Professional Documents
Culture Documents
PYQ (Art & Culture) - PDF Only
PYQ (Art & Culture) - PDF Only
ART AND
CULTURE
Dear Aspirants,
❖ Polity ❖ History
❖ Geography
(b) केिि 2 और 3
1. भारिीय वास्तुकला
(c) केिि 1 और 3
1. निम्ननिखित युग्मों पर निचार कीनिए:(2002)
(d) 1, 2 और 3
अशमक के प्रमुि नशिािेि - राज्य
3. निम्ननिखित कथिमों में से कौि सा सही है ? (2021)
1. धौिी ओनिशा
(a) अिोंता की गुफाएों बाघमरा िदी की घाटी में
2. एराा गुिी आों ध्र प्रदे श अिखस्थत हैं ।
3. िौगड़ मध्य प्रदे श (b) साों ची स्तूप चोंबि िदी की घाटी में खस्थत है ।
4. कािसी किाा टक (c) पाों िु-िीिा गुफा मोंनदर िमादा िदी के घाटी में
खस्थत है ।
उपयुाक्त युग्मों में से नकतिे सही सुमेनित हैं ?
(d) अमरािती स्तूप गमदािरी िदी के घाटी में
(a) केिि एक युग्
खस्थत है ।
(b) केिि दम युग्
4. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में
(c) केिि तीि युग् निम्ननिखित कथिमों पर निचार कीनिएः (2018)
िीचे नदए कूट का प्रयमग कर सही उत्तर चुनिए: 5. अिोंता और महाबिीपुरम िामक दम ऐनतहानसक
स्थािमों में क्या बात समाि है /हैं? (2016)
(a) केिि 1 और 2
3. दमिमों में शैि निनमात स्मारक हैं| 7. फतेहपुर सीकरी में इबादत िािा क्या था-(2014)
िीचे नदए गए कूट का प्रयमग कर सही उत्तर चुनिए। (a) शाही पररिार के उपयमग के निए मखिद|
(b) केिि 3
2. मंतिर स्थाित्यकला
9. मुरैिा के पास खस्थत चौसठ यमनगिी मोंनदर के सोंदभा 12. निम्ननिखित में से कौि सूया मोंनदरमों के निए प्रनसद्ध
में निम्ननिखित कथिमों पर निचार कीनिए: (2021) है /हैं ? (2017)
10. िागर, द्रनिड़ और िेसर हैं : (2012) (a) भुििेश्वर में निोंगराि मोंनदर
(a) भारतीय उपमहाद्वीप के तीि मुख्य िस्लीय (b) धौिी में रॉक-कट हाथी
समूह|
(c) महाबिीपुरम का रॉक-कट स्मारक
(b) तीि मुख्य भाषाई निभािि नििमें भारत की
(d) उदयनगरर में िराह का नचत्र
भाषाओों कम िगीकृत नकया िा सकता है |
14. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में,
(c) भारतीय मोंनदर िास्तुकिा की तीि मुख्य
'पोंचायति' शब्द का अथा है : (2014)
शैनियााँ |
(a) गाों ि के बुिुगों की सभा
(d) भारत में मुख्यतः तीि सोंगीत घरािे प्रचनित
थे| (b) एक धानमाक सोंप्रदाय
11. राज्य में मोंनदर निमाा र् में 'कल्यार् मोंिप' का निमाार् (c) मोंनदर निमाा र् की एक शैिी
नकसकी एक उल्लेििीय निशेषता थी? (2019)
(d) एक प्रशासनिक अनधकारी
(a) चािुक्य (b) चोंदेि
3. भारिीय िेंत ं ग
(c) राष्ट्रकुट (d) निियिगर
उपरमक्त में से कौि-सा/से स्थाि नभनत्त नचत्रमों के 3. ध्रुपद आिाप मोंत्रमों से सोंस्कृत अक्षरमों का
निए िािा/िािे िाता/िाते है /हैं ? उपयमग करता है ।
(a) केिि 1और 2 उपरमक्त में से कौि सा/से कथि सही है /हैं ?
3. यह तुिसीदास, कबीर और मीराबाई द्वारा (b) चेहरे के भाि, हाथ के हािभाि और श्ृोंगार
रनचत भखक्त गीतमों के शास्त्रीय रागमों और तािमों कम कुछ महाकाव्य या ऐनतहानसक पात्रमों के
(c) शरीर, चेहरे और हाथमों की गनतनिनधयमों का (b) यह एक प्राचीि शैिी का काोंस्य और पीति
उपयमग स्वयों कम व्यक्त करिे या कहािी का काम है िम अभी भी कमरममोंिि क्षेत्र के
कहिे के निए नकया िाता है | दनक्षर्ी भाग में पाया िाता है |
उपयुाक्त कथिमों में से कौि-सा/से कथि सही है /हैं ? (b) िर्ा का सामानिक निभािि सोंगम कनियमों
कम ज्ञात था।
(a) केिि 1
(c) सोंगम कनिताओों में शौया िीनत का कमई
(b) केिि 2
सोंन्दभा िहीों है ।
(c) 1 और 2 दमिमों
(d) सोंगम सानहत्य में िादु ई ताकतमों कम असोंगत
(d) ि तम 1 और ि ही 2 बताया गया है ।
(b) दाशानिक निद्यािय निन्मोंिे िेदमों के अनधकार ऊपर नदए गए युग्मों में से कौि-सा सही सुमेनित है ?
कम स्वीकार िहीों नकया।
(a) केिि 1 और 3
(c) नसखद्धयााँ नििकी प्राखप्त से बमनधसि का मागा
(b) केिि 1 और 4
प्रशस्त हुआ।
(c) केिि 2 और 3
(d) प्रारों नभक मध्यकािीि दनक्षर् भारत के
शखक्तशािी व्यापारी सोंघ। (d) केिि 2 और 4
31. भारत के धानमाक इनतहास के सोंदभा में, निम्ननिखित 33. भारत के साों स्कृनतक इनतहास के सोंदभा में निम्ननिखित
कथिमों पर निचार कीनिए :(2020) युग्मों पर निचार कीनिएः (2020)
उपरमक्त में से कौि-सी महायाि बौद्ध धमा की 1. सौत्राखन्तक और सखिनतया िैि धमा के पोंथ
निशेषता/निशेषताएों है /हैं ? थे।
1. 'बीिक' सोंत दादू दयाि की नशक्षाओों की 50. निम्ननिखित में से कौि सा युग् भारतीय दशाि की
रचिा है । छह प्रर्ानियमों का नहस्ा िहीों है ? (2014)
(d) मुोंिक उपनिषद् 54. कुछ बौद्ध शैिकृत (रॉक-कट) गुफाओों कम चैत्य
कहा िाता है , िबनक अन्य कम निहार कहा िाता है ।
52. निम्ननिखित भखक्त सोंतमों पर निचार कीनिए: (2013)
दमिमों के बीच क्या अोंतर है ? (2013)
1. दादू दयाि
(a) निहार पूिा का स्थाि है , िबनक चैत्य
2. गुरु िािक नभक्षुओों का नििास स्थाि है |
1. साों ख्य पुििान्म या आिा के स्थािान्तरर् के (d) सभी समझ से परे एक मािनसक अिस्था
नसद्धाों त कम स्वीकार िहीों करता है ।
56. निम्ननिखित में से कौि-सा/से कथि िैि नसद्धाों त पर (b) सािाभौनमक सत्य
िागू हमता/हमते है /हैं ? (2013)
(c) सािाभौनमक आस्था
1. कमा का िाश करिे का सबसे सुनिनित
(d) सािाभौनमक आिा
तरीका है तपस्या करिा।
59. भगिाि बुद्ध के नचत्र कम कभी-कभी हाथ के इशारे
2. प्रत्येक िस्तु, यहाों तक नक सबसे छमटे कर्
से नदिाया िाता है निसे "भूनमस्पशा मुद्रा" कहा
में भी एक आिा हमती है ।
िाता है । यह प्रतीक है : (2012)
3. कमा आिा का अनभशाप है और इसे समाप्त
(a) मार पर ििर रििे और मार कम अपिे ध्याि
नकया िािा चानहए।
में निघ्न िाििे से रमकिे के निए बुद्ध का पृथ्वी
िीचे नदए गए कूट का प्रयमग कर सही उत्तर चुनिए: कम आह्वाि|
61. भारतीय इनतहास के सन्दभा में, निम्ननिखित युग्मों पर (a) कमई भी युग् िहीों
निचार कीनिए :(2022)
(b) केिि एक युग्
ऐनतहानसक व्यखक्त नकस रूप में िािे गए
(c) केिि दम युग्
1. आयादेि िैि निद्वाि
(d) सभी तीि युग्
2. नदिाग बौद्ध निद्वाि
Answers Key
1. (b) 22. (b) 43. (b)
1. उत्तर (b)
व्याख्या:
हैं ।
व्याख्या:
युग्म 3 गलि है : जौगड़, ओतिर्ा के गंिाम तजले
कथन 1 सही है : स मनाथ मंतिर तहं िुओ ं के तलए
में रुतर्कुल्या निी के उत्तरी तट पर खस्थत है । यह
सबसे पनित्र तीथा स्थिमों में से एक है । िे इसे नशि के
कनिोंग के प्राचीि साम्राज्य का नहस्ा था िैसा नक
बारह ज्य तितलिंग मंतिर ं में से प्रथम मानिे हैं ।
नशिािेि 1 और 2 द्वारा सुझाया गया है ।
यह प्रभास पाटि, िेरािि, गुिरात, भारत में खस्थत
है । साथ ही, सिाह दी िाती है नक समाचार पत्र पढें न : यह कक्षा 7वी ं के एन.सी.ई.आर. ी.
और निनभन्न घटिाक्रममों के बारे में हमेशा िागरूक इतिहास से पूछा गया एक सरल प्रश्न था
रहें । (पृष्ठ.55)। एिसीईआरटी की पुस्तकें प्रारों नभक
परीक्षा के निए महिपूर्ा हैं । एिसीईआरटी से
7. उत्तर (c)
साइिबार, चाटा और नचत्रमों के साथ पाठ कम पढिे
उि-तवर्य: मुगि िास्तुकिा/इस्लामी िास्तुकिा और समझिे के महि कम बतािे के निए यहाों
एक स्क्रीिशॉट सोंिि कर रहा हों ।
व्याख्या:
िाता था। इसे प्राथािा कक्ष के िाम से भी िािा िाता कथन 1 गलि है : चालुक्य वंर् द्वारा 6िीों शताब्दी
था। में बादामी गुफाओों का निमाार् उिकी राजधानी
❖ बादशाह तेिी से बौस्द्धक गतितवतधय ं में कथन 2 गलि है : बराबर गुफाओं का निमाा र्
तलप्त ह गया और सूफी संि ख्वाजा सम्राट अर् क ने करवाया था। ये तबहार के
मुइनुद्दीन तचश्ती के तपखस्वयमों और नशष्यमों के जहानाबाि तजले में स्स्थि हैं ।
सोंपका में आया।
कथन 3 सही है : एल रा की गुफाएं तहं िू (गुफाएं
❖ उसने बिख्ां के तमजाष सुलेमान के भी 13-29), बौद्ध (गुफाएं 1-12) और जैन (गुफाएं
आिे की अपेक्षा की , िम गोंभीर धानमाक चचाा ओों 30-34) स्मारकमों का एक पररसर हैं । इिका निमाा र्
के निए प्रनसद्ध एक सूफी थे। राष्ट्रकू िोंश के दौराि नकया गया था। इसे यूनेस्क
❖ इसनिए, उन्मोंिे एक चचाा कक्ष का तनमाषण द्वारा तवश्व तवरासि स्थल के रूि में नातमि तकया
❖ इबादत िािा का निमाा र् फतेहपुर सीकरी उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय मोंनदर िास्तुकिा
(नििय का शहर) में 1575 ईस्वी पूिा में शुरू
हुआ और 1576 ईस्वी में पूरा हुआ। व्याख्या:
न : यनद हम कथि कम ध्याि से दे िें, तम यह दािा परों पराओों से मोंनदर िास्तुकिा का नमश्र् है ।
प्रकार के बारे में पूछता है । शब्दाििी और उिके और छनियमों पर निशेष िमर दे ते हुए पोंखक्तयमों के
अथा का सािधािीपूिाक अध्ययि उनचत है । बीच एनसीईआर ी पढिे के महि कम रे िाों नकत
करता है ।
उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय मोंनदर िास्तुकिा उि-तवर्य: प्राचीि भारतीय मोंनदर िास्तुकिा
व्याख्या: व्याख्या:
तवकल्प (d) सही है : तवजयनगर साम्राज्य के ❖ अरसावल्ली सूयष मंतिर आं ध्र प्रिे र् में खस्थत
िीों
मंतिर तनमाषण का एक प्रमु ि पहिू " कल्याण है । यह मोंनदर 7 शताब्दी का है और कहा
मंिि " का निमाा र् था। िाता है नक इसे कतलंग राजा ने बििाया था।
⮚ मोंनदर के मैदाि के अोंदर ििाशीदार भारि में प्रतसद्ध सूयष मंतिर ं की सूची:
⮚ अम्मान िीथष। है ।
❖ राज्य के मंतिर तनमाषण का एक प्रमुि पहिू मध्य प्रिे र् के उनाव में ब्रह्मण् िे व मंतिर:
न : उदयनगरर गुफाओों में निष्णु के वराह ❖ यािी िगभग सौ साि या उसके बाद छमटे
अविार (सूअर अविार) पर प्रश्न पहिे 2014 मोंनदरमों के बारे में हमिे अभी-अभी सांची और
में पूछा गया था। िही निषय 2015 में दमहराया उियतगरर में सीखा।
गया था।
❖ इस मोंनदर का मुख्य मोंनदर पोंचायति स्थापत्य
शैिी में एक आयताकार चबूतरे पर बिाया
14. उत्तर (c)
गया है , और चार अनतररक्त सहायक मोंनदर
उि- थीम: मोंनदर िास्तुकिा चारमों कमिमों में से प्रत्येक पर खस्थत हैं , िम इसे
कुि पााँ च मोंनदरमों की सोंख्या बिाते हैं , इसनिए
व्याख्या:
इसका िाम पोंचायति है ।
व्याख्या :
शब्दाििी में भी इसका निक्र है । प्रारों नभक परीक्षा
के दृनष्ट्कमर् से मोंनदर की स्थापत्य शैिी हमेशा सही उत्तर तवकल्प (a) है :
महिपूर्ा हमती है । िृत्ताकार मोंनदरमों, िागर शैिी, ब तधसत्व िद्मिातण की पेंनटों ग
द्रनिड़ शैिी, िेसर शैिी और पोंचायति शैिी पर अजंिा की गुफा संख्या 1 में है
बार-बार प्रश्न पूछे गए। , िम 5िीों शताब्दी ईस्वी पूिा की
है ।
15. उत्तर (d)
❖ बमनधसि के अन्य नचत्रमों में वज्रिातण (रक्षक
उि-तवर्य: भारतीय नचत्रकिा शैिी
और मागादशाक, बुद्ध की शखक्त का प्रतीक)
व्याख्या: और मंजुश्री (बुद्ध के ज्ञाि का प्रकटीकरर्)
शानमि हैं।
सही उत्तर तवकल्प (d) है :
बणी - ठणी पेंनटों ग ❖ इसमें बुद्ध तत्रभंग मुद्रा में हाथ में कमि निए
तकर्नगढ़ नचत्रकिा शैिी हुए हैं ।
तवकल्प 3 गलि है : सााँची उन मूतिषय ं के निए कथन 4 सही है : अन्नमाचाया 15िीों सदी के एक नहों दू
िािा िाता है नििके नििाइि अजंिा में समान सोंत थे, निन्मोंिे निष्णु के एक रूप भगवान
रूि से तचतत्रि तकए गए हैं । साों ची स्तूप भारत के वेंक े श्वर की स्तुति में संकीिषन नामक गीि ं की
सबसे िुराने बौद्ध स्मारक ं में से एक है । रचना की थी।
न : िनित किा एिसीईआरटी के पृष्ठ सोंख्या न : यह त्यागराि की 250िीों ियोंती थी, इसनिए
60 कम पढिे से हमें पता चिा नक िेपाक्षी मोंनदर यूपीएससी िे यह प्रश्न पूछा।
नभनत्त नचत्रमों के निए िािा िाता है । इसनिए
20. उत्तर (b)
निकल्प (a) और (d) कम हटा नदया गया। नकसी
भी मूि पुस्तक कम पढिे से हमें पता चिता है नक उि-तवर्य: नहों दुस्तािी शास्त्रीय सोंगीत
साों ची स्तूप बौद्ध स्मारक है और मूनताकिा और
व्याख्या:
नभनत्त नचत्रमों के निए प्रनसद्ध है। साथ ही, कृपया
स्तूप और साों ची स्तूप पर निस्तृत नििरर् के निए कथन 1 गलि है : ध्रुिि की उत्पनत्त वैतिक भजन ं
पहिे के पीिाईक्यू कम दे िें। और मंत्र ं (सामिेद) के िप से हुई है ।
कथन 2 सही है : यह भस्क्त संगीि और ❖ राग की शुद्धता कम बिाए रििे पर िमर ध्रुपद
आध्यास्िक संगीि का एक रूप है िम रागमों की की उल्लेििीय निशेषताओों में से एक है ।
शुद्धता पर ध्याि दे ता है ।
❖ ग्वानियर के रािा माि नसोंह तममर और सम्राट
कथन 3 सही है : ध्रुपद सोंगीत अपिे आप में अकबर िे ध्रुपद की िृखद्ध और निकास में
संस्कृि भार्ा की तलतिय ं के साथ तवकतसि महिपूर्ा भूनमका निभाई
हुआ। ध्रुपद सोंस्कृत मोंत्रमों से प्राप्त पनित्र सोंस्कृत
❖ ध्रुिि के तवकास में य गिान िे ने वाले अन्य
शब्दाोंशमों का उपयमग करते हुए अलाि की धीमी,
व्यस्क्तत्व हैं : तािसेि, बैिू बािरा, स्वामी
ध्यानिूणष प्रस्तुति िर ज र िे िा है ।
हररदास
ध्रुिि:
❖ ध्रुिि के कुछ प्रमुख घराने हैं - िागरिािी
❖ शब्द ध्रुव से तलया गया है , िम आकाशगोंगा घरािा, नबष्णुपुर घरािा, दरभोंगा घरािा,
के माध्यम से यात्रा करिे िािा खस्थर मखल्लक घरािा, बेनतया घरािा।
साों यकािीि िारा है , और िि का अथष
21. उत्तर (b)
कतविा है ।
उि-तवर्य: भारतीय िमक या स्थािीय िृत्य
❖ यह एक प्राचीि रूप है , िम सों भितः प्रबन्ध से
तवकतसि हुआ है । स्पष्ट्ीकरण :
❖ पारों पररक गायि शैिी में, प्रबोंध कम "तनबद्ध कथन 1 सही है : मतणिुरी संकीिषन में अिुष्ठाि
गीिप्रकार" (एक निनित ढाों चे के भीतर गायन, ढ ल वािन और नृत्य र्ातमल है । इसे
गायि) के रूप में िािा िाता है । इसका अथा 2013 में यूनेस्क की माििता की अमूिष
है , 'तनयम ं के एक तवतर्ष्ट् ढांचे से बंधा सांस्कृतिक तवरासि की प्रनतनिनध सूची में भी
गीि'। शानमि नकया गया था।
❖ परों परागत रूप से, एक तािपुरा और पिािि कथन 2 गलि है : प्रदशाि में ि केिि झांझ बस्ि
गायि की ध्रुपद शैिी का प्रदशा ि करिे के निए िर म का भी उिय ग तकया जािा है । एक निनशष्ट्
उपयमग नकया िाता था। प्रदशाि में, दम ढमि िादक और िगभग दस गायक-
िताक भक्तमों से नघरे एक कक्ष में प्रिर्षन करिे हैं ।
❖ ध्रुपद के गीत आम तौर पर ब्रि भाषा में प्रस्तुत
नकए िाते हैं और इसमें िीर और श्ृोंगार रस कथन 3 सही है : भगवान कृष्ण का जीवन और
शानमि हमते हैं और अक्सर इसमें एक निशेष कमष इस प्रदशाि का मुख्य निषय हैं । यह मुख्य रूप
भगिाि की िीरता या आराधिा शानमि हमती से वैष्णव समुिाय द्वारा अिनाया जािा है ।
है ।
संकीिषन :
❖ यह एक प्रकार का भखक्त सोंगीत है निसे प्राचीि
❖ इसमें मतणिुर के मैिान ं के वैष्णव िमगमों के
ग्रोंथ सामिेद में दे िा िा सकता है ।
िीिि में निशेष धानमाक अिसरमों और निनभन्न
❖ सोंकीताि अिुष्ठाि मोंनदर पर केंनद्रत हैं , िहाों ❖ सोंकीताि मनर्पुर का एक आिुष्ठानिक िृत्य
निषक और गायक िृत्य और गीत के माध्यम और सोंगीत रूप है ।
से भगवान कृष्ण के जीवन और कायों की
❖ प्रदशाि पूिा-मुि िािे चौकमर प्रदशाि स्थि में
कहातनयां सुिाते हैं ।
एक घेरे में नकया िाता है ।
❖ ढमि और िृत्य किाकारमों की टु कड़ी के एक
❖ 2013 में, यूिेस्कम िे माििता की अमूता
निनशष्ट् प्रदशाि में दम ढमि िादक और दस
साों स्कृनतक निरासत की अपिी प्रतितनतध
गायक-िताक हमते हैं िम भक्तमों से भरे एक कक्ष
सूची में मतणिुर की तवतर्ष्ट् सांस्कृतिक
या घरे िू आों गि में प्रदशाि करते हैं ।
तवरासि क र्ातमल तकया।
❖ किाकारमों की नििम्रता और उिकी किािक
22. उत्तर (b)
और आध्याखिक ऊिाा का प्रिाह बेिमड़ हमता
है , िम दशाकमों की आों िमों में आों सू िा दे ता है । उि-तवर्य: भारतीय शास्त्रीय िृत्य
के एक शखक्तशािी माध्यम के रूप में प्रस्तुत नकया तवकल्प (a) सही है : नत्र-तुिा मुद्रा, निसे नत्रभोंगा के
गया था। रूप में भी िािा िाता है , एक िड़ी खस्थनत है िहाों
शरीर तीि भागमों में मुड़ा हुआ हमता है , निससे गदा ि,
कथन 3 गलि है : यह र्ंकरिे व और माधविे व
कमर और घुटिे पर तीि िक्र बिते हैं । इसका
द्वारा रनचत गीतमों पर आधाररत है ।
पररर्ाम कममि "एस" आकार में हमता है , निसमें
23. उत्तर (c) शरीर कमर और गदा ि पर निपरीत रूप से
घुमािदार मुद्रा में हमता है।
उि-तवर्य: भारतीय िमक या स्थािीय िृत्य/प्रदशाि
किा
व्याख्या:
भरिनाट्यम कुतचिुड़ी
'अरमाों िी' पर िासा ध्याि िताक िमीि पर िीचे िहीों बैठते हैं
पहिे दे िदानसयमों द्वारा नकया िाता था, अब पुरुष और पहिे पुरुष ब्राह्मर्मों द्वारा नकया िाता था, अब पुरुष और
मनहिा ितानकयमों दमिमों द्वारा नकया िाता है मनहिा दमिमों द्वारा नकया िाता है
पैर, कूल्हे और बाों ह की नमनश्त मुद्राएों । भाििाओों कम कुनचपुड़ी िृत्य के एकि रूप हैं :
व्यक्त करिे के निए आों िमों की अत्यनधक गनत
❖ मोंिुका शब्दम (मेंढक युिती की कहािी)
और हाथ के इशारमों का उपयमग नकया िाता है।
❖ बािगमपािा तरों गा (नसर पर पािी से भरा घड़ा रिकर
पीति की थािी के नकिारमों पर िृत्य नकया िाता है )
❖ ताि नचत्र िृत्य (िृत्य करते हुए पैर की उों गनियमों के साथ
नचत्र बिािा)
कलारीिय ् ू :
कुनचपुड़ी आों ध्र प्रदे श
ओनिसी ओनिशा
कथकिी केरि
सत्रीया असम
मनर्पुरी मनर्पुर
❖ यह केरि/ ितक्षण भारि में प्रचनित एक
माशाि िृत्य है ।
ममनहिीअट्टम केरि
❖ यह किा प्राचीन भारिीय तचतकत्सा
26. उत्तर (d) सातहत्य, आयुवेि में पाई िािे िािी
न : यूपीएससी द्वारा महायाि और हीियाि युग्म 2 गलि है : 11िीों शताब्दी में द्वारसमुद्र
निषय पर पूिा में पूछे गए प्रश्न: ह यसल साम्राज्य की रािधािी थी। आि यह
कनाष क के हासि नििे में खस्थत एक शहर
2016 - पूछा गया नक क्या बमनधसि अिधारर्ा
है लेतबिु के नाम से जाना जािा है ।
हीियाि सोंप्रदाय से सोंबोंनधत है
युग्म 3 सही है : तगररनगर क नगरिार या रे ितक
2017 - सौताोंनत्रका और सखिनतय के िैि धमा
पिात के िाम से भी िािा िाता है , िम गुजराि के
के सम्प्रदाय हमिे के ज्ञाि की िााँ च की
जूनागढ़ तजले में िहाड़ ं का एक समूह है ।
2019 - पूछा गया नक क्या महायाि द्वारा बुद्ध कम तगरनार िवषि पर खस्थत मोंनदर िैि धमा की नदगोंबर
दे िि का श्ेय नदया गया था और श्वेताों बर दमिमों शािाओों के निए पनित्र हैं ।
2020 - क्या खस्थरिादी महायाि बौद्ध धमा से युग्म 4 गलि है : थानेसर (थानेश्वर) हररयाणा का
सोंबोंनधत हैं एक पुरािा नहों दू तीथा िगर है िम प्राचीि काि में
स्थानेश्वर के नाम से प्रतसद्ध था। थािेश्वर पर िधाि
2020 - पूछा गया नक क्या महासाों नघकमों द्वारा बुद्ध
िोंश के महान राजा हर्ष का र्ासन था।
कम दे िता घमनषत करिे से महायाि बौद्ध धमा कम
बढािा नमिा।
व्याख्या:
❖ बुद्ध का दे िताकरर्, बमनधसिमों के मागा का तवकल्प (b) सही है : "स्थािकिासी" सोंप्रदाय िैि
अिुसरर् करिा और मूनता पू िा और अिुष्ठाि धमा से सोंबोंनधत है ।
ये सभी महायान बौद्ध धमष की तवर्ेर्िाएं
स्थानकवासी:
हैं ।
❖ यह श्वेिांबर जैन धमष की एक र्ाखा है
35. उत्तर (b)
निसकी शुरुआत 1653 ई. में लवाजी नाम के
उि-तवर्य: भारत की साोंस्कृनतक परों परा एक व्यािारी ने की थी।
युग् 2 सही है । ख ग
ं ज म िरबा मतणिुर की एक 37. उत्तर (c)
पारों पररक सोंगीत किा है निसमें ढमिक या िर म की
उि-तवर्य: बौद्ध धमा/बमनधसि
आिाज के साथ गाथा गायि शानमि है । यह राज्य
के सबसे ल कतप्रय संगीि कला रूि ं में से एक व्याख्या:
है और दशाकमों के नदि और नदमाग में दे शभखक्त
तवकल्प (c)सही है : मैत्रेय भतवष्य के बुद्ध हैं ,
और राष्ट्रिाद की भाििा कम िगाता है ।
तजन्हें दु निया कम बचािे के निए आिा है ।
युग्म 3 गलि है । थांग- ा - एक प्राचीि मतणिुरी
❖ बौद्ध परों परा के अिुसार, मैत्रेय एक ब तधसत्व
मार्षल आ ष िृत्य है िम मनर्पुर के युद्ध के माहौि
हैं िम भनिष्य में पृथ्वी पर प्रकट हमोंगे, ज्ञाि प्राप्त
से निकनसत हुआ है और मेइिेई द्वारा बनाया गया
करें गे और शुद्ध धमा की नशक्षा दें गे।
है । थाों ग-टा कम हुएन लाल ग
ं के नाम से भी जाना
जािा था निसका अथा है 'िलवार और भाले की ❖ िे भनिष्य के बुद्ध हमोंगे। उन्ें अजीि ब तधसत्व
कला'। यह किा मनर्पुर के युद्ध के माहौि से (अनमताभ सूत्र और िमटस सूत्र)
निकनसत हुई। इसिे मध्यकाि के भू-राििीनतक अनििमनकतेश्वर (िीचे दे ििे िािे भगिाि)
िातािरर् में भारि और चीन के बीच कई स्वतोंत्र पद्मपानर्(कमि धारर् करिे िािे) तथा
राज्यमों के बीच एक दू सरे के साथ युद्ध में महिपूर्ा सोंस्कृत में िमकेश्वर (िगत के स्वामी) के रूप
भूनमका निभाई। में भी िािा िाता है ।]
उि-तवर्य: बौद्ध धमा/िैि धमा/ प्रमटे स्ट धमा उि-तवर्य: बौद्ध धमा
व्याख्या: व्याख्या:
❖ िट्टातलका की िहचान आम िौर िर आज तवकल्प (a) सही है : चैत्र , र्क युग पर आधाररत
के ि े ल से की िाती है , निसे गााँ ि में रािा राष्ट्रीय कैिेंिर में से एक , 365 नदिमों के सामान्य िषा
का प्रनतनिनध मािा िाता है । में ग्रेगमररयि कैिेंिर के 22 माचा (या 21 माचा) से
मेि िाता है।
❖ महत्तारा एक गैर-सरकारी और सोंभितः
िमगमों के प्रनतनिनध थे। र्क संवि ग्रेगमररयि कैलेंिर
❖ गि
ं और क रकू िििानत बैतूि और हरदा भाद्रपद 22 अगस्त - 22 नसतोंबर
नििमों में हरर निरमती का त्यमहार मिाते हैं। यह
हररयािी का एक महीिे तक चििे िािा
अनश्वि 22 नसतोंबर - 22 अक्टू बर
त्यमहार है , निसके दौराि आनदिासी फिदार
व्याख्या: कबीर :
युग् 2 गलि है : ल् त्सव लखांग मंतिर तहमाचल भखक्त आों दमिि कम प्रभानित नकया और उिके
प्रिे र् के तकन्नौर क्षेत्र के नाक गांव में है । जांस्कर छों द नसि धमा के ग्रोंथ गुरु ग्रोंथ सानहब में पाए
स्मारक कमष द्वारा सौ सबसे िुप्तप्राय निरासत स्थिमों ❖ िे रामानंि के तर्ष्य थे। उन्मोंिे मुसिमािमों
में से एक के रूप में पहचािा गया है । और नहों दुओों दमिमों के आिम्बरी धातमषक
युग्म 3 सही है : अलची मंतिर िररसर िद्दाि के िरम्पराओं के खििाफ एक मिबूत अनभयाि
लेह तजले के अिची गाों ि में खस्थत है । इसका निमाा र् शुरू नकया।
10िीों शताब्दी के आसपास गुरु ररनचेन जांगि ने ❖ कबीर के अिुसार, िम व्यखक्त धमा के मागा पर
करवाया था। चि रहा है , सभी िीनित चीिमों कम अपिा
कथन 1 गलि है : बीजक कबीर के निचारमों और रूप में दािा करता है और सोंत मत सोंप्रदायमों
हुए है और उसे सोंरनक्षत कर रहा है । ❖ िे क्षेत्र के धिी िमीोंदारमों द्वारा समनथात पीनढयमों
से िेर्ेवर संगीिकार रहे हैं ।
❖ उन्मोंिे सबि, बीजक, ि हा, ह ली और
रे खिाल नििे। उन्मोंिे राम भस्क्त का प्रचार ❖ ति र ाड्यूरा सामान्य दृनष्ट्कमर् से पत्थर कम
तकया। तराशिे की किा है । यह एक इििे तकिीक
है । शब्द "नपटर ाड्यूरा" इताििी से आया है ,
वल्लभाचायष:
इसका अथा है "कठमर पत्थर", िेनकि "अद्धा
❖ उन्ें 'अतचतनिभद्र' के नाम से भी जाना मूल्यिाि पत्थर" भी।
जािा था।
49. उत्तर (c)
❖ िह महाभागवि िुराण क आधार बनाकर
उि-तवर्य: भारतीय भाषाएाँ
कृष्ण भखक्त की पैरिी करिे िािे सबसे पहिे
व्यखक्त थे। व्याख्या:
मांगतनयार: व्याख्या:
साों ख्य आचाया कनपि िास्ति में, सब कुछ पुरुष (आि, आिा या मि) और
प्रकृनत (पदाथा, रचिािक सोंस्था, ऊिाा ) से उपिा है ।
िेदाों त (उत्तर मीमाों सा) शोंकर द्वारा अद्वै ि रामािुि द्वारा दशाि की अद्वै तिादी निचारधारा िम मािती है नक
तवतर्ष्ट्ाद्वै ि माधिाचाया द्वारा द्वै ि दु निया असत्य है और एकमात्र िास्तनिकता ब्रह्म है
निम्बाका द्वारा द्वै िअद्वै ि
िल्लभाचाया द्वारा र्ुद्धद्वै ि
51. उत्तर (d) उपनिषद से निया गया है । मुोंिक उपनिषद नहों दू धमा
के 108 उपनिषदमों की सूची में 5 िोंबर के रूप में
उि-तवर्य: भारिीय िर्षन की धाराएं सूचीबद्ध है ।
तवकल्प (d) सही है : सत्यमेव जयिे का अथा है " एक संग्रह है तजसका उिय ग ब्रह्म और
❖ चैत्य एक िूजा स्थल है , िबनक निहार नभक्षुओों तवकल्प (d) सही है : जैन धमष तपस्या कम कमष
का तनवास स्थान है । चैत्य एक आयिाकार तसस्द्ध के तनतिि मागष के रूि में बिािा है । िैि
प्राथषना कक्ष ह िा था तजसके बीच में एक धमा के अिुसार, प्रत्येक िस्तु, निसमें सबसे छमटा
स्तूि ह िा था, जहााँ ल ग प्राथषना कर सकिे कर् भी शानमि है , में एक आिा ह िी है । कमा कम
थे। आिा का शमक मािा िाता है और मुखक्त प्राप्त
57. उत्तर (b) तवकल्प (a) सही है : भगिाि बुद्ध की नचत्र में
नदिाई गई " भूतमस्पर्ष मुद्रा " हस्त मुद्रा , मार के
उि-तवर्य: बौद्ध धमा/िैि धमा
प्रल भन ं के बाििूद उनकी र्ुद्धिा और
व्याख्या: ितवत्रिा क िे खने के तलए िृथ्वी के आवाहन का
प्रिीक है ।
कथन 1 गलि है - बौद्ध धमा िे एक मध्यम मागष
बिाया, और ििस्या और भ ग की चरम भूतमस्पर्ष मुद्रा:
सीमाओं से िरहे ज तकया िबनक िैि धमा िे
❖ सोंस्कृत में भूनमस्पशा का अथा 'िृथ्वी का स्पर्ष
अत्यनधक तपस्या और साधिा की िकाित की।
करना' है ।
कथन 2 और 3 सही हैं : बौद्ध धमष और जैन धमष
❖ इसे आमतौर पर 'िृथ्वी साक्षी ' मुद्रा के रूप
ने िेदमों और पुिाररयमों की प्रामानर्कता के साथ बड़े
में िािा िाता है ।
अिुष्ठािमों के निचार कम िाररि कर नदया। ये दमिमों
पुििान्म की अिधारर्ा में निश्वास करते हैं । ❖ भूनम का स्पशा करते हुए िातहने हाथ की