाषा अध्ययन