Professional Documents
Culture Documents
नौकर
नौकर
स : 2020 - 21
क ा - छठ
पाठ - 15 (नौकर)
पाठ प रचय
वावल बन का मतलब है - आ म नभरता । आ म नभर होने का
ता पय है क अपने काम वयं करना, कसी भी व तु, ज रत के लए
कसी पर नभर न होना । आ म नभर होने से इ सान के अंदर
आ म व ास पैदा होता है, जससे नया क कसी भी परेशानी का
सामना करने के लए इ सान खुद अके ले खड़ा रह सकता है । महा मा
गाँधी आधु नक भारत के रा नमाता थे । उनके जीवन के हरेक संग
से सीखा जा सकता है । वे अपने दनचया के काम को वयं ही करते
थे ज ह आमतौर पर नौकर-चाकर करते ह । वे कसी काम को बड़ा
या छोटा नह समझते थे । बाहरी लोग के सामने मेहनत करने म उ ह
शम नह आती थी । वे येक काय को बड़ी मेहनत व ल न से करते थे
। साथ ही घर के छोटे -मोटे काय करने वाले नौकर को भी प रवार के
सद य के प म मानने के प धर थे । ले खका 'अनु बं ोपा याय'
ारा र चत पाठ 'नौकर' से गाँधी जी के याकलाप ारा हम
वावलंबी जीवन जीने क ेरणा मलती है । अतः हम गाँधी जी के
याकलाप और वचार का वे ा से अनुकरण करना चा हए ।
श दाथ
आमतौर पर - ायः, साधारणतः। ज़माने म - समय म। बै र टरी -
वकालत । त दन - हर रोज़। कायकता - काम करने वाले। हाथ
बँटाना - मदद करना। कौपीनधारी - लंगोट /धोती/टोपी पहनने वाले।
हैरत - आ य। गव - नाज़, घमंड। आशा - उ मीद। ताड़ लेना - समझ
लेना। आगंतकु - आने वाले। चारा - उपाय, रा ता। आड़े हाथ लेना -
खबर लेना, डाँटना। पौ क - शरीर के लए लाभदायक। आ मवासी
- आ म म रहने वाला। ान - जानकारी। हाजमा - पाचन श ।
बे वाद - वादहीन। पद - तली। माँजना - रगड़कर साफ़ करना।
नमाण - कु छ नया बनाने क या। नवागत - नए आने वाले।
अ व - बीमार। ठे स - चोट। लाचारी - मज़बूरी । दै नक - रोज़ का।
म - मेहनत । अनुकरण - नकल करना। अ तु - अनोखा,
आ यजनक। त त रयाँ - रकाबी, लेट। मता - श । अनुकरण -
नकल। वासी - सरे दे श के नाग रक जो कसी अ य दे श म रह रहे
ह । नमं त करना - बुलाना। स मा नत - आदरणीय। अ त थ -
मेहमान। बुहारी - झाड । अनुम त - इज़ाजत । खाखरा - एक गुजराती
ज
ं न। नपुण - कु शल, द , वीण । अव ा - उ । अ नवाय -
ज़ री। चैन - आराम। पखवाड़ा - पं ह दन का समय। अ धवेशन -
सभा। पाखाना - शौचालय। कारकु न - लक। साम य - मता।
सहायक - मददगार। आ ह - अनुरोध। वेतनभोगी - वेतन पर काय
करने वाला। सवथा - एकदम। न फल - बेकार। हना - ध
नकालना। नजी - अपना, गत। तदान - मू य, कसी ली ई
व तु के बदले सरी व तु दे ना।
पा गत -उ र
1.आ म म कॉलेज के छा से गाँधी जी ने कौन-सा काम
करवाया और य ?
उ र - अं ज़
े ी ान झाड़ने वाले छा से गाँधी जी ने गे ँ बीनने का
काम करवाया य क वे उनका घमंड तोड़ना चाहते थे । गे ँ बीनने से
उ ह यह बात समझ म आती क कोई भी काम छोटा-बड़ा नह होता
। के काय का संबंध उसक व ता से नह होता । इस लए
छा ारा काम के लए पूछने पर गाँधी जी ने उ ह गे ँ बीनने के लए
कह दया।
अ य मह वपूण ो र
1. गाँधी जी आ म म कस कार के काम करते थे ? उदाहरण
स हत ल खए।
उ र - गाँधी जी आ म म ऐसे काम भी करते थे ज ह ायः नौकर
कया करते ह। वे अपने हाथ से च क पर आटा पोसा करते थे। गे ँ
पीसने से पहले वे उसे बीनते भी थे। कई वष तक उ ह ने आ म का
भंडार सँभालने के काम म भी सहायता क । वे रसोई घर म जाकर
स जयाँ भी छ लते थे।
4. पाठ से उदाहरण दे ते
ए यह बताइए क गाँधी जी म हर कार
का काम करने क अ तु मता और श थी।
उ र - इसम कोई संदेह नह क गाँधी जी म हर कार का काम करने
क अ तु श और मता थी। वे थकान का नाम जानते ही नह थे।
द ण अ का म बोअर-यु चल रहा था। तब वे घायल को े चर
पर एक दन म प ीस-प ीस मील तक ले जाते थे। द ण अ का
म वे टॉल टॉय बाड़ी म रहे थे। तब वे पास के शहर म अकसर कसी-न
- कसी काम से जाया करते थे। शहर म जाने के लए उ ह बयालीस
मील तक पैदल चलना पड़ता था। इसके लए वे ातः दो बजे बाड़ी से
नकल पड़ते थे और शहर म खरीददारी कर शाम होते-होते फाम पर
लौट आते थे।
इन दो उदाहरण से है क गाँधी जी म काम करने क ब त
मता और श थी।
-----/////-----