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77-C-75545-Assign. Dukh Ka Adhikaar-1
77-C-75545-Assign. Dukh Ka Adhikaar-1
१. छोटे जादगू र के सजे हुए रं गमंच में कौन - क्या कर रहा था?
उत्तर-छोटे जादगू र के सजाए हुए रं गमंच में बिल्ली रूठ रही थी और भालू उसे मनाने में लगा हुआ था । दोनों के
ब्याह की तैयारी चल रही थी।
२. 'तब भी तमु खेल दिखाने चले आए' लेखक के क्रोध से ऐसा कहने पर छोटे जादग
ू र के चेहरे पर कौन-से भाव
उभरे ? लेखक उसके मन की कौन सी बात ना समझ पाया? अपनी बात कहते कहते चप ु हो जाना उसके स्वभाव की
किस विशेषता की ओर संकेत करता है ?
उत्तर-'तब भी तम
ु खेल दिखाने चले आए'-लेखक के ऐसा कहने पर छोटे जादग ू र के मखु पर तिरस्कार की रे खा फूट
पड़ी। उसके मन का आक्रोश उसके चेहरे पर झलक उठा। निस्संदेह छोटा जादग ू र मां की बीमारी से चिंतित तो था
ही, लेकिन पेट पालने के लिए काम करना भी बहुत जरूरी था। अंदर से व्यथित और चिंतित होने के बावजद ू वह
जाद ू का खेल दिखाने निकला। लेखक उसकी पारिवारिक एवं आर्थिक स्थिति के बारे में सब कुछ जानता था,फिर
भी वह उसके जाद ू का खेल दिखाने के लिए निकलने का कारण नहीं समझ सका। इस बात पर छोटे जादग ू र के
मन में दख ु एवं आक्रोश का मिलाजलु ा भाव उत्पन्न हुआ । उसका कुछ अधिक न कहना उसके स्वाभिमानी
स्वभाव का भी परिचय दे ता है ।
उत्तर- 'छोटा जादग ू र' और 'दख ु का अधिकार'कहानी में खरबज ू े बेचने वाली बढ़ू ी औरत- दोनों ही अपने-अपने स्तर
पर अंदर से टूटे हुए, दख ु ी तथा विवश व्यक्ति हैं। परिस्थितियों ने भले ही दोनों को भीतर और बाहर से तोड़ दिया है
परं तु बाहर की टूटन को समेटने के लिए वे अंदर की टूटन को नजरअंदाज कर कर्मक्षेत्र में उतर आते हैं। खरबज ू े
बेचने वाली बढ़ि
ु या अपने पत्र ु के निधन से दख ु ी तो है लेकिन बख ु ार में तपती हुई अपनी बहू और भख ू से बिलखते
पोते पोतियों की प्राणरक्षा के लिए अपने दख ु को भीतर ही छिपा कर रोजी-रोटी कमाने के लिए निकल पड़ती है ,वहीं
दसू री ओर छोटा जाद ग
ू र अपनी मां के कहे शब्दों के अर्थ और उसकी भावी मत्ृ यु को जानता है , वह भीतर से
बदहवास और दख ु ी है , फिर भी आजीविका उसे जबरन बाहर से मस् ु कुरा कर जाद ू का खेल दिखाने के लिए विवश
करती है दोनों ही स्थितियां हमें यह बताती हैं कि दख ु को व्यक्त करने के लिए समय, सवि ु धा एवं धन का कितना
अधिक महत्व रहता है ।
7..पत्र
ु की मत्ृ यु के अगले दिन बाजार किसे आना पड़ा?
(क) लेखक को
(ख) पड़ोसी को
(ग) बढ़िु या को
(घ) इनमें से कोई नहीं
8.बढ़ि
ु या को कोई क्यों उधार नहीं दे ता?
(क) वह गरीब थी|
(ख) उसका पति नहीं था|
(ग) उसका पत्रु मर गया था|
(घ) इनमें से कोई नहीं
16.बढ़ि
ु या के दःु ख को दे खकर लेखक को किसकी याद आ गई?
(क) घर की
(ख) गाँव की
(ग) बच्चे की
(घ) संभ्रांत महिला की
19.बढ़ि
ु या का हाल पछ
ू ने में लेखक को किस के कारण परे शानी थी?
(A) पोशाक के
(B) पड़ोसी के
(C) दकु ानदार के
(D) बच्चों के
पछ
ू े गए प्रश्नों के उत्तर केवल तीन-चार पंक्तियों में दें । चाहें तो केवल संकेत बिंदओ
ु ं का प्रयोग करते हुए अपने
उत्तर को संक्षिप्त कर सकते हैं।
1.खरबज ू े बेचने आई बढ़ ू ी महिला के फफक-फफक कर रोने पर भी लोगों का दिल ना पसीजना- आपकी दृष्टि में
यह स्थिति सामाजिक विकास में बाधक है या साधक? 'दःु ख का अधिकार' पाठ के आधार पर बताइए।
2.लेखक ने बढ़ि
ु या के दःु ख का कारण किस प्रकार पता लगाया? इस विषय में जानकर भी उसका लोगों को न
समझाना आपकी दृष्टि में कहॉ ं तक उचित है ?'दःु ख का अधिकार' पाठ के आधार पर बताइए।
4.भगवाना के इलाज और उसकी मत्ृ यु के बाद घर की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा? यदि आप ऐसे किसी
दख
ु ी परिवार को जानते तो आप क्या करते ?
5.भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था? ऐसे लोगों को समाज में किस श्रेणी में रखा जाता है ?
समग्र मल्ू यांकन परीक्षा
१. दख ु का अधिकार पाठ के लेखक का नाम है -
क)यशपाल
ख)कमलेश्वर
ग)प्रेमचंद
घ)महादे वी वर्मा
४.शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और… द:ु खी होने का भी एक अधिकार होता है ।-इस उक्ति
का आशय है -
क)समय सवि ु धा एवं धन से वंचित गरीब वर्ग को अपना दख
ु व्यक्त करने का अधिकार नहीं मिल पाता।
ख)धनी व्यक्ति को अपने दखु को अभिव्यक्त करने का अधिकार स्वयंमेव मिल जाता है ।
ग) इनमें से कोई नहीं
घ) कथन 1 और 2 दोनों सत्य हैं।
५. बढ़ि
ु या बाजार में खरबज ू े बेचने और पैसा कमाने के लिए क्यों आई थी?
क) गिरवी रखे गहने छुड़ाने के लिए
ख)बहू की बीमारी और बच्चों की भख ू मिटाने के लिए
ग) दकु ानदारों को खरी-खोटी स न
ु ाने के लिए
घ)लेखक से मिलने के लिए।