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201
201
ह द (201)
कुल अंक:- 100 समय: 3 घंटे
ट पणी :
अथवा
(II) न न ल खत क वताओं और क वय का सह मलानवाला वक प चन
ु :
(क) बूढ़ प ृ वी का दख
ु ’ (i) मै थल शरण गु त
(ख) आजाद (ii) बालचं न चिु ल काड़
(ग) आ वान (iii) केदारनाथ अ वाल
(घ) चं गहना से लौटती बेर (iv) नमला पत
ु ल
ु
A. (क) (i); घ(ii), (ग)(iii), (ख)(iv)
1
B. (घ) (i), (ग)(ii), (क)(iii), (ख)(iv)
C. (घ) (iii), (ख)(ii), (क)(iv), (ग)(i)
D. (क) (i), (ख)(ii), (ग)(iii), (घ)(iv)
3. न न ल खत न म से क ह ं तीन न के र त थान एक श द या वा यांश से भ रए
3
और अपनी उ र पुि तका म ल खए :-
(i) ‘बूढ़ प ृ वी का दख
ु ’ क वता म ‘पेड़ के हज़ार हज़ार हाथ के हलने’ से अ भ ाय है क 1
.....................
(ii) ‘चं गहना से लौटती बेर’ क वता म ‘पोखर’ श द .................... के लए आया है। 1
(iv)‘चं गहना से लौटती बेर’ क वता म ‘फाग गाता मास फागुन आ गया है जैसे’ 1
.....................अलंकार का उदाहरण है।
4 न न ल खत न म से क ह ं दो न के र त थान भ रए और अपनी उ र पुि तका 4
म ल खए :-
(i) ..............................क वता म यु त हुए अनंत कपड़े,ग तमान प हये ......................ह। 1X2
पव
ू चलने के बटोह , बाट क पहचान कर ले,
पु तक म है नह ं छापी गई इसक कहानी,
हाल इसका ात होता है न और क ज़बानी,
अन गनत राह गए इस राह से, उनका पता या,
पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैर क नशानी,
यह नशानी मक
ू होकर भी बहुत कुछ बोलती है ,
खोल इसका अथ, पंथी, पंथ का अनम
ु ान कर ले
पूव चलने के बटोह , बाट क पहचान कर ले।
2
है अ नि चत कस जगह पर स रत, ग र, ग वर मलगे,
है अ नि चत कस जगह पर बाग, वन सुंदर मलगे,
कस जगह या ा ख़तम हो जाएगी, यह भी अ नि चत,
है अ नि चत कब सम
ु न, कब कंटक के शर मलगे,
कौन सहसा छूट जाएँगे, मलगे कौन सहसा,
आ पड़े कुछ भी, केगा तू न, ऐसी आन कर ले।
पूव चलने के बटोह , बाट क पहचान कर ले।
(क)दे श के ाकृ तक सौ दय के
(ख)पयावरण के
(ग) हमालय के पयटन थल के
(घ)माग क बाधाओं के
(III) का यांश का मल
ू वषय है.....
1
(क)माग क बाधाएं
(ख)जीवन क अ नि चतता म या ा क नर तरता
(ग)जीवन म सम याओं का समाधान
(घ)सावधानी से जीवन जीना
1
(IV) का यांश म ......................... और.........................अलंकार का सौ दय है।
(क)अनु ास, उपमा
(ख)मानवीकरण, अनु ास
(ग)अनु ास, वरोधाभास
(घ)अनु ास, पक
न न ल खत न म दये र त थान भ रए और अपनी उ र पुि तका म ल खए :-
7. (I) ‘अंधेर नगर ’ नाटक म राजा के लए कस वशेषण का योग कया गया? 1 1
(क) बहादरु
(ख) चौपट
(ग) याय य
(घ) वलासी
3
अथवा
(II) ‘बहादरु ’ शीषक कहानी म लेखक के पु का नाम है........................
(क) कशोर
(ख) कुमार
(ग) कृ ण कुमार
(घ) कृश
8. (I) फोटो के नीचे छपी सूचना को अखबार क भाषा म............................ कहते ह। 1 1
(क) इं ो
(ख) सब हे डंग
(ग) कै शन
(घ) समाचार ोत
अथवा
(II) शतरं ज के खलाड़ी कहानी का उ दे य .................................. करना है ।
(क) उस समय के समाज का च ण करना
(ख) शतरं ज के खेल क नंदा करना
(ग) गुलामी के कारण के त सचेत करना
(घ) मीर और मज़ा के जीवन च ण करना
न न ल खत न के उ र के प म दए गए वक प म से सवा धक उपयु त वक प छांट कर
अपनी उ र पिु तका म ल खए :-
9. (I) ‘बहादरु घर म फरक क तरह नाचता रहता था’ का आशय है क वह- 1 1
(क) वह काम करने के लए इधर-उधर दौड़ता रहता था।
(ख) वह बहुत शोर मचाता रहता था।
(ग) वह दन भर खब ू शरारत करता था
(घ) काम से बचने के बहाने ढूंढा करता था।
अथवा
(II) मां-बाप का कज़ा तो ज म भर भरा जाता है’बहादरु के इस कथन से ात होता है ...
(क) उसने माँ-बाप से बहुत सारा कज़ा लया है ।
(ख) उसे माँ-बाप वारा लया गया कज़ा चक ु ाना है ।
(ग) उसे मां-बापके त अपने कत य का एहसास है।
(घ) उसके मां-बापभी परू ा जीवन कज़ा चक
ु ाते रहे ह।
10. (I) शतरं ज के खलाड़ी कहानी म बना यु ध के नवाब को बंद बनाए जाने पर भी मीर 1 1
और मरज़ा पर कोई भाव नह ं पड़ा य क ..............................................
(क) वे उसके श ु थे।
(ख) मीर और मरज़ा अं ेज के समथक थे ।
(ग) शतरं ज के बादशाह को बचाना अ धक आव यक था।
(घ) यु ध करना उनका उ रदा य व नह ं था।
अथवा
4
( II) शतरं ज के खलाड़ी कहानी का यह संवाद-‘घास तो आपके अ बाजान छ लते ह गे।यहाँ तो
पी ढ़य से शतरं ज खेलते चले आ रहे ह’ संकेत करता है.....
(क) मीर का मज़ाक
(ख) मरजा क हार
(ग) मीर क तकार भावना
(घ) मरज़ा क अस लयत
(क) यावसा यक प
(ख) अनौपचा रक प
(ग) कायालयी प
(घ) औपचा रक प
अथवा
(II) व तार से कह गई बात को कम श द म य त करने क कला कहलाती है ....
(क) भाव प लवन
(ख) सार लेखन
(ग) नबंध ले खन
(घ) या या ले खन
न न ल खत न के र त थान एक श द या वा यांश से भ रए और अपनी उ र
पुि तका म ल खए :-
12. (I) अंधेर नगर पाठ म ‘टके सेर भाजी टके सेर खाजा’ कथन म न हत यं य अथ है ................ 1 1
अथवा
(II) अंधेर नगर पाठ म महंत ने नगर छोड़कर जाने का नणय लया य क...........
13. (I) समाचार ोत म यह शा मल नह ं होता क............................... 1 1
अथवा
(II) अखबार का संपादक य ..............................पर आधा रत होता है।
14. न न ल खत म से क ह ं 02 र त थान क पू त क िजये: 1X2 2
(क) ‘नाखन
ू य बढ़ते ह’ पाठ के लेखक ह ........................................।
(ख) ‘नाखन
ू य बढ़ते ह’ पाठ म लेखक ने ....................... क वचारधारा का संकेत कया है ।
(ग) अंधेर नगर ’ नाटक के लेखक ह ......................................
(घ) अंधेर नगर ’नाटक के ............................त व के कारण वह अ य वधाओं से भ न है
15. न न ल खत संवाद कस पा के ह? क ह ं दो क पहचान क िजये और र त थान भ रए : 1X2 2
(क) “दे ख बे,मेरा काम सबसे पहले होना चा हए”। .......................
(ख) “ब चा,बहुत लोभ नह ं करना”। ...............................
(ग) “इतनी लौ खदु ा से लगते तो वल हो जाते”।.......................
(घ) ‘म समझ रह थी क शहर मेरा वागत करे गा”। .................
16. नीचे दये गए कथन म से क ह ं दो कथन उ र पिु तका म ल खए औए बताइये वे सह ह या 1X2 2
5
गलत।
(क) ‘नाखन
ू य बढ़ते ह’ पाठ म पशुता से आशय है बुर व ृ याँ
(ख) व ापन का उ दे य भाषा श ण होता है
(ग) यापार जगत के समाचार क भाषा म बनावट श द का योग कया जाता है।
(घ) बहादरु चोर के झठ
ू े आरोप के कारण घर से भाग जाता है।
17. (I) ...................क मदद से सख
ु ी राजकुमार नगर के लोग के दख
ु दरू करता है और 1X2 2
................... का संदेश दे ता है।
(क) मैना, आ म व ले षण
(ख) बया , प र म
(ग) गौरै या, नः वाथ ेम
(घ) कोयल, शां त
अथवा
(II) ‘सुखी राजकुमार’ कहानी म ...................... के वारा बार-बार म दे श जाने क बात
क गयी है। इससे हम समझ सकते ह क उसम .....................................
(क) गौरै या, काम से जी चुराने क वृ है।
(ख) मेयर, दखावा करने क वृ है।
(ग) अंगर का, नगर म रहने के त उदासीनता है।
(घ) गौरै या, ऐ वय के त आकषण है
18. नीचे दये गए पाठ और पा के दो सह यु म चु नये और अपनी उ र पिु तका म ल खए – 1X2 2
न न ल खत ग यांश को यानपव
ू क प ढ़ए और उ र के प म दए गए वक प म से सवा धक
उपयु त वक प छांट कर अपनी उ र पुि तका म ल खए :
20. वकास और पयावरण के मु दे और उनके पर पर संबध
ं आ याि मक मह व के ह खासकर भारत 4
के संदभ म। पहल ाथ मकता तो यह है क सभी लोग को जीवन क मल
ू भत
ू आव यकताएं परू
6
क जा सक और पयावरण और उनक संपदाओं का कसी कार का अवां छत दोहन ना हो सके।
आ थक वकास क उ च ऊजा पर आधा रत जीवन शैल ने भौ तक सम ृ ध को बढ़ाया है ।
वकासशील दे श आज पयावरण संकट और वकास के संकट दोन से घरे हुए ह। यह दोन ह
संकट एक दस
ू रे क ती ता और पर पर त या से सम या को और गहरा बना रहे ह। एक तरफ
तो असमानता नधनता, बेरोजगार क सम याओं का कोई अंतर नह ं दखाती और िज ह वकास
क या वारा सल
ु झाना है , दस
ू र तरफ पयावरण का शोषण बढ़ता ह जा रहा है । रोचक त य
यह है क वायु और जल के दष
ू ण क सम याएं वकासशील व व म बढ़ती ह जा रह ह और
अ धकांश थान पर इ ह ने वकराल प धारण कर लया है। भारत को वतमान सम याओं का
थायी समाधान खोजने के साथ-साथ भावी पीढ़ को भी इन चन
ु ौ तय का सामना करने के लए
तैयार करना होगा।
7
21. (I) बुर तरह हारना के लए सह मुहावरा है - 1 1
(ग) अ ययीभाव,
(घ) त पु ष
अथवा
(II)‘यथाशि त’ म ....................समास है
(क) बहु ी ह
(ख) त पु ष
(ग) अ ययीभाव
(घ) कमधारय
23. न न ल खत वा य म से शु ध वा य है ....................... 1 1
(I)
(क) वहाँ भार भीड़ लगी थी।
(ख) वहाँ भरकम भीड़ थी।
(ग) वहाँ भार भीड़ जमा थी ।
(घ) वहाँ भार भीड़ इक ठा थी।
वहाँ भार भीड़-भाड़ जमा थी ।
अथवा
(II)
(क) ई वर के अनेक नाम ह।
(ख) ई वर के अनेक नाम ह।
(ग) ई वर के नाम अनेक ह।
(घ) ई वर के अनेक कार के नाम ह।
8
24. (I) न न ल खत म से म वा य है ......................................... 1 1
अथवा
9
-पूछा दज से उसके शा गद ने,
“ या वह चारागाह म उछल-कूद मचाता
न हा-सा बछड़ा है?
या उ र दशा म दौड़ती सीट बजाती रे लगाड़ी?
अथवा
10
33. न न ल खत ग यांश को यानपव
ू क प ढ़ए और पछ
ू े गए न के उ र ल खए: 5 5
दस
ू रे दन मेयर अ य सद य के साथ टहल रहा था। जब वह वहां से गुज़रे , तो मेयर ने उसक ओर
दे खा और कहा- “ कतनी भ द लग रह है यह तमा!”“हां कतनी भ द है,” सद य ने कहा, जो
हमेशा मेयर क हां-म-हां मलाते थे। “उसक तलवार से लाल गर गया है, उसक आंख गायब ह और
उसका सोना उतर गया है। यह तो ब कुल प थर का भखार मालम
ू देता है।”
अथवा
अथवा
12
आदश नप क अंक योजना
ह द (201)
कुल अंक:- 100 समय: 3 घंटे
सं या
1. (I) थान 1 1
अथवा
(II) अ नवाय आव यकता क पू त
2. (I) (ख) धन से 1 1
अथवा
(II) C (घ) (iii), (ख)(ii), (क)(iv), (ग)(i)
3. कोई तीन
(ii) तालाब 1 3
(iii) क ठन प र म 1
(iv) मानवीकरण 1
4. कोई दो 4
13
पतल , कमर क है लचील ’ अलसी के लए यु त हुए ह।
5. कोई दो
(i)खैर,खून,खांसी,खस अनु ास ख वण क आव ृ त 1x2 4
ु ी म अलंकार है य क है।
1x2
(ii)आजाद क वता म यु त श द शा गद, तनहाई फारसी भाषा के ह और
गया।
अथवा
अथवा
(II) शतरं ज के खलाड़ी कहानी का उ दे य (ग) गुलामी के कारण के
त सचेत करना है।
14
12. (I) अंधरे नगर पाठ म ‘टके सेर भाजी टके सेर खाजा’ कथन म न हत यं य 1 1
अथ है गुण और मू य क कदर नह ं है ।
अथवा
(II) अंधरे नगर पाठ म महंत ने नगर छोड़कर जाने का नणय लया य क
भावी संकट क आशंका थी ।
(घ)
अथवा
(क) ‘नाखन
ू य बढ़ते ह’ पाठ के लेखक ह हजार साद ववेद
(ख) ‘नाखन
ू य बढ़ते ह’ पाठ म लेखक ने महा मा गांधी क वचारधारा का
संकेत कया है।
(ग) अंधेर नगर ’ नाटक के लेखक ह जयशंकर साद।
(घ) अंधेर नगर ’ नाटक के अ भनेयतात व के कारण वह अ य वधाओं से भ न
है।
15
19. (1) वषयव तु (कोई दो) 2
(2) भावा मक
(3) .बु ध
(4) वणना मक
अथवा
16
(घ) ‘अपमान’ श द म अप उपसग का योग कया गया है ।
(क) बीस
(ख) नज व
(ग) ड गा
(घ) एहसान.
अथवा
पाठ – आज़ाद
½
17
च ड़या का द ु साहस ऐसा ह है।
भाषा सरल, सहज, आसान बोलचाल के श द
अरबी शब ्द – मुसा फर
़
2
फारसी शब ्द – उ ताद, दज , शा गद
वशेषण – न हा-सा
ू भाषा – मलयालम। सहज भाषा म कया गया अनुवाद है।
क वता क मल
29 पर,जो कपड़े नह ं सएगा…. टक है आज़ाद । 3
1
संग – तुत अंश बालचं न चुि लक् काड क क वता ‘आज़ाद ’ से लया गया है। इसम
जाएंगेअथात कम जार रहे गा तो आज़ाद बनी रहे गी। कम करने म ह आज़ाद है।
येक यि त के लए उससे अपे त काय को परू न ठा से करना ह आज़ाद है।
आज़ाद का आनंद वह ले सकता है िजसने उसके लए प र म कया है। िजसने काय
नह ं कया है उसे सपने दे खने और आज़ाद भोगने का अ धकार नह ं है। आज़ाद को 2
अथवा
छं द – दोहा ।
18
30 (कोई तीन)
2x3=6
(क) ‘नैना दे त बताय सब....... दोहे म आंख के भाव क स ्पष ्ट दशन का
(ख) आज़ाद गण
ु व ा म कत यबोध क ेरणा दे ती है और कहा गया है क मेहनत,
2
न ठा और लगन से अपना कत य करने वाला यि त ह आज़ाद का सह
मायने म अ धकार है।
(ग) नंदक को नकट रखना लाभकार है। वह हमारे स ्वभाव के सभी नकारा मक 2
प को उजागर करता है िज ह सुधारकर हम अपने स ्वभाव को उ कृ ट बना
सकते ह।
(ग) ‘शतरं ज के खलाड़ी’ कहानी म वािजद अल शाह का समय था, लखनऊ वला सता 2
के रं ग म डूबा हुआ था। अमीर-गर ब सभी कसी-न- कसी लत तथा वला सता म
19
32 (कोई दो) 2x2=4
2
(क) गौरै या राजकुमार क संग त म लोग के दख
ु -दद बांटती है ,राजकुमार के
गण
ु से भा वत है , वयं अपने ाण दे दे ती है। उसके ेम, समपण और
(ख) कहानी ‘शतरं ज के खलाड़ी’ के अंत म समाज के वला सता म डूबे होने के 2
कारण न तो दे श बचता है , न ह यि त। नवाब बंद हो गए और मीर
(ग) ‘शतरं ज के खलाड़ी’ कहानी म परू जनता राग-रं ग म डूबी हुई है। संसार म
होने वाल घटनाओं म कसी क दलच पी नह ं थी। अ य धक
33 पाठ- सख
ु ी राजकुमार ½ 5
½
लेखक : ऑ कर वाइ ड
है।
अथवा
½
पाठ - शतरं ज के खलाड़ी
½
लेखक – मुंशी ेमचंद
(क) मीर और मरजा शतरं ज क बाजी के दौरान अ यंत हंसक हो उठे और बसात 2
के मोहर पर हुए झगड़े म अ ासं गक बात भी होने लगीं और दोन ने एक-दस
ू रे
से ज मी हो ाण दे दए।
2
(ख) दोन बादशाह इन दोन वीर क म ृ यु पर इस लए रो रहे थे य क शतरंज क
20
लत के चलते िज ह ने अपने कत य से सदै व मुंह चुराया,िज ह ने अपने शासक
जैसे वशाल रा य का शासक बना कसी संघष के बंद हो जाता है। उसके लए संघष 2
करने वाला कोई नह ं। सब वलास म मगन ह । अ हंसा और कायरता म बहुत अंतर है।
यह अ हंसा नह ं कायरता क पराका ठा थी।
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37 नबंध लेखन – ारं भ/भू मका 1 7
वषयव तु 2
तु त 2
भाषा कौशल 2
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