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मंदिर भारतीय सनातन परं परा और हिंद ू चेतना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है । मंदिर के माध्यम से भारतीय

संस्कृति पीढ़ी दर पीढ़ी समाज में सभ्यता का प्रचार कर रही है । लेकिन भारत भूमि में मुस्लिम आक्रांता
के आक्रमण के बाद से ही ना सिर्फ उन्होंने यहां की धन संपदा को लूटने का कार्य किया बल्कि भारतीय
सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना के केंद्र मंदिरों को भी विध्वंस किया।

सातवीं शताब्दी से लेकर वर्तमान काल तक लगातार इस्लामिक आक्रमणकारियों द्वारा हिंद ू दे व स्थलों
को नक
ु सान पहुंचाया गया। आज इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि आखिर किन महत्वपर्ण
ू मंदिरों को
मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा ध्वस्त किया गया।

राम जन्मभूमि - श्री राम लला की जन्मभूमि 492 वर्षों से अपने मंदिर के लिए प्रतीक्षा में थी। बाबर के
सिपहसालार ने रामलला की जन्मभूमि पर स्थित मंदिर को तोड़कर यहां बाबर जैसे आक्रांता के नाम पर
मस्जिद खड़ी की थी। इस मस्जिद को बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था।

काशी विश्वनाथ - हिंद ू चेतना के केंद्र और विश्व के सबसे प्राचीन नगरी के रूप में मान्य वाराणसी में
स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर को भी मुगल आक्रांता औरं गजेब ने ध्वस्त किया था। आज भी यहां
ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है जोकि मंदिर प्रांगण का हिस्सा है ।

काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का सिलसिला काफी लंबा रहा है । इस मंदिर को 1194 में
मोहम्मद गोरी ने लूटने के बाद तुड़वा दिया था जिसके बाद इसका पुनः जीर्णोद्धार किया गया। इसके बाद
संत 1447 में जौनपुर के सुल्तान आक्रमणकारी महमूद शाह द्वारा इसे दोबारा तोड़ दिया गया।

सन 1632 में पन
ु र्निर्मित हो चुके इस मंदिर को दोबारा तोड़ने के लिए शाहजहां ने आदे श पारित किया।
हिंदओ
ु ं के प्रबल विरोध के कारण इस मंदिर को तोड़ा नहीं जा सका लेकिन काशी के अन्य 63 मंदिर तोड़
दिए गए।

इसके बाद औरं गजेब ने इस मंदिर को तोड़कर यहां ज्ञानवापी मस्जिद बनवाया।
श्री कृष्ण जन्मभूमि - संपर्ण
ू विश्व जानता है कि मथरु ा में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ। ऐतिहासिक
मान्यताओं और सनातन आस्थाओं के अनुसार मथुरा हिंदओ
ु ं के लिए पवित्र नगरी है । यहां भी श्री कृष्ण
जन्मस ्

थली का विध्वंस कर औरं गजेब ने शाही ईदगाह मस्जिद बनाई हुई है ।

रुद्र महालय - गुजरात के पाटन क्षेत्र में प्राचीन सरस्वती नदी के तट पर स्थित रूद्र महालय का मंदिर
स्थित रहा है । लेकिन मुस्लिम आक्रांता होने इस के पश्चिमी हिस्से को तोड़कर जामी मस्जिद में बदल
दिया है ।

भोजशाला - भोजशाला मां सरस्वती का एक प्राचीन मंदिर है । इस मंदिर को 10 वीं शताब्दी में राजा भोज
द्वारा निर्माण करवाया गया था। यह स्थान शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। लेकिन मुस्लिम
आक्रांताओं द्वारा यहाँ भी दरगाह की आड़ में मंदिर को ध्वस्त करने की योजना बनाई गई।

मार्तंड सूर्य मंदिर - कश्मीर घाटी में बीते कई शताब्दियों से मुस्लिम आक्रमणकारियों और उनका अनुसरण
करने वाले लोगों का शासन रहा है । इस क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में मंदिरों को तोड़ा गया है । इनमें से
सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है मार्तंड सूर्य मंदिर। इस मंदिर का निर्माण राजा ललित आदित्य ने आठवीं
शताब्दी में करवाया था।

मुस्लिम आक्रांता सिकंदर बुतशिकन ने मंदिर को जुड़वा दिया था। कश्मीरी पंडितों का नरसंहार करने के
बाद उसने मंदिरों को नष्ट किया।

मोढे रा सूर्य मंदिर - सिर्फ मार्तंड सूर्य मंदिर ही नहीं बल्कि गुजरात के पाटन क्षेत्र में स्थित मोढे रा सूर्य
मंदिर को भी मस्लि
ु म आक्रमणकारियों ने नक
ु सान पहुंचाया और यहां की मर्ति
ू यां खंडित की। 11 वीं
शताब्दी में बने इस मंदिर को अलाउद्दीन खिलजी ने पूरी तरह नष्ट करने की योजना से इस पर
आक्रमण किया था।
सोमनाथ मंदिर - गज
ु रात में स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में सर्वप्रथम सोमनाथ मंदिर में 17 बार इस्लामिक
आक्रमणकारियों ने हमला किया और इसे नष्ट किया। इस मंदिर का उल्लेख महाभारत, श्रीमद्भागवत
पुराण तथा स्कंद पुराण में काफी विस्तार से आता है । मंदिर के वर्तमान स्वरूप को भारत के स्वतंत्रता के
पश्चात सरदार वल्लभ भाई पटे ल के नेतत्ृ व में पूरा किया गया।

हम्पी के मंदिर - जब परू े उत्तर भारत में मस्लि


ु म आक्रमणकारियों ने हमला कर दिया था तब ढक्कन में
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हो रही। वर्तमान कर्नाटक में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी
को रूम से भी खूबसूरत नगरी कहा जाता था।

राजा कृष्णदे व राय ने 1509 से 1529 के बीच इस साम्राज्य में शासन किया। लेकिन उनकी मत्ृ यु के बाद
मुस्लिम आक्रमणकारियों की सेनाओं ने इन क्षेत्रों में हमला कर मंदिरों को नष्ट किया और पूरे नगर को
खंडहर में तब्दील कर दिया।

मदन मोहन मंदिर - उत्तर प्रदे श के मथुरा जिले के वंद


ृ ावन नगर में स्थित मदन मोहन मंदिर को मुगल
शासन के दौरान ऐसा नष्ट किया गया कि इसकी मल
ू प्रतिमा को आज भी राजस्थान के करौली में रखा
गया है । औरं गजेब ने जब इस मंदिर को तुड़वाया उस दौरान इसकी मूल प्रतिमा को राजस्थान
स्थानांतरित कर दिया गया था।

मीनाक्षी मंदिर - लगभग 25 सौ वर्ष परु ाने मदरु ई शहर में स्थित मीनाक्षी मंदिर को मुस्लिम कमांडर
मलिक काफूर ने अपनी सेना के साथ तोड़ने की कोशिश की थी और इस मंदिर से अमल्
ू य आभष
ू ण और
रत्न लूटकर ले गया था। मूल रूप से इस मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी से पहले हो चुका था लेकिन
इसके नष्ट होने के बाद इसे दोबारा 17 वीं शताब्दी में बनाया गया।

शारदा पीठ - दे वी के 51 शक्तिपीठों में से एक शारदा पीठ वर्तमान में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर
में स्थित है । चीन काल में ज्ञान एवं अध्यात्म के सबसे बड़े केंद्र के रूप में रहे शारदा पीठ में दे श-विदे श
से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। वर्तमान में यह मंदिर परू ी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है । मां शारदा
कश्मीर की अधिष्ठात्री दे वी है ।

सिर्फ इतना ही नहीं ऐसा भी कहा जाता है कि परू े दे श में 45000 से अधिक हिंद ू मंदिरों को मस्लि
ु म
आक्रांताओं द्वारा नष्ट किया गया है या मस्जिद में परिवर्तित किया गया है । कश्मीर घाटी के मार्तंड सूर्य
मंदिर से लेकर गुजरात के सोमनाथ और बंगाल के मंदिरों से लेकर सुदरू तमिलनाडु के मंदिरों तक भी
आक्रांताओं ने अपनी गंदी नियत को जगजाहिर किया है ।

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