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IBPS RRB PO & Clerk Hindi Language Paper (DreamBigInstitution)
IBPS RRB PO & Clerk Hindi Language Paper (DreamBigInstitution)
SET 1
हिदे श (1-10) िीचे हदए गए प्रत्येक परिच्छे द में कुछ रिक्त स्थाि छोड़ हदए गए ैं तथा उन्हें प्रश्न
सिंख्या से दशााया गया ै । ये सिंख्याएँ परिच्छे द के िीचे मुहित ैं , औि प्रत्येक के सामिे (a), (b),
(c), (d) औि (e) हिकल्प हदए गए ैं । इि पाँचोिं में से कोई एक इस रिक्त स्थाि को पूिे परिच्छे द
के सिंदभा में उपयुक्त ढिं ग से पूिा कि दे ता ै । आपको ि हिकल्प ज्ञात कििा ै औि उसका
क्रमािंक ी उत्ति के रूप में दशाािा ै । आपको हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयुक्त का चयि
कििा ै ।
हकसी भी पद्ािंश के मुख्य भाि या हिचाि को हबिा छोड़े ...(1)... में हिखिा साि िेखि क ा
जाता ै । हकसी भी हिस्तृत िेख अथिा आख्याि आहद के साि में हिह त तथ्ोिं एििं सूचिाओिं को
सिि, ...(2).... भाषा में इस प्रकाि प्रस्तुत कििा ोता ै हक मूि ...(3)... की मुख्य बातें उसके
एक-हत ाई ह स्से में ी आ जायें। साि-िेखि में आपकी भाषा की समझ औि ...(4)... क्षमता की
पिख ोती ै, अतः इि दोिोिं में ी हिखाि िािे की आिश्यकता ोती ै । इस प्रकाि की किा में
कुशिता प्राप्त कििे के हिये ...(5)... अभ्यास, धै या औि अटू ट हिश्वास की आिश्यकता ोती ै ।
साि-िेखि में आप पूिी ति से बिंधे ि ते ैं , ...(6)... से खेि ि ी िं सकते । साि-िेखि के हिये
आप अिु च्छेद को दो-तीि-चाि बाि पढ़ डािें औि हिि ...(7)... किें । साि हिखते समय सभी
हबन्दु ओिं का ...(8)... िे जािा आिश्यक ै ।
साि -िेखि के हिये आप में कुशाग्र बुहि, एकाग्र-हचत्तता, ...(9)... हिषयोिं का हिशद ज्ञाि,
समा ाि शक्तक्त, अहभव्यक्तक्त में स्पष्टता, भाषा पि अहधकाि औि हििन्ति अभ्यास कििे जैसे
...(10)... गुण ोिे चाह ये। तब ी आप सिि साि िेखि कि सकते ैं ।
Q1.
(a) संक्षिप्त
(b) संिेप
(c) संिेपण
(d) सार
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q2.
(a)सुबोध
Q3.
(a)उदाहरण
(b) अवतरण
(c) क्षवषय
(d) उद्वरण
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q4.
(a)अक्षिव्यक्ति
(b) पुनरूक्ति
(c) प्रदर्शन
(d) प्रस्तु क्षत
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q5.
(a)साक्तिक
(b) सतत
(c) क्षवर्द
(d) क्षनरन्तर
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q6.
(a)कल्पना
(b) क्षवचारों
(c) कलात्मकता
(d) दू रदक्षर्शता
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q7.
(a)प्रयास
(b) र्ुरू
(c) अभ्यास
Q8.
(a)समाप्त
(b) क्षवलु प्त
(c) समाक्षहत
(d) प्रवाक्षहत
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q9.
(a)ज्ञान
(b) क्षवज्ञान
(c) अज्ञान
(d) सूक्ष्म
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q10.
(a)उत्तम
(b) उक्षचत
(c) र्ुरू
(d) अनुक्षचत
(e) इनमें से कोई नह ।ं
हिदे श (11-15) िीचे हदए गए प्रत्येक परिच्छे द में कुछ रिक्त स्थाि छोड़ हदए गए ैं तथा उन्हें प्रश्न
सिंख्या से दशााया गया ै । ये सिंख्याएँ परिच्छे द के िीचे मुहित ैं , औि प्रत्येक के सामिे (a), (b),
(c), (d) औि (e) हिकल्प हदए गए ैं । इि पाँचोिं में से कोई एक इस रिक्त स्थाि को पूिे परिच्छे द
के सिंदभा में उपयुक्त ढिं ग से पूिा कि दे ता ै । आपको ि हिकल्प ज्ञात कििा ै औि उसका
क्रमािंक ी उत्ति के रूप में दशाािा ै । आपको हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयुक्त का चयि
कििा ै ।
Q12.
(a) क्षनमश ल
(b) दोषरक्षहत
(c) क्षवर्ुद्ध
(d) र्ुद्ध
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q13.
(a) आयत
(b) आयताकार
(c) औसत
(d) क्षनराकार
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q14.
(a) अर्ुक्तद्धयों
(b) क्षबन्दु ओं
(c) केन्द्ों
(d) दोषों
(e) इनमें से कोई नह ।ं
Q15.
(a) संरचनाओं
(b) योजनाओं
(c) उपकरणों
(d) पररयोजनाओं
(e) इनमें से कोई नह ।ं
1.(b) क्षकस ि पद्ां र् एवं गद्ां र् के मु ख्य, िाव या क्षवचार को क्षबना छोड़े ‘संिेप’ में क्षलखना सार ले खन
कहा जात है ।
2.(a) सुबोध से तात्पयश सरल ढं ग से समि में आना है । ‘‘सूचनाओं को सरल, ‘सुबोध’ िाषा में इस प्रकार
प्रस्तु त करना होता है ।’’
3.(b) अवतरण का तात्पयश मू ल गद्ां र् या पद्ां र् से है । ‘‘मू ल ‘अवतरण’ क मु ख्य बातें उसके एक
क्षतहाई क्षहस्से में ह आ जायें।’’
4.(a) अक्षिव्यक्ति का तात्पयश क्षकस बात को समझोने से है । ‘‘िाषा क समझ और ‘अक्षिव्यक्ति’ िमता
क परख होत है ।’’
5.(b) सतत का अर्श क्षनरन्तर चलते रहना है । ‘‘कुर्लता प्राप्त करने के क्षलए ‘सतत’ अभ्यास, धै यश और
अटू ट क्षवश्वास क आवश्यकता होत है ।’’
6.(a) कल्पना का अर्श मक्तस्तष्क में आई अप्राकृक्षतक बातों से हैं । ‘‘ आप पूर तरह से बंधे रहते हैं
‘कल्पना’ से खेल नह ं सकते ।
7.(c) ‘‘आप अनुच्छेद को दो-त न-चार बार पढ़ डालें और क्षिर ‘अभ्यास’ करें ’’।
8.(c) कई बातों को एक-दू सरे में क्षमला दे ने को समाक्षहत कहते हैं । ‘‘सि क्षबन्दु ओं का समाक्षहतत’ हो
जाना आवश्यक है ।’’
9.(a) ज्ञान का अर्श कई क्षवषयों या क्षबन्दु ओं के सम्बन्ध में जानकार होना। ‘‘कुर्ाग्र बुक्षद्व, एकाग्र क्षचत्तता,
‘ज्ञान’ क्षवषयों का क्षवर्द् ज्ञान, समाहार र्क्ति, है ।’’
10.(a) उत्तम का अर्श श्रेष्ठ है । ‘‘क्षनरन्तर अभ्यास करने जैसे ‘उत्तम’ गुण होने चाक्षहए।“
11.(a) यह बड़ा लगिग दो इं च ‘पररक्षध’
12.(c) क्षसक्षलकाॅन का ‘क्षवर्ुद्ध’ क्षिस्टल होता है ।
13.(b) वेिर को छोटे ‘आयताकार’ टु कड़ों में काट क्षलया जाता है क्षजसे क्षचप्स कहते हैं ।
14.(a) इन क्षचप्स से क्षवक्षर्ष्ट क्षबन्दु पर क्षनयंक्षित ‘अर्ुक्तद्धयों’ से संक्षचत कर आवश्यकतानुसार
15.(b) टर ाक्षजस्टरों, डायोडों एवं अन्य ‘योगनाओं’ क पयाश प्त संख्या तै यार क जात है ।
Q15.‘उहचत से कम मूल्य िगािा’ िाक्ािंश के हिये हदये गये हिकल्पोिं में से उपयुक्त शब्द चुहिएः
(a) मू ल्ां कन
(b) मु ल्ां कन
(c) अक्षधमू ल्न
(d) क्षनमूश ल्
(e) अवमू ल्न
उत्ति
1. (b); वह स्र्ान जो पृथ्व , चन्द्मा - अन्तररि एवं सूयश आक्षद लोकों के मध्य क्तस्र्त हो
जहााँ धरत और आकार् क्षमलते - क्षिक्षतजक्षदखाई दे ते हों
6. (c); जो क्षकस पर अक्षियोग लाता हो के क्षलए 'वाद ' एवं क्षकस वाद का क्षवरोध करने वाले के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'प्रक्षतवाद ' है ।
7. (d); तै रने क इच्छा के क्षलए 'क्षतत षाश' खाने क इच्छा के क्षलए 'बुिुझा' एवं ज तने क इच्छा के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'क्षजग षा' है ।
8. (c); सां झ और रात के ब च के समय के क्षलए 'गोधू क्षल' एवं दोपहर से पहले के समय के क्षलए उपयुि
र्ब्द 'पूवाश ह्न' है ।
11. (d); क्षवनयपूवशक क्षकया गया हि के क्षलए उपयुि र्ब्द 'आग्रह' एवं नम्रतापूवशक कह गय बात के
क्षलए उपयुि र्ब्द 'क्षवनम्रता' है ।
12. (d); मन को लु िाने वाल वस्तु के क्षलए उपयुि र्ब्द 'मनोहर' होगा।
13. (a); क्षजसका अनुिव क्षकया गया हो के क्षलए 'अनुिूत' एवं जो आश्चयशजनक हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'अद् िु त' है ।
14. (1) क्षजसका ऋण क्षलया हो के क्षलए का 'ऋणदाता' और क्षजसने ऋण क्षलया हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'ऋण ' है ।
15. (e); उक्षचत से कम मू ल् लगाने के क्षलए 'अवमू ल्न' एवं उक्षचत से अक्षधक मू ल् बढ़ाने के क्षलए र्ब्द
'अक्षधमू ल्न' है ।
अिं त में मैंिे क ा- भाइयोिं! म अपिी प्राथहमक पािशािा में इससे भी अहधक काम कि सकते
ैं । इतिा काम कि सकते ैं हक िता माि प्राथहमक हशक्षा का रूप ी बदि जाए, कायापिट ी
ो जाए। िेहकि बात य ै हक इसके हिए काम कििे िािोिं की जरूित ै । दु हिया की जो सूित
आज ै , ि प िे ि ी िं थी - सूित बदििे का य काम मिु ष्ोिं िे ी तो हकया ै ि ! आिश्यकता
ै िगि की, प्रखि आत्महिश्वास की, अखिंड एकहिष्ठा की। य जरूिी ि ी िं ै हक अिं ग्रेजी पढ़े -
हिखे ी अच्छे प्रयोग कि सकें। य तो थोथी बात ै। जब आदमी कुछ कििा ि ी िं चा ता, तब
ऐसे ी ब ािे बिाता ै । सच्ची चीज तो हदि की िगि ै । ि िगि, जो हकसी चीज के हिए
तड़पिे िािी मािी आत्मा से में प्राप्त ोती ै । औि चिंपकिाि जी ! परिणाम की हचिंता तो
प्रयोग कििे िािे को हजतिी ोती ै, उतिी दू सिोिं को कभी ो ी ि ी िं सकती। आप िे ति-िृ क्ति
की इच्छा से अच्छे परिणाम की चेष्टा किते ैं औि मैं प्रयोग के हिए प्रयोग किता हँ हजससे मेिा
उद्दे श्य हसि ो औि कायाक्षेि व्यापक बिे । मुझे हचिं ता ि ती ै हक क ी िं मेिी हिष्फिता मेिे बाद
के प्रयोग कििे िािोिं के हिए बाधक ि बि जाए।
हिदे श : िीचे हदये गये अिु च्छेद को पहढ़ए औि प्रश्न (6 से 11) तक के हिए स ी हिकल्प का चयि
कीहजए:
मैंिे क ा, आज आप केिि छमा ी औि सािािा पिीक्षा िेते ैं । इसके बदिे माहसक पिीक्षा
िेिा शुरू कीहजए। यहद हिद्ाथी के हिए पिीक्षा की कसौटी पि कसा जािा आिश्यक ी ै तो
पिीक्षा का हजतिा हिशेष परिचय उसे ोगा, उसका िास उतिा ी घटे गा। अहत परिचय से िास
भी स ि कििे योग्य बि जाता ै । दू सिे , कमजोि हिद्ाहथा योिं को जगािे के हिए तथा उिकी
कमजोिी का िीक पता िगािे के हिए िी जाए। तीसिे , हजि हिद्ाहथा योिं को हिश्वास ो हक िे
अपिे हिषय को जािते ैं , उन्हें पिीक्षा से मुक्त िखा जाए। हिद्ाथी स्वेच्छा से अपिी कमजोिी
की जाँच के हिए पिीक्षा दें औि उन्हें समझा हदया जाए हक जो अपिी कमजोिी की जाँच ि ी िं
किे गा, उसे कमजोिी दू ि कििे का मौका ि ी िं हदया जाएगा। पिीक्षा उन्ही िं हिषयोिं की िी जाए जो
पिीक्षा िािा जाँचे जा सकते ैं । बाकी हिषयोिं को पिीक्षा से मुक्त िखा जाए। औि पिीक्षा का
समय हिद्ाहथा योिं को पाठ्य-पुस्तकें दे खकि उत्ति दे िे की स्वतिं िता भी दे दी जाए। म उिसे क
दें हक जो चीज याद ि ो, उसे पुस्तक में दे ख िें औि हिि जिाब दें । जो जबािी क ि सकें, िे
हकताब में से दे खकि समझाएँ । जिाब दे ते समय हिद्ाथी पाठ्य-पुस्तक का कैसा उपयोग किता
ै , इसी में तो उसकी पिीक्षा ै ।
Q6. 'अहत परिचय से िास भी स ि कििे योग्य बिा जाता ै' - िाक् का अथा ै :
(a) बार-बार पर िा दे ने से बच्ों का पर िा के प्रक्षत डर, प ड़ा होत है , वह उन्हें क्षवचक्षलत नह ं कर पाता
(b) बार-बार पररचय से डर दू र हो जाता है
(c) अच्छ तरह से पररचय होने के बाद च जें कोई परे र्ान खड़ नह ं करत ं
(d) अच्छ तरह से पररचय होना िास को समाप्त करना है ।
Q9. िेखक पाठ्य-पुस्तकें दे खकि उत्ति दे िे की स्वतिं िता की बात किता ै, क्ोिंहक—
(a) यह सवशश्रेष्ठ न क्षत है
(b) इससे बच्ों क पढ़ने क कुर्लता का पता चलता है
(c) इससे पर िा में ियमु ि वातावरण बनता है ।
(d) इससे बच्ों क इस कुर्लता और समझ का पता चलता है क्षक वे पाठ्य-पुस्तक का प्रयोग कैसे
करते है ।
Q11. 'कमजोि हिद्ाहथा योिं को जगािे के हिए' िाक् में िे खािंहकत अिं श का अथा ै :
(a) सोये हए को जगाना
(b) क्षवद्ाक्षर्शयों को उनक कमजोररयों के प्रक्षत जागरूक बनाना और उन्हें दू र करना
(c) कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को सचे त करना
(d) कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को सावधान करना
हिदे श : िीचे हदये गये अिु च्छेद को पहढ़ए औि प्रश्न सिंख्या 12 से 17 तक के हिए स ी हिकल्प का
चयि कीहजए :
सबसे म त्वपूणा बात इस प्रहशक्षण के दौिाि सामिे आयी- ि थी छािोिं तथा हशक्षकोिं के बीच
पिस्पि सिंबिंध। मिे अध्यापकोिं को इस बात के हिए प्रोत्साह त हकया था हक िे प्रत्येक छाि की
भाििा की कि किें तथा य दे खें हक छाि क्ा चा ता ै । यहद एक बाि छाि हशक्षक से डििा
बिंद कि दे ता ै तथा दोिोिं के बीच एक दोस्तािा रिश्ता कायम ो जाता ै तो छाि / छािा के हिए
सीखिा आििं ददायक औि आसाि ो जाता ै । हशक्षक की हिकटता औि उपक्तस्थहत बहत
म त्वपूणा ोती ै, चा े ि कक्षा में बैिकि ो या स्कूि के बाद खेि के मैदाि में। इससे हशक्षक
एििं छाि एक-दू सिे के हिकट आ जाते ैं तथा छाि के सिंपूणा हिकास में इसका बहत योगदाि
ि ता ै । दू सिा म त्वपूणा प िू य ै हक शासकीय हशक्षकोिं के साथ भी एक रिश्ता बिाए
िखिा चाह ए क्ोिंहक समािंति हशक्षकोिं के ि ते हियहमत हशक्षक प्रायः य समझिे िगते ैं हक
उत्ति
S1. Ans.(d)
Sol. क्षजन व्यक्तियों के क्षदल में लगन होत है वे लोग क्षकस ि क्तस्र्क्षत को बदलने में सिम होते हैं ।
S2. Ans.(c)
Sol. लोगों के मन में यह िाक्षषक पूवाश ग्रह बैिा हआ है क्षक अंग्रेज पढ़े -क्षलखे लोग ह अच्छे प्रयोग कर
सकते हैं ।
S4. Ans.(b)
Sol. ले खक का उद्दे श्य यह है क्षक उद्दे श्य क्षसद्ध करने और कायशिेि को व्यापक बनाने के क्षलए लोग
प्रयोग करें ।
S5. Ans.(c)
Sol. प्रयोग के सिल होने के क्षलए सामान्यतः लोग अच्छे पररणाम चाहते हैं ।
S6. Ans.(b)
Sol. 'अक्षत पररचय से िास ि सहन करने योग्य बन जाता है '- वाक्य का अर्श 'बार-बार पररचय से डर दू र
हो जाता है ।
S7. Ans.(b)
Sol. क्षवद्ालयों में होने वाल पर िाओं का उद्दे श्य यह है क्षक बच्ों क कमजोररयों का पता लगाकर उन्हें
दू र क्षकया जा सके।
S8. Ans.(d)
Sol. ले खक पर िा के प्रक्षत उदारवाद और व्यापक दृक्षष्टकोण रखता है क्योंक्षक इस अनुच्छेद में ले खक
का क्षवचार है क्षक-
(1) वाक्षषशक और छमाह पर िाओं के बदले माक्षसक पर िा ले ना र्ुरू करें ।
(2) पर िा के समय क्षवद्ाक्षर्शयों को पाठ्य-पुस्तकें दे खकर उत्तर दे ने क स्वतं िता ि दे द जाए।
(3) पर िा का क्षजतना क्षवर्ेष पररचय उसे होगा, उसका िास उतना ह घटे गा।
S9. Ans.(d)
Sol. पाठ्य-पुस्तकें दे खकर उत्तर दे ने क स्वतं िता से बच्ों क इस कुर्लता और समझ का पता चलता
है क्षक वे पाठ्य-पुस्तक का प्रयोग कैसे करते हैं ।
S10. Ans.(a)
Sol. छाि क क्षवषयों पर कैस पकड़ एवं समझ है इसके जााँ चने का एकमाि साधन पर िा है ।
S11. Ans.(d)
Sol. 'कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को जगाने के क्षलए' वाक्य में रे खां क्षकत अंर् का अर्श है - 'कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को
सावधान करना'
S12. Ans.(c)
Sol. क्षर्िक और बच्ों (छािों) के ब च क्षमिवत् संबंध होने से बच्े जल्द स खते हैं ।
S13. Ans.(d)
S14. Ans.(d)
Sol. क्षर्िक क्षवद्ालय के बाद ि बच्ों से ररश्ता बनाये रखता है क्योंक्षक ऐसा करने से क्षर्िक और
बच्ों के ब च क्षनकटता और क्षवश्वास का ररश्ता बनता है जो बच्ों के सवां ग ण क्षवकास में सहायक है ।
S15. Ans.(a)
Sol. क्षनयक्षमत क्षर्िकों को ऐसा इसक्षलए लगता है क्षक उनक कोई आवश्यकता नह ं है क्योंक्षक समां तर
क्षर्िकों पर पूणश क्षनक्षश्चत होकर काम डाल क्षदया जाता है ।
Q3. हिम्नहिक्तखत में अिे क शब्दोिं का एक शब्द पाँच हिकल्पोिं में से चुििा ै ।
मोक्ष की इच्छा कििे िािा
(a) क्षजज्ञासु
(b) योग
(c) आक्तस्तक
(d) मु मुि
(e) मनुष्योक्षचत
हिदे श- हिम्नहिक्तखत अिे क शब्दोिं के हिए एक शब्द दे िा ै । प्रत्येक के हिए चाि हिकल्प शब्द
हदए गए ैं, उपयुक्त शब्द का चयि किें ।
Q5. हजसे िशिती बिािा कहिि ो-
(a) स्वावलं ब
(b) दु लशि
(c) दु धशषश
Q14. ‘‘हजसका ऋण हिया ो’’ िाक्ािंश के हिए हदये गये हिकल्पोिं में से उपयुक्त शब्द चुहिएः
(a) ऋणदाता
(b) अदाता
(c) कजशदाता
(d) कजशदार
(e) इनमें से कोई नह ं
Q15.‘उहचत से कम मूल्य िगािा’ िाक्ािंश के हिये हदये गये हिकल्पोिं में से उपयुक्त शब्द चुहिएः
(a) मू ल्ां कन
(b) मु ल्ां कन
(c) अक्षधमू ल्न
(d) क्षनमूश ल्
(e) अवमू ल्न
उत्ति
1. (b); वह स्र्ान जो पृथ्व , चन्द्मा - अन्तररि एवं सूयश आक्षद लोकों के मध्य क्तस्र्त हो
जहााँ धरत और आकार् क्षमलते - क्षिक्षतज क्षदखाई दे ते हों
6. (c); जो क्षकस पर अक्षियोग लाता हो के क्षलए 'वाद ' एवं क्षकस वाद का क्षवरोध करने वाले के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'प्रक्षतवाद ' है ।
7. (d); तै रने क इच्छा के क्षलए 'क्षतत षाश' खाने क इच्छा के क्षलए 'बुिुझा' एवं ज तने क इच्छा के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'क्षजग षा' है ।
8. (c); सां झ और रात के ब च के समय के क्षलए 'गोधू क्षल' एवं दोपहर से पहले के समय के क्षलए उपयुि
र्ब्द 'पूवाश ह्न' है ।
11. (d); क्षवनयपूवशक क्षकया गया हि के क्षलए उपयुि र्ब्द 'आग्रह' एवं नम्रतापूवशक कह गय बात के
क्षलए उपयुि र्ब्द 'क्षवनम्रता' है ।
12. (d); मन को लु िाने वाल वस्तु के क्षलए उपयुि र्ब्द 'मनोहर' होगा।
13. (a); क्षजसका अनुिव क्षकया गया हो के क्षलए 'अनुिूत' एवं जो आश्चयशजनक हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'अद् िु त' है ।
14. (1) क्षजसका ऋण क्षलया हो के क्षलए का 'ऋणदाता' और क्षजसने ऋण क्षलया हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'ऋण ' है ।
15. (e); उक्षचत से कम मू ल् लगाने के क्षलए 'अवमू ल्न' एवं उक्षचत से अक्षधक मू ल् बढ़ाने के क्षलए र्ब्द
'अक्षधमू ल्न' है ।
Q1. तु ष्ट करण करने क न क्षत अपनाकर (a)/ न व्यक्ति आगे बढ़ (b)/ सकता है (c)/ और न
राष्टर। (d)/ िु ट रक्षहत (e)
Q2. क्षजस मनुष्य को (a)/ केवल अपन ह क्षचंता (b)/ हो वह मानव समाज(c)/ के क्षकस काम आएगा (d)/
िु क्षटरक्षहत (e)
Q3. काले ज कायश से (a)/ िलस्वरूप प्राय: मु झे कि इस (b)/ आक्षिस में कि उस आक्षिस में (c)/
जाना पड़ता है । (d)/ िु ट रक्षहत (e)
Q4. आप इसक्षलए (a)/ उि रहे हैं (b)/ क्षजससे क्षक मैं (c)/ चला जाऊं। (d)/ िु ट रक्षहत (e)
Q5. उसने बहत प्रयत्न से (a)/ अपन आाँ खों से (b)/ बहने वाले (c)/ आं सू को रोका। (d)/ िु ट रक्षहत (e)
Q6. नए कक्षवयों ने परम्परा से हटकर (A)/ कक्षवता को (B)/ नए धरातल पर (C)/ िाषा में सम्माक्षनत
क्षकया है । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
Q7. क्षजस प्रकार आिू षणों के द्वारा (A)/ र्र र क र्ोिा बढ़ जाता है (B)/ उस प्रकार अलं कारों से
(C)/ िाषा में लाक्षलत्य आ जाता है । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
Q8. इस क्षवषय में (A)/ उसके समतु ल् (B)/ कदाक्षचत् (C)/ कोई नह ं है । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
Q8. मैं यहााँ से (A)/ इस वि (B)/ जाना (C)/ मााँ गता हाँ । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
Q10. श्याम ने यह प्रण कर क्षलया है (A)/ क्षक वह क्षवद्ा समाप्त (B)/ करने के पश्चात् ह (C)/ नौकर के
क्षलए आवेदन करे गा। (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
Q11. मानव आक्षदकाल से (a)/ ह अपने चारों ओर (b)/ घक्षटत प्राकृक्षतक दृश्यों, घटनाओं (c)/ आक्षद को
दे खता हआ है । (d)/ िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
Q12. चाटश डश बैंक का 2011 का (a)/ पररचालन लाि क्षपछले साल से (b)/ त न प्रक्षतर्त कम होकर 9 (c)/
करोड़ डॉलर रहा है । (d)/ िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
Q14. कृष्ण ने अजुशन से कहा (a)/ सदै व िमा करना अर्वा (b)/ िोध/ करना (c)/ श्रेयस्कर नह ं होता है ।
(d)/ िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
Q15. क्षमस्र के राजवंर्ों (a)/ क र्ुरूआत आज से (b)/ पां च हजार वषश पहले (c)/ ह हो गई र् । (d)/
िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E
उत्ति
S1. Ans. (a): यहााँ ‘तु ष्ट करण करने क न क्षत अपनाकर’ के स्र्ान पर ‘तु ष्ट करण क न क्षत अपनाकर’
का प्रयोग उक्षचत है ।
S2. Ans. (e): िु क्षटरक्षहत।
S3. Ans. (b): यहााँ ‘िलस्वरूप प्राय: मु झे कि इस’ के स्र्ान पर ‘प्राय: मु झे कि इस’ का प्रयोग
उक्षचत है ।
S4. Ans. (c): यहााँ ‘क्षजससे क्षक मैं ’ के स्र्ान पर ‘क्षक मैं’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S5. Ans. (d): यहााँ ‘आं सू को रोका’ के स्र्ान पर ‘आाँ सुओं को रोका’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S6. Ans. (d) :
उत्ति-
Q6. राजा का दू त
(a) मं ि
(b) मे घदू त
(c) राजदू त
(d) दू तावास
(e) इनमें से कोई नह ं
Directions (11-15): िीचे हदया गया प्रत्येक िाक् चाि भागोिं में हिभक्त ै हजन्हे (a), (b), (c), (d)
क्रमािंक हदए गए ैं । आपको य दे खिा ै हक हकस भाग में व्याकिण, भाषा, िता िी, शब्दोिं के
Q11. घोड़ों क (a)/ दौड़ में (b)/ एक बहत ते ज़ घोड़ा दौड़ (c)/ रहा र्ा (d)/ कोई िु ट नह ं (e)
Q12. वतश मान समय में (a)/ हमें अध्यात्म (b)/ और आधु क्षनकता (c)/ दोनों को सार् ले कर चलना
होगा (d)/ कोई िु ट नह ं (e)
Q13. आज के वतश मान (a)/ युग में (b)/ चु नौक्षतयों के क्षलए (c)/ सदै व तै यार रहना पड़े गा (d)/ कोई िु ट
नह ं (e)
Q14. सेि लल्लुमल क (a) एक क्षमिाई (b)/ और नमक न क (c)/ दू कान है (d) / कोई िु ट नह ं (e)
Q15. र्ायद मे र (a)/ कलम (b)/ आपके (c)/ पास है (d) कोई िु ट नह ं (e)
उत्ति
S1. Ans.(c)
Sol. िौ, दो ग्याि ोिा एक ‘मु ाििा’ ै हजसका अथा ै ‘ते जी से भाग जािा’।.
S2. Ans.(c)
Sol. तीि पािंच कििा मु ाििे का अथा ‘चािाकी हदखािा’
S3. Ans.(b)
Sol. ‘दो औि दो पािंच ि ी िं ोते ’ य एक िोकोक्तक्त ै
S4. Ans.(b)
Sol. “पािंचोिं उिं गहियाँ बिाबि ि ी िं ोती” य एक प्रहसि क ाित ै ।
S5. Ans.(b)
Sol. ‘चाि हदि की चािंदिी हिि अँ धेिी िात’ हजसका अथा ै थोड़े समय के हिए आई खुशी से ै ।
S6. Ans.(c)
S7. Ans.(b)
S8. Ans.(b)
S10. Ans.(c)
S11. Ans.(c)
Sol. एक बहत ते ज़ घोड़ा के स्थाि पि ‘एक घोड़ा बहत ते ज़ दौड़ ि ा था’ ोगा।
S12. Ans.(e)
Sol. इस िाक् में कोई िुटी ि ी िं ै
S13. Ans.(a)
Sol. िता माि के साथ आज शब्द अिु हचत ै ।
S14. Ans.(b)
Sol. एक हमिाई की के स्थाि पि ‘हमिाई की एक दू काि ै’। हिशेषण हक्रया के पचात िगाया
जाता ै ।
S15. Ans.(e)
Sol. इस िाक् में कोई िुटी ि ी िं ै
(a) ल र व य (b) र व य ल
(c) व य ल र (d) य व र ल
(e) इनमें से कोई नह ं
(a) य व र ल (b) व ल र य
(c) ल य र व (d) ल र व य
(e) इनमें से कोई नह ं
(a) ल य व र (b) व ल य र
(c) ल र य व (d) ल य र व
(e) इनमें से कोई नह ं
(a) र व ल य (b) य ल र व
(c) ल र य व (d) र ल य व
(e) इनमें से कोई नह ं
Q11. (1). 1947 में स्वतिं िता के बाद सिंहिधाि सभा िे भहिष् के सुशासि के हिए शपथ िी।
(य) नौकर के समान अवसर, क्षवचारों क स्वतं िता, अक्षिव्यक्ति, क्षवश्वास, संघ, व्यवसाय और कानून
(र) अल्पसंख्यकों, क्षपछड़े वगों और अनुसूक्षचत जाक्षत के लोगों के क्षलए
(ल) तर्ा सावशजक्षनक नैक्षतकता के अध न कारश वाई क गारं ट दे ता है । इसके सार् ह
(व) इसने एक संक्षवधान क मां ग क जो िारत के सि लोगों को - न्याय, सामाक्षजक, आक्षर्शक और
राजन क्षतक समानता,
उत्ति
सर सैयद अहमद खां एक सुधारवाद नेता र्े। वे ज वन िर-समाज सेवा में लगे रहे । इनका जन्म 17 अक्टू बर सन्
1917 ई. में क्षदल्ल के एक प्रक्षतक्षष्ठत पररवार में हआ। ये अपने क्षपता सैयद मुवक्क के सार् दरबार में जाया करते
र्े। इनका लालन-पालन इनके नाना के घर हआ र्ा। इनक माताज एक धमशक्षनष्ठ तर्ा अनुर्ासन क्षप्रय मक्षहला र् ं
वह सैयद को ि अनुर्ाक्षसत रखत र् ।ं अपन माता से वह बहत प्रिाक्षवत र्े। अपने समय के प्रक्षसद्ध क्षवद्वानों से
इन्होंने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा प्राप्त क । यह उदू श के मर्हर र्ायर गाक्षलब के पास ि जाया करते
र्े। बड़े िाई क मुत्यु के बाद यह बड़े दु ख रहने लगे । दरबार से इन्होंने अपना संबंध तोड़ क्षलया और अं ग्रेज
सरकार क नौकर को तैयार हो गए। उन्होंने कक्षमश्नर के दफ्तर में मुंर् क नौकर क । क्षिर मुंक्षसि क पर िा
पास कर मैनपु र में मुंक्षसि के पद पर क्षनयु ि हए। कुछ समय बाद यह वहां से चले आए। िाई क मृत्यु के कारण
माता बहत दु ख रहत र् । अतः यह उनके पास रहने लगे । इनक क्षनयु क्ति क्षदल्ल में अम न पद पर हो गई। सन्
1857 के क्षवद्रोह को इन्होंने बहत कर ब से दे खा और “िारत य क्षवद्रोह के कारण” नामक पु स्तक क रचना क ।
इस पु स्तक में इन्होंने क्षलखा क्षक िारत यों को कानून बनाने के कायश से दू र रखना ह क्षवद्रोह का मूल कारण है ।
इन्होंने सेना के प्रबं ध में ि सुधार क मााँ ग क । अं ग्रेज सैयद अहमद खां के क्षवचारों से बहत प्रिाक्षवत हए। 1869 में
सैयद ज इं ग्लैंड गए। वहां क क्षर्िा, ज वन प्रणाल का क्षनकट से अध्ययन क्षकया। उनक यह धारणा बन क्षक
अं ग्रेजों क क्षर्िा प्रणाल को अपनाकर ह िारत उन्नक्षत कर सकता है । िारत के वायसराय लाडश क्तक्लंटन ने एक
सम्मेलन बु लाया क्षजसमें वह िारत यों क क्षवचारधारा से पररक्षचत होना चाहते र्े। उस सम्मेलन में केर्वचंद जैन
तर्ा स्वाम दयानंद सरस्वत के सार् सैयद अहमद खां ि र्े। इन्हें वायसराय क क्षवधान सिा का सदस्य बनाया
गया। 1860 में पक्षश्चम उत्तर प्रदे र् में ियानक अकाल पड़ा। कलेक्टर ने राहत कायश इन्हें ह सौंपा। इस कायश को
इन्होंने बड़ क्षजम्मेदार से क्षनिाया।
(a) नाना ने
(b) दाद ने
(c) चाचा ने
(d) मौस ने
(a) वकालत
(b) हक म
(d) कक्षवता
(a) िाई
(b) ताऊ
(c) चाचा
(d) क्षपता
(a) क्षपता का
(b) माता का
(c) नान का
(d) चाचा का
(a) िाई ने
(b) माता ने
(d) ताऊ ने
(b) खौिनाक
(c) बाधक
(d) िासक्षदक
Q8. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘प्रहतहष्ठत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ै?
(a) आदरण य
(b) प्रर्ंक्षसत
(c) क्षवख्यात
(d) सम्माक्षनत
Q9. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘उन्नहत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?
(a) उत्कृष्ट
(c) तरक्क
(d) बढ़त
Q10. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘कािूि’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?
(a) क्षवक्षध
(b) क्षवधान
(c) क्षनयम
(d) क्षसद्धान्त
हिदे श (11-15) : िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के उत्ति दीहजए.
कुछ शब्दोिं को मोटे अक्षिोिं में मुहित हकया गया ै, हजससे आपको कुछ प्रश्नोिं के उत्ति दे िे में स ायता
हमिेगी. हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयु क्त का चयि कीहजए.
क्षवधाता रक्षचत इस सृक्षष्ट का क्षसरमौर है मनुष्य. उसक कार गर का सवोत्तम नमूना. इस मानव को ब्रह्माण्ड का लघु
रूप मानकर िारत य दार्शक्षनकों ने ‘यत् क्षपण्डे तत् ब्रह्माण्डे ’ क कल्पना क र् . उनक यह कल्पना माि कल्पना
नह ं र् , प्रत्युत यर्ार्श ि र् क्योंक्षक मानव-मन में जो क्षवचारणा के रूप में घक्षटत होता है, उस का कृक्षत रूप ह तो
सृक्षष्ट है . मन तो मन, मानव का र्र र ि अप्रक्षतम है . दे खने में इससे िव्य, आकषशक एवं लावण्यमय रूप सृक्षष्ट में
अन्यि कहााँ है. अद् िूत एवं अक्षद्वत य है मानव सौन्दयश. साक्षहत्यकारों ने इसके रूप सौन्दयश के वणशन के क्षलए क्षकतने
ह अप्रस्तु तों का क्षवधान क्षकया है और इस सौन्दयश -राक्षर् से सि को आप्याक्षयत करने के क्षलए उनके काव्यसृक्षष्टयााँ
रच डाल हैं .
साक्षहत्यर्ाक्तियों ने ि इस मानव क िावनाओं का क्षववेचन करते हए अनेक रसों का क्षनरूपण क्षकया है , परन्तु
वैज्ञाक्षनक दृक्षष्ट से क्षवचार क्षकया जाए तो मानव र्र र को एक जक्षटल यं ि से उपक्षमत क्षकया जा सकता है क्षजस प्रकार
यं ि के क्षवक्षिन्न अवयवों में से यक्षद कोई एक अवयव ि क्षबगड़ जाता है तो उसका प्रिाव सारे र्र र पर पड़ता है .
इतना ह नह ं, गु दे जैसे कोमल एवं नाजुक क्षहस्से के खराब हो जाने से यह गक्षतर् ल वपु-यं ि एकाएक अवरूद्ध हो
सकता है, व्यक्ति क मृत्यु हो सकत है . एक अं ग के क्षवकृत होने पर सारा र्र र दक्तण्डत हो, वह काल कवक्षलत हो
(a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है
Q15. कहियोिं के मािि-सौन्दया के िणा ि- ेतू हजस सृ हष्ट का हिमााण हकया ै, उसकी सिं ज्ञा ै-
(a) क्षबम्ब-सृक्षष्ट
(b) काव्य-सृक्षष्ट
(c) उपमान-सृक्षष्ट
उत्तर
S1. Ans. (a) सर सैयद अहमद खां का लालन-पालन नाना ने क्षकया र्ा.
S3. Ans. (d) सैयद मुवक्क का सर सैयद अहमद खां से क्षपता का ररश्ता र्ा.
S5. Ans. (c) उनके समय के मर्हर क्षवद्वानों ने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा सैयद अहमद खां को द .
S9. Ans. (a) उत्कृष्ट र्ब्द का अर्श उत्तम होता है. अत: यह ‘उन्नक्षत’ का समानार्ी नह ं है.
S11. Ans. (b) मानव-मन में जो घक्षटत होता है , वह सृक्षष्ट में घक्षटत होता है
S14. Ans. (a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है
Q10. साह क्तत्यक िचिा के हिए _____ भाषा िोकभाषा का काया किते हए भी उससे हभन्न ोती
ै।
(a) व्याकुल
(b) धरोहर
(c) दू क्षषत
(d) प्रयुि
(e) इनमें से कोई नह ं
Q12. भाषा का प्रयोग दो रूपोिं में हकया जा सकता ै - एक तो सामान्य हजससे िोक में ________
ोता ै तथा दू सिा साह त्य िचिा के हिए, हजसमें प्राय: _________ भाषा का प्रयोग हकया जाता
ै।
(a) कायश, रचनात्मकता
(b) क्षवक्षनमय, काव्यात्मक
(c) व्यवहार, आलं काररक
(d) संचालन, िावात्मक
(e) इनमें से कोई नह ं
Q14. इिं टििे ट हिज्ञाि एििं प्रौद्ोहगकी की श्रेष्टतम सौगातोिं में से एक ै, िेहकि _______ य ै हक
जैसे-जैसे इिं टििे ट मािे जीिि को सुगम ि गहतशीि बिा ि ा ै , िै से-िै से इससे जुड़े खतिोिं की
_______ भी बढ़ती जा ि ी ै ।
(a) क्षववाद, पररिाषा
(b) यर्ार्श , संख्या
(c) क्षवडम्बना, आर्ंका
(d) क्षवकृक्षत, क्तस्र्क्षत
(e) इनमें से कोई नह ं
Q15. हिचाि-हिहिमय के हिए केिि मिु ष् को ी ______ का ििदाि प्राप्त ै , पशु पक्षी अपिे
भाि औि हिचाि शािीरिक ________ औि सिंकेतोिं िािा प्रकट किते ैं ।
(a) व्यं जन, पहचान
(b) कहने, क्तस्र्क्षतयों
(c) क्षववेक, क्षियाओं
(d) वाण , मु द्राओं
(e) इनमें से कोई नह ं
Q1. भाित की आजादी के हिए (a)/ अपिे सिं घषा की दौिाि भगत हसिं (b)/ हजस सिं गिि में सबसे प िे
शाहमि हए थे (c)/ ि ह िंदुस्ताि रिपक्तिकि एसोहसएशि था। (d)/ िुटीिह त(e)
Q2. योग आपके हदि को स्वस्थ बिािे में (a)/ मदद किता ै औि य आपके शिीि (b)/ औि िसोिं में िक्त
के प्रिा को (c)/ बढ़ाकि ह्रास कुशिता से काम किता ै। (d)/ िुटीिह त (e)
Q3. िो सभी प्राकृहतक चीजें जो पृथ्वी पि (a)/ जीिि सिं भि बिाती ैं (b)/ पयााििण के अिंतिगता आता ैं
जैसे हक (c)/ जि, िायु , सू या का प्रकाश, भू हम, अहि, िि, पशु, पौ िंधें, इत्याहद।(d)/ िुटीिह त(e)
Q4. हिज्ञाि औि प्रौद्ोहगकी आधुहिक के जीिि (a)/ में म त्वपूणा भू हमका हिभाता ै (b)/ औि इसिे
मािि सभ्यता को (c)/ ग िाई में जाकि प्रभाहित हकया ै। (d)/ िुटीिह त (e)
Q5.प िे के समय में िड़हकयोिं की हशक्षा को (a) अभी भी आिश्यक ि ी िं मािा गया था (b)/ िेहकि समय
गुज़ििे के साथ िोगोिं िे (c)/ िड़हकयोिं की हशक्षा का म त्व म सू स हकया ै। (d)/ िुटीिह त
Q6. आज िैहश्वक स्ति पि य हसि ो चु की ै (a)/ हक ह िंदी भाषा अपिी (b) हिहप औि उच्चािण के
हि ाज से (c)/ सबसे शुि औि हिज्ञाि सम्मत भाषा ै।(d)/ िुटीिह त(e)
Q7. ज ाँ तक सामाहजक इहत ास की बात ै,(a)/ हजसे कोई सीमा तक आप (b)/ सािंस्कृहतक इहत ास
क सकते ैं,(c)/ उसमें साह त्य का प्रचु ि प्रयोग हआ ै।(d)/ िुटीिह त(e)
Q8. ईिंधि को शुरू में उि पदाथों के रूप में प चािा जाता था (a)/ तो केिि िासायहिक ऊजाा ी जािी
किते थे (b)/ ािािंहक जल्द ी उि पदाथों को इस श्रेणी में (c)/ शाहमि कि हिया गया जो पिमाणु ऊजाा
का उत्पादि किते थे ।(d)/ िुटीिह त(e)
Q10. बैंहकिंग प्रणािी ि प्रणािी ै(a)/ हजसमें पैसा जमा कििी औि उधाि दे िा शाहमि ै(b)/ य प्रहक्रया
दु हिया के हिहभन्न ह स्सोिं में(c)/ सहदयोिं प िे शुरू की गई थी।(d)/ िुटीिह त (e)
Q11. िेताजी िािा (a) िागू की गई इस प्रणािी से (b)/ जिता के अिंदि (c)/ असिं तोष फ़ैि गया ै।(d)/
िुटीिह त (e)
Q12. म ात्माओिं का (a)/ िैिाग भी समय (b)/ के परििताि की अपेक्षा (c) ि ी िं िखता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं
(e)
Q13. पयााििण औि आहथाक हिकास (a)/एक-दू सिे से पिस्पि जुड़े हए ै, ि ी दू सिी तिि (b)/ एक दे श
की आहथाक तिक्की(c)/ भी पयााििण को प्रभाहित किती ै। (d)/ िुटीिह त (e)
Q14. चाि घिंटे के आगे (a)/ अब मैं औि (b)/ आपका इिं तजाि (c)/ ि ी िं कि सकता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं ै
(e)
Q15. अगि िाहि समय पि (a)/ घि ि ी िं आ गया तो (b)/ हिि उसिे मुझे (c) क्ोिं य समय हदया। (d)/
कोई िुटी ि ी िं (e)
उत्तर
Sol.यहााँ ‘अपने संघषश क दौरान िगत क्षसंह’ के स्र्ान पर ‘अपने संघषश के दौरान िगत क्षसंह’ का प्रयोग उक्षचत है ।
Sol.यहााँ ‘बढ़ाकर ह्रास कुर्लता से काम करता है ’ के स्र्ान पर ‘बढ़ाकर अक्षधक कुर्लता से काम करता है’ का
प्रयोग उक्षचत है ।
Sol. यहााँ ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक के ज वन’ के स्र्ान पर ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक ज वन’ का
प्रयोग उक्षचत है, यहााँ आधुक्षनक के बाद ‘के’ का प्रयोग अनावश्यक है ।
S5. Ans. (b): यहााँ ‘अि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ के स्र्ान पर ‘कि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ का
प्रयोग उक्षचत है, इस वाक्य में ‘पहले के समय’ के संदिश में ‘अि ि ’ के स्र्ान पर ‘कि ि ’ का प्रयोग सह है ।
S6. Ans. (a): यहााँ ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो चुक है’ के स्र्ान पर ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो
चुका है’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S7. Ans. (b) : यहााँ ‘क्षजसे कोई स मा तक आप’ के स्र्ान पर ‘क्षजसे एक स मा तक आप’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S8. Ans. ( b ): यहााँ ‘तो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह जार करते र्े ’ के स्र्ान पर ‘जो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह
जार करते र्े’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S10. Ans. (b): यहााँ ‘क्षजसमें पै सा जमा करन और उधार दे ना र्ाक्षमल है’ के स्र्ान पर ‘क्षजसमें पै सा जमा करना
और उधार दे ना र्ाक्षमल है ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S11. Ans. (c): यहााँ ‘जनता के अं दर’ के स्र्ान पर ‘जनता में’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S12. Ans. (b): यहााँ ‘वैराग ि समय’ के स्र्ान पर ‘वैराग्य ि समय’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S14. Ans. (a): यहााँ ‘चार घं टे के आगे ’ के स्र्ान पर ‘‘चार घं टे के बाद’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S15. Ans. (b): यहााँ ‘घर नह ं आ गया तो’ के स्र्ान पर ‘घर नह ं आया तो’ का प्रयोग उक्षचत है ।
कबीि िे समाज में ि कि समाज का समीप से हििीक्षण हकया। समाज में िैिे बाह्याडिं बि,
भेदभाि, साम्प्रदाहयकता आहद का उन्होिंिे पुष्ट प्रमाण िेकि ऐसा दॄढ हििोध हकया हक हकसी की
ह म्मत ि ी िं हई जो उिके अकाट्य तको को काट सके। कबीि का व्यक्तक्तत्व इतिा ऊँचा था हक
उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत हकसी में ि ी िं थी। इस प्रकाि उन्होिंिे समाज तथा धमा की
बुिाइयोिं को हिकाि-हिकािकि सबके सामिे िखा, ऊँचा िाम िखकि सिंसाि को िगिे िािोिं के
िकिी चे िोिं को सबको हदखाया औि दीि-दहितोिं को ऊपि उििे का उपदे श दे कि, अपिे
व्यक्तक्तत्व को सुधािकि सबके सामिे एक म ाि आदशा प्रस्तुत कि हसिािंतोिं का हिरूपण
हकया। कमा, सेिा, अह िं सा तथा हिगुाण मागा का प्रसाि हकया। कमाकाण्ड ि मूहता पूजा का हििोध
हकया। अपिी साक्तखयोिं, िमैहियोिं तथा शब्दोिं को बोिचाि की भाषा में िखकि सबके सामिे
एक हिशाि ज्ञािमागा खोिा। इस प्रकाि कबीि िे समन्वयिादी दृहष्टकोण अपिाया औि कथिी-
कििी एकता पि बि हदया। िे म ाि युगिष्टा, समाज सुधािक तथा म ाि कहि थे । उन्होिंिे
ह न्दू -मुक्तिम के बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि दोिोिं को ी शीतिता प्रदाि की।
Q2. गद्ािंश के अिु साि, कबीि के हकस गुण के कािण उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत
हकसी में ि ी िं थी?
(a) गुस्से
(b) व्यक्तिति
(c) प्यार
(d) अक्षिमान
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
QCreator Narayan Singh
8. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसके बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि शीतिता प्रदाि
की?
(a) क्षहन्दू -मु क्तिम
(b) केवल क्षहन्दु ओं
(c) केवल मु क्तिमों
(d) क्षहंदु-ईसाई
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
QCreator Narayan Singh
10. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका पुष्ट प्रमाण िेकि दॄढ हििोध हकया?
(a) कक्षवयों
(b) द न-दक्षलतों
(c) क्षसद्धां तों के क्षनरूपण
(d) बाह्याडं बर, िे दिाव, साम्प्रदाक्षयकता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
11. गद्ािंश के अिु साि, िेखक के हिए क्ा छु पा िेिे िािी चीज़ ै ?
(a) नाटक
(b) कहान
(c) कक्षवता
(d) उपन्यास
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 1
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
QCreator Narayan Singh
14. गद्ािंश के अिु साि, िेखक हकसे शोि या भीड़ के बीच भी पढ़ सकता ै ?
(a) उपन्यास
(b) कहान
(c) कहान और उपन्यास दोनों
(d) कक्षवता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
QCreator Narayan Singh
15. गद्ािंश के अिु साि, िेखक िे मुख्य रूप से हकसके मध्य अिं ति स्पष्ट कििा का प्रयास हकया
ै?
(a) कक्षवता और कहान
(b) कक्षवता और उपन्यास
(c) कहान और उपन्यास
(d) उपन्यास और व्यं ग्य
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
QCreator Narayan Singh
उत्ति
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
QCreator Narayan Singh
सर सैयद अहमद खां एक सुधारवाद नेता र्े। वे ज वन िर-समाज सेवा में लगे रहे । इनका जन्म 17 अक्टू बर सन्
1917 ई. में क्षदल्ल के एक प्रक्षतक्षष्ठत पररवार में हआ। ये अपने क्षपता सैयद मुवक्क के सार् दरबार में जाया करते
र्े। इनका लालन-पालन इनके नाना के घर हआ र्ा। इनक माताज एक धमशक्षनष्ठ तर्ा अनुर्ासन क्षप्रय मक्षहला र् ं
वह सैयद को ि अनुर्ाक्षसत रखत र् ।ं अपन माता से वह बहत प्रिाक्षवत र्े। अपने समय के प्रक्षसद्ध क्षवद्वानों से
इन्होंने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा प्राप्त क । यह उदू श के मर्हर र्ायर गाक्षलब के पास ि जाया करते
र्े। बड़े िाई क मुत्यु के बाद यह बड़े दु ख रहने लगे । दरबार से इन्होंने अपना संबंध तोड़ क्षलया और अं ग्रेज
सरकार क नौकर को तैयार हो गए। उन्होंने कक्षमश्नर के दफ्तर में मुंर् क नौकर क । क्षिर मुंक्षसि क पर िा
पास कर मैनपु र में मुंक्षसि के पद पर क्षनयु ि हए। कुछ समय बाद यह वहां से चले आए। िाई क मृत्यु के कारण
माता बहत दु ख रहत र् । अतः यह उनके पास रहने लगे । इनक क्षनयु क्ति क्षदल्ल में अम न पद पर हो गई। सन्
1857 के क्षवद्रोह को इन्होंने बहत कर ब से दे खा और “िारत य क्षवद्रोह के कारण” नामक पु स्तक क रचना क ।
इस पु स्तक में इन्होंने क्षलखा क्षक िारत यों को कानून बनाने के कायश से दू र रखना ह क्षवद्रोह का मूल कारण है ।
इन्होंने सेना के प्रबं ध में ि सुधार क मााँ ग क । अं ग्रेज सैयद अहमद खां के क्षवचारों से बहत प्रिाक्षवत हए। 1869 में
सैयद ज इं ग्लैंड गए। वहां क क्षर्िा, ज वन प्रणाल का क्षनकट से अध्ययन क्षकया। उनक यह धारणा बन क्षक
अं ग्रेजों क क्षर्िा प्रणाल को अपनाकर ह िारत उन्नक्षत कर सकता है । िारत के वायसराय लाडश क्तक्लंटन ने एक
सम्मेलन बु लाया क्षजसमें वह िारत यों क क्षवचारधारा से पररक्षचत होना चाहते र्े। उस सम्मेलन में केर्वचंद जैन
तर्ा स्वाम दयानंद सरस्वत के सार् सैयद अहमद खां ि र्े। इन्हें वायसराय क क्षवधान सिा का सदस्य बनाया
गया। 1860 में पक्षश्चम उत्तर प्रदे र् में ियानक अकाल पड़ा। कलेक्टर ने राहत कायश इन्हें ह सौंपा। इस कायश को
इन्होंने बड़ क्षजम्मेदार से क्षनिाया।
(a) नाना ने
(b) दाद ने
(c) चाचा ने
(d) मौस ने
(a) वकालत
(b) हक म
(d) कक्षवता
(a) िाई
(b) ताऊ
(c) चाचा
(d) क्षपता
(a) क्षपता का
(b) माता का
(c) नान का
(d) चाचा का
(a) िाई ने
(b) माता ने
(d) ताऊ ने
(b) खौिनाक
(c) बाधक
(d) िासक्षदक
Q8. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘प्रहतहष्ठत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ै?
(a) आदरण य
(b) प्रर्ंक्षसत
(c) क्षवख्यात
(d) सम्माक्षनत
Q9. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘उन्नहत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?
(a) उत्कृष्ट
(c) तरक्क
(d) बढ़त
Q10. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘कािूि’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?
(a) क्षवक्षध
(b) क्षवधान
(c) क्षनयम
(d) क्षसद्धान्त
हिदे श (11-15) : िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के उत्ति दीहजए.
कुछ शब्दोिं को मोटे अक्षिोिं में मुहित हकया गया ै, हजससे आपको कुछ प्रश्नोिं के उत्ति दे िे में स ायता
हमिेगी. हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयु क्त का चयि कीहजए.
क्षवधाता रक्षचत इस सृक्षष्ट का क्षसरमौर है मनुष्य. उसक कार गर का सवोत्तम नमूना. इस मानव को ब्रह्माण्ड का लघु
रूप मानकर िारत य दार्शक्षनकों ने ‘यत् क्षपण्डे तत् ब्रह्माण्डे ’ क कल्पना क र् . उनक यह कल्पना माि कल्पना
नह ं र् , प्रत्युत यर्ार्श ि र् क्योंक्षक मानव-मन में जो क्षवचारणा के रूप में घक्षटत होता है, उस का कृक्षत रूप ह तो
सृक्षष्ट है . मन तो मन, मानव का र्र र ि अप्रक्षतम है . दे खने में इससे िव्य, आकषशक एवं लावण्यमय रूप सृक्षष्ट में
अन्यि कहााँ है. अद् िूत एवं अक्षद्वत य है मानव सौन्दयश. साक्षहत्यकारों ने इसके रूप सौन्दयश के वणशन के क्षलए क्षकतने
ह अप्रस्तु तों का क्षवधान क्षकया है और इस सौन्दयश -राक्षर् से सि को आप्याक्षयत करने के क्षलए उनके काव्यसृक्षष्टयााँ
रच डाल हैं .
साक्षहत्यर्ाक्तियों ने ि इस मानव क िावनाओं का क्षववेचन करते हए अनेक रसों का क्षनरूपण क्षकया है , परन्तु
वैज्ञाक्षनक दृक्षष्ट से क्षवचार क्षकया जाए तो मानव र्र र को एक जक्षटल यं ि से उपक्षमत क्षकया जा सकता है क्षजस प्रकार
यं ि के क्षवक्षिन्न अवयवों में से यक्षद कोई एक अवयव ि क्षबगड़ जाता है तो उसका प्रिाव सारे र्र र पर पड़ता है .
इतना ह नह ं, गु दे जैसे कोमल एवं नाजुक क्षहस्से के खराब हो जाने से यह गक्षतर् ल वपु-यं ि एकाएक अवरूद्ध हो
सकता है, व्यक्ति क मृत्यु हो सकत है . एक अं ग के क्षवकृत होने पर सारा र्र र दक्तण्डत हो, वह काल कवक्षलत हो
(a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है
Q15. कहियोिं के मािि-सौन्दया के िणा ि- ेतू हजस सृ हष्ट का हिमााण हकया ै, उसकी सिं ज्ञा ै-
(a) क्षबम्ब-सृक्षष्ट
(b) काव्य-सृक्षष्ट
(c) उपमान-सृक्षष्ट
उत्तर
S1. Ans. (a) सर सैयद अहमद खां का लालन-पालन नाना ने क्षकया र्ा.
S3. Ans. (d) सैयद मुवक्क का सर सैयद अहमद खां से क्षपता का ररश्ता र्ा.
S5. Ans. (c) उनके समय के मर्हर क्षवद्वानों ने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा सैयद अहमद खां को द .
S9. Ans. (a) उत्कृष्ट र्ब्द का अर्श उत्तम होता है. अत: यह ‘उन्नक्षत’ का समानार्ी नह ं है.
S11. Ans. (b) मानव-मन में जो घक्षटत होता है , वह सृक्षष्ट में घक्षटत होता है
S14. Ans. (a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है
Q10. साह क्तत्यक िचिा के हिए _____ भाषा िोकभाषा का काया किते हए भी उससे हभन्न ोती
ै।
(a) व्याकुल
(b) धरोहर
(c) दू क्षषत
(d) प्रयुि
(e) इनमें से कोई नह ं
Q12. भाषा का प्रयोग दो रूपोिं में हकया जा सकता ै - एक तो सामान्य हजससे िोक में ________
ोता ै तथा दू सिा साह त्य िचिा के हिए, हजसमें प्राय: _________ भाषा का प्रयोग हकया जाता
ै।
(a) कायश, रचनात्मकता
(b) क्षवक्षनमय, काव्यात्मक
(c) व्यवहार, आलं काररक
(d) संचालन, िावात्मक
(e) इनमें से कोई नह ं
Q14. इिं टििे ट हिज्ञाि एििं प्रौद्ोहगकी की श्रेष्टतम सौगातोिं में से एक ै, िेहकि _______ य ै हक
जैसे-जैसे इिं टििे ट मािे जीिि को सुगम ि गहतशीि बिा ि ा ै , िै से-िै से इससे जुड़े खतिोिं की
_______ भी बढ़ती जा ि ी ै ।
(a) क्षववाद, पररिाषा
(b) यर्ार्श , संख्या
(c) क्षवडम्बना, आर्ंका
(d) क्षवकृक्षत, क्तस्र्क्षत
(e) इनमें से कोई नह ं
Q15. हिचाि-हिहिमय के हिए केिि मिु ष् को ी ______ का ििदाि प्राप्त ै , पशु पक्षी अपिे
भाि औि हिचाि शािीरिक ________ औि सिंकेतोिं िािा प्रकट किते ैं ।
(a) व्यं जन, पहचान
(b) कहने, क्तस्र्क्षतयों
(c) क्षववेक, क्षियाओं
(d) वाण , मु द्राओं
(e) इनमें से कोई नह ं
Q1. भाित की आजादी के हिए (a)/ अपिे सिं घषा की दौिाि भगत हसिं (b)/ हजस सिं गिि में सबसे प िे
शाहमि हए थे (c)/ ि ह िंदुस्ताि रिपक्तिकि एसोहसएशि था। (d)/ िुटीिह त(e)
Q2. योग आपके हदि को स्वस्थ बिािे में (a)/ मदद किता ै औि य आपके शिीि (b)/ औि िसोिं में िक्त
के प्रिा को (c)/ बढ़ाकि ह्रास कुशिता से काम किता ै। (d)/ िुटीिह त (e)
Q3. िो सभी प्राकृहतक चीजें जो पृथ्वी पि (a)/ जीिि सिं भि बिाती ैं (b)/ पयााििण के अिंतिगता आता ैं
जैसे हक (c)/ जि, िायु , सू या का प्रकाश, भू हम, अहि, िि, पशु, पौ िंधें, इत्याहद।(d)/ िुटीिह त(e)
Q4. हिज्ञाि औि प्रौद्ोहगकी आधुहिक के जीिि (a)/ में म त्वपूणा भू हमका हिभाता ै (b)/ औि इसिे
मािि सभ्यता को (c)/ ग िाई में जाकि प्रभाहित हकया ै। (d)/ िुटीिह त (e)
Q5.प िे के समय में िड़हकयोिं की हशक्षा को (a) अभी भी आिश्यक ि ी िं मािा गया था (b)/ िेहकि समय
गुज़ििे के साथ िोगोिं िे (c)/ िड़हकयोिं की हशक्षा का म त्व म सू स हकया ै। (d)/ िुटीिह त
Q6. आज िैहश्वक स्ति पि य हसि ो चु की ै (a)/ हक ह िंदी भाषा अपिी (b) हिहप औि उच्चािण के
हि ाज से (c)/ सबसे शुि औि हिज्ञाि सम्मत भाषा ै।(d)/ िुटीिह त(e)
Q7. ज ाँ तक सामाहजक इहत ास की बात ै,(a)/ हजसे कोई सीमा तक आप (b)/ सािंस्कृहतक इहत ास
क सकते ैं,(c)/ उसमें साह त्य का प्रचु ि प्रयोग हआ ै।(d)/ िुटीिह त(e)
Q8. ईिंधि को शुरू में उि पदाथों के रूप में प चािा जाता था (a)/ तो केिि िासायहिक ऊजाा ी जािी
किते थे (b)/ ािािंहक जल्द ी उि पदाथों को इस श्रेणी में (c)/ शाहमि कि हिया गया जो पिमाणु ऊजाा
का उत्पादि किते थे ।(d)/ िुटीिह त(e)
Q10. बैंहकिंग प्रणािी ि प्रणािी ै(a)/ हजसमें पैसा जमा कििी औि उधाि दे िा शाहमि ै(b)/ य प्रहक्रया
दु हिया के हिहभन्न ह स्सोिं में(c)/ सहदयोिं प िे शुरू की गई थी।(d)/ िुटीिह त (e)
Q11. िेताजी िािा (a) िागू की गई इस प्रणािी से (b)/ जिता के अिंदि (c)/ असिं तोष फ़ैि गया ै।(d)/
िुटीिह त (e)
Q12. म ात्माओिं का (a)/ िैिाग भी समय (b)/ के परििताि की अपेक्षा (c) ि ी िं िखता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं
(e)
Q13. पयााििण औि आहथाक हिकास (a)/एक-दू सिे से पिस्पि जुड़े हए ै, ि ी दू सिी तिि (b)/ एक दे श
की आहथाक तिक्की(c)/ भी पयााििण को प्रभाहित किती ै। (d)/ िुटीिह त (e)
Q14. चाि घिंटे के आगे (a)/ अब मैं औि (b)/ आपका इिं तजाि (c)/ ि ी िं कि सकता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं ै
(e)
Q15. अगि िाहि समय पि (a)/ घि ि ी िं आ गया तो (b)/ हिि उसिे मुझे (c) क्ोिं य समय हदया। (d)/
कोई िुटी ि ी िं (e)
उत्तर
Sol.यहााँ ‘अपने संघषश क दौरान िगत क्षसंह’ के स्र्ान पर ‘अपने संघषश के दौरान िगत क्षसंह’ का प्रयोग उक्षचत है ।
Sol.यहााँ ‘बढ़ाकर ह्रास कुर्लता से काम करता है ’ के स्र्ान पर ‘बढ़ाकर अक्षधक कुर्लता से काम करता है’ का
प्रयोग उक्षचत है ।
Sol. यहााँ ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक के ज वन’ के स्र्ान पर ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक ज वन’ का
प्रयोग उक्षचत है, यहााँ आधुक्षनक के बाद ‘के’ का प्रयोग अनावश्यक है ।
S5. Ans. (b): यहााँ ‘अि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ के स्र्ान पर ‘कि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ का
प्रयोग उक्षचत है, इस वाक्य में ‘पहले के समय’ के संदिश में ‘अि ि ’ के स्र्ान पर ‘कि ि ’ का प्रयोग सह है ।
S6. Ans. (a): यहााँ ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो चुक है’ के स्र्ान पर ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो
चुका है’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S7. Ans. (b) : यहााँ ‘क्षजसे कोई स मा तक आप’ के स्र्ान पर ‘क्षजसे एक स मा तक आप’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S8. Ans. ( b ): यहााँ ‘तो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह जार करते र्े ’ के स्र्ान पर ‘जो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह
जार करते र्े’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S10. Ans. (b): यहााँ ‘क्षजसमें पै सा जमा करन और उधार दे ना र्ाक्षमल है’ के स्र्ान पर ‘क्षजसमें पै सा जमा करना
और उधार दे ना र्ाक्षमल है ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S11. Ans. (c): यहााँ ‘जनता के अं दर’ के स्र्ान पर ‘जनता में’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S12. Ans. (b): यहााँ ‘वैराग ि समय’ के स्र्ान पर ‘वैराग्य ि समय’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S14. Ans. (a): यहााँ ‘चार घं टे के आगे ’ के स्र्ान पर ‘‘चार घं टे के बाद’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S15. Ans. (b): यहााँ ‘घर नह ं आ गया तो’ के स्र्ान पर ‘घर नह ं आया तो’ का प्रयोग उक्षचत है ।
कबीि िे समाज में ि कि समाज का समीप से हििीक्षण हकया। समाज में िैिे बाह्याडिं बि,
भेदभाि, साम्प्रदाहयकता आहद का उन्होिंिे पुष्ट प्रमाण िेकि ऐसा दॄढ हििोध हकया हक हकसी की
ह म्मत ि ी िं हई जो उिके अकाट्य तको को काट सके। कबीि का व्यक्तक्तत्व इतिा ऊँचा था हक
उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत हकसी में ि ी िं थी। इस प्रकाि उन्होिंिे समाज तथा धमा की
बुिाइयोिं को हिकाि-हिकािकि सबके सामिे िखा, ऊँचा िाम िखकि सिंसाि को िगिे िािोिं के
िकिी चे िोिं को सबको हदखाया औि दीि-दहितोिं को ऊपि उििे का उपदे श दे कि, अपिे
व्यक्तक्तत्व को सुधािकि सबके सामिे एक म ाि आदशा प्रस्तुत कि हसिािंतोिं का हिरूपण
हकया। कमा, सेिा, अह िं सा तथा हिगुाण मागा का प्रसाि हकया। कमाकाण्ड ि मूहता पूजा का हििोध
हकया। अपिी साक्तखयोिं, िमैहियोिं तथा शब्दोिं को बोिचाि की भाषा में िखकि सबके सामिे
एक हिशाि ज्ञािमागा खोिा। इस प्रकाि कबीि िे समन्वयिादी दृहष्टकोण अपिाया औि कथिी-
कििी एकता पि बि हदया। िे म ाि युगिष्टा, समाज सुधािक तथा म ाि कहि थे । उन्होिंिे
ह न्दू -मुक्तिम के बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि दोिोिं को ी शीतिता प्रदाि की।
Q2. गद्ािंश के अिु साि, कबीि के हकस गुण के कािण उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत
हकसी में ि ी िं थी?
(a) गुस्से
(b) व्यक्तिति
(c) प्यार
(d) अक्षिमान
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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8. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसके बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि शीतिता प्रदाि
की?
(a) क्षहन्दू -मु क्तिम
(b) केवल क्षहन्दु ओं
(c) केवल मु क्तिमों
(d) क्षहंदु-ईसाई
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
QCreator Narayan Singh
10. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका पुष्ट प्रमाण िेकि दॄढ हििोध हकया?
(a) कक्षवयों
(b) द न-दक्षलतों
(c) क्षसद्धां तों के क्षनरूपण
(d) बाह्याडं बर, िे दिाव, साम्प्रदाक्षयकता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
11. गद्ािंश के अिु साि, िेखक के हिए क्ा छु पा िेिे िािी चीज़ ै ?
(a) नाटक
(b) कहान
(c) कक्षवता
(d) उपन्यास
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 1
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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14. गद्ािंश के अिु साि, िेखक हकसे शोि या भीड़ के बीच भी पढ़ सकता ै ?
(a) उपन्यास
(b) कहान
(c) कहान और उपन्यास दोनों
(d) कक्षवता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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15. गद्ािंश के अिु साि, िेखक िे मुख्य रूप से हकसके मध्य अिं ति स्पष्ट कििा का प्रयास हकया
ै?
(a) कक्षवता और कहान
(b) कक्षवता और उपन्यास
(c) कहान और उपन्यास
(d) उपन्यास और व्यं ग्य
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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उत्ति
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q1. इतिे हदि की (a)/ उदासी के बाद (b)/ उसके च िे पि (c)/ आज ँ सी हदखाई पड़ी ै । (d)/
कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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Q2. दे खो, यहद आप अपिी (a)/ औि अपिी परििाि की (b)/ भिाई चा ते ो तो (c)/ तु िन्त य ाँ
से चिे जाओ। (d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
QCreator Narayan Singh
Q3. जब से हमिाई (a)/ घि में आई ै (b)/ तभी से हमिाई खािे के हिए (c)/ िहि सत्याग्र कि
ि ा ै । (d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
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Q4. घि की सभी (a)/ सदस्ोिं से य (b)/ अपेहक्षत ै हक िे (c)/ सद्भाििा से ि ें । (d)/ कोई िुहट
ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
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Q5. कामकाज हकतिा भी ै (a)/ िेहकि व्यक्तक्त को (b)/ खािा समय पि ी (c)/ खा िेिा
चाह ए। (d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
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7. जब य कत्ल हआ (a)/ तभी याहियोिं का (b)/ एक झुिंड (c)/ ि ाँ से गुज़ि ि ा था। (d)/ कोई
िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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8. म िोग को (a)/ उस सैि में (b)/ जो आिन्द आया (c)/ ि िणािातीत ै । (d)/ कोई िुहट ि ी िं
(e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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9. अचािक उिका य (a)/ अिािश्यक प्रश्न सुिकि (b)/ मेिा पािा एकदम (c)/ चढ़ चुका था।
(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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10. इस पुस्तक के हिकास में (a)/ अिे क अध्यापक, हशक्षाहिदोिं (b)/ का स योग (c)/ हमिा ै ।
(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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11.सच्चा िीि ै (a)/ जो कभी युि से (b)/ पीि हदखाकि दौड़ ि ी िं जाता (c)/ बक्ति शिु का
डटकि सामिा किता ै ।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
QCreator Narayan Singh
12.आजकि भाित के(a)/ कािखािोिं से एक से(b)/ बढ़कि श्रेष्ठतम िस्तुएिं(c)/ बिकि हिकि ि ी
ै ।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
13.छायािादी कहि श्री म ादे िी िमाा िे (a)/ केिि काव्य की िचिा(b)/ ि ी िं की िे सिि गद्(c)/
िेक्तखका भी थी(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
QCreator Narayan Singh
14.साह त्य िचिा के हिए प्रयुक्त(a) भाषा िोक भाषा की (b) काया किते हए भी (c)उससे हभन्न
ोती ै ।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
QCreator Narayan Singh
15. कम्पिी िािा हिधाारित(a)/ िये िीहतयोिं से िोगोिं को(b)/ कािी पिे शािी का (c)/सामिा
कििा पड़ा।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
QCreator Narayan Singh
उत्ति
प्रश्न1. गद्ािंश के अिु साि, आधु हिक युग में हकसके हबिा जीिि की कल्पिा कििा सिंभि ि ी िं
ि गया ै ?
(a) क्षवकक्षसत पररवेर्
(b) तकन क
(c) आधु क्षनक ज वन र्ैल
प्रश्न2. गद्ािंश के अिु साि, िता माि में आधु हिक व्यक्तक्त क ाँ व्यस्त ै ?
(a) कायों में व्यस्त हैं
(b) आधु क्षनक उपकरणों में व्यस्त हैं
(c) a और b दोनों
(d) सुखों को िोगने में व्यस्त है ,
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTag अपक्षित गद्ां र् /पद्ां र्
प्रश्न5. गद्ािंश के अिु साि, कुछ दशक प िे छु हियोिं के हदि मैदािोिं पि पैि िखिे के हिए भी
जग क्ोिं ि ी िं हमि पाती थी?
(a) मै दान नह ं र्े
(b) मै दानों में अनेक सामू क्षहक कायशक्रम हआ करते र्े
(c) मै दानों का रख-रखाव सह नह ं होता र्ा
(d) बच्े खेलने के क्षलए अक्षधक उत्सुक हआ करते र्े
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न6. गद्ािंश के अिु साि, बच्चोिं में हमिता की भाििा औि आपसी भाईचािा कैसे बढ़ता ै ?
(a) एक-दू सरे को वाट् सअप करने से
(b) सार् खेलने से
(c) सार् रहने से
(d) एक-दू सरे के क्षलए अपने सुखों का त्याग करने से
(e) इनमें से कोई नह ं
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QTag अपक्षित गद्ां र् /पद्ां र्
प्रश्न7. गद्ािंश के अिु साि, िता माि समय में एक-दू सिे व्यक्तक्त के प्रहत क्ा कम ोता जा ि ा ै ?
(a) ऋणात्मक लगाव
(b) सकारात्मक लगाव
(c) व्यावहाररक लगाव
(d) िावनात्मक लगाव
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न8. गद्ािंश के अिु साि, िता माि समय में बच्चे, माता-हपता से बात कििे की बजाय अब क्ा
कििा पसिंद किते ैं ?
(a) मोबाइल पर चै ट करना
(b) मै दान पर खेलना
(c) पढ़ना
(d) क्षवक्षिन्न स्र्लों पर घूमना
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न9. गद्ािंश के अिु साि, तकिीक के अत्यहधक प्रयोग से मिु ष् क्ा ोता जा ि ा ै ?
(a) तनाव ग्रस्त
(b) सृजनात्मकता र्ून्य
(c) िावनार्ून्य
(d) क्षवचारह न
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न11. मिु ष् हकस कािण प्राचीि काि से ि हकसी पि शासि किता आया ै ?
(a) बाहबल के कारण
(b) बुक्तद्धज व होने के कारण
(c) परोपकार होने के कारण
(d) क्षचंतन क र्क्ति के कारण
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न12. गद्ािंश के अिु साि, हकस कािण से क्तखिाड़ी में आत्म-हिभाि ोिे की भाििा जागृत ोती
ै?
(a) व्यायाम से
(b) क्षर्िा से
(c) खेलों से
(d) a, b और c सि से
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न13. गद्ािंश के अिु साि, प्राचीि काि में आश्रमोिं में हिद्ाहथा योिं के खेि हकस दृहष्ट से म त्वपूणा
ोते थे ?
(a) मानक्षसक दृक्षष्ट से
(b) र्ार ररक दृक्षष्ट से
(c) युद्ध दृक्षष्ट से
(d) ि डा दृक्षष्ट से
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न15. गद्ािंश के अिु साि, िाष्टरीयता औि अन्तिााष्टरीयता की भाििा का उदय हकससे ोता ै ?
(a) व्यायाम से
(b) क्षर्िा से
(c) खेलों से
(d) पुरुषार्श से
(e) इनमें से कोई नह ं
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उत्ति-
S1. Ans. (b):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, आधु क्षनक युग में तकन क के क्षबना ज वन क कल्पना करना संिव नह ं रह
गया है ।
S2. Ans. (c):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, वतश मान में आधु क्षनक व्यक्ति कायों में और आधु क्षनक उपकरणों में व्यस्त हैं ।
S3. Ans. (c):
Sol. ज वन को सुख और सुरक्षित बनाने के क्षलए मनुष्य आक्षवष्कार कर रहा है ।
S4. Ans. (b):
Sol. आधु क्षनक तकन क क चकाचौंध में मानव य संवेदनाओं का मजाक बन गया है ।
S5. Ans. (d):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, कुछ दर्क पहले छु क्षियों के क्षदन मै दानों पर पैर रखने के क्षलए ि जगह
इस क्षलए नह ं क्षमल पात र् क्योंक्षक बच्े खेलने के क्षलए अक्षधक उत्सुक हआ करते र्े ।
S6. Ans. (b):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, बच्ों में क्षमिता क िावना और आपस िाईचारा सार् खेलने से बढ़ता है ।
S7. Ans. (d):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, वतश मान समय में एक-दू सरे व्यक्ति के प्रक्षत िावनात्मक लगाव कम होता जा
रहा है ।
S8. Ans. (a):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, वतश मान समय में बच्े , माता-क्षपता से बात करने क बजाय अब मोबाइल पर
चै ट करना करना पसंद करते हैं ।
S9. Ans. (c):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, तकन क के अत्यक्षधक प्रयोग से मनुष्य िावनार्ून्य होता जा रहा है ।
S10. Ans. (b):
Sol. गद्ां र् में प्रयुि र्ब्द ‘क्षनिश र’ के क्षलए प्रच्छन्न र्ब्द समानार्ी अर्श नह ं दे ता है ।
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