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बजरंग क कची ( योग क काट)


म ः-
“फजले िब म ा रहमान, अटल खुरजी तेज खुरान । घड़ी-घड़ी म िनकलै बान । लालो लाल कमान, राखवाले क जबान
। खाक माता खाक िपता । ि लोक क िमसैली । राजा – जा पड़ै मोिहनी । जल देख,ै थल कतरै । राजा इ क
आसन कतरै । तलवार क धार कतरै । आकाश पाताल, वायु – म डल को कतरै । ततीस कोिट देवी- देवताओं को कतरै
। ￱शव – शंकर को कतरै । भीमसेन क गदा कतरै । अजुन को बाण कतरै । कृ ण को सुदशन कतरै । सोला हंसा को
कतरै । पेट म के बावरे को कतरै । दौलतपुर के डोमा को कतरै । ा ण के हम-रा स को कतरै । धोबी के ■जन को
कतरै । भंगी के ■जन को कतरै । रमाने के ■जन को कतरै । मसान के ■जन को कतरै । मेरे नर↓सह से कतरै । गु के
मर↓सह से कतरै । बौलातन चुड़ल ै को कतरै । जहाँ खुरी नौ ख ड, बारह बंगाले क िव ा जा पहुँचे । अ नी के पूत
हनुमान ! तोहे एक लाख अ सी हजार पीर-पैग बर क दहु ाई, दहु ाई, दहु ाई ।”

िव￸धः- हनुमान जी का पूजन कर िन य १०८ बार जप कर । २१ िदन जप िकया जाए । २१व िदन हनुमान् जी को ■स दरू ,
लंगोट, सवा सेर का रोट, ना रयल अ पत करे ।
लाभः- इस िव ा से अ￱भम त न बू जहाँ लटका िदया जाएगा, वहाँ िकसी भी कार का अ￱भचार, भूत- ेतािद नह ठहर
सकते । दकू ान म लटकाने से ध धा अ छा चलेगा । भूत- ेत लगे यि को ३, ५ या ७ बार अ￱भम त जल ￱छड़कने से
यि के नाम से म पढ़कर लवंग अ￱भम त कर उसे खला द, तो उसक िव ा न हो जाती है ।

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