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Previous Years Questions – Prelims 2011 to 2022


SECTION - G

ART AND
CULTURE

* Question count may vary due to subjectivity

PRELIMS 2011 TO 2022 PYQS BOOKLET PW UPSCWALLAH


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Dear Aspirants,

PW ONLY IAS presents to you a FREE SERIES of subject specific booklets


on TOPIC WISE SEGREGATED PYQs with detailed solutions covering
PRELIMS examinations from 2011 to 2022.

Below is the list of Booklets in this series:

❖ Polity ❖ History

❖ Economy ❖ Art & Culture

❖ Environment ❖ Science & Technology

❖ Geography

* Question count may vary due to subjectivity

PRELIMS 2011 TO 2022 PYQS BOOKLET PW UPSCWALLAH


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कला और संस्कृति: तिछले वर्ष िूछे गए प्रश्न (िीवाईक्यू) तवश्लेर्ण


क्र
मां
क तवर्य 2022 2021 2020 2019 2018 2017 2016 2015 2014 2013 2012 2011 कुल
भारिीय
1 2 1 1 1 2 1 8
वास्तुकला
2 मंतिर स्थाित्य 1 1 1 1 1 1 6
3 भारिीय िेंत ं ग्स 1 1 1 1 4
4 भारिीय संगीि 1 1 2
5 भारिीय नृत्य रूि 1 2 1 1 5
भारि में मार्षल
6 1 1
आ ष
भारि में संस्कृति /
7 िर्षन / जैन धमष 4 1 4 1 2 2 2 1 10 5 2 1 35
और बौद्ध धमष
कुल
6 3 4 2 5 5 3 3 16 8 5 1 61

GEOGRAPHY: PRELIMS 2011 TO 2022 PYQS


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(b) केिि 2 और 3
1. भारिीय वास्तुकला
(c) केिि 1 और 3
1. निम्ननिखित युग्मों पर निचार कीनिए:(2002)
(d) 1, 2 और 3
अशमक के प्रमुि नशिािेि - राज्य
3. निम्ननिखित कथिमों में से कौि सा सही है ? (2021)
1. धौिी ओनिशा
(a) अिोंता की गुफाएों बाघमरा िदी की घाटी में
2. एराा गुिी आों ध्र प्रदे श अिखस्थत हैं ।

3. िौगड़ मध्य प्रदे श (b) साों ची स्तूप चोंबि िदी की घाटी में खस्थत है ।

4. कािसी किाा टक (c) पाों िु-िीिा गुफा मोंनदर िमादा िदी के घाटी में
खस्थत है ।
उपयुाक्त युग्मों में से नकतिे सही सुमेनित हैं ?
(d) अमरािती स्तूप गमदािरी िदी के घाटी में
(a) केिि एक युग्
खस्थत है ।
(b) केिि दम युग्
4. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में
(c) केिि तीि युग् निम्ननिखित कथिमों पर निचार कीनिएः (2018)

(d) सभी चारमों युग् 1. फतेहपुर सीकरी में बुिोंद दरिािा और


िािकाह बिािे में सफेद सोंगमरमर का
2. हाि ही में, प्रधाि मोंत्री िे िेरािि में सममिाथ मोंनदर
इस्तेमाि नकया गया था।
के निकट िए सनकाट हाउस का उद् घाटि नकया।
सममिाथ मोंनदर के सन्दभा में निम्ननिखित कथिमों में 2. िििऊ में बड़ा इमामबाड़ा और रूमी
कौि-से सही हैं ?(2022) दरिािा बिािे में िाि बिुआ पत्थर और
सोंगमरमर का इस्तेमाि नकया गया था।
1. सममिाथ मोंनदर ज्यमनतनििंग दे ि-मोंनदरमों में से
एक है । ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?

2. अि-बरूिी िे सममिाथ मोंनदर का िर्ाि (a) केिि 1


नकया है ।
(b) केिि 2
3. सममिाथ मोंनदर की प्रार्-प्रनतष्ठा (आि के
(c) दमिमों 1 और 2
मोंनदर की स्थापिा) राष्ट्रपनत एस. राधाकृष्णि
द्वारा की गई थी। (d) ि तम 1 और ि ही 2

िीचे नदए कूट का प्रयमग कर सही उत्तर चुनिए: 5. अिोंता और महाबिीपुरम िामक दम ऐनतहानसक
स्थािमों में क्या बात समाि है /हैं? (2016)
(a) केिि 1 और 2

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1. दमिमों का निमाा र् एक ही काि में हुआ था| (c) केिि 1 और 3

2. दमिमों एक ही धानमाक सोंप्रदाय के हैं | (d) 1, 2 और 3

3. दमिमों में शैि निनमात स्मारक हैं| 7. फतेहपुर सीकरी में इबादत िािा क्या था-(2014)

िीचे नदए गए कूट का प्रयमग कर सही उत्तर चुनिए। (a) शाही पररिार के उपयमग के निए मखिद|

(a) केिि 1 और 2 (b) अकबर का नििी प्राथािा कक्ष|

(b) केिि 3 (c) िह हॉि निसमें अकबर िे निनभन्न धमों के


निद्वािमों के साथ चचाा की थी|
(c) केिि 1 और 3
(d) िह कमरा निसमें निनभन्न धमों के रईस
(d) ऊपर नदया गया कमई भी कथि सही िहीों है
धानमाक मामिमों पर चचाा करिे के निए
6. किा और सोंस्कृनत के भारतीय इनतहास के सोंदभा में एकनत्रत हमते थे|
निम्ननिखित युग्मों पर निचार कीनिएः (2014)
8. भारतीय शैिकृत (रॉक-कट) िास्तुकिा के इनतहास
मूनताकिा का प्रनसद्ध काया स्थि
के सोंदभा में, निम्ननिखित कथिमों पर निचार कीनिए:
1. ऊपर कई आकाशीय अिन्ता
(2013)
सोंगीतकारमों के साथ बुद्ध के
महापररनििाा र् की एक भव्य 1. बादामी की गुफाएों भारत की सबसे पुरािी
नचत्र और िीचे उिके िीनित शैिकृत गुफाएों हैं ।
अिुयानययमों की दु िी
आकृनतयााँ : 2. बराबर शैिकृत गुफाएों मूि रूप से सम्राट
2. निष्णु के िराह अितार (सूअर माउों ट आबू चोंद्रगुप्त मौया द्वारा आिीनिकमों के निए
अितार) की एक निशाि नचत्र, बििाई गई थीों।
िब िे दे िी पृथ्वी चट्टाि पर
तराशे गए गहरे और अरािक 3. एिमरा में निनभन्न धमों के निए गुफाएों बिाई
िि से बचाते हैं । िम चट्टाि गईों थी।
पर गढी गई है :
3. "अिुाि की तपस्या"/ "गोंगा मामल्लपुरम ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?
का अितरर्" निशाि सतह
(a) केिि 1
पर तराशा गया नशिािोंि

ऊपर नदए गए युग्मों में से कौि-सा/से सही सुमेनित (b) केिि 2 और 3

है /हैं ? (c) केिि 3

(a) केिि 1 और 2 (d) 1, 2 और 3

(b) केिि 3
2. मंतिर स्थाित्यकला

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9. मुरैिा के पास खस्थत चौसठ यमनगिी मोंनदर के सोंदभा 12. निम्ननिखित में से कौि सूया मोंनदरमों के निए प्रनसद्ध
में निम्ननिखित कथिमों पर निचार कीनिए: (2021) है /हैं ? (2017)

1. यह कच्छपघाट राििोंश के शासिकाि के 1. अरसािल्ली


दौराि निनमात एक गमिाकार मोंनदर है ।
2. अमरकोंटक
2. यह भारत में निनमात एकमात्र गमिाकार
3. ओोंकारे श्वर
मोंनदर है ।
िीचे नदए गए कूट का प्रयमग कर सही उत्तर चुनिए:
3. इसका उद्दे श्य क्षेत्र में िैष्णि पोंथ कम बढािा
दे िा था। (a) केिि 1

4. इसके नििाइि िे एक िमकनप्रय धारर्ा कम (b) केिि 2 और 3


िन्म नदया है , िम भारतीय सोंसद भिि के
(c) केिि 1 और 3
पीछे की प्रेरर्ा थी।
(d) 1, 2 और 3
उपयुाक्त कथिमों में से कौि-सा/से कथि सही है /हैं ?
13. भारत के किा और पुराताखिक इनतहास के सोंदभा
(a) 1 और 2 (b) केिि 2 और 3
में, निम्ननिखित में से सबसे पहिे नकसका निमाार्
(c) 1 और 4 (d) 2, 3 और 4 नकया गया था? (2015)

10. िागर, द्रनिड़ और िेसर हैं : (2012) (a) भुििेश्वर में निोंगराि मोंनदर

(a) भारतीय उपमहाद्वीप के तीि मुख्य िस्लीय (b) धौिी में रॉक-कट हाथी
समूह|
(c) महाबिीपुरम का रॉक-कट स्मारक
(b) तीि मुख्य भाषाई निभािि नििमें भारत की
(d) उदयनगरर में िराह का नचत्र
भाषाओों कम िगीकृत नकया िा सकता है |
14. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में,
(c) भारतीय मोंनदर िास्तुकिा की तीि मुख्य
'पोंचायति' शब्द का अथा है : (2014)
शैनियााँ |
(a) गाों ि के बुिुगों की सभा
(d) भारत में मुख्यतः तीि सोंगीत घरािे प्रचनित
थे| (b) एक धानमाक सोंप्रदाय

11. राज्य में मोंनदर निमाा र् में 'कल्यार् मोंिप' का निमाार् (c) मोंनदर निमाा र् की एक शैिी
नकसकी एक उल्लेििीय निशेषता थी? (2019)
(d) एक प्रशासनिक अनधकारी
(a) चािुक्य (b) चोंदेि
3. भारिीय िेंत ं ग
(c) राष्ट्रकुट (d) निियिगर

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15. प्रनसद्ध पेंनटों ग "बिी ठिी" नकससे सोंबोंनधत है ? (a) केिि 1


(2018)
(b) केिि 1 और 2
(a) बूोंदी शैिी (b) ियपुर शैिी
(c) 1, 2 और 3
(c) काों गड़ा शैिी (d) नकशिगढ शैिी
(d) कमई िहीों
16. बमनधसि पद्मपानर् की सबसे प्रनसद्ध पेंनटों ग और
बहुधा नचत्रमों में से एक खस्थत है -(2018) 4. भारिीय संगीि

(a) अिोंता 19. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में


निम्ननिखित कथिमों पर निचार कीनिएः (2018)
(b) बादामी
1. अनधकाों श त्यागराि कीनता भगिाि कृष्ण की
(c) बाघ
स्तुनत में गाए िािे िािे भखक्त गीत हैं ।
(d) एिमरा
2. त्यागराि िे कई िए रागमों की रचिा की।
17. किमकारी नचत्रकिा का सोंबोंध है : (2015)
3. अन्नामाचाया और त्यागराि समकािीि हैं ।
(a) दनक्षर् भारत में हाथ से नचनत्रत सूती कपड़ा|
4. अन्नामाचाया कीताि भगिाि िेंकटे श्वर की
(b) पूिोत्तर भारत में बाों स हस्तनशल्प पर एक स्तुनत में गाए िािे िािे भखक्त गीत हैं ।
हस्तनिनमात नचत्र|
ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-से सही हैं ?
(c) भारत के पनिमी नहमािय क्षेत्र में एक ब्लॉक-
(a) केिि 1और 3 (b) केिि 2 और 4
पेंटेि ऊिी कपड़ा|
(c) 1, 2 और 3 (d) 2, 3 और 4
(d) उत्तर-पनिमी भारत में हाथ से नचनत्रत
सिािटी रे शमी कपड़ा| 20. सनदयमों से िीनित रिी गई भारत की प्रमुि
परों पराओों में से एक ध्रुपद के सोंदभा में निम्ननिखित
18. निम्ननिखित ऐनतहानसक स्थािमों पर निचार कीनिए:
में से कौि से कथि सही हैं ? (2012)
(2013)
1. ध्रुपद की उत्पनत्त और निकास मुगि काि के
1. अिोंता की गुफाएों
दौराि रािपूत राज्यमों में हुआ था|
2. िेपाक्षी मोंनदर
2. ध्रुपद मुख्य रूप से एक भखक्त और
3. साों ची स्तूप आध्याखिक सोंगीत है |

उपरमक्त में से कौि-सा/से स्थाि नभनत्त नचत्रमों के 3. ध्रुपद आिाप मोंत्रमों से सोंस्कृत अक्षरमों का
निए िािा/िािे िाता/िाते है /हैं ? उपयमग करता है ।

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िीचे नदये गये कूट से सही उत्तर का चयि कीनिये: पर आधाररत है ।

(a) केिि 1और 2 उपरमक्त में से कौि सा/से कथि सही है /हैं ?

(b) केिि 2 और 3 (a) केिि 1

(c) 1, 2 और 3 (b) केिि 1 और 2

(d) उपरमक्त में से कमई भी सही िहीों है (c) केिि 2 और 3

5. भारिीय नृत्य (d) 1, 2 और 3

23. निम्ननिखित युग्मों पर निचार कीनिए: (2014)


21. मनर्पुरी सोंकीताि के सोंदभा में, निम्ननिखित कथिमों
पर निचार कीनिएः (2017) 1. गरबा : गुिरात

1. यह एक गीत और िृत्य प्रदशा ि है । 2. ममनहिीअट्टम : उड़ीसा

2. इसके प्रदशाि में केिि सोंगीत योंत्र झाों झ का 3. यक्षगाि : किाा टक


ही उपयमग नकया िाता है ।
ऊपर नदए गए युग्मों में से कौि-सा/से सही सुमेनित
3. यह भगिाि कृष्ण के िीिि और कायों का है /हैं ?
िर्ाि करिे के निए नकया िाता है ।
(a) केिि 1
ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?
(b) केिि 2 और 3
(a) 1, 2 और 3.
(c) केिि 1 और 3
(b) केिि 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
(c) केिि 2 और 3
24. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सन्दभा में 'नत्रभोंग'
(d) केिि 1 िामक िृत्य और िाटक में मुद्रा प्राचीि काि से
िेकर आि तक भारतीय किाकारमों की पसोंदीदा
22. प्रनसद्ध सत्रीया िृत्य के सोंदभा में निम्ननिखित कथिमों
रही है । निम्ननिखित में से कौि सा कथि इस मुद्रा
पर निचार कीनिएः (2014)
का सिोत्तम िर्ाि करता है ? (2013)
1. सत्रीया सोंगीत, िृत्य और िाटक का मेि है ।
(a) एक पैर मुड़ा हुआ है , और शरीर कमर और
2. यह असम के िैष्णिमों की सनदयमों पुरािी गदा ि पर थमड़ा िेनकि निपरीत रूप से
िीनित परों परा है । घुमािदार है |

3. यह तुिसीदास, कबीर और मीराबाई द्वारा (b) चेहरे के भाि, हाथ के हािभाि और श्ृोंगार
रनचत भखक्त गीतमों के शास्त्रीय रागमों और तािमों कम कुछ महाकाव्य या ऐनतहानसक पात्रमों के

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प्रतीक के रूप में िमड़ा िाता है | प्रचनित है |

(c) शरीर, चेहरे और हाथमों की गनतनिनधयमों का (b) यह एक प्राचीि शैिी का काोंस्य और पीति
उपयमग स्वयों कम व्यक्त करिे या कहािी का काम है िम अभी भी कमरममोंिि क्षेत्र के
कहिे के निए नकया िाता है | दनक्षर्ी भाग में पाया िाता है |

(d) प्यार या कामुकता की भाििाओों कम व्यक्त (c) यह िृत्य-िाटक का एक प्राचीि रूप है और


करिे के निए एक छमटी सी मुस्काि, ठमड़ी मािाबार के उत्तरी भाग में एक िीनित
घुमािदार कमर और कुछ हाथ के इशारमों परों परा है |
पर िमर नदया िाता है |
(d) यह दनक्षर् भारत के कुछ नहस्मों में एक
25. आप कुनचपुड़ी और भरतिाट्यम िृत्यमों के बीच कैसे प्राचीि माशाि आटा और एक िीनित परों परा
अोंतर करते हैं ? (2012) है |

1. कुनचपुड़ी िृत्य में कभी-कभी सोंिाद बमििे 7. भारिीय संस्कृति


िािे िताक पाए िाते हैं , िेनकि भरतिाट्यम
में िहीों| 27. प्राचीि दनक्षर् भारत में सोंगम सानहत्य के बारे में,
निम्ननिखित कथिमों में कौि-सा एक, सही है ?
2. पीति की थािी के नकिारमों पर पैर रिकर
(2022)
िृत्य करिा भरतिाट्यम की एक निशेषता है
िेनकि कुनचपुड़ी िृत्य में इस तरह की कमई (a) सोंगम कनिताओों में भौनतक सों स्कृनत का कमई
मुद्रा िहीों हमती है । सन्दभा िहीों है ।

उपयुाक्त कथिमों में से कौि-सा/से कथि सही है /हैं ? (b) िर्ा का सामानिक निभािि सोंगम कनियमों
कम ज्ञात था।
(a) केिि 1
(c) सोंगम कनिताओों में शौया िीनत का कमई
(b) केिि 2
सोंन्दभा िहीों है ।
(c) 1 और 2 दमिमों
(d) सोंगम सानहत्य में िादु ई ताकतमों कम असोंगत
(d) ि तम 1 और ि ही 2 बताया गया है ।

6. भारि में मार्षल आ ष 28. नकसके राज्यकाि में “यमगिानशष्ठ” का निजामुद्दीि


पािीपनत द्वारा फारसी में अिुिाद नकया
26. भारत की सोंस्कृनत और परों परा के सोंदभा में गया?(2022)
'किारीपयट् टू' क्या है ? (2014)
(a) अकबर
(a) यह शैि धमा का एक प्राचीि भखक्त पोंथ है िम
(b) हुमायूाँ
अभी भी दनक्षर् भारत के कुछ नहस्मों में

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(c) शाहिहााँ उपयुाक्त कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?

(d) औरों गिेब (a) केिि 1 और 2

29. भारत के सन्दभा में, 'हल्बी, हम और कुई' पद सोंबोंनधत (b) केिि 2 और 3


हैं : (2021)
(c) केिि 3
(a) उत्तर पनिमी भारत के िृत्य रूप
(d) 1, 2 और 3
(b) सोंगीत िाद्य
32. भारत के इनतहास के सोंदभा में, निम्ननिखित युग्मों पर
(c) प्रागैनतहानसक गुफा नचत्र निचार कीनिए: (2020)

(d) िििातीय भाषा प्रनसद्ध स्थाि ितामाि राज्य

30. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में, 1. भीिसा मध्यप्रदे श


निम्ननिखित में से कौि -सा पारनमता शब्द का सही
2. द्वारसमुद्र महाराष्ट्र
िर्ाि है ? (2020)
3. नगररिगर गुिरात
(a) प्राचीितम धमाशास्त्र ग्रोंथ सूत्र शैिी में नििे
गए हैं । 4. स्थािेश्वर उत्तरप्रदे श

(b) दाशानिक निद्यािय निन्मोंिे िेदमों के अनधकार ऊपर नदए गए युग्मों में से कौि-सा सही सुमेनित है ?
कम स्वीकार िहीों नकया।
(a) केिि 1 और 3
(c) नसखद्धयााँ नििकी प्राखप्त से बमनधसि का मागा
(b) केिि 1 और 4
प्रशस्त हुआ।
(c) केिि 2 और 3
(d) प्रारों नभक मध्यकािीि दनक्षर् भारत के
शखक्तशािी व्यापारी सोंघ। (d) केिि 2 और 4

31. भारत के धानमाक इनतहास के सोंदभा में, निम्ननिखित 33. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में निम्ननिखित
कथिमों पर निचार कीनिए :(2020) युग्मों पर निचार कीनिएः (2020)

1. स्थानिरिादी महायाि बौद्ध धमा से सोंबद्ध हैं | 1. पररव्रािक: त्यागी और पनथक

2. िमकमत्तरिादी सोंप्रदाय बौद्ध धमा के 2. श्मर् : उच्च पद िािा पुिारी


महासोंनघक सोंप्रदाय की एक शािा थी|
3. उपासक : बौद्ध धमा का अिुयायी हमिा
3. महासोंनघकमों द्वारा बुद्ध के दे ििरमपर् िे
ऊपर नदए गए युग्मों में से कौि-से सही सुमेनित है ?
महायाि बौद्ध धमा कम प्रमत्सानहत नकया|
(a) केिि 1 और 2

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(b) केिि 1 और 3 (c) िैष्णि धमा (d) शैि धमा

(c) केिि 2 और 3 37. भारत के इनतहास के सोंदभा में, निम्ननिखित में से


कौि भनिष्य का बुद्ध है , िम अभी तक दु निया कम
(d) 1, 2 और 3
बचािे के निए िहीों आया है ? (2018)
34. निम्ननिखित पर निचार कीनिए: (2019)
(a) अििमनकतेश्वर (b) िमकेश्वर
1. बुद्ध का दे ििरमपर्।
(c) मैत्रेय (d) पद्मपानर्
2. बमनधसि के मागा पर चििा।
38. भारत के धानमाक इनतहास के सोंदभा में, निम्ननिखित
3. नचत्र पूिा और अिुष्ठाि। कथिमों पर निचार कीनिएः (2017)

उपरमक्त में से कौि-सी महायाि बौद्ध धमा की 1. सौत्राखन्तक और सखिनतया िैि धमा के पोंथ
निशेषता/निशेषताएों है /हैं ? थे।

(a) केिि 1 2. सिाखस्तिानदयमों िे मािा नक घटिा के घटक


पूर्ा रूप से क्षनर्क िहीों थे बखि एक गुप्त
(b) केिि 1 और 2
रूप में हमेशा के निए मौिूद थे।
(c) केिि 2 और 3
ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?
(d) 1, 2 और 3
(a) केिि 1
35. निम्ननिखित युग्मों पर निचार कीनिये: (2018)
(b) केिि 2
परों परा : राज्य
(c) दमिमों 1 और 2
1. चपचार कुट महमत्सि : नमजमरम
(d) ि तम 1 और ि ही 2
2. िमोंगिमम पबा बिाड़ : मनर्पुर
39. निम्ननिखित युग्मों पर निचार कीनिए: (2017)
3. थाों ग-टा िृत्य : नसखिम
परों परा समुदाय
उपयुाक्त युग्मों में से नकतिे सही सुमेनित है /हैं ?
1. चानिहा सानहब महमत्सि नसोंधी
(a) केिि 1 (b) 1 और 2
2. िोंद राि िाट यात्रा गमोंि
(c) केिि 3 (d) 2 और 3
3. िारी-िारकरी सोंथाि
36. भारत में धानमाक प्रथाओों में से नकसका सम्बन्ध
ऊपर नदए गए युग्मों में से कौि-सा/से सही सुमेनित
"स्थािकिासी" सोंप्रदाय से है (2018)
है /हैं ?
(a) बौद्ध धमा (b) िैि धमा

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12

(a) केिि 1 42. निम्ननिखित में से कौि से साम्राज्य बुद्ध के िीिि से


िुड़े थे? (2014, 2015)
(b) केिि 2 और 3
1. अिोंती 2. गाों धार
(c) केिि 1 और 3
3. कमसि 4. मगध
(d) इिमे से कमई भी िहीों
िीचे नदये गये कूट से सही उत्तर का चयि कीनिये:
40. भारत के धानमाक इनतहास के सोंदभा में निम्ननिखित
कथिमों पर निचार कीनिएः (2016) (a) केिि 1, 2 और 3

1. बमनधसि की अिधारर्ा बौद्ध धमा के (b) केिि 2 और 3


हीियाि सोंप्रदाय के केंद्र में है ।
(c) 1, 3 और 4
2. बमनधसि अपिे आिज्ञाि के मागा पर अग्रसर
(d) केिि 3 और 4
करुर्ामय व्यखक्त हैं ।
43. मध्यकािीि भारत में, पदिाम महत्तारा और
3. बमनधसि अपिे स्वयों के उद्धार कम प्राप्त
'पट्टनकिा' का उपयमग नकसके निए नकया
करिे में दे री करता है तानक सभी सिमों कम
िाता था(2014)
उिके मागा में मदद की िा सके।
(a) सैन्य अनधकारी
ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?
(b) ग्राम प्रधाि
(a) केिि 1
(c) िैनदक अिुष्ठािमों के निशेषज्ञ
(b) केिि 2 और 3
(d) क्राफ्ट नगल्ड् स के प्रमुि
(c) केिि 2
44. प्रत्येक िषा, कनतपय निनशष्ट् समुदाय/िििानत
(d) 1, 2, और 3
पाररखस्थनतक रूप से महिपूर्ा, मास-भर चििे िािे
41. प्राचीि भारत की निम्ननिखित में से नकस पुस्तक में अनभयाि/त्यौहार के दौराि फिदार िृक्षमों का
शुोंग िोंश के सोंस्थापक के पु त्र की प्रेम कहािी है ? पौधरमपर् करते हैं । निम्ननिखित में से कौि-से ऐसे
(2016) समुदाय/िििानत हैं ? (2014)

(a) स्वप्निासिदत्त (a) भूनटया और िेप्चा

(b) मािनिकानिनमत्रम् (b) गमोंि और कमकूा

(c) मेघदू त (c) इरुिा और टमिा

(d) रत्नाििी (d) सहररया और अगररया

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45. शक सोंित पर आधाररत राष्ट्रीय किैण्डर का चैत्र (a) केिि 1


,365 नदिमों के सामान्य िषा में ग्रेगररयि किैण्डर की
(b) केिि 2
निम्ननिखित में से नकस तारीि से सुमेनित है ?
(2014) (c) दमिमों 1 और 2

(a) 22 माचा (या 21 माचा) (d) ि तम 1 और ि ही 2

(b) 15 मई (या 16 मई) 48. मोंगनियार िामक िमगमों का एक समुदाय,


नकसके निए प्रनसद्ध है ? (2014)
(c) 31 माचा (या 30 माचा)
(a) उत्तर-पूिी भारत में माशाि आटा
(d) 21 अप्रैि (या 20 अप्रैि)
(b) उत्तर-पनिम भारत में सोंगीत परों परा
46. भारत में बौद्ध इनतहास, परों परा और सोंस्कृनत के
सोंदभा में, निम्ननिखित युग्मों पर निचार कीनिए: (c) दनक्षर् भारत में शास्त्रीय गायि सोंगीत
(2014)
(d) मध्य भारत में नपटर ा - ड्यूरा परों परा
प्रनसद्ध तीथा स्थाि
1. ताबम मठ और मोंनदर स्पीनत घाटी 49. निम्ननिखित भाषाओों पर निचार कीनिए:(2014)
पररसर
2. िमत्सि ल्हिाों ग िाा़स्कर घाटी 1. गुिराती
मोंनदर, िाकम
3. अिची मोंनदर पररसर िद्दाि 2. कन्नड़

ऊपर नदए गए युग्मों में से कौि-सा/से सही सुमेनित 3. तेिुगु


है /हैं ?
उपरमक्त में से नकसे सरकार द्वारा 'शास्त्रीय
(a) केिि 1 भाषा/भाषा' घमनषत नकया गया है ?

(b) केिि 2 और 3 (a) केिि 1 और 2

(c) केिि 1 और 3 (b) केिि 3

(d) 1, 2 और 3 (c) केिि 2 और 3

47. निम्ननिखित कथिमों पर निचार कीनिए: (2014) (d) 1, 2 और 3

1. 'बीिक' सोंत दादू दयाि की नशक्षाओों की 50. निम्ननिखित में से कौि सा युग् भारतीय दशाि की
रचिा है । छह प्रर्ानियमों का नहस्ा िहीों है ? (2014)

2. पुनष्ट् मागा का दशाि माधिाचाया द्वारा (a) मीमाों सा और िेदाों त


प्रनतपानदत नकया गया था।
(b) न्याय और िैशेनषक
ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?

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(c) िमकायत और कपानिक 2. साों ख्य का माििा है नक यह आि-ज्ञाि है


िम मुखक्त की ओर िे िाता है ि नक कमई
(d) साों ख्य और यमग
बाहरी प्रभाि या एिेंट।
51. भारत के सम्प्रतीक के िीचे उत्कीर्ा भारत की राष्ट्रीय
ऊपर नदए गए कथिमों में से कौि-सा/से सही है /हैं ?
आदशोखक्त 'सत्यमेि ियते' कहााँ से िी गई
है ?(2014) (a) केिि 1

(a) कठ उपनिषद् (b) केिि 2

(b) छाों दमग्य उपनिषद् (c) दमिमों 1 और 2

(c) ऐतरे य उपनिषद् (d) ि तम 1 और ि ही 2

(d) मुोंिक उपनिषद् 54. कुछ बौद्ध शैिकृत (रॉक-कट) गुफाओों कम चैत्य
कहा िाता है , िबनक अन्य कम निहार कहा िाता है ।
52. निम्ननिखित भखक्त सोंतमों पर निचार कीनिए: (2013)
दमिमों के बीच क्या अोंतर है ? (2013)
1. दादू दयाि
(a) निहार पूिा का स्थाि है , िबनक चैत्य
2. गुरु िािक नभक्षुओों का नििास स्थाि है |

3. त्यागराि (b) चैत्य पूिा का स्थाि है , िबनक निहार


नभक्षुओों का नििास स्थाि है |
िब िमदी िोंश का पति हुआ और बाबर िे सत्ता
सोंभािी तम उपरमक्त में से कौि उपदे श दे रहा/रहे (c) चैत्य गुफा के सबसे दू र का स्तूप हमता है ,
था/थे? िबनक निहार इसके निए अक्षीय हॉि हमता
है |
(a) 1 और 3
(d) दमिमों के बीच कमई भौनतक अोंतर िहीों है |
(b) केिि 2
55. निम्ननिखित में से कौि बौद्ध धमा में नििाा र् की
(c) केिि 2 और 3
अिधारर्ा का सिोत्तम िर्ाि करता है ? (2013)
(d) केिि 1 और 2
(a) इच्छा नक समाखप्त
53. भारत में दाशानिक नचोंति के इनतहास के सोंदभा में,
(b) स्वयों का पूर्ा नििाश
साों ख्य निचारधारा के सोंबोंध में निम्ननिखित कथिमों पर
निचार कीनिएः (2013) (c) आिोंद और आराम की खस्थनत

1. साों ख्य पुििान्म या आिा के स्थािान्तरर् के (d) सभी समझ से परे एक मािनसक अिस्था
नसद्धाों त कम स्वीकार िहीों करता है ।

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56. निम्ननिखित में से कौि-सा/से कथि िैि नसद्धाों त पर (b) सािाभौनमक सत्य
िागू हमता/हमते है /हैं ? (2013)
(c) सािाभौनमक आस्था
1. कमा का िाश करिे का सबसे सुनिनित
(d) सािाभौनमक आिा
तरीका है तपस्या करिा।
59. भगिाि बुद्ध के नचत्र कम कभी-कभी हाथ के इशारे
2. प्रत्येक िस्तु, यहाों तक नक सबसे छमटे कर्
से नदिाया िाता है निसे "भूनमस्पशा मुद्रा" कहा
में भी एक आिा हमती है ।
िाता है । यह प्रतीक है : (2012)
3. कमा आिा का अनभशाप है और इसे समाप्त
(a) मार पर ििर रििे और मार कम अपिे ध्याि
नकया िािा चानहए।
में निघ्न िाििे से रमकिे के निए बुद्ध का पृथ्वी
िीचे नदए गए कूट का प्रयमग कर सही उत्तर चुनिए: कम आह्वाि|

(a) केिि 1 (b) मार के प्रिमभिमों के बाििूद अपिी पनित्रता


और शुद्धता का गिाह बििे के निए बुद्ध का
(b) केिि 2 और 3
पृथ्वी का आह्वाि|
(c) केिि 1 और 3
(c) अपिे अिुयानययमों कम बुद्ध का स्मरर् नक िे
(d) 1, 2 और 3 सभी पृथ्वी से उत्पन्न हमते हैं और अोंत में पृथ्वी
में नििीि हम िाते हैं , और इस प्रकार यह
57. प्राचीि भारत के इनतहास के सोंदभा में, निम्ननिखित
िीिि क्षर्भोंगुर है।
में से कौि-सा/से बौद्ध धमा और िैि धमा दमिमों में
समाि था/थे? (2012) (d) दमिमों कथि (a) और (b) इस सोंदभा में सही
हैं ।
1. तप और भमग की पराकाष्ठा से बचिा
60. भारतीय इनतहास के सन्दभा में, निम्ननिखित मूिग्रोंथमों
2. िेदमों के अनधकार के प्रनत उदासीिता
पर निचार कीनिए:(2022)
3. अिुष्ठािमों की प्रभािकाररता का िोंिि
1. िेनत्तप्रकरर्
िीचे नदये गये कूट से सही उत्तर का चयि कीनिये:
2. पररनशष्ट्पिाि
(a) केिि 1 (b) केिि 2 और 3
3. अिदािशतक
(c) केिि 1 और 3 (d) 1,2 और 3
4. नत्रशनष्ट्िक्षर् महापुरार्
58. िैि दशाि यह मािता है नक दु निया का
उपयुाक्त में कौि-से िैि ग्रन्थ हैं ?
निमाा र् और रिरिाि नकसके द्वारा नकया
िाता है (2011) (a) 1, 2 और 3

(a) सािाभौनमक कािूि (b) केिि 2 और 4

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(c) 1, 3 और 4 3. िाथमुनि िैष्णि निद्वाि

(d) 2, 3 और 4 उपयुाक्त युग्मों में से नकतिे युग् सही सुमेनित है ?

61. भारतीय इनतहास के सन्दभा में, निम्ननिखित युग्मों पर (a) कमई भी युग् िहीों
निचार कीनिए :(2022)
(b) केिि एक युग्
ऐनतहानसक व्यखक्त नकस रूप में िािे गए
(c) केिि दम युग्
1. आयादेि िैि निद्वाि
(d) सभी तीि युग्
2. नदिाग बौद्ध निद्वाि

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Answers Key
1. (b) 22. (b) 43. (b)

2. (a) 23. (c) 44. (b)

3. (a) 24. (a) 45. (a)

4. (d) 25. (a) 46. (c)

5. (b) 26. (d) 47. (d)

6. (c) 27. (b) 48. (b)

7. (c) 28. (a) 49. (c)

8. (c) 29. (d) 50. (c)

9. (c) 30. (c) 51. (d)

10. (c) 31. (b) 52. (b)

11. (d) 32. (a) 53. (b)

12. (a) 33. (b) 54. (b)

13. (b) 34. (d) 55. (a)

14. (c) 35. (b) 56. (d)

15. (d) 36. (b) 57. (b)

16. (a) 37. (c) 58. (a)

17. (a) 38. (b) 59. (b)

18. (b) 39. (a) 60. (b)

19. (b) 40. (b) 61. (c)

20. (b) 41. (b)

21. (b) 42. (d)

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संकेि एवं व्याख्या

1. उत्तर (b)

उि-तवर्य: अशमक के नशिािेि और अनभिेि

व्याख्या:

युग्म 1 सही है : धौली तर्लालेख ओतिर्ा में


भुवनेश्वर से 10 नकिममीटर दू र धौिी पहानड़यमों में
खस्थत है । एक बड़े चट्टाि के टु कड़े पर पािी में
अशमक द्वारा नशिािेि का निमाा र् कराया गया है ।
नशिािेि ऐतिहातसक कतलंग युद्ध स्थल के िास
स्स्थि हैं , निसके बारे में कहा िाता है नक उसिे
सम्राट अशमक का हृदय पररिताि कर नदया था।

युग्म 2 सही है : एराषगुिी या येरागुिी तर्लालेख


आं ध्र प्रिे र् के कुरनूल तजले में खस्थत है । नशिािेि
2. उत्तर (a)
मौया रािा अशमक (269-231 ईसा पूिा) के प्रमुि
और छमटे नशिािेिमों के महिपूर्ा भोंिार में से एक उि-तवर्य: मोंनदर िास्तुकिा

हैं ।
व्याख्या:
युग्म 3 गलि है : जौगड़, ओतिर्ा के गंिाम तजले
कथन 1 सही है : स मनाथ मंतिर तहं िुओ ं के तलए
में रुतर्कुल्या निी के उत्तरी तट पर खस्थत है । यह
सबसे पनित्र तीथा स्थिमों में से एक है । िे इसे नशि के
कनिोंग के प्राचीि साम्राज्य का नहस्ा था िैसा नक
बारह ज्य तितलिंग मंतिर ं में से प्रथम मानिे हैं ।
नशिािेि 1 और 2 द्वारा सुझाया गया है ।
यह प्रभास पाटि, िेरािि, गुिरात, भारत में खस्थत

युग्म 4 गलि है : कालसी उत्तराखंि में यमुना है ।


निी के ि िर चकरािा और िे हरािू न के बीच
कथन 2 सही है : एक अरब यात्री अल - बरूनी
खस्थत एक छमटा सा शहर है ।कािसी में अशमक के
द्वारा मोंनदर का िर्ाि इतिा शािदार था नक इसिे
नशिािेिमों का स्थाि नििक्षर् रूप से अनद्वतीय है
1024 ई में महमूद गििी कम यहाों की यात्रा के निए
क्यमोंनक यह उत्तर भारत का एकमात्र स्थाि है िहााँ
प्रेररत नकया।
महाि मौया सम्राट िे 14 तर्लालेख ं के समूह क
अंतकि तकया। अनधकतम िमगमों तक धम्म तसद्धांि कथन 3 गलि है : समकालीन स मनाथ मंतिर
का प्रचार करने के निए अशमक िे यहाों एक का िुनतनषमाषण भारि के िहले गृह मंत्री
नशिािेि अंतकि करिाया था। वल्लभभाई ि े ल के आदे श के अन्तगात शुरू
नकया गया था और उिकी मृत्यु के बाद मई 1951

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में पूरा हुआ। भारत के तत्कािीि राष्ट्रपनत िॉ राजेंद्र तवश्व धर हर स्थल है ।


प्रसाि ने 11 मई 1951 कम मौिूदा मोंनदर में प्रार्-
तवकल्प (c)गलि है : पाों िु-िीिा गुफा मोंनदर निसे
प्रनतष्ठा की।
नातसक गुफाओं के रूि में भी जाना जािा है ,
स मनाथ मंतिर: महाराष्ट्र के र्ाहिा से लगभग 6 तकल मी र
उत्तर में ग मई निी पर खस्थत है ।
❖ सममिाथ मोंनदर, निसे स मनाथ मंतिर या
िे विा न भी कहा जािा है , भारत,गुजराि तवकल्प (d) गलि है : अमरािती स्तूप कृष्णा िदी
के िेरािि नििे के प्रभास िा न में खस्थत है । की घाटी खस्थत है । यह आं ध्र प्रिे र् राज्य में सबसे
बड़ा है , निसका व्यास िगभग 50 मीटर और
❖ नहों दुओों के निए सबसे पनित्र तीथा स्थिमों में से
ऊोंचाई िगभग 27 मीटर है ।
एक, िे इसे तर्व के बारह ज्य तितलिंग मंतिर ं
में से प्रथम मानिे हैं । न : इससे पहिे 2014 और 2016 में अिोंता
पर प्रश्न पूछे गए थे। यह नपछिे िषा में पूछे गए
❖ अतीत में कई मुखस्लम आक्रमर्काररयमों और
प्रश्नमों और सोंबोंनधत शमध कम पढिे के महि कम
शासकमों द्वारा बार-बार िष्ट् नकए िािे के बाद
रे िाों नकत करता है। इसनिए, अिोंता गुफा की
इसका कई बार पुिनिामाा र् नकया गया था।
निस्तृत व्याख्या के निए कृपया पीिाईक्यू दे िें।
❖ भारत की स्वतोंत्रता के बाद, उि िोंिहरमों कम
4. उत्तर (d)
ध्वस्त कर नदया गया और ितामाि सममिाथ
मोंनदर कम तहं िू मंतिर िास्तुकिा की मारू- उि-तवर्य : मध्यकािीि िास्तुकिा/इस्लामी
गुिार शैिी में पुिनिानमात नकया गया था। िास्तुकिा

❖ ितामाि में भारि के प्रधान मंत्री नरें द्र म िी व्याख्या :


श्री स मनाथ मंतिर र स्ट के अध्यक्ष हैं ।
कथन 1 गलि है : बुलंि िरवाजा फिेहिुर
3. उत्तर (a) सीकरी में खस्थत है । इसे अकबर ने गुिरात पर
अपिी िीत के उपिक्ष्य में बििाया था। इसके
उि-तवर्य: प्राचीि िास्तुकिा/मूनताकिा/अिोंता
निमाा र् में लाल बलुआ ित्थर और इसकी
गुफाएों
सजाव में सफेि और काले संगमरमर का
व्याख्या: उिय ग तकया गया है । यू िीएससी की उत्तर
कंु जी के अनुसार यह कथन गलि है । इसनिए,
तवकल्प (a) सही है : अजंिा का प्रनसद्ध बौद्ध स्थि
हम यूपीएससी के उत्तर का पािि करें गे।
बाघ रा निी के नकिारे सह्याद्री िहातड़य ं में स्स्थि
है । कथन 2 गलि है : लखनऊ में खस्थत बड़ा
इमामबाड़ा 1784 में आसफ-उद-िौला द्वारा
तवकल्प (b) गलि है : साों ची बेतिा िदी के पनिम में
बिाया गया था। इसके निमाार् में गारे का प्रयमग
खस्थत है । तीसरी शताब्दी ईसा पूिा में अर् क द्वारा
नकये नबिा ईं ं क आिस में ज ड़ कर बिाया गया
तनतमषि मध्य प्रिे र् का साों ची स्तूप यूनेस्क की

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है । रूमी दरिािा भी िििऊ में खस्थत है , निसे


महाबलीिुरम िर प्रश्न 2015 में भी पूछा गया
अिध के ििाब आसफ-उद-िौला िे बििाया था।
था। किा और सोंस्कृनत िोंि के निए लतलि
यह चूने से लेतिि ईं ं का उिय ग करके बनाया
कला एनसीईआर ी पढिा बहुत महिपूर्ा है ।
गया है ।
उसी पुस्तक की शब्दाििी कम अच्छी तरह से
पढिा और समझिा चानहए।
न : प्रश्न का सोंदभा 2017 में "बुिोंद दरिािा और
रूमी दरिािा: गेटिे टू हे िि" शीषाक से ि तहं िू
6. उत्तर (c)
में छिे एक लेख से आया है ।
उि-तवर्य: प्राचीि िास्तुकिा/मूनताकिा/अिोंता
5. उत्तर (b) गुफा

उि-तवर्य: प्राचीि िास्तुकिा/मूनताकिा/अिोंता व्याख्या:


गुफाएों
युग् 1 सही है : बुद्ध के महापररनििाा र् के नचत्र
व्याख्या: औरों गाबाद, महाराष्ट्र में बाघ रा निी पर सह्याद्री
श्ृोंििा में अजंिा गुफाओं की गुफा 26 में है । वे
कथन 1 गलि है : अिोंता की गुफाएों चट्टािमों कम
वाका क र्ासक ं के सोंरक्षर् में बिाए गए थे।
काटकर बिाई गयी 30 बौद्ध गुफाओं का स्मारक
हैं िम िू सरी र्िाब्दी ईसा िूवष से 480 या 650 युग् 2 गलि है : दे िी पृथ्वी कम गहरे और अरािक
ईसवी िक की हैं । महाबलीिुरम में अभ्यारण् ं िि से बचाते हुए, भगवान तवष्णु के वराह अविार
का एक समूह है , तजसे 7वी ं और 8वी ं र्िाब्दी में का एक निशाि नचत्र , तवतिर्ा, मध्य प्रिे र् के पास
कमरममोंिि तट के साथ चट्टाि से उकेरा गया था। उियतगरर गुफाओं में है । इिका निमाा र् िगभग
5िीों शताब्दी ईस्वी के आसपास गुप्त र्ासक ं के
कथन 2 गलि है : अिोंता की गुफाएाँ ज्यादातर
सोंरक्षर् में हुआ था।
बौद्ध संप्रिाय ं क समतिषि हैं िबनक
महाबिीपुरम में वैष्णव संप्रिाय की ओर अतधक युग् 3 सही है : अजुषन की ििस्या / गंगा का
झुकाव है । अविरण िल्लव राजा महें द्रवमषन के शासिकाि
में निनमात अिोंि मूनता है और तनमििािु के
कथन 3 सही है : महाबलीिुरम और अजंिा ि न ं
मामल्लिुरम (महाबलीिुरम) में स्स्थि है । यह
रॉक-क स्मारक ं के बेहतरीि उदाहरर्मों में से
स्थल यूनेस्क की तवश्व धर हर स्थल ं में भी
एक हैं ।
शानमि है।

न : यूपीएससी िे बार-बार इस निशेष निषय ,


न : यूपीएससी िे यह प्रश्न सीधे कक्षा 11
तवर्ेर् रूि से अजंिा पर प्रश्न िूछे हैं । 2014,
एनसीईआर ी (भारतीय किा और सोंस्कृनत का
2016 और 2021 में। यह िीवाईक्यू और
एक पररचय) से पूछा था। इसनिए, यह
संबंतधि अनुसंधान क िढ़ने के महत्व क
एिसीईआरटी पढिे के महि कम रे िाों नकत करता
रे खांतकि करिा है । तवकल्प के िौर िर

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है । साथ ही, सिाह दी िाती है नक समाचार पत्र पढें न : यह कक्षा 7वी ं के एन.सी.ई.आर. ी.
और निनभन्न घटिाक्रममों के बारे में हमेशा िागरूक इतिहास से पूछा गया एक सरल प्रश्न था
रहें । (पृष्ठ.55)। एिसीईआरटी की पुस्तकें प्रारों नभक
परीक्षा के निए महिपूर्ा हैं । एिसीईआरटी से
7. उत्तर (c)
साइिबार, चाटा और नचत्रमों के साथ पाठ कम पढिे
उि-तवर्य: मुगि िास्तुकिा/इस्लामी िास्तुकिा और समझिे के महि कम बतािे के निए यहाों
एक स्क्रीिशॉट सोंिि कर रहा हों ।
व्याख्या:

तवकल्प (c) सही है : इबाििखाने का उिय ग 8. उत्तर (c)

तवतभन्न धातमषक आधार ं के तवतभन्न आध्यास्िक उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय िास्तुकिा


नेिाओं के साथ चचाा करिे और निनभन्न धातमषक
नेिाओं की नशक्षाओों पर चचाा करिे के निए नकया व्याख्या:

िाता था। इसे प्राथािा कक्ष के िाम से भी िािा िाता कथन 1 गलि है : चालुक्य वंर् द्वारा 6िीों शताब्दी
था। में बादामी गुफाओों का निमाार् उिकी राजधानी

इबािि खाना: बािामी में तकया गया था , निसे पहिे


वािािीनगर के नाम से जाना जािा था। बराबर
❖ यह 1575 ई. में फिेहिुर सीकरी में अकबर गुफाएं भारत में चट्टान ं क का कर बनाई गई
द्वारा निनमात सभा भवन था। सबसे िुरानी जीतवि गुफाएं हैं ।

❖ बादशाह तेिी से बौस्द्धक गतितवतधय ं में कथन 2 गलि है : बराबर गुफाओं का निमाा र्
तलप्त ह गया और सूफी संि ख्वाजा सम्राट अर् क ने करवाया था। ये तबहार के
मुइनुद्दीन तचश्ती के तपखस्वयमों और नशष्यमों के जहानाबाि तजले में स्स्थि हैं ।
सोंपका में आया।
कथन 3 सही है : एल रा की गुफाएं तहं िू (गुफाएं
❖ उसने बिख्ां के तमजाष सुलेमान के भी 13-29), बौद्ध (गुफाएं 1-12) और जैन (गुफाएं
आिे की अपेक्षा की , िम गोंभीर धानमाक चचाा ओों 30-34) स्मारकमों का एक पररसर हैं । इिका निमाा र्
के निए प्रनसद्ध एक सूफी थे। राष्ट्रकू िोंश के दौराि नकया गया था। इसे यूनेस्क

❖ इसनिए, उन्मोंिे एक चचाा कक्ष का तनमाषण द्वारा तवश्व तवरासि स्थल के रूि में नातमि तकया

करने का संकल्प तलया िहाों बड़ी सोंख्या में गया है ।

मुखस्लम धमाशास्त्री बैठ सकें। 9. उत्तर (c)

❖ इबादत िािा का निमाा र् फतेहपुर सीकरी उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय मोंनदर िास्तुकिा
(नििय का शहर) में 1575 ईस्वी पूिा में शुरू
हुआ और 1576 ईस्वी में पूरा हुआ। व्याख्या:

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सेंटरि निस्टा प्रमिेक्ट के अन्तगात िए सोंसद भिि


का निमाा र् नकया गया है । मौिूदा सोंसद भिि
चौसठ य तगनी मंतिर की प्रनतकृनत है । इस प्रकार
दै निक समाचार पत्र कम अच्छी तरह से पढिा भी
कथन 1 सही है : चौसठ य तगनी मंतिर मध्य प्रिे र् महिपूर्ा है ।
के मुरैना तजले में है । 1323 ईस्िी के एक
नशिािेि के अिुसार, इस मोंनदर का निमाा र् 10. उत्तर (c)
कच्छिघा रािा दे िपाि (1055-1075) िे
उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय मोंनदर िास्तुकिा
करिाया था।
व्याख्या:
कथन 2 गलि है : एक ग लाकार तिजाइन िािा
मोंनदर एक छमटी पहाड़ी के शीषा पर खस्थत है । यह तवकल्प (c)सही है : मंतिर वास्तुकला की तीि
भारत का एकमात्र ग लाकार मंतिर नही ं है । मुख्य शैनियााँ िागर (उत्तरी शैिी), द्रतवड़ (दनक्षर्ी
शैिी) और वेसर शैिी (नमनश्त शैिी) हैं ।
कथन 3 गलि है : मूि रूप से 64 य तगतनय ं क
महाशखक्त के केंद्रीय मोंनदर के आसपास 64 मंतिर वास्तुकला की 3 प्रमुख शैलिय ाँ :
सहायक मोंनदरमों में रिा गया था। आि नशिनिोंग िे
❖ नागर र्ैली में पूरा मोंनदर कई चरर्मों िािे एक
मोंनदरमों में अपिा स्थाि िे निया है । केंद्रीय मंतिर में
चबूतरे पर बिा है ।
एक तर्वतलंग भी है ।
कथन 4 सही है : इस मंतिर के ग लाकार ❖ द्रतवड़ र्ैली में , मोंनदर एक नमनश्त दीिार के
तिजाइन ने िमकनप्रय निचार कम िन्म नदया है नक भीतर गमपुरम और निमाि िैसी सुनिधाओों से
भारिीय संसि का तिजाइन यहाों से निया गया नघरा है ।
था।
❖ िेसर मंतिर वास्तुकला िागर और द्रनिड़

न : यनद हम कथि कम ध्याि से दे िें, तम यह दािा परों पराओों से मोंनदर िास्तुकिा का नमश्र् है ।

करता है नक यह "भारि में तनतमषि एकमात्र


न : किा और सोंस्कृनत अिुभाग के निए लतलि
ग लाकार मंतिर" है िम चरम और निरपेक्ष िगता
कला एनसीईआर ी की र्ब्दावली पढिा बहुत
है । यनद ऐसा है तम इसे लतलि कला
महिपूर्ा है । इतिा पढिा ही इस सिाि कम हि
एनसीईआर ी में आिा चानहए। यनद हम कथि 2
करिे के निए काफी था। सरि और स्पष्ट् प्रश्न सीधे
कम हटािे का िमखिम उठाते हैं , तम हम सही उत्तर
फाइि आटा एिसीईआरटी कम पढकर हि नकए
प्राप्त कर सकते हैं । यह ध्याि नदया िािा चानहए
िा सकते हैं । यह एिसीईआरटी के महि कम
नक चरम कथि हमेशा गित िहीों हमते हैं । कई
रे िाों नकत करता है । प्रत्येक िैकखल्पक िषा में,
उदाहरर्मों में, यूपीएससी िे एक चरम और अिन्य
यूपीएससी कुछ िाक्याों श/िाम/शब्दाििी दे ता है
कथि कम सही बताया। इसनिए निकल्प तानकाकता
और उिके सोंबोंनधत अथा, प्रकार या स्पष्ट्ीकरर् के
और बुखद्धमािी से चुिें।

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प्रकार के बारे में पूछता है । शब्दाििी और उिके और छनियमों पर निशेष िमर दे ते हुए पोंखक्तयमों के
अथा का सािधािीपूिाक अध्ययि उनचत है । बीच एनसीईआर ी पढिे के महि कम रे िाों नकत
करता है ।

11. उत्तर (d) 12. उत्तर (a)

उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय मोंनदर िास्तुकिा उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय मोंनदर िास्तुकिा

व्याख्या: व्याख्या:

तवकल्प (d) सही है : तवजयनगर साम्राज्य के ❖ अरसावल्ली सूयष मंतिर आं ध्र प्रिे र् में खस्थत
िीों
मंतिर तनमाषण का एक प्रमु ि पहिू " कल्याण है । यह मोंनदर 7 शताब्दी का है और कहा

मंिि " का निमाा र् था। िाता है नक इसे कतलंग राजा ने बििाया था।

तवजयनगर वास्तुकला: ❖ अमरकं क मध्य प्रिे र् में एक तीथा शहर है


िम िमादा िदी का उद्गम स्थि है । यहाों भगिाि
❖ 1336 ई. में हररहर और बुक्का ने निियिगर नशि कम नमषिेश्वर अमरनाथ के रूि में िूजा
साम्राज्य की स्थापिा की। जािा है ।

❖ तवजयनगर वास्तुकला की मुख्य तवर्ेर्िाएं ❖ ओंकारे श्वर एक नहों दू मोंनदर है िम भगवान


थीों : तर्व कम समनपात है । यह मध्य प्रदे श में खस्थत

⮚ राय ग िुरम का निमाा र् , है और 12 ज्य तितलिंग ं में से एक है ।

⮚ मोंनदर के मैदाि के अोंदर ििाशीदार भारि में प्रतसद्ध सूयष मंतिर ं की सूची:

स्तोंभ कल्याण मंििम , गया, तबहार में ितक्षणाकष मंतिर:

⮚ गभषगृह, ❖ नबहार राज्य के गया में एक प्राचीि सूया मोंनदर

⮚ अम्मान िीथष। है ।

❖ मोंनदर के सामिे सूया कुोंि या दनक्षर् मािस


❖ निि स्तोंभमों पर मूनतायाों उकेरी गई थीों, उि पर
घ ड़ा सबसे अनधक प्रचनित िाििर था। कुोंि में पूिािमों कम प्रसाद चढाया िाता है ।

❖ राज्य के मंतिर तनमाषण का एक प्रमुि पहिू मध्य प्रिे र् के उनाव में ब्रह्मण् िे व मंतिर:

"कल्याण मंिि" का निमाा र् था। ❖ सूया कम समनपात ब्राह्मर् दे ि (बारमिू) मोंनदर


मध्य प्रदे श में झाों सी के पास उिाि में खस्थत है ।
न : यूिीएससी ने थीम्स इन इं तियन से एक
प्रश्न पूछा है इतिहास ll - एक शाही रािधािी ❖ यह एक दशािीय मोंनदर है ।
निियिगर (पृ.144)। यह साइिबार, चाटा , बॉक्स
❖ स्थािीय मान्यता है नक पूिा करिे िािमों कम

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अोंधापि और कुष्ठ रमग और अन्य िचा रमगमों और छाया से नघरी हुई है ।


िैसे रमगमों से राहत नमिती है।
❖ पद्मपानर् इस सूया भगिाि का िाम है - पद्म
असम में सूयष िहाड़ में सूयष मंतिर: ज्ञाि उषा के निए िड़ा है और छाया अिोंत
काि के निए है
❖ असम में गमिपारा के पास "सूया पहाड़" पहाड़ी
के आसपास के क्षेत्र में यह अपेक्षाकृत म ढे रा में सूयष मंतिर - गुजराि:
आधुनिक सूया मोंनदर है ।
❖ यह सूया भगिाि का एक भव्य मोंनदर है
❖ यह मोंनदर केंद्र में आनदत्य के नपता कश्यप की निसकी कल्पिा और निमाा र् 1026 में नकया
छनि के साथ एक चक्र में आनदत्य की 12 गया था।
छनियमों िािी एक गमिाकार पत्थर की गमिी
❖ कमर्ाका के सूया मोंनदर की तरह, इस मोंनदर कम
कम स्थानपत करता है ।
इस तरह से नििाइि नकया गया था नक सूया
ितमलनािु में कंु भक णम के िास सूयषनार मंतिर की नकरर्ें निषुि के समय सूया की छनि पर
: पड़ें गी।

❖ सूया कम समनपात यह प्राचीि मोंनदर तनमििािु क णाकष, उड़ीसा में सू यष मंतिर:


में कुोंभकमर्म के पास खस्थत है । कुोंभकमर्म
❖ उड़ीसा का कमर्ाका मोंनदर भारत के सभी सूया
और उसके आसपास निशाि मोंनदरमों का
मोंनदरमों में सबसे बड़ा और सबसे प्रनसद्ध है ।
भरमार है ।
िीों
❖ यह 13 शताब्दी का है और यह उड़ीसा
❖ यह प्रनसद्ध मोंनदर सूया - सूया, काशी निश्विाथ
मोंनदर िास्तुकिा में उच्चतम नबोंदु का
और निशािाक्षी, और अन्य आठ िगमिीय
प्रनतनिनधि करता है ।
नपोंिमों िैसे नक चोंद्रि, अोंगारकि, बुधि,
बृहस्पनत, सुक्राि, सिीश्वरि, राहु और केतु कम ❖ कमर्ाका पुरी से 20 मीि उत्तर-पूिा में खस्थत है ।
प्रनतनष्ठत करता है ।
❖ कमर्ाका शब्द का अथा हमता है कमिे का सूया।
आं ध्र प्रिे र् के अरसावल्ली में सूयषनारायण
13. उत्तर (b)
स्वामी मंतिर:
उि-तवर्य: प्राचीि िास्तुकिा/मूनताकिा/रॉक कट
❖ यह अच्छी तरह से सोंरनक्षत अिस्था में सूया का
गुफा
एक मोंनदर है ।
व्याख्या:
❖ यह मोंनदर 7 िीों शताब्दी का है और कहा िाता
है नक इसे कनिोंग रािा िे बििाया था। तवकल्प (b) सही है : धौिी में खस्थत रॉक-कट हाथी
का निमाा र् अशमक के शासिकाि के दौराि नकया
❖ पूिा की छनि कािे ग्रेिाइट की एक 5 फीट
गया था, निसिे 272-231 ईसा पूिा शासि नकया था।
िोंबी कमि की कनियमों कम पकड़े हुए है - उषा
दू सरी ओर, निोंगराि मोंनदर 11िीों शताब्दी ईस्वी में

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बिाया गया था, िबनक महाबिीपुरम में रॉक-कट


स्मारकमों का निमाा र् 7िीों और 8िीों शताब्दी के
दौराि नकया गया था। इसके अनतररक्त, िराह
प्रनतमा 5िीों शताब्दी ईस्वी में बिाई गई थी।

❖ धौली में चट्टािमों क का कर बनाए गए हाथी


का तनमाषण अर् क (272-231 ईसा पूिा) के
शासिकाि के दौराि नकया गया था।

❖ भुवनेश्वर में तलंगराज मंतिर: भुििेश्वर


सही उत्तर तवकल्प (c)है :
(ओनिशा) शहर में सबसे बड़ा मोंनदर, निोंगराि
मोंनदर, 11िीों शताब्दी ईस्वी में बिाया गया था िंचायिन र्ैली :
और भगिाि नशि कम समनपात था।
❖ िंचायिन मंतिर तनमाषण की एक शैिी है ।
❖ महाबलीिुरम : महाबलीिुरम में रॉक-क
❖ मुख्य मोंनदर चार सहायक मोंनदरमों से नघरा हुआ
स्मारक 7 िीों और 8 िीों शताब्दी में पल्लि
है ।
रािा िरनसोंह िमाि प्रथम द्वारा बिाए गए थे।
❖ िाम की उत्पनत्त सोंस्कृत शब्द पोंच है निसका
❖ उियतगरर में वराह प्रतिमा का निमाा र् 5िीों
अथा है पााँ च और आयति का अथा है युक्त।
शताब्दी ईस्वी में हुआ था। यह प्रनतमा चंद्रगुप्त
द्वारा उियतगरर की िहाड़ी पर निदे शी शक ❖ िर्ाविार तवष्णु मंतिर, िे वगढ़ (लतलििुर
रािाओों पर नििय के उपिक्ष्य में उकेरी गई तजले, उत्तर प्रिे र् में) का निमाा र् छठी
थी। शताब्दी की शुरुआत में हुआ था।

न : उदयनगरर गुफाओों में निष्णु के वराह ❖ यािी िगभग सौ साि या उसके बाद छमटे

अविार (सूअर अविार) पर प्रश्न पहिे 2014 मोंनदरमों के बारे में हमिे अभी-अभी सांची और

में पूछा गया था। िही निषय 2015 में दमहराया उियतगरर में सीखा।

गया था।
❖ इस मोंनदर का मुख्य मोंनदर पोंचायति स्थापत्य
शैिी में एक आयताकार चबूतरे पर बिाया
14. उत्तर (c)
गया है , और चार अनतररक्त सहायक मोंनदर
उि- थीम: मोंनदर िास्तुकिा चारमों कमिमों में से प्रत्येक पर खस्थत हैं , िम इसे
कुि पााँ च मोंनदरमों की सोंख्या बिाते हैं , इसनिए
व्याख्या:
इसका िाम पोंचायति है ।

न : यह प्रश्न सीधा िनित किा एनसीईआर ी


से पूछा गया था। उसी एिसीईआरटी की

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व्याख्या :
शब्दाििी में भी इसका निक्र है । प्रारों नभक परीक्षा
के दृनष्ट्कमर् से मोंनदर की स्थापत्य शैिी हमेशा सही उत्तर तवकल्प (a) है :
महिपूर्ा हमती है । िृत्ताकार मोंनदरमों, िागर शैिी, ब तधसत्व िद्मिातण की पेंनटों ग
द्रनिड़ शैिी, िेसर शैिी और पोंचायति शैिी पर अजंिा की गुफा संख्या 1 में है
बार-बार प्रश्न पूछे गए। , िम 5िीों शताब्दी ईस्वी पूिा की
है ।
15. उत्तर (d)
❖ बमनधसि के अन्य नचत्रमों में वज्रिातण (रक्षक
उि-तवर्य: भारतीय नचत्रकिा शैिी
और मागादशाक, बुद्ध की शखक्त का प्रतीक)
व्याख्या: और मंजुश्री (बुद्ध के ज्ञाि का प्रकटीकरर्)
शानमि हैं।
सही उत्तर तवकल्प (d) है :
बणी - ठणी पेंनटों ग ❖ इसमें बुद्ध तत्रभंग मुद्रा में हाथ में कमि निए
तकर्नगढ़ नचत्रकिा शैिी हुए हैं ।

से सोंबोंनधत है । न : िनित किा एिसीईआरटी के पृष्ठ सोंख्या


54-55 कम पढिे से आपकम इस प्रश्न कम हि
❖ इसे तनहालचंि िामक किाकार िे नचनत्रत
करिे में मदद नमिेगी। साथ ही, अिोंता के
नकया था।
नििरर् पर पहिे ही पीिाईक्यू में चचाा की िा
❖ बणी -ठणी रािा सामोंत नसोंह (1748-1764) चुकी है , िहाों प्रश्न बुद्ध के महापररनििाा र् पर था।
के दरबार में एक गातयका और कवतयत्री
17. उत्तर (a)
थी ं।
उि-तवर्य: भारतीय नचत्रकिा शैिी
❖ अक्सर यह कहा िाता है नक यह छमटा नचत्र
म नातलसा तजिना ही सुंिर है । व्याख्या:

न : यह नचत्रकिा शैिी िबरमों में था क्यमोंनक सही उत्तर तवकल्प (a) है :


नकशिगढ हिाई अड्डे में यानत्रयमों के
कलमकारी:
स्वागत के निए बिी दीघाा ओों और हॉि में
बर्ी -ठर्ी पेंनटों ग प्रदनशात की गईों थी। ❖ यह निशेष सूती कपड़ा आं ध्र प्रिे र् में बनाया
इसनिए समाचार पत्र पढिा बहुत िरूरी जािा है और या तम हाथ से िें तकया जािा
है । है या ब्लॉक-तप्रं तकया जािा है ।

16. उत्तर (a) ❖ इस शैिी में, कलम (िेन) का उपयमग निषय


के मुक्तहस्त तचत्रण और रं ग ं क भरने के
उि-तवर्य: रॉक कट नचत्रकिा शैिी
तलए तकया जािा है और यह िूरी िरह से
हाथ से तकया जािा है ।

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❖ ितामाि िेलंगाना और आं ध्र प्रिे र् वे राज्य 19. उत्तर (b)


हैं िहाों किमकारी पहिी बार नदिाई दी।
उि-तवर्य: भारत की साोंस्कृनतक परों परा
❖ किमकारी शैिी का प्रथम प्रयमग महाभारत,
व्याख्या:
रामायर् और भागित िैसे ितवत्र ग्रंथ ं के
दृश्यमों कम नचनत्रत करिे के निए नकया गया था। ❖ त्यागराज क उनके जीवन और भािपूर्ा
सोंगीत के माध्यम से भगवान राम के प्रति
18. उत्तर (b)
उिकी अिुकरर्ीय भखक्त के निए िािा िाता
उि-तवर्य: नभनत्त नचत्र है । 1767 में तोंिािुर में िन्मे, त्यागराि कम
ज्यादातर भगिाि राम की स्तुनत में हिारमों
व्याख्या:
भखक्त रचिाएाँ बिािे का श्ेय नदया िाता है ।
तवकल्प 1 सही है : अजंिा, एल रा और एतलफें ा
कथन 1 गलि है : राम - भगवान तवष्णु के अितार
की गुफाओों पर बिे नचत्र िास्ति में शािदार हैं ।
, त्यागराि के अनधकाों श गीतमों का केंद्र नबोंदु और
तवकल्प 2 सही है : लेिाक्षी मंतिर आं ध्र प्रिे र् में मुख्य निषय थे।
है । यह तवजयनगर के राजाओं के तभतत्त तचत्र ं का
कथन 2 सही है : त्यागराि िे अपिे काया में सोंगीत
एक अच्छा सोंग्रह है । िई नदल्ली में हमिे िािी गर्तोंत्र
की पोंखक्तयमों की संरचनािक तवतवधिाओं की
नदिस परे ि के निए आों ध्र प्रदे श का प्रनतनिनधि
िकनीक का आतवष्कार तकया।
करिे िािी िेपाक्षी मोंनदर की झाों की का चयि नकया
गया है । झााँ की िेपाक्षी मोंनदर की समृद्ध, अखंि कथन 3 गलि है : अन्नमाचायष 15वी ं र्िाब्दी के
चट्टानी वास्तुकला क िर्ाषिी है । थे िबनक त्यागराि 18वी ं र्िाब्दी के थे।

तवकल्प 3 गलि है : सााँची उन मूतिषय ं के निए कथन 4 सही है : अन्नमाचाया 15िीों सदी के एक नहों दू
िािा िाता है नििके नििाइि अजंिा में समान सोंत थे, निन्मोंिे निष्णु के एक रूप भगवान
रूि से तचतत्रि तकए गए हैं । साों ची स्तूप भारत के वेंक े श्वर की स्तुति में संकीिषन नामक गीि ं की
सबसे िुराने बौद्ध स्मारक ं में से एक है । रचना की थी।

न : िनित किा एिसीईआरटी के पृष्ठ सोंख्या न : यह त्यागराि की 250िीों ियोंती थी, इसनिए
60 कम पढिे से हमें पता चिा नक िेपाक्षी मोंनदर यूपीएससी िे यह प्रश्न पूछा।
नभनत्त नचत्रमों के निए िािा िाता है । इसनिए
20. उत्तर (b)
निकल्प (a) और (d) कम हटा नदया गया। नकसी
भी मूि पुस्तक कम पढिे से हमें पता चिता है नक उि-तवर्य: नहों दुस्तािी शास्त्रीय सोंगीत
साों ची स्तूप बौद्ध स्मारक है और मूनताकिा और
व्याख्या:
नभनत्त नचत्रमों के निए प्रनसद्ध है। साथ ही, कृपया
स्तूप और साों ची स्तूप पर निस्तृत नििरर् के निए कथन 1 गलि है : ध्रुिि की उत्पनत्त वैतिक भजन ं
पहिे के पीिाईक्यू कम दे िें। और मंत्र ं (सामिेद) के िप से हुई है ।

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कथन 2 सही है : यह भस्क्त संगीि और ❖ राग की शुद्धता कम बिाए रििे पर िमर ध्रुपद
आध्यास्िक संगीि का एक रूप है िम रागमों की की उल्लेििीय निशेषताओों में से एक है ।
शुद्धता पर ध्याि दे ता है ।
❖ ग्वानियर के रािा माि नसोंह तममर और सम्राट
कथन 3 सही है : ध्रुपद सोंगीत अपिे आप में अकबर िे ध्रुपद की िृखद्ध और निकास में
संस्कृि भार्ा की तलतिय ं के साथ तवकतसि महिपूर्ा भूनमका निभाई
हुआ। ध्रुपद सोंस्कृत मोंत्रमों से प्राप्त पनित्र सोंस्कृत
❖ ध्रुिि के तवकास में य गिान िे ने वाले अन्य
शब्दाोंशमों का उपयमग करते हुए अलाि की धीमी,
व्यस्क्तत्व हैं : तािसेि, बैिू बािरा, स्वामी
ध्यानिूणष प्रस्तुति िर ज र िे िा है ।
हररदास
ध्रुिि:
❖ ध्रुिि के कुछ प्रमुख घराने हैं - िागरिािी
❖ शब्द ध्रुव से तलया गया है , िम आकाशगोंगा घरािा, नबष्णुपुर घरािा, दरभोंगा घरािा,
के माध्यम से यात्रा करिे िािा खस्थर मखल्लक घरािा, बेनतया घरािा।
साों यकािीि िारा है , और िि का अथष
21. उत्तर (b)
कतविा है ।
उि-तवर्य: भारतीय िमक या स्थािीय िृत्य
❖ यह एक प्राचीि रूप है , िम सों भितः प्रबन्ध से
तवकतसि हुआ है । स्पष्ट्ीकरण :

❖ पारों पररक गायि शैिी में, प्रबोंध कम "तनबद्ध कथन 1 सही है : मतणिुरी संकीिषन में अिुष्ठाि
गीिप्रकार" (एक निनित ढाों चे के भीतर गायन, ढ ल वािन और नृत्य र्ातमल है । इसे
गायि) के रूप में िािा िाता है । इसका अथा 2013 में यूनेस्क की माििता की अमूिष
है , 'तनयम ं के एक तवतर्ष्ट् ढांचे से बंधा सांस्कृतिक तवरासि की प्रनतनिनध सूची में भी
गीि'। शानमि नकया गया था।

❖ परों परागत रूप से, एक तािपुरा और पिािि कथन 2 गलि है : प्रदशाि में ि केिि झांझ बस्ि
गायि की ध्रुपद शैिी का प्रदशा ि करिे के निए िर म का भी उिय ग तकया जािा है । एक निनशष्ट्
उपयमग नकया िाता था। प्रदशाि में, दम ढमि िादक और िगभग दस गायक-
िताक भक्तमों से नघरे एक कक्ष में प्रिर्षन करिे हैं ।
❖ ध्रुपद के गीत आम तौर पर ब्रि भाषा में प्रस्तुत
नकए िाते हैं और इसमें िीर और श्ृोंगार रस कथन 3 सही है : भगवान कृष्ण का जीवन और
शानमि हमते हैं और अक्सर इसमें एक निशेष कमष इस प्रदशाि का मुख्य निषय हैं । यह मुख्य रूप
भगिाि की िीरता या आराधिा शानमि हमती से वैष्णव समुिाय द्वारा अिनाया जािा है ।
है ।
संकीिषन :
❖ यह एक प्रकार का भखक्त सोंगीत है निसे प्राचीि
❖ इसमें मतणिुर के मैिान ं के वैष्णव िमगमों के
ग्रोंथ सामिेद में दे िा िा सकता है ।
िीिि में निशेष धानमाक अिसरमों और निनभन्न

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चरर्मों कम मिािे के निए की गई किािक ❖ सोंकीताि के असोंख्य समारमह इसके साथ


अनभव्यखक्तयमों की एक निस्तृत श्ृोंििा शानमि सद्भाि कम बढािा दे ते हुए प्राकृनतक दु निया
है । की उपखस्थनत कम स्वीकार करते हैं ।

❖ सोंकीताि अिुष्ठाि मोंनदर पर केंनद्रत हैं , िहाों ❖ सोंकीताि मनर्पुर का एक आिुष्ठानिक िृत्य
निषक और गायक िृत्य और गीत के माध्यम और सोंगीत रूप है ।
से भगवान कृष्ण के जीवन और कायों की
❖ प्रदशाि पूिा-मुि िािे चौकमर प्रदशाि स्थि में
कहातनयां सुिाते हैं ।
एक घेरे में नकया िाता है ।
❖ ढमि और िृत्य किाकारमों की टु कड़ी के एक
❖ 2013 में, यूिेस्कम िे माििता की अमूता
निनशष्ट् प्रदशाि में दम ढमि िादक और दस
साों स्कृनतक निरासत की अपिी प्रतितनतध
गायक-िताक हमते हैं िम भक्तमों से भरे एक कक्ष
सूची में मतणिुर की तवतर्ष्ट् सांस्कृतिक
या घरे िू आों गि में प्रदशाि करते हैं ।
तवरासि क र्ातमल तकया।
❖ किाकारमों की नििम्रता और उिकी किािक
22. उत्तर (b)
और आध्याखिक ऊिाा का प्रिाह बेिमड़ हमता
है , िम दशाकमों की आों िमों में आों सू िा दे ता है । उि-तवर्य: भारतीय शास्त्रीय िृत्य

❖ संकीिषन के ि मुख्य सामातजक कायष हैं : व्याख्या:

1. मतणिुर के वैष्णव समुिाय क वर्ष भर


उत्सि के आयमििमों पर एक साथ िाकर
उन्ें एकिुट करिे िािे कारक के रूप
में काया करता है ;

2. िीिि-चक्र सोंस्कारमों के माध्यम से, यह


व्यखक्त और समुदाय के बीच सोंबोंधमों कम
स्थानपत और मिबूत करता है ।

❖ इस प्रकार, इसे भगवान की दृश्य


अतभव्यस्क्त के रूि में िे खा जािा है । कथन 1 सही है : यह िृत्य शैिी संगीि, नृत्य और
ना क का संय जन है । सत्रीया िृत्य परों परा हस्त
❖ मतणिुर का संकीिषन एक सनक्रय प्रथा है िम
मुद्रा, िि-कला, अहायष, संगीि आति के सोंबोंध में
िमगमों के साथ एक प्राकृनतक सोंबोंध कम बढािा
कड़ाई से निधाा ररत नसद्धाों तमों द्वारा सोंचानित हमती है ।
दे ती है ; सोंपूर्ा समाि इसे सोंरनक्षत करिे में
शानमि है , और अनद्वतीय ज्ञाि और क्षमताएों कथन 2 सही है : सत्रीया िृत्य रूप 15िीों शताब्दी
आमतौर पर गुरु से नशष्य कम हस्ताों तररत की में महाि वैष्णव संि और असम के सुधारक,
िाती हैं । महािुरुर् र्ंकरिे व द्वारा िैष्णि आस्था के प्रचार

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के एक शखक्तशािी माध्यम के रूप में प्रस्तुत नकया तवकल्प (a) सही है : नत्र-तुिा मुद्रा, निसे नत्रभोंगा के
गया था। रूप में भी िािा िाता है , एक िड़ी खस्थनत है िहाों
शरीर तीि भागमों में मुड़ा हुआ हमता है , निससे गदा ि,
कथन 3 गलि है : यह र्ंकरिे व और माधविे व
कमर और घुटिे पर तीि िक्र बिते हैं । इसका
द्वारा रनचत गीतमों पर आधाररत है ।
पररर्ाम कममि "एस" आकार में हमता है , निसमें
23. उत्तर (c) शरीर कमर और गदा ि पर निपरीत रूप से
घुमािदार मुद्रा में हमता है।
उि-तवर्य: भारतीय िमक या स्थािीय िृत्य/प्रदशाि
किा

व्याख्या:

युग् 1 सही है : गरबा गुजराि का एक प्रनसद्ध िृत्य


रूप है , निसे अक्टू बर में दे िि की नहों दू दे िी, िे वी
िु गाष के सम्मान में प्रितर्षि तकया जािा है ।
व्यािहाररक रूप से सभी महिपूर्ा अिसरमों पर इस
हतर्षि ल क नृत्य क करिा गुिरात में एक पनित्र
प्रथा है ।

युग् 2 गलि है : म तहनीअट्टम केरल का शास्त्रीय


िृत्य है । यह लास्य प्रकार से संबंतधि है , ज
"नाट्य र्ास्त्र" के रूप में िािी िािे िािी प्रदशाि
किाओों पर प्राचीि सोंस्कृत नहोंदू शास्त्र में िड़ें हमिे
के बाििूद िृत्य करिे का एक अनधक सुरुतचिूणष,
सौम्य और स्त्रैण िरीका प्रस्तुि करिा है ।

युग् 3 सही है : यक्षगान कनाष क का एक


❖ तत्रभंगा , निसका शाखब्दक अथा है िीन भाग ं
सोंगीतमय िृत्य िाट्य रूप है । िृत्य के रूप में
में ू ना , िहाों शरीर एक नदशा में घु न ं िर
चमकीिे रों ग और आकार, गायि, िर नमोंग और िृत्य
, दू सरी नदशा में कूल् ं पर और नफर दू सरी
के साथ िररधान ं में िहने हुए निषक ं के साथ-साथ
नदशा में कंध ं और गदा ि पर मुड़ता है ।
इशारमों से शब्दमों की व्याख्या करिे िािे िताक
शानमि हैं। ❖ यह मुद्रा भारतीय किा और मूनताकिा में कम
से कम 2000 वर्ष िहले से िायी जािी है
24. उत्तर (a)

न : लतलिकला एिसीईआरटी कम पढिे से हमें


उि-तवर्य: भारतीय शास्त्रीय िृत्य
भ्रनमत करिे िािे निकल्पमों के साथ इि सरि प्रश्नमों
व्याख्या: कम हि करिे में मदद नमि सकती है । हम िािते

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हैं नक "नत्रभोंग" का अथा है तीि झुकाि। निकल्पमों िृत्य है और भरिनाट्यम ितमलनािु का


कम अनधक करीबी और िनटि बिािे के निए, शास्त्रीय िृत्य है ।
परीक्षक िे निकल्प (b), (c)और (d) में तीि अिग-
कथन 1 सही है : िताक कुतचिुड़ी में बीच-बीच में
अिग मुद्राओों का उल्लेि नकया। आधुनिक
संवाि ब लिे हैं िेनकि भरतिाट्यम में िताक
इनतहास में भी "तेभागा" के बारे में इसी तरह का
संवाि नही ं ब लिे हैं ।
प्रश्न पूछा गया था।
कथन 2 गलि है : िीिल की थाली के नकिारमों पर
25. उत्तर (a)
पैर रिकर िृत्य करिा कुतचिुड़ी का एकि प्रदशाि,
उि-तवर्य: भारतीय शास्त्रीय िृत्य िरं गम की एक तवर्ेर्िा है । कभी-कभी िताक
अपिे नसर पर पािी का घड़ा भी रिते हैं। िेनकि
व्याख्या:
भरिनाट्यम िृत्य में इस तरह की मुद्राएों िहीों हमती
❖ कुतचिुड़ी आं ध्र प्रिे र् का शास्त्रीय भारतीय हैं ।

भरिनाट्यम और कुतचिुड़ी के बीच अंिर:

भरिनाट्यम कुतचिुड़ी

मूि रूप से प्राचीि भरतिाट्यम से अपेक्षाकृत िया

ितमलनािु आं ध्र प्रिे र्

सटीक और ियबद्ध कदम गमिाकार कदम

'अरमाों िी' पर िासा ध्याि िताक िमीि पर िीचे िहीों बैठते हैं

निषय: धानमाक और आध्याखिक निषय: धानमाक पुरार्

पहिे दे िदानसयमों द्वारा नकया िाता था, अब पुरुष और पहिे पुरुष ब्राह्मर्मों द्वारा नकया िाता था, अब पुरुष और
मनहिा ितानकयमों दमिमों द्वारा नकया िाता है मनहिा दमिमों द्वारा नकया िाता है

िताक सोंिाद िहीों बमिते हैं िताक सोंिाद बमिते हैं

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पैर, कूल्हे और बाों ह की नमनश्त मुद्राएों । भाििाओों कम कुनचपुड़ी िृत्य के एकि रूप हैं :
व्यक्त करिे के निए आों िमों की अत्यनधक गनत
❖ मोंिुका शब्दम (मेंढक युिती की कहािी)
और हाथ के इशारमों का उपयमग नकया िाता है।
❖ बािगमपािा तरों गा (नसर पर पािी से भरा घड़ा रिकर
पीति की थािी के नकिारमों पर िृत्य नकया िाता है )

❖ ताि नचत्र िृत्य (िृत्य करते हुए पैर की उों गनियमों के साथ
नचत्र बिािा)

तवकल्प (d) सही है : कलारीिय ् ू , निसकी


भारि में र्ास्त्रीय नृत्य उद्गम राज्य
उत्पनत्त ितामाि केरल में हुई , भारतीय मार्षल
आ ष का एक रूि है निसे किारी के िाम से िािा
भरतिाट्यम तनमििािु
िाता है । इसका एक समृद्ध इनतहास है और इसे
भारत में सबसे पुरािी िीनित माशाि आटा मािा
कथक उत्तर प्रदे श।
िाता है ।

कलारीिय ् ू :
कुनचपुड़ी आों ध्र प्रदे श

ओनिसी ओनिशा

कथकिी केरि

सत्रीया असम

मनर्पुरी मनर्पुर
❖ यह केरि/ ितक्षण भारि में प्रचनित एक
माशाि िृत्य है ।
ममनहिीअट्टम केरि
❖ यह किा प्राचीन भारिीय तचतकत्सा
26. उत्तर (d) सातहत्य, आयुवेि में पाई िािे िािी

उि-तवर्य: भारतीय माशाि आटा अिधारर्ाओों पर तचतकत्सा उिचार ं िर भी


आधाररि है ।
व्याख्या:
❖ किाररपयट् टू िाििे िािमों कम मािि शरीर पर

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िबाव तबंिुओ ं का गहन ज्ञान और आयुिेद 28. उत्तर (a)


और यमग के ज्ञाि कम शानमि करिे िािी
उि-तवर्य: मुगि सानहत्य/मुगिमों के अधीि
तचतकत्सा िकनीक ं का ज्ञान ह िा है ।
अिुिाद काया
❖ यह भारिीय गुरु-तर्ष्य प्रणाली के अिुसार
व्याख्या:
नसिाया िाता है ।
तवकल्प (a) सही है : अकबर के शासिकाि के
❖ यह दु निया में कई अन्य माशाि आटा प्रर्ानियमों
दौराि नििामुद्दीि पािीपनत द्वारा यमगिनशष्ठ का
से अिग है निसमें पहिे हनथयार आधाररत
फारसी में अिुिाद नकया गया था।
तकिीकमों कम नसिाया िाता है , और आखिरी
में केिि हाथमों िािी तकिीकमों कम नसिाया ❖ अकबर ने कई संस्कृि कायों का फारसी
िाता है । भाषा में अिुिाद करिे का आदे श नदया था।

27. उत्तर (b) ❖ इस उद्दे श्य के निए फतेहपुर सीकरी में एक


मकिब खाना (अनुवाि ब्यूर ) भी स्थातिि
उि-तवर्य: सोंगम सानहत्य
तकया गया था।
व्याख्या:
❖ महाभारत , रामायण, लीलाविी, और
तवकल्प (b) सही है : सोंगम सानहत्य ,सामानिक य गवतर्ष्ठ कुछ महिपूर्ा सोंस्कृत कृनतयााँ थीों
िगीकरर् का सोंदभा दे ता है , िम प्राचीि भारत में नििका अिुिाद उिके शासिकाि के दौराि
व्यिसाय और िन्म पर आधाररत सामानिक नकया गया था।
िगीकरर् की एक प्रर्ािी थी।
❖ तनजामुद्दीन िानीिति ने 16िीों शताब्दी के
संगम सातहत्य: अोंत में यमगिनशष्ठ (िैदाों नतक दशाि पर एक
ग्रोंथ) का अिुिाद नकया।
❖ संगम सातहत्य संगम समाज और राजनीति
के बारे में बहुमूल्य नििरर् प्रदाि करता है । 29. उत्तर (d)

❖ वणष आधाररि सामातजक वगीकरण सोंगम उि-तवर्य : िििातीय सोंस्कृनत


कनियमों कम ज्ञात था।
व्याख्या:
❖ इसमें अरर्ार (रािा), वैश्यार (व्यापारी) और
तवकल्प (d) सही है : हल्बी, हम और कुई आनदिासी
वेल्लालर (नकसाि) का उल्लेि है ।
भाषाएों हैं । हल्बी एक पूिी इों िम-आयाि भाषा है , कुई
❖ ितमल महाकाव्य: दम महाकाव्य इं गल एक दनक्षर्-पूिी द्रनिड़ भाषा है िम कोंधमों द्वारा बमिी
अतिगल द्वारा रतचि तर्ल्पिातिकारम और िाती है और हम भाषा ओनिशा, झारिोंि, नबहार,
मतणमेखलई द्वारा रतचि तसत्तलाई सत्तानार छत्तीसगढ, पनिम बोंगाि और असम के आनदिासी
हैं । समुदायमों द्वारा बमिी िाती है ।

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❖ हल्बी, ह और कुई भारि की जनजातिय ं ❖ दस िारतमिाएाँ तनम्नतलस्खि हैं : उदारता,


द्वारा बमिी िािे िािी भाषाएाँ हैं । सदाचार, धैया, ऊिाा , ध्याि, प्रज्ञा, निपुर् साधि,
सोंकल्प, शखक्त, ज्ञाि।
❖ हल्बी मध्य प्रदे श और महाराष्ट्र राज्यमों में बमिी
िाती है । यह इं ि आयष न आतिवासी न : बमनधसि अिधारर्ा (या तम निकल्प या प्रश्नमों
भार्ाओं के समूह से सोंबोंनधत है । में) पहिे यूपीएससी द्वारा 2016, 2017 और
2019 में पूछी गई थी। पीिाईक्यू का सोंदभा दे कर
❖ क लामी, क ि
ं ा, क या, ग ि
ं ी, कुिु ख,
और उि पर शमध करिे से हमेशा समृद्ध िाभाोंश
िारजी के साथ ह और कुई महत्विूणष
नमिता है ।
द्रतवड़ भार्ाएं हैं ।
31. उत्तर (b)
न : अब, यनद आप सटीक उत्तर िहीों िािते हैं ,
तब भी आप सही उत्तर तक पहुाँ च सकते हैं यनद उि-तवर्य: बौद्ध धमा
आपिे आधुनिक भारतीय इनतहास में 'हम और
व्याख्या:
मुोंिा निद्रमह' के बारे में पढा है । इसनिए यह
सिाह दी िाती है नक प्रत्येक निषय कम स्पष्ट् कथन 1 गलि है : वैर्ाली (नबहार) में िू सरी बौद्ध
समझ के साथ पढें और निषय कम दू सरे निषय से िररर्ि के बाद , बौद्ध धमा दम गुटमों में निभानित हम
िमड़िे का भी प्रयास करें । गया- स्थतवरवाि और महासंतघक। ये दम गुट
भनिष्य में क्रमशः हीनयान (छमटा िाहि) और
30. उत्तर (c)
महायान (बड़ा िाहि) का आधार बिे।
उि-तवर्य: बौद्ध धमा
❖ हीनयान के अनुयायी बुद्ध की तर्क्षा के प्रनत
व्याख्या: सच्चे रहे , कभी भी मूनता पूिा का अभ्यास िहीों
नकया और महायाि अिुयानययमों िे बुद्ध के
तवकल्प (c)सही है : पारनमताएों पूिी और उत्तरी
स्वगा में निश्वास करिा शुरू कर नदया और
परों पराओों में प्रचनित शब्द स्व-प्रबुद्ध सावषभौतमक
बौद्ध धमा में मूनता पूिा शुरू हम गई।
बुद्ध (एक सम सम्बुद्ध) की स्स्थति क प्राप्त
करने के निए पूर्ा नकए िािे िािे गुर् हैं । कथन 2 सही है : आिे िािे िषों में महासाों नघक कम
आगे ल क त्तरवातिन , काव्य वाररक,
❖ िारतमिा वे गुण हैं तजन्हें आि-प्रबुद्ध
कौस्क्कत क में उितवभातजि तकया गया।
सावषभौतमक बुद्ध (एक सम सम्बुद्ध) की
स्स्थति प्राप्त करने के निए नसद्ध नकया िािा ❖ ल क त्तरवािीन ल क त्तर बुद्ध या
है , िम पूिी और उत्तरी परों पराओों में प्रचनित अलौतकक बुद्ध के दशाि पर आधाररत था।
एक शब्द है ।
कथन 3 सही है : महासांतघक द्वारा बुद्ध क िे विा
❖ बमनधसि की खस्थनत कम प्राप्त करिे के निए के रूि में प्रतितष्ठि करने से महायाि बौद्ध धमष
चौथे आयष सत्य के समाि हैं । क बढािा नमिा। उन्मोंिे बुद्ध कम दे िि का श्ेय
नदया और बुद्ध की मूनता के रूप में पूिा शुरू हुई

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िम आि भी आधुनिक नदिमों में प्रचनित है । रूि में कायष तकया।

न : यूपीएससी द्वारा महायाि और हीियाि युग्म 2 गलि है : 11िीों शताब्दी में द्वारसमुद्र
निषय पर पूिा में पूछे गए प्रश्न: ह यसल साम्राज्य की रािधािी थी। आि यह
कनाष क के हासि नििे में खस्थत एक शहर
2016 - पूछा गया नक क्या बमनधसि अिधारर्ा
है लेतबिु के नाम से जाना जािा है ।
हीियाि सोंप्रदाय से सोंबोंनधत है
युग्म 3 सही है : तगररनगर क नगरिार या रे ितक
2017 - सौताोंनत्रका और सखिनतय के िैि धमा
पिात के िाम से भी िािा िाता है , िम गुजराि के
के सम्प्रदाय हमिे के ज्ञाि की िााँ च की
जूनागढ़ तजले में िहाड़ ं का एक समूह है ।
2019 - पूछा गया नक क्या महायाि द्वारा बुद्ध कम तगरनार िवषि पर खस्थत मोंनदर िैि धमा की नदगोंबर
दे िि का श्ेय नदया गया था और श्वेताों बर दमिमों शािाओों के निए पनित्र हैं ।

2020 - क्या खस्थरिादी महायाि बौद्ध धमा से युग्म 4 गलि है : थानेसर (थानेश्वर) हररयाणा का
सोंबोंनधत हैं एक पुरािा नहों दू तीथा िगर है िम प्राचीि काि में
स्थानेश्वर के नाम से प्रतसद्ध था। थािेश्वर पर िधाि
2020 - पूछा गया नक क्या महासाों नघकमों द्वारा बुद्ध
िोंश के महान राजा हर्ष का र्ासन था।
कम दे िता घमनषत करिे से महायाि बौद्ध धमा कम
बढािा नमिा।

िैि धमा और बौद्ध धमा से सोंबोंनधत प्रश्नमों की उच्च


पुिरािृनत्त आिृनत्त कम दे िते हुए, एएि बाशम के
पृष्ठ 261-294 से "द िोंिर दै ट िाज इों निया" कम
पढिे की नसफाररश की िाती है । िहाों पर इि
निषयमों पर निस्तार से चचाा की गई है ।

32. उत्तर (a)

उि-तवर्य: ऐनतहानसक महि के स्थाि

व्याख्या:

युग्म 1 सही है : तभलसा मध्य प्रिे र् के आधुनिक


तवतिर्ा र्हर का मध्यकालीन नाम है । तवतिर्ा
क प्राचीि काि में बेसनगर के िाम से भी िािा
िाता था। यह शहर बेतिा िदी के पूिा में खस्थत है न : इस प्रकार के तथ्यािक प्रश्नमों कम हि करिे
और 1956 में इसका िाम बदिकर तवतिर्ा कर के निए प्राचीन भारि के मानतचत्र का अभ्यास
तिया गया। मौया िोंश के रािा अर् क ने अपिे करना उिय गी ह सकिा है । इस प्रकार
नपता के शासि के दौराि तवतिर्ा के गवनषर के

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था। इस उपानध का उपयमग बौद्ध धमा के अिुयानययमों


मािनचत्र का अभ्यास करिे का प्रयास करें और हर
के निए नकया िाता है िम नभक्षु, िि िहीों थे और
महिपूर्ा साम्राज्य के पुरािे और िए िाम, अशमक
कुछ प्रनतज्ञाएाँ करते थे।
के नशिािेि आनद पर िािकारी िें।

न : इसी निषय पर प्रश्न 2016 में आया था, िहाों


33. उत्तर (b)
पररव्रािक और श्मर् गित निकल्प के रूप में
उि-तवर्य: प्राचीि भारत/ बौद्ध धमा के मुख्य शब्द नदए गए थे। इस प्रश्न का उत्तर 2016 के प्रश्न का
हि पढकर नदया िा सकता है । इसके द्वारा
व्याख्या:
पीिाईक्यू कम उत्तर के साथ पढिा महिपूर्ा है ।
युग्म 1 सही है : सोंस्कृत शब्द िररव्राजक का अथा
34. उत्तर (d)
नहों दी में त्यागी या घुमक्कड़ ह िा है । अलिि
केर्कंबतलन, मक्खलीग र्ाल, गौिम बुद्ध और उि-तवर्य: बौद्ध धमा/निरमध धमा
वधषमान महावीर िररव्राजक के कुछ प्रनसद्ध
व्याख्या:
उदाहरर् हैं ।
तवकल्प (d) सही है : तीिमों कथि महायाि बौद्ध धमा
युग् 2 गलि है : ब्राह्मण ं क भगिाि और उसके
की निशेषताएों हैं । महायाि बौद्ध धमा में बुद्ध की
अिुयानययमों के बीच मध्यस्थ के रूप में
पूिा, बमनधसि का मागा, और पूिा में नचत्रमों और
निशेषानधकार प्राप्त थे, निससे िे समाि के
अिुष्ठािमों का उपयमग शानमि है ।
सामातजक रूि से प्रभावी समूह बन गए। ऐसे
कई आों दमिि हुए हैं निन्मोंिे इस प्रथा और निश्वास महायान बौद्ध धमष:
से िुद कम दू र करिे की कमनशश की। श्रमण एक
❖ कनिष्क के शासिकाि के दौराि कश्मीर में
ऐसा ही समूह था।
आयमनित चौथी बौद्ध संगीति के दौराि बौद्ध
❖ इिमें बौद्ध, जैन, ल कायि और आजीवक धमा के महायाि सोंप्रदाय का उदय हुआ।
प्रतसद्ध थे। श्मर्मों में निनभन्न प्रकार के तपस्वी,
❖ बुद्ध और ब तधसत्व की मू तिषय ं की िूजा
नभक्षु और निनभन्न सोंप्रदायमों के अिुयायी
इस सोंप्रदाय की एक निनशष्ट् निशेषता थी।
शानमि थे।
❖ ब तधसत्व िह हमता है निसके भीिर स्वयं
❖ उन्मोंिे िीिि और ब्रह्माों ि के बारे में सच्चाई
करुणा ह िी है और िम दू सरे व्यखक्त कम
की िमि के निए सांसाररक जीवन क त्याग
मुस्कुरािे या नकसी की पीड़ा कम कम करिे में
तिया। श्मर् की मुख्य निशेषता उिका
मदद करिे में सक्षम हमता है । हम में से हर
समान व्यवहार था। िे नबिा नकसी िानत भेद
एक यह कर सकता है ~ तथच ना हन।
के , आिे र् के सामान्य सिस्य के रूि में
रहिे थे। ❖ उन्मोंिे (बुद्ध िे) अपिी कड़ी मेहित से ज्ञाि
अतजषि तकया , स्वगा िािे में दे री की और
युग्म 3 सही है : बौद्ध धमष के सामान्य अनुयातयय ं
दू सरमों कम बुद्धि प्राप्त करिे में मदद की।
क उिासक या उिातसका के रूप में िािा िाता

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❖ बुद्ध का दे िताकरर्, बमनधसिमों के मागा का तवकल्प (b) सही है : "स्थािकिासी" सोंप्रदाय िैि
अिुसरर् करिा और मूनता पू िा और अिुष्ठाि धमा से सोंबोंनधत है ।
ये सभी महायान बौद्ध धमष की तवर्ेर्िाएं
स्थानकवासी:
हैं ।
❖ यह श्वेिांबर जैन धमष की एक र्ाखा है
35. उत्तर (b)
निसकी शुरुआत 1653 ई. में लवाजी नाम के
उि-तवर्य: भारत की साोंस्कृनतक परों परा एक व्यािारी ने की थी।

व्याख्या: ❖ आिा र्ुस्द्ध और तनवाषण/म क्ष प्राप्त करने


के मागा में मूनता पूिा शानमि िहीों है ।
युग् 1 सही है । चिचार कु तमज रम में तमज
ल ग ं का िसोंत उत्सि है । यह माचा में उिकी झूम ❖ स्थािकिासी 32 श्वेताों बर तवतहि जैन आगम ं
खेिी (िोंगि समाशमधि) कटाई के बाद मिाया क स्वीकार करिे हैं (महािीर की नशक्षाओों
िाता है । का नििरर् दे िे िािा पाठ)

युग् 2 सही है । ख ग
ं ज म िरबा मतणिुर की एक 37. उत्तर (c)
पारों पररक सोंगीत किा है निसमें ढमिक या िर म की
उि-तवर्य: बौद्ध धमा/बमनधसि
आिाज के साथ गाथा गायि शानमि है । यह राज्य
के सबसे ल कतप्रय संगीि कला रूि ं में से एक व्याख्या:
है और दशाकमों के नदि और नदमाग में दे शभखक्त
तवकल्प (c)सही है : मैत्रेय भतवष्य के बुद्ध हैं ,
और राष्ट्रिाद की भाििा कम िगाता है ।
तजन्हें दु निया कम बचािे के निए आिा है ।
युग्म 3 गलि है । थांग- ा - एक प्राचीि मतणिुरी
❖ बौद्ध परों परा के अिुसार, मैत्रेय एक ब तधसत्व
मार्षल आ ष िृत्य है िम मनर्पुर के युद्ध के माहौि
हैं िम भनिष्य में पृथ्वी पर प्रकट हमोंगे, ज्ञाि प्राप्त
से निकनसत हुआ है और मेइिेई द्वारा बनाया गया
करें गे और शुद्ध धमा की नशक्षा दें गे।
है । थाों ग-टा कम हुएन लाल ग
ं के नाम से भी जाना
जािा था निसका अथा है 'िलवार और भाले की ❖ िे भनिष्य के बुद्ध हमोंगे। उन्ें अजीि ब तधसत्व
कला'। यह किा मनर्पुर के युद्ध के माहौि से (अनमताभ सूत्र और िमटस सूत्र)
निकनसत हुई। इसिे मध्यकाि के भू-राििीनतक अनििमनकतेश्वर (िीचे दे ििे िािे भगिाि)
िातािरर् में भारि और चीन के बीच कई स्वतोंत्र पद्मपानर्(कमि धारर् करिे िािे) तथा
राज्यमों के बीच एक दू सरे के साथ युद्ध में महिपूर्ा सोंस्कृत में िमकेश्वर (िगत के स्वामी) के रूप
भूनमका निभाई। में भी िािा िाता है ।]

36. उत्तर (b) 38. उत्तर (b)

उि-तवर्य: बौद्ध धमा/िैि धमा/ प्रमटे स्ट धमा उि-तवर्य: बौद्ध धमा

व्याख्या: व्याख्या:

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38

कथन 1 गलि है । सौत्रांतिक और सस्म्मतिय िमकनप्रय


बौद्ध धमष के सोंप्रदाय थे।
❖ अिभ्रंर् उनकी प्राथनमक भाषा है
कथन 2 सही है । सवाषस्स्तवातिन हर चीि कम
❖ सिाा खस्तिानदयमों कम चौथी शताब्दी ईसिी तक
अिुभििन्य रूप से अनित्य मािते हैं , िे मािते हैं नक
सारिाथ के सबसे शािदार सोंस्था के रूप में
धमा कारक शाश्वत रूप से निद्यमाि िास्तनिकताएों
बदि नदया
हैं ।
❖ दम उप-समूहमों में निभानित: अिन्तकस और
सवाषस्स्तवातिन:
कुरुकुिस
❖ धमष कारक ं के र्ाश्वि अस्स्तत्व में निश्वास
39. उत्तर (a)
करता है
उि-तवर्य: भारत की साोंस्कृनतक परों पराएों
❖ अिुभििन्य घटिा कम भ्रामक िेनकि
अिुभििन्य दु निया से परे मौिूद मािता है व्याख्या:

❖ अतीत, ितामाि और भनिष्य की उपखस्थनत की युग् 1 सही है : चातलया सातहब तसंतधय ं का


पुनष्ट् करता है त्यमहार है निसमें भक्त कई नदिमों तक उपिास करते
हैं ।
❖ िश्वरता के बौद्ध निचार का उल्लोंघि करिे के
निए सौत्राों नतकमों द्वारा इिकी आिमचिा की गई युग् 2 गलि है : गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रमों में
फैिे िोंदा दे िी मोंनदरमों में हर साि िोंदा दे िी िात
सौत्रांतिका:
उत्सि मिाया िाता है ।
❖ सवाषस्स्तवातिन इनके िोंशि हैं ।
युग् 3 गलि है : वारी-वारकरी/वरकरी िंढरिुर
❖ अनभधमा भाष्य के स्थाि पर सूत्रमों पर निभार है की एक वातर्षक िीथष यात्रा है - िारकरी सोंप्रदाय के
निए महाराष्ट्र में भगिाि तवठ बा का ितवत्र स्थान।
❖ अत्यनधक क्षर्भोंगुरता का पािि करता है ,
निश्वास करता है नक केिि िता माि क्षर् मौिूद न : यहाों हमारे बुनियादी ज्ञाि से हम आसािी
है से अिुमाि िगा सकते हैं नक ि तम गमोंि
उत्तरािोंि के मूि नििासी हैं और ि ही सोंथाि
❖ अतीत, ितामाि और भनिष्य की घटिाओों के
महाराष्ट्र के मूि नििासी हैं । इसनिए इि त्यमहारमों
अखस्ति में सिाा खस्तिानदि के निश्वास की
कम इि दम िििानतयमों से िहीों िमड़ा िा सकता
आिमचिा करता है
है ।
सस्म्मतिया और अन्य उि- समूह:
40. उत्तर (b)
❖ वस्त्सिुतत्रय , एक मूि समूह की शािाएों
उि-तवर्य: बौद्ध धमा
❖ मैत्रक वंर् के दौराि गुिरात और नसोंध में
व्याख्या:

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कथन 1 गलि है : एक ब तधसत्व िस्तुतः एक ❖ मािनिकानिनमत्रम् कातलिास द्वारा रतचि


जीतवि प्राणी (सत्व) है िम ज्ञाि (बमनध) प्राप्त करिे एक सोंस्कृत िाटक है ।
की इच्छा रिता है। बमनधसि की अिधारर्ा बौद्ध
❖ यह शुोंग िोंश के सोंस्थापक िु ष्यतमत्र र्ुंग के
धमा के महायान संप्रिाय के केंद्र में है ।
िुत्र अतितमत्र की प्रेम कहािी का िर्ाि करता
कथन 2 सही है : करुणा , दू सरमों के दु िमों कम है ।
सहािुभूनतपूिाक साझा करिा, ब तधसत्व की सबसे
❖ उसे मालतवका िाम की एक नििाा नसत दासी
बड़ी तवर्ेर्िा है ।
की तस्वीर से प्यार हम िाता है।
कथन 3 सही है : ब तधसत्व उसी रास्ते पर िू सर ं
42. उत्तर (d)
की मिि करने के तलए अिने स्वयं के उद्धार क
प्राप्त करिे में दे री करते हैं । यह मािा िाता है नक उि-तवर्य: बौद्ध धमा
बमनधसि दू सरमों की िुशी के निए काम करिे का
व्याख्या:
दृढ सोंकल्प व्यक्त करते हुए चार व्रि करिे हैं ;
“हालांतक असंख्य संवेिनर्ील प्राणी हैं , मैं उन्हें तवकल्प (d) सही है : क र्ल और मगध बुद्ध के
बचाने की र्िथ लेिा हं ; जुनून तकिना भी अ ू िीिि से िुड़े दम राज्य थे।
क्य ं न ह , मैं उन िर महारि हातसल करने की
❖ उन्मोंिे अपिे दशाि का प्रचार करिे के निए
कसम खािा हं ; तर्क्षाएाँ तकिनी भी असीतमि
क सल, मगध , वैर्ाली और वस्ि राज्यमों
ह ,ं मैं उनका अध्ययन करने की प्रतिज्ञा करिा
की यात्रा की।
हाँ , बुद्ध-सत्य तकिना भी अनंि ह , मैं उसे प्राप्त
करने का संकल्प लेिा हाँ । ⮚ अवंिी का बुद्ध के िीिि से क ई सीधा
संबंध नही ं था।
न : यूपीएससी इस निषय कम पसोंद करता है
और इस निशेष निषय से कई बार प्रश्न पूछे गए ⮚ गांधार िर अशमक के समय में बौद्ध
प्रभाि पड़ा िब मौया साम्राज्य का निस्तार
हैं । इसनिए, निस्तृत स्पष्ट्ीकरर् के निए
अभ्यनथायमों से अिुरमध नकया िाता है नक िे पहिे गाों धार तक हुआ।

के पीिाईक्यू उत्तर दे िें ⮚ निनभन्न पािी ग्रोंथमों के अिुसार, यह ज्ञात है


नक क र्ल के राजा प्रसेनजीि बुद्ध के
41. उत्तर (b)
समकािीि थे।
उि-तवर्य: प्राचीि भारत का सानहखत्यक काया
न : एक ही प्रश्न िगातार िषों यािी 2014 और
व्याख्या: 2015 में आया था। यहााँ पीिाईक्यू पढिे का िाभ
नमिता है , यानि 2+ अोंकमों का बमिस !! िैि धमा
तवकल्प (b) सही है : मालतवकातितमत्रम् पुस्तक
और बौद्ध धमा यूपीएससी के सिाकानिक पसोंदीदा
में र्ुंग वंर् के सोंस्थापक के पु त्र की प्रेम कहािी है ।
निषय हैं , उन्ें निस्तार से तैयार करिे से हमेशा
मालतवकातितमत्रम्

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पयाा प्त िाभ नमिते हैं । पेड़मों के पौधे िगाते हैं ।

❖ भूत या और ले प्चा - नसखिम की स्थािीय


िििानतयााँ हैं
43. उत्तर (b)
❖ इरुला और िा - तनमििािु में िीिनगरी
उि-तवर्य: मध्यकािीि भारत के मुख्य शब्द
पहानड़यमों में पाई िािे िािी िििानतयााँ
व्याख्या:
❖ सहररया और अगररया - अनधकतर मध्य
तवकल्प (b) सही है : मध्यकािीि भारत में ग्राम प्रदे श में पाए िाते हैं ।
अनधकाररयमों के निए पदिाम 'महत्तारा' और
45. उत्तर (a)
'िट्टतकला' का उिय ग तकया जािा था।
उि-तवर्य: मूि अििमकि
❖ महत्तारा और िट्टातकला ग्राम प्रधान ह िे
थे। व्याख्या:

❖ िट्टातलका की िहचान आम िौर िर आज तवकल्प (a) सही है : चैत्र , र्क युग पर आधाररत
के ि े ल से की िाती है , निसे गााँ ि में रािा राष्ट्रीय कैिेंिर में से एक , 365 नदिमों के सामान्य िषा
का प्रनतनिनध मािा िाता है । में ग्रेगमररयि कैिेंिर के 22 माचा (या 21 माचा) से
मेि िाता है।
❖ महत्तारा एक गैर-सरकारी और सोंभितः
िमगमों के प्रनतनिनध थे। र्क संवि ग्रेगमररयि कैलेंिर

44. उत्तर (b)


चैत्र 21 माचा - 20 अप्रैि
उि-तवर्य: िििातीय सोंस्कृनत

व्याख्या: िैशाि 21 अप्रैि - 21 मई

तवकल्प (b) सही है : भारत में गमोंि और क रकू


ज्येष्ठ 22 मई - 21 िूि
िििानत "भूमा" या "भूनम" िामक एक महीिे तक
चििे िािे त्यमहार के दौराि फिदार पेड़मों के पौधे
आषाढ 22 िूि - 22 िुिाई
िगाते हैं । यह त्यमहार प्राकृनतक सोंसाधिमों के सोंरक्षर्
कम बढािा दे िे के उद्दे श्य से उिकी पारों पररक
श्ािर् 23 िुिाई - 22 अगस्त
पाररखस्थनतक प्रथाओों का एक नहस्ा है ।

❖ गि
ं और क रकू िििानत बैतूि और हरदा भाद्रपद 22 अगस्त - 22 नसतोंबर
नििमों में हरर निरमती का त्यमहार मिाते हैं। यह
हररयािी का एक महीिे तक चििे िािा
अनश्वि 22 नसतोंबर - 22 अक्टू बर
त्यमहार है , निसके दौराि आनदिासी फिदार

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भारिीय रहस्यवािी कतव और संि थे , नििके


कानताक 23 अक्टू बर - 21 ििोंबर
िेिि िे नहों दू धमा के भखक्त आों दमिि कम प्रभानित
नकया, और उिके छों द तसख धमष के ग्रंथ गुरु ग्रंथ
अग्रहायर् 22 ििोंबर - 21 नदसोंबर
सातहब में िाए जािे हैं । िे रामानंि के तर्ष्य थे।
उन्मोंिे मुसिमािमों और नहों दुओों दमिमों के आिम्बरी
पौष 22 नदसोंबर - 20 िििरी धातमषक िरम्पराओं के खििाफ एक मिबूत
अनभयाि शुरू नकया।
माघ 21 िििरी - 19 फरिरी
कथन 2 गलि है : वल्लभाचायष के िर्षन क िुतष्ट्
मागष के रूप में िािा िािे िगा। उन्ें
फाल्गुि फरिरी 20- माचा 20/21
'अतचतनिभद्र' के नाम से भी जाना जािा था। िह

46. उत्तर (c) सबसे पहिे महाभागवि िुराण क आधार


बनाकर कृष्ण भखक्त की पैरिी करिे िािे पहिे
उि-तवर्य: भारत में प्रनसद्ध तीथास्थि व्यखक्त थे।

व्याख्या: कबीर :

युग्म 1 सही है : िाब मठ , स्पीति घा ी , तहमाचल ❖ िह 15वी ं र्िाब्दी के भारतीय रहस्यिादी


प्रिे र् में खस्थत है । कनि और सोंत थे, नििके िेिि िे नहों दू धमा के

युग् 2 गलि है : ल् त्सव लखांग मंतिर तहमाचल भखक्त आों दमिि कम प्रभानित नकया और उिके

प्रिे र् के तकन्नौर क्षेत्र के नाक गांव में है । जांस्कर छों द नसि धमा के ग्रोंथ गुरु ग्रोंथ सानहब में पाए

घा ी लद्दाख के कारतगल तजले में है । इसे निश्व िाते हैं ।

स्मारक कमष द्वारा सौ सबसे िुप्तप्राय निरासत स्थिमों ❖ िे रामानंि के तर्ष्य थे। उन्मोंिे मुसिमािमों
में से एक के रूप में पहचािा गया है । और नहों दुओों दमिमों के आिम्बरी धातमषक

युग्म 3 सही है : अलची मंतिर िररसर िद्दाि के िरम्पराओं के खििाफ एक मिबूत अनभयाि

लेह तजले के अिची गाों ि में खस्थत है । इसका निमाा र् शुरू नकया।

10िीों शताब्दी के आसपास गुरु ररनचेन जांगि ने ❖ कबीर के अिुसार, िम व्यखक्त धमा के मागा पर
करवाया था। चि रहा है , सभी िीनित चीिमों कम अपिा

47. उत्तर (d) मािता है , और साों साररक मामिमों से निखिय


रूप से अिग है , िह सत्य के सबसे करीब है ।
उि-तवर्य: भखक्त आों दमिि
❖ कबीर िंथ ("कबीर का मागा") के माध्यम से,
व्याख्या: एक धानमाक समूह िम उन्ें इसके सोंस्थापक के

कथन 1 गलि है : बीजक कबीर के निचारमों और रूप में दािा करता है और सोंत मत सोंप्रदायमों

नशक्षाओों का सोंग्रह है । िह 15 िीों शताब्दी के में से एक है , कबीर की निरासत कम िारी रिे

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हुए है और उसे सोंरनक्षत कर रहा है । ❖ िे क्षेत्र के धिी िमीोंदारमों द्वारा समनथात पीनढयमों
से िेर्ेवर संगीिकार रहे हैं ।
❖ उन्मोंिे सबि, बीजक, ि हा, ह ली और
रे खिाल नििे। उन्मोंिे राम भस्क्त का प्रचार ❖ ति र ाड्यूरा सामान्य दृनष्ट्कमर् से पत्थर कम
तकया। तराशिे की किा है । यह एक इििे तकिीक
है । शब्द "नपटर ाड्यूरा" इताििी से आया है ,
वल्लभाचायष:
इसका अथा है "कठमर पत्थर", िेनकि "अद्धा
❖ उन्ें 'अतचतनिभद्र' के नाम से भी जाना मूल्यिाि पत्थर" भी।
जािा था।
49. उत्तर (c)
❖ िह महाभागवि िुराण क आधार बनाकर
उि-तवर्य: भारतीय भाषाएाँ
कृष्ण भखक्त की पैरिी करिे िािे सबसे पहिे
व्यखक्त थे। व्याख्या:

❖ उन्मोंिे र्ुद्धाद्वै ि िर्षन की स्थािना की िम तवकल्प (c)सही है : सरकार द्वारा कन्नड़ और


पूर्ा नमिि में निश्वास करता था। िेलुगु दमिमों कम 'र्ास्त्रीय भार्ा/भार्ाएाँ ' घमनषत
नकया गया है '।
❖ उन्मोंिे िुतष्ट्मागष क ममक्ष (ईश्वर की चरम
भखक्त) का साधि बताया। ❖ भारत सरकार द्वारा गुजरािी क र्ास्त्रीय
भार्ा घ तर्ि नही ं तकया गया है ।
48. उत्तर (b)
❖ हमारे दे श में छह र्ास्त्रीय भार्ाएाँ हैं - ितमल
उि-तवर्य: िििानतयााँ
(2004 में घमनषत), संस्कृि (2005), कन्नड़
व्याख्या: (2008), िेलुगु (2008), मलयालम (2013),
उतड़या (2014)।
तवकल्प (b) सही है : मांगतनयार िामक िमगमों का
समुदाय उत्तर-ितिम भारि में अपिी सोंगीत ❖ सभी शास्त्रीय भाषाओों कम हमारे संतवधान
परों परा के निए प्रनसद्ध है । यह पीढी दर पीढी की 8वी ं अनुसूची में सूचीबद्ध तकया गया है ।
सोंगीतकारमों का एक मुखस्लम समुदाय हैं िम
50. उत्तर (c)
रािस्थाि के रे नगस्तािी क्षेत्रमों और पानकस्ताि के
कुछ नहस्मों में रहते हैं । उि-तवर्य: भारिीय िर्षन की धाराएं

मांगतनयार: व्याख्या:

❖ माों गनियार उत्तर-ितिम भारि का एक तवकल्प (c)सही है : ल कायि और कािातलक


मुस्िम समुिाय है । िे, िोंघम समुदाय के इि छह प्रर्ानियमों का नहस्ा नही ं हैं । ल कायि
साथ, अपिे ल क संगीि के तलए जाने जािे भौतिकवािी तवचारधारा क संितभषि करिा है
हैं । निसका उद्भि प्राचीि भारत में हुआ था, िबनक

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किातलका एक िांतत्रक संप्रिाय है िम मध्यकाि में उभरा था।

िर्षन की धाराएं प्रविषक मूल तवर्य

न्याय गौतम ऋनष कुछ भी स्वीकाया िहीों है िब तक नक यह कारर् और


अिुभि के अिुरूप ि हम। न्याय कम तानकाक समच
की तकिीक मािा िाता है।

िैशेनषक कर्ाद ऋनष यह प्राकृनतक दशाि में परमार्ुिाद का एक रूप है ।


िेदमों के पूर्ा अनधकार में निश्वास करता है ।

साों ख्य आचाया कनपि िास्ति में, सब कुछ पुरुष (आि, आिा या मि) और
प्रकृनत (पदाथा, रचिािक सोंस्था, ऊिाा ) से उपिा है ।

यमग पतोंिनि ऋनष यौनगक तकिीकें शरीर, मि और इखियमों कम


नियोंनत्रत करती हैं , इस प्रकार इसे स्वतोंत्रता या मुखक्त
प्राप्त करिे का एक साधि मािा िाता है ।

पूिा मीमाों शा ऋनष िैनमिी यज्ञमों और मोंत्रमों की शखक्त पर िमर।

िेदाों त (उत्तर मीमाों सा) शोंकर द्वारा अद्वै ि रामािुि द्वारा दशाि की अद्वै तिादी निचारधारा िम मािती है नक
तवतर्ष्ट्ाद्वै ि माधिाचाया द्वारा द्वै ि दु निया असत्य है और एकमात्र िास्तनिकता ब्रह्म है
निम्बाका द्वारा द्वै िअद्वै ि
िल्लभाचाया द्वारा र्ुद्धद्वै ि

51. उत्तर (d) उपनिषद से निया गया है । मुोंिक उपनिषद नहों दू धमा
के 108 उपनिषदमों की सूची में 5 िोंबर के रूप में
उि-तवर्य: भारिीय िर्षन की धाराएं सूचीबद्ध है ।

व्याख्या: ❖ मुोंिक उितनर्ि िार्षतनक कतविाओं का

तवकल्प (d) सही है : सत्यमेव जयिे का अथा है " एक संग्रह है तजसका उिय ग ब्रह्म और

सत्य की ही तवजय ह िी है "। यह मुण्डक स्वयं ( आिान ) के िास्तनिक स्वरूप के बारे

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में ध्याि और आध्याखिक ज्ञाि नसिािे के निए कनि-सोंत थे।


नकया िाता है ।
गुरु नानक:
❖ यह िीन मुख्य भाग ं (मुंिक) से बना है :
❖ गुरु िािक का िन्म लाहौर के िास िलवंिी
1. पहिा भाग उच्च और निम्न ज्ञाि के में हुआ था।
निज्ञाि पर प्रकाश िािता है ।
❖ नसि गुरु िािक की ियोंती कम गुरु नानक
2. दू सरा भाग स्वयों (आिा ) और ब्रह्म के गुरुिवष के साथ मनािे हैं ।
िास्तनिक स्वरूप का िर्ाि करता है ।
❖ उन्मोंिे िगभग 30 िषों तक भारत, नतब्बत
3. तीसरा भाग नपछिे दम भागमों पर आगे और अरब की आध्याखिक यात्राएाँ कीों।
बढता है और ब्रह्म कम िाििे की खस्थनत
❖ गुरु िािक िे अपिे अोंनतम िषा पोंिाब के
का िर्ाि करिे का प्रयास करता है , िम
करतारपुर में नबताए, िहााँ उन्मोंिे अपिे नशष्यमों
आिोंद और निभायता में से एक है ।
कम पढाया।
52. उत्तर (b)
❖ उन्मोंिे एक ईश्वर के निचार का प्रचार नकया
उि- तवर्य: भखक्त आों दमिि और बताया नक पुिाररयमों या पूिा के नबिा
ईश्वर तक सीधे पहुों चा िा सकता है ।
व्याख्या:
❖ गुरु िािक िे िानत व्यिस्था की निोंदा की और
तवकल्प (b) सही है : गुरु नानक ऐसे समय में धमा
निोंग या िानत की परिाह नकए नबिा सभी िमगमों
का प्रचार कर रहे थे िब ल िी वंर् का पति हम
के निए समािता की पहि की।
चुका था और बाबर िे सत्ता सोंभािी। दू सरी ओर,
त्यागराि,िमदी िोंश के पति के बहुत बाद में18िीों- ❖ वाहे गुरु," एक तनराकार, कालािीि,
19िीों सदी में थे। सवषव्यािी और अदृश्य ह ने की अिधारर्ा
प्रस्तुत की।
❖ गुरु िािक का िन्म 1469 में हुआ था। बाबर
िे 1526 में िानीिि के प्रथम युद्ध में ❖ नसिमों की सबसे पनित्र पुस्तक, गुरु ग्रोंथ सानहब,
इब्रातहम ल िी क हराया था। में गुरु िािक के 974 काव्य भिि शानमि हैं ।

❖ इसनिए िब बाबर भारत में मुगल वंर् क िािू ियाल :


मजबूि कर रहा था िब गुरु नानक भारि
❖ उिका िन्म अहमिाबाि के बुनकर
में तसख धमष का प्रचार कर रहे थे।
समुिाय में हुआ था।
❖ त्यागराि, एक कनाष क संगीि रचनाकार
❖ उन्मोंिे तनगुषणभस्क्त का प्रचार तकया
का िन्म 1767 में हुआ था।
❖ उनकी तर्क्षाएं िािू ियाराम की बानी "
❖ िािू ियाल 1544 में पैदा हुए गुिरात के एक
िामक पुस्तक में सोंकनित की गयी हैं ।

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53. उत्तर (b) ❖ तवहार बाररश के मौसम में तभक्षुओ ं द्वारा


उपयमग नकए िािे िािे नििास स्थाि थे,
उि-तवर्य: भारिीय िर्षन की धाराएं
िेनकि अोंततः , िे धिी बौद्धमों के दाि के माध्यम
व्याख्या: से सीखने और बौद्ध वास्तुकला के केंद्र ं में
तवकतसि हुए।
कथन 1 गलि है -सांख्य िर्षन िुनजषन्म के
तसद्धांि में निश्वास करता है । साों ख्य एक पारम्पररक
न : महायाि और हीियाि, िैि धमा और
भारतीय दाशानिक प्रर्ािी है। पारम्पररक भारतीय
बौद्ध धमा के बीच समािताओों और
दाशानिक प्रर्ािी आिा और कमा नसद्धाों त में
असमािताओों के बारे में सािधािी से पढिे की
निश्वास करती है । कमष तसद्धांि क धारण करने
सिाह दी िाती है । यह प्रश्न सीधे िनितकला
के निए , आिा कम पुििान्म या स्थािान्तरर् से
एनसीईआर ी से िूछा गया है ।
गुिरिा पड़ता है । इसनिए, मुखक्त के नबिा, कमई भी
आिा पुििान्म या स्थािान्तरर् के चक्र से मुक्त िहीों 55. उत्तर (a)
हम सकती।
उि-तवर्य: बौद्ध धमा
कथन 2 सही है । साों ख्य दशा ि द्वै िवािी है न तक
व्याख्या:
अद्वै िवािी क्यमोंनक इसमें दम सोंस्थाएों हैं , िुरुर्
(आिा) और प्रकृति (प्रकृति)। साों ख्य एकाग्रिा तवकल्प (a) सही है : बौद्ध धमष तनवाषण क इच्छा,
और ध्यान के माध्यम से स्वयं के ज्ञान की प्रास्प्त पीड़ा, सुि आनद से मुक्त हमिे के रूप में पररभानषत
िर ज र िे िा है । इसका माििा है नक इस िन्म में करता है । यह िौ के नििुप्त हमिे िैसा है ।
आपकी 'मृत्यु' के बाद आप पुििान्म की एक प्रनक्रया
❖ बौद्ध परों पराओों में, नििाा र् कम अक्सर िीन
से गुिरें गे िहाों आपके नपछिे िीिि में आपके कमों
िरह की अति - िािच (राग), द्वे ष (द्वे ष) और
के आधार पर आपकी खस्थनत तय की िाएगी।
अज्ञाि (ममक्ष) के समाप्त हमिे के रूप में िनर्ात
54. उत्तर (b) नकया िाता है । िब ये अति बुझ िाती हैं , तम
पुििान्म का चक्र छूट िाता है।
उि-तवर्य: बौद्ध धमा की बुनियादी समझ
56. उत्तर (d)
व्याख्या:
उि-तवर्य: िैि धमा
तवकल्प (b) सही है : चैत्य एक िूजा स्थल है ,
िबनक तवहार नभक्षुओों का तनवास स्थान है । व्याख्या:

❖ चैत्य एक िूजा स्थल है , िबनक निहार नभक्षुओों तवकल्प (d) सही है : जैन धमष तपस्या कम कमष
का तनवास स्थान है । चैत्य एक आयिाकार तसस्द्ध के तनतिि मागष के रूि में बिािा है । िैि
प्राथषना कक्ष ह िा था तजसके बीच में एक धमा के अिुसार, प्रत्येक िस्तु, निसमें सबसे छमटा
स्तूि ह िा था, जहााँ ल ग प्राथषना कर सकिे कर् भी शानमि है , में एक आिा ह िी है । कमा कम
थे। आिा का शमक मािा िाता है और मुखक्त प्राप्त

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करिे के निए इसे नकया िािा चानहए। 58. उत्तर (a)

❖ जैन तसद्धांि के अिुसार , कमा तसस्द्ध का उि-तवर्य: िैि धमा


तनतिि मागष तपस्या करिा है । हर िस्तु में एक
व्याख्या:
आिा हमती है , यहााँ तक नक सबसे छमटा कर्
भी। तवकल्प (a) सही है : िैि दशाि का माििा है नक
दु निया का निमाा र् और सोंचािि सावषभौतमक
❖ कमा आिा का अनभशाप है और इसे समाप्त
कानून ं द्वारा तकया जािा है ।
नकया िािा चानहए।
❖ िैि दशाि का माििा है नक दु निया का निमाा र्
❖ िैि धमा के तीि रत्न सम्यक तवश्वास, सम्यक
और सोंचािि सावषभौतमक कानून ं द्वारा
ज्ञान और सम्यक कमष हैं ।
तकया जािा है । िैि धमा निमाा ता भगिाि में
❖ िैि धमा के िांच तसद्धांि हैं - निश्वास का समथाि िहीों करता है । िैि नसद्धाों त
के अिुसार, ब्रह्माों ि और उसके घटक (आिा,
1. अतहं सा : सभी िीनित प्रानर्यमों कम चमट
पदाथा, अोंतररक्ष, समय और गनत) हमेशा
ि पहुाँ चािा;
अखस्ति में रहे हैं । सभी घटक और काया
2. सत्य : झूठ मत बमिम; हमेशा मौिूद रहे हैं ।

3. अस्तेय : चमरी मत करम; 59. उत्तर (b)

4. अिररग्रह : सोंपनत्त अनिात मत करम; उि-तवर्य: बौद्ध धमा

5. ब्रह्मचयष : सोंयम का पािि करम। व्याख्या:

57. उत्तर (b) तवकल्प (a) सही है : भगिाि बुद्ध की नचत्र में
नदिाई गई " भूतमस्पर्ष मुद्रा " हस्त मुद्रा , मार के
उि-तवर्य: बौद्ध धमा/िैि धमा
प्रल भन ं के बाििूद उनकी र्ुद्धिा और
व्याख्या: ितवत्रिा क िे खने के तलए िृथ्वी के आवाहन का
प्रिीक है ।
कथन 1 गलि है - बौद्ध धमा िे एक मध्यम मागष
बिाया, और ििस्या और भ ग की चरम भूतमस्पर्ष मुद्रा:
सीमाओं से िरहे ज तकया िबनक िैि धमा िे
❖ सोंस्कृत में भूनमस्पशा का अथा 'िृथ्वी का स्पर्ष
अत्यनधक तपस्या और साधिा की िकाित की।
करना' है ।
कथन 2 और 3 सही हैं : बौद्ध धमष और जैन धमष
❖ इसे आमतौर पर 'िृथ्वी साक्षी ' मुद्रा के रूप
ने िेदमों और पुिाररयमों की प्रामानर्कता के साथ बड़े
में िािा िाता है ।
अिुष्ठािमों के निचार कम िाररि कर नदया। ये दमिमों
पुििान्म की अिधारर्ा में निश्वास करते हैं । ❖ भूनम का स्पशा करते हुए िातहने हाथ की

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सभी िांच अंगुतलय ं से बिी यह मुद्रा, बमनध नटप्पनर्याों और अििमकि हैं।


िृक्ष के िीचे बुद्ध के ज्ञान का प्रिीक है , जब
❖ जैन सातहत्य/ ग्रंथ: िैिमों की पनित्र पुस्तकमों कम
उन्ह न
ं े अिनी ज्ञान प्रास्प्त का साक्ष्य िे ने के
सामूनहक रूप से तसद्धांि या आगम के रूि
तलए िृथ्वी िे वी, स्थावर का आवाहन
में जाना जािा है । श्वेताों बर और नदगोंबर दमिमों
तकया।
सोंप्रदाय अोंग कम स्वीकार करते हैं और उन्ें
❖ दानहिा हाथ, िृथ्वी क िबाने वाली मुद्रा में प्रमुि महि दे ते हैं । आगम िैि सानहत्य के
िातहने घु ने पर रिा गया है , और बायाों हाथ निए प्रयुक्त शब्द है । इसमें शानमि हैं : 14 पूिा;
भी इसी तरह से ध्याि की मुद्रा में गमद में सपाट 12 अोंग; 12 उपाों ग; 10 प्रकीर्ा; 6 छे द सूत्र; 4
रिा गया है , निनध और ज्ञाि, सोंसार और मािा सूत्र; निरयुखक्त; कल्पसूत्र; अचरों ग सूत्र;
नििाा र् के नमिि का प्रतीक है , और पारों पररक िोंदी सूत्र; अिुयमगद्वार आनद हैं।
और अोंनतम सत्य की प्राखप्त का भी।
कथन 1 गलि है : िेनतप्रकरण एक बौद्ध धमषग्रंथ
❖ इसी मुद्रा में र्ाक्यमुतन सत्य का ध्याि करते है निसमें बुद्ध के नशष्य कच्छि द्वारा नसिाई गई
हुए मारा की बाधाओों पर नििय प्राप्त करते हैं । निनधयााँ शानमि हैं , निन्ें बुद्ध द्वारा अिुममनदत नकया
गया था और इसका पाठ प्रथम बौद्ध पररषद में
❖ दू सरे ध्यानी बुद्ध अक्ष भ्य क इस मुद्रा में
नकया गया था।
दशाा या गया है ।
कथन 2 सही है : हे मचंद्र द्वारा पररनशष्ट्पिाि
❖ ऐसा मािा िाता है नक िे क्र ध के भ्रम क
(12वी ं र्िाब्दी) प्रारों नभक िैि नशक्षकमों का
दपार् िैसे ज्ञाि में बदि दे ते हैं।
इनतहास बताता है और राििीनतक इनतहास के
60. उत्तर. (b) कुछ नििरर्मों का भी उल्लेि करता है ।

उि-तवर्य: िैि और बौद्ध सानहत्य/ग्रोंथ कथन 3 गलि है : अिदाि सानहत्य ( अविान का


अथष है 'तकंविं तियााँ' ) एक प्रकार का बौद्ध
❖ बौद्ध सातहत्य/ग्रन्थ: प्रारों नभक बौद्ध ग्रोंथ िाली
सातहत्य है िम नपछिे िन्ममों के पुण्य कमों कम बाद
में तलखे गए थे, िम मगध और दनक्षर् नबहार
के िन्ममों की घटिाओों से िमड़ता है ।
में बमिी िाती थी। बौद्ध सानहत्य कम निनहत और
गैर-निनहत ग्रोंथमों में निभानित नकया िा सकता कथन 4 सही है : िृर्तष्ठलक्षण महािुराण एक
है । निनहत ग्रंथ ं क बुद्ध के िास्तनिक शब्द प्रमुि जैन ग्रन्थ है निसकी रचिा निशेषरूप से
मािा िाता है । निनहत ग्रोंथ िे पुस्तकें हैं िम राष्ट्रकूटमों के शासि के दौराि आचायष तजनसेन ने
तत्रति क िैसे बौद्ध धमा के मूि नसद्धाों तमों और की थी।
धारर्ाओों कम निधााररत करती हैं । गैर-तवतहि
61. उत्तर. (c)
ग्रंथ या अधष- तवतहि ग्रंथ पािी, नतब्बती, चीिी
और अन्य पूिा एनशयाई भाषाओों में निनहत ग्रोंथमों, उि-तवर्य: प्राचीि भारत के निद्वाि और निचारक
उद्धरर्मों, पररभाषाओों, ऐनतहानसक िािकारी,
युग्म 1 गलि है : आयषिेव एक महायान बौद्ध तभक्षु
व्याकरर् और अन्य िेिि पर की गयी

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, िागािुाि के नशष्य और माध्यमक/माध्यतमक प्रमांसमुच्चय ("सच्चे ज्ञान के साधन ं का संग्रह")


(माध्यम मागष मानने वाला) िार्षतनक थे। के लेखक , एक ऐसा ग्रोंथ निसिे बौद्ध तका शास्त्र
नागाजुषन के बाि, उन्हें भारिीय माध्यतमक की िीोंि रिी। नदिाग िे "धारर्ा" की एक िई
तवचारधारा का अगिा सबसे महिपूर्ा व्यखक्त पररभाषा दी: ज्ञाि िम िाम और िगा अिधारर्ाओों
मािा िाता है। उिका िेिि िूवी एतर्याई बौद्ध सनहत सभी िैचाररक निमाार्मों से मुक्त है । 7िीों
धमष और तिब्बिी बौद्ध धमष ि न ं में मध्यमक का शताब्दी में धमाकीनता द्वारा नदिाग की परों परा कम
महत्विूणष स्र ि है । आयादेि कम कर्दे ि के रूप में और निकनसत नकया गया था।
भी िािा िाता है , तजन्हें चान बौद्ध धमष में 15िें
युग्म 3 सही है : श्री रं गनाथमुतन, िमकनप्रय रूप से श्रीमन
अितार के रूप में मान्यता प्राप्त है और कुछ
नाथमुतन (823 ई-951ई) के रूि में जाने जािे हैं । एक
नसोंहिी स्रमतमों में दे ि िामक एक बुिुगा (थेरा) का भी
वैष्णव धमषर्ास्त्री थे निन्मोंिे ििानयरा नदव्य प्रबन्धम कम
उल्लेि है िम एक ही व्यखक्त हम सकते हैं । िह
एकत्र और सोंकनित नकया था। श्ी िैष्णि आचायों में से
आधुनिक नबहार, भारत में िािोंदा मठ के साथ अपिे
प्रथम मािे िािे िािे िाथमुनि य गरहस्य और न्यायित्व
सोंबोंधमों के निए िािे िाते हैं ।
के िेिक भी हैं ।
युग्म 2 सही है : तििाग, बौद्ध िकषर्ास्त्री और
   

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