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स्नान करने के पश्चात अपने पास समस्त सामग्री रख लें फिर आसन पर बैठकर तीन बार

निम्न मंत्र बोलकर आचमन करें ।

ॐ केशवाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
ॐ माधवाय नम:

आचमन के पश्चात हाथ में जल लेकर  'ॐ ऋषिकेशाय नम: बोलकर हाथ धो लें।

हाथ धोने के बाद पवित्री धारण करें , पवित्री के बाद बाएं हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से
अपने ऊपर और पज
ू न सामग्री पर छिड़क ले।

ॐ पण्
ु डरीकाक्ष पन
ु ात,ु ॐ पण्
ु डरीकाक्ष पन
ु ात,ु ॐ पण् ु ात ु बोलकर आवाहन करें ।
ु डरीकाक्ष पन

ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!

फिर कामना-विशेष का नाम लेकर संकल्प ले लें, अर्थात दाहिने हाथ में जल, सप
ु ारी, सिक्का,
फूल एवं चावल लेकर जिस निमित्त पज
ू न कर रहे है उसका मन में उच्चारण करके थाली या
गणेश जी के सामने छोड़ दें ।

अब हाथ में चावल लेकर गणेश अम्बिका का ध्यान करें ।

ॐ भूर्भुव:स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,


गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!

ॐ भूर्भुव:स्व:गौर्ये नम:,गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!

आसन के लिए चावल चढ़ाएं,

ॐ गणेश-अम्बिके नम:आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि!

फिर स्नान के लिए जल चढ़ाएं,


ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:स्नानार्थ जलं समर्पयामि!
फिर दध ू चढ़ाएं
ॐ भर्भु
ू व:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पय:स्नानं समर्पयामि!

फिर दही चढ़ाएं

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दधिस्नानं समर्पयामि!

फिर घी चढ़ाएं

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,घत
ृ स्नानं समर्पयामि!

फिर शहद चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,मधुस्नानं समर्पयामि।

फिर शक्कर चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,शर्क रास्नानं समर्पयामि।

फिर पंचामत
ृ चढ़ाएं। (दध
ू , दही, शहद, शक्कर एवं घी को मिलाकर)

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पंचामत
ृ स्नानं समर्पयामि!

फिर चंदन घोलकर चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,गंधोदकस्नानं समर्पयामि!


फिर शुद्ध जल डालकर शुद्ध करें ।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,शुध्दोदकस्नानं समर्पयामि!

फिर उनको आसन पर विराजमान करें ।


फिर वस्त्र चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,वस्त्रं समर्पयामि!

फिर आचमनी जल छोड़ दें ,

उसके बाद उपवस्त्र (मौली) चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, उपवस्त्रं समर्पयामि!


फिर आचमनी जल छोड़ दे ,

फिर गणेश जी को यज्ञोपवित (जनेऊ) चढ़ाएं!

ॐ भर्भु
ू व:स्व:गणेशाभ्यां नम:यज्ञोपवितं समर्पयामि!

फिर आचमनी जल छोड़ दें ।

फिर चन्दन लगाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,चंदनानुलेपनं समर्पयामि!

फिर चावल चढ़ाएं।

ॐ भर्भु
ू व:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,अक्षतान समर्पयामि!
फिर फूल-फूलमाला चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पुष्पमालां समर्पयामि!

फिर दर्वा
ू चढ़ाएं।

ॐ भर्भु
ू व:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दर्वा
ु करान समर्पयामि।

फिर सिन्दरू चढ़ाएं!


ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सिन्दरू ं समर्पयामि!

फिर अबीर, गुलाल, हल्दी आदि चढ़ाएं।

ॐ भर्भु
ू व:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नानापरिमलद्रव्याणि समर्पयामि!
फिर सुगंधित (इत्र) चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सुंगधिद्रव्यं समर्पयामि!

फिर धप
ू -दीप दिखाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,धूप-दीपं दर्शयामि!

फिर ऋषि केशाय नम: बोलकर हाथ धोकर नैवेद्य लगाए।

ॐ प्राणाय स्वाहा! ॐ अपानाय स्वाहा! ॐ समानाय स्वाहा!

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नैवेद्यं निवेदयामि!

फिर ऋतुफल चढ़ाएं।

ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,ऋतुफलानि समर्पयामि!

फिर लौंग-इलायची, सप
ु ारी अर्पित करें ।

फिर दक्षिणा चढ़ाकर भगवान गणेश जी की आरती करें ।

फिर परिक्रमा करें ! तत्पश्चात भगवान गणेश-अम्बिका से प्रार्थना करें !

फिर दाहिने हाथ में जल लेकर पथ्


ृ वी पर छोड़ दें ।

यह बोलकर अन्य पूज्य गणेशाम्बिके प्रीयेताम न मम!

इस प्रकार श्री गणेश जी की पज


ू न कर अपने संपर्ण
ू मनोरथ पर्ण
ू करें ।

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