Professional Documents
Culture Documents
महोदय / महोदया,
भवद�य,
अनुलग्नक : यथोक्त
�वत्तीय समावेशन और �वकास �वभाग, क�द्र�य कायार्लय, 10वी मंिजल, क�द्र�य कायार्लय भवन, पो.बा.सं.10014, मुंबई 400 001
टे ल�फोन /Tel No: 91-22-22661000 फैक्स/Fax No: 91-22-22621011/22610948/22610943
ई-मेल/ Email ID:cgmincrpcd@rbi.org.in
Financial Inclusion & Development Department, Central Office, 10th Floor, C.O. Building, Post Box No.10014, Mumbai 400 001
1. पष्ृ ठभू�म
1.1. ग्रामीण �वकास मंत्रालय, भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2013 से स्वणर्जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना
(एसजीएसवाई) क� पुनस�रचना करते हुए उसके स्थान पर द�नदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्र�य ग्रामीण
आजी�वका �मशन (एनआरएलएम) नामक नया कायर्क्रम प्रारं भ �कया है । इसके बारे म� �वस्तत ृ
“�दशा�नद� श” �दनांक 27 जून 2013 के �रज़वर् ब�क के प�रपत्र
ग्राआऋ�व.जीएसएसडी.क�का.सं.81/09.01.03/2012-13 द्वारा �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� स�हत सभी अनुसू�चत
वा�णज्य ब�क� को प�रचा�लत �कए गए ह�।
1.2. डीएवाई - एनआरएलएम (29 माचर् 2016 के प्रभाव से डीएवाई - एनआरएलएम के रूप म�
पुनःनामकरण) भारत सरकार का गर�ब�, �वशेष रूप से म�हलाओं क� मजबूत संस्थाओं के �नमार्ण के
माध्यम से गर�बी कम करने को बढ़ावा दे न,े और कई �वत्तीय सेवाओं और आजी�वका सेवाओं का
उपयोग कर पाने के �लए इन संस्थाओं को स�म बनाने संबंधी प्रमुख कायर्क्रम है । डीएवाई -
एनआरएलएम एक अत्यंत गहन कायर्क्रम के रूप म� बनाया गया है और इसम� गर�ब� को कायार्त्मक
प्रभावी समद
ु ाय के स्वा�मत्व वाल� संस्थाओं म� जट
ु ाने, उनके �वत्तीय समावेशन को बढ़ावा दे ने और
उनक� आजी�वका को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से मानवी और भौ�तक संसाधन� के गहन प्रयोग
पर ध्यान क��द्रत �कया गया है । डीएवाई - एनआरएलएम गर�ब� क� सेवाओं के इन संस्थागत प्लेटफाम�
का पूरक है िजनम� �वत्तीय और पूंजी सेवाएं दे ना, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने वाल� सेवाएं,
प्रौद्यो�गक�, �ान, कौशल और इनपुट, बाजार संबद्धता, आ�द शा�मल है । समुदाय संस्थाएं गर�ब� को
अपने अ�धकार� और हक� और सावर्ज�नक सेवा का उपयोग करने के �लए सम�भरुपता और �व�भन्न
�हतधारक� के साथ साझेदार� का वातावरण �न�मर्त करते हुए एक मंच भी प्रदान करती ह�।
1.3 आपसी समानता के आधार पर म�हलाओं के स्वयं सहायता समूह का एक साथ आना डीएवाई -
एनआरएलएम समुदाय संस्थागत �डजाइन का प्राथ�मक आधार है । डीएवाई - एनआरएलएम का ध्यान
स्वयं सहायता समह
ू � और गांव� एवं उच्च स्तर� पर उनके फेडरे शन� स�हत गर�ब म�हलाओं के संस्थान�
के �नमार्ण, पोषण और सुदृढ़�करण पर क��द्रत है । इसके अलावा, डीएवाई - एनआरएलएम म� ग्रामीण
गर�ब� क� आजी�वका संस्थाओं को बढ़ावा �दया जाएगा। उक्त �मशन द्वारा गर�ब� के संस्थान� के प्र�त
घोर गर�बी से ऊपर उठने तक 5-7 साल क� अव�ध के �लए एक सतत मदद का हाथ (सहायता प्रदान
करना) बढ़ाया जाएगा। डीएवाई - एनआरएलएम के तहत बनी समुदाय संस्थागत संरचना द्वारा एक
बहुत लंबी अव�ध के �लए और अ�धक गहनता से समथर्न प्रदान �कया जाएगा।
1.4 डीएवाई - एनआरएलएम समथर्न म� �नम्न�ल�खत शा�मल ह� - स्वयं सहायता समूह� के चहुमुखी
�मता �नमार्ण िजसम� यह स�ु निश्चत हो �क उक्त समह
ू अपने सदस्य� के �चंता के �वषय� पर प्रभावी
ढ़ं ग से कायर् करता है , �वत्तीय प्रबंधन, कमजो�रय� और उच्च लागतवाल� ऋणग्रस्तता को दरू करने के
�लए उन्ह� प्रारं �भक कोष समथर्न प्रदान करता है , एसएचजी फेडरे शन का गठन और पोषण करता है ,
1
फेडरे शन को मजबूत समथर्न संगठन� के रूप म� �वक�सत करता है , गर�ब� क� आजी�वका �चरस्थाई
बनाता है , आजी�वका संगठन� का गठन एवं पोषण करता है , या स्वयं उद्यम का कायर् करने या संग�ठत
�ेत्र म� नौकर� पाने के �लए ग्रामीण यव
ु ाओं का कौशल �वकास करना िजससे इन संस्थान� को प्रमुख
�वभाग�, आ�द से उनके हक� तक पहुंच प्रदान करने के �लए स�मता प्राप्त हो।
2.1 डीएवाई - एनआरएलएम के तहत म�हला स्वयं सहायता समूह 10-20 व्यिक्तय� का होता है । �वशेष
एसएचजी जैसे दग
ु म
र् �ेत्र�, �वकलांग व्यिक्त युक्त समूह� और दरू स्थ आ�दवासी �ेत्र� म� बने समूह� के
मामले म� यह संख्या न्यूनतम 5 व्यिक्तय� क� हो सकती है ।
2.4 एसएचजी एक अनौपचा�रक समूह होता है और इसके �लए �कसी सोसायट� अ�ध�नयम, राज्य
सहकार� अ�ध�नयम या एक साझेदार� फमर् के अंतगर्त पंजीकरण अ�नवायर् नह�ं है दे ख� 24 जल
ु ाई 1991
का प�रपत्र ग्राआऋ�व.सं.प्लान बीसी 13/पीएल-09.22/90-91। हालां�क, गांव, ग्राम पंचायत, क्लस्टर या
उच्च स्तर पर ग�ठत स्वयं सहायता समूह� के फेडरे शन� को उनके अपने-अपने राज्य म� प्रच�लत उ�चत
अ�ध�नयम� के तहत पंजीकृत �कया जाना चा�हए।
2
स्वयं सहायता समूह� को �वत्तीय सहायता
3. प�रक्रामी (�रवािल्वंग) फंड (आरएफ): डीएवाई - एनआरएलएम 3/6 मह�ने क� एक न्यूनतम अव�ध के
�लए अिस्तत्व म� रहने वाले और एक अच्छ� एसएचजी के मानदं ड� अथार्त ् पंच सत्र
ू � - �नय�मत बैठक�
करना, �नय�मत बचत करना, �नय�मत रूप से आंत�रक उधार दे ना, �नय�मत रूप से वसूल� करना और
खाता ब�हय� का उ�चत रखरखाव करना, का पालन करनेवाले स्वयं सहायता समूह� को प�रक्रामी �न�ध
(आरएफ) का समथर्न प्रदान करे गा। केवल ऐसे स्वयं सहायता समह
ू �, िजन्ह� पहले कोई आरएफ प्राप्त
नह�ं हुआ है , को ह� प्र�त एसएचजी, कोष के रूप म� , न्यूनतम ₹10,000 और अ�धकतम ₹15,000 तक
आरएफ प्रदान �कया जाएगा। आरएफ का उद्देश्य उनक� संस्थागत और �वत्तीय प्रबंधन �मता को
मजबूत बनाना और समूह के भीतर एक अच्छ� साख इ�तहास का �नमार्ण करना है ।
ii. शेष िजल� म� भी, डीएवाई - एनआरएलएम के तहत सभी म�हला एसएचजी, एसएचजी होगी और 3
लाख रुपये तक के ऋण के �लए उधार संबंधी दर� और 7 प्र�तशत के बीच अंतर क� सीमा तक ब्याज
सबव� शन के पात्र ह�गे, जो संबं�धत एसआरएलएम द्वारा �नधार्�रत मानदं ड� क� शतर् पर होगा। योजना के
इस भाग को एसआरएलएम द्वारा प�रचा�लत �कया जाएगा।
3
(25 अगस्त 2016 को एक अलग प�रपत्र सभी सावर्ज�नक �ेत्र के ब�क� को जार� �कया गया िजसम�
पहचान �कए गए 250 िजल� क� सच
ू ी के साथ वषर् 2016-17 के �लए ब्याज सबव� शन और दे श भर म�
उसके संचालन संबंधी �वस्तत
ृ �दशा�नद� श शा�मल �कए गए थे। कुछ �नजी �ेत्र के ब�क� को भी पत्र जार�
�कये गये थे। इस योजना क� प्रमुख �वशेषताएं और कायार्न्वयन क� प्र�क्रया अनुबंध II म� संलग्न ह�। बाद
के वष� के �लए ब्याज सबव� शन पर भारत सरकार / भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा ब�क� को अलग से सू�चत
�कया जाएगा।)
7. ब�क� क� भू�मका :
7.1.1. एसएचजी के बचत खाते खोलना : ब�क� क� भू�मका �दव्यांग सदस्य� और स्वयं सहायता समह
ू �
के फेडरे शन� स�हत सभी म�हला स्वयं सहायता समूह� के �लए खाते खोलने के साथ शरू
ु हो जाएगी।
एसएचजी के संबंध म� 'अपने ग्राहक को जा�नए' (केवाईसी) के �लए भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा समय-
समय पर �न�दर् ष्ट �कए गए मानदं ड लागू ह�गे। ब�क� को सू�चत �कया जाता है �क वे स्वयं सहायता
समूह� के �लए बचत और ऋण खात� का रख-रखाव अलग-अलग कर� ।
7.1.2. एसएचजी के फेडरे शन के बचत खाते खोलना : ब�क� को सू�चत �कया जाता है �क वे एसएचजी
के फेडरे शन के बचत खाते गांव, ग्राम पंचायत, क्लस्टर या उच्च स्तर पर खोल� । इन खात� को
‘व्यिक्तय� क� संस्था’ हे तु बचत खात� के रूप म� वग�कृत �कया जा सकता है । ऐसे खात� के
हस्ता�रकतार्ओं हे तु भारतीय �रज़वर् ब�क द्वारा समय-समय पर �न�दर् ष्ट �कए गए 'अपने ग्राहक को
जा�नए' (केवाईसी) संबंधी मानदं ड लागू ह�गे।
4
• एसएचजी ‘पंच सूत्र�’ का पालन करने वाले होने चा�हए अथार्त ् �नय�मत बैठक� करना, �नय�मत
बचत करना, �नय�मत रूप से आंत�रक उधार दे ना, समय पर चक
ु ौती करना और खाता ब�हय�
का अद्यतन रखरखाव करना।
• मौजूदा अकायर्�म स्वयं सहायता समूह भी, य�द उन्ह� पुनज��वत �कया जाता है और वे 3 मह�ने
क� एक न्यन
ू तम अव�ध के �लए स�क्रय बने रहते ह� तो, ऋण के �लए पात्र ह�गे।
7.2.2. ऋण रा�श : डीएवाई - एनआरएलएम के तहत कई बार सहायता प्रदान �कए जाने पर बल �दया
जाता है । इससे आशय है �क एसएचजी को �चरस्थाई आजी�वका शरू
ु करने और जीवन क� गुणवत्ता को
बेहतर बनाने के �लए अ�धक मात्रा म� ऋण पाने के स�म बनाने हे तु बार-बार सहायता प्रदान करते हुए
उसक� एक समयाव�ध तक मदद करना।
नकद� ऋण सीमा (सीसीएल): सीसीएल के मामले म� , ब�क� को सू�चत �कया जाता है �क वे प्रत्येक पात्र
एसएचजी को वा�षर्क आहरण शिक्त (डीपी) के साथ 5 वषर् क� अव�ध हे तु रु.5 लाख क� न्यूनतम ऋण
स्वीकृत कर� गे। एसएचजी के चुकौती �नष्पादन के आधार पर आहरण शिक्त को वा�षर्क तौर पर बढ़ाया
जा सकता है । आहरण शिक्त क� गणना �नम्नानुसार क� जा सकती है :-
• प्रथम वषर् हे तु आहरण शिक्त : मौजूदा मूल �न�ध का 6 गुणा या न्यूनतम ₹1 लाख, जो भी
अ�धक हो।
• तत
ृ ीय वषर् हे तु आहरण शिक्त : स्वयं सहायता समूह� द्वारा तैयार �कए गए और फेडरे शन /
सहायता एज�सी द्वारा मल्
ू यां�कत माइक्रो क्रे�डट प्लान तथा �पछले क्रे�डट �रकाडर् के आधार पर
न्यूनतम ₹3 लाख।
5
मीयाद� ऋण : मीयाद� ऋण के मामले म� , ब�क� को सू�चत �कया जाता है �क वे ऋण रा�श क� स्वीकृ�त
अंश� म� �नम्नानस
ु ार कर� गे:-
• द्�वतीय अंश : मौजूदा मूल �न�ध का 8 गुणा या न्यूनतम ₹2 लाख, जो भी अ�धक हो।
• तत
ृ ीय अंश : स्वयं सहायता समूह� द्वारा तैयार �कए गए और फेडरे शन / सहायता एज�सी द्वारा
मूल्यां�कत माइक्रो क्रे�डट प्लान तथा �पछले क्रे�डट �रकाडर् के आधार पर न्यूनतम ₹3 लाख।
• चौथा अंश : स्वयं सहायता समूह� द्वारा तैयार �कए गए और फेडरे शन / सहायता एज�सी द्वारा
मूल्यां�कत माइक्रो क्रे�डट प्लान तथा �पछले क्रे�डट �रकाडर् के आधार पर न्यूनतम ₹5 लाख।
ब�क यह सु�निश्चत करने के �लए आवश्यक उपाय कर� �क पात्र एसएचजी को आवत� ऋण प्रदान क� जा
सके। ब�क� को सू�चत �कया जाता है �क वे एसएचजी के ऋण आवेदन को ऑनलाइन प्रस्तुत करने तथा
आवेदन का समय से �नपटान तथा �नगरानी करने हे तु ‘डीएवाई-एनआरएलएम’ के साथ कायर् करते हुए
एक प्रणाल� क� व्यवस्था कर� ।
(मूल �न�ध म� उस एसएचजी द्वारा प्राप्त प�रक्रामी �न�ध, य�द कोई हो, अपने स्वयं क� बचत और
एसएचजी द्वारा अपने सदस्य� को �दए गए ऋण पर अिजर्त ब्याज, अन्य स्रोत� से प्राप्त आय तथा
अन्य संस्थान� / गैर सरकार� संगठन� द्वारा बढ़ावा �दए जाने के मामले म� अन्य स्रोत� से प्राप्त रा�श
शा�मल है ।)
7.3.1 एसएचजी द्वारा तैयार �कए गए माइक्रो क्रे�डट प्लान के आधार पर सदस्य� के मध्य ऋण रा�श
�वत�रत क� जाएगी। सदस्य� द्वारा ऋण का उपयोग, सामािजक आवश्यकताओं क� पू�तर्, उच्च लागत
वाले कजर् के �व�नमय, मकान क� मरम्मत या �नमार्ण, शौचालय का �नमार्ण तथा एसएचजी के भीतर
व्यिक्तगत सदस्य� द्वारा संपोषणीय आजी�वका प्राप्त करने या एसएचजी द्वारा शरू
ु �कए गए �कसी
सामू�हक व्यवहायर् ग�त�व�ध हे तु, �कया जा सकता है ।
• पहला अंश/ प्रथम वषर् का ऋण, 6 से 12 मह�न� म� मा�सक / त्रैमा�सक �कस्त म� चुकाया
जाएगा।
• द्�वतीय अंश/ दस
ू रे वषर् का ऋण, 12 से 24 मह�न� म� मा�सक / त्रैमा�सक �कस्त म� चुकाया
जाएगा।
• तत
ृ ीय अंश/ तीसरे वषर् का ऋण, 24 से 36 मह�न� म� मा�सक / त्रैमा�सक �कस्त म� चुकाया
जाएगा।
6
• चौथे वषर्/ चौथे अंश से ऋण क� चुकौती नकद� प्रवाह के आधार पर मा�सक/ त्रैमा�सक रूप से 3
से 6 वष� के बीच चक
ु ाया जाएगा।
7.4 जमानत एवं मािजर्न : एसएचजी को 10 लाख रुपए तक क� सीमा हे तु न कोई संपािश्वर्क और न
कोई मािजर्न लगाया जाएगा। एसएचजी के बचत ब�क खात� के �वरुद्ध कोई ग्रहणा�धकार नह�ं लगाया
जाएगा तथा ऋण मंजूर� के समय जमारा�श के �लए कोई आग्रह न �कया जाए।
7.5.1 यह वांछनीय है �क जान-बूझकर चूक करने वाल� को डीएवाई - एनआरएलएम के अंतगर्त �वत्त
नह�ं �दया जाना चा�हए। य�द जान-बूझकर चूक करने वाले �कसी समूह के सदस्य ह� तो उन्ह� प�रक्रामी
�न�ध क� सहायता से �न�मर्त कोष स�हत समूह क� क्रे�डट ग�त�व�धय� तथा �मतव्य�यता के लाभ प्राप्त
करने क� अनुम�त हो सकती है । परं तु, एसएचजी द्वारा अपने सदस्य� के आ�थर्क ग�त�व�धय� को �वत्त
पो�षत करने के �लए ब�क से ऋण प्राप्त करने के चरण म� , जान-बझ
ू कर चक
ू करने वाल� को बकाया
ऋण क� चुकौती न �कए जाने तक आगे और सहायता का लाभ प्राप्त नह�ं होना चा�हए। समूह के जान-
बूझकर चूक करने वाले को डीएवाई - एनआरएलएम योजना के अंतगर्त लाभ प्राप्त नह�ं होने चा�हए तथा
समह
ू को ऋण के दस्तावेज़ीकरण के समय ऐसे चक
ू करने वाल� को छोड़कर �वत्त प्रदान �कया जा
सकता है । तथा�प, ब�क को, इस बहाने के आधार पर �क एसएचजी के व्यिक्तगत सदस्य� के प�त-पत्नी
या प�रवार के अन्य सदस्य ने ब�क के साथ चूक �कया है , संपूणर् एसएचजी को ऋण दे ने से इनकार नह�ं
करना चा�हए। साथ ह�, जान-बूझकर चूक न करने वाल� को ऋण प्राप्त करने से रोकना नह�ं चा�हए।
वास्त�वक कारण� से चूक करने वाल� के मामल� म� ब�क संशो�धत चुकौती कायर्क्रम के साथ खाते के
पन
ु गर्ठन हे तु सझ
ु ाए गए मानदं ड� का पालन कर सकते ह�।
8.1 नाबाडर् द्वारा तैयार �कए गए संभाव्यता सहबद्ध प्लान / राज्य क��द्रत पेपर के आधार पर
एसएलबीसी उप-स�म�त िजला-वार, ब्लॉक-वार और शाखा-वार क्रे�डट प्लान तैयार कर सकती है । उप-
स�म�त को राज्य के �लए क्रे�डट ल�य तैयार करने हे तु एसआरएलएम द्वारा सुझाए गए अनुसार मौजूदा
एसएचजी, प्रस्ता�वत नए एसएचजी तथा नए और दोहराए गए ऋण� हे तु पात्र एसएचजी पर �वचार करना
चा�हए। ऐसे �निश्चत �कए गए ल�य एसएलबीसी म� अनुमो�दत �कए जाने चा�हए तथा इनके प्रभावी
कायार्न्वयन के �लए आव�धक समी�ा और �नगरानी क� जानी चा�हए।
8.2 िजला-वार क्रे�डट प्लान डीसीसी को सू�चत �कया जाना चा�हए। ब्लॉक-वार / क्लस्टर-वार ल�य
�नयंत्रक� के माध्यम से ब�क शाखाओं को स�ू चत �कए जाने चा�हए।
9.1 एसएचजी को प्रांतीय भाषाओं म� ऋण पास-बुक जार� �कए जाएं िजनम� उन्ह� सं�वत�रत ऋण� के
सभी ब्योरे तथा स्वीकृत ऋण पर लागू शत� �न�हत ह�। एसएचजी द्वारा �कए गए प्रत्येक लेन-दे न पर
7
पास-बुक को अद्यतन �कया जाना चा�हए। ऋण के दस्तावेजीकरण तथा सं�वतरण के समय �वत्तीय
सा�रता के एक भाग के रूप म� शत� को स्पषट् रूप से समझाना उपयक्
ु त होगा।
9.2 ब�क शाखाएं एक पखवाड़े म� ऐसा एक �दवस तय कर� िजस �दन स्टाफ फ�ल्ड पर जा सके और
एसएचजी और फेडरे शन क� बैठक� म� उपिस्थत हो सके ता�क वे एसएचजी के कायर् दे ख सके तथा
एसएचजी बैठक� और कायर्-�नष्पादन क� �नय�मतता का पता कर सके।
10. चुकौती:
कायर्क्रम क� सफलता सु�निश्चत करने हे तु ऋण� क� शीघ्र चुकौती करना आवश्यक है । ऋण क� वसूल�
सु�निश्चत करने के �लए ब�क� को सभी संभव उपाय अथार्त ् व्यिक्तगत संपकर्, िजला �मशन प्रबंधन
इकाई (डीपीएमयू) / डीआरडीए के साथ संयुक्त वसूल� कैम्प� का आयोजन करना चा�हए। ऋण वसूल� के
महत्व के मद्देनजर ब�क� को प्रत्येक माह डीएवाई - एनआरएलएम के अंतगर्त चूक करने वाले एसएचजी
क� सच
ू ी तैयार करनी चा�हए और उस सच
ू ी को बीएलबीसी, डीएलसीसी बैठक� म� प्रस्तत
ु करना चा�हए।
इससे यह सु�निश्चत होगा �क िजला / ब्लॉक स्तर का डीएवाई - एनआरएलएम स्टाफ चुकौती शरू
ु करने
म� ब�कर� क� सहायता करता है ।
डीपीएमयू / डीआरडीए को सशक्त बनाने के उपाय के रूप म� तथा बेहतर क्रे�डट वातावरण का संवद्धर्न
करने के �लए डीपीएमयू / डीआरडीए म� ब�क अ�धका�रय� को प्र�त�नयुक्त करने का सुझाव �दया गया है ।
ब�क राज्य सरकार� / डीआरडीए म� उनके परामशर् से �व�भन्न स्तर� पर अ�धकार� प्र�त�नयुक्त करने पर
�वचार कर सकते ह�।
12. योजना का पयर्वे�ण और �नगरानी : ब�क �ेत्रीय / अंचल कायार्लय म� डीएवाई - एनआरएलएम क�
ग�ठत कर� । इन क�� को आव�धक रूप से �नम्न कायर् करने ह�गे - एसएचजी को ऋण उपलब्धता क�
�नगरानी और समी�ा, योजना के �दशा�नद� श� का सु�निश्चत कायार्न्वयन, शाखाओं से डाटा संग्र�हत
करना और समे�कत डाटा प्रधान कायार्लय और िजल� / ब्लॉक� क� डीएवाई - एनआरएलएम इकाइय� को
उपलब्ध करवाना। क� को राज्य स्टाफ और सभी ब�क� के साथ संप्रेषण को प्रभावी रखने के �लए
एसएलबीसी, बीएलबीसी और डीसीसी बैठक� म� �नय�मत रूप से इस समे�कत डाटा पर चचार् भी करनी
चा�हए।
12.1 राज्य स्तर�य ब�कसर् स�म�त : एसएलबीसी एसएचजी-ब�क सहलग्नता पर एक उप-स�म�त ग�ठत
कर� । उप-स�म�त म� राज्य म� कायर्रत सभी ब�क�, भारतीय �रज़वर् ब�क, नाबाडर् से सदस्य, एसआरएलएम
के मुख्य कायर्पालक अ�धकार�, राज्य ग्रामीण �वकास �वभाग के प्र�त�न�ध, स�चव - संस्थागत �वत्त और
�वकास �वभाग� आ�द के प्र�त�न�ध शा�मल होने चा�हए। उप-स�म�त समी�ा के �व�शष्ट एज�डा,
एसएचजी-ब�क सहलग्नता के कायार्न्वयन और �नगरानी और क्रे�डट ल�य प्रािप्त के मामल� / बाधाओं को
लेकर माह म� एक बार बैठक कर� । एसएलबीसी के �नणर्य उप-स�म�त क� �रपोट� के �वश्लेषण से �नकाले
जाने चा�हए।
8
12.2 िजला समन्वयन स�म�त : डीसीसी (डीएवाई - एनआरएलएम उप-स�म�त) िजला स्तर पर
एसएचजी को ऋण उपलब्धता क� �नगरानी �नय�मत रूप से करे गा तथा उन मामल� का समाधान करे गा
जो िजला स्तर पर एसएचजी को ऋण उपलब्धता म� बाधक हो। इस स�म�त क� बैठक म� एलडीएम,
नाबाडर् के सहायक महाप्रबंधक, ब�क� के िजला समन्वयक� और डीएवाई - एनआरएलएम का प्र�त�न�धत्व
करने वाले डीपीएमयू स्टाफ तथा एसएचजी फेडरे शन� के पदधा�रय� क� सहभा�गता होनी चा�हए।
12.3 ब्लॉक स्तर�य ब�कसर् स�म�त : बीएलबीसी �नय�मत रूप से बैठक� कर� गी तथा ब्लॉक स्तर पर
एसएचजी - ब�क सहलग्नता के मामल� पर �वचार कर� गी। इस स�म�त म� , एसएचजी / एसएचजी के
फेडरे शन� को फोरम म� अपनी आवाज उठाने हे तु सदस्य� के रूप म� शा�मल �कया जाना चा�हए।
बीएलबीसी म� एसएचजी ऋण क� शाखा-वार िस्थ�त क� �नगरानी क� जानी चा�हए। (इस प्रयोजन के �लए
अनुबंध बी और सी को प्रयोग म� लाया जाए।)
12.5 भारतीय �रज़वर् ब�क को �रपो�ट� ग : ब�क डीएवाई - एनआरएलएम पर क� गई प्रग�त क� राज्य-वार
समे�कत �रपोटर् भारतीय �रज़वर् ब�क / नाबाडर् को �तमाह� अंतराल पर प्रस्तुत कर� ।
12.6 एलबीआर �ववर�णयां : �व�धवत सह� कोड प्रस्तुत करते हुए एलबीआर �ववर�णयां प्रस्तुत करने क�
मौजदू ा प्रणाल� जार� रहे गी।
14.2 एसआरएलएम एसएचजी को �वत्तीय सा�रता प्रदान करने, बचत, ऋण पर परामश� सेवाएं दे न,े
�मता �नमार्ण म� सिन्न�हत माइक्रो-�नवेश योजना पर प्र�श�ण सहायता प्रदान करे गा।
9
14.3 एसआरएलएम, एसएचजी को �वत्त पोषण प्रदान करने म� शा�मल प्रत्येक ब�क शाखा म� ग्राहक
सहसंबंध प्रबंधक� (ब�क �मत्र/ सखी) क� तैनाती द्वारा बकाया रा�श क� वसल
ू �, य�द कोई हो, के अनव
ु तर्न
स�हत गर�ब ग्राहक� को प्रदत्त ब��कंग सेवाओं क� गुणवत्ता म� सुधार हे तु, ब�क� को सहायता प्रदान कर� गे।
ब�क� को सू�चत �कया जाता है �क वे ब�क शाखा प�रसर के भीतर ब�क �मत्र/ सखी के बैठने क� उ�चत
व्यवस्था कर� तथा ब�क �मत्र/ सखी को उनके कतर्व्य �नवर्हन के �लए अपे��त आवश्यक सहयोग प्रदान
कर� ।
14.4 आईट� मोबाइल प्रौद्यो�गक� और गर�ब एवं युवा संस्थान� या एसएचजी सदस्य� को व्यवसाय
सु�वधा प्रदाता और व्यवसाय प्र�त�न�ध के रूप म� प्रोन्नत करना।
14.5 समुदाय आधा�रत वसूल� तंत्र (सीबीआरएम) : एसएचजी - ब�क सहलग्नता के �लए गांव / क्लस्टर
/ ब्लॉक स्तर पर एक �व�शष्ट उप-स�म�त बनाई जाए जो ब�क� को ऋण रा�श, वसल
ू � आ�द का उ�चत
उपयोग सु�निश्चत करने म� सहायता प्रदान करे गी। प�रयोजना स्टाफ स�हत प्रत्येक गांव स्तर फेडरे शन से
ब�क सहलग्नता उप-स�म�त के सदस्य शाखा प�रसर म� शाखा प्रबंधक क� अध्य�ता म� ब�क सहलग्नता
संबंधी एज�डा मद� के साथ माह म� एक बार बैठक कर� गे।
10
अनुबंध I
पीआईपी प्रोसेस के ज�रए गर�ब के रूप म� पहचान �कए गए प�रवार� को डीएवाई - एनआरएलएम ल�य
समूह के रूप म� स्वीकार �कया जाएगा और ये उक्त कायर्क्रम के अंतगर्त सभी लाभ� के पात्र ह�गे।
पीआईपी प्रोसेस के बाद बनी अं�तम सच
ू ी ग्राम सभा द्वारा जांची जाएगी तथा ग्राम पंचायत इसे
अनुमो�दत करे गी।
जब तक राज्य द्वारा पीआईपी प्रोसेस �कसी �वशेष िजले / ब्लॉक के �लए चलाई नह�ं जाती है तब तक
बीपीएल क� आ�धका�रक सूची म� पहले ह� शा�मल ग्रामीण प�रवार� को डीएवाई - एनआरएलएम के
अंतगर्त ल��त �कया जाएगा। जैसा �क डीएवाई - एनआरएलएम के कायार्न्वयन के ढांचे म� पहले ह�
प्रावधान �कया गया है , एसएचजी क� कुल सदस्यता म� से 30 प्र�तशत सदस्य गर�बी क� रे खा के कुछ
ह� ऊपर क� आबाद� म� से हो सकता है जो �क समूह के बीपीएल सदस्य� के अनुमोदन क� शतर् के
अधीन होगा। इस 30 प्र�तशत म� ऐसे वं�चत गर�ब लोग भी शा�मल ह�गे जो बीपीएल क� सूची म�
शा�मल लोग� के समान ह� वास्तव म� गर�ब ह�, परं तु इनका नाम सूची म� नह�ं है ।
3. जन संस्थाओं को बढ़ावा : गर�ब� क� सुदृढ़ संस्था यथा – स्वयं सहायता समूह और उनके ग्राम
स्तर�य तथा उच्च स्तर�य फेडरे शन गर�ब� के �लए स्थान, भू�मका और संसाधन उपलब्ध कराना और
11
बाहर� एज��सय� पर उनक� �नभर्रता कम करने के �लए आवश्यक ह�। वे उन्ह� अ�धकार संपन्न बनाते ह�।
वे �ान के साधन तथा प्रौद्यो�गक� प्रसार और उत्पादन, साम�ू हक�करण और वा�णज्य के केन्द्र के रूप
म� भी कायर् करते ह�। अत: डीएवाई - एनआरएलएम �व�भन्न स्तर� पर ऐसी संस्थाएं स्था�पत करने पर
ध्यान क��द्रत करे गा। इसके अ�त�रक्त, डीएवाई - एनआरएलएम अ�धक उत्पादन, हरसंभव सहायता,
सूचना, ऋण, प्रौद्यो�गक�, बाजार आ�द उपलब्ध कराकर �व�शष्ट संस्थाओं यथा – आजी�वका समूह�,
उत्पादक सहकार� संघ� / कंप�नय� को बढ़ावा दे गा। उक्त आजी�वका समूह गर�ब� को अपनी सी�मत
संसाधन� का अ�धकतम उपयोग करने क� स�मता प्रदान कर� गे।
4. सभी �वद्यमान एसएचजी और गर�ब� के फेडरे शन� को सुदृढ़ बनाना : वतर्मान म� सरकार� एवं गैर-
सरकार� प्रयास� द्वारा �न�मर्त गर�ब म�हलाओं के संगठन मौजूद ह�। डीएवाई - एनआरएलएम सभी
मौजूदा संस्थाओं को साझेदार� स्वरूप म� सुदृढ़ बनाएगा। सरकार� एवं गैर-सरकार� संगठन दोन� म� स्वयं
सहायता संवद्धर्न करने वाल� संस्थाएं अ�धका�धक पारद�शर्ता लाने के �लए सामािजक जबाबदे ह� प्रथाएं
अपनाय�गी। यह एसआरएलएम और राज्य सरकार� द्वारा बनाए जाने वाले तंत्र के अ�त�रक्त होगा।
डीएवाई - एनआरएलएम म� सीखने क� प्रमुख पद्ध�त होगी एक-दस
ू रे से सीख प्राप्त करना।
6. प�रक्रामी �न�ध और सामुदा�यक �नवेश सहायक �नधी (सीआईएफ) : पात्र एसएचजी को प्रोत्साहन
रा�श के रूप म� एक प�रक्रामी �न�ध उपलब्ध करायी जाएगी ता�क वे बचत क� आदत बना सक� तथा
अपनी द�घर्काल�न ऋण आवश्यकताओं एवं उपभोग संबंधी अल्पकाल�न आवश्यकताओं को सीधे पूरा करने
के �लए �न�धयां सं�चत कर सक�। सीआईएफ कोष के रूप म� होगा और सदस्य� क� ऋण संबंधी
आवश्यकताएं परू � करने के �लए और ब�क �वत्त का पन
ु :-पन
ु : लाभ लेने के �लए प्रेरक पंज
ू ी के रूप म�
होगा। एसएचजी को फेडरे शन� के माध्यम से सीआईएफ उपलब्ध कराया जाएगा। गर�बी से ऊपर उठने के
�लए युिक्तसंगत दर� पर �वत्त क� तब तक सतत एवं सहज उपलब्धता आवश्यक है जब तक �क वे
बड़ी मात्रा म� अपनी �न�धयां सं�चत न कर ल� ।
7. सवर्व्यापी �वत्तीय समावेशन : डीएवाई - एनआरएलएम सभी गर�ब प�रवार�, स्वयं सहायता समह
ू �
और उनके फेडरे शन� को बु�नयाद� ब��कंग सेवाएं प्रदान करने के अ�त�रक्त सवर्व्यापी �वत्तीय समावेशन
हा�सल करने के �लए कायर् करे गा। डीएवाई - एनआरएलएम �वत्तीय समावेशन के मांग एवं आपू�तर् प�
से संबं�धत कायर् करे गा। मांग प� क� ओर यह गर�ब� के बीच �वत्तीय सा�रता को बढ़ावा दे गा और
12
स्वयं सहायता समूह� एवं उनके फेडरे शन� को प्रेरक पूंजी उपलब्ध कराएगा। आपू�तर् प� क� ओर, यह
�वत्तीय �ेत्र के साथ समन्वय करे गा तथा सच
ू ना, संचार एवं प्रौद्यो�गक� (आईसीट�) आधा�रत �वत्तीय
प्रौद्यो�ग�कय�, व्यवसाय प्र�त�न�ध (�बजनेस कॉरसपोन्ड�ट) एवं सामद
ु ा�यक सु�वधादाता यथा – 'ब�क �मत्र'
के उपयोग को प्रोत्सा�हत करे गा। यह मत्ृ यु, स्वास्थ्य एवं प�रसंपित्तय� के नष्ट होने क� िस्थ�त म�
ग्रामीण गर�ब के सवर्व्यापी कवरे ज के �लए कायर् करे गा। साथ ह�, यह �वशेषकर उन �ेत्र� म� जहां
पलायन स्था�नक है , रे �मट� स से संबं�धत कायर् करे गा।
8. ब्याज सबव� शन उपलब्ध कराना : ग्रामीण गर�ब� को कम ब्याज दर पर तथा �व�वध मात्रा म� ऋण
क� आवश्यकता होती है ता�क उनके प्रयास� को आ�थर्क रूप से व्यवहायर् बनाया जा सके। सस्ता ऋण
उपलब्ध कराने के �लए डीएवाई - एनआरएलएम के अंतगर्त सभी पात्र स्वयं सहायता समूह� िजन्ह�ने
मुख्य �वत्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त �कया है , के �लए 7 प्र�तशत से अ�धक ब्याज दर पर सबव� शन
का प्रावधान है ।
10. चरणबद्ध कायार्न्वयन : गर�ब� क� सामािजक पूंजी म� गर�ब� क� संस्थाएं, उनके नेता, �वशेषकर
सामुदा�यक पेशव
े र तथा सामुदा�यक स्रोत युक्त (�रसोसर्) व्यिक्त (गर�ब म�हलाएं िजनका जीवन उनक�
संस्थाओं के सहयोग से प�रव�तर्त हुआ है ) शा�मल ह�। शुरू के वष� म� सामािजक पूंजी के �नमार्ण म� कुछ
समय लगता है , परन्तु कुछ समय बाद इसम� तेजी से व�ृ द्ध होती है । डीएवाई - एनआरएलएम म� य�द
गर�ब� क� सामािजक पूंजी क� महत्वपण
ू र् भू�मका न हो तो, वह जनता का कायर्क्रम नह�ं बन सकता।
साथ ह�, यह भी सु�निश्चत �कया जाना आवश्यक है �क पहल� क� गुणवत्ता एवं प्रभावशीलता म� कमी
न आए। इसी�लए, डीएवाई - एनआरएलएम के मामले म� चरणबद्ध कायार्न्वयन संबंधी दृिष्टकोण अपनाया
जाता है । डीएवाई - एनआरएलएम 12वीं पंचवष�य योजना के अंत तक सभी िजल� म� पहुंच जाएगा।
11. व्यापक ब्लॉक : िजन ब्लॉक� म� डीएवाई - एनआरएलएम का व्यापक रूप से कायार्न्वयन �कया
े र स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा और सावर्भौम एवं गहन सामािजक एवं
जाएगा, वहां प्र�श��त पेशव
�वत्तीय समावेशन, आजी�वका, भागीदार� आ�द जैसी ग�त�व�धयां �नष्पा�दत क� जाएंगी। तथा�प, शेष
ब्लॉक� या कम सघन ब्लॉक� म� ग�त�व�धयां मात्रा एवं सघनता के संदभर् म� सी�मत रूप से ह�गी।
12. ग्रामीण स्वरोजगार प्र�श�ण संस्थान (आरसेट�) : आरसेट� क� संकल्पना ग्रामीण �वकास स्वरोजगार
संस्थान (रूडसेट�) के मागर्दशर्क मॉडेल पर बनाई गई है - यह एसडीएमई न्यास, �संडीकेट ब�क और
केनरा ब�क के बीच एक सहयोगपूणर् साझेदार� है । इस मॉडेल म� बेरोजगार युवक� को एक अल्पाव�धक
अनुभवजन्य अभ्यास कायर्क्रम के माध्यम से �नडर स्व�नयोिजत उद्यमी के रूप म� प�रव�तर्त करने क�
प�रकल्पना क� गई है िजसम� बाद म� स�ु नयोिजत द�घर्का�लक सहायक (है ण्ड होल्ड) समथर्न �दया जाता
है । जरुरत आधा�रत उक्त प्र�श�ण से उद्य�मता गुणवत्ताएं �न�मर्त होती ह�, आत्म�वश्वास बढ़ जाता है ,
13
नाकामयाबी का जो�खम घट जाता है और प्र�श�ु प�रव�तर्त एज�ट� के रूप म� �वक�सत होते ह�। चयन,
प्र�श�ण एवं प्र�श�णोपरांत अनव
ु त� कारर् वाई के चरण� पर ब�क परू � तरह शा�मल रहते ह�। गर�ब लोग�
क� गर�ब� क� संस्थाओं के माध्यम से पता चलने वाल� जरुरत� द्वारा आरसेट� को अपने स्वरोजगार और
उद्यम� के व्यवसाय के �लए सहभा�गय� / प्र�श�ुओं को तैयार करने म� मागर्दशर्न �मलेगा। डीएवाई -
एनआरएलएम दे श के सभी िजल� म� आरसेट� स्था�पत करने के �लए सरकार� �ेत्र के ब�क� को प्रोत्सा�हत
करे गा।
14
अनुबंध II
I. सभी वा�णिज्यक ब�क� (केवल सरकार� �ेत्र के ब�क, �नजी �ेत्र के ब�क और �ेत्रीय ग्रामीण ब�क) और
सहकार� ब�क� के �लए 250 िजल� म� म�हला एसएचजी को �दए जाने वाले ऋण पर ब्याज सबव� शन
(छूट) योजना
ii) वा�णज्य ब�क और सहकार� ब�क उक्त 250 िजल� म� िस्थत सभी म�हला एसएचजी को 7 प्र�तशत क�
दर पर उधार द� गे। अनब
ु ंध III म� इन 250 िजल� के नाम उपलब्ध ह�।
iii) प्रभा�रत भा�रत औसत ब्याज (�वत्त मंत्रालय, �वत्तीय सेवाएं �वभाग द्वारा यथा �न�दर् ष्ट
डब्ल्यूएआईसी) तथा 5.5 प्र�तशत क� अ�धकतम सीमा क� शतर् पर 7 प्र�तशत के बीच के अंतर क� मात्रा
तक सभी वा�णज्य ब�क� (�ेत्रीय ग्रामीण ब�क� को छोड़कर) को आ�थर्क सहायता (सबव� शन) प्रदान क�
जाएगी। यह सबव� शन सभी ब�क� को इस शतर् पर उपलब्ध होगा �क वे उक्त 250 िजल� के एसएचजी
को 7 प्र�तशत वा�षर्क क� दर पर ऋण उपलब्ध कराएंगे।
iv) अ�धकतम उधार दर� (नाबाडर् द्वारा यथा �न�दर् ष्ट) और 7 प्र�तशत के बीच के अंतर क� मात्रा तक
�ेत्रीय ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� को आ�थर्क सहायता प्रदान क� जाएगी जो 5.5 क� अ�धकतम
सीमा क� शतर् पर होगी। सभी �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� को उक्त सबव� शन इस शतर् पर
उपलब्ध होगा �क वे उक्त 250 िजल� के एसएचजी को 7 प्र�तशत वा�षर्क क� दर पर ऋण उपलब्ध
कराएंगे। �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� को नाबाडर् से �रयायती पुन�वर्त्त भी प्राप्त होगा। �ेत्रीय
ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� को नाबाडर् द्वारा �वस्तत
ृ �दशा�नद� श जार� �कए जाएंगे।
क. नकद� ऋण सीमा हे तु :
i. बकाया शेष 30 �दन� से अ�धक समय के �लए �नरं तर रूप से सीमा / आहरण शिक्त से अ�धक बना
न रह� ।
ii. खाते म� �नय�मत रूप से जमा और नामे लेनदे न होते रहने चा�हए। �कसी माह के दौरान हर हालत म�
कम से कम एक ग्राहक प्रे�रत क्रे�डट जरूर होना चा�हए।
15
iii. ग्राहक प्रे�रत क्रे�डट माह के दौरान नामे डाले गए ब्याज को कवर करने के �लए पयार्प्त होना चा�हए।
ख. मीयाद� ऋण� के �लए : ऐसे मीयाद� ऋण खाते को तत्पर भुगतान युक्त खाता तब माना जाएगा
जब ऋण क� अव�ध के दौरान सभी ब्याज भग
ु तान और / या मल
ू धन क� �कस्त� क� चक
ु ौती �नयत
तार�ख से 30 �दन� के भीतर क� गई हो।
सूचना दे ने क� �तमाह� के अंत म� सभी तत्पर आदाता एसएचजी खाते 3 प्र�तशत के अ�त�रक्त सबव� शन
के �लए पात्र ह�गे। ब�क� को पात्र एसएचजी ऋण खात� म� 3 प्र�तशत ब्याज सबव� शन क� रा�श जमा कर
दे नी चा�हए और तत्पश्चात प्र�तप�ू तर् क� मांग करनी चा�हए।
vi) ग्रामीण �वकास मंत्रालय द्वारा चय�नत �कसी नोडल ब�क के माध्यम से सभी वा�णज्य ब�क� (�ेत्रीय
ग्रामीण ब�क� को छोड़कर) के �लए उक्त ब्याज सबव� शन योजना कायार्िन्वत क� जाएगी।
vii) नाबाडर् द्वारा �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� के �लए उक्त योजना अल्पाव�ध फसल ऋण
योजना क� तरह ह� प�रचालन म� लायी जाएगी।
viii) कोर ब��कंग सोल्यूशन (सीबीएस) पर प�रचालन करने वाले सभी वा�णज्य ब�क (सरकार� �ेत्र के ब�क,
�नजी ब�क तथा �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� स�हत) इस योजना के अंतगर्त ब्याज सबव� शन प्राप्त कर� गे।
ix) एसएचजी को 7 प्र�तशत क� दर से �दए गए ऋण पर ब्याज सबव� शन पाने के �लए सभी वा�णज्य
ब�क� (�ेत्रीय ग्रामीण ब�क� को छोड़कर) के �लए आवश्यक है �क वे अपे��त तकनीक� �वशेषताओं के
अनुसार नोडल ब�क के पोटर् ल पर एसएचजी ऋण खाता संबंधी जानकार� अपलोड कर� । ब�क� को 3
प्र�तशत के अ�त�रक्त सबव� शन के दावे उसी पोटर् ल पर प्रस्तुत करने चा�हए।
x) ब�क द्वारा प्रस्तुत दावे सां�व�धक लेखा पर��क के प्रमाणपत्र (मूल रूप म� ) के साथ प्रस्तुत �कए जाने
चा�हए िजसम� प्रमा�णत �कया गया हो �क सबव� शन के दावे सत्य एवं सह� ह�।
xi) सभी �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� के �लए एसएचजी को 7 प्र�तशत क� दर से एसएचजी
को �दए गए ऋण पर ब्याज सबव� शन पाने के �लए आवश्यक है �क वे नाबाडर् के संबं�धत �ेत्रीय
कायार्लय को अपने दावे जून, �सतंबर, �दसंबर और माचर् क� िस्थ�त के अनुसार �तमाह� आधार पर
प्रस्तत
ु कर� । अं�तम �तमाह� के �लए दावे सां�व�धक लेखा पर��क के इस आशय के प्रमाणपत्र के साथ
�कए जाने चा�हए �क �वत्तीय वषर् के दावे सत्य एवं सह� ह�। माचर् को समाप्त �तमाह� के �लए �कसी
ब�क के दाव� का �नपटान ग्रामीण �वकास मंत्रालय द्वारा ब�क से संपूणर् �वत्तीय वषर् के �लए सां�व�धक
लेखा पर��क का प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद ह� �कया जाएगा।
16
xiii) वषर् के दौरान �कए गए �वतरण� से संबं�धत कोई शेष और वषर् के दौरान समा�वष्ट न �कए गए
दावे को अलग से समे�कत �कया जाए और ‘अ�त�रक्त दावा’ के रूप म� �चिह्नत �कया जाए और वह
नोडल ब�क (�ेत्रीय ग्रामीण ब�क� को छोड़कर सभी वा�णज्य ब�क� के �लए) तथा नाबाडर् के �ेत्रीय
कायार्लय� (सभी �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� के �लए) को उसके सह� होने के बारे म�
सां�व�धक लेखा पर��क� के प्रमाणन के बाद प्र�त वषर् जून तक प्रस्तुत �कया जाए।
xiv) सरकार� �ेत्र के ब�क� और �नजी ब�क� द्वारा दाव� म� �कसी प्रकार के सध
ु ार को लेखा पर��क के
प्रमाणपत्र के आधार पर बाद के दाव� से समायोिजत �कया जाएगा। तदनुसार नोडल ब�क के पोटर् ल पर
सुधार करना होगा।
xv) �ेत्रीय ग्रामीण ब�क� और सहकार� ब�क� द्वारा दाव� के प्रस्तु�तकरण क� प्र�क्रया के संबंध म� नाबाडर्
�वस्तत
ृ �दशा-�नद� श जार� करे गा।
संवगर् II के िजले िजनम� उक्त 250 िजल� को छोड़कर अन्य िजले शा�मल ह�, के �लए डीएवाई -
एनआरएलएम के अंतगर्त सभी म�हला एसएचजी 7 प्र�तशत क� ब्याज दर पर ऋण स�ु वधा प्राप्त करने
हे तु ब्याज सबव� शन के पात्र ह�गे। इस सबव� शन का �न�धयन राज्य ग्रामीण आजी�वका �मशन
(एसआरएलएम) द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इस बजट शीषर् के अंतगर्त प्रावधान का राज्य-वार
�वतरण प्रत्येक वषर् �नधार्�रत �कया जाएगा। संवगर् II िजल� म� ब�क एसएचजी के �लए अपने संबं�धत
उधार मानक� के आधार पर एसएचजी को प्रभार लगाय�गे तथा उधार दर� और 7 प्र�तशत के बीच के
अंतर के �लए 5.5 प्र�तशत क� अ�धकतम सीमा के अधीन आ�थर्क सहायता (सबव� शन) एसआरएलएम
द्वारा एसएचजी के ऋण खात� म� द� जाएगी। उक्त के अनुसरण म� संवगर् II िजल� हे तु ब्याज सबव� शन
के संबंध म� मुख्य-मुख्य बात� तथा प�रचालन संबंधी �दशा-�नद� श �नम्नानुसार ह� :
ऐसे सभी ब�क जो कोर ब��कंग सोल्यूशन (सीबीएस) म� कायर् करते ह� उनके �लए आवश्यक है �क वे
एसएचजी के ऋण सं�वतरण और बकाया ऋण का ब्योरा ग्रामीण �वकास मंत्रालय द्वारा �दए गए वां�छत
फाम�ट म� सीधे सीबीएस प्लेटफामर् से ग्रामीण �वकास मंत्रालय (एफट�पी के माध्यम से) और
एसआरएलएम को प्रस्तुत कर� गे। उक्त जानकार� मा�सक आधार पर उपलब्ध करायी जानी चा�हए ता�क
ब्याज सबव� शन रा�श क� गणना और एसएचजी को उसके �वतरण म� स�ु वधा हो सके।
17
ऐसे डीएवाई - एनआरएलएम ल��त समूह के ग्रामीण सदस्य� के एसएचजी प्र�त वषर् 7 प्र�तशत क� दर
से �लए गए ₹3 लाख तक के ऋण के �लए तत्परता से चक
ु ौती करने पर ब्याज सबव� शन के पात्र ह�गे।
ii. यह योजना राज्य ग्रामीण आजी�वका �मशन (एसआरएलएम) द्वारा कायार्िन्वत क� जाएगी। ऐसे पात्र
एसएचजी को एसआरएलएम ब्याज सबव� शन उपलब्ध कराएगा िजन्ह�ने वा�णज्य और सहकार� ब�क� से
ऋण �लया हो। इस सबव�शन का �न�धयन क�द्र�य आवंटन� के प्र�त राज्य का अंशदान के 75:25 के
अनप
ु ात से �कया जाएगा।
iii. एसएचजी को ब�क� क� उधार दर और 7 प्र�तशत के बीच के अंतर के �लए 5.5 प्र�तशत क�
अ�धकतम सीमा के अधीन एसआरएलएम द्वारा सबव� शन (आ�थर्क सहायता) सीधे ह� मा�सक / �तमाह�
आधार पर �दया जाएगा। एसआरएलएम द्वारा उक्त सबव� शन रा�श का ई-अंतरण तत्परता से चुकौती
करने वाले एसएचजी के ऋण खाते म� �कया जाएगा।
iv. एसजीएसवाई के अंतगर्त अपने वतर्मान ऋण� के अंतगर्त पहले ह� पंूजी सिब्सडी प्राप्त म�हला
एसएचजी इस योजना के अंतगर्त अपने वतर्मान (सब�सिस्टं ग) ऋण के �लए ब्याज सबव� शन का लाभ
पाने के पात्र नह�ं ह�गे।
v. पात्र एसएचजी के ऋण खात� म� अंत�रत सबव� शन रा�शय� को दशार्ते हुए एसआरएलएम द्वारा
�तमाह� उपयो�गता प्रमाणपत्र प्रस्तत
ु �कया जाना चा�हए।
राज्य �व�शष्ट ब्याज सबव� शन योजना वाले राज्य� को सू�चत �कया जाता है �क वे अपने �दशा�नद� श
उक्त क�द्र�य योजना के अनुरूप बना ल� ।
18
अनुबंध III
2 कृष्णा
3 श्रीकाकुलम
4 पूवर् गोदावर�
5 �वजयनगरम
6 �वशाखापट्टणम
2 पूव� काम� ग
3 पापुम पुरे
4 लो�हत
3 असम 1 �चरांग
2 काब� आंगल�ग
3 सो�नतपुर
4 �तनस�ु कया
5 है लाकांडी
6 धेमाजी
7 जोरहाट
8 नागांव
19
4 �बहार 1 सहरसा
2 सुपौल
3 मधेपुरा
4 नालंदा
5 खग�रया
7 अरवल
8 औरं गाबाद
9 गया
10 जमुई
11 जहानाबाद
12 कैमूर
13 मंग
ु ेर
14 नवादा
15 रोहतास
16 पिश्चम चंपारण
17 सीतामढ़�
5 छत्तीसगढ़ 1 बलरामपुर
2 सूरजपुर
3 सुकमा
4 क�डगांव
5 ग�रयाबंद
6 बालोदा बाज़ार
7 धमतर�
20
8 रायगढ़
9 बस्तर
10 बीजापरु
11 दं तेवाड़ा
12 जशपुर
13 कंकेर
14 कावारधा
15 को�रया
16 नारायणपुर
17 राजनांदगांव
18 सरगज
ु ा
2 म�हसागर
3 मेहसाणा
4 जन
ू ागढ़
5 वड़ोदरा
6 बनासकांठा
7 पंचमहल
7 झारखंड 1 पाकुर
2 दम
ु का
3 गोड्डा
4 बोकारो
5 छतरा
6 गढ़वा
21
7 �ग�रडीह
8 गुमला
9 हजार�बाग
10 खुंट�
11 कोडरमा
12 लातेहर (उ)
13 लोहरदगा
14 पिश्चम �संहभूम
15 पलामु
16 पूव� �संहभुम
17 रामगढ़
18 रांची (ग्रामीण)
19 सराइकेला (उ)
20 �समडेगा (उ)
8 कनार्टक 1 बीजापरु
2 चामराजनगर
3 �चत्रदग
ु ार्
4 गुलबगार्
5 मैसूर
6 तम
ु कुर
7 गदग
8 कोप्पल
2 दमोह
22
3 ट�कमगढ़
4 पन्ना
5 छतरपरु
6 झाबुआ
7 धार
8 अन्नुपुर
9 बालाघाट
10 �दंडोर�
11 मंडाला
12 �सओनी
13 शाहडोल
14 �सधी
15 उम�रया
16 �छं दवाडा
17 �संग्रौल�
18 बड़वानी
19 श्योपुर
20 अ�लराजपुर
10 महाराष्ट्र 1 सोलापुर
2 रत्ना�गर�
3 ठाणे
4 वधार्
5 बीड
6 �संधद
ु ग
ु र्
23
7 चंद्रपुर
8 गड़�चरोल�
9 ग��दया
10 जालना
11 उस्मानाबाद
12 नंदरू बार
13 यवतमाल
11 ओ�डशा
़ 1 अंगुल
2 भद्रक
3 बालासोर
4 कटक
5 बालांगीर
6 दे वगढ़
7 गजप�त
8 गंजम
9 जाजपुर
10 कालाहांडी
11 कंधमाल
12 क�दझ
ु र
13 कोरापुट
14 मलकन�गर�
15 मयुरभंज
16 नबरं गपुर
17 नयागढ़
24
18 नौपाडा
19 रायगड़
20 संबलपुर
21 सोनापरु
22 सुंदरगढ़
12 राजस्थान 1 डुग
ं रपुर
2 बंसवाड़ा
3 ढोलपरु
4 झालावाड़
5 बरन
6 अजमेर
7 अलवर
8 दौसा
9 उदयपुर
13 त�मलनाडु 1 कड्डालोर
2 नागापट्टनम
3 तंजावरु
4 �त्रची
5 �डंडुगल
6 �वलुपुरम
7 वेल्लौर
8 �तरुवन्नमलाई
9 धरमपुर�
25
2 अ�लगढ़
3 औरै या
4 बस्ती
5 �बजनौर
6 लखीमपुर – खेर�
7 उन्नाव
8 वाराणसी
9 बाराबंक�
10 गोरखपुर
11 लखनऊ
12 चंदौल�
13 �मजार्पुर
14 सोनभद्र
15 बदायूं
16 हरदोई
17 इटावा
18 आज़मगढ़
19 इलाहाबाद
20 आंबेडकरनगर
21 बहराइच
22 दे व�रया
23 जालौन
24 हमीरपुर
25 बांदा
26
15 पिश्चम बंगाल 1 अल�पुरदआ
ु र
2 पूवर् म�दनापुर
3 द��ण 24 परगणा
4 बांकुरा
5 मे�दनीपुर पिश्चम
6 कूच�बहार
7 बीरभूम
8 परू
ु �लया
16 तेलंगणा 1 मेहबूबनगर
2 अ�दलाबाद
3 वारं गल
4 खम्मम
5 कर�मनगर
17 केरल 1 इडुक्क�
2 वायानाडु
3 पालाक्कड
4 मल्लपरु म
2 कनार्ल
3 जींद
4 मेवात
5 �भवानी
6 झज्जर
27
2 ऊना
3 �शमला
4 मंड़ी
2 पूंछ
3 �कश्तवाड़
4 गंडरे बल
5 बडगाम
6 उधमपुर
21 पंजाब 1 प�टयाला
2 संगरूर
3 भ�टंडा
4 तरण तारण
5 गुरदासपुर
6 �फरोजपरु
22 उत्तराखंड 1 �पथोरागढ़
2 पौड़ी गढ़वाल
3 चमोल�
4 बागेश्वर
23 म�णपुर 1 चंदेल
2 इम्फाल ईस्ट
28
25 �मज़ोरम 1 सेर�छप
2 आइजोल
3 लुंग्लेई
26 नागाल�ड 1 �खफेरे
2 ल�गल� ग
3 पेरेन
4 तुएनसंग
5 मोन
27 �त्रपुरा 1 धलाई
2 पिश्चम �त्रपुरा
3 उत्तर �त्रपुरा
28 पुदच
ु ेर� 1 पुदच
ु ेर�
2 पूवर् �सक्क�म
29
अनुबंध IV
शाखा का नाम :
ब�क का नाम :
ब्लाक
नाम :
िजला :
राज्य :
माह 20 ---------- के �लए प्रग�त �रपोटर्
ऋण� क� संख्या - वास्त�वक* लाख
क्रम बचत खात� के साथ एसएचजी क� संख्या इस माह म� क्रे�डट-सहलग्न एसएचजी बकाया ऋण
सं.
�पछले इस माह संचयी नए ऋण दब
ु ारा ऋण संचयी
माह तक म� खोले
कुल गए नए
बचत खाते
खाते
ऋण� क� सं�वत�रत ऋण� सं�वत�रत ऋण� क� संख्या सं�वत�रत रा�श* ऋण� सं�वत�रत
संख्या रा�श* क� रा�श* क� रा�श*
संख्या संख्या
1(क) 1(ख) 1(ग)= 1(क) + 1(ख) 2(क) 2(ख) 3 (क) 3 (ख) 4(क)=2(क)+3(क) 4(ख)=2(ख)+3(ख) 5(क) 5(ख)
30
अनुबंध V
शाखा का नाम :
ब�क का नाम :
ब्लॉक का नाम :
माह के �लए कमी क� �रपोटर् िजला :
राज्य
31
प�र�शष्ट
32