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Ubaal
Ubaal
लेखक: _
अनुवाद: ववजयरत्न
(मुुंबई में एक छोटा सा घर ददखता है । म्हाडा के जैसे छोटे घर होते हैं उस तरह का । एक छोटा
खोली है ,एक कोने में छोटा सा स्पेस है, और ककचन जैसी जगह बनाई है । एक बाजू से बाहर
जाने का रास्ता है । एक दस
ू री बाजू में पदाा है जहाुं से दस
ू रे थोडी जगह होगी ।
मम्मी: ददन भर घर में झिक-झिक, झिक-झिक। शाुंतत तो जैसे इस घर में कभी पैदा ही नहीुं हुई
और अगर हो भी जाती तो दटक नहीुं पाती । कोई भी आता है मेरे सर के पास आकर गुनगुन
करने लगता है । नमा यह कर, मम्मी वह कर । कभी तो ख्याल आता है कक सारे काम
तनपटाकर कोई सीररयल दे खने जाऊुं तो कोई ना कोई कट-कट रहती ही है। शेयर माकेट गगरता
है वैसे ही रोज के रोज बतान गगरे पडे रहते हैं। कम से कम बतान का इस्तेमाल हो यह सोचती
हूुं, लेककन किर भी रोज़ ही यह पहाड खडा रहता है। जान जाएगी मेरी तभी शायद छुटकारा
ममलेगा । बस बैठे-बैठे ऑडार िाडने में ककसी के बाप का क्या जाता यहाुं ।
मम्मी: हाुं च़िाती हूुं ना, पहले चार बार जो आपने चाय वपया है उसके बतान तो धो ल…
ू या
उसी में डाल कर दे दुं ।ू चाय चादहए इन्हें .. इतना चाय पीने के बाद भी आपको डायबबटीज कैसे
नहीुं होता माुं ?
दादी: जो मुंह
ु में आया बोल दे ती है, अरे अभी तो मेरी खेलने कूदने की उम्र है।
मम्मी: हाुं… रहने दीजजए!!! एक भी परू जा बचा नहीुं है जजसका ररपेयररुंग करना बाकी नहीुं है ।
वपछली बार जब बाथरूम में गगरे थे मैंने कहा था इनसे… की इन्हें अस्पताल नहीुं ककसी गैराज
में ले जाओ। यह खचाा, वह खचाा। नया घर, नया टीवी के जो ख्वाब है , वह सारे आपके बीमारी
में चूर-चरू हो रहे हैं। मोती बबुंद ु से लेकर पैर के िोडे तक के चार-चार ऑपरे शन हो चुके हैं। अब
डायबबटीज हुआ तो ददन में 10 बार चाय बनाने से तो कम से कम मेरी छुट्टी ।
दादी: कैसे होगा डायबबटीज ! वैसे भी चाय में शक्कर तू थोडा काम ही डालती है, गलती तेरी
नहीुं है, तेरे घर पर ही सब लोग थोडे… कुंजूस हैं ।
दादी: एक बडबड करने का कारखाना भी खोल सकती है अरे मैं तो भूल ही गई वह तो तूने पहले
से ही खोल रखा है ।
मम्मी: क्या ?
आदमी: नही ना भाभी जी वह तो बाहर गई है , आने पर बताता हूुं। कोई अजेंट काम है?
मम्मी: हाुं… वह पानी चला गया …आपके यहाुं पर भी चला गया क्या ?
आदमी: ऊपर टुं की में कुछ अटक गया होगा… वॉचमैन को बोलुंू क्या… उसी ने पानी छोडा था ।
आदमी: ठीक है! यह आई तो, आपको आवाज़ देने के मलए कहता हूुं।
मम्मी: नहीुं… उससे भी भयानक। अकेली लडकी रहती है ददन भर घर पर पैरों पर लैपटॉप लेकर
बैठी रहती है । भगवान ही जाने क्या-क्या करती रहती है।
दादी: अब लैपटॉप पैरों पर रखा है इसका मतलब घर में पानी आता है कक नहीुं यह नहीुं
समिेगा उसे ?
दादी: क्यों?
मम्मी: न जाने कौन-कौन से लडके आते रहते हैं उसके घर पर…नहीुं बाबा उससे तो दरू ी ही ठीक
है।
मम्मी: आपको बडा पता है, बोल तो ऐसे रहे हो जैसे इस रक्षाबुंधन को आप ही थे उनके यहाुं पर
िोटो झखुंचवाने के मलए ।
मम्मी: मुिे पता है ना… सब लिडे है ।अच्छा हुआ हमारे सोना का कुछ ऐसा नहीुं है ।
मम्मी: क्या?
दादी: जाने दे !
(एक 2४ साल की लडकी का प्रवेश… यह सोना है मम्मी सोना के पास जाती है और एकदम से
उसका कान पकड लेती है )
मम्मी: कल्मुही…तुिे ज़रा भी शमा नहीुं आई। ऐसा मसखाया था हमने तुिे। इतने सुंस्कार ददए,
इतना प़िया, इतना बडा ककया और तू यह काम करने लग गई है अब ।
मम्मी: ककया क्या है? शमा नहीुं आती बोलते हुए! अगर ति
ु े कोई लडका पसुंद है तो लव मैररज
करना… हमने क्या तुिे मना ककया है। लेककन मुिसे पहले दादी को सब बात बता दी… बरु ा
नहीुं लगेगा मुिे ?
(दादी कोने में बैठे मुस्कुरा रही है, मम्मी परे शान होकर ककचन की ओर चली जाती है ।)
मम्मी: आप भी ना माुं ।
मम्मी: चाय क्या ? हाुं… च़िाती हूुं रानी सादहबा, यह दासी आपकी सेवा में हाजज़र है ।
सोना: लेककन तन
ू े मेरा काम ककया क्या ?
सोना: क्यों?
मम्मी: उनके ररटायरमेंट के पैसे हैं वह …वह तय करें गे उसका क्या करना है ।
मम्मी: क्यों मतलब ? अच्छी नौकरी करे गी… अच्छा पैसे वाला लडका ढूुंढेंगी अपने मलए ।
सोना: किर?
मम्मी: किर शादी करे गी, किर बच्चे होंगे, किर बच्चे बडे होंगे ।
सोना: किर ?
सोना: किर वह इुंजीतनयर होंगे और मैं उन्हें भी यही बताऊुंगी की नौकरी करो, पैसा कमाओ और
और अच्छा पैसे वाला ढूुंढो ।
सोना: और दे ख ना मम्मी… नौकरी करके मैं ककतनी ही बडी होने वाली हूुं। ज्यादा से ज्यादा
अुंबानी की कुंपनी में सीईओ बन सकती हूुं …लेककन मुिे तो अुंबानी बनने का है ना मम्मी ।
सोना: तू बाककयों की मम्मी के जैसे क्यों नहीुं है । बाककयों की मम्मी दे ख उन्हें िेसबक
ु वगैरा
सब नहीुं मालूम ।
मम्मी: ओ रहने दीजजए। यह घर अब ककसके पैसे से आया है यह बताने की जरूरत नहीुं प़िनी
चादहए मि
ु े ।
मम्मी: पगला गई है क्या? एक तो मेरे नाम पर है नहीुं और अगर होता भी तो तेरे स्टाटाअप के
मलए थोडे ना बेचती ।
सोना: किर बोलना पापा से। उनके ररटायरमेंट के पैसों से हो जाएगा । मुिे मसिा स्टाटा करने के
मलए चादहए किर तो इन्वेस्टर की लाइन लग जाएगी लेककन इतनमशयली तो ककसी ने ट्रस्ट करना
चादहए ना मि
ु पर।
मम्मी: मेरा परू ा ट्रस्ट है तुि पर । लेककन ना मेरे पास पैसे है ना तेरे पापा से माुंगने की
दहम्मत। तू एक काम कर दादी से माुंग ।
(मम्मी सोने के हाथ में चाय थामती है सोना दादी की और मुडती है)
दादी: मेरे पास पैसे होते तो मैं यहाुं बैठी होती… ऋविकेश जाकर एडवेंचर स्पोदटिंग नहीुं करती ।
अ…थोडा ररस्की है, माथेरान सही है ।
मम्मी: यह ऐसा है… करोडों रुपए ममले किर भी हमारी दौड माथेरान तक ही हैं।
सोना: ठीक है मत करो कोई मदद। मुिे भी कुछ घुंटा परवा नहीुं। एक बात याद रखो अगर
मुिे कोई इन्वेस्टर ममल गया और मैं एलोन मस्क बन गई किर मैं ककसी को खडा भी नहीुं
करूुंगी अपने जह
ु ू वाले बुंगले पर ।
(मम्मी और दादी हुंसने लगते हैं । एकदम से दरवाजा खुलता है और एक 27 साल का लडके
प्रवेश करता है यह प्रकाश है। प्रकाश के कुंधे पर एक 55 साल का आदमी है । यह पापा है ।)
(पापा लडते हुए अुंदर आते हैं मम्मी और सोना उनकी और दौडते हैं)
सोना: पापा
पापा: अरे माुं …बस चलते-चलते पैर किसल गया तो गगर गया …बाकी कुछ नहीुं ।
पक्या: लूुंगा ना… क्यों नहीुं लूुंगा ! आुंटी थोडा शक्कर ज्यादा ।
सोना: मम्मी मि
ु े भी चलेगा थोडा।
सोना: पापा दख
ु रहा है क्या , दबा के दुं ।ू
पापा: क्या ?
पापा: किर?
सोना: मुिे समि में आता है पापा, 4 साल यही सीखी हूुं मैं।
पक्या: वह कुंप्यट
ू र में का बबजनेस बोल रही है।
पापा: वह कुछ भी होने दे । नहीुं बेकार के लिडे में क्यों प़िना ? अच्छा खासा चल रहा है
अपना, चलने दो। मैंने मेरे पैसे तेरे धुंधे में डाले तो किर कल खाएुंगे क्या ?
सोना: पेंशन।
पापा: पागल है क्या तू !! तेरी दादी के बीमारी का खचाा, तेरे मम्मी का खचाा, मेरा खचाा कल
को कुछ हो गया तो, हमारा ख्याल करे गा क्या नहीुं कोई ?
सोना: स्टाटाअप से दोगन
ु ा आ जाएगा, दोगन
ु ा क्या 100 गन
ु ा आ जाएगा ।
पापा: जो चल रहा है उसे चलने दो, बबना वजह कुछ बडा मत करने जाओ । हम जैसों के
नसीब में, नसीब बदल जाएगा ऐसी बातें नहीुं होती सोना ।
(सोना की आुंख में पानी आ जाता है, पापा अुंदर जाने को होते हैं इस बीच एक आदमी सूट
पहना हुआ प्रवेश करता है)
आदमी: मैं पसानली आपको थैंक यू कहने के मलए आया हूुं अगर आज आप नहीुं होते तो शायद
हमारे अनुंत सर…anyway …Neeta ma’am ने आपको from the bottom of her heart थैंक यू कहा
है । और आपको यह देने के मलए बोला है । हमारी तरि से आपको यह छोटा सा गगफ्ट …प्लीज
मना मत कीजजए ।
आदमी: आनुंद नहीुं अनुंत… अनुंत अुंबानी और उनकी माताजी नीता अुंबानी।
(सारे blank)
पक्या: मैंने तो पहले ही कहा था अुंकल, कक सच-सच बता दे ते हैं। बबना वजह जैममनी तेल की
थैली का बोलकर हमारी दक
ु ान को बदनाम कर ददया आपने ।
पापा बाुंद्रा के पुल से जा रहा था, एक ट्रक गुज़रा उसमें से कुछ टपक रहा था। मुिे लगा तेल
है। मैंने सामने जाकर एक पुमलस वाले को बताया। उसे समिा की गाडडयाुं जस्लप हो सकती है
और उसने ट्रै किक रोक ददया । किर भी एक काली गाडी तेजी से आई और मेरे आुंखों के सामने
जस्लप हो गई । आगे पल
ु से टकराई और आधी गाडी लटक रही थी। थोडी दे र बाद गाडी का
एक दरवाजा खुला और उससे एक आदमी लटक रहा था, मैंने िट से अपना हाथ ददया। उसका
हाथ छूट गया था लेककन मैं िट से पकड मलया । ऊपर की ओर खीुंचा तो वह मेरे ऊपर ही
आकर गगरा । उसके पीठ पर और पैर पर चोट लगी थी। वह मुिे थैंक यू थैंक यू कहने लगा।
पीछे से यह पक्या जाधव अुंकल गचल्लाने लगा । दोबारा मुडकर दे खा तब तक यह गायब। किर
क्या वापस घर आ गया ।
आदमी: सॉरी, पर हमारे अनुंत सर को पजब्लक िोबबया है वह ऐसे रुकते नहीुं है।
सोना: अनुंत अुंबानी… मतलब वह मुकेश और नीता अुंबानी का लडका अनुंत ?, जो मोटा है ।
आदमी: जी
सोना: अरे ऐसे कैसे ? ऐसे नहीुं चलता हमारे घर पर…जो पहली बार हमारे यहाुं आता है उसको
खाली पेट नहीुं भेजते हम।
पक्या: हाुं यही है जाधव घर की प्रथा । प्रथा, प्रततष्ठा, अनुशासन। वह बच्चन जी का डायलॉग है
ना। आप तो जानते होंगे ना अममताभ बच्चन को।
आदमी: नहीुं ।
दादी: अकेले आए आप ?
आदमी: हाुं ।
आदमी: मक
ु े श सर बबजी थे और नीता मैम दब
ु ई में है ।
पक्या: काय कु ?
(पक्या मोबाइल पर मैच लगता है घर के सारे लोग मोबाइल पर टूट पडते हैं)
(Commentary में सुनाई दे रहा है कक रोदहत शमाा ने छक्का मारा पूरा स्टे डडयम गूुंज रहा है
लेककन यह सब लोग शाुंत है किर नीता अुंबानी का चेहरा ददखता है)
पक्या: अरे वह कहीुं बाजू में गई और जब से िोन तनकाला । ककसी को तो िोन लगा रही है।
आदमी: हाुं मैं आता हूुं घर पर , अभी काम के वजह से बाहर आया हूुं।
(सारे लोग किर खुश हो जाते हैं आदमी अपनी जेब में हाथ डालता है सब उसकी और उत्साह
भरी तनगाहों से दे खते हैं। वह एक मलिािा जब से तनकलता है और उसे पापा के हाथ में थमाता
है। मम्मी इशारे में पूछ रही है सबकी नज़रें मलिािे पर है।)
पापा: हाुं।
आदमी: उनके बेटे की जान बचाई है अपने, आप जो रक्कम बोलेंगे वह रक्कम आपकी ।
(सब लोग उसे आदमी की ओर दे खते हैं किर सोना मम्मी और दादी खुशी से उछलने लगते हैं।
पक्या भी उनमें शाममल हो जाता है लेककन पापा शाुंत बैठे हैं और सारे लोग पागलों की तरह
नाच रहे हैं)
पक्या: और $1 मतलब 80 रुपए। एक करोड डॉलर के 80 करोड रुपए आएुंगे मसिा इतनी
चादहए क्या ?
आदमी: कृपया रुक जाइये चेक पर सुंतोि जाधव का नाम मलखा है तो यह डडसाइड करें गे की
ककतना पैसा चादहए ।
सोना: पापा, मेरा स्टाटाअप साल भर नहीुं 5 साल अच्छे से चले इतना पैसा माुंगो ।
मम्मी: हमारे मलए नया टीवी और अच्छा नया घर, िनीचर के साथ आ जाए इतना पैसा माुंगो
।
पक्या: अुंकल, माय हीरो बनके चार किल्में करूुं इतना पैसा माुंग लो ।
सोना: क्या ?
पापा: माुं रुक जा…यह कोई मेरे कमाएुं हुए पैसे नहीुं है और ना ही हम में से ककसी ने कमाये
हुए हैं, किर हमें इसकी क्या जरूरत ?
सोना: क्या जरूरत है मतलब ? उनके पास ज्यादा हो रहे हैं इसमलए वह हमें दे रहे हैं ।
पापा: सोना ।
सोना: हाुं किर…. ककतने हजार करोड की प्रॉपटी है मालूम है क्या ररलायुंस । हमने ककतना भी
पैसा माुंगा तो भी उनका कोई िका नहीुं पडेगा। अपने चेक पर words में पैसे मलखने को हमें
नहीुं होगा.. किर भी उतने पैसे दें गे वह।
मम्मी: और िोकट तो नहीुं माुंग रहे हैं, उनके बेटे की जान की कीमत हैं वह।
पाप: मैंने यह दे खकर थोडी ही उसकी जान बचाई थी कक वह अुंबानी का लडका है । अब क्या
इुंसातनयत के भी पैसे लेने लगें गे हम लोग तो कैसे चलेगा ।
पक्या: अुंकल अपने इुंसातनयत के नाते ही उसकी जान बचाई थी । अब उसका मुआवजा ममल
रहा है, आप इतना पैसा माुंगो कक थोडा मेरे मलए भी बच जाए ।
पक्या: 5000 ? आुंटी, मुिे 5000 करोड चादहए और आप इसमें मत पद़िए, आप अपना चाय
बनाइये ।
दादी: मेरे माथेरान के दट्रप के मलए पैसे अलग से तनकाल कर रखो रे । बाकी मुिे कुछ नहीुं
चादहए ।
सोना: रुक जाओ!!! यहाुं सबसे ज्यादा जरूरत पैसों की मुिे है। मैं सबसे पहले से बोल रही हूुं
कक मुिे अपने स्टाटाअप के मलए पैसे चादहए ।
मम्मी: मैं वपछले 25 सालों से गचल्ला रही हूुं कक घर पर टीवी चादहए । गचऊ कक मम्मी के घर
जाना पडता है टीवी दे खने के मलए और वह गचऊ के पापा, बहुत ठरकी आदमी है वह । मि
ु े
बबल्कुल अच्छा नहीुं लगता।
मम्मी: किर मैं ले लेती हूुं पैसे और अपनी अकेली रहती हूुं वह सामने वाली लडकी के जैसे ।
मम्मी: मैंने जजुंदगी भर मसिा सहा है । अब मैं कुछ नहीुं करने वाली । पहले तो एक 10 लीटर
दध
ू देने वाली भैंस, मैसरू में चाय का एक ठे का और एक शक्कर का कारखाना खरीद दो ।
सोना: हाुं…बच्चे खरीद लो और जो करना है करो, लेककन मेरा जो बबल गेट्स बनने का सपना है
उसे पहले पूरा करो ।
पक्या:मेरा समि में आया ना अुंकल, मेरा एकदम मसुंपल है, मुिे शाहरुख खान बनना है ।
पापा: चुप हो जाओ सारे । कोई पैसा वैसा नहीुं ममलने वाला है । कभी पैसा दे खा ही नहीुं ऐसा
करने लग गए हैं।
सोना: क्योंकक कभी दे खा ही नहीुं है ना, अभी ₹500 भी नहीुं होंगे मेरे पास ।
पापा: ककसी को कुछ भी नहीुं ममलने वाला है। घर पर कोई आया है उसके सामने तुम लोग
मभखाररयों की तरह मुिे यह चादहए, मुिे वह चादहए कर रहे हो…शमा आती है कक नहीुं और वह
चेक लाओ, मैं उसे िाड देता हूुं।
(पापा आदमी के हाथ से चेक लेते हैं सारे घर में अिरा तिरी तछड जाती है ।आदमी एक बाजू
हो जाता है, पापा बीच में आ जाते हैं और सारे घर वाले उन्हें घेर लेते हैं इसी अिरा तिरी में
पापा जमीन पर गगर जाते हैं। दादी उनके छाती पर पैर देकर च़ि जाती है पापा के सीने में ददा
होने लगता है, सब लोग किर पापा की ओर आते हैं)
पक्या: हाुं.. हाुं है, यहाुं बगल में हैं चलो चलते हैं ।
(आदमी और पक्या पापा को उठा कर ले जाते हैं शाुंतत िैल जाती है । कोई ककसी से बात नहीुं
करता मम्मी जाकर गैस बुंद कर दे ते हैं।)
दादी: सोना कुछ नहीुं होगा पापा को सब ठीक हो जाएगा तेरे स्टाटा र का भी होगा ।
सोना: बहुत पैसे है मम्मी… स्टाटाअप भी शुरू करें गे, घर भी लेंगे और दादी को माथेरान भी
भेजेंगे और ककसी का भला करनाही है तो, पक्या को एक्टर भी बनाएुंगे । बहुत पैसे हैं।
मम्मी: टीवी ?
पक्या: वह छाती में बहुत चोट लगा है अुंदर से…. कुछ टे स्ट वगैरा करना पडेगा । डॉक्टर बोल
रहा है 1200 रूपये लगें गे ।
पक्या: अुंबानी का आदमी जा रहा है । उसको चेक के बारे में क्या बताने का और तो अभी समि
में नहीुं आ रहा ककससे माुंगू ?
मम्मी: अुं…भैया कुछ पैसे चादहए थे… अजेंट में… इन्हें एडममट ककया है…
(शाुंतत)
मम्मी: अुं…अब…
मम्मी: क्या?
(शाुंतत)
(पूरे घर में शाुंतत िैल जाती है, कोई कुछ नहीुं बोलता)
पक्या: कोई कुछ नहीुं बोल रहा है इसका मतलब मैं हाुं समिता हूुं और आता हूुं मैं ।