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Practice-Worksheet-2 GRADE-9
Practice-Worksheet-2 GRADE-9
प्राकृ तिक सुं दरता हमारे प्रकृ ति का एक अनमोल आभूषण है। यह सबसे सुं दर और चमकीली
तस्वीरों का सं ग्रह है, जिसे हम स्वयं को विश्राम और पुनर्जीवन के लिए समर्पित कर सकते हैं। यह
हमें आनं द, शांति और प्राकृ तिक सादगी की अनुभूति कराती है। प्रकृ ति में हर प्राणी, पौधा,
वनस्पति और तत्व अपनी अद्भुतता के कारण उन्नति का स्त्रोत बन जाते हैं। प्रकृ ति की सुं दरता न
के वल उसकी रं गीनता में है, बल्कि इसकी आदर्श स्थिति, सफाई, शांति और प्रकृ ति के साथी
प्राणियों की विविधता में भी है। वन्य जीवों की छवि और वनस्पतियों की सुं दरता हमें एक दूसरे के
साथ सं तुष्टि और समरसता का अनुभव कराती है। पहाड़ों की ऊँ चाई, नदियों की धारा, सागरों की
लहरें और आकाश में छाया हुआ सूर्य हमें आनं द और आत्मरं जन प्रदान करते हैं। प्रकृ ति की
सुं दरता मनोहारी होने के साथ-साथ मन को भी शांति और स्वस्थ रखने की शक्ति प्रदान करती है।
प्रकृ ति हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अं ग है और हमारी अस्तित्व की सूत्रधार है। प्रकृ ति का महत्व न
के वल हमारे शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए है, बल्कि यह हमारे पूर्ण विकास और प्रगति
के लिए अत्यं त आवश्यक है। प्रकृ ति हमें नयी ऊर्जा और जीवन की शक्ति प्रदान करती है और
हमारे चित्त को शांति और स्थिरता से भर देती है। प्रकृ ति हमें शुद्ध वातावरण देती है जिससे हमारा
स्वास्थ्य अच्छा रहता है और रोगों का सं कट कम होता है। वनों और पर्यावरण की सुरक्षा हमें ताजगी
और प्राकृ तिक सं तुलन की अनुभूति कराती है। पेड़-पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो
ऑक्सीजन को उत्पन्न करते हैं और वायुमं डल को शुद्ध करते हैं। प्रकृ ति हमें जीवन की मूलभूत
आवश्यकताओं की प्रदान करती है जैसे कि खाद्य, जल, और ऊर्जा। प्रकृ ति का महत्व धार्मिक और
(2. प्राकृ तिक सुं दरता हमें कौन-कौन सी भावनाओं का अनुभव कराती है?
(a) आनं द, शांति और प्राकृ तिक सादगी
(b) शक्ति, खुशी और अद्भुतता
(c) प्रेम, समरसता और सत्य
(d) आदर्श स्थिति, सफाई और शांति
(a)-अपनी पत्नी से
(b)-अतिथि से
(c)-महँ गाई से
(d)-गर्मी से
(a)-दो
(b)-चार
(c)-चार
(d)-तीन
(b) अं तरिक्ष यात्री लाखों मील का सफर करके भी इतने दिन अं तरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके
7-‘तुम कब जाओगे अतिथि’ पाठ में लेखक ने कै से लोगों पर व्यं ग्य किया है?
(a) राजनेताओं पर
TOPIC- स्मृति
1-लेखक कु एँ से चिट्ठी निकालने का काम टाल सकता था, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया। ‘स्मृति’ कहानी से
उसके चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?
2-‘स्मृति’ पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है? अपने विचार
प्रकट कीजिए।
3-कभी-कभी दृढ़ सं कल्प के साथ तैयार की गई योजना भी प्रभावी नहीं हो पाती है। कु एँ से चिट्ठी निकालने
के लिए लेखक द्वारा बनाई गई पूर्व-योजना क्यों सफल नहीं हुई? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर बताइए।
4. ‘स्मृति’ कहानी बाल मनोविज्ञान को किस प्रकार प्रकट करती है? बच्चों के स्वभाव उनके विचारों के
विषय में हमें इससे क्या जानकारी मिलती है?
5. लेखक ने भय, निराशा और उद्वेग के मन में आने तथा माँ की गोद याद आने का वर्णन किस प्रसं ग में
किया है? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
TOPIC- सं धि
(a) सं धि
(b) समास
(c) उपसर्ग
(d) प्रत्यय
(a) गुण सं धि
(b) दीर्घ सं धि
(c) व्यं जन सं धि
(d) यण सं धि
4 – कपीश में प्रयुक्त सं धि का नाम है –
(a) वृद्धि सं धि
(b) दीर्घ सं धि
(c) यण सं धि
(d) विसर्ग सं धि
(a) व्यं जन सं धि
(b) स्वर सं धि
(c) विसर्ग सं धि
(a) सं योग
(b) मनोहर
(c) नमस्कार
(d) पवन
(a) सदैव
(b) जलौघ
(c) गुरूपदेश
(d) परमौदार्य
(a) महर्षि
(b) देवेन्द्र
(c) सूर्योदय
(d) दैत्यारि
(a) यण सं धि
(b) गुण सं धि
(c) अयादि सं धि
(d) वृद्धि सं धि
TOPIC-उपसर्ग -प्रत्यय
(a) प
(b) प्रा
(c) प्रति
(d) प्र
(a) निस्/निः
(b) नि
(c) निर्
(d) न्र
(a) उ
(b) अप्स
(c) उप
(d) उपस्
(a) अ
(b) अव
(c) आ
(d) अव्ल्
(a) व्
(b) विय
(c) वि
(d) वयद
नि नीचे, अभाव
उप समीप
प्रति विरुद्ध
सु अच्छा
आ तक, भर
TOPIC-प्रत्यय
प्रश्न - निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए
1- ‘पुराण’ शब्द में ‘इक’ प्रत्यय लगाने पर कौनसा शब्द बनता है?
(a) पुराणिक
(b) पूराणिक
(c) पौरणिक
(d) पौराणिक
(a)नी
(b)धानी
(c)ई
(d)आनी
4-'रसोइया' शब्द में कौन सा प्रत्यय है?
(a) या
(b) आ
(c) रस
(d) इया
(a) सागर
(b) नगर
(c) अगर-मगर
(d) जादूगर