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INDEX

यप
ू ीएससी ससविल सेिा परीक्षा में निबंध का महत्ि 3

निबंध पेपर का पैटिन 3

विगत िर्षों के प्रश्िों की थीम आधाररत सच


ू ी 4

अपिे निबंध पर काम करें और बढ़त हाससल करें 6

एक अच्छा निबंध सलखिे की कला विकससत करिा 7

जिि विर्षयों पर निबंध पूछे िा रहे हैं 7

निबंधों पर विचार-मंथि 16

एक निबंध के घटक 19

मख्
ु य भाग 21

निष्कर्षन 22

निबंध की प्रस्तनु त 23

मल्
ू य संिधनि 24

2
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of All Tests

English Medium- Old Rajinder Nagar | �ह�ी मा�म - मुख़ज� नगर


यूपीएससी सससिल सेिा परीक्षा में सिबंध का महत्व
❖ यूपीएससी सससिल सेिा परीक्षा में तीन चरण होते हैं - प्रारं सिक परीक्षा (प्रीसलम्स), मुख्य परीक्षा (मेन्स) और साक्षात्कार
(इं टरव्यू)। उम्मीदिार की रैं क मेन्स के साथ-साथ इं टरव्यू में प्राप्त कुल अंकों पर आधाररत होती है । मेन्स का कुल
िेटेज कुल अंकों का 86.4% है (यानी 2025 अंकों में से 1750)। मेन्स में कुल 1750 अंक ं में से 250 सिबंध के सलए
हैं ज सक मेन्स के कुल अंक ं का लगभग 14.28% है ।
❖ यूपीएससी सीएसई - 2022 में, कटऑफ 748 अंक (अनारसक्षत श्रेणी) था, इससलए यसद कोई उम्मीदिार सनबंध में 120-
130 के आसपास स्कोर करता है , तो 1500 के
कुल स्कोर िाले संयुक्त सामान्य अध्ययन (GS)
और िैकल्पिक पेपर में आिश्यक स्कोर लगिग
628-618 होगा। कटऑफ को आराम से पार
करने और इं टरव्यू कॉल प्राप्त करने के सलए।
हालााँ सक, असतररक्त प्रयासों के साथ, कटऑफ से
50-60 अंक ऊपर प्राप्त करना और अपने सपनों
की सेिा में आना िी संिि है ।
❖ िले ही यह केिल 14% सदखाई दे , लेसकन सनबंध
पेपर में अच्छे अंक प्राप्त करने के सलए सकसी िी
अन्य GS या िैकल्पिक पेपर की तुलना में बहुत
कम प्रयास की आिश्यकता होती है । इसके
अलािा, यसि क ई सिबंध पेपर में कम अंक प्राप्त करता है , त GS/िैकल्पिक पेपर में असतररक्त अंक ं के साथ
इस अंतर क पाटिा और िू सर ं की तुलिा में असधक अंक प्राप्त करिा बहुत मुल्पिल है । इससलए, यह सबल्कुल
स्पष्ट है सक सनबंध की तैयारी को हल्के में नहीं सलया जा सकता है ।

सिबंध पेपर का पैटिन

पेपर - I: सिबंध कुल अंक: 250

❖ सनबंध पेपर में ि खण्ड होते हैं , खण्ड A और खण्ड B, प्रत्येक खण्ड 125 अंक ं का ह ता है सजसमें चार टॉसपक
होते हैं और कुल 250 (125×2) अंक होते हैं ।
❖ उम्मीदिार को प्रत्येक खण्ड से एक टॉसपक का चयि करिा ह गा और तीि घंटे के सदए गए समय के िीतर
1000 से 1200 शब् ं में इसके बारे में सलखना होगा। अथाात प्रत्येक सिबंध के सलए डे ढ़ घंटे का समय समलता है ।
❖ यूपीएससी सीएसई 2022 मुख्य परीक्षा का सनबंध पेपर:

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विगत िर्षों के प्रश्िों की थीम आधाररत सच
ू ी

❖ िाशनसिक
● जो बदलाि आप दू सरों में दे खना चाहते हैं - पहले स्वयं में लाइए – गााँ धीजी (2013)
● असधकार (सत्ता) बढ़ने के साथ उत्तरदासयत्व िी बढ़ जाता है । (2014)
● शब्द दोधारी तलिार से असधक तीक्ष्ण होते हैं । (2014)
● सकसी को अनुदान दे ने से, उसके काम में हाथ बंटाना बेहतर है । (2015)
● फुतीला सकन्तु संतुसलत व्यल्पक्त ही दौड़ में सिजयी होता है । (2015)
● सकसी संस्था का चररत्र-सचत्रण , उसके नेतृत्व में प्रसतसबल्पित होता है । (2015)
● मूल्ों से िंसचत सशक्षा, जैसी अिी उपयोगी है , व्यल्पक्त को असधक चतुर शैतान बनाने जैसी लगती है । (2015)
● आिश्यकता लोि की जननी है तथा लोि का आसधक्य नस्लें बबाा द करता है । (2016)
● हर्ा कृतज्ञता का सरलतम रूप है । (2017)
● हम मानिीय सनयमों का तो साहसपूिाक सामना कर सकते हैं , परं तु प्राकृसतक सनयमों का प्रसतरोध नहीं कर सकते।
(2017)
● एक अच्छा जीिन प्रेम से प्रेररत तथा ज्ञान से संचासलत होता है । (2018)
● ‘अतीत’ मानिीय चेतना तथा मूल्ों का एक स्थायी आयाम है । (2018)
● रूसढ़गत नैसतकता आधुसनक जीिन की मागादशाक नहीं हो सकती है । (2018)
● जो समाज अपने ससद्धान्तों के ऊपर अपने सिशेर्ासधकारों को महत्त्व दे ता है , िह दोनों से हाथ धो बैठता है । (2018)
● यथाथा आदशा के अनुरूप नहीं होता है , बल्पल्क उसकी पुसष्ट करता है । (2018)
● सििेक सत्य को खोज सनकालता है । (2019)
● मूल् िे नहीं जो मानिता है , बल्पल्क िे हैं जैसा मानिता को होना चासहए। (2019)
● व्यल्पक्त के सलए जो सिाश्रेष्ठ है , िह आिश्यक नहीं सक समाज के सलए िी हो। (2019)

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● स्वीकारोल्पक्त का साहस एिं सुधार करने की सनष्ठा सफलता के दो मंत्र हैं । (2019)
● मनुष्य होने और मानि बनने के बीच का लिा सफर ही जीिन है । (2020)
● सिचारपरक संकि स्वयं के शां तसचत्त रहने का उत्प्रेरक है । (2020)
● जहाज अपने चारों तरफ के पानी के िजह से नहीं डूबा करते, जहाज पानी के अंदर समा जाने की िजह से डूबते हैं ।
(2020)
● सरलता चरम पररष्करण है । (2020)
● जो हम हैं , िह संस्कार; जो हमारे पास है , िह सभ्यता। (2020)
● सत ही यथाथा है और यथाथा ही सत है । (2021)
● इच्छारसहत होने का दशान कािसनक आदशा (युटोसपया) है , जबसक िौसतकता माया है । (2021)
● आपकी मेरे बारे में धारणा, आपकी सोच दशाा ती है ; आपके प्रसत मेरी प्रसतसिया, मेरा संस्कार है । (2021)
● इसतहास स्वयं को दोहराता है , पहली बार एक त्रासदी के रूप में, दू सरी बार एक प्रहसन के रूप में। (2021)
● आत्म-संधान की प्रसिया अब तकनीकी रूप से िाह्य स्रोतों को सौंप दी गई है । (2021)
● पालना झूलाने िाले हाथों में ही संसार की बागडोर होती है । (2021)
● कसि संसार के अनसधकृत रूप से मान्य सिधायक होते हैं । (2022)
● जहाज बन्दरगाह के िीतर सुरसक्षत होता है , परन्तु इसके सलए तो िह होता नहीं है । (2022)
● आप उसी नदी में दोबारा नहीं उतर सकते। (2022)
● हर असमंजस के सलए मुस्कराहट ही चुसनन्दा साधन है । (2022)
● केिल इससलए सक आपके पास सिकि हैं , इसका यह अथा कदासप नहीं है सक उनमें से सकसी को िी ठीक होना ही
होगा। (2022)
● छप्पर मरम्मत करने का समय तिी होता है , जब धूप ल्पखली हुई हो। (2022)
❖ स्वास्थ्य एिं सशक्षा
● क्या मानकीकृत परीक्षण शैसक्षक योग्यता या प्रगसत का बसढ़या माप है ? (2014)
● राष्टर के िाग्य का स्वरूप – सनमाा ण उसकी कक्षाओं में होता है । (2017)
● प्राथसमक स्वास्थ्य सेिा और सशक्षा की उपेक्षा िारत के सपछड़े पन के कारण हैं । (2019)
❖ समाज
● िारत में “नए युग की नारी” की पररपूणाता एक समथक है । (2017)
● सपतृ-सत्ता की व्यिस्था नजर में बहुत कम आने के बािजूद सामासजक सिर्मता की सबसे प्रिािी संरचना है ।
(2020)
❖ अन्तरानष्ट्रीय संबंध
● क्या गुटसनरपेक्ष आं दोलन (नम) एक बहुध्रुिीय सिश्व में अपनी प्रासंसगकता को खो बैठा है ? (2017)
● िारत के सीमा सििादों का प्रबन्धन – एक जसटल काया। (2018)
● दसक्षण एसशयाई समाज सत्ता के आस-पास नहीं, बल्पल्क अपनी अनेक संस्कृसतयों और सिसिन्न पहचानों के ताने -बाने
से बने हैं । (2019)
● अंतराा ष्टरीय संबंधों में मौन कारक के रूप में प्रौद्योसगकी। (2020)
❖ भारत/ल कतंत्र/सिकास
● क्या प्रसतस्पधाा का बढ़ता स्तर युिाओं के सहत में है ? (2014)
● क्या ल्पटंग ऑपरे शन सनजता पर एक प्रहार है ? (2014)
● ओलंसपक में पचास स्वणा पदक : क्या िारत के सलए यह िास्तसिकता हो सकती है ? (2014)

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● िे सपने जो िारत को सोने न दें । (2015)
● स्त्री-पुरुर् के समान सरोकारों को शासमल सकए सबना सिकास संकटग्रस्त है । (2016)
● संघीय िारत में राज्ों के बीच जल-सििाद। (2016)
● सहकारी संघिाद : समथक अथिा यथाथा। (2016)
● िारत में संघ और राज्ों के बीच राजकोर्ीय संबंधों पर नए आसथाक उपायों का प्रिाि। (2017)
● जलिायु पररितान के प्रसत सुनम्य िारत हे तु िैकल्पिक तकनीकें। (2018)
● पक्षपातपूणा मीसडया िारत के लोकतंत्र के समक्ष एक िास्तसिक खतरा है । (2019)
● सबना आसथाक समृल्पद्ध के सामासजक न्याय नहीं हो सकता, सकन्तु सबना सामासजक न्याय के आसथाक समृल्पद्ध सनरथाक
है । (2020)
● “सिोत्तम कायाप्रणाली” से बेहतर कायाप्रणासलयााँ िी होती हैं । (2021)
❖ अथनव्यिस्था आधाररत
● क्या औपसनिेसशक मानससकता िारत की सफलता में बाधक हो रही है ? (2013)
● सकल घरे लू उत्पाद (GDP) के साथ-साथ सकल घरे लू खुशहाली (GDH) दे श की सम्पन्नता के मूल्ां कन के सही
सूचकां क होंगे। (2013)
● क्या यह नीसत – गसतहीनता थी या सक सियान्वयन – गसतहीनता थी, सजसने हमारे दे श की संिृल्पद्ध को मंथर बना सदया
था ? (2014)
● पयाटन : क्या िारत के सलए यह अगला बड़ा प्रेरक हो सकता है ? (2014)
● िारत के सम्मुख संकट – नैसतक या आसथाक। (2015)
● क्या पूंजीिाद द्वारा समािेसशत सिकास हो पाना संिि है ? (2015)
● निप्रितान आसथाक संिृल्पद्ध और सामासजक कल्ाण का अपररहाया सनधाा रक है । (2016)
● िारत में लगिग रोजगार सिहीन संिृल्पद्ध : आसथाक सुधार की सिसंगसत या पररणाम। (2016)
● िारत में असधकतर कृर्कों के सलए कृसर् जीिन – सनिाा ह का एक सक्षम स्रोत नहीं रही है । (2017)
● कहीं पर िी गरीबी, हर जगह की समृल्पद्ध के सलए खतरा है । (2018)
● आसथाक समृल्पद्ध हाससल करने के मामले में िन सिोत्तम प्रसतमान होते हैं । (2022)
❖ सिज्ञाि एिं प्रौद्य सगकी आधाररत
● राष्टर के सिकास ि सुरक्षा के सलए सिज्ञान ि प्रौद्योसगकी (टे क्नोलॉजी) सिोपचार हैं । (2013)
● प्रौद्योसगकी, मानिशल्पक्त को सिस्थासपत नहीं कर सकती। (2015)
● सडसजटल अथाव्यिस्था : एक समताकारी या आसथाक असमता का स्रोत। (2016)
● साइबरस्पेस और इं टरनेट : दीघा अिसध में मानि सभ्यता के सलए िरदान अथिा असिशाप। (2016)
● “सोशल मीसडया” अंतसनासहत रूप से एक स्वाथापरायण माध्यम है । (2017)
● कृसत्रम बुल्पद्ध का उत्थान : िसिष्य में बेरोजगारी का खतरा अथिा पुनः कौशल और उच्चकौशल के माध्यम से बेहतर
रोजगार के सृजन का अिसर। (2019)
● शोध क्या है , ज्ञान के साथ एक अजनबी मुलाकात ! (2021)
● इसतहास िैज्ञासनक मनुष्य के रूमानी मनुष्य पर सिजय हाससल करने का एक ससलससला है । (2022)

अपिे सिबंध पर काम करें और बढ़त हाससल करें


❖ असधकां श अभ्यसथायों द्वारा सनबंध लेखन की उपेक्षा ि कारण ं से की जाती है -

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⮚ पहला, GS पेपर और िैकल्पिक पेपर पहले से ही इतने सिशाल हैं सक प्रीसलम्स और मेन्स के बीच का असधकां श
समय इन्ीं में लग जाता है।
⮚ दू सरा, असधकां श उम्मीदिारों को लगता है सक GS की तैयारी अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से सनबंध में मदद करे गी।
❖ हालााँ सक, यसद इस पेपर के सलए उसचत तैयारी की जाए तो यह उम्मीदिार को प्रसतस्पधाा त्मक बढ़त प्रदान करे गा।

एक अच्छा सिबंध सलखिे की कला सिकससत करिा


एक अच्छा सनबंध सलखने का कौशल सिकससत करना एक क्रसमक प्रसक्रया है और इसके सलए दृढ़ता और समपनण के साथ
सियसमत अभ्यास की आिश्यकता होती है ।
एक अच्छा सिबंध सिकससत करिे के सलए िीचे कुछ महत्वपूणन सबंिु सिए गए हैं :
❖ पढ़िे की आित सिकससत करिा: यह बेहद महत्वपूणा है क्योंसक पढ़ना आपके ज्ञान के आधार को बढ़ाने में मदद
करता है और आपको सिसिन्न सिर्यों पर कई आयामों और दृसष्टकोणों से समृद्ध करता है। संपादकीय पढ़ते समय, इस
बात पर ध्यान दें सक लेखक ने सकस तरह से जानकारी व्यक्त की है और सुसंगत प्रिाह सुसनसित करने के सलए सिसिन्न
पैराग्राफों के बीच संबंध स्थासपत सकए हैं ।
❖ अपिे ज्ञाि का आधार बिािा: अच्छा कंटें ट सलखने के सलए, एक मजबूत ज्ञान का आधार सिकससत करना बेहद
महत्वपूणा है । GS की तैयारी से यहां असतररक्त लाि समलेगा।
❖ सिश्लेषणात्मक कौशल सिकससत करें : परीक्षा में सदए गए सनबंध सिर्य की मां ग को संबोसधत करने के सलए, सिर्य
और उसके आयामों को समझने की क्षमता सिकससत करना महत्वपूणा है सजन्ें सनबंध सिकससत करते समय किर सकया
जाता है । सामासजक, राजनीसतक, व्यल्पक्तगत, आसथाक आसद जैसे सिसिन्न आयामों से सिर्यों का सिश्लेर्ण करने की
आदत बनाने से एक समग्र सनबंध सलखने में मदद समलेगी। हमें सिर्य की गहराई और चौड़ाई को क्षैसतज और लंबित
दोनों तरह से समझना होगा।
जैसे िैश्वीकरण पर एक सनबंध के सलए, हर कोई आसथाक, राजनीसतक और सामासजक पहलुओं को किर करे गा,
लेसकन अलग सदखने के सलए हमें पाररिाररक संरचना, बुजुगा आबादी, सकसी व्यल्पक्त के स्वास्थ्य आसद पर िैश्वीकरण
के प्रिाि जैसे आयामों को किर करना होगा। हमें अपनी बातों में दाशासनक के साथ-साथ मनोिैज्ञासनक पहलू िी
शासमल करना चासहए। सबंदु को जोड़ने की क्षमता सनबंध को असधक प्रासंसगक और समृद्ध बनाएगी।
❖ अपिे व्याकरण और लेखि शैली में सुधार करें : व्याकरण संबंधी त्रुसटयााँ और अव्यिल्पस्थत प्रस्तुसतयााँ परीक्षक के सलए
िास्ति में परे शानी िरी हो सकती हैं । यहां तक सक इन गलसतयों के कारण अच्छे कंटें ट को िी नजरअंदाज कर सदया
जाता है और बहुत असधक व्याकरण संबंधी त्रुसट और खराब प्रस्तुसत होने पर उसे पयाा प्त अंक नहीं सदए जाते हैं ।
❖ समय प्रबंधि: सनबंध सलखना शुरू करने से पहले, उत्तर पुल्पस्तका के पीछे सदए गए रफ़ पन्नों पर एक रूपरे खा बनाएं ।
यहां सिसिन्न आयामों का उल्लेख करें और उन प्रासंसगक सबंदुओं पर मंथन करें सजन्ें उत्तर में जोड़ा जा सकता है ।
❖ अपिे सबंिुओ ं क समृद्ध करिा: यह अपनी बात को पुष्ट करने के सलए डे टा, तथ्ों, उदाहरणों, सिोत्तम प्रथाओं,
उद्धरणों आसद का उल्लेख करके सकया जा सकता है । इन सबंदुओं को जोड़कर अमूता और सामान्य सिचारों को असधक
सिसशष्ट, तासकाक सिचारों में पररिसतात सकया जा सकता है और इससे सबंदुओं में सिश्वसनीयता आती है ।

सजि सिषय ं पर सिबंध पूछे जा रहे हैं

थीम: िशनि

हाल के िर्ों में िाशनसिक सिषय ं पर सनबंध यूपीएससी के सलए पसंदीदा बन गए हैं । इन सिर्यों के साथ चुनौती यह है सक
सिर्य की व्याख्या व्यल्पक्त दर व्यल्पक्त अलग-अलग हो सकती है । साथ ही, असधकां श लोगों के सलए दशानशास्त्र को

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समझना कसठन है , यह तब और िी असधक चुनौतीपूणा है जब इसे परीक्षा पररल्पस्थसतयों में सीसमत समय में करना हो।
हालााँ सक, दाशासनक सनबंधों में एक अच्छा सनबंध सलखने की गुंजाइश बहुत असधक होती है क्योंसक सिश्लेर्ण के सलए सिर्यों
का दायरा व्यापक हो जाता है । सकसी सदए गए सबंदु के पक्ष या सिपक्ष में बहस करने के सलए कई उदाहरण, ऐसतहाससक
घटनाएं , समाचार लेख आसद को जोड़ा जा सकता है । दाशासनक सनबंधों के सलए िार्ा पर अच्छी पकड़ तथा उद्धरणों और
िाक्यां शों के पयाा प्त संग्रह की आिश्यकता होती है जो पूछे गए सिर्य की िार्ा के अनुरूप हों।
कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. आपकी मेरे बारे में धारणा, आपकी स च िशानती है ; आपके प्रसत मेरी प्रसतसक्रया, मेरा संस्कार है । (2021)

सिश्लेषण: सिर्य से ही यह स्पष्ट है सक यह आत्म-जागरूकता के सिचार पर आधाररत है । सिी मनुष्य अपने सपछले
अिुभि ,ं भाििाओं, प्रिृसिय ं और सजस िातािरण में उनका पालन-पोर्ण हुआ है , उसके आधार पर पूिाा ग्रहों द्वारा
सनदे सशत होते हैं । इससलए, एक बार जब आप इस अंतसनासहत सिचार को समझ लेते हैं , तो आप इस सिर्य को चुन सकते
हैं । सनबंध को सनम्नसलल्पखत तरीकों से प्रस्तुत सकया जा सकता है :
❖ ऐसतहाससक सिचार: सिसटश औपसनिेसशक शल्पक्तयां िारतीयों को बबार रूप में दे खती थीं, इससलए उन्ोंने नागररकों
के सिरोध को दबाने के सलए सहं सक तरीके अपनाए। हालााँ सक, स्वतंत्रता सेनासनयों ने स्वयं की अपनी धारणा के आधार
पर दे शिल्पक्त की प्रबुद्ध िािना के साथ प्रसतसिया व्यक्त की।
❖ छ टी सी घटिा का सििरण: सुकरात को राज् द्वारा जहर सदया गया था क्योंसक उनके सिचारों को तत्कालीन एथेंस
राज् ने सिश्वासघाती माना था। हालााँ सक, उन्ोंने खुशी से जहर स्वीकार कर सलया क्योंसक िह राज् को अराजकता से
बचाना चाहते थे।
❖ इस सिर्य को व्यल्पक्तगत दृसष्टकोण के साथ-साथ सां स्कृसतक, आध्याल्पत्मक और िास्तसिक दु सनया के उदाहरणों से िी
जोड़ा जा सकता है ।

2. इच्छारसहत ह िे का िशनि कािसिक आिशन (युट सपया) है , जबसक भौसतकता माया है । (2021)

सिश्लेषण: इस सिर्य में अंतसनासहत सिचार दो िैचाररक चरम सीमाओं पर आधाररत है - इच्छाहीनता और िौसतकिाद।
इसके सलए कम से कम चािाा क दशान, िौसतकिाद, यूटोसपया के सिचार आसद की बुसनयादी िैचाररक समझ की
आिश्यकता होती है । इससलए, यसद आप खुद को इन सिचारों तक पहुं चने के सलए पयाा प्त सहज पाते हैं , तो आप इस सिर्य
को चुन सकते हैं । सनबंध को सनम्नसलल्पखत तरीके से प्रस्तुत सकया जा सकता है :
❖ समसामसयक उिाहरण: बाबा राम रहीम ससंह जैसे स्वयंिू बाबा, जो दु सनया की िौसतक आिश्यकताओं से दू र
आध्याल्पत्मक आत्म का एक जीिंत उदाहरण होने का दािा करते थे, उन्ें बलात्कार और िारी संपसत्त रखने के आरोप
में पकड़ा गया था। यह इच्छाहीनता को एक स्वप्नलोक के रूप में इं सगत करता है जबसक िौसतकिाद एक किना है
सजसे आज की दु सनया में हाससल करना व्यािहाररक रूप से कसठन है ।

थीम: सिज्ञाि/प्रौद्य सगकी/पयानिरण

सिज्ञान/प्रौद्योसगकी/जलिायु पररितान/पयाा िरण पर सिर्य आमतौर पर आकर्ाक होते हैं क्योंसक इसे GS3 में पयाा प्त रूप
से शासमल सकया गया है । इन सिर्यों में आमतौर पर सकसी के पास पयाा प्त डे टा और उदाहरण होते हैं , हालां सक आपको
यहां यह सुसनसित करना होगा सक आपका कंटें ट असद्वतीय उदाहरणों और सिोत्तम प्रथाओं को शासमल करके दू सरों के

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मुकाबले अलग सदखे।
कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. इसतहास िैज्ञासिक मिुष्य के रूमािी मिुष्य पर सिजय हाससल करिे का एक ससलससला है । (2022)

सिश्लेषण: इस सिर्य में उम्मीदिार से अपेसक्षत सिचार यह है सक िैज्ञासनक प्रगसत , िृल्पद्ध और सामासजक पररितानों में
अपने योगदान के माध्यम से ऐसतहाससक सिकास में तेजी लाने में महत्वपूणा रही है । ससदयों से, सिज्ञान और प्रौद्योसगकी की
प्रगसत ने मानि अल्पस्तत्व के सिसिन्न पहलुओं को महत्वपूणा रूप से प्रिासित सकया है । संक्षेप में, इन सिकासों ने पररितान के
एजेंट के रूप में काया सकया है , अथाव्यिस्थाओं, समाजों और संस्कृसतयों को आकार सदया है । िैज्ञासनक प्रगसत की तीव्र गसत
इसतहास को आगे बढ़ाने में बनी रहती है , आने िाले समय में और िी गहरे प्रिाि की संिािना है । उम्मीदिार को जीिन
के प्रसत िैज्ञासनक दृसष्टकोण का एक सिरोधािासी सििरण दे ने की ल्पस्थसत में होना चासहए जो प्रगसत में पररिसतात होता हो ।
❖ िैज्ञासिक मिुष्य की सिजय ं के इस ससलससले के साक्ष्य: औद्योसगक िां सत, सचसकत्सा प्रगसत, संचार और सूचना
िां सत, अंतररक्ष अन्वेर्ण, ऊजाा िां सत, आनुिंसशक और जैि प्रौद्योसगकी िां सत, पयाा िरण जागरूकता और संरक्षण,
स्वचालन और कृसत्रम बुल्पद्धमत्ता, मनोसिज्ञान और तंसत्रका सिज्ञान, साइबर सुरक्षा और गोपनीयता जैसे क्षेत्रों के माध्यम
से मानि व्यिहार को समझना।

2. जलिायु पररितनि के प्रसत सुिम्य भारत हे तु िैकल्पिक तकिीकें। (2018)

सिश्लेषण: इस सिर्य में जलिायु पररितान से सनपटने में सिसिन्न तकनीकों की उपयोसगता और क्षेत्र में आगे के अनुसंधान
और सिकास की आिश्यकता के साथ उनके बारे में सिचार प्रस्तुत करने की आिश्यकता है । अब, परीक्षाओं में सनबंध
लेखन के सलए ऐसे सिर्यों को चुनने के सलए सिसिन्न आधुसनक तकनीकी प्रगसत पर पकड़ होनी चासहए जो जलिायु
पररितान को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं , सिशेर्कर उनके उपयोग पर। िारत के संदिा में, जलिायु सुनम्य तकनीकी
सिकास तिी उपयोगी हैं जब िे लागत प्रिािी िी हों। इससलए, सिर्य पर अभ्यथी की पकड़ में यह पहलू िी शासमल होना
चासहए। इन क्षेत्रों को किर करने के साथ, अभ्यथी परीक्षा में सनबंध सलखने के सलए इस सिर्य का चयन आराम से कर
सकता है ।
❖ सिबंध: िूसमका में जलिायु पररितान की पररिार्ा और जलिायु सुनम्य होने का अथा और महत्व शासमल होना
चासहए।
⮚ समस्र के शमा अल-शेख में संयुक्त राष्टर महाससचि एं टोसनयो गुटेरेस ने कहा, "ग्रीनहाउस गैस उत्सजान बढ़ रहा
है , िैसश्वक तापमान बढ़ रहा है और हमारा ग्रह तेजी से चरम सबंदु पर पहुं च रहा है जो जलिायु उथल-पुथल को
अपररितानीय बना दे गा।"
⮚ जलिायु पररितान से संबंसधत सिसिन्न ररपोटों जैसे उत्सजान अंतर ररपोटा , IMD द्वारा ग्रीनहाउस गैस बुलेसटन,
जलिायु पररितान और इसके िसिष्य के प्रिािों पर IPCC ररपोटा के डे टा का हिाला दें ।
❖ उद्धरण:
⮚ “जलिायु पररितान के बारे में हम अक्सर पूरी तरह से यह नहीं स्वीकार करते सक यह एक समस्या है । हमें
लगता है सक यह एक ऐसी समस्या है जो घसटत होने की प्रतीक्षा कर रही है ।" - कोफ़ी अन्नान
⮚ एं ट सिय गुटेरेस ने कहा, "हम अपने जीिन की लड़ाई लड़ रहे हैं और हार रहे हैं ।"
❖ उिाहरण: उदाहरण यथासंिि सिसिध क्षेत्रों से होने चासहए, जैसे सूखा प्रसतरोधी फसलें, मौसम की सनगरानी और
प्रारं सिक चेतािनी प्रणाली, जल संचयन और संरक्षण प्रणाली, बाढ़ प्रसतरोधी बुसनयादी ढां चा, निीकरणीय ऊजाा

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प्रौद्योसगकी, जलिायु-स्माटा आिास, अलिणीकरण प्रौद्योसगकी, जलिायु -सुनम्य कृसर् तकनीकें, जलिायु सूचना
सेिाएाँ , पाररल्पस्थसतकी तंत्र-आधाररत अनुकूलन आसद।

थीम: राजिीसतक

इस थीम से संबंसधत सिर्य राजनीसतक सिकास और सरकारों के उद्भि से संबंसधत हैं। इस सनबंध को पयाा प्त रूप से
संबोसधत करने के सलए सामासजक अनुबंध के सिचार, िारत और दु सनया के महान राजनीसतक नेताओं की पृष्ठिूसम की
उसचत समझ होनी चासहए।
कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. कसि संसार के अिसधकृत रूप से मान्य सिधायक ह ते हैं । (2022)

सिश्लेषण: सनबंध में ऐसे सिर्यों पर सलखने के सलए, उम्मीदिारों को िास्ति में बताए गए अंतसनासहत अथा को समझने के
सलए कथन/असिकथन को एक से असधक बार पढ़ने की आिश्यकता होती है । जैसा सक सदए गए कथन में है , प्रारं सिक
अिलोकन पर यह असतरं सजत या अत्यसधक नाटकीय लग सकता है , लेसकन बारीकी से जांच करने पर, यह स्पष्ट हो जाता
है सक कसि हमारी धारणाओं को आकार दे ने और दु सनया पर हमारे दृसष्टकोण को प्रिासित करने में महत्वपूणा िूसमका
सनिाते हैं । जो बदले में उस सामान्य इच्छा को प्रिासित करता है सजसे हमारे िास्तसिक प्रसतसनसध कानून बनाने की प्रसिया
में व्यक्त करते हैं । एक बार जब उम्मीदिार ऐसे कथनों का सार समझ ले, तो उसे िास्तसिक उदाहरणों के साथ इसे
उसचत ठहराने की ल्पस्थसत में होना चासहए।
❖ उिाहरण: स्वतंत्रता संग्राम के समय से यह स्पष्ट है सक कसि अपने काम के माध्यम से आम लोगों के मूल्ों, जुनून
और आकां क्षाओं को प्रिासित करते हैं और उन्ें ढालते हैं । रिीन्द्रनाथ टै गोर की "व्हेयर द माइं ड इज़ सिदाउट
सफयर" स्वतंत्रता, ससहष्णुता आसद के आदशों को प्रोत्सासहत करती है , और यह हमारे संसिधान में पररलसक्षत होता है;
सरोसजनी नायडू की "इन द बाज़ासा ऑफ़ है दराबाद" िंसचत लोगों की दु दाशा पर प्रकाश डालती है ।

थीम: सासहल्पत्यक

इस तरह के सिर्यों पर सनबंध उम्मीदिार को जीिन के योग या सार या उसके सहस्से के संदिा में सोचने के सलए कहते हैं ।
ऐसे सिर्यों पर सनबंध सलखने के सलए व्यल्पक्त को गहन िाचन अनुिि की आिश्यकता होती है , िले ही िह जीिंत अनुिि
न हो। जीिन इतनी सिसिध व्याख्याओं के सलए खुला है सजतनी कोई किना कर सकता है , इस पर सटप्पणी करने से पहले
गहन समझ की आिश्यकता होती है । इससे सससिल सेिा के उम्मीदिारों के सलए शैक्षसणक आिश्यकताओं से परे , पढ़ने
के अपने सक्षसतज का सिस्तार करना असनिाया हो जाता है।
कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. एक अच्छा जीिि प्रेम से प्रेररत तथा ज्ञाि से संचासलत ह ता है । (2018)

सिश्लेषण: इस थीम पर सिर्य सससिल सेिा के उम्मीदिारों के सलए शैक्षसणक आिश्यकताओं से परे , पढ़ने के अपने
सक्षसतज को सिस्ताररत करना असनिाया बनाता है । यह उम्मीदिार को ऐसे सनबंध सिर्यों पर सलखने के सलए बेहतर ल्पस्थसत में

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रखता है । इससलए, जीिन के सिसिन्न पहलुओं पर रुसच और ज्ञान इस थीम पर सिर्यों को चुनने का एक अच्छा कारण है ।
❖ सिबंध:सनबंध के मुख्य िाग में, सनम्नसलल्पखत दो उप-सिर्यों और एक अच्छा जीिन बनाने में उनकी िूसमका को
सिस्तृत सकया जाना है ::
⮚ प्रेम में करुणा, सहानुिूसत और दु सनया के साथ परस्पर जुड़ाि की िािना जैसे गुण शासमल हैं । जब हम प्रेम से
प्रेररत जीिन जीते हैं , तो हम साथाक ररश्ों को पोसर्त करने, दू सरों के प्रसत समझ और सहानुिूसत सदखाने तथा
दयालुता और सनस्वाथाता के कायों में संलग्न होने पर ध्यान केंसित करते हैं । जीिन का यह तरीका हमें खुशी
और संतुसष्ट की िािना दे ता है क्योंसक हम दू सरों की िलाई में योगदान करते हैं , समुदाय की िािना को बढ़ािा
दे ते हैं और समाज पर सकारात्मक प्रिाि डालते हैं ।
⮚ ज्ञान द्वारा सनदे सशत जीिन में अच्छी तरह से सूसचत सनणाय लेना, सच्चाई और समझ की तलाश करना तथा
सीखने और व्यल्पक्तगत सिकास के प्रसत ग्रहणशील रहना शासमल है । इसमें दु सनया के बारे में सजज्ञासा पैदा
करना, नए सिचारों को अपनाना और अपनी मान्यताओं एिं दृसष्टकोणों को चुनौती दे ने के सलए खुला रहना
शासमल है । ज्ञान व्यल्पक्तयों को प्रज्ञता के साथ जीिन की चुनौसतयों से सनपटने, सजम्मेदार सिकि चुनने और
ससिय रूप से अपने सिकास और समाज की बेहतरी में योगदान करने की क्षमता प्रदान करता है ।

थीम: सिचार आधाररत/समसामसयक मुद्दे पर आधाररत

एक सिचारात्मक सनबंध, सजसे प्रेरक या तकापूणा सनबंध िी कहा जाता है , में उम्मीदिार द्वारा सकसी सिसशष्ट सिर्य पर
अपना व्यल्पक्तगत दृसष्टकोण, राय या ल्पस्थसत व्यक्त करना शासमल होता है । अन्य प्रकार के सनबंधों के सिपरीत, जो सनष्पक्ष
रहते हैं , तटस्थ जानकारी या तथ्ात्मक सिश्लेर्ण प्रस्तुत करते हैं , एक सिचारात्मक सनबंध पाठक को लेखक के दृसष्टकोण
को अपनाने हे तु मनाने के सलए सडज़ाइन सकया गया है , बेशक ऐसे सनबंध साक्ष्य और तासकाक तका द्वारा समसथात होते हैं ।
कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. भारत क आक्रामक और व्यािहाररक पड स िीसत की आिश्यकता है ।

सिश्लेषण: इस तरह के सिर्य का चयन करते समय, सजस पर ितामान में बहस िी चल रही हो, अभ्यथी के पास मुद्दे का
अपडे टेड सििरण होना चासहए और ठोस डे टा के साथ उस पर सिचार करने और उसका समथान करने की क्षमता होनी
चासहए। एक बार जब आप यह सुसनसित कर लें सक आप कथन को पूरी तरह से समझ गए हैं और आपने पररप्रेक्ष्य पर
उसचत रूप से सिचार कर सलया है , तो आप अपनी राय सच्चाई से और तका के साथ व्यक्त कर सकते हैं और आप
सुरसक्षत रूप से इस तरह का सिर्य चुन सकते हैं ।
❖ सिबंध: सनबंध में अपने पड़ोसी दे शों के साथ िारत के जसटल संबंधों की व्याख्या करनी चासहए, सजसमें सकारात्मक
और नकारात्मक दोनों पहलू शासमल हों। इसमें नेपाल के साथ मजबूत मैत्री संसध, िूटान और बां ग्लादे श के साथ
गहरे आसथाक और सां स्कृसतक संबंध, साथ ही 1971 के युद्ध के दौरान बां ग्लादे श की सहायता में िारत की महत्वपूणा
िूसमका शासमल होनी चासहए।
⮚ SAARC (साका), BIMSTEC (सबम्सटे क), और BBIN जैसी क्षेत्रीय संसधयों और संगठनों/समूहों में िारत की
िागीदारी का िी परीक्षण करें ।
⮚ इन सकारात्मक संबंधों के बीच, इस बात पर िी प्रकाश डालें सक िारत को पड़ोसी दे शों के साथ अपने संबंधों
में महत्वपूणा चुनौसतयों का सामना करना पड़ता है , सजनमें आतंकिाद, क्षेत्रीय सििाद, व्यापार मुद्दे और जल

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साझाकरण संघर्ा शासमल हैं । एक िैसश्वक शल्पक्त के रूप में चीन का उदय, सहं द महासागर में उसकी बढ़ती
मुखरता और OBOR (िन बेल्ट िन रोड) पररयोजना, हं बनटोटा बंदरगाह और ग्वादर बंदरगाह जैसी पहल
िारत को अपने रणनीसतक दृसष्टकोण का पुनमूाल्ां कन करने के सलए प्रेररत करती हैं ।
⮚ सित्तीय सीमाएं और क्षेत्र में सिकससत दे शों की बढ़ती िागीदारी, जैसे सक सहं ि-प्रशांत रणिीसत, ने अपने
पड़ोससयों और व्यापक िू-राजनीसतक पररदृश्य के प्रसत िारत के दृसष्टकोण को और आकार सदया है ।
❖ उद्धरण: "आप अपने दोस्त बदल सकते हैं लेसकन पड़ोसी नहीं।" अटल सबहारी िाजपेयी।

थीम: सशक्षा

सशक्षा और संबंसधत सिर्यों पर एक सनबंध सलखने के सलए सशक्षा के महत्वपूणा पहलुओं पर प्रकाश डालना आिश्यक है ,
जैसे सक इसका सही अथा, एक स्वस्थ और प्रगसतशील समाज बनाने में िूसमका, अथाव्यिस्था और समग्र राष्टर सनमााण में
योगदान। इस श्रेणी के सिर्य सामासजक-आसथाक मुद्दों से आसानी से जुड़े हुए होते हैं । हालां सक यह सिसिन्न प्रकार के मुद्दों
और घटनाओं से कंटें ट की उपलब्धता की सुसिधा प्रदान करता है , इस प्रकार के सिर्य उम्मीदिार से व्यापक पठन
आधार की िी मां ग करते हैं ।
कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. राष्ट्र के भाग्य का स्वरूप – सिमानण उसकी कक्षाओं में ह ता है । (2017)

सिश्लेषण: यह सिर्य दे श की उन्नसत और िसिष्य की संिािनाओं को आकार दे ने में सशक्षा के महत्वपूणा महत्व को
रे खां सकत करता है । यह मानता है सक सकसी राष्टर की प्रगसत, समृल्पद्ध और समग्र कल्ाण उसके शैसक्षक प्रसतष्ठानों में गहराई
से सनसहत हैं , सिशेर् रूप से कक्षाओं में जहां ज्ञान और मूल्ों को आने िाली पीढ़ी तक पहुं चाया जाता है ।
मानि पूंजी को बढ़ाने, आलोचनात्मक सोच को बढ़ािा दे ने, मूल्ों और नैसतकता को स्थासपत करने, सामासजक गसतशीलता
को सुसिधाजनक बनाने, निाचार और अनुसंधान को प्रोत्सासहत करने, उिरते नेताओं को सिकससत करने और नागररक
जुड़ाि की िकालत करने जैसे उप-सिर्यों को आसानी से समझने िाले उम्मीदिारों के सलए, यह सिर्य परीक्षा में सनबंध
सलखने के सलए उपयुक्त सिकि हो सकता है ।
❖ सिबंध: सनबंध की िूसमका में सशक्षा के अथा और महत्व को शासमल सकया जाना चासहए और मुख्य िाग में सिसिन्न
पहलुओं जैसे सक सशक्षा राष्टर का सनमाा ण करती है (जैसा सक सिश्लेर्ण में पहले ही सं केत सदया गया है ) को शासमल
सकया जाना चासहए। सनष्कर्ा में सशक्षा के संबंध में सिी सहतधारकों की ओर से सुधार की गुंजाइश और सदशा शासमल
होना चासहए।

थीम: अंतरानष्ट्रीय संबंध

अन्तराा ष्टरीय संबंधों पर सनबंध सलखने के सलए सिर्य िस्तु की उसचत समझ और अंतदृा सष्ट की आिश्यकता होती है । ऐसे
सिर्यों में आलोचनात्मक सोच और सिश्लेर्ण की क्षमता महत्वपूणा है । उम्मीदिारों को सिर्य पर एक संतुसलत दृसष्टकोण
प्रस्तुत करने, सिसिन्न दृसष्टकोणों और सिचारों को स्वीकार करने और पक्षपातपूणा या एकतरफा तकों से बचने का लक्ष्य
रखना चासहए। इन पूिाा िश्यकताओं के साथ, कोई व्यल्पक्त अंतराा ष्टरीय संबंधों के सिर्यों पर सनबंध सलखने के सलए बेहतर ढं ग
से तैयार हो सकेगा।

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कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. भारत के सीमा सििाि ं का प्रबंधि – एक जसटल कायन। (2018)

सिश्लेषण: सनबंध के सलए "िारत के सीमा सििादों का प्रबंधन – एक जसटल काया" सिर्य पर सिचार करने के सलए इसमें
शासमल जसटलताओं को प्रिािी ढं ग से संबोसधत करने के सलए एक अच्छी तरह से संरसचत और व्यापक दृसष्टकोण की
आिश्यकता होती है । यह सिर्य उम्मीदिार से ऐसतहाससक पृष्ठिूसम, इसमें शासमल िू -राजनीसतक कारकों, सां स्कृसतक
और नैसतक पहलुओ,ं सुरक्षा सचंताओं, कूटनीसत और बातचीत, क्षेत्रीय ल्पस्थरता पर प्रिाि, िारत के नीसत दृसष्टकोण तथा
क्षेत्रीय अखंडता और अपने पड़ोससयों के साथ शां सतपूणा संबंध बनाए रखने पर िारत के रुख का मागादशान करने िाले
ससद्धां तों पर आिश्यक पकड़ की मां ग करता है । साथ ही उम्मीदिार को इन सििादों को सुलझाने की संिािनाओं के बारे
में जानकारी दे ने और तनाि कम करने एिं क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ािा दे ने के संिासित तरीके सुझाने की ल्पस्थसत में होना
चासहए।
सिबंध: सनबंध की शुरुआत एक ऐसी िूसमका से करें सजसमें िारत की सीमाओं, पड़ोससयों और सििासदत सीमा िाले क्षेत्रों
के बारे में जानकारी दी गई हो। िारतीय सीमा सििादों के प्रबंधन की जसटलता ऐसतहाससक, िूराजनीसतक और सां स्कृसतक
सिचारों से उत्पन्न होती है । िारत की सीमाएाँ चीन और पासकस्तान जैसे पड़ोसी दे शों के साथ लगती हैं , सजनसे क्षेत्रीय दािों,
ऐसतहाससक नाराज़गी और रणनीसतक सचंताओं को लेकर संघर्ा हुआ है । इसके अलािा मुख्य िाग के सहस्से में सनम्नसलल्पखत
पंल्पक्तयों का सिस्तार करने की आिश्यकता है :
❖ इन मामलों का प्रिािी ढं ग से सनपटारा करने के सलए कुशल कूटनीसत, बातचीत और सं प्रिुता को बनाए रखने एिं
शां सतपूणा संबंधों को बढ़ािा दे ने के बीच संतुलन की आिश्यकता होती है ।
❖ सीमा सुरक्षा और पड़ोसी दे शों के बीच सहयोग और सिश्वास पैदा करने के बीच तालमेल बैठाने में काफी बाधाएं आती
हैं ।
❖ इन जसटल क्षेत्रीय मुद्दों को संबोसधत करने के सलए और पारस्पररक रूप से स्वीकाया समाधान खोजने के सलए िारत
बहुपक्षीय चचाा , सद्वपक्षीय संिाद और सिश्वास-सनमाा ण उपायों को शासमल करते हुए एक संतुसलत दृसष्टकोण अपनाता
है ।

थीम: अथनव्यिस्था

सनबंध के सलए अथाव्यिस्था से संबंसधत सिर्य का चयन करने से पहले , सिर्य की ठोस समझ (यानी प्रश्न में पूछे गए सिर्य
पर पकड़), सिर्य को अन्य पहलुओ,ं निीनतम डे टा और रुझानों के साथ जोड़ने की क्षमता और उसका समालोचनात्मक
सिश्लेर्ण करने की क्षमता की आिश्यकता जैसी कुछ आिश्यक शतों पर सिचार सकया जाना चासहए।
कुछ उिाहरण सिम्न हैं :

1. पयनटि : क्या भारत के सलए यह अगला बडा प्रेरक ह सकता है ? (2014)

सिश्लेषण: यह सिर्य कई उप-सिर्यों पर पकड़ और उन्ें स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की क्षमता की मां ग करता है सजसमें
पयाटन स्थल के रूप में िारत की क्षमता, उद्योग, रोजगार, पयाा िरण और जलिायु जैसे क्षेत्रों पर पयाटन का प्रिाि शासमल
है । यद्यसप सिर्य एक प्रश्न के रूप में है , उम्मीदिार को डे टा और तका के साथ दािे का समथान करते हुए इसे एक दािे के
रूप में समझना चासहए और उन चुनौसतयों पर िी प्रकाश डालना चासहए जो पयाटन को िारत के सलए अगला बड़ा प्रेरक

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बनने से रोकते हैं ।
❖ सिबंध: िारत में पयाटन के संसक्षप्त पररचय और िारत की अथाव्यिस्था के सलए इसके महत्व के बाद, पयाटन उद्योग
में िारत की क्षमता और इसकी ितामान ल्पस्थसत का उल्लेख करें ।
❖ सनबंध के मुख्य िाग में उम्मीदिार को उप-सिर्यों (अथाा त सिकास के सिसिन्न रास्ते और पयाटन के दायरे ) के बारे में
सिस्तार से बताना चासहए, जैसे सक-
⮚ िारत की समृद्ध सांस्कृसतक सिरासत और सिसिधता,
⮚ प्राकृसतक सौंदया एिं साहससक पयाटन,
⮚ सचसकत्सा और स्वास्थ्य पयाटन,
⮚ व्यािसासयक पयाटन के सलए क्षेत्र का सनमाा ण।
❖ अब, पयाटन के आसथाक प्रिाि पर सिर्य सिस्तार करने में कथन पर जोर दे ने से मदद समलेगी। सकल घरे लू उत्पाद
और रोजगार में पयाटन के योगदान पर आं कड़े और डे टा का उल्लेख करें । इस बात पर प्रकाश डालें सक पयाटन
सकस प्रकार आसतथ्, पररिहन और स्थानीय व्यिसायों जैसे सिसिन्न क्षेत्रों को बढ़ािा दे सकता है :
⮚ सकल घरे लू उत्पाद में योगदान
⮚ रोजगार सृजन
⮚ सिदे शी मुिा आय
⮚ क्षेत्रीय सिकास
⮚ सनिेश और उद्यसमता
⮚ पररिहन और कनेल्पिसिटी
⮚ अन्य उद्योगों पर अप्रत्यक्ष प्रिाि
⮚ मौसमी और बारहमासी रोजगार
⮚ कर राजस्व
⮚ अब उन क्षेत्रों पर िी चचाा करें जहां सुधार की स्पष्ट गुंजाइश है , जैसे-
⮚ बुसनयादी ढााँ चा और धारणीयता
⮚ सिपणन और संिधान
⮚ सिसिन्न सहतधारकों का सहयोग
❖ यह ध्यान रखना महत्वपूणा है सक जहां पयाटन के कई सकारात्मक आसथाक प्रिाि हो सकते हैं , िहीं यह चुनौसतयां िी
प्रस्तुत करता है , जैसे उद्योग पर अत्यसधक सनिारता की सं िािना, पयाा िरण संबंधी सचंताएं तथा पयाटन सिकास और
सां स्कृसतक एिं प्राकृसतक सिरासत के संरक्षण के बीच संतुलन का प्रबंधन करना। सफर िी, सािधानीपूिाक सनयोजन,
सटकाऊ प्रथाओं और रणनीसतक प्रचार के साथ, पयाटन िास्ति में िारत की अथाव्यिस्था के सलए अगला बड़ा प्रेरक
हो सकता है ।

थीम: स्वास्थ्य

इस थीम के सिर्यों के सलए, GS पेपरों में स्वास्थ्य और अन्य संबंसधत सिर्यों के किरे ज के कारण कंटें ट असधकतर
उपलब्ध है । हालााँ सक, अलग सदखने के सलए, उम्मीदिार स्वास्थ्य के मुद्दे को सामासजक न्याय, समानता, पहुं च आसद से
जोड़कर असद्वतीय कंटें ट प्रस्तुत कर सकते हैं । इन सिर्यों में, संबंसधत डे टा और तथ्ों के उल्लेख की िी आिश्यकता
होती है । इससलए, यह सलाह दी जाती है सक यसद आपके पास आिश्यक कंटें ट के साथ-साथ सिर्यों को ितामान

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सामासजक मुद्दों से जोड़ने की कला है तो इन सिर्यों पर सनबंध सलखें।
उिाहरण:

1. प्राथसमक स्वास्थ्य सेिा और सशक्षा की उपेक्षा भारत के सपछडे पि के कारण हैं ।

सिश्लेषण: सनबंध में स्वास्थ्य दे खिाल और सशक्षा पर अलग से सिस्तार से चचाा होनी चासहए। उम्मीदिार से अपेक्षा की
जाती है सक िह उन प्रमुख कारणों का उल्लेख करे सजससे स्वास्थ्य दे खिाल और सशक्षा की उपेक्षा की जाती है। उन्ें
इसकी तुलना अन्य सिकससत दे शों के उदाहरण से करना चासहए जहां प्राथसमक स्वास्थ्य दे खिाल और सशक्षा के व्यापक
सािाजसनक किरे ज के कारण मानि सिकास अपने चरम पर है ।
❖ डे टा/तथ्य:
⮚ नई राष्टरीय सशक्षा नीसत 2020 ससहत, सशक्षा पर कई नीसतगत परामशों में इस क्षेत्र में सािाजसनक सनिेश को
सकल घरे लू उत्पाद के 6% तक बढ़ाने की आिश्यकता को दोहराया है ।
⮚ राष्टरीय स्वास्थ्य नीसत ने 2025 तक सरकार के स्वास्थ्य व्यय को सकल घरे लू उत्पाद के मौजूदा 1.2 प्रसतशत से
बढ़ाकर सकल घरे लू उत्पाद का 2.5 प्रसतशत करने की ससफाररश की है । साथ ही, पंिहिें सित्त आयोग ने
अपनी ररपोटा में ससफाररश की थी सक केंि और राज्ों के सािाजसनक स्वास्थ्य व्यय को प्रगसतशील तरीके से
बढ़ाकर 2025 तक सकल घरे लू उत्पाद के 2.5 प्रसतशत तक पहुं चाया जाना चासहए।
❖ उद्धरण:
⮚ "सशक्षा सबसे शल्पक्तशाली हसथयार है सजसका उपयोग आप दु सनया को बदलने के सलए कर सकते हैं " - िेल्सि
मंडेला
⮚ "स्वास्थ्य ही िास्तसिक संपसत्त है , न सक सोने और चां दी के टु कड़े ।" - महात्मा गांधी

थीम: समाज

इस थीम पर सनबंध सामान्य सामासजक मुद्दों पर आधाररत होते हैं । सजन अभ्यसथायों का िैकल्पिक सिर्य समाजशास्त्र है , िे
सनसित रूप से इन सनबंधों का उत्तर दे ने के सलए लािप्रद ल्पस्थसत में होते हैं , सफर िी यसद आप सामासजक मुद्दे खंड से करं ट
अफेयसा िाग को अच्छी तरह से तैयार करते हैं तो आप इस थीम के सिर्यों का प्रिािी ढं ग से उत्तर दे सकते हैं ।
उिाहरण:

1. सपतृ-सिा की व्यिस्था िजर में बहुत कम आिे के बािजूि सामासजक सिषमता की सबसे प्रभािी संरचिा है ।

सिश्लेषण: सनबंध सपतृसत्ता की सामासजक बुराई के आसधपत्य पर प्रकाश डालता है जो मसहलाओं को पुरुर्ों के अधीन
मानता है । इससलए, आपको इस प्रथा के ऐसतहाससक सिकास और लगिग सिी समाजों में इसकी व्यापकता का उल्लेख
करके मुद्दे की पुसष्ट करनी होगी। आप इसे उन मसहलाओं पर पड़ने िाले प्रिाि का उल्लेख करके प्रमासणत कर सकते हैं
जो पुरुर्ों के अधीन होने को अपने िाग्य के रूप में स्वीकार करती हैं । आपको अपनी रुपरे खा बनाते समय नारीिाद के
सिचार का िी उल्लेख करना होगा। इस सिर्य में आप व्यल्पक्तगत से लेकर राजनीसतक, सामासजक, पाररल्पस्थसतक, आसथाक,
िैज्ञासनक आसद सिसिन्न आयाम प्रस्तुत कर सकते हैं । आप प्रजनन स्वायत्तता और LGBTQ आसद के सिचारों पर िी
सलखकर सनबंध को अलग बना सकते हैं ।
❖ डे टा/उद्धरण/तथ्य:

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⮚ "स्त्री पैिा िही ं ह ती बिा िी जाती है " - ससमोन डी ब्यूिॉयर।
⮚ िैसश्वक लैंसगक अंतराल सूचकां क, मौसलक असधकार और राज् नीसत के सनदे शक ससद्धांत, सिसिन्न असधसनयम
और सिधान जैसे मसहलाओं का यौन उत्पीड़न सनिारण असधसनयम, सरोगेसी का सिसनयमन, िैिासहक बलात्कार
पर बहस आसद।

सिबंध ं पर सिचार-मंथि
सनबंध पेपर में, उम्मीदिार को प्रत्येक अनुिाग में चार सनबंधों में से एक को चुनना होता है । सही चुनाि करना अत्यंत
महत्वपूणा है , अन्यथा हो सकता है सक इससे आपको कुछ कम अंक प्राप्त हों। यह सुसनसित करने के सलए सक आपने सही
चुनाि सकया है , आप सनम्नसलल्पखत प्रसियाएं अपना सकते हैं ।
❖ सिषय ं की व्यापक समझ बिाएं : प्रत्येक सनबंध का उत्तर दे ने के सलए आपको डे ढ़ घंटे का समय समलता है और
इससलए आप सही सिर्य चुनने और उसकी रूपरे खा तैयार करने में लगिग 15-20 समनट का समय दे सकते हैं ।
हालााँ सक, पहला कदम मोटे तौर पर यह समझना है सक प्रत्ये क सिर्य मोटे तौर पर क्या कहना चाह रहा है ।

सिषय 1 मनुष्य के रूप में जन्म लेने से लेकर दया और दू सरों को नुकसान न पहुाँ चाने जैसे मानिीय अल्पस्तत्व के गुणों को
सिकससत करने तक की व्यल्पक्त की सिकासिादी यात्रा के बारे में है ।

सिषय 2 सकसी िी आं तररक या बाहरी अशां सत के बािजूद संतुसलत मनः ल्पस्थसत बनाए रखने के बारे में है ।

सिषय 3 इस तथ् पर जोर दे ता है सक लोगों के अपने प्रयासों में असफल होने का िास्तसिक कारण बाहरी बाधाएाँ नहीं
बल्पल्क आं तररक उथल-पुथल है सजसका िे सामना करते हैं ।

सिषय 4 सादा जीिन और उच्च सिचार के सिचार से संबंसधत है । इस सिर्य में डॉ. एपीजे अब्दु ल कलाम जैसे सिसिन्न नेताओं

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और व्यल्पक्तत्वों के बारे में जानकारी की आिश्यकता होगी जो इस तरह की जीिन शैली अपनाते हैं ।

ि ट - उपयुनक्त बॉक्स के कंटें ट का क्रमािुसार अिुिाि


❖ सिषय क पूरी तरह से समझिे के सलए एक से असधक बार पढ़ें : कुछ सिर्यों में, एक अंतसंबंसधत पररप्रेक्ष्य होता है ,
सुसनसित करें सक आप सकसी िी पररप्रेक्ष्य को नजरअंदाज न करें और सिर्य के प्रत्येक िाग को संबोसधत करें ।

इस सिर्य में, अपना सनबंध सलखते समय आपको यह सुसनसित करना होगा सक आप अपने तकों में दो सिचारधाराओं
(इच्छारसहतता और िौसतकिाद) को एक साथ सदखाएं । दोनों में से सकसी एक को असधक और दू सरे को कम समय दे ने
से सिर्य को समग्र किरे ज नहीं समल पाएगा। इस प्रकार, दोनों िागों के किरे ज को संतुसलत करने की आिश्यकता है ।

ि ट - उपयुनक्त बॉक्स के कंटें ट का अिुिाि


❖ उद्धरण ,ं उपाख्याि ं और सिोिम प्रथाओं की एक सूची तैयार करें : इससे यह सुसनसित होगा सक आपको सनबंध
शुरू करने का एक तरीका समल जाएगा। एक बार शुरू होने के बाद प्रिाह को बनाए रखना आसान होगा।

इस सिर्य में, आप सशक्षा पर िेल्सि मंडेला के उद्धरण का उल्लेख कर सकते हैं : "सशक्षा सबसे शल्पक्तशाली हसथयार है
सजसका उपयोग आप दु सनया को बदलने के सलए कर सकते हैं ।"
इसी प्रकार, स्वास्थ्य पर महात्मा गांधी का कथन, "स्वास्थ्य ही िास्तसिक संपसत्त है , न सक सोने और चां दी के टु कड़े ।"

ि ट - उपयुनक्त बॉक्स के कंटें ट का अिुिाि


❖ संभासित आयाम िे खें: संिासित आयामों की तलाश करें , प्रत्येक सनबंध में, PESTEL [Political (राजिीसतक),
Economic (आसथनक), Social (सामासजक), Technological (तकिीकी), Environmental (पयानिरणीय)
और Legal (कािूिी)] रुपरे खा पर काम करें और एक सिर्य पर अलग और असद्वतीय सबंदु प्रस्तुत करने का प्रयास
करें । िह सिर्य चुनें सजस पर आप सबसे असधक आयाम आसानी से प्रस्तुत कर सकें।

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यह सिर्य उस अनुकूल प्रिाि पर जोर दे ता है जो तनािपूणा ल्पस्थसतयों में िी मुस्कुराहट या सकारात्मक व्यिहार उत्पन्न कर
सकता है । आप ऐसे सिर्यों पर सनम्न आयाम प्रस्तुत कर सकते हैं :
● व्यल्पक्तगत: पसत-पत्नी के बीच की गलतफहसमयों को लड़ाई की बजाय मुस्कुराहट से सुलझाया जा सकता है ।
● अंतरानष्ट्रीय: संसधयों और समझौतों पर अस्पष्टताओं को सौहादा पूणा ढं ग से हल सकया जा सकता है ।
● राजिीसतक: चरमपंथी समूहों के साथ शां सत िाताा सकारात्मक दृसष्टकोण के साथ की जा सकती है ।
● आसथनक: करदाताओं और असधकाररयों के बीच सौहादा पूणा संबंध अनुपालन आसद सुसनसित कर सकते हैं ।

ि ट - उपयुनक्त बॉक्स के कंटें ट का अिुिाि


❖ अपिी स्ट्रें थ के आधार पर सिषय की पहचाि करें : अपने िैकल्पिक सिर्य या GS सिर्य के आधार पर सजसकी
आपने सबसे अच्छी तैयारी की है , आप उससे सबसे असधक सनकटता से संबंसधत सिर्य का चयन कर सकते हैं ।
उदाहरण के सलए, यसद आपका िैकल्पिक सिर्य समाजशास्त्र है , तो सामासजक मुद्दों से संबंसधत सिर्य आपके सलए
सबसे उपयुक्त हैं ।

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राजिीसत सिज्ञाि और अंतरानष्ट्रीय संबंध (PSIR) िैकल्पिक सिर्य िाला एक उम्मीदिार अंतराा ष्टरीय संबंधों के सिसिन्न
पहलुओं को बहुत अच्छी तरह से जानता है और इससलए िह इसे प्रौद्योसगकी एं गल से जोड़ सकता है । सजन उम्मीदिारों का
िैकल्पिक सिर्य PSIR नहीं है , िे िी इस सिर्य को चुन सकते हैं यसद उनकी इस क्षेत्र में बहुत रुसच है और िे इसके बारे में
अच्छी तरह से पढ़े हुए हैं ।

ि ट - उपयुनक्त बॉक्स के कंटें ट का अिुिाि

एक सिबंध के घटक
पररचय
सनबंध शुरू करने का कोई सनसित तरीका नहीं होता है , सिर्य के आधार पर आपके पास अपना सनबंध शुरू करने के
कई तरीके हो सकते हैं । हालााँ सक, आपको सिर्य के सार को उद्धरण, उपाख्यान, सिोत्तम प्रथाओं के माध्यम से या केिल
सिर्य पर स्पष्टीकरण प्रदान करके समझाना चासहए।
❖ सिषय की व्याख्या करिा: चूंसक सिर्य एक उद्धरण (quote) के रूप में हो सकता है ,अतः आप इसका अथा
समझाकर शुरुआत कर सकते हैं ।
यह उद्धरण (quote) यूनानी दाशासनक हे राक्लीटस का है । इसका अथा यह है सक हमारे चारों ओर सनरं तर पररितान
हो रहा है । हर व्यल्पक्त अब पहले जैसा नहीं रहा और चूाँसक नसदयााँ सनरं तर बहती रहती हैं , इससलए िह िी पहले जैसी
नहीं रही । इससलए, एक ही नदी में दो बार उतरना संिि नहीं है

“आप उसी ििी में ि बारा िही ं उतार सकते ”

उद्धरण (quote)िे िा: कोई िी उद्धरण जो सिर्य से संबंसधत हो, उसके सार को समझाने के सलए प्रिािी ढं ग से उपयोग
सकया जा सकता है ।
आप गरीबी पर इस उद्धरण (quote) का उल्लेख करके इस सिर्य पर चचाा कर सकते हैं , जो एक गरीब आदमी की
दु दाशा को दशाा ता है

“गरीबी सहं सा का सबसे खराब रूप है ।” िु सिया में ल ग इतिे भूखे हैं सक भगिाि उन्हें र टी के अलािा और
सकसी रूप में सिखाई िही ं िे सकते। “
( महात्मा गांधी )

“कही ं पर भी गरीबी, हर जगह की समृल्पद्ध के सलए खतरा है ”

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िेि ं के अिुसार षष्ट्ररपु या मिुष्य के छह शत्रु
हैं :-
1. िोध
2. लालच
3. असिमान
4. ईष्याालु होना
5. िासना
6. लगाि

िगित गीता में कृष्ण द्वारा अजुान को मानि आत्मा की अजेय प्रकृसत के बारे में समझाने िाला एक श्लोक है
िैिं सछन्दल्पन्त शस्त्रासण िैिं िहसत पािकः ।
ि चैिं क्लेियन्त्याप ि श षयसत मारुतः ॥
[श्रीमद्भगिद्गीता में िगिान श्रीकृष्ण अजुान से कहते हैं : इस आत्मा को शस्त्र द्वारा काटा नहीं जा सकता और
असग्न इसे जला नहीं सकती | जल से इसे सिगोया नहीं जा सकता और िायु से इसे सुखाया नहीं जा सकता।]
उपयुाक्त तरीके से सिचारों या उल्पक्तयों के माध्यम से आप अपने सनबंध को बेहतर बना सकते है

❖ उपाख्याि (Anecdote): यह छोटी लघुकथा का एक रूप है , यह सिर्य को समझाने के सलए ऐसतहाससक या


सामान्य नैसतक पाठ िी हो सकता है ।
आप मुंबई के एक अपराधी और डॉन लक्ष्मण घोले की कहानी का उल्लेख कर सकते हैं । उसने अपना आधा युिा
जीिन आपरासधक गसतसिसधयों में सबताया लेसकन बाद के िर्ों में िह गां धीिादी हो गया। उन्ोंने कॉलेजों,
सिश्वसिद्यालयों और जेलों में शांसत पर व्याख्यान दे ने में असतररक्त मेहनत की

“मिुष्य ह िे एिं मािि बिािे के बीच का लम्बा सफ़र ही जीिि है ”

“स्वीकार ल्पक्त की साहस एिं सुधार करिे की सिष्ठा सफलता के ि मंत्र है |”

"आज, यह जानते हुए सक कोई िी शब्द यासत्रयों द्वारा अनुिि सकए गए ददा और पीड़ा को पूरी तरह से समटा नहीं
सकता है , मैं सरकार की ओर से उन कानूनों के सलए ईमानदारी से माफी मां गता हं , सजन्ोंने हमारे दे श को
कोमागाटा मारू के यासत्रयों की दु दाशा के प्रसत उदासीन बना सदया है " ये शब्द थे कनाडा के राष्टरपसत श्रीमान जल्पटन
ट्रूडो के जब उन्ोंने कनाडा में हाउस ऑफ कॉमन्स के सामने माफी मां गी और सुधार करने का संकि सलया|

❖ सिोिम अभ्यास: कुछ सिर्यों पर सिोत्तम अभ्यास का हिाला दे कर शुरू सकया जा सकता है सजसके आधार
पर आप अपने सनबंध की संरचना कर सकते हैं ।
यहां आप नॉसडा क दे शों की सिोत्तम प्रथाओं का उल्लेख कर सकते हैं । नॉसडा क दे शों में स्कूली सशक्षा का मॉडल
सिकेंिीकृत सशक्षा का है सजसमें व्यल्पक्तगत एजेंसी और पसंद पर असधक जोर सदया जाता है
सािाजसनक सित्तपोसर्त और व्यापक स्वास्थ्य दे खिाल प्रणाली इन दे शों में स्वास्थ्य दे खिाल प्रणाली की एक
महत्वपूणा सिशेर्ता है

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“प्राथसमक स्वास्थ्य सेिा और सशक्षा की उपेक्षा भारत के सपछडे पि के कारण हैं ”
❖ समसामसयक डे टा या तथ्य: सिर्य से संबंसधत डे टा या तथ् सिर्य को सिस्तार से समझाने और प्रमासणत करने
में मदद करते हैं ।
इस सिर्य पर सिश्व आसथाक मंच के डे टा, िसिष्य की नौकररयों की ररपोटा के माध्यम से बढ़ा जा सकता है , सजसमें कहा
गया है सक िैसश्वक स्तर पर अगले पां च िर्ों में 69 समसलयन नई नौकररयां पैदा होने की उम्मीद है । अध्ययन का यह िी
अनुमान है सक 2027 तक 83 समसलयन नौकररयां खत्म हो जाएं गी । इससलए, दू सरा तरीका आं कड़ों द्वारा ऐसे प्रश्नों की
शुरुआत करना है |

कृसत्रम बुल्पद्ध का उत्थाि : भसिष्य में बेर जगारी का खतरा अथिा पुिकौशल और उच्चकौशल के माध्यम से
बेहतर र जगार के सृजि का अिसर

मुख्य भाग
यह सनबंध का मुख्य िाग है क्योंसक यहीं पर आपको उन प्रमुख आयामों का उल्लेख करके अपने सनबंध को आगे बढ़ाना
है सजन्ें सनबंध उनके सिश्लेर्ण और साक्ष्य के साथ उपयुक्त तकों को समासहत करना चाहता है । कुल 1000-1200 शब्दों
में से, यह िाग असधकतम शब्दों का उपिोग करे गा। इस िाग को पयाा प्त रूप से संबोसधत करने के सलए कुछ मु ख्य
सबंदुओं को सनम्नसलल्पखत तरीके से समझा जा सकता है :
ि ट: उम्मीदिारों की बेहतर समझ के सलए, हम सपछले यूपीएससी सनबंध सिर्य का उदाहरण ले रहे हैं , जैसे, “जहाज
बन्दरगाह के िीतर सुरसक्षत होता है , परन्तु इसके सलए तो िह होता नहीं है ।”
❖ आयाम का सृजि : सिर्य पर सिसिन्न आयाम सृसजत करना। यह व्यल्पक्तगत, सामासजक, अंतराा ष्टरीय, राजनीसतक,
आसथाक, पयाा िरणीय, तकनीकी, ऐसतहाससक आसद हो सकता है ।
“जहाज बंिरगाह के भीतर सुरसक्षत ह ता है , परन्तु इसके सलए त िह ह ता िही है “

1. जहाज का काम खुले समुि में यात्रा करना और संसाधनों के समान सितरण को सुसनसित करने के बड़े
उद्दे श्य के सलए लोगों और मनुष्यों को एक स्थान से दू सरे स्थान तक पहुं चाना है । हालााँ सक, यसद कोई जहाज
यह काया नहीं करता है , तो यह सबना सकसी काया के केिल एक शो टाइम है । इसी तरह, मनुष्य तिी आगे
बढ़ सकता है जब िह जोल्पखम उठाए और अपने व्यल्पक्तगत जीिन के साथ-साथ पूरे ग्रह के कल्ाण के सलए
प्रगसत सुसनसित करने के सलए असतररक्त प्रयास करे ।
2. गौतम बुद्ध ने शां सत और िाईचारे का संदेश सदया जो केिल िारत तक ही सीसमत नहीं है बल्पल्क अब इसे पूरे
सिश्व में जगह समल गई है क्योंसक हम दे खते हैं सक बौद्ध धमा को दु सनया के कई दे शों द्वारा मान्यता दी जा रही
है । यह संिि नहीं होता अगर उन्ोंने मानिीय पीड़ा का समाधान खोजने के सलए सिी बाधाओं के बािजूद
अपने घरे लू घर की सुख-सुसिधाएं छोड़कर जंगलों में जाने का जोल्पखम नहीं उठाया होता।
3. हमारा समाज नागररकों और सरकारों के बीच सामासजक अनुबंध के पररणामस्वरूप सिकससत हुआ है । हम
अब लोकतंत्र, ससहष्णुता, मानिासधकारों के सम्मान के साथ स्वतंत्रता के युग में हैं , जो धमातंत्र के मध्ययुगीन
समय, आधुसनक समय के सिचारों साम्राज्िाद और तानाशाही आसद के सिपरीत है । फ्ां सीसी िां सत के बाद,
दु सनया िर के लोग स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिचारों से प्रेररत थे।उन्ोंने शासन के ल्पखलाफ सििोह
करने का जोल्पखम उठाया और आधुसनक लोकतां सत्रक राजनीसतक व्यिस्था के सिकास में महत्वपूणा िूसमका
सनिाई।
❖ पहला पैराग्राफ सिर्य का सिस्तृत सििरण है , तासक पाठक समझ सकें सक आपका सनबंध सकस सदशा में

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जाएगा। पैराग्राफ 2 और 3 में, आप व्यल्पक्तगत जोल्पखम लेने िाली कारा िाइयों और एक सिकससत
राजनीसतक व्यिस्था के सलए लोगों के ठोस प्रयास के रूप में सिसिन्न आयाम दे ख सकते हैं ।

❖ समथनि डे टा या साक्ष्य: सिसिन्न उदाहरणों, डे टा, या साक्ष्य के माध्यम से उसचत रूप से समझाए सबना सिसिन्न
दृसष्टकोणों का उल्लेख करना इसे एक सामान्य कथन बना दे गा और इससलए िां सछत अंक प्राप्त नहीं होंगे।
सकसी िी आसथाक उद्यम में सफलता तिी संिि है जब व्यल्पक्त अलग सिचारों के साथ जोल्पखम उठाए। नाइके स्पोटा स
के संस्थापक सफल िाइट ने एक मजबूत सबजनेस मॉडल सिकससत करने के सलए व्यल्पक्तगत, शैक्षसणक और सित्तीय
मोचों पर बहुत बड़ा जोल्पखम उठाया। इसी तरह, 1991 में िारत सरकार द्वारा सकए गए उदारीकरण, सनजीकरण
और िैश्वीकरण सुधार उपायों ने िारत की अथाव्यिस्था को सुधारने और इसके सिकास को सुसनसित करने में मदद
की, अन्यथा यह 90 के दशक के स्तर पर ही ल्पस्थर रहती। दृढ़ सनणाय लेने और नए तरीकों को आजमाने की कोसशश
ने िारत को ितामान में 3 सटर सलयन अमेररकी डॉलर की अथाव्यिस्था बना सदया है ।

यह पैराग्राफ आसथाक आयाम के बारे में बात करता है । हालााँ सक, एक सामान्य बयान दे ने के बजाय, िारत में
सफल नाइट और एलपीजी सुधारों के उदाहरणों का हिाला दे कर इसकी पुसष्ट की जाती है ।

❖ सबंिुओ ं का सिश्लेषण: उपरोक्त दो उदाहरणों में गौतम बुद्ध, फ्ां सीसी िां सत, एलपीजी सुधार, सफल नाइट
आसद के उदाहरणों का हिाला दे ते हुए तका सदए गए प्रत्ये क सबंदु के सलए उसचत स्पष्टीकरण है । इससलए,
सुसनसित करें सक आप उपयुक्त सबंदु सलखें जो प्रासंसगक हों , पूिाा ग्रहों से मुक्त और अच्छी तरह से व्यक्त हों ।
❖ तासकनक अिुक्रम और पैराग्राफ ं क ज डिा: सनबंध में सलाह दी जाती है सक अपने सिचारों और आयामों को
तासकाक अनुिम प्रदान करें और आयामों को बेतरतीब ढं ग से प्रस्तुत न करें । इससलए, यह असधक आकर्ाक
होगा यसद आप व्यल्पक्तगत से शुरू करके ,समाज,राजनीसतक व्यिस्था, आसथाक व्यिस्था, तकनीकी और
पयाा िरण की तरफ एक सुसंगत तरीके से आगे बढ़ें । इसके अलािा, आपके मुख्य िाग के पैराग्राफों में एक
अंतसनासहत संबंध होना चासहए जो सक तासकाक तरीके से सलखे जाने पर सदखाई दे गा।
❖ पैराग्राफ का उसचत समापि: प्रत्येक पैराग्राफ का उसचत समापन करें तासक िे अधूरे न लगें। इससे िे स्वयं
व्याख्यात्मक हो जाएं गे और यह उन सबंदुओं को उसचत ठहराएगा सजनका आप उल्लेख कर रहे हैं ।

सिष्कषन
प्रत्येक सनबंध में, आपसे अपेक्षा की जाती है सक आप अपनी ओर से सिर्य की उसचत समझ सदखाते हुए सुसंगत, व्यापक
और अच्छी तरह से संरसचत जानकारी प्रस्तुत करें । इससलए, पररचय और मुख्य िाग की तरह, सनष्कर्ा आशािादी होना
चासहए | पररचय के साथ संबंध स्थासपत करना चासहए और प्रस्तुत की गई सामग्री का एक व्यािहाररक सारां श प्रस्तुत
करना चासहए। अलग-अलग सिर्यों को अलग-अलग तरीके से समाप्त सकया जा सकता है , इससलए आपके सनबंध को
समाप्त करने का कोई एक सनसित तरीका नहीं है , बल्पल्क सिर्य के अनुसार अलग-अलग तरीके हैं । हालााँ सक, प्रत्येक
सनबंध में प्रस्तुसत के कई तरीके होते हैं और इससलए इसे अलग-अलग उम्मीदिारों द्वारा सिसशष्ट रूप से सकया जा सकता
है । इससलए, सनष्कर्ा व्यल्पक्त-दर-व्यल्पक्त सिन्न हो सकते हैं ।
सकारात्मक सिष्कषन
सिर्य: पक्षपाती मीसडया िारतीय लोकतंत्र के सलए िास्तसिक खतरा है (2019)
सिश्लेर्ण: मीसडया को लोकतंत्र का चौथा स्तंि माना जाता है और यह समाज की िास्तसिक तस्वीर सदखाने के सलए
दपाण के रूप में काया करता है । जमीनी ल्पस्थसत की सनष्पक्ष और सटीक ररपोसटं ग से सरकार को लोगों और समाज के

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कल्ाण के सलए सही नीसतयां बनाने में मदद समलेगी

सारांश के साथ समापि करें


सिर्य: “जहाज बन्दरगाह के िीतर सुरसक्षत होता है , परन्तु इसके सलए तो िह होता नहीं है ।” (2022)।
सिश्लेर्ण: इस सनबंध में, आप अपने मुख्य िाग में किर सकए गए सिी आयामों को संक्षेप में प्रस्तुत करके सनष्कर्ा
सनकाल सकते हैं , सजसमें जोल्पखम लेने की आिश्यकता और व्यल्पक्तयों, समाज, सरकार, व्यिसायों और नेताओं की
बेहतरी और कल्ाण के सलए अपने आराम क्षेत्र (Comfort Zone) से बाहर आना शासमल है ।

उद्धरण के साथ समापि करें


सिर्य:कृसत्रम बुल्पद्ध का उत्थान : िसिष्य में बेरोजगारी का खतरा अथिा पुनकौशल और उच्चकौशल के माध्यम से
बेहतर रोजगार के सृजन का अिसर|(2019)
सिश्लेर्ण: आप एक उद्धरण के माध्यम से सनष्कर्ा सनकाल सकते हैं जो लोगों के जीिन में एआई के प्रिाि का
सारां श दे ता है , यह उद्धरण यहां उपयोगी हो सकता है । “नई तकनीक अपने आप में अच्छी या बुरी नहीं होती है । यह
सब इस बारे में है सक लोग इसका उपयोग कैसे करना चुनते हैं " - डे सिड िोंग

सिबंध की प्रस्तुसत
उसचत प्रस्तुसत के अिाि में, अच्छी सामग्री पर िी सकसी का ध्यान नहीं जाता और उम्मीदिार कम अंक प्राप्त कर पाता
है । इससलए, यह सुसनसित करने के सलए सक आपके सनबंध की प्रस्तुसत आकर्ाक हो, आप सनम्नसलल्पखत सबंदुओं पर काम
कर सकते हैं :
❖ महत्वपूणन कीिडन क रे खांसकत करें : इससे परीक्षक को केंिीय सिचार असधक सदखाई दे गा।
जहाज का काम खुले समुि में यात्रा करना और संसाधनों के समान सितरण को सुसनसित करने के बड़े उद्दे श्य के
सलए लोगों और मनुष्यों को एक स्थान से दू सरे स्थान तक पहुं चाना है । इसी तरह, मनुष्य तिी आगे बढ़ सकता है जब
िह जोल्पखम उठाए और अपने व्यल्पक्तगत जीिन के साथ-साथ लोगों के कल्ाण में प्रगसत सुसनसित करने के सलए
असतररक्त प्रयास करे |

महत्वपूणन कीिडन क रे खांसकत करें तासक परीक्षक क केंद्रीय / मूल सिचार स्पष्ट्ता एिं सरलता से
सिखाई िे ।

❖ उपशीषनक ं का उपय ग करें : यह आपके सुसिधा के आधार पर सकया या टाला जा सकता है । हालााँ सक,
सुसनसित करें सक आपके उपशीर्ाक िां सछत जानकारी दे ते हैं और अप्रासंसगक नहीं लगते हैं ।
जहाज का काम खुले समुि में यात्रा करना और संसाधनों के समान सितरण को सुसनसित करने के बड़े उद्दे श्य के
सलए लोगों और मनुष्यों को एक स्थान से दू सरे स्थान तक पहुं चाना है । इसी तरह, मनुष्य तिी आगे बढ़ सकता है जब
िह जोल्पखम उठाए और अपने व्यल्पक्तगत जीिन के साथ-साथ लोगों के कल्ाण में प्रगसत सुसनसित करने के सलए
असतररक्त प्रयास करे

िए आयाम या सिचार सलखिे से पहले उपशीषनक का उपय ग करिा चासहए

गौतम बुद्ध ने शां सत और िाईचारे का संदेश सदया जो केिल िारत तक ही सीसमत नहीं है बल्पल्क अब इसे पूरे सिश्व में

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जगह समल गई है क्योंसक हम दे खते हैं सक बौद्ध धमा को दु सनया के कई दे शों द्वारा मान्यता दी जा रही है । यह संिि
नहीं होता अगर उन्ोंने मानिीय पीड़ा का समाधान खोजने के सलए सिी बाधाओं के बािजूद अपने घर की सुख-
सुसिधाएं छोड़कर जंगलों में जाने का जोल्पखम नहीं उठाया होता।

िये पैराग्राफ के प्रारम्भ में हासशया या लाइि बिाये

❖ उद्धरण (ं quote) क उल्टे अिसिराम में रखें: सुसनसित करें सक आप उद्धरण जोड़ते समय इनिटे ड कॉमा
लगाएं , उद्धरण से जुड़े व्यल्पक्त का नाम िी कोष्ठक में सलखें।
“सशक्षा सबसे शल्पक्तशाली हसथयार है सजसका उपयोग आप दु सनया को बदलने के सलए कर सकते हैं ” (नेल्सन मंडेला)
उद्धरण ं क इनिटे ड कॉमा में रखें तथा उद्धरण से जुडे व्यल्पक्त का िाम भी क ष्ठक में सलखें

❖ पैराग्राफ ं का सुसंगत प्रिाह: सुसनसित करें सक आपके पैराग्राफ अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं और आपके सनबंध
में सनरं तर प्रिाह है ।
❖ िि न्मेषी प्रस्तुसत: आप अपनी बातों को कम शब्दों में निोन्वेर्ी ढं ग से व्यक्त करने के सलए रे खासचत्रों का
उपयोग कर सकते हैं । इससे न केिल स्थान की बचत होती है , बल्पल्क सामग्री को पढ़ना आसान हो जाता है और
तकों का सार उपलब्ध होता है।
पूिन /ितनमाि गलती क स्वीकार करिा स्वीकायन
⮚ मन की शां सत ⮚ गलती – क्षमाप्राथी – सुधार
⮚ नए रास्ते खोलना ⮚ िास्तसिकता - सिश्लेर्ण करें – सुधार
⮚ संबंध में सुधार ⮚ ल्पस्थसत – समाधान – सुधार
⮚ मानिता का प्रदशान ⮚ कमजोररयााँ - समथान / काम करें – सुधार
⮚ साहस
सुधार का संकि
⮚ आत्मसनरीक्षण
⮚ गलती का सिश्लेर्ण करें
⮚ सुधार के सलए कड़ी मेहनत करें
⮚ दू सरों के साथ सहयोग करें
⮚ रुको मत
स्वीकार ल्पक्त का साहस एिं सुधार करिे की सिष्ठा सफलता के ि मंत्र हैं

मूल्य संिधनि
सिषय / थीम के अिुसार उद्धरण (quote)

भारतीय संस्कृसत

❖ हम िारतीयों के बहुत आिारी हैं , सजन्ोंने हमें सगनती करना ससखाया, सजसके सबना कोई िी साथाक िैज्ञासनक
खोज नहीं की जा सकती थी - अल्बटन आइं स्ट्ीि
❖ अपना िसिष्य जानने के सलए आपको अपना अतीत जानना होगा - जॉजन सैंटायिा
❖ िारत एक ऐसा दे श है सजसमें हर महान धमा को घर समलता है ।-एिी बेसेंट
❖ मानि इसतहास की सबसे मूल्िान और सशक्षाप्रद सामग्री िारत में संग्रहीत है । - माकन ट्वे ि

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समाज

❖ आपको मानिता पर सिश्वास नहीं छोड़ना चासहए। मानिता एक महासागर है , यसद समुि की कुछ बूाँदें गंदी हैं , तो
समुि गंदा नहीं हो जाता – गांधी
❖ सभ्यता की कसौटी यह है सक िह असहायों की सकस प्रकार परिाह करती है । - पलन एस बक
❖ एक सभ्य समाज िह है जो संसदग्ध सििेक की सीमा तक केन्द्रीकरण को सहन करता है । - रॉबटन फ्रॉस्ट्
❖ हमारा समाज एक समुदाय न होकर पृथक पाररिाररक इकाइयों का एक समूह मात्र है । - िैलेरी स लािास
❖ कोई िी समाज सनसित रूप से समृद्ध और खुशहाल नहीं हो सकता, सजसके असधकां श सदस्य गरीब और दु खी
हों। - एडम ल्पिथ
❖ समाज व्यल्पक्तयों से नहीं बनता बल्पल्क अंतसंबंधों के योग को व्यक्त करता है , सजन संबंधों के अंतगात ये व्यल्पक्त
खड़े होते हैं । - काल माक्सन

अिसंख्यक

❖ पृथ्वी पर सबसे छोटा अिसंख्यक व्यल्पक्त है । जो लोग व्यल्पक्तगत असधकारों से इनकार करते हैं िे अिसंख्यकों
के रक्षक होने का दािा नहीं कर सकते - ऐि रैं ड
❖ साहस की परीक्षा तब होती है जब हम अिमत में होते हैं । सहनशीलता की परीक्षा तब होती है जब हम बहुमत
में होते हैं । - राल्फ डब्ल्यू सॉकमैि
❖ कोई िी लोकतंत्र लंबे समय तक जीसित नहीं रह सकता है जो अिसंख्यकों के असधकारों की मान्यता को
अपने अल्पस्तत्व के सलए मौसलक नहीं मानता है । - फ्रैंकसलि डी. रूजिेल्ट
❖ कोई िी चीज हमारी महानता को मुक्त नहीं करती जैसे सहायता करने की इच्छा, सेिा करने की इच्छा करती
है । - मैररएि सिसलयमसि

धमन और जासत व्यिस्था

❖ मानि सेिा से बढ़कर कोई धमा नहीं है । आम िलाई के सलए काम करना सबसे बड़ा धमा है - िुडर सिल्सि
❖ यह मेरा सरल धमा है . मंसदरों की कोई जरूरत नहीं है ; जसटल दशान की कोई आिश्यकता नहीं. हमारा अपना
मल्पस्तष्क, हमारा अपना हृदय ही हमारा मंसदर है और दशान दयालुता है - िलाई लामा
❖ धमा की सच्चाइयों को किी िी इतनी अच्छी तरह से नहीं समझा जा सकता सजतना उन लोगों द्वारा समझा जाता
है सजन्ोंने तका की शल्पक्त खो दी है – ि ल्टे यर
❖ हमारी िैज्ञासनक शल्पक्त ने हमारी आध्याल्पत्मक शल्पक्त को पछाड़ सदया है । हमारे पास सनदे सशत समसाइलें और
गुमराह लोग हैं - मासटन ि लूथर सकंग
❖ जासत केिल श्रम का सििाजन नहीं है , यह श्रसमकों का सििाजन है - बी.आर. अम्बेडकर
❖ जासत व्यिस्था िेदां त धमा का सिरोधी है । जासत एक सामासजक प्रथा है और हमारे सिी महान प्रचारकों ने इसे
तोड़ने का प्रयास सकया है - स्वामी सििेकािन्द
❖ रक्त की कोई जासत नहीं होती - एडसिि अिोल्ड
❖ मेरा धमा सत्य और असहं सा पर आधाररत है । सत्य ही मेरा िगिान है , असहं सा उसे साकार करने का साधन है । -
महात्मा गांधी
❖ ईश्वर क्या है ? िह श्वास के िीतर श्वास है ।–कबीर
❖ सिी धमों और सिी समुदायों के समान असधकार हैं , और उनकी पूणा और संपूणा सुरक्षा सुसनसित करना मेरी
सजम्मेदारी है । मेरी सरकार जासत, पंथ और धमा के आधार पर सकसी िी िेदिाि को बदााश् या स्वीकार नहीं
करे गी। - िरें द्र म िी

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जिसंख्या

❖ इनमें से कुछ (एसशयाई) दे शों, जैसे िारत, को बड़ी आबादी की ज़रूरत नहीं है , कम लोगों के साथ बेहतर ल्पस्थसत
होगी - जिाहरलाल िेहरू
❖ 1974 में, मैंने बुखारे ट में सिश्व जनसंख्या सम्मेलन में िारतीय प्रसतसनसधमंडल का नेतृत्व सकया, जहां मेरा बयान
सक 'सिकास सबसे अच्छा गिासनरोधक है ' व्यापक रूप से जाना गया और अक्सर उदधृत सकया गया। मुझे
स्वीकार करना होगा सक 20 साल बाद मैं इसे उलटने के सलए इच्छु क हं , और अब मेरी ल्पस्थसत यह है सक
'गिासनरोधक सबसे अच्छा सिकास है ' - करण ससंह, भारतीय राजिीसतज्ञ
❖ बढ़ती िोजन की कमी की समस्या को कई मामलों में जनसंख्या िृल्पद्ध को सनयंसत्रत करने के प्रयास के सबना हल
नहीं सकया जा सकता है । - यू थांट, पूिन संयुक्त राष्ट्र महाससचि (1909-1974)
❖ अत्यसधक (जनसंख्या) िृल्पद्ध प्रसत श्रसमक उत्पादन को कम कर सकती है , जनता के जीिन स्तर को दबा सकती
है और संघर्ा को जन्म दे सकती है । - कन्फ्यूसशयस, िाशनसिक (551-479)
❖ यसद हम न्याय और करुणा के साथ जनसंख्या िृल्पद्ध को नहीं रोकते हैं , तो यह हमारे सलए प्रकृसत द्वारा
िूरतापूिाक और दया के सबना - और एक तबाह दु सनया छोड़ जाएगा। - ि बेल पुरस्कार सिजेता हे िरी डब्ल्यू.
केंडल
❖ हमारी जनसंख्या और ग्रह पृथ्वी के सीसमत संसाधनों का हमारा उपयोग तेजी से बढ़ रहा है , साथ ही पयाा िरण
को अच्छे या बुरे के सलए बदलने की हमारी तकनीकी क्षमता िी बढ़ रही है । - स्ट्ीफि हॉसकंग
❖ आज हमारे सामने आने िाली प्रत्येक पयाा िरणीय समस्या का मूल कारण अत्यसधक उपिोग और असधक
जनसंख्या है । - जैक्स यिेस कस्ट्

मसहला

❖ आप एक आदमी को सशसक्षत करते हैं तो बस आप एक आदमी को सशसक्षत करते हैं । आप एक मसहला को


सशसक्षत करते हैं , आप एक पीढ़ी को सशसक्षत करते हैं – सिघमयंग
❖ इस बात के पयाा प्त प्रमाण हैं सक मसहलाओं की सशक्षा और साक्षरता से बच्चों की मृत्यु दर में कमी आती है -
अमत्यन सेि
❖ सिकास के सलए मसहलाओं से बढ़कर कोई साधन नहीं - क फ़ी अन्नाि
❖ जहां नारी का सम्मान होता है , िहां दे ित्व सनिास करता है और जहां नारी का अपमान होता है , िहां सिी काया
सनष्फल रहते हैं – मिुिृसत
❖ मैं सकसी समुदाय की प्रगसत को मसहलाओं द्वारा हाससल की गई प्रगसत के आधार पर मापता हं -
बी.आर.आं बेडकर
❖ मसहला होने के नाते हम जो हाससल कर सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं है - समशेल ओबामा
❖ यसद आप कुछ कहना चाहते हैं , तो सकसी आदमी से पूछें; यसद आप कुछ करना चाहते हैं , तो एक मसहला से
पूछें – मागनरेटथैचर
❖ एक मसहला पूणा चि है . उसके िीतर सृजन, पोर्ण और पररितान करने की शल्पक्त है – डायिेमैरी चाइल्ड।
❖ संसार में दो शल्पक्तयााँ हैं ; एक है तलिार और दू सरी है कलम. इन दोनों से िी ताकतिर एक तीसरी शल्पक्त है ,
िह है मसहलाओं की - मलाला यूसुफजई (सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार सिजेता)
❖ लड़सकयों को सशसक्षत करना गरीबी कम करना है - क फी अन्नाि (पूिा संयुक्त राष्टर महाससचि)
❖ मसहलाएं दु सनया में प्रसतिा का सबसे बड़ा अप्रयुक्त िंडार हैं - सहलेरी ल्पक्लंटि
❖ सजस सदन एक मसहला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से चल सकेगी, उस सदन हम कह सकते हैं सक िारत ने
स्वतंत्रता प्राप्त कर ली है - महात्मा गांधी

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❖ जब तक मसहलाओं की ल्पस्थसत में सुधार नहीं होगा तब तक सिश्व के कल्ाण की कोई संिािना नहीं है । पक्षी के
सलए एक पंख पर उड़ना संिि नहीं है - स्वामी सििेकािन्द
❖ जब तक मसहलाओं को सिी प्रकार के उत्पीड़न से मुल्पक्त नहीं समल जाती तब तक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं की जा
सकती। - िेल्सि मंडेला

मसहला सशल्पक्तकरण

❖ नारीिाद मसहलाओं को मजबूत बनाने के बारे में नहीं है । मसहलाएं पहले से ही मजबूत हैं , यह दु सनया के उस
ताकत को समझने के तरीके को बदलने के बारे में है - जी.डी. एं डरसि
❖ मसहलाओं की स्वतंत्रता सामासजक स्वतंत्रता का प्रतीक है - र जा लक्जमबगन
❖ दु सनया िर में मसहलाओं की सशक्षा और सशल्पक्तकरण,सिी के सलए असधक दे खिाल करने िाला, ससहष्णु,
न्यायपूणा और शां सतपूणा जीिन जीने में सिफल नहीं कर सकता - आं ग साि सू की
❖ जब तक हममें से आधे लोगों को पीछे धकेल सदया जाता है , तब तक हम सिी सफल नहीं हो सकते। हम
दु सनया िर में अपनी बहनों से बहादु र बनने का आह्वान करते हैं - अपने िीतर की ताकत को अपनाने और
अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने के सलए - मलाला यूसुफजई
❖ लैंसगक समानता अपने आप में एक लक्ष्य से कहीं असधक है । गरीबी कम करने, सतत सिकास को बढ़ािा दे ने
और सुशासन के सनमाा ण की चुनौती का सामना करने के सलए यह एक पूिा शता है - क फ़ी अन्नाि
❖ जब मसहलाएं बेहतर करती हैं तो अथाव्यिस्थाएं बेहतर होती हैं - सक्रस्ट्ीिा लेगाडन
❖ आिाज उठाने िाली एक मसहला, पररिार्ा के अनुसार, एक मजबूत मसहला होती है । -मेसलंडा गेट्स
❖ हर बार एक मसहला जब अपने सलए खड़ी होती है , संिितः सबना जाने, सबना दािा सकए, िह सिी मसहलाओं के
सलए खड़ी होती है । -माया एं जेल .
❖ नारीिादी िह है जो मसहलाओं और पुरुर्ों की समानता और पूणा मानिता को पहचानता है । - ग्ल ररया स्ट्ीिम

बच्चे

❖ सकसी समाज की आत्मा का इससे असधक गहरा रहस्योदघाटन नहीं हो सकता सक िह अपने बच्चों के साथ कैसा
व्यिहार करता है - िेल्सि मंडेला
❖ अगर हमें इस दु सनया में िास्तसिक शां सत ससखानी है , और अगर हमें युद्ध के ल्पखलाफ िास्तसिक युद्ध चलाना है ,
तो हमें बच्चों से शुरुआत करनी होगी - एम. के. गांधी।
❖ बाल श्रम गरीबी, बेरोजगारी, असशक्षा, जनसंख्या िृल्पद्ध और अन्य सामासजक समस्याओं को बढ़ािा दे ता है -
कैलाश सत्याथी
❖ यसद आपकी योजना एक िर्ा के सलए है , तो चािल रोपें। यसद आपकी योजना दस साल के सलए है तो पेड़
लगायें। अगर आपकी योजना सौ साल के सलए है तो बच्चों को सशसक्षत करें . –कन्फ्यूसशयस
❖ आइए हम अपने आज का बसलदान दें तासक हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके। - ए पी जे अब्ु ल कलाम
❖ बच्चे महान नकलची होते हैं . इससलए उन्ें अनुकरण करने के सलए कुछ बसढ़या दें । - अिाम / अिजाि
❖ इस दु सनया में एकमात्र धन बच्चे हैं , पृथ्वी पर सिी धन और शल्पक्त से िी बढ़कर । -माररय पूज
❖ सिी बच्चे कलाकार हैं । समस्या यह है सक बड़ा होने के बाद िह कलाकार कैसे बने रहें । - पब्ल सपकास
❖ पहले पां च िर्ों तक अपने बच्चे के साथ एक सप्रय की तरह व्यिहार करें । अगले पां च साल तक उन्ें डां टते
रहना. जब िे सोलह िर्ा के हो जाएं , तब तक उनके साथ एक समत्र की तरह व्यिहार करें । आपके बड़े हो चुके
बच्चे आपके सबसे अच्छे दोस्त हैं । -चाणक्य

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सिसिधता और समािेसशता

❖ सकसी व्यल्पक्त ने तब तक जीना शुरू नहीं सकया है जब तक िह अपनी व्यल्पक्तिादी सचंताओं के संकीणा दायरे से
ऊपर उठकर संपूणा मानिता की व्यापक सचंताओं तक नहीं पहुं च जाता - मासटन ि लूथर सकंग, जूसियर।
❖ सिसिधता और समािेशन, जो रचनात्मकता के सलए िास्तसिक आधार हैं , हमें जो करना है उसके केंि में रहना
चासहए - माको सबजारी
❖ यह तथ् अच्छा है सक समाज तेजी से बहु-जातीय, बहु-सांस्कृसतक और बहु-धासमाक होते जा रहे हैं । सिसिधता
एक ताकत है , कमजोरी नहीं - एं ट सिय गुटेरेस
❖ जो हमें सििासजत करता है िह हमें एकजुट करने िाली चीज़ की तुलना में फीका पड़ जाता है । - एडिडन
कैिेडी
❖ हम सिी अलग हैं , जो बहुत अच्छी बात है क्योंसक हम सिी असद्वतीय हैं । सिसिधता के सबना जीिन बहुत उबाऊ
होगा। - कैथरीि पल्पल्सफ़र
❖ आिाज़ों का सिसिध समश्रण हर सकसी के सलए बेहतर चचाा , सनणाय और पररणाम की ओर ले जाता है । - सुंिर
सपचाई
❖ सजतनी असधक सिसिधता, उतनी असधक पूणाता। - थॉमस बेरी
❖ सिसिधता यह नहीं है सक हम कैसे सिन्न हैं । सिसिधता एक दू सरे की सिसशष्टता को अपनाने के बारे में है । -ओला
ज सेफ
❖ सिसिधता और समािेशन एक प्रसतस्पधाा त्मक लाि है सजसे एक स्माटा नेता नज़रअंदाज नहीं करे गा। - िायि
का चाि, मानिासधकार कायाकताा
❖ अनेकता में एकता ही िारत की ताकत है । यह ससफा कागजों पर नहीं है बल्पल्क यह हमारी पहचान और हमारी
परं परा है । - पीएम. िरें द्र म िी

लैंसगक समािता

❖ लैंसगक समानता अपने आप में एक लक्ष्य से कहीं असधक है । गरीबी कम करने, सतत सिकास को बढ़ािा दे ने
और सुशासन के सनमाा ण की चुनौती का सामना करने के सलए यह एक पूिा शता है - क फ़ी अन्नाि
❖ लैंसगक समानता हाससल करने के सलए मसहलाओं और पुरुर्ों, लड़सकयों और लड़कों की िागीदारी की
आिश्यकता है । यह हर सकसी की सज़म्मेदारी है - बाि की मूि
❖ अब समय आ गया है सक हम सिी सिपरीत आदशों के दो सेटों के बजाय सलंग को एक स्पेिरम के रूप में
दे खें। - एम्मा िाटसि
❖ हमने बेसटयों को बेटों की तरह बड़ा करना शुरू कर सदया है ... लेसकन बहुत कम लोगों में अपने बेटों को अपनी
बेसटयों की तरह पालने का साहस है । - ग्ल ररया स्ट्ीिम

गरीबी और असमािता

❖ मानिासधकारों का उल्लंघन न केिल आतंकिाद, दमन या हत्या से होता है , बल्पल्क अनुसचत आसथाक संरचनाओं
से िी होता है जो िारी असमानताएं पैदा करती हैं - प प फ्रांससस
❖ क्षमता सनमाा ण से मतिेद समट जाते हैं । यह असमानताओं को दू र करता है - एपीजे अब्ु ल कलाम
❖ गरीबी सहं सा का सबसे खराब रूप है - महात्मा गांधी
❖ जब तक हमारी दु सनया में गरीबी, अन्याय और घोर असमानता मौजूद है , हममें से कोई िी िास्ति में आराम
नहीं कर सकता – िेल्सि मंडेला

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❖ अच्छी तरह से शाससत दे श में गरीबी शमा की बात है । बुरी तरह से शाससत दे श में, धन शमा की बात है –
कन्फ्यूसशयस
❖ िूख िास्ति में सामूसहक सिनाश का सबसे ियानक हसथयार है । यह हर साल लाखों लोगों की जान लेता है । -
लुइज इिाससय लूला िा ससल्वा
❖ दु सनया में ऐसे लोग हैं , जो इतने िूखे हैं सक िगिान उन्ें रोटी के अलािा सकसी और रूप में सदखाई नहीं दे ते। -
महात्मा गांधी
❖ क्या गरीबी और ज़रूरत सबसे बड़े प्रदू र्क नहीं हैं ? - इं सिरा गांधी
❖ गरीबी िां सत और अपराध की जनक है । - अरस्तू
❖ कहीं िी अत्यसधक गरीबी हर जगह मानि सुरक्षा के सलए खतरा है । - क फी अन्नाि
❖ गरीबी उस अपराध की सज़ा के समान है जो आपने सकया ही नहीं। - एली खमार ि
❖ अमीर और गरीब के बीच असंतुलन सिी गणराज्ों की सबसे पुरानी और सबसे घातक बीमारी है । -प्लूटाकन
❖ जब हमारे चारों ओर गरीबी और बेरोजगारी है तो हम परमाणु हसथयारों पर लाखों-करोड़ों खचा नहीं कर
सकते। – लाल बहािु र शास्त्री
❖ गरीबी ससफा पैसे की कमी नहीं है ; यह एक इं सान के रूप में अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने की क्षमता
नहीं होना है । – प्र . अमत्यन सेि

स्वच्छता

❖ मैं सकसी को िी अपने गंदे पैरों के साथ अपने सदमाग में नहीं चलने दू ं गा - महात्मा गांधी
❖ ईश्वरिल्पक्त के बाद स्वच्छता है - महात्मा गांधी
❖ हम सिकासशील सिश्व को प्रिासित करने िाली सकसी िी संिामक बीमारी को तब तक नहीं हरा पाएं गे जब
तक हम सुरसक्षत पेयजल, स्वच्छता और बुसनयादी स्वास्थ्य दे खिाल की लड़ाई िी नहीं जीत लेते। - क फ़ी
अन्नाि
❖ स्कूलों में साफ-सफाई और अच्छी स्वच्छता अत्यसधक महत्व का सिर्य है । - िरें द्र म िी
❖ पानी और स्वच्छता का समाधान सकए सबना आप किी िी गरीबी का समाधान नहीं कर पाएं गे। - मैट डे मि
❖ सिकासशील दे शों में स्वच्छता संबंधी मुद्दे पुरुर्ों की तुलना में मसहलाओं को असधक प्रिासित करते हैं । -
मेसलंडा गेट्स

शहरीकरण

❖ शहरीकरण, सिकास की प्रसियाओं और आधुसनकीकरण की प्रसियाओं का अपररहाया पररणाम है - मिम हि


ससंह
❖ िारत में शहरीकरण उसके गां िों और ग्रामीणों के सलए एक धीमी लेसकन सनसित मौत है - महात्मा गांधी
❖ दु सनया के पास हर सकसी की जरूरतों के सलए पयाा प्त संसाधन है , लेसकन हर सकसी के लालच के सलए पयाा प्त
नहीं - महात्मा गांधी
❖ हम शहरीकरण को एक अिसर के रूप में दे खते हैं और हम अपने शहरों को सिश्व स्तरीय शहरी स्थान बनाने
के सलए प्रसतबद्ध हैं जो 'जीिन को आसान' बनाएगा। - पीएम. िरें द्र म िी

भूमंडलीकरण

❖ ऐसा कहा गया है सक िैश्वीकरण के ल्पखलाफ बहस करना गुरुत्वाकर्ाण के सनयमों के ल्पखलाफ बहस करने जैसा
है – क फी अन्नाि

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❖ हम िैश्वीकरण की बड़ी चुनौसतयों से सनपट रहे हैं । यह, कई मामलों में, समाजों में असमानता के स्तर में िृल्पद्ध
पैदा कर रहा है ... जो अिां छनीय है - ज स एं जेल गुररया
❖ िैश्वीकरण का नकारात्मक पक्ष यह है सक यह संपूणा आसथाक प्रणासलयों को नष्ट कर दे ता है और ऐसा करते
समय इसके साथ जुड़ी संस्कृसत को िी समटा दे ता है - पीटर एल. बजनर
❖ िैश्वीकरण के युग में, एकसत्रत संप्रिुता का मतलब असधक शल्पक्त है , कम नहीं - ज स मैिुअल बैर स
❖ िैश्वीकरण नई दोर् रे खाओं को उजागर कर रहा है - उदाहरण के सलए, शहरी और ग्रामीण समुदायों के बीच। -
बाि -की -मूि
❖ बेतहाशा िैश्वीकरण से कुछ लोगों को फायदा हुआ है , लेसकन असधकां श के सलए यह एक तबाही है । - मरीि ले
पेि
❖ 'िैश्वीकरण' शब्द का उपयोग परं परागत रूप से धन और शल्पक्त द्वारा अपने सहतों के सलए सडज़ाइन सकए गए
सनिेशक-असधकार एकीकरण के सिसशष्ट रूप को संदसिात करने के सलए सकया जाता है । - ि म चौमस्की
❖ अब तक हुए िैश्वीकरण के साथ, दे श बहुत असधक अन्योन्यासश्रत हैं और इससलए 'युल्पित' हैं । -गीता ग पीिाथ
❖ हमारा मानना है सक आसथाक िैश्वीकरण, पारस्पररक लाि के सलए असधक खुला, समािेशी, न्यायसंगत और
संतुसलत होना चासहए। -सुषमा स्वराज

भारतीय संसिधाि की प्रस्ताििा

हम, िारत के लोग, िारत को एक संपूणा प्रिुत्व संपन्न, समाजिादी , पंथसनरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज् बनाने के सलए,
तथा उसके समस्त नागररकों को:
सामासजक, आसथाक और राजनीसतक न्याय,
सिचार, असिव्यल्पक्त, सिश्वास, धमा और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रसतष्ठा और अिसर की समता, प्राप्त कराने के सलए,
तथा उन सब में,
व्यल्पक्त की गररमा और राष्टर की एकता और अखण्डता सुसनसित कराने िाली, बन्धुता बढ़ाने के सलए,
दृढ़ संकल्पित होकर अपनी संसिधानसिा में आज तारीख 26 नििर 1949 ई॰ (समसत मागाशीर्ा शुक्ल सप्तमी, संित दो
हजार छह सििमी) को एतद्दिारा इस संसिधान को अंगीकृत, असधसनयसमत और आत्मासपात करते हैं ।

न्यायपासलका

❖ संसिधान के तहत नागररकों को प्राप्त सिी असधकार सकसी िी मूल् के नहीं हैं , और केिल एक बुलबुला हैं ,
ससिाय एक स्वतंत्र और सदाचारी न्यायपासलका द्वारा उन्ें गारं टी सदए जाने के - एं डर यू जैक्सि
❖ न्यायपासलका को इस समय जो िी लोकसप्रय हो, उसका रं ग नहीं लेना चासहए। हम असधकारों के संरक्षक हैं ,
और हमें लोगों को िे बातें बतानी हैं जो िे अक्सर सुनना पसंद नहीं करते - र ज बडन
❖ जहां सही कमा का पालन होता है , िहीं (अकेले) जीत होती है! - सुप्रीम क टन का आिशन िाक्य
❖ न्यायपासलका को मजबूत सकया जाना चासहए और राजनीसतक हस्तक्षेप से मुक्त सकया जाना चासहए - आं ग
साि सू की
❖ न्यायपासलका को संसिधान की िािना के अनुरूप - अपने स्वयं के मामलों को सिसनयसमत करने के तरीके और
साधन खोजने के सलए प्रोत्सासहत सकया जाना चासहए। - मिम हि ससंह
❖ न्यायपासलका की स्वतंत्रता का अथा कायापासलका और सिधासयका से स्वतंत्रता है , लेसकन जिाबदे ही से स्वतंत्रता
नहीं। - प्रशांत भूषण

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राजिीसत

❖ धासमाकता शां सत और सुशासन की आधारसशला है – कन्फ्यूसशयस


❖ हमारे युग में 'राजनीसत से दू र रहने' जैसी कोई चीज़ नहीं है । सिी मुद्दे राजनीसतक मुद्दे हैं , और राजनीसत स्वयं
झूठ, टालमटोल, मूखाता, घृणा और ससज़ोफ्ेसनया का एक समूह है - जॉजन ऑरिेल
❖ गलत गलत नहीं रहता क्योंसक उसमें बहुसंख्यक की सहस्सेदारी होती है - सलय टॉल्स्स्ट्ॉय
❖ यसद आप अपनी सरकार के मामलों में रुसच नहीं लेते हैं , तो आप मूखों के शासन में रहने के सलए असिशप्त हैं ।
-प्लेट
❖ राजनीसत का नैसतकता से कोई संबंध नहीं है - सिक ल मैसकयािेली
❖ राजनीसत इतना गंिीर मामला है सक इसे राजनेताओं पर नहीं छोड़ा जा सकता। - चाल्सन डे गॉल
❖ राजत्व कोई ररश्ेदारी नहीं जानता - अलाउद्दीि ल्पखलजी

संघिाि

❖ जब पंचायत राज स्थासपत होगा तो जनमत िह काम करे गा जो सहं सा किी नहीं कर सकती – महात्मा गांधी
❖ सिी शल्पक्तयों, सिधासयका, कायापासलका और न्यायपासलका का संचय, एक ही हाथ में, चाहे एक का, कुछ का,
या कई का, और चाहे िंशानुगत, स्व-सनयुक्त, या िैकल्पिक, उसचत रूप से अत्याचार की पररिार्ा का उच्चारण
सकया जा सकता है - जेम्स मैसडसि
❖ जो कोई िी पानी की समस्या का समाधान कर सकता है िह दो नोबेल पुरस्कारों का हकदार होगा - एक शां सत
के सलए और एक सिज्ञान के सलए - जॉि एफ कैिेडी

सरकार

❖ यसद सरकार कानून तोड़ने िाली बन जाती है , तो यह कानून के प्रसत अिमानना पैदा करती है ; यह प्रत्येक मनुष्य
को स्वयं एक कानून बनने के सलए आमंसत्रत करता है ; यह अराजकता को आमंसत्रत करता है । -लुई िैंसडस
❖ राष्टरिाद एक सशशु रोग है . यह मानि जासत का चेचक है । - अल्बटन आइं स्ट्ीि
❖ िह राज् बेहतर शाससत होता है जहां कम कानून होते हैं और उन कानूनों का सख्ती से पालन सकया जाता है।
- रे िे डे स्कटे स
❖ सबसे अच्छी सरकार िह है जो हमें खुद पर शासन करना ससखाती है । - ज हाि ि ल्फगैंग िॉि ग एथे

समाज कल्याण एिं न्याय

❖ जो न्याय समानता, सामासजक कल्ाण और समुदाय में सनसहत नहीं है िह सबल्कुल िी न्याय नहीं है - डे रे
मैकेसि
❖ सत्य और न्याय के मामलों में, बड़ी और छोटी समस्याओं के बीच कोई अंतर नहीं है , क्योंसक लोगों के उपचार
से संबंसधत मुद्दे सिी एक जैसे हैं - अल्बटन आइं स्ट्ीि
❖ न्याय की अदालतों से िी ऊंची एक अदालत है और िह अंतरात्मा की अदालत है । यह अन्य सिी न्यायालयों
का स्थान लेता है - महात्मा गांधी
❖ सत्ता का केिल एक कताव्य है - लोगों के सामासजक कल्ाण को सुरसक्षत करना - बेंजासमि सडसरायली
❖ अगर सकसान समृद्ध है , तो दे श िी समृद्ध है - असमत कलंत्री
❖ गरीबी अक्सर एक व्यल्पक्त को सिी िािना और सदगुणों से िंसचत कर दे ती है ; एक खाली बैग का सीधा खड़ा
होना कसठन है - बेंजासमि फ्रैंकसलि

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ग पिीयता और स्वतंत्रता

❖ जो लोग थोड़ी अस्थायी सुरक्षा पाने के सलए आिश्यक स्वतंत्रता छोड़ सकते हैं िे न तो स्वतंत्रता और न ही सुरक्षा
के पात्र हैं - बेंजासमि फ्रैंकसलि
❖ अपने जीिन के सिी सदन कैदी बने रहने से स्वतंत्रता के सलए लड़ते हुए मरना बेहतर है - बॉब माले
❖ जो लोग दू सरों को स्वतंत्रता दे ने से इनकार करते हैं , िे स्वयं इसके योग्य नहीं हैं - अिाहम सलंकि
❖ स्वतंत्र होने का मतलब केिल अपनी जंजीरों को उतारना नहीं है , बल्पल्क इस तरह से जीना है जो दू सरों की
स्वतंत्रता का सम्मान करता है और उसे बढ़ाता है - िेल्सि मंडेला
❖ प्रत्येक राष्टर को बताएं , चाहे िह हमारा िला चाहता हो या बुरा, सक हम कोई िी कीमत चुकाएं गे, कोई िी बोझ
उठाएं गे, सकसी िी कसठनाई का सामना करें गे, सकसी िी समत्र का समथान करें गे, स्वतंत्रता की सफलता और
अल्पस्तत्व को सुसनसित करने के सलए सकसी िी दु श्मन का सिरोध करें गे - जॉि एफ कैिेडी
❖ जो लोग स्वतंत्रता का आशीिााद प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं , उन्ें पुरुर्ों की तरह, इसका समथान करने की
थकान से गुजरना होगा - थॉमस पेि

सशक्षा

❖ सशक्षा सबसे शल्पक्तशाली हसथयार है सजसका उपयोग आप दु सनया को बदलने के सलए कर सकते हैं - िेल्सि
मंडेला
❖ सशक्षा िह है जो स्कूल में सीखी गई बातों को िूल जाने के बाद िी बची रहती है - महात्मा गांधी
❖ दो सिद्याएाँ हैं । एक को हमें यह ससखाना चासहए सक जीसिकोपाजान कैसे सकया जाए और दू सरे को कैसे जीना
चासहए - जॉिटी एडम्स
❖ बच्चों को यह ससखाया जाना चासहए सक कैसे सोचना है , न सक क्या सोचना है - मागनरेट मीड
❖ हमें सिी के सलए बुसनयादी सशक्षा के सलए लड़ना जारी रखना चासहए, लेसकन सशक्षा की सामग्री के महत्व पर िी
जोर दे ना चासहए - अमत्यन सेि
❖ सीखना रचनात्मकता दे ता है . रचनात्मकता सोच की ओर ले जाती है । सचन्तन ज्ञान प्रदान करता है । ज्ञान
आपको महान बनाता है - एपीजे अब्ु ल कलाम
❖ मोटर के सबना उड़ना संिि है , लेसकन ज्ञान और कौशल के सबना नहीं - सिल्बर राइट
❖ ऐसे सजयो जैसे सक तुम्हें कल मरना है , ऐसे सीखो जैसे तुम्हें हमेशा जीसित रहना है । - महात्मा गांधी
❖ मैंने किी िी अपनी स्कूली सशक्षा को अपनी सशक्षा में हस्तक्षेप नहीं करने सदया। - माकन ट्वे ि
❖ सकसी सिचार को स्वीकार सकए सबना उस पर सिचार करने में सक्षम होना एक सशसक्षत सदमाग की पहचान है । -
अरस्तू
❖ सशक्षा मनुष्य में पहले से मौजूद पूणाता की असिव्यल्पक्त है । - स्वामी सििेकािंि

स्वास्थ्य

❖ स्वास्थ्य ही धन है – कहाित
❖ यह स्वास्थ्य ही है जो िास्तसिक धन है , न सक सोने और चां दी के टु कड़े - महात्मा गांधी
❖ स्वस्थ नागररक सकसी िी राष्टर की सबसे बड़ी संपसत्त हैं - सिंस्ट्ि चसचनल
❖ मानससक स्वास्थ्य को असधक धूप, असधक स्पष्टिासदता और असधक बेशमी िरी बातचीत की आिश्यकता है -
ग्लेि क्ल ज
❖ मानससक स्वास्थ्य एक सातत्य है , और लोग स्पेिरम में कहीं िी सगर सकते हैं - एमी म ररि

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❖ िलाई, या संपूणाता, का तात्पया सिी मौजूदा तत्वों के बीच अखंडता और सद्भाि से है , जो संपूणा के सलए
स्वतंत्रता प्रदान करता है - डै रेल कैल्पकंस

सडसजटाइजेशि

❖ जब सडसजटल पररितान सही तरीके से सकया जाता है , तो यह एक कैटरसपलर के सततली में बदलने जैसा होता है ,
लेसकन जब गलत सकया जाता है , तो आपके पास केिल एक बहुत तेज़ कैटरसपलर होता है - जॉजन िेस्ट्मैि
❖ हमारी गसतसिसधयों और िािनाओं पर लगातार नजर रखी जाती है , क्योंसक सनगरानी सडसजटल युग का सबजनेस
मॉडल है - कैथरीि सििर
❖ सजस गसत से लोग सडसजटल तकनीक को अपना रहे हैं , िह उम्र, सशक्षा, िार्ा और आय की हमारी रूसढ़िासदता
को खाररज करता है - िरें द्र म िी
❖ सडसजटल दु सनया में, ऐसी कई प्रौद्योसगसकयां हैं सजनसे हम जुड़े हुए हैं जो अनंत रुकािट पै दा करते हैं - सटम
फेररस
❖ इं टरनेट कल के िैसश्वक गां ि के सलए टाउन स्क्वायर बनता जा रहा है - सबल गेट्स
❖ मैं एक ऐसे सडसजटल िारत का सपना दे खता हं जहां ज्ञान ताकत है और लोगों को सशक्त बनाता है - िरें द्र
म िी

अंतरानष्ट्रीय संबंध, सििे श िीसत और कूटिीसत

❖ सिदे श नीसत लागत और लाि का मामला है , धमाशास्त्र का नहीं - फरीि जकाररया


❖ अंतराा ष्टरीय राजनीसत, सिी राजनीसत की तरह, सत्ता के सलए एक संघर्ा है - हें स जे. म गेंथाऊ
❖ सिश्व राजनीसत का एक बड़ा सहस्सा एक मौसलक संघर्ा है , लेसकन यह एक ऐसा संघर्ा िी है सजसे समझदारी से
लड़ा जाना चासहए - जसबग्न्यू िेसजंस्की
❖ अंतराा ष्टरीय शां सत िाताा के सलए मूल् दािे से असधक मूल् सृजन की आिश्यकता है - असमत रे
❖ दु सनया को एक साथ काम करना सीखना चासहए, अन्यथा अंततः यह सबल्कुल िी काम नहीं करे गा - ड् िाइट
आइजिहािर
❖ यसद संयुक्त राष्टर को जीसित रहना है , तो इसका प्रसतसनसधत्व करने िालों को इसे मजबूत करना होगा; जो लोग
इसकी िकालत करते हैं उन्ें इसके प्रसत समपाण करना होगा; और जो लोग इसमें सिश्वास करते हैं उन्ें इसके
सलए लड़ना होगा - िॉमनि कसजन्स
❖ हमारे प्रिासी, िारत और आससयान दे शों के बीच मजबूत संबंधों के सलए एक मंच प्रदान करते हैं - सुषमा
स्वराज
❖ िारत और अमेररका स्वािासिक सहयोगी हैं - अटल सबहारी िाजपेयी

आसथनक िृल्पद्ध और सिकास

❖ यसद प्रकृसत का संरक्षण गलत हो गया, तो और कुछ िी सही नहीं होगा - एम एस स्वामीिाथि
❖ जीडीपी संक्षेप में सब कुछ मापता है , ससिाय उस चीज़ के जो जीिन को साथाक बनाता है - रॉबटन एफ. कैिेडी
❖ मानि सिकास में सनिेश के सबना आसथाक सिकास अल्पस्थर और अनैसतक है - अमत्यन सेि
❖ प्रौद्योसगकी हमेशा दोधारी तलिार होती है । यह कई लाि लाएगा, लेसकन कई आपदाएाँ िी लाएगा - एलि मूर
❖ हम अपनी समस्याओं को उसी सोच से हल नहीं कर सकते सजसने उन्ें पैदा सकया है - अल्बटन आइं स्ट्ीि

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कृसष

❖ यसद कृसर् सिफल हो गई, तो बाकी सब चीजें सिफल हो जाएं गी - एम एस स्वामीिाथि, िारत में हररत िां सत
के जनक
❖ हर चीज इं तजार कर सकती है , लेसकन कृसर् नहीं - जिाहरलाल िेहरू (उन्ोंने यह बात 1942-43 के बंगाल
अकाल और 1947 में दे श में व्याप्त तीव्र िोजन की कमी के संदिा में कही थी।)
❖ कृसर् िारतीय अथाव्यिस्था की रीढ़ है - एम. के. गांधी
❖ हमें कृसर् में "सदाबहार िां सत" की आिश्यकता है - ए. पी. जे. अब्ु ल कलाम
पयानिरण, जलिायु पररितनि और शहरीकरण
❖ हमारे ग्रह को बचाना, लोगों को गरीबी से बाहर सनकालना, आसथाक सिकास को आगे बढ़ाना... ये एक ही लड़ाई
हैं - बाि की मूि
❖ हम जलिायु पररितान के दं श को महसूस करने िाली पहली पीढ़ी हैं , और हम आल्पखरी पीढ़ी हैं जो इसके बारे
में कुछ कर सकते हैं - जे इं सली
❖ जलिायु पररितान इस ग्रह पर मनुष्यों द्वारा सकया गया सबसे बड़ा काया है - सबल मैकसकबेि
❖ आज हम जो सिकि चुनेंगे िही हमारे सामूसहक िसिष्य को पररिासर्त करें गे। आइए हम सब समलकर
प्लाल्पटक प्रदू र्ण को हराएं और इस ग्रह को रहने के सलए एक बेहतर जगह बनाएं - िरें द्र म िी
❖ हमारे ग्रह के सलए सबसे बड़ा खतरा यह सिश्वास है सक कोई और इसे बचाएगा - रॉबटन स्वाि
❖ पृथ्वी हमारी नहीं है ; हम पृथ्वी के हैं - मूल अमेररकी कहाित
❖ अगर हम पयाा िरण की गुणित्ता में सुधार करना चाहते हैं तो आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका सिी को इसमें
शासमल करना है - ररचडन र जसन
❖ हमें पृथ्वी अपने पूिाजों से सिरासत में नहीं समली है ; हम इसे अपने बच्चों से उधार लेते हैं , इससलए हमें इसे और
बेहतर बनाने की जरूरत है ।

सिज्ञाि और प्रौद्य सगकी

❖ सिज्ञान जीिन जीने का एक तरीका है । सिज्ञान एक पररप्रेक्ष्य है - िायि ग्रीि


❖ अब हम यह पता लगा रहे हैं सक न केिल सिकास की बल्पल्क प्रौद्योसगकी की िी सीमाएाँ हैं और हम जनता की
सहमसत के सबना प्रौद्योसगकी को आगे बढ़ने की अनुमसत नहीं दे सकते - डे सिड आर. िाउिर
❖ सिी प्रौद्योसगकी में लोग सिोत्कृष्ट तत्व हैं ... एक बार जब हम सिी प्रौद्योसगकी के अपररहाया मानिीय संबंध को
पहचान लेते हैं तो सिश्वसनीयता की समस्या के प्रसत हमारा दृसष्टकोण मौसलक रूप से बदल जाता है - गैरेट
हासडन ि
❖ यह ियािह रूप से स्पष्ट हो गया है सक हमारी तकनीक हमारी मानिता से आगे सनकल गई है - अल्बटन
आइं स्ट्ीि
❖ धमा के सबना सिज्ञान लंगड़ा है , सिज्ञान के सबना धमा अंधा है - अल्बटन आइं स्ट्ीि
❖ यह धारणा सक सिज्ञान और आध्याल्पत्मकता सकसी तरह परस्पर अनन्य हैं , दोनों के सलए हासनकारक है - कालन
सागि
❖ इं टरनेट कल के िैसश्वक गां ि के सलए टाउन स्क्वायर बनता जा रहा है - सबल गेट्स
❖ हमारी तकनीक हमारी मानिता से िी आगे सनकल गई है - अल्बटन आइं स्ट्ीि
❖ मानिता सिी गलत कारणों के सलए सिी सही तकनीक प्राप्त कर रही है - आर. बकसमन्स्टर फुलर
❖ प्रौद्योसगकी एक उपयोगी सेिक लेसकन एक खतरनाक स्वामी है - सक्रसियि लूस लैंग

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सुरक्षा

❖ शां सत सहं सा के माध्यम से प्राप्त नहीं की जा सकती, इसे केिल समझ के माध्यम से प्राप्त सकया जा सकता है -
आर.डब्ल्यू एमसनि
❖ जो राष्टर अपनी सीमाओं को सनयंसत्रत नहीं कर सकता, िह राष्टर नहीं है - र िाल्ड रीगि

आतंकिाि

❖ आतंकिाद एक खूबसूरत बगीचे में नकली सिकास की तरह है , अगर इसे काट सदया जाए तो यह सफर से उग
आएगा, इससलए इसे गहराई से उखाड़ने की जरूरत है ।
❖ सहं सा में कोई जीिन नहीं है । सहं सा का प्रत्येक काया हमें मृत्यु और सिनाश के करीब लाता है - बेल हुक्स

स शल मीसडया और समाज

❖ लोग िेड़ हैं . टीिी चरिाहा है - जेस सी स्कॉट


❖ मास मीसडया जो पेश करता है िह लोकसप्रय कला नहीं है , बल्पल्क मनोरं जन है सजसका उद्दे श्य िोजन की तरह
उपिोग करना, िूल जाना और एक नए व्यंजन से प्रसतस्थासपत करना है - डब्ल्यू.एच ऑडे ि
❖ हमारे पास सजतना असधक सोशल मीसडया है , उतना ही असधक हम सोचते हैं सक हम जुड़ रहे हैं , सफर िी हम
िास्ति में एक-दू सरे से अलग हो रहे हैं - जे.के. राउसलंग
❖ सोशल मीसडया सामासजक बाधाओं को कम कर रहा है । यह लोगों को पहचान के आधार पर नहीं, बल्पल्क
मानिीय मूल्ों के आधार पर जोड़ता है - िरें द्र म िी
❖ सोशल मीसडया के बहुत सारे फायदे और नुकसान हैं ; यह ससफा इस बात पर सनिार करता है सक आप इसे
कैसे संिालना चाहते हैं और आपको नकारात्मकताओं के सलए िी कैसे तैयार रहना है - ऑिे पीपल्स
❖ सोशल मीसडया एकतरफा प्रसारण नहीं है ; यह संिाद के सलए एक बहुस्तरीय अिसर है - क्लारा सशह

गांधी का तािीज / सशक्षा

"मैं तुम्हें एक ताबीज दू ं गा। जब िी तुम्हें संदेह हो, या जब अहं कार तुम पर हािी हो जाए, तो सनम्नसलल्पखत परीक्षण करो।
सबसे गरीब और कमजोर आदमी [मसहला] का चेहरा याद करो सजसे तुमने दे खा हो, और स्वयं से पूछो, यसद आप सजस
कदम पर सिचार कर रहे हैं िह उसके सलए सकसी काम का होने िाला है । क्या उसे इससे कुछ हाससल होगा? क्या यह
उसके अपने जीिन और िाग्य पर सनयंत्रण बहाल करे गा? दू सरे शब्दों में, क्या इससे िूखे और आध्याल्पत्मक रूप से िूखे
लाखों लोगों को स्वराज समलेगा?
“तब तुम पाओगे सक तुम्हारा संिेह िू र ह गया है ।"
महात्मा गांधी के अिुसार सात पाप
❖ काम के सबना धन,
❖ सििेक के सबना सुख,
❖ चररत्र के सबना ज्ञान,
❖ नैसतकता के सबना िासणज्,
❖ मानिता के सबना सिज्ञान,
❖ त्याग रसहत धमा,
❖ ससद्धां त सिहीन राजनीसत,

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सशक्षा और मूल्य

❖ सच्ची सशक्षा को आसपास की पररल्पस्थसतयों के अनुरूप होना चासहए अन्यथा यह स्वस्थ सिकास नहीं है - महात्मा
गांधी
❖ मूल्ों के सबना सशक्षा, चाहे िह सकतनी िी उपयोगी क्यों न हो, मनुष्य को असधक चतुर शैतान बनाती प्रतीत
होती है - सी. एस. लुईस
❖ ज्ञान शल्पक्त है . जानकारी मुल्पक्तदायक है . सशक्षा हर समाज, हर पररिार में प्रगसत का आधार है - क फ़ी अन्नाि
❖ सशक्षा सबसे अच्छी समत्र है । सशसक्षत व्यल्पक्त का हर जगह सम्मान होता है । सशक्षा सुंदरता और यौिन को मात
दे ती है -चाणक्य
❖ सकसी सिचार को स्वीकार सकए सबना उस पर सिचार करने में सक्षम होना एक सशसक्षत सदमाग की पहचान है –
अरस्तू
❖ िास्तसिक सशक्षा मनुष्य की गररमा को बढ़ाती है और उसके आत्म-सम्मान को बढ़ाती है - ए.पी.जे.अब्ु ल
कलाम
❖ सकसी व्यल्पक्त को नैसतकता के सबना सदमाग में सशसक्षत करना समाज के सलए खतरा पैदा करना है - सथय ड र
रूजिेल्ट
❖ आपके अपने मन की पसित्रता के अलािा कुछ िी पसित्र नहीं है - राल्फ िाल्ड एमसनि

ल कतंत्र

❖ मैं लोकतंत्र को एक ऐसी चीज़ के रूप में समझता हं जो कमजोरों को िी ताकतिरों के समान अिसर दे ता है -
महात्मा गांधी
❖ राजनीसतक लोकतंत्र तब तक सटक नहीं सकता जब तक इसके आधार पर सामासजक लोकतंत्र न हो - बी.आर.
अम्बेडकर
❖ लोकतंत्र इस धारणा से उत्पन्न होता है सक जो लोग सकसी िी मामले में समान हैं िे सिी मामलों में समान हैं ;
क्योंसक मनुष्य समान रूप से स्वतंत्र हैं , िे सबल्कुल समान होने का दािा करते हैं – अरस्तू
❖ लोकतंत्र ससफा िोट दे ने का सिाल नहीं है । इसमें समाज में, जीिन में, शासमल सिचार-सिमशा में िाग लेने के
सलए प्रत्येक नागररक की संिािना और क्षमता को मजबूत करना शासमल है - फिाांड काडोस
❖ लोकतंत्र बहुमत का कानून नहीं बल्पल्क अिसंख्यकों की सुरक्षा है - अल्बटन कैमस
❖ आप जो कहना चाहते हैं मैं उससे सहमत नहीं हं , लेसकन मैं इसे कहने के आपके असधकार की मरते दम तक
रक्षा करू
ं गा - ि ल्टे यर
❖ िारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत यह है सक हमने हमेशा दे श को राजनीसत से आगे रखा है - अटल
सबहारी बाजपेयी
❖ मतपत्र गोली से असधक शल्पक्तशाली होती है - अिाहम सलंकि
❖ सकसी कुलीनतंत्र में राजकुमार का अत्याचार लोक कल्ाण के सलए उतना खतरनाक नहीं है सजतना सक
लोकतंत्र में एक नागररक की उदासीनता। - म ट
ं े स्क्यू
❖ लोकतंत्र का अनुिि स्वयं जीिन के अनुिि की तरह है - हमेशा बदलता रहता है , अपनी सिसिधता में अनंत,
किी-किी अशां त और प्रसतकूल पररल्पस्थसतयों में परीक्षण सकए जाने के कारण और िी असधक मूल्िान। -
सजमी काटन र
❖ लोकतंत्र सरकार के एक स्वरूप से कहीं असधक है ; यह मु ख्य रूप से संबद्ध जीिन, संयुक्त संप्रेसर्त अनुिि
का एक तरीका है । -जॉि डूई

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ब लिे की आजािी और स्वतंत्रता

❖ लोग सिचार की स्वतंत्रता के मुआिजे के रूप में असिव्यल्पक्त की स्वतंत्रता की मां ग करते हैं सजसका िे शायद ही
किी उपयोग करते हैं । -स रे ि कीकेगाडन
❖ जो लोग थोड़ी सी अस्थायी सुरक्षा प्राप्त करने के सलए आिश्यक स्वतंत्रता छोड़ सकते हैं िे न तो स्वतंत्रता और
न ही सुरक्षा के पात्र हैं । - बेंजासमि फ्रैंकसलि
❖ यसद स्वतंत्रता का कोई मतलब है , तो इसका मतलब लोगों को िह बताने का असधकार है जो िे सुनना नहीं
चाहते हैं । - जॉजन ऑरिेल
❖ स्वतंत्रता का अथा है सजम्मेदारी। इसीसलए असधकां श पुरुर् इससे डरते हैं । - जॉजन बी शॉ
❖ जब सरकारें लोगों से डरती हैं , तो स्वतंत्रता होती है । जब लोग सरकार से डरते हैं , तब िहां अत्याचार है । -
थॉमस जेफरसि
❖ स्वतंत्रता के सबना जीिन आत्मा के सबना शरीर के समान है । - खलील सजिाि

भौसतकिाि और उपभ क्तािाि

❖ पूरी तरह से जीने के सलए, हमें चीजों का उपयोग करना चासहए और लोगों से प्यार करना चासहए, न सक चीजों से
प्यार करना और लोगों का उपयोग करना चासहए - पॉिेल जॉि
❖ दु सनया के पास हर सकसी की जरूरतों के सलए पयाा प्त है लेसकन हर सकसी के लालच के सलए पयाा प्त नहीं -
महात्मा गांधी
❖ यसद हर कोई दू सरे टे लीसिजन सेट के बजाय शां सत की मांग करे , तो शां सत होगी – जॉि लेिि

असमािता

❖ मेरा मानना है सक दु सनया में िस्तुतः सिी समस्याएं सकसी न सकसी प्रकार की असमानता से आती हैं । -अमत्यन
सेि
❖ समृल्पद्ध के और असधक संिधान की अपेक्षा अिािों में कमी से प्रगसत का आकलन असधक प्रशंसनीय रूप से
सकया जाता है । -अमत्यन सेि
❖ कोई राष्टर नैसतक या आसथाक रूप से तब जीसित नहीं रह पाएगा जब बहुत कम लोगों के पास बहुत कुछ हो
और बहुतों के पास बहुत कम हो। - बिी सैंडसन
❖ जब तक िीर्ण गरीबी, सामासजक अन्याय, असमानता, उत्पीड़न और पयाा िरणीय सगरािट है , और जब तक
कमजोर और छोटे लोगों को शल्पक्तशाली लोगों द्वारा कुचला जाता रहे गा, तब तक कोई शां सत नहीं हो सकती। -
िलाई लामा
❖ हमारी प्रगसत की कसौटी यह नहीं है सक हम उन लोगों की प्रचुरता में और िृल्पद्ध करते हैं सजनके पास बहुत
कुछ है , बल्पल्क यह है सक क्या हम उन लोगों के सलए पयाा प्त प्रदान करते हैं सजनके पास बहुत कम है । -
फ्रैंकसलि डी. रूजिेल्ट
❖ जब तक हमारी दु सनया में गरीबी, अन्याय और घोर असमानता बनी रहे गी, हममें से कोई िी िास्ति में आराम
नहीं कर सकता। - िेल्सि मंडेला
❖ असमानता का सबसे खराब रूप असमान चीजों को समान बनाने का प्रयास करना है । - अरस्तू

सच/ सत्यता

❖ यसद आप सच बोलते हैं , तो आपको कुछ िी याद रखने की ज़रूरत नहीं है - माकन ट्वे ि
❖ सत्य सनसिािाद है . द्वे र् इस पर हमला कर सकता है , अज्ञानता इसका उपहास कर सकती है , लेसकन अंत में,
िहााँ है - सिंस्ट्ि चसचनल

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❖ यसद केिल एक सत्य होता, तो आप एक ही सिर्य पर सौ कैनिास नहीं बना सकते - पाब्ल सपकास
❖ एक हासनकारक सत्य उपयोगी झूठ से बेहतर है । - थॉमस माि
❖ जो सही है उसे करने के सलए जानें सक क्या सच है । - थॉमस हक्सले

अंतरात्मा की आिाज

❖ सििेक मनुष्य का सदशा सूचक यंत्र है । - सिंसेंट िाि गाग


❖ किी िी अंतरात्मा के सिरुद्ध कुछ िी न करें , िले ही राज् इसकी मां ग करे । - अल्बटन आइं स्ट्ीि
❖ कोई िी गिाह इतना ियानक नहीं है और कोई िी आरोप लगाने िाला इतना शल्पक्तशाली नहीं है सजतना सक
हमारे िीतर रहने िाला सििेक। – स फ कल्स
अखंडता / सत्य सिष्ठा
❖ ज्ञान के सबना सत्यसनष्ठा कमजोर और बेकार है , और सत्यसनष्ठा के सबना ज्ञान खतरनाक और ियानक है । -
सैमुअल जॉिसि
❖ िास्तसिक सत्यसनष्ठा सही काम करना है , यह जानते हुए सक सकसी को पता नहीं चलेगा सक आपने ऐसा सकया
या नहीं। - ओपराह सिन्फ्री
❖ सत्यसनष्ठा के साथ संयुक्त साहस ही चररत्र की नींि है । -िायि टर े सी

बुल्पद्ध / ज्ञाि

❖ अनुशासन लक्ष्यों और उपलल्पब्धयों के बीच का सेतु है - सजम र हि


❖ हजारों मील की यात्रा एक कदम से शुरू होती है - लाओ त्जु
❖ ज्ञान सीखने के तीन तरीके:
1. सचंतन से, जो श्रेष्ठतम है
2. नकल करके, जो सबसे आसान है ;
3. अनुिि से, जो सबसे कड़िा है।

युद्ध और शांसत

❖ जब कूटनीसत समाप्त होती है , तो युद्ध शुरू होता है - एडॉल्फ सहटलर


❖ दे शों को उनके संघर्ों से ऊपर उठाकर एक साथ लाने के सलए महान सदमाग और महान हृदय की आिश्यकता
है - असमत रे
❖ शां सत के बारे में बात करना पयाा प्त नहीं है । इस पर सिश्वास करना चासहए और इस पर सिश्वास करना पयाा प्त
नहीं है । इस पर अिश्य काम करना चासहए - एलेि र रूजिेल्ट
❖ सिी युद्ध कूटनीसत की सिफलता का प्रसतसनसधत्व करते हैं - ट िी बेि
❖ मानि जासत को युद्ध का अंत करना होगा, अन्यथा युद्ध मानि जासत का अंत कर दे गा - जॉि एफ कैिेडी
❖ युद्ध की सिोच्च कला शत्रु को सबना लड़े ही िश में करना है - सुि त्जु
❖ मुझे नहीं पता सक तीसरा सिश्व युद्ध सकन हसथयारों से लड़ा जाएगा, लेसकन चौथा सिश्व युद्ध लासठयों और पत्थरों से
लड़ा जाएगा - अल्बटन आइं स्ट्ीि
❖ जब प्रेम की शल्पक्त, शल्पक्त से प्रेम पर सिजय प्राप्त कर लेगी, तो दु सनया को शां सत का पता चल जाएगा –
सिसलयम ग्लैडस्ट् ि
❖ शां सत और न्याय एक ही ससक्के के दो पहलू हैं – आइजिहािर

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❖ प्रत्येक बंदूक जो बनाई जाती है , प्रत्येक युद्धपोत जो लॉन्च सकया जाता है , प्रत्येक रॉकेट जो दागा जाता है ,
अंसतम अथा में, उन लोगों से चोरी है जो िूखे हैं और सजन्ें ल्पखलाया नहीं जाता है , जो ठं डे हैं और सजनके पास
कपड़े नहीं हैं – आइजिहािर
❖ युद्ध सकसी िी समस्या का स्थायी समाधान नहीं है - एपीजे अब्ु ल कलाम

शांसत और ससहष्णुता

❖ सजस सदन प्रेम की शल्पक्त, शल्पक्त से प्रेम पर हािी हो जाएगी, दु सनया को शां सत का पता चल जाएगा। - महात्मा
गांधी
❖ िोध और अससहष्णुता सही समझ के जुड़िां दु श्मन हैं । - महात्मा गांधी
❖ सहनशीलता के अभ्यास में, सकसी का शत्रु ही सबसे अच्छा सशक्षक होता है । - िलाई लामा
❖ सशक्षा का सिोच्च पररणाम सहनशीलता है । - हे लेि केलर
❖ ससदयों से, लोगों का इसतहास आपसी ससहष्णुता का एक सबक मात्र है । - एसमल ज ला
❖ हमें िाइयों की तरह एक साथ रहना या मूखों की तरह एक साथ नष्ट होना सीखना चासहए। - मासटन ि लूथर
सकंग जूसियर।
❖ यसद सभ्यता को जीसित रहना है , तो हमें मानिीय ररश्ों के सिज्ञान को सिकससत करना होगा - सिी प्रकार के
लोगों की एक साथ, एक ही दु सनया में शां सत से रहने की क्षमता। - फ्रैंकसलि रूजिेल्ट

राष्ट्रिाि

❖ राष्टरिाद एक उपकरण है सजसका उपयोग नेता अपने असधकार को बढ़ाने के सलए तेजी से कर रहे हैं , खासकर
कसठन आसथाक और राजनीसतक पररल्पस्थसतयों के बीच - ररचडन एि. हास
❖ एक अच्छे राष्टरिाद को संघर्ारत समानता के समथकों पर, आम लोगों के ससद्धां त पर सनिार रहना होगा - एं डर यू
ओ'हागि

प्रशासि

❖ यसद नैसतकता शीर्ा पर खराब है , तो व्यिहार की नकल संगठन में की जाती है - रॉबटन िॉयस
❖ धमा सुशासन की नींि है – बुद्ध
❖ पारदसशाता की कमी के पररणामस्वरूप असिश्वास और असुरक्षा की गहरी िािना पैदा होती है - िलाई लामा
❖ नैसतकता से दू र, नेतृत्व प्रबंधन तक सीसमत रह गया है और राजनीसत मात्र तकनीक तक - जेम्स मैक्ग्ग्रेग रबन्सन
❖ खराब कानूनों और अच्छे सससिल सेिकों के साथ शासन करना अिी िी संिि है। लेसकन बुरे सससिल सेिकों के
साथ, सबसे अच्छे कानून िी मदद नहीं कर सकते - ओट िॉि सबिाकन

शल्पक्त

❖ लगिग सिी मनुष्य सिपरीत पररल्पस्थसतयों का सामना कर सकते हैं , लेसकन यसद आप सकसी व्यल्पक्त के चररत्र का
परीक्षण करना चाहते हैं , तो उसे शल्पक्त दें ।
❖ जब पूरी दु सनया खामोश हो तो एक आिाज िी ताकतिर हो जाती है - मलाला यूसुफजई

भ्रष्ट्ाचार

❖ भ्रष्टाचार सिकास का सच्चा दु श्मन है - त्सल्पखयासगि एल्बेगि जन


❖ सजस कैंसर पर हमारा तत्काल ध्यान चासहए िह है भ्रष्टाचार और गरीबी- समररयम सडफेंसर-सैंसटयाग

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सतत सिकास लक्ष्य (एसडीजी)

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