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“उबाल”

लेखक: _

अनुवाद: ववजयरत्न

(मुुंबई में एक छोटा सा घर ददखता है । म्हाडा के जैसे छोटे घर होते हैं उस तरह का । एक छोटा
खोली है ,एक कोने में छोटा सा स्पेस है, और ककचन जैसी जगह बनाई है । एक बाजू से बाहर
जाने का रास्ता है । एक दस
ू री बाजू में पदाा है जहाुं से दस
ू रे थोडी जगह होगी ।

ककचन के एक कोने में लगभग 45 साल की एक मदहला बतान धो रही है । यह मम्मी है ।


खोली के एक कोने में एक 70 साल की बुद़िया मुुंह टे ़िा करके बैठी है । यह दादी है। दादी अुंधों
का goggle च़िा कर बैठी है। मम्मी बतान धोते-धोते अपनी बडबड कर रही है।)

मम्मी: ददन भर घर में झिक-झिक, झिक-झिक। शाुंतत तो जैसे इस घर में कभी पैदा ही नहीुं हुई
और अगर हो भी जाती तो दटक नहीुं पाती । कोई भी आता है मेरे सर के पास आकर गुनगुन
करने लगता है । नमा यह कर, मम्मी वह कर । कभी तो ख्याल आता है कक सारे काम
तनपटाकर कोई सीररयल दे खने जाऊुं तो कोई ना कोई कट-कट रहती ही है। शेयर माकेट गगरता
है वैसे ही रोज के रोज बतान गगरे पडे रहते हैं। कम से कम बतान का इस्तेमाल हो यह सोचती
हूुं, लेककन किर भी रोज़ ही यह पहाड खडा रहता है। जान जाएगी मेरी तभी शायद छुटकारा
ममलेगा । बस बैठे-बैठे ऑडार िाडने में ककसी के बाप का क्या जाता यहाुं ।

(दादी goggle ऊपर करके मम्मी की और दे खती हैं)

दादी: नमा, ज़रा चाय तो च़िा दे !

मम्मी: हाुं च़िाती हूुं ना, पहले चार बार जो आपने चाय वपया है उसके बतान तो धो ल…
ू या
उसी में डाल कर दे दुं ।ू चाय चादहए इन्हें .. इतना चाय पीने के बाद भी आपको डायबबटीज कैसे
नहीुं होता माुं ?
दादी: जो मुंह
ु में आया बोल दे ती है, अरे अभी तो मेरी खेलने कूदने की उम्र है।

मम्मी: हाुं… रहने दीजजए!!! एक भी परू जा बचा नहीुं है जजसका ररपेयररुंग करना बाकी नहीुं है ।
वपछली बार जब बाथरूम में गगरे थे मैंने कहा था इनसे… की इन्हें अस्पताल नहीुं ककसी गैराज
में ले जाओ। यह खचाा, वह खचाा। नया घर, नया टीवी के जो ख्वाब है , वह सारे आपके बीमारी
में चूर-चरू हो रहे हैं। मोती बबुंद ु से लेकर पैर के िोडे तक के चार-चार ऑपरे शन हो चुके हैं। अब
डायबबटीज हुआ तो ददन में 10 बार चाय बनाने से तो कम से कम मेरी छुट्टी ।

दादी: कैसे होगा डायबबटीज ! वैसे भी चाय में शक्कर तू थोडा काम ही डालती है, गलती तेरी
नहीुं है, तेरे घर पर ही सब लोग थोडे… कुंजूस हैं ।

मम्मी: हे भगवान…इनके पेट्रोल से ज्यादा आपके शक्कर पर का खचाा होता है इस घर में।


आपकी चाय के नीचे से शक्कर का एक कारखाना खोल सकती हूुं मैं ।

दादी: एक बडबड करने का कारखाना भी खोल सकती है अरे मैं तो भूल ही गई वह तो तूने पहले
से ही खोल रखा है ।

मम्मी: चाय चादहए ना?

दादी: हाुं… शक्कर… ज्यादा

मम्मी: किर अपनी ज़बान पर लगाम ।

दादी: यही तो बात मुिे भी तुिे बतानी है ।

मम्मी: क्या ?

दादी: बात चाय की है… इसमलए चुप हूुं ।

(एकदम नल बुंद होता है पानी चला जाता है)

मम्मी: अब गचल्लाओ!! अभी तो पानी आया था।

(मम्मी बगल से एक झखडकी खोलती है)

मम्मी: गचऊ की मम्मी… ओ गचऊ की मम्मी !


(अुंदर से एक आदमी की आवाज आती है )

आदमी: हाुं.. बोमलए ना जाधव भाभी… क्या हुआ ?

मम्मी: अरे … वह गचऊ की मम्मी है क्या ?

आदमी: नही ना भाभी जी वह तो बाहर गई है , आने पर बताता हूुं। कोई अजेंट काम है?

मम्मी: हाुं… वह पानी चला गया …आपके यहाुं पर भी चला गया क्या ?

आदमी: यह तो गचऊ की मम्मी आने पर ही पता चल सकता है ।

मम्मी: अरे भैया… एक बार नल चालू करके दे खोगे क्या ?

आदमी: रुककए…1 ममनट

(उनके नल से आवाज आती है )

आदमी: पानी तो आ रहा है ?

मम्मी: किर हमारे नल को क्या हो गया है?

आदमी: ऊपर टुं की में कुछ अटक गया होगा… वॉचमैन को बोलुंू क्या… उसी ने पानी छोडा था ।

मम्मी: आप क्यों तकलीि उठाएुंगे…मैं हमारी सोना को बताती हूुं ।

आदमी: ठीक है! यह आई तो, आपको आवाज़ देने के मलए कहता हूुं।

मम्मी: अब ककस मलए, काम तो हो गया ।

आदमी: किर तो ऐसे ही देने के मलए कहता हूुं ।

(मम्मी बबना कुछ बोले झखडकी बुंद कर दे ती है)

मम्मी: साला ठरकी।

दादी: तू उसके मुंह


ु ही क्यों लगती है ?

(मम्मी चाय गैस पर च़िाती हैं)

मम्मी: अब उसी की झखडकी तो घर के सामने है , और ककससे पूछूुं ?


दादी: और.. भी तो एक झखडकी है ।

मम्मी: उस घर में वह रहती है ।

दादी: वह मतलब… चुडैल है क्या ?

मम्मी: नहीुं… उससे भी भयानक। अकेली लडकी रहती है ददन भर घर पर पैरों पर लैपटॉप लेकर
बैठी रहती है । भगवान ही जाने क्या-क्या करती रहती है।

दादी: अब लैपटॉप पैरों पर रखा है इसका मतलब घर में पानी आता है कक नहीुं यह नहीुं
समिेगा उसे ?

मम्मी: समिा तो भी हम क्यों पछ


ू े भला.. .वह कुछ ठीक नहीुं है।

दादी: क्यों?

मम्मी: न जाने कौन-कौन से लडके आते रहते हैं उसके घर पर…नहीुं बाबा उससे तो दरू ी ही ठीक
है।

दादी: भाई-वाई होंगे ?

मम्मी: आपको बडा पता है, बोल तो ऐसे रहे हो जैसे इस रक्षाबुंधन को आप ही थे उनके यहाुं पर
िोटो झखुंचवाने के मलए ।

(मम्मी चाय की प्याली दादी के हाथ में थमाती हैं)

दादी: कोई भी होगा …हमें उससे क्या ?

मम्मी: मुिे पता है ना… सब लिडे है ।अच्छा हुआ हमारे सोना का कुछ ऐसा नहीुं है ।

दादी: लगता है…तुिे पता नहीुं है अभी तक ।

मम्मी: क्या?

दादी: जाने दे !

मम्मी: सोना का तो कुछ नहीुं है ना वैसा ?

दादी: जाने दे ना… जाने दे !


मम्मी: हैं ?

(एक 2४ साल की लडकी का प्रवेश… यह सोना है मम्मी सोना के पास जाती है और एकदम से
उसका कान पकड लेती है )

मम्मी: कल्मुही…तुिे ज़रा भी शमा नहीुं आई। ऐसा मसखाया था हमने तुिे। इतने सुंस्कार ददए,
इतना प़िया, इतना बडा ककया और तू यह काम करने लग गई है अब ।

सोना: ककया क्या है मैंने ?

मम्मी: ककया क्या है? शमा नहीुं आती बोलते हुए! अगर ति
ु े कोई लडका पसुंद है तो लव मैररज
करना… हमने क्या तुिे मना ककया है। लेककन मुिसे पहले दादी को सब बात बता दी… बरु ा
नहीुं लगेगा मुिे ?

सोना: क्या…मैं …मैंने दादी को कुछ नहीुं बताया ।

(दादी कोने में बैठे मुस्कुरा रही है, मम्मी परे शान होकर ककचन की ओर चली जाती है ।)

मम्मी: आप भी ना माुं ।

सोना: मम्मी, चाय च़िा दो ना…

मम्मी: चाय क्या ? हाुं… च़िाती हूुं रानी सादहबा, यह दासी आपकी सेवा में हाजज़र है ।

सोना: च़िा दो ना मम्मी।

मम्मी: नहीुं बोलना आता है क्या मम्मी को?

दादी: अब उसके मलए च़िा ही रही है , तो मेरे मलए भी थोडा च़िा ही दे ।

मम्मी: जो हाथ में वह तो खत्म कर लो, पहले।

दादी: खत्म हो गया है, यह वाला दध


ू का बनाना ।

मम्मी: भैंस को ही बाुंधकर रखा है ना, यहाुं दरवाजे पर।

सोना: दो ना जल्दी मम्मी ।

(मम्मी एकदम रूकती है )


मम्मी: दे ती हूुं पर पहले मेरा एक काम कर ।

सोना: तूने मेरा काम ककया क्या ?

मम्मी: पहले जा… और नीचे वॉचमैन को पछ


ू पानी चला क्यों गया ?

सोना: तूने मेरा काम ककया क्या ?

मम्मी: तू जा तो मैं चाय च़िाती हूुं।

सोना: लेककन तन
ू े मेरा काम ककया क्या ?

मम्मी: मैं नहीुं पछ


ू सकती तेरे पापा से ऐसा कुछ ।

सोना: क्यों?

मम्मी: उनके ररटायरमेंट के पैसे हैं वह …वह तय करें गे उसका क्या करना है ।

सोना: किर मुिे इतनी इुंजीतनयररुंग कराई है क्यों ?

मम्मी: क्यों मतलब ? अच्छी नौकरी करे गी… अच्छा पैसे वाला लडका ढूुंढेंगी अपने मलए ।

सोना: किर?

मम्मी: किर शादी करे गी, किर बच्चे होंगे, किर बच्चे बडे होंगे ।

सोना: किर ?

मम्मी: किर… किर क्या होता है ?

सोना: किर वह इुंजीतनयर होंगे और मैं उन्हें भी यही बताऊुंगी की नौकरी करो, पैसा कमाओ और
और अच्छा पैसे वाला ढूुंढो ।

मम्मी: और इसके अलावा क्या होता है दस


ू रा ?

सोना: मम्मी, मैं बहुत टै लेंटेड हूुं.. परू े यथ


ू जेनरे शन को अपने हाथों पर नचा सकती हूुं।

(मम्मी, सोना आपस में बात करने लगते हैं)


सोना: मम्मी, अख्खी मसमलकॉन वाली मेरी होने वाली है । मेरा आइडडया ही इतना यतू नक है की
लोग पगला जाएुंगे मम्मी।

सोना: और दे ख ना मम्मी… नौकरी करके मैं ककतनी ही बडी होने वाली हूुं। ज्यादा से ज्यादा
अुंबानी की कुंपनी में सीईओ बन सकती हूुं …लेककन मुिे तो अुंबानी बनने का है ना मम्मी ।

मम्मी: वपछले हफ्ते तो बोल रही थी की जक


ु रबगा बना है। एक बार तय करले कक ति
ु े माका
जक
ु रबगा बना है, स्टीव जॉब्स बना है या अुंबानी ।

सोना: तू बाककयों की मम्मी के जैसे क्यों नहीुं है । बाककयों की मम्मी दे ख उन्हें िेसबक
ु वगैरा
सब नहीुं मालूम ।

मम्मी: मुिे कहाुं पता िेसबक


ु … तेरे पापा हमारी शादी के दहे ज से टीवी ही नहीुं ले पाए तो
मोबाइल क्या लेंगे मेरे मलए। तेरे पास और उनके पास है यह कािी है ।

दादी: दहे ज ददया ही ककतना था वैसे भी तेरे घर पर सब लोग थोडे कुंजूस ही है ।

मम्मी: ओ रहने दीजजए। यह घर अब ककसके पैसे से आया है यह बताने की जरूरत नहीुं प़िनी
चादहए मि
ु े ।

सोना: मम्मी,यह घर तेरे नाम पर है ? तो एक काम कर यह घर भेज दे और मुिे पैसे दे दे ।

मम्मी: पगला गई है क्या? एक तो मेरे नाम पर है नहीुं और अगर होता भी तो तेरे स्टाटाअप के
मलए थोडे ना बेचती ।

सोना: किर बोलना पापा से। उनके ररटायरमेंट के पैसों से हो जाएगा । मुिे मसिा स्टाटा करने के
मलए चादहए किर तो इन्वेस्टर की लाइन लग जाएगी लेककन इतनमशयली तो ककसी ने ट्रस्ट करना
चादहए ना मि
ु पर।

मम्मी: मेरा परू ा ट्रस्ट है तुि पर । लेककन ना मेरे पास पैसे है ना तेरे पापा से माुंगने की
दहम्मत। तू एक काम कर दादी से माुंग ।

(मम्मी सोने के हाथ में चाय थामती है सोना दादी की और मुडती है)
दादी: मेरे पास पैसे होते तो मैं यहाुं बैठी होती… ऋविकेश जाकर एडवेंचर स्पोदटिंग नहीुं करती ।
अ…थोडा ररस्की है, माथेरान सही है ।

मम्मी: यह ऐसा है… करोडों रुपए ममले किर भी हमारी दौड माथेरान तक ही हैं।

सोना: ठीक है मत करो कोई मदद। मुिे भी कुछ घुंटा परवा नहीुं। एक बात याद रखो अगर
मुिे कोई इन्वेस्टर ममल गया और मैं एलोन मस्क बन गई किर मैं ककसी को खडा भी नहीुं
करूुंगी अपने जह
ु ू वाले बुंगले पर ।

(मम्मी और दादी हुंसने लगते हैं । एकदम से दरवाजा खुलता है और एक 27 साल का लडके
प्रवेश करता है यह प्रकाश है। प्रकाश के कुंधे पर एक 55 साल का आदमी है । यह पापा है ।)

पक्या: आराम से आओ… आराम से

(पापा लडते हुए अुंदर आते हैं मम्मी और सोना उनकी और दौडते हैं)

मम्मी: क्या हो गया… क्या हो गया आपको?

सोना: पापा

मम्मी: ओ…यहाुं बैदठये …चोट लगी है क्या?

पापा: अरे कुछ नहीुं हुआ है।

मम्मी: मुिे दे खने दीजजए ।

पापा: बोल तो रहा हूुं, कुछ नहीुं है ।

दादी: कही गगर-पड गया था क्या ?

पापा: अरे माुं …बस चलते-चलते पैर किसल गया तो गगर गया …बाकी कुछ नहीुं ।

मम्मी: रुको मैं पानी लाती हूुं ।

(मम्मी अुंदर की ओर दौडती है)

पापा: पानी रहने दो चाय च़िा दो थोडा… पाक्या ति


ु े रे ?

पक्या: लूुंगा ना… क्यों नहीुं लूुंगा ! आुंटी थोडा शक्कर ज्यादा ।
सोना: मम्मी मि
ु े भी चलेगा थोडा।

दादी: अब सबके मलए कर ही रही है तो…

मम्मी: हाुं हाुं करती हूुं।

(मम्मी चाय बनाने चली जाती है )

सोना: कैसे गगर गए पापा ?

पक्या: वह तो सॉमलड केस हुआ ना एकदम किल्म के माकिक हमारी दक


ु ान के सामने हुआ। एक
कस्टमर आया हुआ था, तो उसको कल रात में चह
ू े ने िाडी हुई जेममनी तेल की थैली गचपका
दी । मुिे क्या मालूम था कक वह उसके हाथ से रास्ते पर ही िट जाएगी…किर क्या िट गई।
पूरे रास्ते पर तेल तेल.. किर स्लो मोशन में जाधव अुंकल आते ददखे। मैं गचलाया जाधव अुंकल
रुक जाओ किसल जाओगे। पर जाधव अुंकल िुल िॉमा में 400 की स्पीड में आगे ब़िने लगे ।
मैं बीच रास्ते में आ गया सारे लोग दे खने लग गए थे लेककन उससे पहले ही जाधव अुंकल का
पैर जैमीनी से जमीन पर आ पहुुंचा । किर हवा में उडे और एक पलटी मार के वपच्चाक सीधा
जमीन पर।

सोना: पापा दख
ु रहा है क्या , दबा के दुं ।ू

दादी: मार मार और मस्का मार ।

सोना: परवाह की वजह से पूछ रही हूुं दादी।

पापा: क्या चादहए इसे अब ?

सोना: कहाुं कुछ ?

मम्मी: आपके ररटायरमेंट के पैसे ।

पापा: क्या ?

सोना: मम्मी… नहीुं हो पापा, ऐसा कुछ भी नहीुं है।

पापा: अरे .. पर वह तेरे ही तो पैसे है ।


(सोना आशा भरी तनगाहों से दे खती रहती है )

सोना: मुिे दोगे क्या किर अब ?

पापा: अभी नहीुं, तेरी शादी के मलए रखने पडेंगे कक नहीुं ।

सोना: पापा शादी नहीुं करनी है ।

पापा: किर?

सोना: स्टाटाअप करना है ।

पापा: क्या करना है ?

पक्या: धुंधा करने का है…बबजनेस ।

(पापा हुंसने लगते हैं मम्मी चाय सबके हाथ में दे ती है )

पापा: पागल है क्या तू!! हम लोग को कहाुं आता है बबजनेस ।

सोना: मुिे समि में आता है पापा, 4 साल यही सीखी हूुं मैं।

पापा: इुंजीतनयररुंग में यह सीखते हैं क्या आजकल ।

पक्या: वह कुंप्यट
ू र में का बबजनेस बोल रही है।

पापा: वह कुछ कहीुं का भी होने दो। साधा ककराना दक


ु ान नहीुं सुंभाला जाता लोगों से। इस
पककया से पूछ चूहे ने िाडी हुई तेल की थैमलया सुंभालने वाली है तू ।

सोना: वह.. वैसा नहीुं है पापा ।

पापा: वह कुछ भी होने दे । नहीुं बेकार के लिडे में क्यों प़िना ? अच्छा खासा चल रहा है
अपना, चलने दो। मैंने मेरे पैसे तेरे धुंधे में डाले तो किर कल खाएुंगे क्या ?

सोना: पेंशन।

पापा: पागल है क्या तू !! तेरी दादी के बीमारी का खचाा, तेरे मम्मी का खचाा, मेरा खचाा कल
को कुछ हो गया तो, हमारा ख्याल करे गा क्या नहीुं कोई ?
सोना: स्टाटाअप से दोगन
ु ा आ जाएगा, दोगन
ु ा क्या 100 गन
ु ा आ जाएगा ।

पापा: गारुंटी है क्या ?

सोना: पापा सबका नसीब खुल जाएगा ।

पापा: गारुंटी है क्या ?

(सोना चुप हो जाती है)

पापा: जो चल रहा है उसे चलने दो, बबना वजह कुछ बडा मत करने जाओ । हम जैसों के
नसीब में, नसीब बदल जाएगा ऐसी बातें नहीुं होती सोना ।

(सोना की आुंख में पानी आ जाता है, पापा अुंदर जाने को होते हैं इस बीच एक आदमी सूट
पहना हुआ प्रवेश करता है)

आदमी: सुंतोि जाधव यहीुं रहते हैं ?

(पापा मुडते हैं)

पापा: हाुं बोमलए ?

आदमी: मैं पसानली आपको थैंक यू कहने के मलए आया हूुं अगर आज आप नहीुं होते तो शायद
हमारे अनुंत सर…anyway …Neeta ma’am ने आपको from the bottom of her heart थैंक यू कहा
है । और आपको यह देने के मलए बोला है । हमारी तरि से आपको यह छोटा सा गगफ्ट …प्लीज
मना मत कीजजए ।

पापा: आनुंद कौन ?

आदमी: आनुंद नहीुं अनुंत… अनुंत अुंबानी और उनकी माताजी नीता अुंबानी।

(सारे blank)

सोना: हमको लगा आपने अुंबानी कहा ?

आदमी: मैंने अुंबानी ही कहा है ।

मम्मी: अुंबानी हमको कई को थैंक यू बोलेंगे ?


आदमी: आपको नहीुं जाधव जी को ।

दादी: अरे पर कायको ?

आदमी: उनके बेटे की जान बचाई ना इन्होंने ।

(सोना, दादी और मम्मी तीनों पापा की और मुडते हैं)

पक्या: मैंने तो पहले ही कहा था अुंकल, कक सच-सच बता दे ते हैं। बबना वजह जैममनी तेल की
थैली का बोलकर हमारी दक
ु ान को बदनाम कर ददया आपने ।

सोना: मतलब पापा किसल कर नहीुं गगरे ।

पक्या: ऐसी िटी तेल की थैली हम दें गे ही कैसे ।

मम्मी: आपने ककया क्या है असल में ?

पापा बाुंद्रा के पुल से जा रहा था, एक ट्रक गुज़रा उसमें से कुछ टपक रहा था। मुिे लगा तेल
है। मैंने सामने जाकर एक पुमलस वाले को बताया। उसे समिा की गाडडयाुं जस्लप हो सकती है
और उसने ट्रै किक रोक ददया । किर भी एक काली गाडी तेजी से आई और मेरे आुंखों के सामने
जस्लप हो गई । आगे पल
ु से टकराई और आधी गाडी लटक रही थी। थोडी दे र बाद गाडी का
एक दरवाजा खुला और उससे एक आदमी लटक रहा था, मैंने िट से अपना हाथ ददया। उसका
हाथ छूट गया था लेककन मैं िट से पकड मलया । ऊपर की ओर खीुंचा तो वह मेरे ऊपर ही
आकर गगरा । उसके पीठ पर और पैर पर चोट लगी थी। वह मुिे थैंक यू थैंक यू कहने लगा।
पीछे से यह पक्या जाधव अुंकल गचल्लाने लगा । दोबारा मुडकर दे खा तब तक यह गायब। किर
क्या वापस घर आ गया ।

आदमी: सॉरी, पर हमारे अनुंत सर को पजब्लक िोबबया है वह ऐसे रुकते नहीुं है।

सोना: मतलब पापा ने जजसको बचाया वह अनुंत अुंबानी था ।

आदमी: हाुं वही तो मैं कह रहा हूुं ।

सोना: अनुंत अुंबानी… मतलब वह मुकेश और नीता अुंबानी का लडका अनुंत ?, जो मोटा है ।

पक्या: सोना… अब वह मोटा नहीुं रहा ।


सोना: लेककन सच में वही था ?

मम्मी: मतलब आप अुंबानी के यहाुं से आए हो ?

आदमी: जी

(सब हुंसने लग जाते हैं और घर पर भाग दौड शुरू हो जाती है ।)

मम्मी: अरे आईये ना ।

सोना: इधर को बैदठये।

(सब एक साथ बात करने लग जाते हैं)

पापा: शाुंत… शाुंत हो जाओ सब ।

(मम्मी पानी लेने अुंदर चली जाती हैं)

पापा: पानी छोडो, चाय च़िाव जल्दी से ।

पक्या: हाुं…आुंटी मस्त मीठी बनाओ एकदम ।

सोना: मम्मी, पापा को भी चादहए चाय और मि


ु े भी ।

दादी: मेरे मलए भी बता दे ती ना ।

मम्मी: सबके मलए बनाती हूुं।

आदमी: अरे रहने दीजजए ।

सोना: अरे ऐसे कैसे ? ऐसे नहीुं चलता हमारे घर पर…जो पहली बार हमारे यहाुं आता है उसको
खाली पेट नहीुं भेजते हम।

पक्या: हाुं यही है जाधव घर की प्रथा । प्रथा, प्रततष्ठा, अनुशासन। वह बच्चन जी का डायलॉग है
ना। आप तो जानते होंगे ना अममताभ बच्चन को।

आदमी: जी मैं नहीुं जानता, मेरे सर जानते हैं उन्हें ।


पक्या: पर ऐसे कभी-कभी ममले होंगे ना आप। बच्चन की कभी भाजी लेने को आए होंगे तो बात
हुई होगी ना। आप हमारे बॉस के फ्रेंड है है…

आदमी: नहीुं ।

सोना: ऐ…पक्या उनको परे शान मत कर। किर मक


ु े श जी मुकेश सर कोई बबज़नेस अपॉचुातनटी
दे ख रहे हैं क्या ? मेरा मतलब है ककसी स्टाटाअप के मलए कोई आईडडया वगैरह कुछ ।

आदमी: वह नहीुं पता ।

सोना: लेककन उनके कोई इन्वेस्टमेंट प्लान तो होंगे ना ?

आदमी: हाुं होंगे!!! लेककन वह हमें बताते नहीुं है ।

दादी: अकेले आए आप ?

आदमी: हाुं ।

दादी: उनके लडके को बचाया मेरे लडके ने, वह नहीुं आई?

आदमी: मक
ु े श सर बबजी थे और नीता मैम दब
ु ई में है ।

पक्या: काय कु ?

आदमी: आईपीएल चल रहा है ना ।

पक्या: चामाईला… MI, RCB मैच है ना आज, वह होगी वहाुं ।

सोना: तेरे मोबाइल पर ददखेगा ना, लगा.. लगा ।

(पक्या मोबाइल पर मैच लगता है घर के सारे लोग मोबाइल पर टूट पडते हैं)

पक्या: रोदहत शमाा खेल रहा है ।

(Commentary में सुनाई दे रहा है कक रोदहत शमाा ने छक्का मारा पूरा स्टे डडयम गूुंज रहा है
लेककन यह सब लोग शाुंत है किर नीता अुंबानी का चेहरा ददखता है)

पक्या: यह दे खो…यह दे खो नीता अुंबानी नाच रही है ।


(सब उछलने लगते हैं)

दादी: बेटा मरते मरते बचा और यह नाच कैसे रही है ?

पक्या: अरे वह कहीुं बाजू में गई और जब से िोन तनकाला । ककसी को तो िोन लगा रही है।

(अचानक आदमी का िोन बजने लगता है)

सोना: नीता अुंबानी का िोन आया है हमारे घर पर ।

(आदमी जब से िोन बाहर तनकलता है )

आदमी: मेरे बीवी का िोन है ।

(आदमी िोन उठाता है )

आदमी: हाुं मैं आता हूुं घर पर , अभी काम के वजह से बाहर आया हूुं।

मम्मी: आप एुंटीना पर रहते हैं क्या ?

सोना: एुंटीना नहीुं मम्मी, अुंबानी जी के घर का नाम अुंटीला है ।

आदमी: एुंटीला… एक्चअ


ु ली ।

दादी: आप उनके कौन लगते हो?

आदमी: जी मैं अनुंत सर का ड्राइवर हूुं ।

(सबका मूड ऑि हो जाता है)

आदमी: लेककन मैं आपके मलए एक गगफ्ट लेकर आया हूुं ।

(सारे लोग किर खुश हो जाते हैं आदमी अपनी जेब में हाथ डालता है सब उसकी और उत्साह
भरी तनगाहों से दे खते हैं। वह एक मलिािा जब से तनकलता है और उसे पापा के हाथ में थमाता
है। मम्मी इशारे में पूछ रही है सबकी नज़रें मलिािे पर है।)

मम्मी: ग्रीदटुंग काडा है क्या ?

दादी: बाबा, बेटे की जान बचाने पर मसिा काडा ददया है ।


पापा: काडा नहीुं चेक ददया है ।

सोना: चेक ? ककतने का ?

(पापा कुछ नहीुं बोलते)

मम्मी: ककतना का है?

आदमी: अमाउुं ट आपको भरना है ।

(सारे shock में है)

सोना: bla… blank… blank चेक ददया है।

पापा: हाुं।

आदमी: उनके बेटे की जान बचाई है अपने, आप जो रक्कम बोलेंगे वह रक्कम आपकी ।

(सब लोग उसे आदमी की ओर दे खते हैं किर सोना मम्मी और दादी खुशी से उछलने लगते हैं।
पक्या भी उनमें शाममल हो जाता है लेककन पापा शाुंत बैठे हैं और सारे लोग पागलों की तरह
नाच रहे हैं)

सोना: ककतना पैसा माुंगने का?

दादी: सौ हजार रुपए माुंग ।

(सब लोग दादी की ओर दे खते हैं)

मम्मी: हजार के ऊपर भी रुपए होते हैं मालूम है क्या ?

दादी: तू बताना किर ऊपर के पैसे, इतना पता है तो ।

मम्मी: 1 करोड डॉलसा माुंगते हैं ।

सोना: मम्मी भारत में डॉलर ?

पक्या: और $1 मतलब 80 रुपए। एक करोड डॉलर के 80 करोड रुपए आएुंगे मसिा इतनी
चादहए क्या ?
आदमी: कृपया रुक जाइये चेक पर सुंतोि जाधव का नाम मलखा है तो यह डडसाइड करें गे की
ककतना पैसा चादहए ।

(सारे एक साथ पापा के पास आते हैं)

सोना: पापा, मेरा स्टाटाअप साल भर नहीुं 5 साल अच्छे से चले इतना पैसा माुंगो ।

मम्मी: हमारे मलए नया टीवी और अच्छा नया घर, िनीचर के साथ आ जाए इतना पैसा माुंगो

दादी: मैं 2 महीने आराम से माथेरान घम


ू कर आऊुं इतना पैसा माुंग ले ।

पक्या: अुंकल, माय हीरो बनके चार किल्में करूुं इतना पैसा माुंग लो ।

(सब लोग पापा की ओर दे खते हैं पापा आदमी की ओर जाते है)

पापा: यह लीजजए और अपने सर को बोल दीजजए हमें इसकी जरूरत नहीुं है ।

सोना: क्या ?

(पापा चेक आदमी के हाथ में थमा दे ते हैं)

मम्मी: अरे सतु नए…आप यह क्या कर रहे हैं ?

पक्या: अुंकल लक्ष्मी को ऐसे नहीुं, नहीुं बोलने का !

दादी: सुंतोि बेटा अरे …

पापा: माुं रुक जा…यह कोई मेरे कमाएुं हुए पैसे नहीुं है और ना ही हम में से ककसी ने कमाये
हुए हैं, किर हमें इसकी क्या जरूरत ?

सोना: क्या जरूरत है मतलब ? उनके पास ज्यादा हो रहे हैं इसमलए वह हमें दे रहे हैं ।

पापा: सोना ।

सोना: हाुं किर…. ककतने हजार करोड की प्रॉपटी है मालूम है क्या ररलायुंस । हमने ककतना भी
पैसा माुंगा तो भी उनका कोई िका नहीुं पडेगा। अपने चेक पर words में पैसे मलखने को हमें
नहीुं होगा.. किर भी उतने पैसे दें गे वह।
मम्मी: और िोकट तो नहीुं माुंग रहे हैं, उनके बेटे की जान की कीमत हैं वह।

पाप: मैंने यह दे खकर थोडी ही उसकी जान बचाई थी कक वह अुंबानी का लडका है । अब क्या
इुंसातनयत के भी पैसे लेने लगें गे हम लोग तो कैसे चलेगा ।

पक्या: अुंकल अपने इुंसातनयत के नाते ही उसकी जान बचाई थी । अब उसका मुआवजा ममल
रहा है, आप इतना पैसा माुंगो कक थोडा मेरे मलए भी बच जाए ।

सोना: पैसे हमारे घर की है और हमारे घर पर ही रहें गे तेरा उससे क्या सुंबुंध ?

पक्या: मैंने वहाुं उसे पल


ु पर गचल्लाया था सुंतोि जाधव तब जाकर उनको इनका नाम पता
चला और किर मैंने इन्हें काुंधे का सहारा देकर यहाुं तक लेकर आया तो किर मेरे इुंसातनयत का
मुआवजा मुिे ममलना चादहए ना।

मम्मी: ओ…जी इस पक्या को 5000 देकर यहाुं से भगाओ ।

पक्या: 5000 ? आुंटी, मुिे 5000 करोड चादहए और आप इसमें मत पद़िए, आप अपना चाय
बनाइये ।

मम्मी: अब चाय-वाय कुछ नहीुं ममलेगी ।

दादी: मेरे माथेरान के दट्रप के मलए पैसे अलग से तनकाल कर रखो रे । बाकी मुिे कुछ नहीुं
चादहए ।

सोना: रुक जाओ!!! यहाुं सबसे ज्यादा जरूरत पैसों की मुिे है। मैं सबसे पहले से बोल रही हूुं
कक मुिे अपने स्टाटाअप के मलए पैसे चादहए ।

मम्मी: मैं वपछले 25 सालों से गचल्ला रही हूुं कक घर पर टीवी चादहए । गचऊ कक मम्मी के घर
जाना पडता है टीवी दे खने के मलए और वह गचऊ के पापा, बहुत ठरकी आदमी है वह । मि
ु े
बबल्कुल अच्छा नहीुं लगता।

सोना: मम्मी, अब तू अपने बच्ची के ख्वाबों के आडे आने वाली है क्या ?


मम्मी: जजुंदगी भर तम्
ु हारे ही ख्वाब परू े करते आई हूुं। अब जाकर मेरा कुछ हो रहा है तो मि
ु े
करने दे । आपको माुंगने हैं तो माुंगीये, नहीुं तो मुिे दे दीजजए। मैं जजतना चादहए उतना माुंग
लूुंगी और हम कहीुं दस
ू री जगह रहने चले जाएुंगे ।

पापा: मैं यहाुं से कहीुं नहीुं जाने वाला ।

मम्मी: किर मैं ले लेती हूुं पैसे और अपनी अकेली रहती हूुं वह सामने वाली लडकी के जैसे ।

दादी: हे भगवान!!! किर तू भी लडकों को बल


ु ाएुंगी क्या घर पर ?

मम्मी: अकेली रहूुंगी मतलब लडकों को बल


ु ाऊुंगी ऐसा जरूरी होता है क्या ?

दादी: उस लडकी के बारे में तो तूने ऐसे ही बोला था ।

सोना: कौन लडकी ? मुिे मेरा कैररयर बनाना है ।

पक्या: मुिे भी !! आुंटी, चाय बन गया क्या ?

मम्मी: मैंने जजुंदगी भर मसिा सहा है । अब मैं कुछ नहीुं करने वाली । पहले तो एक 10 लीटर
दध
ू देने वाली भैंस, मैसरू में चाय का एक ठे का और एक शक्कर का कारखाना खरीद दो ।

दादी: किर तो भी कम पानी वाला चाय बनाना, बाई।

मम्मी: पानी डालूुंगी ही नहीुं, मसिा दध


ू का ही बनाऊुंगी। और मैं क्यों करूुं । एक औरत रख
लेंगे चाय बनाने के मलए, बतान धोने के मलए और खाना बनाने के मलए। और एक छोटी बच्ची
भी रख लेंगे, जब पानी चला जाएगा, तो दौडकर वॉचमैन से क्या हुआ पूछने के मलए ।

सोना: हाुं…बच्चे खरीद लो और जो करना है करो, लेककन मेरा जो बबल गेट्स बनने का सपना है
उसे पहले पूरा करो ।

मम्मी: 6 महीने पहले कॉलेज के सेंड ऑि में जब गाना गया था तब तो ति


ु े जजस्टन बीबर
बनना था।

पापा: बीभर? अब यह कौन सा नया बबजनेस है ?

मम्मी: मसुंगर बनना था उसे ।


पापा: बीभर क्या? स्टाटाअक क्या ? इन लोगों की तो भािा ही समि में नहीुं आती मि
ु े।

पक्या:मेरा समि में आया ना अुंकल, मेरा एकदम मसुंपल है, मुिे शाहरुख खान बनना है ।

दादी: मेरा माथेरान होगा ना रे ?

पापा: चुप हो जाओ सारे । कोई पैसा वैसा नहीुं ममलने वाला है । कभी पैसा दे खा ही नहीुं ऐसा
करने लग गए हैं।

सोना: क्योंकक कभी दे खा ही नहीुं है ना, अभी ₹500 भी नहीुं होंगे मेरे पास ।

मम्मी: मेरे पास भी।

दादी: मेरे पास तो 50 भी नहीुं होंगे।

पक्या: मेरे पास भी।

पापा: ककसी को कुछ भी नहीुं ममलने वाला है। घर पर कोई आया है उसके सामने तुम लोग
मभखाररयों की तरह मुिे यह चादहए, मुिे वह चादहए कर रहे हो…शमा आती है कक नहीुं और वह
चेक लाओ, मैं उसे िाड देता हूुं।

(पापा आदमी के हाथ से चेक लेते हैं सारे घर में अिरा तिरी तछड जाती है ।आदमी एक बाजू
हो जाता है, पापा बीच में आ जाते हैं और सारे घर वाले उन्हें घेर लेते हैं इसी अिरा तिरी में
पापा जमीन पर गगर जाते हैं। दादी उनके छाती पर पैर देकर च़ि जाती है पापा के सीने में ददा
होने लगता है, सब लोग किर पापा की ओर आते हैं)

आदमी: अरे जरा तो ख्याल रखो अपने आदमी का ।

(पक्या पापा को उठाने लगता है )

आदमी: यहाुं आस-पास कोई हॉजस्पटल है ?

(कोई कुछ नहीुं बोलता)

आदमी: यहाुं आस-पास कोई हॉजस्प…

पक्या: हाुं.. हाुं है, यहाुं बगल में हैं चलो चलते हैं ।
(आदमी और पक्या पापा को उठा कर ले जाते हैं शाुंतत िैल जाती है । कोई ककसी से बात नहीुं
करता मम्मी जाकर गैस बुंद कर दे ते हैं।)

मम्मी: चाय में ज्यादा ही उबाल आ गई है।

सोना: मम्मी… पापा को कुछ हो गया तो…

मम्मी: पागल है क्या सोना तू ? कुछ भी क्या बोलती है..

सोना: उनको कुछ हो गया तो पैसे… चेक तो उनके नाम पर ही हैं ना ।

(इस पर क्या बोलना है , मम्मी को कुछ समि में नहीुं आता)

दादी: सोना कुछ नहीुं होगा पापा को सब ठीक हो जाएगा तेरे स्टाटा र का भी होगा ।

सोना: बहुत पैसे है मम्मी… स्टाटाअप भी शुरू करें गे, घर भी लेंगे और दादी को माथेरान भी
भेजेंगे और ककसी का भला करनाही है तो, पक्या को एक्टर भी बनाएुंगे । बहुत पैसे हैं।

मम्मी: टीवी ?

सोना: चार लेंगे चार ।

(पक्या दौडते हुए अुंदर आता है)

पक्या: वह छाती में बहुत चोट लगा है अुंदर से…. कुछ टे स्ट वगैरा करना पडेगा । डॉक्टर बोल
रहा है 1200 रूपये लगें गे ।

मम्मी: 1200 तो नहीुं है ।

पक्या: जल्दी चादहए…अजेंट में… अुंकल तडप रहे हैं ।

दादी: ककसी के पास माुंग के दे खेगा क्या ?

पक्या: अुंबानी का आदमी जा रहा है । उसको चेक के बारे में क्या बताने का और तो अभी समि
में नहीुं आ रहा ककससे माुंगू ?

सोना: अरे … करना कुछ तो जल्दी से…

मम्मी: अ…. मैं दे खती हूुं ।


(मम्मी झखडकी खोलती हैं)

मम्मी: गचऊ की मम्मी….ओ गचऊ की मम्मी…

झखडकी से आदमी: हाुं बोमलए ना भाभी…

मम्मी: गचऊ की मम्मी हैं क्या?

झखडकी से आदमी: नहीुं ना…

मम्मी: अुं…भैया कुछ पैसे चादहए थे… अजेंट में… इन्हें एडममट ककया है…

झखडकी से आदमी: अुं…. गचऊ की मम्मी आई तो बताता हूुं उसे।

(शाुंतत)

सोना: क्या हुआ ?

मम्मी: अुं…अब…

पक्या: आुंटी एक ऑप्शन है …

मम्मी: क्या?

(शाुंतत)

पक्या: डॉक्टर को चेक चलेगा क्या पछ


ू ता हूुं अभी के मलए तो तनपट जाएगा ।

मम्मी: और आगे की Tests..?

पक्या: अुंकल के ररटायरमेंट के पैसों से हो जाएगा कुछ मैनज


े और किर तब तक कुछ पैसों का
जुगाड भी कर लेंगे। अभी हाथ में जो है उससे…

(पूरे घर में शाुंतत िैल जाती है, कोई कुछ नहीुं बोलता)

पक्या: कोई कुछ नहीुं बोल रहा है इसका मतलब मैं हाुं समिता हूुं और आता हूुं मैं ।

(पक्या चला जाता है, सोना जोर-जोर से रोने लगती है)


CURTAIN

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