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क ा - ३ ह द असाइ मट न० ११

पाठ - भारत दे श महान


दनांक : २१/ ५/२०२०

(१) द गई क वता को दे खकर साफ - सुंदर अ रो म लख


और याद कर ( च ना बनाएँ )

भारत दे श महान

भारत दे श महान हमारा ,


भारत दे श महान I

गीत खुशी के सूरज लाता


धरती पर सोना बरसाता ,
यारी - यारी मलय हवाएँ
जीवन को हर पल महकाएँ ।

खेत - खेत म हँसती फसले ,


इनक _ यारी शान I

झल मल- झल मल चाँद सतारे


म तक पर ये मोती सारे ,
अमृत - सा गंगा का पानी .
धरती का आंचल है धानी ।
नील समंदर लहर - लहर कर
करता है गुणग !

हम भारत के न ह ब चे
दल फौलाद , मन के स चे ,
हाथ - हाथ म ले हम बढ़ते ,
नह मु कल से हम डरते ।

मेहनत कर इ तहास रचेगे ,


. आज लया है ठान !
..
- काश मनु

(२) दए गए श दाथ को दे खकर लख और याद करे�� :

श दार्थ

(१) महान = बड़ा , ऊँचा


(२) फौलाद = मजबूत
(३) मेहनत = प र म
(४) आँचल = प ा , प लू
(५) धानी = धान क हरी प ी जैसा
(६) शान = गौरव , त ा
(७) ठान लेना = ढ◌़ न य करना
(८) सर = माथा
(९) मलय हवाए◌ँ = मलय पवत क ओर से आने वाल◌ी पवन /
हवाएँ ।
*(नोट - जन ब च के पास वसुंधरा पु तक है वह ��◌ृपया
पु तक से दे खकर भारत दे श महान क वता और उसका श दाथ
लखे◌ं )*

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