Professional Documents
Culture Documents
vadicjagat.co.in/
िवधः- हनुमान जी का पूजन कर िन य १०८ बार जप कर । २१ िदन जप िकया जाए । २१व िदन हनुमान् जी को ■स दरू ,
लंगोट, सवा सेर का रोट, ना रयल अ पत करे ।
लाभः- इस िव ा से अभम त न बू जहाँ लटका िदया जाएगा, वहाँ िकसी भी कार का अभचार, भूत- ेतािद नह ठहर
सकते । दकू ान म लटकाने से ध धा अ छा चलेगा । भूत- ेत लगे यि को ३, ५ या ७ बार अभम त जल छड़कने से
यि के नाम से म पढ़कर लवंग अभम त कर उसे खला द, तो उसक िव ा न हो जाती है ।
1/1