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IBPS RRB PO/ Clerk ह िं दी भाषा Questions Paper PDF

SET 1
हिदे श (1-10) िीचे हदए गए प्रत्येक परिच्छे द में कुछ रिक्त स्थाि छोड़ हदए गए ैं तथा उन्हें प्रश्न
सिंख्या से दशााया गया ै । ये सिंख्याएँ परिच्छे द के िीचे मुहित ैं , औि प्रत्येक के सामिे (a), (b),
(c), (d) औि (e) हिकल्प हदए गए ैं । इि पाँचोिं में से कोई एक इस रिक्त स्थाि को पूिे परिच्छे द
के सिंदभा में उपयुक्त ढिं ग से पूिा कि दे ता ै । आपको ि हिकल्प ज्ञात कििा ै औि उसका
क्रमािंक ी उत्ति के रूप में दशाािा ै । आपको हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयुक्त का चयि
कििा ै ।

हकसी भी पद्ािंश के मुख्य भाि या हिचाि को हबिा छोड़े ...(1)... में हिखिा साि िेखि क ा
जाता ै । हकसी भी हिस्तृत िेख अथिा आख्याि आहद के साि में हिह त तथ्ोिं एििं सूचिाओिं को
सिि, ...(2).... भाषा में इस प्रकाि प्रस्तुत कििा ोता ै हक मूि ...(3)... की मुख्य बातें उसके
एक-हत ाई ह स्से में ी आ जायें। साि-िेखि में आपकी भाषा की समझ औि ...(4)... क्षमता की
पिख ोती ै, अतः इि दोिोिं में ी हिखाि िािे की आिश्यकता ोती ै । इस प्रकाि की किा में
कुशिता प्राप्त कििे के हिये ...(5)... अभ्यास, धै या औि अटू ट हिश्वास की आिश्यकता ोती ै ।
साि-िेखि में आप पूिी ति से बिंधे ि ते ैं , ...(6)... से खेि ि ी िं सकते । साि-िेखि के हिये
आप अिु च्छेद को दो-तीि-चाि बाि पढ़ डािें औि हिि ...(7)... किें । साि हिखते समय सभी
हबन्दु ओिं का ...(8)... िे जािा आिश्यक ै ।
साि -िेखि के हिये आप में कुशाग्र बुहि, एकाग्र-हचत्तता, ...(9)... हिषयोिं का हिशद ज्ञाि,
समा ाि शक्तक्त, अहभव्यक्तक्त में स्पष्टता, भाषा पि अहधकाि औि हििन्ति अभ्यास कििे जैसे
...(10)... गुण ोिे चाह ये। तब ी आप सिि साि िेखि कि सकते ैं ।

Q1.
(a) संक्षिप्त
(b) संिेप
(c) संिेपण
(d) सार
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q2.
(a)सुबोध

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(b) दु बोध
(c) अबोध
(d) सुगम
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q3.
(a)उदाहरण
(b) अवतरण
(c) क्षवषय
(d) उद्वरण
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q4.
(a)अक्षिव्यक्ति
(b) पुनरूक्ति
(c) प्रदर्शन
(d) प्रस्तु क्षत
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q5.
(a)साक्तिक
(b) सतत
(c) क्षवर्द
(d) क्षनरन्तर
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q6.
(a)कल्पना
(b) क्षवचारों
(c) कलात्मकता
(d) दू रदक्षर्शता
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q7.
(a)प्रयास
(b) र्ुरू
(c) अभ्यास

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(d) समाप्त
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q8.
(a)समाप्त
(b) क्षवलु प्त
(c) समाक्षहत
(d) प्रवाक्षहत
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q9.
(a)ज्ञान
(b) क्षवज्ञान
(c) अज्ञान
(d) सूक्ष्म
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q10.
(a)उत्तम
(b) उक्षचत
(c) र्ुरू
(d) अनुक्षचत
(e) इनमें से कोई नह ।ं

हिदे श (11-15) िीचे हदए गए प्रत्येक परिच्छे द में कुछ रिक्त स्थाि छोड़ हदए गए ैं तथा उन्हें प्रश्न
सिंख्या से दशााया गया ै । ये सिंख्याएँ परिच्छे द के िीचे मुहित ैं , औि प्रत्येक के सामिे (a), (b),
(c), (d) औि (e) हिकल्प हदए गए ैं । इि पाँचोिं में से कोई एक इस रिक्त स्थाि को पूिे परिच्छे द
के सिंदभा में उपयुक्त ढिं ग से पूिा कि दे ता ै । आपको ि हिकल्प ज्ञात कििा ै औि उसका
क्रमािंक ी उत्ति के रूप में दशाािा ै । आपको हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयुक्त का चयि
कििा ै ।

कम्प्यूटि के केन्द्रीय सिंसाधि एकक का हिमााण हकसी िे हसहिकि क िे िि से प्रािम्भ हकया


था। य बड़ा िगभग दो इिं च ...(11)... हसहिकि का ...(12)... हक्रस्टि ोता ै । िे िि को छोटे
...(13)... टु कड़ोिं में काट हिया जाता ै हजसे हचप्स क ते ैं । इि हचप्स से हिहशष्ट हबिंदु पि
हियिंहित ...(14)... से सिंहचत कि आिश्यकतािु साि टर ाहजस्टिोिं, डायोडोिं एििं अन्य ...(15)... की
पयााप्त सिंख्या तै याि की जाती ै । अिं त में इि सभी योजिाओिं केा सोिे के पतिे ताि से हचप पि
जोड़ हदया जाता ै ।

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Q11.
(a) पररक्षध
(b) आकार
(c) आयताकार
(d) वृत्त
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q12.
(a) क्षनमश ल
(b) दोषरक्षहत
(c) क्षवर्ुद्ध
(d) र्ुद्ध
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q13.
(a) आयत
(b) आयताकार
(c) औसत
(d) क्षनराकार
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q14.
(a) अर्ुक्तद्धयों
(b) क्षबन्दु ओं
(c) केन्द्ों
(d) दोषों
(e) इनमें से कोई नह ।ं

Q15.
(a) संरचनाओं
(b) योजनाओं
(c) उपकरणों
(d) पररयोजनाओं
(e) इनमें से कोई नह ।ं

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व्याख्या सह त उत्ति

1.(b) क्षकस ि पद्ां र् एवं गद्ां र् के मु ख्य, िाव या क्षवचार को क्षबना छोड़े ‘संिेप’ में क्षलखना सार ले खन
कहा जात है ।
2.(a) सुबोध से तात्पयश सरल ढं ग से समि में आना है । ‘‘सूचनाओं को सरल, ‘सुबोध’ िाषा में इस प्रकार
प्रस्तु त करना होता है ।’’
3.(b) अवतरण का तात्पयश मू ल गद्ां र् या पद्ां र् से है । ‘‘मू ल ‘अवतरण’ क मु ख्य बातें उसके एक
क्षतहाई क्षहस्से में ह आ जायें।’’
4.(a) अक्षिव्यक्ति का तात्पयश क्षकस बात को समझोने से है । ‘‘िाषा क समझ और ‘अक्षिव्यक्ति’ िमता
क परख होत है ।’’
5.(b) सतत का अर्श क्षनरन्तर चलते रहना है । ‘‘कुर्लता प्राप्त करने के क्षलए ‘सतत’ अभ्यास, धै यश और
अटू ट क्षवश्वास क आवश्यकता होत है ।’’
6.(a) कल्पना का अर्श मक्तस्तष्क में आई अप्राकृक्षतक बातों से हैं । ‘‘ आप पूर तरह से बंधे रहते हैं
‘कल्पना’ से खेल नह ं सकते ।
7.(c) ‘‘आप अनुच्छेद को दो-त न-चार बार पढ़ डालें और क्षिर ‘अभ्यास’ करें ’’।
8.(c) कई बातों को एक-दू सरे में क्षमला दे ने को समाक्षहत कहते हैं । ‘‘सि क्षबन्दु ओं का समाक्षहतत’ हो
जाना आवश्यक है ।’’
9.(a) ज्ञान का अर्श कई क्षवषयों या क्षबन्दु ओं के सम्बन्ध में जानकार होना। ‘‘कुर्ाग्र बुक्षद्व, एकाग्र क्षचत्तता,
‘ज्ञान’ क्षवषयों का क्षवर्द् ज्ञान, समाहार र्क्ति, है ।’’
10.(a) उत्तम का अर्श श्रेष्ठ है । ‘‘क्षनरन्तर अभ्यास करने जैसे ‘उत्तम’ गुण होने चाक्षहए।“
11.(a) यह बड़ा लगिग दो इं च ‘पररक्षध’
12.(c) क्षसक्षलकाॅन का ‘क्षवर्ुद्ध’ क्षिस्टल होता है ।
13.(b) वेिर को छोटे ‘आयताकार’ टु कड़ों में काट क्षलया जाता है क्षजसे क्षचप्स कहते हैं ।
14.(a) इन क्षचप्स से क्षवक्षर्ष्ट क्षबन्दु पर क्षनयंक्षित ‘अर्ुक्तद्धयों’ से संक्षचत कर आवश्यकतानुसार
15.(b) टर ाक्षजस्टरों, डायोडों एवं अन्य ‘योगनाओं’ क पयाश प्त संख्या तै यार क जात है ।

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SET 2
हिदे श (1-15) : हिम्नहिक्तखत प्रश्नोिं में हदए गये िाक्ािं शोिं के हिए एक शब्द का चयि किें । प्रत्येक
के हिए चाि हिकल्प शब्द हदए गए ैं , हजिमें से आपको उपयुक्त शब्द का चयि कििा ै ।

Q1. ि स्थाि जो पृथ्वी, चिंिमा, सूया आहद िोकोिं के मध्य क्तस्थत ोः


(a) क्षिक्षतज
(b) अन्तररि
(c) द् युलोक
(d) आकार्
(e) अनवसेय

Q2. हजसके पास कुछ िा ो


(a) अक्षकंचन
(b) क्षनधश न
(c) नंगा
(d) दररद्र
(e) अवैध

Q3. मोक्ष की इच्छा कििे िािा


(a) क्षजज्ञासु
(b) योग
(c) आक्तस्तक
(d) मु मुि
(e) मनुष्योक्षचत

Q4. ‘‘बििाि के अन्याय से उत्पन्न भय’’ के हिए उपयुक्त शब्द ोगाः


(a) िास
(b) दण्ड
(c) आतं क
(d) अत्याचार
(e) दु दशर्ा

Q5. हजसे िशिती बिािा कहिि ो-


(a) स्वावलं ब
(b) दु लशि
(c) दु धशषश
(d) होनहार

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Q6. जो हकसी पि अहभयोग िाता ो-
(a) अक्षियन्ता
(b) प्रक्षतवाद
(c) वाद
(d) याचक

Q7. तै ििे की इच्छा -


(a) क्षपपासा
(b) बुिुिा
(c) क्षजग षा
(d) क्षतत षाश

Q8. सािंझ औि िात के बीच का समय-


(a) मातं ड
(b) पूवाश ह्न्
(c) गोधू क्षल
(d) ऊष्मा

Q9. हजसका हिभाजि ि हकया जा सके


(a) अखक्तण्डत
(b) अक्षविाज्य
(c) अक्षविि
(d) अखण्ड

Q10. ज ाँ पहँ चिा कहिि ो


(a) दु गशम
(b) अगम
(c) सुगम
(d) अगेय

Q11. हिियपूिाक हकया गया ि, ै ः


(a) अनुरोध
(b) क्षवनम्रता
(c) अनुबोध
(d) आग्रह

Q12. ‘ मि का िुभािे िािी िस्तु’


(a) सुन्दर
(b) चारू

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(c) रूक्षचर
(d) मनोहर
(e) इनमें से कोई नह ं

Q13. ‘‘हजसका अिु भि हकया गया ो-’’


(a) अनुिूत
(b) अद् िू त
(c) आचार
(d) क्षवचार
(e) इनमें से कोई नह ं

Q14. ‘‘हजसका ऋण हिया ो’’


(a) ऋणदाता
(b) अदाता
(c) कजशदाता
(d) कजशदार
(e) इनमें से कोई नह ं

Q15.‘उहचत से कम मूल्य िगािा’ िाक्ािंश के हिये हदये गये हिकल्पोिं में से उपयुक्त शब्द चुहिएः
(a) मू ल्ां कन
(b) मु ल्ां कन
(c) अक्षधमू ल्न
(d) क्षनमूश ल्
(e) अवमू ल्न

उत्ति

1. (b); वह स्र्ान जो पृथ्व , चन्द्मा - अन्तररि एवं सूयश आक्षद लोकों के मध्य क्तस्र्त हो
जहााँ धरत और आकार् क्षमलते - क्षिक्षतजक्षदखाई दे ते हों

2. (a); क्षजसके पास कुछ न हो - अक्षकंचन


क्षजसके पास धन न हो - क्षनधश न
जो क्षवक्षध के क्षवरुद्ध हो - अवैध

3. (d); मोि क इच्छा रखने वाला - मु मुिु


क्षजसक ईश्वर में आस्र्ा हो - आक्तस्तक
जानने क इच्छा रखने वाला - क्षजज्ञासु

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योग करने वाला - योग

4. (c); बलवान के अन्याय से उत्पन्न - 'आतं क' िय


क्षकस अपराध के क्षलए द जाने – दण्ड वाल सजा

5. (c); क्षजसे वर्वती बनाना कक्षिन - दु धशषश हो


न टलने वाल घटना - होनहार
अपने ऊपर क्षनिश र रहने वाला - स्वावलं ब
जो कक्षिनाई से क्षमलता है - दु लशि

6. (c); जो क्षकस पर अक्षियोग लाता हो के क्षलए 'वाद ' एवं क्षकस वाद का क्षवरोध करने वाले के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'प्रक्षतवाद ' है ।

7. (d); तै रने क इच्छा के क्षलए 'क्षतत षाश' खाने क इच्छा के क्षलए 'बुिुझा' एवं ज तने क इच्छा के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'क्षजग षा' है ।

8. (c); सां झ और रात के ब च के समय के क्षलए 'गोधू क्षल' एवं दोपहर से पहले के समय के क्षलए उपयुि
र्ब्द 'पूवाश ह्न' है ।

9. (b); क्षजसका क्षविाजन न क्षकया जा सके के क्षलए उपयुि र्ब्द 'अक्षविाज्य' है ।

10. (a); जहााँ पहाँ चना कक्षिन हो - दु गशम


जहााँ पहाँ चना सरल हो - सुगम
जो गाने योग्य न हो - अगेय

11. (d); क्षवनयपूवशक क्षकया गया हि के क्षलए उपयुि र्ब्द 'आग्रह' एवं नम्रतापूवशक कह गय बात के
क्षलए उपयुि र्ब्द 'क्षवनम्रता' है ।

12. (d); मन को लु िाने वाल वस्तु के क्षलए उपयुि र्ब्द 'मनोहर' होगा।

13. (a); क्षजसका अनुिव क्षकया गया हो के क्षलए 'अनुिूत' एवं जो आश्चयशजनक हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'अद् िु त' है ।

14. (1) क्षजसका ऋण क्षलया हो के क्षलए का 'ऋणदाता' और क्षजसने ऋण क्षलया हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'ऋण ' है ।

15. (e); उक्षचत से कम मू ल् लगाने के क्षलए 'अवमू ल्न' एवं उक्षचत से अक्षधक मू ल् बढ़ाने के क्षलए र्ब्द
'अक्षधमू ल्न' है ।

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SET 3
हिदे श(1 से 5) : िीचे हदये गये अिुच्छेद को पहढ़ए औि उत्ति दे िे के हिए स ी हिकल्प का चयि
कीहजए :

अिं त में मैंिे क ा- भाइयोिं! म अपिी प्राथहमक पािशािा में इससे भी अहधक काम कि सकते
ैं । इतिा काम कि सकते ैं हक िता माि प्राथहमक हशक्षा का रूप ी बदि जाए, कायापिट ी
ो जाए। िेहकि बात य ै हक इसके हिए काम कििे िािोिं की जरूित ै । दु हिया की जो सूित
आज ै , ि प िे ि ी िं थी - सूित बदििे का य काम मिु ष्ोिं िे ी तो हकया ै ि ! आिश्यकता
ै िगि की, प्रखि आत्महिश्वास की, अखिंड एकहिष्ठा की। य जरूिी ि ी िं ै हक अिं ग्रेजी पढ़े -
हिखे ी अच्छे प्रयोग कि सकें। य तो थोथी बात ै। जब आदमी कुछ कििा ि ी िं चा ता, तब
ऐसे ी ब ािे बिाता ै । सच्ची चीज तो हदि की िगि ै । ि िगि, जो हकसी चीज के हिए
तड़पिे िािी मािी आत्मा से में प्राप्त ोती ै । औि चिंपकिाि जी ! परिणाम की हचिंता तो
प्रयोग कििे िािे को हजतिी ोती ै, उतिी दू सिोिं को कभी ो ी ि ी िं सकती। आप िे ति-िृ क्ति
की इच्छा से अच्छे परिणाम की चेष्टा किते ैं औि मैं प्रयोग के हिए प्रयोग किता हँ हजससे मेिा
उद्दे श्य हसि ो औि कायाक्षेि व्यापक बिे । मुझे हचिं ता ि ती ै हक क ी िं मेिी हिष्फिता मेिे बाद
के प्रयोग कििे िािोिं के हिए बाधक ि बि जाए।

Q1. हकसी भी क्तस्थहत को बदििे के हिए कैसे िोगोिं की जरूित ोती ै ?


(a) जो क्षनष्ठापूवशक हर काम करते हैं
(b) जो अंग्रेज िाषा जानते हैं
(c) जो पररश्रम करते हैं
(d) क्षजनके क्षदल में लगन होत है

Q2. अिं ग्रेजी पढ़े -हिखे ी अच्छे प्रयोग कि सकते ैं , य कथि :


(a) सह हो सकता है
(b) सह है
(c) िाक्षषक पूवाश ग्रहों से ग्रक्षसत है
(d) अंग्रेज क महत्ता को दर्ाश ता है ।

Q3. उपयुाक्त अिु च्छेद में 'सूित' का अथा


(a) काया
(b) रूप
(c) क्तस्र्क्षत
(d) दु दशर्ा

Q4. िेखक का क्ा उद्दे श्य ै ?


(a) लोग काम करें

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(b) लोग प्रयोग करें
(c) बाधाओं को समाप्त करना
(d) क्तस्र्क्षतयों में बदलाव लाना

Q5. सामान्यतः िोग अच्छे परिणाम क्ोिं चा ते ैं ?


(a) दु क्षनया को बदलने के क्षलए
(b) धनाजशन के क्षलए
(c) प्रयोग क सिलता के क्षलए
(d) अपन प्रक्षतष्ठा के क्षलए

हिदे श : िीचे हदये गये अिु च्छेद को पहढ़ए औि प्रश्न (6 से 11) तक के हिए स ी हिकल्प का चयि
कीहजए:

मैंिे क ा, आज आप केिि छमा ी औि सािािा पिीक्षा िेते ैं । इसके बदिे माहसक पिीक्षा
िेिा शुरू कीहजए। यहद हिद्ाथी के हिए पिीक्षा की कसौटी पि कसा जािा आिश्यक ी ै तो
पिीक्षा का हजतिा हिशेष परिचय उसे ोगा, उसका िास उतिा ी घटे गा। अहत परिचय से िास
भी स ि कििे योग्य बि जाता ै । दू सिे , कमजोि हिद्ाहथा योिं को जगािे के हिए तथा उिकी
कमजोिी का िीक पता िगािे के हिए िी जाए। तीसिे , हजि हिद्ाहथा योिं को हिश्वास ो हक िे
अपिे हिषय को जािते ैं , उन्हें पिीक्षा से मुक्त िखा जाए। हिद्ाथी स्वेच्छा से अपिी कमजोिी
की जाँच के हिए पिीक्षा दें औि उन्हें समझा हदया जाए हक जो अपिी कमजोिी की जाँच ि ी िं
किे गा, उसे कमजोिी दू ि कििे का मौका ि ी िं हदया जाएगा। पिीक्षा उन्ही िं हिषयोिं की िी जाए जो
पिीक्षा िािा जाँचे जा सकते ैं । बाकी हिषयोिं को पिीक्षा से मुक्त िखा जाए। औि पिीक्षा का
समय हिद्ाहथा योिं को पाठ्य-पुस्तकें दे खकि उत्ति दे िे की स्वतिं िता भी दे दी जाए। म उिसे क
दें हक जो चीज याद ि ो, उसे पुस्तक में दे ख िें औि हिि जिाब दें । जो जबािी क ि सकें, िे
हकताब में से दे खकि समझाएँ । जिाब दे ते समय हिद्ाथी पाठ्य-पुस्तक का कैसा उपयोग किता
ै , इसी में तो उसकी पिीक्षा ै ।

Q6. 'अहत परिचय से िास भी स ि कििे योग्य बिा जाता ै' - िाक् का अथा ै :
(a) बार-बार पर िा दे ने से बच्ों का पर िा के प्रक्षत डर, प ड़ा होत है , वह उन्हें क्षवचक्षलत नह ं कर पाता
(b) बार-बार पररचय से डर दू र हो जाता है
(c) अच्छ तरह से पररचय होने के बाद च जें कोई परे र्ान खड़ नह ं करत ं
(d) अच्छ तरह से पररचय होना िास को समाप्त करना है ।

Q7. पिीक्षा का उद्दे श्य ै -


(a) बच्ों को क्षनयक्षमत रूप से जााँ चना
(b) बच्ों क कमजोररयों का पता लगाना ताक्षक उन्हें दू र क्षकया जा सके
(c) बच्ों को डराना ताक्षक वे ढं ग से पढ़ाई करें
(d) बच्ों को कसौट पर कसना

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Q8. िेखक पिीक्षा के प्रहत उदाििादी औि व्यापक दृहष्टकोण िखता ै- य अिु च्छेद के हकस
िाक् से पता चिता ै ?
(a) इसके बदले माक्षसक पर िा ले ना र्ुरू करें
(b) पर िा के समय क्षवद्ाक्षर्शयों को पाठ्य-पुस्तकें दे खकर उत्तर दे ने क स्वतं िता ि दे द जाए
(c) पर िा का क्षजतना क्षवर्ेष पररचय उसे होगा, उसका िास उतना ह घटे गा
(d) इनमें से सि

Q9. िेखक पाठ्य-पुस्तकें दे खकि उत्ति दे िे की स्वतिं िता की बात किता ै, क्ोिंहक—
(a) यह सवशश्रेष्ठ न क्षत है
(b) इससे बच्ों क पढ़ने क कुर्लता का पता चलता है
(c) इससे पर िा में ियमु ि वातावरण बनता है ।
(d) इससे बच्ों क इस कुर्लता और समझ का पता चलता है क्षक वे पाठ्य-पुस्तक का प्रयोग कैसे
करते है ।

Q10. िेखक के अिु साि हिषयोिं की जाँच के हिए :


(a) पर िा एकमाि साधन है
(b) पर िा के अक्षतररि और ि तर के होते हैं
(c) छमाह पर िाओं का आयोजन अक्षनवायश है
(d) माक्षसक पर िाओं का आयोजन अक्षनवायश है

Q11. 'कमजोि हिद्ाहथा योिं को जगािे के हिए' िाक् में िे खािंहकत अिं श का अथा ै :
(a) सोये हए को जगाना
(b) क्षवद्ाक्षर्शयों को उनक कमजोररयों के प्रक्षत जागरूक बनाना और उन्हें दू र करना
(c) कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को सचे त करना
(d) कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को सावधान करना

हिदे श : िीचे हदये गये अिु च्छेद को पहढ़ए औि प्रश्न सिंख्या 12 से 17 तक के हिए स ी हिकल्प का
चयि कीहजए :

सबसे म त्वपूणा बात इस प्रहशक्षण के दौिाि सामिे आयी- ि थी छािोिं तथा हशक्षकोिं के बीच
पिस्पि सिंबिंध। मिे अध्यापकोिं को इस बात के हिए प्रोत्साह त हकया था हक िे प्रत्येक छाि की
भाििा की कि किें तथा य दे खें हक छाि क्ा चा ता ै । यहद एक बाि छाि हशक्षक से डििा
बिंद कि दे ता ै तथा दोिोिं के बीच एक दोस्तािा रिश्ता कायम ो जाता ै तो छाि / छािा के हिए
सीखिा आििं ददायक औि आसाि ो जाता ै । हशक्षक की हिकटता औि उपक्तस्थहत बहत
म त्वपूणा ोती ै, चा े ि कक्षा में बैिकि ो या स्कूि के बाद खेि के मैदाि में। इससे हशक्षक
एििं छाि एक-दू सिे के हिकट आ जाते ैं तथा छाि के सिंपूणा हिकास में इसका बहत योगदाि
ि ता ै । दू सिा म त्वपूणा प िू य ै हक शासकीय हशक्षकोिं के साथ भी एक रिश्ता बिाए
िखिा चाह ए क्ोिंहक समािंति हशक्षकोिं के ि ते हियहमत हशक्षक प्रायः य समझिे िगते ैं हक

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उिकी कोई आिश्यकता ि ी िं ै । एक ति से िे हिहचिंत ो जाते ैं तथा सािा काम समािंति
हशक्षकोिं पि डाि दे ते ैं ।

Q12. बच्चोिं के सीखिे में सबसे म त्वपूणा ै :


(a) क्षर्िक का सौम्य स्विाव
(b) क्षर्िक क क्षवद्वता
(c) क्षर्िक और बच्ों के ब च क्षमिवत संबंध
(d) क्षर्िक क संवेदनर् लता

Q13. प्रत्येक छाि / छािा की भाििा की कि ोती ै :


(a) उनक बातों को ध्यान से सुनने से
(b) यह जानने से क्षक वे क्या जानते हैं
(c) उनका सम्मान करने से
(d) इनमें से सि

Q14. हशक्षक हिद्ािय के बाद भी बच्चोिं से रिश्ता बिाये िखता ै :


(a) ऐसा करना ि क नह ं है क्योंक्षक क्षवद्ालय के बाहर क्षर्िक-क्षर्िक नह ं रहता
(b) ऐसा करना ि क नह ं है क्योंक्षक यह परं परा के क्षवरुद्ध है
(c) ऐसा करना ि क है क्योंक्षक क्षर्िक क क्षजम्मेदार क्षवद्ालय के बाद समाप्त नह ं हो जात (d) ऐसा
करना ि क है क्योंक्षक ऐसा करने से क्षर्िक और बच्ों के ब च क्षनकटता और क्षवश्वास का ररश्ता बनता है
जो बच्ों के सवां ग ण क्षवकास में सहायक है ।

Q15. हियहमत हशक्षकोिं को ऐसा क्ोिं िगता ै हक उिकी कोई आिश्यकता ि ी िं ै ?


(a) समां तर क्षर्िकों पर पूणश क्षनक्षश्चंत होकर काम डाल क्षदया जाता है
(b) समां तर क्षर्िक ह क्षवद्ालय क गक्षतक्षवक्षधयों के क्षलए क्षजम्मेदार हैं
(c) समां तर क्षर्िक क्षनयक्षमत नह ं होते और उनक नौकर स्र्ाय नह ं होत , इसक्षलए उन्हें सि के कायश
करने पड़ते हैं
(d) समां तर क्षर्िक का यह दाक्षयि है क्षक वह क्षनयक्षमत क्षर्िक का बोझ कम करे

उत्ति

S1. Ans.(d)
Sol. क्षजन व्यक्तियों के क्षदल में लगन होत है वे लोग क्षकस ि क्तस्र्क्षत को बदलने में सिम होते हैं ।

S2. Ans.(c)
Sol. लोगों के मन में यह िाक्षषक पूवाश ग्रह बैिा हआ है क्षक अंग्रेज पढ़े -क्षलखे लोग ह अच्छे प्रयोग कर
सकते हैं ।

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S3. Ans.(c)
Sol. सूरत के कई अर्श होते हैं जैसे-काया, रूप, दु दशर्ा एवं क्तस्र्क्षत। ले क्षकन इस अनुच्छेद में सूरत का
अर्श 'क्तस्र्क्षत' से है ।

S4. Ans.(b)
Sol. ले खक का उद्दे श्य यह है क्षक उद्दे श्य क्षसद्ध करने और कायशिेि को व्यापक बनाने के क्षलए लोग
प्रयोग करें ।

S5. Ans.(c)
Sol. प्रयोग के सिल होने के क्षलए सामान्यतः लोग अच्छे पररणाम चाहते हैं ।

S6. Ans.(b)
Sol. 'अक्षत पररचय से िास ि सहन करने योग्य बन जाता है '- वाक्य का अर्श 'बार-बार पररचय से डर दू र
हो जाता है ।

S7. Ans.(b)
Sol. क्षवद्ालयों में होने वाल पर िाओं का उद्दे श्य यह है क्षक बच्ों क कमजोररयों का पता लगाकर उन्हें
दू र क्षकया जा सके।

S8. Ans.(d)
Sol. ले खक पर िा के प्रक्षत उदारवाद और व्यापक दृक्षष्टकोण रखता है क्योंक्षक इस अनुच्छेद में ले खक
का क्षवचार है क्षक-
(1) वाक्षषशक और छमाह पर िाओं के बदले माक्षसक पर िा ले ना र्ुरू करें ।
(2) पर िा के समय क्षवद्ाक्षर्शयों को पाठ्य-पुस्तकें दे खकर उत्तर दे ने क स्वतं िता ि दे द जाए।
(3) पर िा का क्षजतना क्षवर्ेष पररचय उसे होगा, उसका िास उतना ह घटे गा।

S9. Ans.(d)
Sol. पाठ्य-पुस्तकें दे खकर उत्तर दे ने क स्वतं िता से बच्ों क इस कुर्लता और समझ का पता चलता
है क्षक वे पाठ्य-पुस्तक का प्रयोग कैसे करते हैं ।

S10. Ans.(a)
Sol. छाि क क्षवषयों पर कैस पकड़ एवं समझ है इसके जााँ चने का एकमाि साधन पर िा है ।

S11. Ans.(d)
Sol. 'कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को जगाने के क्षलए' वाक्य में रे खां क्षकत अंर् का अर्श है - 'कमजोर क्षवद्ाक्षर्शयों को
सावधान करना'

S12. Ans.(c)
Sol. क्षर्िक और बच्ों (छािों) के ब च क्षमिवत् संबंध होने से बच्े जल्द स खते हैं ।

S13. Ans.(d)

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Sol. अध्यापकों द्वारा प्रत्ये क छाि-छािा क िावना क कद्र का पता इससे चलता है क्षक वे - उनक बातों
को ध्यान से सुनें या यह जानें क्षक वे क्या जानते हैं या उनका सम्मान करने से ।

S14. Ans.(d)
Sol. क्षर्िक क्षवद्ालय के बाद ि बच्ों से ररश्ता बनाये रखता है क्योंक्षक ऐसा करने से क्षर्िक और
बच्ों के ब च क्षनकटता और क्षवश्वास का ररश्ता बनता है जो बच्ों के सवां ग ण क्षवकास में सहायक है ।

S15. Ans.(a)
Sol. क्षनयक्षमत क्षर्िकों को ऐसा इसक्षलए लगता है क्षक उनक कोई आवश्यकता नह ं है क्योंक्षक समां तर
क्षर्िकों पर पूणश क्षनक्षश्चत होकर काम डाल क्षदया जाता है ।

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SET 4
Q1. न चे क्षदये गये वाक्य के क्षलए एक र्ब्द का चयन क क्षजएः

ि स्थाि जो पृथ्वी, चिंिमा, सूया आहद िोकोिं के मध्य क्तस्थत ोः


(a) क्षिक्षतज
(b) अन्तररि
(c) द् युलोक
(d) आकार्
(e) अनवसेय

Q2. हजसके पास कुछ िा ो


(a) अक्षकंचन
(b) क्षनधश न
(c) नंगा
(d) दररद्र
(e) अवैध

Q3. हिम्नहिक्तखत में अिे क शब्दोिं का एक शब्द पाँच हिकल्पोिं में से चुििा ै ।
मोक्ष की इच्छा कििे िािा
(a) क्षजज्ञासु
(b) योग
(c) आक्तस्तक
(d) मु मुि
(e) मनुष्योक्षचत

Q4. ‘‘बििाि के अन्याय से उत्पन्न भय’’ के हिए उपयुक्त शब्द ोगाः


(a) िास
(b) दण्ड
(c) आतं क
(d) अत्याचार
(e) दु दशर्ा

हिदे श- हिम्नहिक्तखत अिे क शब्दोिं के हिए एक शब्द दे िा ै । प्रत्येक के हिए चाि हिकल्प शब्द
हदए गए ैं, उपयुक्त शब्द का चयि किें ।
Q5. हजसे िशिती बिािा कहिि ो-
(a) स्वावलं ब
(b) दु लशि
(c) दु धशषश

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(d) होनहार

Q6. जो हकसी पि अहभयोग िाता ो-


(a) अक्षियन्ता
(b) प्रक्षतवाद
(c) वाद
(d) याचक

Q7. तै ििे की इच्छा -


(a) क्षपपासा
(b) बुिुिा
(c) क्षजग षा
(d) क्षतत षाश

Q8. सािंझ औि िात के बीच का समय-


(a) मातं ड
(b) पूवाश ह्न्
(c) गोधू क्षल
(d) ऊष्मा

हिदे श- हिम्नहिक्तखत प्रश्नोिं में िाक्-खण्ड के स्थाि पि एक शब्द बताइए।

Q9. हजसका हिभाजि ि हकया जा सके


(a) अखक्तण्डत
(b) अक्षविाज्य
(c) अक्षविि
(d) अखण्ड

Q10. ज ाँ पहँ चिा कहिि ो


(a) दु गशम
(b) अगम
(c) सुगम
(d) अगेय

Q11. हिियपूिाक हकया गया ि, ै ः


(a) अनुरोध
(b) क्षवनम्रता
(c) अनुबोध
(d) आग्रह

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Q12. ‘ मि का िुभािे िािी िस्तु’ िाक्ािंश के हिए हदये गऐ हिकल्पोिं में से उपयुक्त शब्द चुहिएः
(a) सुन्दर
(b) चारू
(c) रूक्षचर
(d) मनोहर
(e) इनमें से कोई नह ं

Q13. ‘‘हजसका अिु भि हकया गया ो-’’


(a) अनुिूत
(b) अद् िू त
(c) आचार
(d) क्षवचार
(e) इनमें से कोई नह ं

Q14. ‘‘हजसका ऋण हिया ो’’ िाक्ािंश के हिए हदये गये हिकल्पोिं में से उपयुक्त शब्द चुहिएः
(a) ऋणदाता
(b) अदाता
(c) कजशदाता
(d) कजशदार
(e) इनमें से कोई नह ं

Q15.‘उहचत से कम मूल्य िगािा’ िाक्ािंश के हिये हदये गये हिकल्पोिं में से उपयुक्त शब्द चुहिएः
(a) मू ल्ां कन
(b) मु ल्ां कन
(c) अक्षधमू ल्न
(d) क्षनमूश ल्
(e) अवमू ल्न

उत्ति

1. (b); वह स्र्ान जो पृथ्व , चन्द्मा - अन्तररि एवं सूयश आक्षद लोकों के मध्य क्तस्र्त हो
जहााँ धरत और आकार् क्षमलते - क्षिक्षतज क्षदखाई दे ते हों

2. (a); क्षजसके पास कुछ न हो - अक्षकंचन


क्षजसके पास धन न हो - क्षनधश न
जो क्षवक्षध के क्षवरुद्ध हो - अवैध

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3. (d); मोि क इच्छा रखने वाला - मु मुिु
क्षजसक ईश्वर में आस्र्ा हो - आक्तस्तक
जानने क इच्छा रखने वाला - क्षजज्ञासु
योग करने वाला - योग

4. (c); बलवान के अन्याय से उत्पन्न - 'आतं क' िय


क्षकस अपराध के क्षलए द जाने – दण्ड वाल सजा

5. (c); क्षजसे वर्वती बनाना कक्षिन - दु धशषश हो


न टलने वाल घटना - होनहार
अपने ऊपर क्षनिश र रहने वाला - स्वावलं ब
जो कक्षिनाई से क्षमलता है - दु लशि

6. (c); जो क्षकस पर अक्षियोग लाता हो के क्षलए 'वाद ' एवं क्षकस वाद का क्षवरोध करने वाले के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'प्रक्षतवाद ' है ।

7. (d); तै रने क इच्छा के क्षलए 'क्षतत षाश' खाने क इच्छा के क्षलए 'बुिुझा' एवं ज तने क इच्छा के क्षलए
उपयुि र्ब्द 'क्षजग षा' है ।

8. (c); सां झ और रात के ब च के समय के क्षलए 'गोधू क्षल' एवं दोपहर से पहले के समय के क्षलए उपयुि
र्ब्द 'पूवाश ह्न' है ।

9. (b); क्षजसका क्षविाजन न क्षकया जा सके के क्षलए उपयुि र्ब्द 'अक्षविाज्य' है ।

10. (a); जहााँ पहाँ चना कक्षिन हो - दु गशम


जहााँ पहाँ चना सरल हो - सुगम
जो गाने योग्य न हो - अगेय

11. (d); क्षवनयपूवशक क्षकया गया हि के क्षलए उपयुि र्ब्द 'आग्रह' एवं नम्रतापूवशक कह गय बात के
क्षलए उपयुि र्ब्द 'क्षवनम्रता' है ।

12. (d); मन को लु िाने वाल वस्तु के क्षलए उपयुि र्ब्द 'मनोहर' होगा।

13. (a); क्षजसका अनुिव क्षकया गया हो के क्षलए 'अनुिूत' एवं जो आश्चयशजनक हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'अद् िु त' है ।

14. (1) क्षजसका ऋण क्षलया हो के क्षलए का 'ऋणदाता' और क्षजसने ऋण क्षलया हो के क्षलए उपयुि र्ब्द
'ऋण ' है ।

15. (e); उक्षचत से कम मू ल् लगाने के क्षलए 'अवमू ल्न' एवं उक्षचत से अक्षधक मू ल् बढ़ाने के क्षलए र्ब्द
'अक्षधमू ल्न' है ।

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SET 5
Directions (1-15) िीचे हदया गया प्रत्येक िाक् चाि भागोिं में बािंटा गया ै हजन्हें (a), (b), (c), (d)
हिकल्प हदए गए ैं । आपको य दे खिा ै हक िाक् के हकसी भाग में व्याकिण, भाषा, िता िी,
शब्दोिं के गित प्रयोग या इसी ति की कोई िुटी तो ि ी िं ै । िुटी अगि ोगी तो िाक् के हकसी
एक भाग में ी ोगी। उस भाग का क्रमािंक ी उत् ति ै । यहद िाक् िुटी िह त ै तो उत्ति (e)
अथाात ‘िुहटिह त’ दीहजए।

Q1. तु ष्ट करण करने क न क्षत अपनाकर (a)/ न व्यक्ति आगे बढ़ (b)/ सकता है (c)/ और न
राष्टर। (d)/ िु ट रक्षहत (e)

Q2. क्षजस मनुष्य को (a)/ केवल अपन ह क्षचंता (b)/ हो वह मानव समाज(c)/ के क्षकस काम आएगा (d)/
िु क्षटरक्षहत (e)

Q3. काले ज कायश से (a)/ िलस्वरूप प्राय: मु झे कि इस (b)/ आक्षिस में कि उस आक्षिस में (c)/
जाना पड़ता है । (d)/ िु ट रक्षहत (e)

Q4. आप इसक्षलए (a)/ उि रहे हैं (b)/ क्षजससे क्षक मैं (c)/ चला जाऊं। (d)/ िु ट रक्षहत (e)

Q5. उसने बहत प्रयत्न से (a)/ अपन आाँ खों से (b)/ बहने वाले (c)/ आं सू को रोका। (d)/ िु ट रक्षहत (e)

Q6. नए कक्षवयों ने परम्परा से हटकर (A)/ कक्षवता को (B)/ नए धरातल पर (C)/ िाषा में सम्माक्षनत
क्षकया है । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

Q7. क्षजस प्रकार आिू षणों के द्वारा (A)/ र्र र क र्ोिा बढ़ जाता है (B)/ उस प्रकार अलं कारों से
(C)/ िाषा में लाक्षलत्य आ जाता है । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D

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(e) E

Q8. इस क्षवषय में (A)/ उसके समतु ल् (B)/ कदाक्षचत् (C)/ कोई नह ं है । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

Q8. मैं यहााँ से (A)/ इस वि (B)/ जाना (C)/ मााँ गता हाँ । (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

Q10. श्याम ने यह प्रण कर क्षलया है (A)/ क्षक वह क्षवद्ा समाप्त (B)/ करने के पश्चात् ह (C)/ नौकर के
क्षलए आवेदन करे गा। (D)/ िु क्षटरक्षहत (E)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

Q11. मानव आक्षदकाल से (a)/ ह अपने चारों ओर (b)/ घक्षटत प्राकृक्षतक दृश्यों, घटनाओं (c)/ आक्षद को
दे खता हआ है । (d)/ िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

Q12. चाटश डश बैंक का 2011 का (a)/ पररचालन लाि क्षपछले साल से (b)/ त न प्रक्षतर्त कम होकर 9 (c)/
करोड़ डॉलर रहा है । (d)/ िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

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Q13. मोि क राह में (a)/ पहला दम है नार (b)/ दे ह के प्रक्षत आकषशण (c)/ से मु क्ति पाना (d)/
िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

Q14. कृष्ण ने अजुशन से कहा (a)/ सदै व िमा करना अर्वा (b)/ िोध/ करना (c)/ श्रेयस्कर नह ं होता है ।
(d)/ िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

Q15. क्षमस्र के राजवंर्ों (a)/ क र्ुरूआत आज से (b)/ पां च हजार वषश पहले (c)/ ह हो गई र् । (d)/
िु क्षटरक्षहत (e)
(a) A
(b) B
(c) C
(d) D
(e) E

उत्ति

S1. Ans. (a): यहााँ ‘तु ष्ट करण करने क न क्षत अपनाकर’ के स्र्ान पर ‘तु ष्ट करण क न क्षत अपनाकर’
का प्रयोग उक्षचत है ।
S2. Ans. (e): िु क्षटरक्षहत।
S3. Ans. (b): यहााँ ‘िलस्वरूप प्राय: मु झे कि इस’ के स्र्ान पर ‘प्राय: मु झे कि इस’ का प्रयोग
उक्षचत है ।
S4. Ans. (c): यहााँ ‘क्षजससे क्षक मैं ’ के स्र्ान पर ‘क्षक मैं’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S5. Ans. (d): यहााँ ‘आं सू को रोका’ के स्र्ान पर ‘आाँ सुओं को रोका’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S6. Ans. (d) :

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Sol. यहााँ ‘िाषा में सम्माक्षनत क्षकया है ’ के स्र्ान पर ‘िाषा में प्रक्षतक्षष्ठत क्षकया है ’ का प्रयोग उक्षचत
है ।
S7. Ans. (b) :
Sol. यहााँ ‘र्र र क र्ोिा बढ़ जाता है ’ के स्र्ान पर ‘र्र र क र्ोिा बढ़ जात है ’ का प्रयोग उक्षचत
है ।
S8. Ans. (b) :
Sol. यहााँ ‘उसके समतु ल्’ के स्र्ान पर ‘उसके तु ल्’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S9. Ans. (d) :
Sol. यहााँ ‘मााँ गता हाँ ’ के स्र्ान पर ‘चाहता हाँ ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S10. Ans. (b) :
Sol. यहााँ ‘क्षक वह क्षवद्ा समाप्त’ के स्र्ान पर ‘क्षक वह क्षर्िा समाप्त’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S11. Ans. (d)
Sol. ‘आक्षद को दे खता हआ है ’ के स्र्ान पर ‘आक्षद को दे खता रहा है ’ का प्रयोग होगा।
S12. Ans. (e);
Sol. यह वाक्य िु क्षटरक्षहत है
S13. Ans. (b)
‘पहला दम है ’ के स्र्ान पर ‘पहला कदम है ’ का प्रयोग होगा।
S14.(e);
Sol. यह वाक्य िु क्षटरक्षहत है
S15. (a);
Sol. इस वाक्य में क्षमस्र के राजवंर्ों के स्र्ान पर ‘क्षमस्र में राजवंर्ों क र्ुरुआत होन चाक्षहए।

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SET 6
Directions (1-15): हिम्नहिक्तखत प्रश्नोिं में हदए गए अिु च्छेदोिं के प िे औि अक्तन्तम िाक्ोिं को
क्रमशः (1) औि (6) की सिंज्ञा दी गई ै । इिके मध्यिती िाक्ोिं को चाि भागोिं में बाँटकि य, ि, ि,
ि की सिंज्ञा दी गई ै । ये चािोिं िाक् व्यिक्तस्थत क्रम में ि ी िं ै । इन्हें ध्याि से पढ़कि हदए गए
हिकल्पोिं में से उहचत क्रम चुहिए, हजससे स ी अिु च्छेद का हिमााण ो।

Q1. (1) कलम हार् में ले ते


(य) साधारणतः युवावस्र्ा में हमार
(र) ह हमारे क्षसर पर
(ल) क्षनगाह पहले क्षवध्वं स करने
(व) िार क्षजम्मेदार आ जात है ।
(6) क ओर उि जात है ।
(a) र य व ल
(b) र ल य व
(c) र व य ल
(d) व य र ल
(e) इनमें से कोई नह ं

Q2. (1) प्रधानमं ि ऐसे क्षकस ि


(य) बाध्य कर सकता है
(र) मं ि को त्याग-पि
(ल) जो उसके सार्
(व) दे ने के क्षलए
(6) सहयोग न करे ।
(a) य र ल व
(b) र ल य व
(c) र व य ल
(d) र य ल व
(e)इनमें से कोई नह ं

Q3. (1) प्रात:काल प्रकृक्षत


(य) क र्ोिा क्षनराल होत है ।
(र) सूयश क सुनहर
(ल) क्षकरणों के पड़ने से
(व) धरा से आकार् तक प्रत्ये क वस्तु
(6) सुनहर -स लगने लगत है ।
(a) य र ल व
(b) य व ल र

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(c) ल य व र
(d) ल व य र
(e)इनमें से कोई नह ं

Q4. (1) िाषा में से साक्षहत्य का


(य) अन्तर इतना है क्षक बचपन के
(र) क्षजस प्रकार बचपन में से यौवन का।
(ल) उद्भव उस प्रकार हआ है ,
(व) यौवन ि कम क्तखलाड़ नह ं है ।
(6) क्तखलौने उसे रचते नह ं हैं ।
(a) ल र व य
(b) र व ल य
(c) य ल र व
(d) ल य व र
(e)इनमें से कोई नह ं

Q5. (1) संसार में क्षकस


(य) का ि ज वन
(र) स्र्ाय नह ं है ।
(ल) और र्क्तिर्ाल प्रक्षतिाओं का ि
(व) महान से महान व्यक्ति
(6) अन्त सुक्षनक्षश्चत है ।
(a) व र ल य
(b) य र व ल
(c) व ल य र
(d) ल व य र
(e)इनमें से कोई नह ं

Q6. (1) सां स्कृक्षतक वैक्षवध्य के


(य) नह ं बनात । सां स्कृक्षतक के
(र) यह हमें अलग-अलग
(ल) अन्ततश म में अनेक समानताएाँ हैं ।
(व) बारे में सोचना होगा।
(6) यह क्षवक्षवधता में एकता है ।
(a) व र य ल
(b) व ल र य
(c) र व ल य
(d) य व र ल
(e) इनमें से कोई नह ं

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Q7. (1) मे रे समस्या नाटक क्षववर्ता क
(य) दे न हैं , उस प्रकार जैसे प्रेम।
(र) काम है , समाधान प्रस्तु त करना नह ।ं
(ल) समस्या उिाना ह उसका
(व) साक्षहत्यकार साक्षहत्य-रचना समाज का
(6) रूप बदलने के क्षलए नह ं करता।
(a) य र ल व
(b) ल र व य
(c) य ल र व
(d) ल र य व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q8. (1) ज वन में व्यक्ति को सच्ा सुख


(य) अपना सवशस्व दू सरों के क्षलए लु टा दें ।
(र) अपने क्षलए ज ना ि कोई ज वन है ।
(ल) दू सरों के क्षलए ज ने में ह
(व) तब क्षमलता है जब हम
(6) सच्ा आनन्द और सुख क्षमलता है ।
(a) व ल र य
(b) य ल र व
(c) व य र ल
(d) व र ल य
(e) इनमें से कोई नह ं

Q9. (1) आज क्षहन्द को


(य) व्यवस्र्ा के सार् ह र्ोध संस्र्ान
(र) सम्मान प्राप्त है ।
(ल) उच्स्तर य क्षहन्द अध्यापन क
(व) प्रत्ये क िे ि में
(6) ि गक्षतर् ल हैं ।
(a) ल व र य
(b) व र ल य
(c) र य ल व
(d) ल य र व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q10. (1) प्रत्ये क मनुष्य ज क्षवत


(य) नह ं चाहता क्षक दू सरा व्यक्ति
(र) कष्ट पहाँ चाये। उसे आत्म-रिा

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(ल) उसक हत्या करे अर्वा उसे
(व) रहना चाहता है । वह
(6) का अक्षधकार प्राप्त है ।
(a) व य ल र
(b) ल व र य
(c) ल र य व
(d) य र ल व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q11. (1) यद्क्षप वे सबसे


(य) और हाँ सते -बोलते र्े
(र) में कह ं क्षवषाद में
(ल) क्षमलते-जुलते
(व) पर उनका मन एकान्त
(6) डूबा रहता र्ा।
(a) ल र य व
(b) ल य व र
(c) य ल व र
(d) र य व ल
(e) इनमें से कोई नह ं

Q12. (1) क्षनस्सं देह आज का युग


(य) उसने मानव य ज वन
(र) क्षकन्तु उसने अनेक क्षवडम्बनाओं
(ल) क्षवज्ञान का युग है ।
(व) को सुक्षवधाजनक बनाया है ।
(6) को ि जन्म क्षदया है ।
(a) व ल र य
(b) ल य व र
(c) ल व र य
(d) य व र ल
(e) इनमें से कोई नह ं

Q13. (1) आज क्षवज्ञान मनुष्यों


(य) र्क्ति दे रहा है । उसका उपयोग
(र) एक ओर व्यक्ति और
(ल) के हार्ों में अद् िु त और अतु ल
(व) समू ह के उत्कषश में तर्ा दू सर ओर
(6) व्यक्ति और समू ह के क्षगराने में होता रहे गा।

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(a) य र व ल
(b) य ल र व
(c) र य ल व
(d) ल य र व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q14. (1) आचायश रामचन्द् र्ुक्ल गम्भ र क्षवचारक र्े ।


(य) क्षनबंधों में क्षजस ि क्षवषय को उिाया,
(र) पररणामतः उन्होंने अपने
(ल) उन्होंने अपने क्षनबंधों में इन
(व) त नों का समं क्षजत रूप में उपयोग क्षकया।
(6) उसके नए आयामों का उद् घाटन क्षकया।
(a) ल व र य
(b) व ल र य
(c) य व ल र
(d) य ल व र
(e) इनमें से कोई नह ं

Q15. (1) युद्ध में अंग्रेजों से


(य) क मृ त्यु हो गई।
(र) अंक्षतम संस्कार करने के क्षलए
(ल) लड़ते-लड़ते महारान लक्ष्म बाई
(व) क्षचता सजाई गई और उनका र्व
(6) उस पर रख क्षदया गया।
(a) य ल र व
(b) य र ल व
(c) ल य र व
(d) व र ल य
(e) इनमें से कोई नह ं

उत्ति-

S1. Ans. (c):


Sol. कलम हार् में ले ते ह हमारे क्षसर पर िार क्षजम्मेदार आ जात है । साधारणतः युवावस्र्ा में हमार
क्षनगाह पहले क्षवध्वं स करने क ओर उि जात है ।
S2. Ans. (c):
Sol. प्रधानमं ि ऐसे क्षकस ि मं ि को त्याग-पि दे ने के क्षलए बाध्य कर सकता है जो उसके सार्

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सहयोग न करे ।

S3. Ans. (a):


Sol. प्रात:काल प्रकृक्षत क र्ोिा क्षनराल होत है । सूयश क सुनहर क्षकरणों के पड़ने से धरा से आकार्
तक प्रत्ये क वस्तु सुनहर -स लगने लगत है ।

S4. Ans. (a):


Sol. िाषा में से साक्षहत्य का उद्भव उस प्रकार हआ है , क्षजस प्रकार बचपन में से यौवन का। यौवन ि
कम क्तखलाड़ नह ं है । अन्तर इतना है क्षक बचपन के क्तखलौने उसे रचते नह ं हैं ।

S5. Ans. (b):


Sol. संसार में क्षकस का ि ज वन स्र्ाय नह ं है । महान से महान व्यक्ति और र्क्तिर्ाल प्रक्षतिाओं
का ि अन्त सुक्षनक्षश्चत है ।

S6. Ans. (a):


Sol. सां स्कृक्षतक वैक्षवध्य के बारे में सोचना होगा। यह हमें अलग-अलग नह ं बनात । सां स्कृक्षतक के
अन्ततश म में अनेक समानताएाँ हैं । यह क्षवक्षवधता में एकता है ।

S7. Ans. (c):


Sol. मे रे समस्या नाटक क्षववर्ता क दे न हैं , उस प्रकार जैसे प्रेम। समस्या उिाना ह उसका काम है ,
समाधान प्रस्तु त करना नह ।ं साक्षहत्यकार साक्षहत्य-रचना समाज का रूप बदलने के क्षलए नह ं करता।

S8. Ans. (c):


Sol. ज वन में व्यक्ति को सच्ा सुख तब क्षमलता है जब हम अपना सवशस्व दू सरों के क्षलए लु टा दें । अपने
क्षलए ज ना ि कोई में ज वन है । दू सरों के क्षलए ज ने ह सच्ा आनन्द और सुख क्षमलता है ।

S9. Ans. (b):


Sol. आज क्षहन्द को प्रत्ये क िे ि में सम्मान प्राप्त है । उच्स्तर य क्षहन्द अध्यापन क व्यवस्र्ा के सार्
ह र्ोध संस्र्ान ि गक्षतर् ल हैं ।

S10. Ans. (a):


Sol. प्रत्ये क मनुष्य ज क्षवत रहना चाहता है । वह नह ं चाहता क्षक दू सरा व्यक्ति उसक हत्या करे अर्वा
उसे कष्ट पहाँ चाये। उसे आत्म-रिा का अक्षधकार प्राप्त है ।

S11. Ans. (b):


Sol. यद्क्षप वे सबसे क्षमलते-जुलते और हाँ सते -बोलते र्े पर उनका मन एकान्त में कह ं क्षवषाद में डूबा
रहता र्ा।

S12. Ans. (b):


Sol. क्षनस्सं देह आज का युग क्षवज्ञान का युग है । उसने मानव य ज वन को सुक्षवधाजनक बनाया है ।
क्षकन्तु उसने अनेक क्षवडम्बनाओं को ि जन्म क्षदया है ।

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S13. Ans. (d):
Sol. आज क्षवज्ञान मनुष्यों के हार्ों में अद् िु त और अतु ल र्क्ति दे रहा है । उसका उपयोग एक ओर
व्यक्ति और समू ह के उत्कषश में तर्ा दू सर ओर व्यक्ति और समू ह के क्षगराने में होता रहे गा।

S14. Ans. (a):


Sol. आचायश रामचन्द् र्ुक्ल गम्भ र क्षवचारक र्े । उन्होंने अपने क्षनबंधों में इन त नों का समं क्षजत रूप में
उपयोग क्षकया। पररणामतः उन्होंने अपने क्षनबंधों में क्षजस ि क्षवषय को उिाया, उसके नए आयामों का
उद् घाटन क्षकया।

S15. Ans. (c):


Sol. युद्ध में अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते महारान लक्ष्म बाई क मृ त्यु हो गई। अंक्षतम संस्कार करने के क्षलए
क्षचता सजाई गई और उनका र्व उस पर रख क्षदया गया।

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SET 7
Directions (1-5): हिम्नहिक्तखत प्रश्नोिं में कुछ रिक्त स्थाि हदए गए ैं । उहचत हिकल्प से उिकी
पूती कीहजये।
Q1. िौ, दो ___ ोिा
(a) बारह
(b) ते रह
(c) ग्यारह
(d) दस
(e) पां च

Q2. तीि ___ कििा


(a) त न
(b) चार
(c) पां च
(d) सात
(e) दो

Q3. दो औि दो ___ ि ी िं ोते


(a) चार
(b) पां च
(c) छः
(d) सात
(e) आि

Q4. ___ उिं गहियाँ बिाबि ि ी िं ोती


(a) दसों
(b) पााँ चों
(c) पन्द्हों
(d) ब सों
(e) दोनों

Q5. ___ हदि की चािंदिी


(a) दो-त न
(b) चार
(c) छः
(d) पां च
(e) सात

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Directions (6-10): हिम्नहिक्तखत प्रश्नोिं में एक िाक्ािंश हदया गया ै । हदए गए िाक्ािंश के हिए
एक शब्द का चयि कीहजये , जो अथा की दृहष्ट से समाि ो।

Q6. राजा का दू त
(a) मं ि
(b) मे घदू त
(c) राजदू त
(d) दू तावास
(e) इनमें से कोई नह ं

Q7. हजसे जीता ि जा सके


(a) अजर
(b) अजेय
(c) अज्ञात
(d) अिू त
(e) क्षवजय

Q8. ज ाँ जािा कहिि ो


(a) सुदूर
(b) दु गशम
(c) दू रस्र्
(d) कक्षिन
(e) पवशत

Q9. दो- दो िस्तुओ िं का समू -


(a) जोड़ा
(b) सार्
(c) समू ह
(d) खक्षड़या
(e) र्ोक

Q10. दो प ाड़ोिं के बीच से जािे का मागा –


(a) रास्ता
(b) गुिा
(c) दराश
(d) सड़क
(e) ट ला

Directions (11-15): िीचे हदया गया प्रत्येक िाक् चाि भागोिं में हिभक्त ै हजन्हे (a), (b), (c), (d)
क्रमािंक हदए गए ैं । आपको य दे खिा ै हक हकस भाग में व्याकिण, भाषा, िता िी, शब्दोिं के

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अिु हचत प्रयोग या अन्य कोई िुहट ि ो। हजस भाग में कोई िुहट ोगी ि ी भाग आपका उत्ति
ोगा। अन्यथा हिकल्प (e) कोई िुटी ि ी िं आपका उत्ति ोगा।

Q11. घोड़ों क (a)/ दौड़ में (b)/ एक बहत ते ज़ घोड़ा दौड़ (c)/ रहा र्ा (d)/ कोई िु ट नह ं (e)

Q12. वतश मान समय में (a)/ हमें अध्यात्म (b)/ और आधु क्षनकता (c)/ दोनों को सार् ले कर चलना
होगा (d)/ कोई िु ट नह ं (e)

Q13. आज के वतश मान (a)/ युग में (b)/ चु नौक्षतयों के क्षलए (c)/ सदै व तै यार रहना पड़े गा (d)/ कोई िु ट
नह ं (e)

Q14. सेि लल्लुमल क (a) एक क्षमिाई (b)/ और नमक न क (c)/ दू कान है (d) / कोई िु ट नह ं (e)

Q15. र्ायद मे र (a)/ कलम (b)/ आपके (c)/ पास है (d) कोई िु ट नह ं (e)

उत्ति

S1. Ans.(c)
Sol. िौ, दो ग्याि ोिा एक ‘मु ाििा’ ै हजसका अथा ै ‘ते जी से भाग जािा’।.

S2. Ans.(c)
Sol. तीि पािंच कििा मु ाििे का अथा ‘चािाकी हदखािा’

S3. Ans.(b)
Sol. ‘दो औि दो पािंच ि ी िं ोते ’ य एक िोकोक्तक्त ै

S4. Ans.(b)
Sol. “पािंचोिं उिं गहियाँ बिाबि ि ी िं ोती” य एक प्रहसि क ाित ै ।

S5. Ans.(b)
Sol. ‘चाि हदि की चािंदिी हिि अँ धेिी िात’ हजसका अथा ै थोड़े समय के हिए आई खुशी से ै ।

S6. Ans.(c)

S7. Ans.(b)

S8. Ans.(b)

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S9. Ans.(a)

S10. Ans.(c)

S11. Ans.(c)
Sol. एक बहत ते ज़ घोड़ा के स्थाि पि ‘एक घोड़ा बहत ते ज़ दौड़ ि ा था’ ोगा।

S12. Ans.(e)
Sol. इस िाक् में कोई िुटी ि ी िं ै
S13. Ans.(a)
Sol. िता माि के साथ आज शब्द अिु हचत ै ।

S14. Ans.(b)
Sol. एक हमिाई की के स्थाि पि ‘हमिाई की एक दू काि ै’। हिशेषण हक्रया के पचात िगाया
जाता ै ।

S15. Ans.(e)
Sol. इस िाक् में कोई िुटी ि ी िं ै

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SET 8
Directions (1-15): हिम्नहिक्तखत प्रश्नोिं में हदए गए अिु च्छेदोिं के प िे औि अक्तन्तम िाक्ोिं को
क्रमशः (1) औि (6) की सिंज्ञा दी गई ै । इिके मध्यिती िाक्ोिं को चाि भागोिं में बाँटकि य, ि, ि,
ि की सिंज्ञा दी गई ै । ये चािोिं िाक् व्यिक्तस्थत क्रम में ि ी िं ै । इन्हें ध्याि से पढ़कि हदए गए
हिकल्पोिं में से उहचत क्रम चुहिए, हजससे स ी अिु च्छेद का हिमााण ो।

Q1. (1). हशक्षा के क्षे ि में


(य) क्षजससे क्षवद्ाक्षर्शयों में
(र) सिल क्षर्िक का सवशप्रर्म कायश यह है क्षक
(ल) अवधान और रूक्षच का बहत महत्त्व है ।
(व) वह अध्ययन के क्षवषय को इस प्रकार प्रस्तु त करे
(6) हिषय के प्रहत रूहच जाग्रत ो सके।

(a) ल र व य (b) र व य ल
(c) व य ल र (d) य व र ल
(e) इनमें से कोई नह ं

Q2. (1) बािक के हिकास की प्रहक्रया


(य) इस प्रकार वह क्षवकास क
(र) और जन्म के बाद र्ैर्व, बाल्, कैर्ोयश
(ल) जन्म से पूवश गिश में ह प्रारम्भ हो जात है
(व) तर्ा प्रौढावस्र्ा तक िमर्: चलत रहत है ।
(6) हिहभन्न अिस्थाओिं से गुजिता ै हजसमें उसका शािीरिक, मािहसक, सिंिेगात्मक तथा
सामाहजक हिकास ोता ै ।

(a) य व र ल (b) व ल र य
(c) ल य र व (d) ल र व य
(e) इनमें से कोई नह ं

Q3. (1) म ाभाित में कृष्ण िे


(य) छोड़ दोगे तो पां डव
(र) क्षक यक्षद तु म दु योधन का सार्
(ल) कणश से प्रस्ताव क्षकया
(व) तु म्हारा अक्षिषेक करें गे तर्ा
(6) भीषण युि रुक जाएगा।

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(a) व य ल र (b) य र ल व
(c) य व र ल (d) ल र य व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q4. (1) हिस्मिण एक ऐसी


(य) हम क्षकस स ख हई बात को, अनुिव को या
(र) अर्ाश त धारण क्षकए हए अनुिवों को
(ल) मानक्षसक क्षिया है , क्षजसके कारण
(व) क्षवचार को अपन चे तना पर लाने में असमर्श होते हैं ,
(6) पुि: स्मिण ि ी िं कि पाते ।

(a) ल य व र (b) व ल य र
(c) ल र य व (d) ल य र व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q5. (1) ऋतु िाज िसिंत


(य) मु खररत पुष्ों से अपने को सजाकर
(र) के आगमन पर
(ल) लताएं नव वधु के समान
(व) प्रकृक्षत में एक नव न चे तना क्षदखाई दे ने लगत है ।
(6) िसिंत का ाहदा क अहभिन्दि किती ै ।

(a) र व ल य (b) य ल र व
(c) ल र य व (d) र ल य व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q6. (1) भाित की ति अन्य कई दे श भी अपिे िागरिकोिं को


(य) प्रक्षतबंध क्षिन्न-क्षिन्न हैं । ऐसे कई दे र् ि हैं जो इस बुक्षनयाद मानव
(र) स माओं के ि तर। हर दे र् में अक्षिव्यक्ति क आजाद पर लगाए गए
(ल) अक्षिव्यक्ति क आजाद प्रदान करते हैं ले क्षकन कुछ
(व) अक्षधकार क अनुमक्षत नह ं दे ते हैं । ऐसे दे र्ों में सामान्य जनता और म क्षडया
(6) सिकाि िािा की गई गहतहिहधयोिं पि हटप्पणी कििे से पि े ज किती ै ।

(a) ल र य व (b) य ल व र (c) ल य व र


(d) व य ल र (e) इनमें से कोई नह ं

Q7. (1) ित को मक्तस्तष्क की एक जहटि क्तस्थहत के रूप में परिभाहषत


(य) लत – डर ग्स, इं टरनेट , सोर्ल म क्षडया या गेक्षमंग आक्षद के
(र) उसके प्रक्षत क्तखंचाव को लत कहा जाता है । क्षकस ि च ज क
(ल) अक्षतरं क्षजत होने के कारण हो सकता है । क्षकस क्षवक्षर्ष्ट च ज़ को दे खकर

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(व) क्षकया गया है जो क्षकस क्षवर्ेष आदत या च ज़ में
(6) घातक परिणाम ो सकते ैं ।

Q8. (1) धिती पि बारिश की ि बूिंद िोगोिं के हिये भगिाि के


(a) य ल र व (b) ल य र य (c) र य ल व
(य) खासतौर से बाररर् के पान के महि को
(र) आर्ीवाद के समान है । ताजे बाररर् का पान जम न पर मोत के
(ल) संसाधनों क कम वाले ग्राम ण िे िों में
(व) समान क्षगरता है , इसक्षलये क्षवकासर् ल िे िों और प्राकृक्षतक जल
(6) िे क को समझिा चाह ये।

(a) र व ल य (b) ल य र व (c) व य र ल


(d) य ल र व (e) इनमें से कोई नह ं

Q9. (1) भाित हिश्व का एक प्रहसि औि बड़ा दे श ै ज ाँ


(य) और पारस आक्षद के एक सार् रहते हैं ले क्षकन सि
(र) क्षवक्षिन्न धमश जैसे क्षहन्दू , मु क्तिम, बौद्ध, क्षसक्ख, जैन, ईसाई
(ल) लोग स्विाव से िगवान से डरने वाले होते हैं और आत्मा क
(व) धमश और िम के एक क्षसद्धां त पर िरोसा करते हैं । यहााँ के
(6) शुक्ति, पुिजान्म, मोक्ष, स्वगा औि ििक में भिोसा िखते ैं ।

(a) र य व ल (b) ल र य व (c) य व ल र


(d) व य ल र (e) इनमें से कोई नह ं

Q10. (1) खेिकुद एक व्यक्तक्त के हदमाग को स्वस्थ औि


(य) यह लोगों को मजबूत, आत्मक्षवश्वास और कुर्ल बनाता हैं तर्ा
(र) उसके मानक्षसक एवं र्ार ररक क्षवकास और चररि के
(ल) सक्षिय रखने में मदद करता हैं । क्षजसके कारण उनक नकारात्मक ऊजाश
(व) दू र हो जात है और सि जगहों पर सकारात्मक ऊजाश िैल जात है ।
(6) हिमााण में म त्वपूणा भूहमका हिभाता ैं ।

(a) व र ल य (b) ल र व य (c) ल व य र


(d) र य ल व (e) इनमें से कोई नह ं

Q11. (1). 1947 में स्वतिं िता के बाद सिंहिधाि सभा िे भहिष् के सुशासि के हिए शपथ िी।
(य) नौकर के समान अवसर, क्षवचारों क स्वतं िता, अक्षिव्यक्ति, क्षवश्वास, संघ, व्यवसाय और कानून
(र) अल्पसंख्यकों, क्षपछड़े वगों और अनुसूक्षचत जाक्षत के लोगों के क्षलए
(ल) तर्ा सावशजक्षनक नैक्षतकता के अध न कारश वाई क गारं ट दे ता है । इसके सार् ह
(व) इसने एक संक्षवधान क मां ग क जो िारत के सि लोगों को - न्याय, सामाक्षजक, आक्षर्शक और
राजन क्षतक समानता,

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(6). हिशेष सुहिधाओिं की गाििं टी भी दी गई।

(a) ल र य व (b) य ल र व (c) व य ल र


(d) व र ल य (e) इनमें से कोई नह ं

Q12 (1). जैसा हक म सभी जािते ैं हक जि में औि दू सिे जीि-जन्तुओ िं


(य) धरत पर ज वन को जार रखना बहत जरूर है ।
(र) क्षबना पान के, क्षकस ि ग्रह पर ज वन क कल्पना ि नह ं क जा सकत है ।
(ल) को धरत पर ज वन प्रदान करता है ।
(व) पृथ्व पूरे ब्रह्माण्ड का एकमाि ऐसा ग्रह है
(6) ज ाँ पािी औि जीिि आज की तािीख तक मौजूद ै ।

(a) व य र ल (b) ल य र व (c) य ल व र


(d) र य व ल (e) इनमें से कोई नह ं

Q13. (1) िाष्टर से आतिं किाद औि आतिं क के प्रभाि को


(य) होत है या बन जात है जैसे सामाक्षजक कायशिम, राष्टर य कायशिम
(र) जैसे गणतं ि क्षदवस, स्वतं िता क्षदवस, मं क्षदर आक्षद
(ल) वो सि जगह जो क्षकस ि वजह से ि ड़-िाड़ वाल जगह
(व) खत्म करने के क्षलये, सरकार के आदे र् पर कड़ सुरिा का प्रबंध क्षकया गया है ।
(6) को मजबूत सुिक्षा घेिे में िखा जाता ै ।

(a)ल र व य (b) य व र ल (c) ल र य व


(d) व ल य र (e) इनमें से कोई नह ं

Q14. (1) िै से दे खा जाए तो


(य) प्रकृक्षत स्वयं उस र्क्ति का क्षनमाश ण करत है , जो
(र) नाना प्रकार के दाहक और पाचक रसों के रूप में
(ल) उदर के ि तर कोई अक्षि क ज्वाला नह ं है , क्षकन्तु
(व) नाना िााँ त के खाद् पदार्ों अर्ाश त िोज्य को
(6) पचा सकती ै ।

(a) ल य र व (b) य र व ल (c) ल र य व


(d) र य व ल (e)इनमें से कोई नह ं

Q15. (1) अब ि समय हिि से आया ै हक


(य) िारत य लोक संस्कृक्षत के आधारिू त प्रेम को,
(र) िारत के नेता, महात्मागण क्षिर एक बार क्षवश्व में भ्रमण करके
(ल) क्षजससे वतश मान क्षवग्रह-अर्ां क्षत का र्मन होकर र्ां क्षत का सुअवसर आए

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(व) अध्यात्मवाद के द्वारा, दु क्षनया को समझायें
(6) औि सिंसाि में सुख-शािंहत का साम्राज्य स्थाहपत ो।

(a) य र व ल (b) य र ल व (c) र व ल य


(d) र य व ल (e) इनमें से कोई नह ं

उत्ति

S1. Ans. (a) स ी क्रम ै - ‘ि ि ि य ‘।


S2. Ans. (d) स ी क्रम ै- ‘ि ि ि य’ ।
S3. Ans. (d) स ी क्रम ै- ‘ ि ि य ि’ ।
S4 Ans. (a) : स ी क्रम ै - ‘ि य ि ि’ ।
S5. Ans. (a) स ी क्रम ै - ‘ि ि ि य’ ।
S6. Ans. (a): स ी क्रम ै - ‘ि ि य ि’।
S7. Ans. (e): स ी क्रम ै - ‘ि ि ि य’।
S8. Ans. (a): स ी क्रम ै - ‘ि ि ि य’।
S9 Ans. (a): स ी क्रम ै - ‘ि य ि ि’।
S10. Ans. (c): स ी क्रम ै- ‘ि ि य ि’।
S11. Ans. (c): स ी क्रम ै- ‘ि य ि ि’
S12. Ans. (b): स ी क्रम ै - ‘ि य ि ि’
S13. Ans. (d): स ी क्रम ै - ‘ि ि य ि’
S14 Ans. (a): स ी क्रम ै- ‘ि य ि ि’
S15. Ans. (d): स ी क्रम ै - ‘ि य ि ि’

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SET 9
हिदे श (1-10): िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के उत्ति दीहजए।
कुछ शब्दोिं को मोटे अक्षिोिं में मुहित हकया गया ै, हजससे आपको कुछ प्रश्नोिं के उत्ति दे िे में स ायता
हमिेगी। हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयु क्त का चयि कीहजए।

सर सैयद अहमद खां एक सुधारवाद नेता र्े। वे ज वन िर-समाज सेवा में लगे रहे । इनका जन्म 17 अक्टू बर सन्
1917 ई. में क्षदल्ल के एक प्रक्षतक्षष्ठत पररवार में हआ। ये अपने क्षपता सैयद मुवक्क के सार् दरबार में जाया करते
र्े। इनका लालन-पालन इनके नाना के घर हआ र्ा। इनक माताज एक धमशक्षनष्ठ तर्ा अनुर्ासन क्षप्रय मक्षहला र् ं
वह सैयद को ि अनुर्ाक्षसत रखत र् ।ं अपन माता से वह बहत प्रिाक्षवत र्े। अपने समय के प्रक्षसद्ध क्षवद्वानों से
इन्होंने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा प्राप्त क । यह उदू श के मर्हर र्ायर गाक्षलब के पास ि जाया करते
र्े। बड़े िाई क मुत्यु के बाद यह बड़े दु ख रहने लगे । दरबार से इन्होंने अपना संबंध तोड़ क्षलया और अं ग्रेज
सरकार क नौकर को तैयार हो गए। उन्होंने कक्षमश्नर के दफ्तर में मुंर् क नौकर क । क्षिर मुंक्षसि क पर िा
पास कर मैनपु र में मुंक्षसि के पद पर क्षनयु ि हए। कुछ समय बाद यह वहां से चले आए। िाई क मृत्यु के कारण
माता बहत दु ख रहत र् । अतः यह उनके पास रहने लगे । इनक क्षनयु क्ति क्षदल्ल में अम न पद पर हो गई। सन्
1857 के क्षवद्रोह को इन्होंने बहत कर ब से दे खा और “िारत य क्षवद्रोह के कारण” नामक पु स्तक क रचना क ।
इस पु स्तक में इन्होंने क्षलखा क्षक िारत यों को कानून बनाने के कायश से दू र रखना ह क्षवद्रोह का मूल कारण है ।
इन्होंने सेना के प्रबं ध में ि सुधार क मााँ ग क । अं ग्रेज सैयद अहमद खां के क्षवचारों से बहत प्रिाक्षवत हए। 1869 में
सैयद ज इं ग्लैंड गए। वहां क क्षर्िा, ज वन प्रणाल का क्षनकट से अध्ययन क्षकया। उनक यह धारणा बन क्षक
अं ग्रेजों क क्षर्िा प्रणाल को अपनाकर ह िारत उन्नक्षत कर सकता है । िारत के वायसराय लाडश क्तक्लंटन ने एक
सम्मेलन बु लाया क्षजसमें वह िारत यों क क्षवचारधारा से पररक्षचत होना चाहते र्े। उस सम्मेलन में केर्वचंद जैन
तर्ा स्वाम दयानंद सरस्वत के सार् सैयद अहमद खां ि र्े। इन्हें वायसराय क क्षवधान सिा का सदस्य बनाया
गया। 1860 में पक्षश्चम उत्तर प्रदे र् में ियानक अकाल पड़ा। कलेक्टर ने राहत कायश इन्हें ह सौंपा। इस कायश को
इन्होंने बड़ क्षजम्मेदार से क्षनिाया।

Q1. सि सै यद अ मद खािं का िािि-पािि हकसिे हकया था?

(a) नाना ने

(b) दाद ने

(c) चाचा ने

(d) मौस ने

(e) इनमें से कोई नह ं

Q2. सि सै यद अ मद खािं आजीिि क्ा किते ि े?

(a) वकालत

(b) हक म

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(c) व्यापार

(d) कक्षवता

(e) समाज सेवा

Q3. सै यद मुिक्की का सि सै यद अ मद खािं से क्ा रिश्ता था?

(a) िाई

(b) ताऊ

(c) चाचा

(d) क्षपता

(e) इनमें से कोई नह ं

Q4. सि सै यद अ मद खािं पि हकसका अहधक प्रभाि पडा था?

(a) क्षपता का

(b) माता का

(c) नान का

(d) चाचा का

(e) इनमें से कोई नह ं

Q5. िािसी, अिबी तथा गहणत की हशक्षा सै यद अ मद खािं को हकसिे दी थी?

(a) िाई ने

(b) माता ने

(c) उनके समय के मर्हर क्षवद्वानों ने

(d) ताऊ ने

(e) इनमें से कोई नह ं

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Q6. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘भयािक’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ै?

(a) ददश नाक

(b) खौिनाक

(c) बाधक

(d) िासक्षदक

(e) इनमें से कोई नह ं

Q7. सि सै यद अ मद िे इिं ग्लैड की हशक्षा प्रणािी का अध्ययि क ािं हकया था?

(a) क्षदल्ल में

(b) आगरा में

(c) दरबार में

(d) कलकत्ता में

(e) इनमें से कोई नह ं

Q8. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘प्रहतहष्ठत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ै?

(a) आदरण य

(b) प्रर्ंक्षसत

(c) क्षवख्यात

(d) सम्माक्षनत

(e) ये सि समानार्ी हैं

Q9. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘उन्नहत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?

(a) उत्कृष्ट

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(b) प्रगक्षत

(c) तरक्क

(d) बढ़त

(e) इनमें से कोई नह ं

Q10. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘कािूि’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?

(a) क्षवक्षध

(b) क्षवधान

(c) क्षनयम

(d) क्षसद्धान्त

(e) इनमें से कोई नह ं

हिदे श (11-15) : िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के उत्ति दीहजए.
कुछ शब्दोिं को मोटे अक्षिोिं में मुहित हकया गया ै, हजससे आपको कुछ प्रश्नोिं के उत्ति दे िे में स ायता
हमिेगी. हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयु क्त का चयि कीहजए.

क्षवधाता रक्षचत इस सृक्षष्ट का क्षसरमौर है मनुष्य. उसक कार गर का सवोत्तम नमूना. इस मानव को ब्रह्माण्ड का लघु
रूप मानकर िारत य दार्शक्षनकों ने ‘यत् क्षपण्डे तत् ब्रह्माण्डे ’ क कल्पना क र् . उनक यह कल्पना माि कल्पना
नह ं र् , प्रत्युत यर्ार्श ि र् क्योंक्षक मानव-मन में जो क्षवचारणा के रूप में घक्षटत होता है, उस का कृक्षत रूप ह तो
सृक्षष्ट है . मन तो मन, मानव का र्र र ि अप्रक्षतम है . दे खने में इससे िव्य, आकषशक एवं लावण्यमय रूप सृक्षष्ट में
अन्यि कहााँ है. अद् िूत एवं अक्षद्वत य है मानव सौन्दयश. साक्षहत्यकारों ने इसके रूप सौन्दयश के वणशन के क्षलए क्षकतने
ह अप्रस्तु तों का क्षवधान क्षकया है और इस सौन्दयश -राक्षर् से सि को आप्याक्षयत करने के क्षलए उनके काव्यसृक्षष्टयााँ
रच डाल हैं .

साक्षहत्यर्ाक्तियों ने ि इस मानव क िावनाओं का क्षववेचन करते हए अनेक रसों का क्षनरूपण क्षकया है , परन्तु
वैज्ञाक्षनक दृक्षष्ट से क्षवचार क्षकया जाए तो मानव र्र र को एक जक्षटल यं ि से उपक्षमत क्षकया जा सकता है क्षजस प्रकार
यं ि के क्षवक्षिन्न अवयवों में से यक्षद कोई एक अवयव ि क्षबगड़ जाता है तो उसका प्रिाव सारे र्र र पर पड़ता है .
इतना ह नह ं, गु दे जैसे कोमल एवं नाजुक क्षहस्से के खराब हो जाने से यह गक्षतर् ल वपु-यं ि एकाएक अवरूद्ध हो
सकता है, व्यक्ति क मृत्यु हो सकत है . एक अं ग के क्षवकृत होने पर सारा र्र र दक्तण्डत हो, वह काल कवक्षलत हो

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जाए-यह क्षवचारण य है. यक्षद क्षकस यं ि के पु जे को बदलकर, उसके स्र्ान पर नया पु जाश लगाकर यं ि को पू वशवत्-
सुचारू एवं व्यवक्तस्र्त रूप से क्षियार् ल बनाया जा सकता है तो र्र र के क्षवकृत अं ग के स्र्ान पर नव्य क्षनरामय
अं ग लगाकर र्र र को स्वस्र् एवं सामान्य क्यों नह ं बनाया जा सकता? र्ल् क्षचक्षकत्सकों ने इस दाक्षयिपू णश चुनौत
को स्व कार क्षकया तर्ा क्षनरन्तर अध्यवसाय पू णशसाधना के अनन्तर अं ग-प्रत्यारोपण के िेि में सिलता प्राप्त क .
अं ग प्रत्यारोपण का उद्दे श्य है क्षक मनुष्य द घाश यु प्राप्त कर सके. यहााँ यह ध्यातव्य है क्षक मानव-र्र र हर क्षकस के
अं ग को उस प्रकार स्व कार नह ं करता, क्षजस प्रकार हर क्षकस का रि उसे स्व कायश नह ं होता. रोग को रि
दे ने से पू वश रि-वगश का पर िण अत्यावश्यक है , तो अं ग-प्रत्यारोपण से पू वश ऊत्तक-पर िण अक्षनवायश है. आज का
र्ल्-क्षचक्षकत्सक गु दे, यकृत, आाँ त, िेिडेे़ और हृदय का प्रत्यारोपण सिलतापू वशक कर रहा है. साधन- सम्पन्न
क्षचक्षकत्सालयों में मक्तस्तष्क के अक्षतररि र्र र के प्रायः सि अं गों का प्रत्यारोपण सम्भव हो गया है.

Q11. मािि को सृ हष्ट का िघु रूप मािा गया ै, क्ािंहक-

(a) मन क र्क्ति अपराजेय है

(b) मानव-मन में जो घक्षटत होता है , वह सृक्षष्ट में घक्षटत होता है

(c) मानव सृक्षष्ट का क्षसरमौर है

(d) लघु मानव ह क्षवधाता क सच् सृक्षष्ट है

(e) इनमें से कोई नह ं

Q12. शल्य-हचहकत्सकोिं का मूि ध्ये य ै-

(a) ऊतक-पर िण करना

(b) साधन-सम्पन्न क्षचक्षकत्सालयों को खोलना

(c) र्ल्-क्षचक्षकत्सा द्वारा मानव को क्षचरायु प्रदान करना

(d) अं ग-प्रत्यारोपण के िेि में अनुसंधान करना

(e) इनमें से कोई नह ं

Q13. शल्य-हचहकत्सकोिं िािा स्वीकाि की गई उत्तिदाहयत्वपूणा चु िौती थी-

(a) मानव-र्र र को मृत्यु से बचाना

(b) ज णश र्र र के स्र्ान पर स्वस्र् र्र र दे ना

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(c) र्ल्-क्षचक्षकत्सा का महत्त्व स्र्ाक्षपत करना

(d) अं ग-प्रत्यारोपण द्वारा र्र र को सामान्य बनाना

(e) इनमें से कोई नह ं

Q14. मािि-शिीि को यन्त्रित् क ा गया ै, क्ोिंहक-

(a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है

(b) मानव-र्र र क्षवधाता क सृक्षष्ट क अनुपम कृक्षत है

(c) मानव-र्र र दृढ़ मााँ सपे क्षर्यों और अवयवों से क्षनक्षमशत है

(d) मानव-र्र र यं ि क िााँ क्षत लावण्यमय होता है

(e) इनमें से कोई नह ं

Q15. कहियोिं के मािि-सौन्दया के िणा ि- ेतू हजस सृ हष्ट का हिमााण हकया ै, उसकी सिं ज्ञा ै-

(a) क्षबम्ब-सृक्षष्ट

(b) काव्य-सृक्षष्ट

(c) उपमान-सृक्षष्ट

(d) अक्षवष्कारों क सृक्षष्ट

(e) इनमें से कोई नह ं

उत्तर

S1. Ans. (a) सर सैयद अहमद खां का लालन-पालन नाना ने क्षकया र्ा.

S2. Ans. (e) सर सैयद अहमद खां आज वन समाज-सेवा करते रहे .

S3. Ans. (d) सैयद मुवक्क का सर सैयद अहमद खां से क्षपता का ररश्ता र्ा.

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S4. Ans. (b) माता का प्रिाव सबसे अक्षधक र्ा.

S5. Ans. (c) उनके समय के मर्हर क्षवद्वानों ने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा सैयद अहमद खां को द .

S6. Ans. (b) खौिनाक

S7. Ans. (e) इनमें से कोई नह ं

S8. Ans. (e) ये सि ‘प्रक्षतक्षष्ठत’के समानार्ी हैं

S9. Ans. (a) उत्कृष्ट र्ब्द का अर्श उत्तम होता है. अत: यह ‘उन्नक्षत’ का समानार्ी नह ं है.

S10. Ans. (d) क्षसद्धान्त, सबद कानून’ का समानार्ी नह ं है.

S11. Ans. (b) मानव-मन में जो घक्षटत होता है , वह सृक्षष्ट में घक्षटत होता है

S12. Ans. (c) र्ल्-क्षचक्षकत्सा द्वारा मानव को क्षचरायु प्रदान करना

S13. Ans. (d) अं ग-प्रत्यारोपण द्वारा र्र र को सामान्य बनाना

S14. Ans. (a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है

S15. Ans. (c) उपमान-सृक्षष्ट

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SET 10
हिदे श (1-15) हिम्नहिक्तखत प्रत्येक प्रश्न में अिे क शब्दोिं के हिए एक शब्द, हििोम, मु ाििे -
िोकोक्तक्तयाँ , पयाायिाची हदए गए ैं। प्रश्न के िीचे उसके पािंच हिकल्प हदए गए ैं । हदए गए
हिकल्पोिं में से स ी हिकल्प चुहिए।

Q1. ‘उदाि’ शब्द का हििोम ै -


(a) उदय
(b) कृपण
(c) अगूढ़
(d) उन्मू लन
(e) इनमें से कोई नह ं

Q2. ‘प्रभु’ शब्द का हििोम ै -


(a) स्तु क्षत
(b) क्षवन त
(c) िृ त्य
(d) प्रलय
(e) इनमें से कोई नह ं

Q3. ‘माि माि कि कीम बिािा’ िोकोक्तक्त का अथा ै -


(a) जबरदस्त आगे बढ़ाना
(b) चु प हो जाना
(c) अर्ां क्षत िैलाना
(d) रं ग उड़ जाना
(e) इनमें से कोई नह ं

Q4. ‘प्रचण्ड’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) वि
(b) उग्र
(c) खड़ग
(d) क्षनष्कषश
(e) इनमें से कोई नह ं

Q5. ‘आिोचिा कििे िािा’ के हिए एक शब्द ै-


(a) अक्षिव्यि
(b) रूपक
(c) आलोचक
(d) र्ाकाहार
(e) इनमें से कोई नह ं

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Q6. ‘हजसकी समािता ि प्रकट की जा सके’ के हिए एक शब्द ै -
(a) अनुपम
(b) अनुिूत
(c) िाष्य
(d) यायावार
(e) इनमें से कोई नह ं

Q7. ‘प्रिे श’ शब्द का हििोम ै -


(a) सार्श क
(b) क्षनकास
(c) प्रौढ़
(d) दु बशल
(e) इनमें से कोई नह ं

Q8. ‘पितिं ि’ शब्द का हििोम ै-


(a) स्वतं ि
(b) अंधकार
(c) पि
(d) सौम्य
(e) इनमें से कोई नह ं

Q9. ‘चमक’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) गात
(b) क्षदवस
(c) द क्तप्त
(d) वंक्षचत
(e) इनमें से कोई नह ं

Q10. साह क्तत्यक िचिा के हिए _____ भाषा िोकभाषा का काया किते हए भी उससे हभन्न ोती
ै।
(a) व्याकुल
(b) धरोहर
(c) दू क्षषत
(d) प्रयुि
(e) इनमें से कोई नह ं

Q11. ‘तीि मा में एक बाि ोिे िािा’ के हिए एक शब्द ै -


(a) क्षतगुना
(b) िै माक्षसक

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(c) क्षद्वमाक्षसक
(d) वाक्षषशक
(e) इनमें से कोई नह ं

Q12. भाषा का प्रयोग दो रूपोिं में हकया जा सकता ै - एक तो सामान्य हजससे िोक में ________
ोता ै तथा दू सिा साह त्य िचिा के हिए, हजसमें प्राय: _________ भाषा का प्रयोग हकया जाता
ै।
(a) कायश, रचनात्मकता
(b) क्षवक्षनमय, काव्यात्मक
(c) व्यवहार, आलं काररक
(d) संचालन, िावात्मक
(e) इनमें से कोई नह ं

Q13. औद्ोहगक हिकास औि भौहतक ________प्राप्त कििे के उद्दे श्य से आज मािि


_______के सिंतुिि को समाप्त किता जा ि ा ै ।
(a) क्षवकास, कृक्षिमता
(b) समृ क्तद्ध, पयाश वरण
(c) साधन, ईश्वर
(d) वृक्तद्ध, पृथ्व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q14. इिं टििे ट हिज्ञाि एििं प्रौद्ोहगकी की श्रेष्टतम सौगातोिं में से एक ै, िेहकि _______ य ै हक
जैसे-जैसे इिं टििे ट मािे जीिि को सुगम ि गहतशीि बिा ि ा ै , िै से-िै से इससे जुड़े खतिोिं की
_______ भी बढ़ती जा ि ी ै ।
(a) क्षववाद, पररिाषा
(b) यर्ार्श , संख्या
(c) क्षवडम्बना, आर्ंका
(d) क्षवकृक्षत, क्तस्र्क्षत
(e) इनमें से कोई नह ं

Q15. हिचाि-हिहिमय के हिए केिि मिु ष् को ी ______ का ििदाि प्राप्त ै , पशु पक्षी अपिे
भाि औि हिचाि शािीरिक ________ औि सिंकेतोिं िािा प्रकट किते ैं ।
(a) व्यं जन, पहचान
(b) कहने, क्तस्र्क्षतयों
(c) क्षववेक, क्षियाओं
(d) वाण , मु द्राओं
(e) इनमें से कोई नह ं

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उत्ति

S1. Ans. (b)


Sol. ‘उदार’ र्ब्द का क्षवलोम कृपण है ।
S 2. Ans. (c)
Sol. ‘प्रिु ’ र्ब्द का क्षवलोम िृ त्य है ।
S 3. Ans. (a )
Sol. ‘मार मार कर हक म बनाना’ लोकोक्ति का अर्श ‘जबरदस्त आगे बढ़ाना’ है ।
S 4. Ans. (b)
Sol. ‘प्रचण्ड’ का पयाश यवाच र्ब्द उग्र है ।
S5. Ans. (c):
Sol. ‘आलोचना करने वाला’ के क्षलए एक र्ब्द ‘आलोचक’ है ।
S6. Ans. (a):
Sol. ‘क्षजसक समानता न प्रकट क जा सके’ के क्षलए एक र्ब्द ‘अनुपम’ है ।
S7. Ans. (b):
Sol. ‘प्रवेर्’ र्ब्द का क्षवलोम ‘क्षनकास’ है ।
S8. Ans. (a):
Sol. ‘परतं ि’ र्ब्द का क्षवलोम ‘स्वतं ि’ है ।
S9. Ans. (c):
Sol. ‘चमक’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘द क्तप्त’ है ।
S10. Ans. (d):
Sol. साक्षहक्तत्यक रचना के क्षलए प्रयुि िाषा लोकिाषा का कायश करते हए ि उससे क्षिन्न होत है ।
S11. Ans. (b):
Sol. ‘त न माह में एक बार होने वाला’ के क्षलए एक र्ब्द ‘िै माक्षसक’ है ।
S12. Ans. (c)
S13. Ans. (b)
S14. Ans. (c)
S15. Ans. (d)

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SET 11
Directions (1-15) िीचे हदया गया प्रत्ये क िाक् चाि भागोिं में बािंटा गया ै हजन्हें (a), (b), (c), (d) हिकल्प
हदए गए ैं। आपको य दे खिा ै हक िाक् के हकसी भाग में व्याकिण, भाषा, ितािी, शब्दोिं के गित
प्रयोग या इसी ति की कोई िुटी तो ि ी िं ै। िुटी अगि ोगी तो िाक् के हकसी एक भाग में ी ोगी। उस
भाग का क्रमािंक ी उत्ति ै। यहद िाक् िुटी िह त ै तो उत्ति (e) अथाात ‘िुटीिह त’ दीहजए।

Q1. भाित की आजादी के हिए (a)/ अपिे सिं घषा की दौिाि भगत हसिं (b)/ हजस सिं गिि में सबसे प िे
शाहमि हए थे (c)/ ि ह िंदुस्ताि रिपक्तिकि एसोहसएशि था। (d)/ िुटीिह त(e)

Q2. योग आपके हदि को स्वस्थ बिािे में (a)/ मदद किता ै औि य आपके शिीि (b)/ औि िसोिं में िक्त
के प्रिा को (c)/ बढ़ाकि ह्रास कुशिता से काम किता ै। (d)/ िुटीिह त (e)

Q3. िो सभी प्राकृहतक चीजें जो पृथ्वी पि (a)/ जीिि सिं भि बिाती ैं (b)/ पयााििण के अिंतिगता आता ैं
जैसे हक (c)/ जि, िायु , सू या का प्रकाश, भू हम, अहि, िि, पशु, पौ िंधें, इत्याहद।(d)/ िुटीिह त(e)

Q4. हिज्ञाि औि प्रौद्ोहगकी आधुहिक के जीिि (a)/ में म त्वपूणा भू हमका हिभाता ै (b)/ औि इसिे
मािि सभ्यता को (c)/ ग िाई में जाकि प्रभाहित हकया ै। (d)/ िुटीिह त (e)

Q5.प िे के समय में िड़हकयोिं की हशक्षा को (a) अभी भी आिश्यक ि ी िं मािा गया था (b)/ िेहकि समय
गुज़ििे के साथ िोगोिं िे (c)/ िड़हकयोिं की हशक्षा का म त्व म सू स हकया ै। (d)/ िुटीिह त

Q6. आज िैहश्वक स्ति पि य हसि ो चु की ै (a)/ हक ह िंदी भाषा अपिी (b) हिहप औि उच्चािण के
हि ाज से (c)/ सबसे शुि औि हिज्ञाि सम्मत भाषा ै।(d)/ िुटीिह त(e)

Q7. ज ाँ तक सामाहजक इहत ास की बात ै,(a)/ हजसे कोई सीमा तक आप (b)/ सािंस्कृहतक इहत ास
क सकते ैं,(c)/ उसमें साह त्य का प्रचु ि प्रयोग हआ ै।(d)/ िुटीिह त(e)

Q8. ईिंधि को शुरू में उि पदाथों के रूप में प चािा जाता था (a)/ तो केिि िासायहिक ऊजाा ी जािी
किते थे (b)/ ािािंहक जल्द ी उि पदाथों को इस श्रेणी में (c)/ शाहमि कि हिया गया जो पिमाणु ऊजाा
का उत्पादि किते थे ।(d)/ िुटीिह त(e)

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Q9. मािे पिा बाँसुिी की पोि की ति ोते ैं ,(a)/ जो आदमी की स्पिंदि िाह िी (b)/ अँगुहियोिं के स्पशा
माि से (c)/ अिग-अिग स्विोिं में बज उिते ैं। (d)/ िुटीिह त (e)

Q10. बैंहकिंग प्रणािी ि प्रणािी ै(a)/ हजसमें पैसा जमा कििी औि उधाि दे िा शाहमि ै(b)/ य प्रहक्रया
दु हिया के हिहभन्न ह स्सोिं में(c)/ सहदयोिं प िे शुरू की गई थी।(d)/ िुटीिह त (e)

Q11. िेताजी िािा (a) िागू की गई इस प्रणािी से (b)/ जिता के अिंदि (c)/ असिं तोष फ़ैि गया ै।(d)/
िुटीिह त (e)

Q12. म ात्माओिं का (a)/ िैिाग भी समय (b)/ के परििताि की अपेक्षा (c) ि ी िं िखता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं
(e)

Q13. पयााििण औि आहथाक हिकास (a)/एक-दू सिे से पिस्पि जुड़े हए ै, ि ी दू सिी तिि (b)/ एक दे श
की आहथाक तिक्की(c)/ भी पयााििण को प्रभाहित किती ै। (d)/ िुटीिह त (e)

Q14. चाि घिंटे के आगे (a)/ अब मैं औि (b)/ आपका इिं तजाि (c)/ ि ी िं कि सकता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं ै
(e)

Q15. अगि िाहि समय पि (a)/ घि ि ी िं आ गया तो (b)/ हिि उसिे मुझे (c) क्ोिं य समय हदया। (d)/
कोई िुटी ि ी िं (e)

उत्तर

S1. Ans. (b):

Sol.यहााँ ‘अपने संघषश क दौरान िगत क्षसंह’ के स्र्ान पर ‘अपने संघषश के दौरान िगत क्षसंह’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S2. Ans. (d):

Sol.यहााँ ‘बढ़ाकर ह्रास कुर्लता से काम करता है ’ के स्र्ान पर ‘बढ़ाकर अक्षधक कुर्लता से काम करता है’ का
प्रयोग उक्षचत है ।

S3. Ans. (c):

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Sol.यहााँ ‘पयाश वरण के अं तरगतश आता हैं जैसे क्षक’ के स्र्ान पर ‘पयाश वरण के अं तरगतश आत हैं जैसे क्षक’ का प्रयोग
उक्षचत है ।

S4. Ans. (a):

Sol. यहााँ ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक के ज वन’ के स्र्ान पर ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक ज वन’ का
प्रयोग उक्षचत है, यहााँ आधुक्षनक के बाद ‘के’ का प्रयोग अनावश्यक है ।

S5. Ans. (b): यहााँ ‘अि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ के स्र्ान पर ‘कि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ का
प्रयोग उक्षचत है, इस वाक्य में ‘पहले के समय’ के संदिश में ‘अि ि ’ के स्र्ान पर ‘कि ि ’ का प्रयोग सह है ।

S6. Ans. (a): यहााँ ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो चुक है’ के स्र्ान पर ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो
चुका है’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S7. Ans. (b) : यहााँ ‘क्षजसे कोई स मा तक आप’ के स्र्ान पर ‘क्षजसे एक स मा तक आप’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S8. Ans. ( b ): यहााँ ‘तो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह जार करते र्े ’ के स्र्ान पर ‘जो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह
जार करते र्े’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S9. Ans. (e): यह वाक्य िुट रक्षहत है ।

S10. Ans. (b): यहााँ ‘क्षजसमें पै सा जमा करन और उधार दे ना र्ाक्षमल है’ के स्र्ान पर ‘क्षजसमें पै सा जमा करना
और उधार दे ना र्ाक्षमल है ’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S11. Ans. (c): यहााँ ‘जनता के अं दर’ के स्र्ान पर ‘जनता में’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S12. Ans. (b): यहााँ ‘वैराग ि समय’ के स्र्ान पर ‘वैराग्य ि समय’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S13. Ans. (e): यह वाक्य िुट रक्षहत है ।

S14. Ans. (a): यहााँ ‘चार घं टे के आगे ’ के स्र्ान पर ‘‘चार घं टे के बाद’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S15. Ans. (b): यहााँ ‘घर नह ं आ गया तो’ के स्र्ान पर ‘घर नह ं आया तो’ का प्रयोग उक्षचत है ।

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SET 12
Directions (1-10) िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के
उत्ति दीहजए।

कबीि िे समाज में ि कि समाज का समीप से हििीक्षण हकया। समाज में िैिे बाह्याडिं बि,
भेदभाि, साम्प्रदाहयकता आहद का उन्होिंिे पुष्ट प्रमाण िेकि ऐसा दॄढ हििोध हकया हक हकसी की
ह म्मत ि ी िं हई जो उिके अकाट्य तको को काट सके। कबीि का व्यक्तक्तत्व इतिा ऊँचा था हक
उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत हकसी में ि ी िं थी। इस प्रकाि उन्होिंिे समाज तथा धमा की
बुिाइयोिं को हिकाि-हिकािकि सबके सामिे िखा, ऊँचा िाम िखकि सिंसाि को िगिे िािोिं के
िकिी चे िोिं को सबको हदखाया औि दीि-दहितोिं को ऊपि उििे का उपदे श दे कि, अपिे
व्यक्तक्तत्व को सुधािकि सबके सामिे एक म ाि आदशा प्रस्तुत कि हसिािंतोिं का हिरूपण
हकया। कमा, सेिा, अह िं सा तथा हिगुाण मागा का प्रसाि हकया। कमाकाण्ड ि मूहता पूजा का हििोध
हकया। अपिी साक्तखयोिं, िमैहियोिं तथा शब्दोिं को बोिचाि की भाषा में िखकि सबके सामिे
एक हिशाि ज्ञािमागा खोिा। इस प्रकाि कबीि िे समन्वयिादी दृहष्टकोण अपिाया औि कथिी-
कििी एकता पि बि हदया। िे म ाि युगिष्टा, समाज सुधािक तथा म ाि कहि थे । उन्होिंिे
ह न्दू -मुक्तिम के बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि दोिोिं को ी शीतिता प्रदाि की।

Q1. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समाज का कैसा हििीक्षण हकया?


(a) संदेहास्पद रूप से
(b) ऊपर तौर से
(c) सम प से
(d) दू र से
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 1
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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Q2. गद्ािंश के अिु साि, कबीि के हकस गुण के कािण उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत
हकसी में ि ी िं थी?
(a) गुस्से
(b) व्यक्तिति
(c) प्यार
(d) अक्षिमान
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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Q3. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकस मागा का प्रसाि हकया?

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(a) कमश , सेवा, अक्षहंसा तर्ा क्षनगुशण मागश
(b) कमश , सेवा, क्षहंसा तर्ा क्षनगुशण मागश
(c) कमश , सेवा, अक्षहंसा तर्ा सगुण मागश
(d) केवल कमश मागश
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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Q4. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका हििोध हकया?


(a) क्तियों
(b) साक्तखयों और रमै क्षनयों
(c) बालकों
(d) कमश काण्ड व मू क्षतशपूजा
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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Q5. गद्ािंश के अिु साि, साक्तखयोिं औि िमैहियोिं की भाषा कैसी ै ?


(a) तद्भव प्रधान
(b) तत्सम प्रधान
(c) बोलचाल क िाषा
(d) उदू श
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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6. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसे हिकािकि सबके सामिे िखा?


(a) मू क्षतशपूजा को
(b) समाज तर्ा धमश क बुराइयों को
(c) द न-दक्षलतों को
(d) क्तियों को
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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7. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकस दृहष्टकोण अपिाया?
(a) क्षनरं कुर्तावाद
(b) लोकताक्तन्त्रक
(c) समन्वयवाद
(d) प्रगक्षतर् ल
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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8. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसके बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि शीतिता प्रदाि
की?
(a) क्षहन्दू -मु क्तिम
(b) केवल क्षहन्दु ओं
(c) केवल मु क्तिमों
(d) क्षहंदु-ईसाई
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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9. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका समथा ि हकया?


(a) क्षहंसा
(b) ज्ञानमागश
(c) िक्तिमागश
(d) सगुणता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
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10. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका पुष्ट प्रमाण िेकि दॄढ हििोध हकया?
(a) कक्षवयों
(b) द न-दक्षलतों
(c) क्षसद्धां तों के क्षनरूपण
(d) बाह्याडं बर, िे दिाव, साम्प्रदाक्षयकता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3

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QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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Directions (11-15) िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के


उत्ति दीहजए।
कक्षवता मे रे क्षलए क्षलखकर छु पा ले ने क च ज है पर कहान के सार् ऐसा कुछ नह ं हैं । उसे क्षलखते ह
सावशजक्षनक कर दे ता हाँ । कह सकता हाँ क्षक कक्षवता मे रे क्षलए एक बेहद क्षनज च ज है , यहााँ कक्षवता से मे रा
मतलब संसार क उन सार अच्छ कक्षवताओं से है क्षजनके नजद क जाने का मु झे मौका क्षमला है ।
कहान या उपन्यास मैं र्ोर और ि ड़ के ब च ि पढ़ सकता हाँ पर कक्षवता पढ़ने के क्षलए मु झे हर हाल
में एकां त चाक्षहए होता है । मे रे क्षनकट कक्षवता और कहान में एक और क्षनज अंतर है क्षक मैं अपन
अनछप कक्षवताओं क तरि दे र से ह सह पर लौटता जरूर हाँ पर छप जाने के बाद कि गलत से
ि क्षपछल कहाक्षनयों क तरि मु ड़कर नह ं दे खता। उन्हें प छे छोड़ आगे बढ़ जाता हाँ । कक्षवता और
कहान को ले कर ये मे र एकदम क्षनज प्रक्षतक्षियाएाँ हैं । ये मे रे क्षलए ज्यादा आसान होगा क्षक मैं क्षनज घेरे
में रह कर ह इन पर बात करू ाँ । क्या पता क्षक ये घेरा इतना क्षनज न हो। हो सकता है क्षक इसमें कोई ि
बड़ या उल्लेखन य बात न हो, या कुछ बहत छोटे छोटे सवाल िर हों क्षिर ि । इसके पहले मैं ने
कक्षवता और कहान के अंतसंबंध मतलब क्षक द्वं द्व या साहचयश पर या उनके ब च के ले न दे न के ररश्ते पर
कि नह ं सोचा र्ा। कक्षवताएाँ और कहाक्षनयााँ क्षलखता रहा, कक्षवताएाँ और कहाक्षनयााँ पढ़ता रहा।

11. गद्ािंश के अिु साि, िेखक के हिए क्ा छु पा िेिे िािी चीज़ ै ?
(a) नाटक
(b) कहान
(c) कक्षवता
(d) उपन्यास
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 1
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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12. गद्ािंश के अिु साि, िेखक हकसे हिखते ी सािा जहिक कि दे ता ै?


(a) कक्षवता
(b) कहान
(c) व्यं ग्य
(d) उपन्यास
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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13. गद्ािंश के अिु साि, कहिता तथा क ािी में एक औि हिजी-

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(a) अंतर है
(b) पहचान है
(c) समानता है
(d) स्मृक्षत
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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14. गद्ािंश के अिु साि, िेखक हकसे शोि या भीड़ के बीच भी पढ़ सकता ै ?
(a) उपन्यास
(b) कहान
(c) कहान और उपन्यास दोनों
(d) कक्षवता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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15. गद्ािंश के अिु साि, िेखक िे मुख्य रूप से हकसके मध्य अिं ति स्पष्ट कििा का प्रयास हकया
ै?
(a) कक्षवता और कहान
(b) कक्षवता और उपन्यास
(c) कहान और उपन्यास
(d) उपन्यास और व्यं ग्य
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags अपक्षित गद्ां र् / पदयां र्
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उत्ति

S1. Ans. (c):


Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समाज का समीप से हििीक्षण हकया।
S2. Ans. (b):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि के व्यक्तक्ततत्व के कािण उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत

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हकसी में ि ी िं थी।
S3. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे कमा, सेिा, अह िं सा तथा हिगुाण मागा का प्रसाि हकया।
S4. Ans. (d):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे कमाकाण्ड ि मूहता पूजा का हििोध हकया।
S5. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, साक्तखयोिं औि िमैहियोिं की भाषा बोिचाि की भाषा ै ।
S6. Ans. (b):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समाज तथा धमा की बुिाइयोिं को हिकािकि सबके सामिे
िखा।
S7. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समन्वयिादी दृहष्टकोण अपिाया।
S8. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे ह न्दू -मुक्तिम के बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि
शीतिता प्रदाि की।
S9. Ans. (b):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे ज्ञािमागा का समथा ि हकया।
S10. Ans. (d):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे बाह्याडिं बि, भेदभाि, साम्प्रदाहयकता का पुष्ट प्रमाण िेकि दॄढ
हििोध हकया।
S11. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक के हिए कहिता छु पा िेिे िािी चीज़ ै ।
S12. Ans. (b):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक क ािी हिखते ी सािा जहिक कि दे ता ै ।
S13. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कहिता तथा क ािी में एक औि हिजी अिं ति ै ।
S14. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक क ािी औि उपन्यास दोिोिं को ी शोि या भीड़ के बीच भी पढ़
सकता ै ।
S15. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक िे मुख्य रूप से कहिता औि क ािी के मध्य अिं ति स्पष्ट कििा
का प्रयास हकया ै ।

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SET 13
Directions (1-15): िीचे हिहिध प्रकाि के प्रश्न हदए गये ैं । हिम्नहिक्तखत प्रत्येक प्रश्न के िीचे उसके
पािंच हिकल्प हदए गए ैं । हदए गए हिकल्पोिं में से स ी हिकल्प चुहिए।

Q1. ‘जो पूिी ति से पका ो’ के हिए एक शब्द ै-


(a) व्यस्क
(b) पररपक्व
(c) सुपाच्य
(d) रजत
(e) इनमें से कोई नह ं

L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q2. ‘जो बहत कहििाई से हमिता ो’ के हिए एक शब्द ै -


(a) आवेग
(b) क्षनमश म
(c) दु लशि
(d) संगम
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q3. ‘ईश्वि को ि माििे िािा’ के हिए एक शब्द ै -


(a) अप्रमाक्षणत
(b) आक्तस्तक
(c) मु कुल
(d) नाक्तस्तक
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q4. ‘सूयोदय से प िे का समय’ के हिए एक शब्द ै -


(a) उत्पाद

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(b) उवशरा
(c) उषाकाल
(d) ऊसर
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q5. ‘ग्रस्त’ का हििोम शब्द ै -


(a) मु ि
(b) गुप्त
(c) सभ्य
(d) स्मरण
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags क्षवलोम र्ब्द / क्षवपर तार्श क र्ब्द
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6. ‘सिंहध’ का हििोम शब्द ै -


(a) स्वप्न
(b) क्षवग्रह
(c) क्षवकषश
(d) इक्षत
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags क्षवलोम र्ब्द / क्षवपर तार्श क र्ब्द
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7. ‘मिंद’ का हििोम शब्द ै -


(a) ध मा
(b) पूवश
(c) न्यून
(d) द्रु त
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags क्षवलोम र्ब्द / क्षवपर तार्श क र्ब्द
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8. ‘समीप’ का पयाायिाची शब्द ै-

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(a) सादृश्य
(b) आसन्न
(c) दू र
(d) समान
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags पयाश यवाच र्ब्द
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9. ‘तािाब’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) पोत
(b) नद
(c) सरोवर
(d) सागर
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags पयाश यवाच र्ब्द
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10. ‘प्रसूि’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) क्षनक्षर्
(b) पुष्
(c) भ्रमर
(d) प्रसव
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags पयाश यवाच र्ब्द
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11. ‘छोटा मुिं बड़ी बात’ मु ाििे का अथा ै -


(a) मन लगाना
(b) कम र्ब्दों में बात कहना
(c) योग्यता से बढ़कर बोलना
(d) लक्तित करना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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12. ‘बािू की भीत’ मु ाििे का अथा ै -
(a) र् घ्र नष्ट होने वाल च ज़
(b) छोट च ज़
(c) घूस दे ना
(d) कपट
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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13. ‘िचि दे िा’ मु ाििे का अथा ै -


(a) क्षसर झुकाना
(b) मार डालना
(c) जबान दे ना
(d) खूब मारना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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14. ‘तु म डाि-डाि तो म पात-पात’ िोकोक्तक्त का अथा ै-


(a) लाि के बदले हाक्षन
(b) कक्षिन पररश्रम र्ोडा लाि
(c) बनावट परहे ज
(d) क्षकस क चाल को खूब समझते हए अपन चाल चलना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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15. ‘ति पि ि ी िं ित्ता पाि खाए अिबत्ता’ िोकोक्तक्त का अथा ै-


(a) दयालु होना
(b) मनमान करना
(c) झूिा क्षदखावा करना
(d) अपने काम से काम करना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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उत्ति
S1. Ans. (b):
Sol. ‘जो पूर तरह से पका हो’ के क्षलए एक र्ब्द ‘पररपक्व’ है ।
S2. Ans. (c):
Sol. ‘जो बहत कक्षिनाई से क्षमलता हो’ के क्षलए एक र्ब्द ‘दु लशि’ है ।
S3. Ans. (d):
Sol. ‘ईश्वर को न मानने वाला’ के क्षलए एक र्ब्द ‘नाक्तस्तक’ है ।
S4. Ans. (c):
Sol. ‘सूयोदय से पहले का समय’ के क्षलए एक र्ब्द ‘उषाकाल’ है ।
S5. Ans. (a):
Sol. ‘ग्रस्त’ का क्षवलोम र्ब्द ‘मु ि’ है ।
S6. Ans. (b):
Sol. ‘संक्षध’ का क्षवलोम र्ब्द ‘क्षवग्रह’ है ।
S7. Ans. (d):
Sol. ‘मं द’ का क्षवलोम र्ब्द ‘द्रु त’ है ।
S8. Ans. (b):
Sol. ‘सम प’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘आसन्न’ है ।
S9. Ans. (c):
Sol. ‘तालाब’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘सरोवर’ है ।
S10. Ans. (b):
Sol. ‘प्रसून’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘पुष्’ है ।
S11. Ans. (c):
Sol. ‘छोटा मुं ह बड़ बात’ मु हावरे का अर्श ‘योग्यता से बढ़कर बोलना’ है ।
S12. Ans. (a):
Sol. ‘बालू क ि त’ मु हावरे का अर्श ‘र् घ्र नष्ट होने वाल च ज़’ है ।
S13. Ans. (c):
Sol. ‘वचन दे ना’ मु हावरे का अर्श ‘जबान दे ना’ है ।
S14. Ans. (d):
Sol. ‘तु म डाल-डाल तो हम पात-पात’ लोकोक्ति का अर्श ‘क्षकस क चाल को खूब समझते हए अपन
चाल चलना’ है ।
S15. Ans. (c):
Sol. ‘तन पर नह लत्ता पान खाए अलबत्ता’ लोकोक्ति का अर्श ‘झूिा क्षदखावा करना’ है ।

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SET 14
हिदे श (1-10): िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के उत्ति दीहजए।
कुछ शब्दोिं को मोटे अक्षिोिं में मुहित हकया गया ै, हजससे आपको कुछ प्रश्नोिं के उत्ति दे िे में स ायता
हमिेगी। हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयु क्त का चयि कीहजए।

सर सैयद अहमद खां एक सुधारवाद नेता र्े। वे ज वन िर-समाज सेवा में लगे रहे । इनका जन्म 17 अक्टू बर सन्
1917 ई. में क्षदल्ल के एक प्रक्षतक्षष्ठत पररवार में हआ। ये अपने क्षपता सैयद मुवक्क के सार् दरबार में जाया करते
र्े। इनका लालन-पालन इनके नाना के घर हआ र्ा। इनक माताज एक धमशक्षनष्ठ तर्ा अनुर्ासन क्षप्रय मक्षहला र् ं
वह सैयद को ि अनुर्ाक्षसत रखत र् ।ं अपन माता से वह बहत प्रिाक्षवत र्े। अपने समय के प्रक्षसद्ध क्षवद्वानों से
इन्होंने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा प्राप्त क । यह उदू श के मर्हर र्ायर गाक्षलब के पास ि जाया करते
र्े। बड़े िाई क मुत्यु के बाद यह बड़े दु ख रहने लगे । दरबार से इन्होंने अपना संबंध तोड़ क्षलया और अं ग्रेज
सरकार क नौकर को तैयार हो गए। उन्होंने कक्षमश्नर के दफ्तर में मुंर् क नौकर क । क्षिर मुंक्षसि क पर िा
पास कर मैनपु र में मुंक्षसि के पद पर क्षनयु ि हए। कुछ समय बाद यह वहां से चले आए। िाई क मृत्यु के कारण
माता बहत दु ख रहत र् । अतः यह उनके पास रहने लगे । इनक क्षनयु क्ति क्षदल्ल में अम न पद पर हो गई। सन्
1857 के क्षवद्रोह को इन्होंने बहत कर ब से दे खा और “िारत य क्षवद्रोह के कारण” नामक पु स्तक क रचना क ।
इस पु स्तक में इन्होंने क्षलखा क्षक िारत यों को कानून बनाने के कायश से दू र रखना ह क्षवद्रोह का मूल कारण है ।
इन्होंने सेना के प्रबं ध में ि सुधार क मााँ ग क । अं ग्रेज सैयद अहमद खां के क्षवचारों से बहत प्रिाक्षवत हए। 1869 में
सैयद ज इं ग्लैंड गए। वहां क क्षर्िा, ज वन प्रणाल का क्षनकट से अध्ययन क्षकया। उनक यह धारणा बन क्षक
अं ग्रेजों क क्षर्िा प्रणाल को अपनाकर ह िारत उन्नक्षत कर सकता है । िारत के वायसराय लाडश क्तक्लंटन ने एक
सम्मेलन बु लाया क्षजसमें वह िारत यों क क्षवचारधारा से पररक्षचत होना चाहते र्े। उस सम्मेलन में केर्वचंद जैन
तर्ा स्वाम दयानंद सरस्वत के सार् सैयद अहमद खां ि र्े। इन्हें वायसराय क क्षवधान सिा का सदस्य बनाया
गया। 1860 में पक्षश्चम उत्तर प्रदे र् में ियानक अकाल पड़ा। कलेक्टर ने राहत कायश इन्हें ह सौंपा। इस कायश को
इन्होंने बड़ क्षजम्मेदार से क्षनिाया।

Q1. सि सै यद अ मद खािं का िािि-पािि हकसिे हकया था?

(a) नाना ने

(b) दाद ने

(c) चाचा ने

(d) मौस ने

(e) इनमें से कोई नह ं

Q2. सि सै यद अ मद खािं आजीिि क्ा किते ि े?

(a) वकालत

(b) हक म

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(c) व्यापार

(d) कक्षवता

(e) समाज सेवा

Q3. सै यद मुिक्की का सि सै यद अ मद खािं से क्ा रिश्ता था?

(a) िाई

(b) ताऊ

(c) चाचा

(d) क्षपता

(e) इनमें से कोई नह ं

Q4. सि सै यद अ मद खािं पि हकसका अहधक प्रभाि पडा था?

(a) क्षपता का

(b) माता का

(c) नान का

(d) चाचा का

(e) इनमें से कोई नह ं

Q5. िािसी, अिबी तथा गहणत की हशक्षा सै यद अ मद खािं को हकसिे दी थी?

(a) िाई ने

(b) माता ने

(c) उनके समय के मर्हर क्षवद्वानों ने

(d) ताऊ ने

(e) इनमें से कोई नह ं

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Q6. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘भयािक’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ै?

(a) ददश नाक

(b) खौिनाक

(c) बाधक

(d) िासक्षदक

(e) इनमें से कोई नह ं

Q7. सि सै यद अ मद िे इिं ग्लैड की हशक्षा प्रणािी का अध्ययि क ािं हकया था?

(a) क्षदल्ल में

(b) आगरा में

(c) दरबार में

(d) कलकत्ता में

(e) इनमें से कोई नह ं

Q8. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘प्रहतहष्ठत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ै?

(a) आदरण य

(b) प्रर्ंक्षसत

(c) क्षवख्यात

(d) सम्माक्षनत

(e) ये सि समानार्ी हैं

Q9. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘उन्नहत’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?

(a) उत्कृष्ट

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(b) प्रगक्षत

(c) तरक्क

(d) बढ़त

(e) इनमें से कोई नह ं

Q10. गद्ािंश में प्रयु क्त शब्द ‘कािूि’ का समािाथी हिम्नहिक्तखत में से कौि-सा ि ी िं ै?

(a) क्षवक्षध

(b) क्षवधान

(c) क्षनयम

(d) क्षसद्धान्त

(e) इनमें से कोई नह ं

हिदे श (11-15) : िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के उत्ति दीहजए.
कुछ शब्दोिं को मोटे अक्षिोिं में मुहित हकया गया ै, हजससे आपको कुछ प्रश्नोिं के उत्ति दे िे में स ायता
हमिेगी. हदए गए हिकल्पोिं में से सबसे उपयु क्त का चयि कीहजए.

क्षवधाता रक्षचत इस सृक्षष्ट का क्षसरमौर है मनुष्य. उसक कार गर का सवोत्तम नमूना. इस मानव को ब्रह्माण्ड का लघु
रूप मानकर िारत य दार्शक्षनकों ने ‘यत् क्षपण्डे तत् ब्रह्माण्डे ’ क कल्पना क र् . उनक यह कल्पना माि कल्पना
नह ं र् , प्रत्युत यर्ार्श ि र् क्योंक्षक मानव-मन में जो क्षवचारणा के रूप में घक्षटत होता है, उस का कृक्षत रूप ह तो
सृक्षष्ट है . मन तो मन, मानव का र्र र ि अप्रक्षतम है . दे खने में इससे िव्य, आकषशक एवं लावण्यमय रूप सृक्षष्ट में
अन्यि कहााँ है. अद् िूत एवं अक्षद्वत य है मानव सौन्दयश. साक्षहत्यकारों ने इसके रूप सौन्दयश के वणशन के क्षलए क्षकतने
ह अप्रस्तु तों का क्षवधान क्षकया है और इस सौन्दयश -राक्षर् से सि को आप्याक्षयत करने के क्षलए उनके काव्यसृक्षष्टयााँ
रच डाल हैं .

साक्षहत्यर्ाक्तियों ने ि इस मानव क िावनाओं का क्षववेचन करते हए अनेक रसों का क्षनरूपण क्षकया है , परन्तु
वैज्ञाक्षनक दृक्षष्ट से क्षवचार क्षकया जाए तो मानव र्र र को एक जक्षटल यं ि से उपक्षमत क्षकया जा सकता है क्षजस प्रकार
यं ि के क्षवक्षिन्न अवयवों में से यक्षद कोई एक अवयव ि क्षबगड़ जाता है तो उसका प्रिाव सारे र्र र पर पड़ता है .
इतना ह नह ं, गु दे जैसे कोमल एवं नाजुक क्षहस्से के खराब हो जाने से यह गक्षतर् ल वपु-यं ि एकाएक अवरूद्ध हो
सकता है, व्यक्ति क मृत्यु हो सकत है . एक अं ग के क्षवकृत होने पर सारा र्र र दक्तण्डत हो, वह काल कवक्षलत हो

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जाए-यह क्षवचारण य है. यक्षद क्षकस यं ि के पु जे को बदलकर, उसके स्र्ान पर नया पु जाश लगाकर यं ि को पू वशवत्-
सुचारू एवं व्यवक्तस्र्त रूप से क्षियार् ल बनाया जा सकता है तो र्र र के क्षवकृत अं ग के स्र्ान पर नव्य क्षनरामय
अं ग लगाकर र्र र को स्वस्र् एवं सामान्य क्यों नह ं बनाया जा सकता? र्ल् क्षचक्षकत्सकों ने इस दाक्षयिपू णश चुनौत
को स्व कार क्षकया तर्ा क्षनरन्तर अध्यवसाय पू णशसाधना के अनन्तर अं ग-प्रत्यारोपण के िेि में सिलता प्राप्त क .
अं ग प्रत्यारोपण का उद्दे श्य है क्षक मनुष्य द घाश यु प्राप्त कर सके. यहााँ यह ध्यातव्य है क्षक मानव-र्र र हर क्षकस के
अं ग को उस प्रकार स्व कार नह ं करता, क्षजस प्रकार हर क्षकस का रि उसे स्व कायश नह ं होता. रोग को रि
दे ने से पू वश रि-वगश का पर िण अत्यावश्यक है , तो अं ग-प्रत्यारोपण से पू वश ऊत्तक-पर िण अक्षनवायश है. आज का
र्ल्-क्षचक्षकत्सक गु दे, यकृत, आाँ त, िेिडेे़ और हृदय का प्रत्यारोपण सिलतापू वशक कर रहा है. साधन- सम्पन्न
क्षचक्षकत्सालयों में मक्तस्तष्क के अक्षतररि र्र र के प्रायः सि अं गों का प्रत्यारोपण सम्भव हो गया है.

Q11. मािि को सृ हष्ट का िघु रूप मािा गया ै, क्ािंहक-

(a) मन क र्क्ति अपराजेय है

(b) मानव-मन में जो घक्षटत होता है , वह सृक्षष्ट में घक्षटत होता है

(c) मानव सृक्षष्ट का क्षसरमौर है

(d) लघु मानव ह क्षवधाता क सच् सृक्षष्ट है

(e) इनमें से कोई नह ं

Q12. शल्य-हचहकत्सकोिं का मूि ध्ये य ै-

(a) ऊतक-पर िण करना

(b) साधन-सम्पन्न क्षचक्षकत्सालयों को खोलना

(c) र्ल्-क्षचक्षकत्सा द्वारा मानव को क्षचरायु प्रदान करना

(d) अं ग-प्रत्यारोपण के िेि में अनुसंधान करना

(e) इनमें से कोई नह ं

Q13. शल्य-हचहकत्सकोिं िािा स्वीकाि की गई उत्तिदाहयत्वपूणा चु िौती थी-

(a) मानव-र्र र को मृत्यु से बचाना

(b) ज णश र्र र के स्र्ान पर स्वस्र् र्र र दे ना

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(c) र्ल्-क्षचक्षकत्सा का महत्त्व स्र्ाक्षपत करना

(d) अं ग-प्रत्यारोपण द्वारा र्र र को सामान्य बनाना

(e) इनमें से कोई नह ं

Q14. मािि-शिीि को यन्त्रित् क ा गया ै, क्ोिंहक-

(a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है

(b) मानव-र्र र क्षवधाता क सृक्षष्ट क अनुपम कृक्षत है

(c) मानव-र्र र दृढ़ मााँ सपे क्षर्यों और अवयवों से क्षनक्षमशत है

(d) मानव-र्र र यं ि क िााँ क्षत लावण्यमय होता है

(e) इनमें से कोई नह ं

Q15. कहियोिं के मािि-सौन्दया के िणा ि- ेतू हजस सृ हष्ट का हिमााण हकया ै, उसकी सिं ज्ञा ै-

(a) क्षबम्ब-सृक्षष्ट

(b) काव्य-सृक्षष्ट

(c) उपमान-सृक्षष्ट

(d) अक्षवष्कारों क सृक्षष्ट

(e) इनमें से कोई नह ं

उत्तर

S1. Ans. (a) सर सैयद अहमद खां का लालन-पालन नाना ने क्षकया र्ा.

S2. Ans. (e) सर सैयद अहमद खां आज वन समाज-सेवा करते रहे .

S3. Ans. (d) सैयद मुवक्क का सर सैयद अहमद खां से क्षपता का ररश्ता र्ा.

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S4. Ans. (b) माता का प्रिाव सबसे अक्षधक र्ा.

S5. Ans. (c) उनके समय के मर्हर क्षवद्वानों ने िारस , अरब तर्ा गक्षणत क क्षर्िा सैयद अहमद खां को द .

S6. Ans. (b) खौिनाक

S7. Ans. (e) इनमें से कोई नह ं

S8. Ans. (e) ये सि ‘प्रक्षतक्षष्ठत’के समानार्ी हैं

S9. Ans. (a) उत्कृष्ट र्ब्द का अर्श उत्तम होता है. अत: यह ‘उन्नक्षत’ का समानार्ी नह ं है.

S10. Ans. (d) क्षसद्धान्त, सबद कानून’ का समानार्ी नह ं है.

S11. Ans. (b) मानव-मन में जो घक्षटत होता है , वह सृक्षष्ट में घक्षटत होता है

S12. Ans. (c) र्ल्-क्षचक्षकत्सा द्वारा मानव को क्षचरायु प्रदान करना

S13. Ans. (d) अं ग-प्रत्यारोपण द्वारा र्र र को सामान्य बनाना

S14. Ans. (a) अवयव रूप पु जों के क्षवकृत होने से र्र र यन्त्रवत् क्षनक्तिय हो जाता है

S15. Ans. (c) उपमान-सृक्षष्ट

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SET 15
हिदे श (1-15) हिम्नहिक्तखत प्रत्येक प्रश्न में अिे क शब्दोिं के हिए एक शब्द, हििोम, मु ाििे -
िोकोक्तक्तयाँ , पयाायिाची हदए गए ैं । प्रश्न के िीचे उसके पािंच हिकल्प हदए गए ैं । हदए गए
हिकल्पोिं में से स ी हिकल्प चुहिए।

Q1. ‘उदाि’ शब्द का हििोम ै -


(a) उदय
(b) कृपण
(c) अगूढ़
(d) उन्मू लन
(e) इनमें से कोई नह ं

Q2. ‘प्रभु’ शब्द का हििोम ै -


(a) स्तु क्षत
(b) क्षवन त
(c) िृ त्य
(d) प्रलय
(e) इनमें से कोई नह ं

Q3. ‘माि माि कि कीम बिािा’ िोकोक्तक्त का अथा ै -


(a) जबरदस्त आगे बढ़ाना
(b) चु प हो जाना
(c) अर्ां क्षत िैलाना
(d) रं ग उड़ जाना
(e) इनमें से कोई नह ं

Q4. ‘प्रचण्ड’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) वि
(b) उग्र
(c) खड़ग
(d) क्षनष्कषश
(e) इनमें से कोई नह ं

Q5. ‘आिोचिा कििे िािा’ के हिए एक शब्द ै-


(a) अक्षिव्यि
(b) रूपक
(c) आलोचक
(d) र्ाकाहार
(e) इनमें से कोई नह ं

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Q6. ‘हजसकी समािता ि प्रकट की जा सके’ के हिए एक शब्द ै -
(a) अनुपम
(b) अनुिूत
(c) िाष्य
(d) यायावार
(e) इनमें से कोई नह ं

Q7. ‘प्रिे श’ शब्द का हििोम ै -


(a) सार्श क
(b) क्षनकास
(c) प्रौढ़
(d) दु बशल
(e) इनमें से कोई नह ं

Q8. ‘पितिं ि’ शब्द का हििोम ै-


(a) स्वतं ि
(b) अंधकार
(c) पि
(d) सौम्य
(e) इनमें से कोई नह ं

Q9. ‘चमक’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) गात
(b) क्षदवस
(c) द क्तप्त
(d) वंक्षचत
(e) इनमें से कोई नह ं

Q10. साह क्तत्यक िचिा के हिए _____ भाषा िोकभाषा का काया किते हए भी उससे हभन्न ोती
ै।
(a) व्याकुल
(b) धरोहर
(c) दू क्षषत
(d) प्रयुि
(e) इनमें से कोई नह ं

Q11. ‘तीि मा में एक बाि ोिे िािा’ के हिए एक शब्द ै -


(a) क्षतगुना
(b) िै माक्षसक

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(c) क्षद्वमाक्षसक
(d) वाक्षषशक
(e) इनमें से कोई नह ं

Q12. भाषा का प्रयोग दो रूपोिं में हकया जा सकता ै - एक तो सामान्य हजससे िोक में ________
ोता ै तथा दू सिा साह त्य िचिा के हिए, हजसमें प्राय: _________ भाषा का प्रयोग हकया जाता
ै।
(a) कायश, रचनात्मकता
(b) क्षवक्षनमय, काव्यात्मक
(c) व्यवहार, आलं काररक
(d) संचालन, िावात्मक
(e) इनमें से कोई नह ं

Q13. औद्ोहगक हिकास औि भौहतक ________प्राप्त कििे के उद्दे श्य से आज मािि


_______के सिंतुिि को समाप्त किता जा ि ा ै ।
(a) क्षवकास, कृक्षिमता
(b) समृ क्तद्ध, पयाश वरण
(c) साधन, ईश्वर
(d) वृक्तद्ध, पृथ्व
(e) इनमें से कोई नह ं

Q14. इिं टििे ट हिज्ञाि एििं प्रौद्ोहगकी की श्रेष्टतम सौगातोिं में से एक ै, िेहकि _______ य ै हक
जैसे-जैसे इिं टििे ट मािे जीिि को सुगम ि गहतशीि बिा ि ा ै , िै से-िै से इससे जुड़े खतिोिं की
_______ भी बढ़ती जा ि ी ै ।
(a) क्षववाद, पररिाषा
(b) यर्ार्श , संख्या
(c) क्षवडम्बना, आर्ंका
(d) क्षवकृक्षत, क्तस्र्क्षत
(e) इनमें से कोई नह ं

Q15. हिचाि-हिहिमय के हिए केिि मिु ष् को ी ______ का ििदाि प्राप्त ै , पशु पक्षी अपिे
भाि औि हिचाि शािीरिक ________ औि सिंकेतोिं िािा प्रकट किते ैं ।
(a) व्यं जन, पहचान
(b) कहने, क्तस्र्क्षतयों
(c) क्षववेक, क्षियाओं
(d) वाण , मु द्राओं
(e) इनमें से कोई नह ं

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उत्ति

S1. Ans. (b)


Sol. ‘उदार’ र्ब्द का क्षवलोम कृपण है ।
S 2. Ans. (c)
Sol. ‘प्रिु ’ र्ब्द का क्षवलोम िृ त्य है ।
S 3. Ans. (a )
Sol. ‘मार मार कर हक म बनाना’ लोकोक्ति का अर्श ‘जबरदस्त आगे बढ़ाना’ है ।
S 4. Ans. (b)
Sol. ‘प्रचण्ड’ का पयाश यवाच र्ब्द उग्र है ।
S5. Ans. (c):
Sol. ‘आलोचना करने वाला’ के क्षलए एक र्ब्द ‘आलोचक’ है ।
S6. Ans. (a):
Sol. ‘क्षजसक समानता न प्रकट क जा सके’ के क्षलए एक र्ब्द ‘अनुपम’ है ।
S7. Ans. (b):
Sol. ‘प्रवेर्’ र्ब्द का क्षवलोम ‘क्षनकास’ है ।
S8. Ans. (a):
Sol. ‘परतं ि’ र्ब्द का क्षवलोम ‘स्वतं ि’ है ।
S9. Ans. (c):
Sol. ‘चमक’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘द क्तप्त’ है ।
S10. Ans. (d):
Sol. साक्षहक्तत्यक रचना के क्षलए प्रयुि िाषा लोकिाषा का कायश करते हए ि उससे क्षिन्न होत है ।
S11. Ans. (b):
Sol. ‘त न माह में एक बार होने वाला’ के क्षलए एक र्ब्द ‘िै माक्षसक’ है ।
S12. Ans. (c)
S13. Ans. (b)
S14. Ans. (c)
S15. Ans. (d)

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SET 16
Directions (1-15) िीचे हदया गया प्रत्ये क िाक् चाि भागोिं में बािंटा गया ै हजन्हें (a), (b), (c), (d) हिकल्प
हदए गए ैं। आपको य दे खिा ै हक िाक् के हकसी भाग में व्याकिण, भाषा, ितािी, शब्दोिं के गित
प्रयोग या इसी ति की कोई िुटी तो ि ी िं ै। िुटी अगि ोगी तो िाक् के हकसी एक भाग में ी ोगी। उस
भाग का क्रमािंक ी उत्ति ै। यहद िाक् िुटी िह त ै तो उत्ति (e) अथाात ‘िुटीिह त’ दीहजए।

Q1. भाित की आजादी के हिए (a)/ अपिे सिं घषा की दौिाि भगत हसिं (b)/ हजस सिं गिि में सबसे प िे
शाहमि हए थे (c)/ ि ह िंदुस्ताि रिपक्तिकि एसोहसएशि था। (d)/ िुटीिह त(e)

Q2. योग आपके हदि को स्वस्थ बिािे में (a)/ मदद किता ै औि य आपके शिीि (b)/ औि िसोिं में िक्त
के प्रिा को (c)/ बढ़ाकि ह्रास कुशिता से काम किता ै। (d)/ िुटीिह त (e)

Q3. िो सभी प्राकृहतक चीजें जो पृथ्वी पि (a)/ जीिि सिं भि बिाती ैं (b)/ पयााििण के अिंतिगता आता ैं
जैसे हक (c)/ जि, िायु , सू या का प्रकाश, भू हम, अहि, िि, पशु, पौ िंधें, इत्याहद।(d)/ िुटीिह त(e)

Q4. हिज्ञाि औि प्रौद्ोहगकी आधुहिक के जीिि (a)/ में म त्वपूणा भू हमका हिभाता ै (b)/ औि इसिे
मािि सभ्यता को (c)/ ग िाई में जाकि प्रभाहित हकया ै। (d)/ िुटीिह त (e)

Q5.प िे के समय में िड़हकयोिं की हशक्षा को (a) अभी भी आिश्यक ि ी िं मािा गया था (b)/ िेहकि समय
गुज़ििे के साथ िोगोिं िे (c)/ िड़हकयोिं की हशक्षा का म त्व म सू स हकया ै। (d)/ िुटीिह त

Q6. आज िैहश्वक स्ति पि य हसि ो चु की ै (a)/ हक ह िंदी भाषा अपिी (b) हिहप औि उच्चािण के
हि ाज से (c)/ सबसे शुि औि हिज्ञाि सम्मत भाषा ै।(d)/ िुटीिह त(e)

Q7. ज ाँ तक सामाहजक इहत ास की बात ै,(a)/ हजसे कोई सीमा तक आप (b)/ सािंस्कृहतक इहत ास
क सकते ैं,(c)/ उसमें साह त्य का प्रचु ि प्रयोग हआ ै।(d)/ िुटीिह त(e)

Q8. ईिंधि को शुरू में उि पदाथों के रूप में प चािा जाता था (a)/ तो केिि िासायहिक ऊजाा ी जािी
किते थे (b)/ ािािंहक जल्द ी उि पदाथों को इस श्रेणी में (c)/ शाहमि कि हिया गया जो पिमाणु ऊजाा
का उत्पादि किते थे ।(d)/ िुटीिह त(e)

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Q9. मािे पिा बाँसुिी की पोि की ति ोते ैं ,(a)/ जो आदमी की स्पिंदि िाह िी (b)/ अँगुहियोिं के स्पशा
माि से (c)/ अिग-अिग स्विोिं में बज उिते ैं। (d)/ िुटीिह त (e)

Q10. बैंहकिंग प्रणािी ि प्रणािी ै(a)/ हजसमें पैसा जमा कििी औि उधाि दे िा शाहमि ै(b)/ य प्रहक्रया
दु हिया के हिहभन्न ह स्सोिं में(c)/ सहदयोिं प िे शुरू की गई थी।(d)/ िुटीिह त (e)

Q11. िेताजी िािा (a) िागू की गई इस प्रणािी से (b)/ जिता के अिंदि (c)/ असिं तोष फ़ैि गया ै।(d)/
िुटीिह त (e)

Q12. म ात्माओिं का (a)/ िैिाग भी समय (b)/ के परििताि की अपेक्षा (c) ि ी िं िखता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं
(e)

Q13. पयााििण औि आहथाक हिकास (a)/एक-दू सिे से पिस्पि जुड़े हए ै, ि ी दू सिी तिि (b)/ एक दे श
की आहथाक तिक्की(c)/ भी पयााििण को प्रभाहित किती ै। (d)/ िुटीिह त (e)

Q14. चाि घिंटे के आगे (a)/ अब मैं औि (b)/ आपका इिं तजाि (c)/ ि ी िं कि सकता। (d)/ कोई िुटी ि ी िं ै
(e)

Q15. अगि िाहि समय पि (a)/ घि ि ी िं आ गया तो (b)/ हिि उसिे मुझे (c) क्ोिं य समय हदया। (d)/
कोई िुटी ि ी िं (e)

उत्तर

S1. Ans. (b):

Sol.यहााँ ‘अपने संघषश क दौरान िगत क्षसंह’ के स्र्ान पर ‘अपने संघषश के दौरान िगत क्षसंह’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S2. Ans. (d):

Sol.यहााँ ‘बढ़ाकर ह्रास कुर्लता से काम करता है ’ के स्र्ान पर ‘बढ़ाकर अक्षधक कुर्लता से काम करता है’ का
प्रयोग उक्षचत है ।

S3. Ans. (c):

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Sol.यहााँ ‘पयाश वरण के अं तरगतश आता हैं जैसे क्षक’ के स्र्ान पर ‘पयाश वरण के अं तरगतश आत हैं जैसे क्षक’ का प्रयोग
उक्षचत है ।

S4. Ans. (a):

Sol. यहााँ ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक के ज वन’ के स्र्ान पर ‘क्षवज्ञान और प्रौद्ोक्षगक आधुक्षनक ज वन’ का
प्रयोग उक्षचत है, यहााँ आधुक्षनक के बाद ‘के’ का प्रयोग अनावश्यक है ।

S5. Ans. (b): यहााँ ‘अि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ के स्र्ान पर ‘कि ि आवश्यक नह ं माना गया र्ा’ का
प्रयोग उक्षचत है, इस वाक्य में ‘पहले के समय’ के संदिश में ‘अि ि ’ के स्र्ान पर ‘कि ि ’ का प्रयोग सह है ।

S6. Ans. (a): यहााँ ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो चुक है’ के स्र्ान पर ‘आज वैक्षश्वक स्तर पर यह क्षसद्ध हो
चुका है’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S7. Ans. (b) : यहााँ ‘क्षजसे कोई स मा तक आप’ के स्र्ान पर ‘क्षजसे एक स मा तक आप’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S8. Ans. ( b ): यहााँ ‘तो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह जार करते र्े ’ के स्र्ान पर ‘जो केवल रासायक्षनक ऊजाश ह
जार करते र्े’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S9. Ans. (e): यह वाक्य िुट रक्षहत है ।

S10. Ans. (b): यहााँ ‘क्षजसमें पै सा जमा करन और उधार दे ना र्ाक्षमल है’ के स्र्ान पर ‘क्षजसमें पै सा जमा करना
और उधार दे ना र्ाक्षमल है ’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S11. Ans. (c): यहााँ ‘जनता के अं दर’ के स्र्ान पर ‘जनता में’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S12. Ans. (b): यहााँ ‘वैराग ि समय’ के स्र्ान पर ‘वैराग्य ि समय’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S13. Ans. (e): यह वाक्य िुट रक्षहत है ।

S14. Ans. (a): यहााँ ‘चार घं टे के आगे ’ के स्र्ान पर ‘‘चार घं टे के बाद’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S15. Ans. (b): यहााँ ‘घर नह ं आ गया तो’ के स्र्ान पर ‘घर नह ं आया तो’ का प्रयोग उक्षचत है ।

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SET 17
Directions (1-10) िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के
उत्ति दीहजए।

कबीि िे समाज में ि कि समाज का समीप से हििीक्षण हकया। समाज में िैिे बाह्याडिं बि,
भेदभाि, साम्प्रदाहयकता आहद का उन्होिंिे पुष्ट प्रमाण िेकि ऐसा दॄढ हििोध हकया हक हकसी की
ह म्मत ि ी िं हई जो उिके अकाट्य तको को काट सके। कबीि का व्यक्तक्तत्व इतिा ऊँचा था हक
उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत हकसी में ि ी िं थी। इस प्रकाि उन्होिंिे समाज तथा धमा की
बुिाइयोिं को हिकाि-हिकािकि सबके सामिे िखा, ऊँचा िाम िखकि सिंसाि को िगिे िािोिं के
िकिी चे िोिं को सबको हदखाया औि दीि-दहितोिं को ऊपि उििे का उपदे श दे कि, अपिे
व्यक्तक्तत्व को सुधािकि सबके सामिे एक म ाि आदशा प्रस्तुत कि हसिािंतोिं का हिरूपण
हकया। कमा, सेिा, अह िं सा तथा हिगुाण मागा का प्रसाि हकया। कमाकाण्ड ि मूहता पूजा का हििोध
हकया। अपिी साक्तखयोिं, िमैहियोिं तथा शब्दोिं को बोिचाि की भाषा में िखकि सबके सामिे
एक हिशाि ज्ञािमागा खोिा। इस प्रकाि कबीि िे समन्वयिादी दृहष्टकोण अपिाया औि कथिी-
कििी एकता पि बि हदया। िे म ाि युगिष्टा, समाज सुधािक तथा म ाि कहि थे । उन्होिंिे
ह न्दू -मुक्तिम के बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि दोिोिं को ी शीतिता प्रदाि की।

Q1. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समाज का कैसा हििीक्षण हकया?


(a) संदेहास्पद रूप से
(b) ऊपर तौर से
(c) सम प से
(d) दू र से
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 1
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Q2. गद्ािंश के अिु साि, कबीि के हकस गुण के कािण उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत
हकसी में ि ी िं थी?
(a) गुस्से
(b) व्यक्तिति
(c) प्यार
(d) अक्षिमान
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
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Q3. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकस मागा का प्रसाि हकया?

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(a) कमश , सेवा, अक्षहंसा तर्ा क्षनगुशण मागश
(b) कमश , सेवा, क्षहंसा तर्ा क्षनगुशण मागश
(c) कमश , सेवा, अक्षहंसा तर्ा सगुण मागश
(d) केवल कमश मागश
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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Q4. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका हििोध हकया?


(a) क्तियों
(b) साक्तखयों और रमै क्षनयों
(c) बालकों
(d) कमश काण्ड व मू क्षतशपूजा
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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Q5. गद्ािंश के अिु साि, साक्तखयोिं औि िमैहियोिं की भाषा कैसी ै ?


(a) तद्भव प्रधान
(b) तत्सम प्रधान
(c) बोलचाल क िाषा
(d) उदू श
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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6. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसे हिकािकि सबके सामिे िखा?


(a) मू क्षतशपूजा को
(b) समाज तर्ा धमश क बुराइयों को
(c) द न-दक्षलतों को
(d) क्तियों को
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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7. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकस दृहष्टकोण अपिाया?
(a) क्षनरं कुर्तावाद
(b) लोकताक्तन्त्रक
(c) समन्वयवाद
(d) प्रगक्षतर् ल
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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8. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसके बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि शीतिता प्रदाि
की?
(a) क्षहन्दू -मु क्तिम
(b) केवल क्षहन्दु ओं
(c) केवल मु क्तिमों
(d) क्षहंदु-ईसाई
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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9. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका समथा ि हकया?


(a) क्षहंसा
(b) ज्ञानमागश
(c) िक्तिमागश
(d) सगुणता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
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10. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे हकसका पुष्ट प्रमाण िेकि दॄढ हििोध हकया?
(a) कक्षवयों
(b) द न-दक्षलतों
(c) क्षसद्धां तों के क्षनरूपण
(d) बाह्याडं बर, िे दिाव, साम्प्रदाक्षयकता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3

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Directions (11-15) िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के


उत्ति दीहजए।
कक्षवता मे रे क्षलए क्षलखकर छु पा ले ने क च ज है पर कहान के सार् ऐसा कुछ नह ं हैं । उसे क्षलखते ह
सावशजक्षनक कर दे ता हाँ । कह सकता हाँ क्षक कक्षवता मे रे क्षलए एक बेहद क्षनज च ज है , यहााँ कक्षवता से मे रा
मतलब संसार क उन सार अच्छ कक्षवताओं से है क्षजनके नजद क जाने का मु झे मौका क्षमला है ।
कहान या उपन्यास मैं र्ोर और ि ड़ के ब च ि पढ़ सकता हाँ पर कक्षवता पढ़ने के क्षलए मु झे हर हाल
में एकां त चाक्षहए होता है । मे रे क्षनकट कक्षवता और कहान में एक और क्षनज अंतर है क्षक मैं अपन
अनछप कक्षवताओं क तरि दे र से ह सह पर लौटता जरूर हाँ पर छप जाने के बाद कि गलत से
ि क्षपछल कहाक्षनयों क तरि मु ड़कर नह ं दे खता। उन्हें प छे छोड़ आगे बढ़ जाता हाँ । कक्षवता और
कहान को ले कर ये मे र एकदम क्षनज प्रक्षतक्षियाएाँ हैं । ये मे रे क्षलए ज्यादा आसान होगा क्षक मैं क्षनज घेरे
में रह कर ह इन पर बात करू ाँ । क्या पता क्षक ये घेरा इतना क्षनज न हो। हो सकता है क्षक इसमें कोई ि
बड़ या उल्लेखन य बात न हो, या कुछ बहत छोटे छोटे सवाल िर हों क्षिर ि । इसके पहले मैं ने
कक्षवता और कहान के अंतसंबंध मतलब क्षक द्वं द्व या साहचयश पर या उनके ब च के ले न दे न के ररश्ते पर
कि नह ं सोचा र्ा। कक्षवताएाँ और कहाक्षनयााँ क्षलखता रहा, कक्षवताएाँ और कहाक्षनयााँ पढ़ता रहा।

11. गद्ािंश के अिु साि, िेखक के हिए क्ा छु पा िेिे िािी चीज़ ै ?
(a) नाटक
(b) कहान
(c) कक्षवता
(d) उपन्यास
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 1
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12. गद्ािंश के अिु साि, िेखक हकसे हिखते ी सािा जहिक कि दे ता ै?


(a) कक्षवता
(b) कहान
(c) व्यं ग्य
(d) उपन्यास
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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13. गद्ािंश के अिु साि, कहिता तथा क ािी में एक औि हिजी-

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(a) अंतर है
(b) पहचान है
(c) समानता है
(d) स्मृक्षत
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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14. गद्ािंश के अिु साि, िेखक हकसे शोि या भीड़ के बीच भी पढ़ सकता ै ?
(a) उपन्यास
(b) कहान
(c) कहान और उपन्यास दोनों
(d) कक्षवता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
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15. गद्ािंश के अिु साि, िेखक िे मुख्य रूप से हकसके मध्य अिं ति स्पष्ट कििा का प्रयास हकया
ै?
(a) कक्षवता और कहान
(b) कक्षवता और उपन्यास
(c) कहान और उपन्यास
(d) उपन्यास और व्यं ग्य
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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उत्ति

S1. Ans. (c):


Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समाज का समीप से हििीक्षण हकया।
S2. Ans. (b):

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Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि के व्यक्तक्ततत्व के कािण उिके सामिे हटक सकिे की ह म्मत
हकसी में ि ी िं थी।
S3. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे कमा, सेिा, अह िं सा तथा हिगुाण मागा का प्रसाि हकया।
S4. Ans. (d):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे कमाकाण्ड ि मूहता पूजा का हििोध हकया।
S5. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, साक्तखयोिं औि िमैहियोिं की भाषा बोिचाि की भाषा ै ।
S6. Ans. (b):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समाज तथा धमा की बुिाइयोिं को हिकािकि सबके सामिे
िखा।
S7. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे समन्वयिादी दृहष्टकोण अपिाया।
S8. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे ह न्दू -मुक्तिम के बीच समन्वय की धािा प्रिाह त कि
शीतिता प्रदाि की।
S9. Ans. (b):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे ज्ञािमागा का समथा ि हकया।
S10. Ans. (d):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कबीि िे बाह्याडिं बि, भेदभाि, साम्प्रदाहयकता का पुष्ट प्रमाण िेकि दॄढ
हििोध हकया।
S11. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक के हिए कहिता छु पा िेिे िािी चीज़ ै ।
S12. Ans. (b):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक क ािी हिखते ी सािा जहिक कि दे ता ै ।
S13. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, कहिता तथा क ािी में एक औि हिजी अिं ति ै ।
S14. Ans. (c):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक क ािी औि उपन्यास दोिोिं को ी शोि या भीड़ के बीच भी पढ़
सकता ै ।
S15. Ans. (a):
Sol. गद्ािंश के अिु साि, िेखक िे मुख्य रूप से कहिता औि क ािी के मध्य अिं ति स्पष्ट कििा
का प्रयास हकया ै ।

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SET 18
Directions (1-15): िीचे हिहिध प्रकाि के प्रश्न हदए गये ैं । हिम्नहिक्तखत प्रत्येक प्रश्न के िीचे उसके
पािंच हिकल्प हदए गए ैं। हदए गए हिकल्पोिं में से स ी हिकल्प चुहिए।

Q1. ‘जो पूिी ति से पका ो’ के हिए एक शब्द ै-


(a) व्यस्क
(b) पररपक्व
(c) सुपाच्य
(d) रजत
(e) इनमें से कोई नह ं

L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q2. ‘जो बहत कहििाई से हमिता ो’ के हिए एक शब्द ै -


(a) आवेग
(b) क्षनमश म
(c) दु लशि
(d) संगम
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q3. ‘ईश्वि को ि माििे िािा’ के हिए एक शब्द ै -


(a) अप्रमाक्षणत
(b) आक्तस्तक
(c) मु कुल
(d) नाक्तस्तक
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q4. ‘सूयोदय से प िे का समय’ के हिए एक शब्द ै -


(a) उत्पाद

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(b) उवशरा
(c) उषाकाल
(d) ऊसर
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags वाक्यां र् के क्षलए एक र्ब्द
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Q5. ‘ग्रस्त’ का हििोम शब्द ै -


(a) मु ि
(b) गुप्त
(c) सभ्य
(d) स्मरण
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags क्षवलोम र्ब्द / क्षवपर तार्श क र्ब्द
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6. ‘सिंहध’ का हििोम शब्द ै -


(a) स्वप्न
(b) क्षवग्रह
(c) क्षवकषश
(d) इक्षत
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags क्षवलोम र्ब्द / क्षवपर तार्श क र्ब्द
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7. ‘मिंद’ का हििोम शब्द ै -


(a) ध मा
(b) पूवश
(c) न्यून
(d) द्रु त
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags क्षवलोम र्ब्द / क्षवपर तार्श क र्ब्द
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8. ‘समीप’ का पयाायिाची शब्द ै-

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(a) सादृश्य
(b) आसन्न
(c) दू र
(d) समान
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags पयाश यवाच र्ब्द
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9. ‘तािाब’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) पोत
(b) नद
(c) सरोवर
(d) सागर
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags पयाश यवाच र्ब्द
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10. ‘प्रसूि’ का पयाायिाची शब्द ै -


(a) क्षनक्षर्
(b) पुष्
(c) ि् रमर
(d) प्रसव
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags पयाश यवाच र्ब्द
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11. ‘छोटा मुिं बड़ी बात’ मु ाििे का अथा ै -


(a) मन लगाना
(b) कम र्ब्दों में बात कहना
(c) योग्यता से बढ़कर बोलना
(d) लक्तित करना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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12. ‘बािू की भीत’ मु ाििे का अथा ै -
(a) र् घ्र नष्ट होने वाल च ज़
(b) छोट च ज़
(c) घूस दे ना
(d) कपट
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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13. ‘िचि दे िा’ मु ाििे का अथा ै -


(a) क्षसर झुकाना
(b) मार डालना
(c) जबान दे ना
(d) खूब मारना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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14. ‘तु म डाि-डाि तो म पात-पात’ िोकोक्तक्त का अथा ै-


(a) लाि के बदले हाक्षन
(b) कक्षिन पररश्रम र्ोडा लाि
(c) बनावट परहे ज
(d) क्षकस क चाल को खूब समझते हए अपन चाल चलना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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15. ‘ति पि ि ी िं ित्ता पाि खाए अिबत्ता’ िोकोक्तक्त का अथा ै-


(a) दयालु होना
(b) मनमान करना
(c) झूिा क्षदखावा करना
(d) अपने काम से काम करना
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
QTags मु हावरे एवं लोकोक्ति
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उत्ति
S1. Ans. (b):
Sol. ‘जो पूर तरह से पका हो’ के क्षलए एक र्ब्द ‘पररपक्व’ है ।
S2. Ans. (c):
Sol. ‘जो बहत कक्षिनाई से क्षमलता हो’ के क्षलए एक र्ब्द ‘दु लशि’ है ।
S3. Ans. (d):
Sol. ‘ईश्वर को न मानने वाला’ के क्षलए एक र्ब्द ‘नाक्तस्तक’ है ।
S4. Ans. (c):
Sol. ‘सूयोदय से पहले का समय’ के क्षलए एक र्ब्द ‘उषाकाल’ है ।
S5. Ans. (a):
Sol. ‘ग्रस्त’ का क्षवलोम र्ब्द ‘मु ि’ है ।
S6. Ans. (b):
Sol. ‘संक्षध’ का क्षवलोम र्ब्द ‘क्षवग्रह’ है ।
S7. Ans. (d):
Sol. ‘मं द’ का क्षवलोम र्ब्द ‘द्रु त’ है ।
S8. Ans. (b):
Sol. ‘सम प’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘आसन्न’ है ।
S9. Ans. (c):
Sol. ‘तालाब’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘सरोवर’ है ।
S10. Ans. (b):
Sol. ‘प्रसून’ का पयाश यवाच र्ब्द ‘पुष्’ है ।
S11. Ans. (c):
Sol. ‘छोटा मुं ह बड़ बात’ मु हावरे का अर्श ‘योग्यता से बढ़कर बोलना’ है ।
S12. Ans. (a):
Sol. ‘बालू क ि त’ मु हावरे का अर्श ‘र् घ्र नष्ट होने वाल च ज़’ है ।
S13. Ans. (c):
Sol. ‘वचन दे ना’ मु हावरे का अर्श ‘जबान दे ना’ है ।
S14. Ans. (d):
Sol. ‘तु म डाल-डाल तो हम पात-पात’ लोकोक्ति का अर्श ‘क्षकस क चाल को खूब समझते हए अपन
चाल चलना’ है ।
S15. Ans. (c):
Sol. ‘तन पर नह लत्ता पान खाए अलबत्ता’ लोकोक्ति का अर्श ‘झूिा क्षदखावा करना’ है ।

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SET 19
Directions (1-15) िीचे हदया गया प्रत्येक िाक् चाि भागोिं में बािंटा गया ै हजसमें (a), (b), (c),
(d) हिकल्प हदए गए ैं । आपको य दे खिा ै हक िाक् के हकसी भाग में व्याकिण, भाषा,
िता िी, शब्दोिं के गित प्रयोग या इसी ति की कोई िुहट तो ि ी िं ै । िुहट अगि ोगी तो िाक् के
हकसी एक भाग में ी ोगी। उस भाग का क्रमािंक ी उत्ति ै। यहद िाक् िुहटिह त ै तो उत्ति
(e) अथाात ‘िुहटिह त’ दीहजए।

Q1. इतिे हदि की (a)/ उदासी के बाद (b)/ उसके च िे पि (c)/ आज ँ सी हदखाई पड़ी ै । (d)/
कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
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Q2. दे खो, यहद आप अपिी (a)/ औि अपिी परििाि की (b)/ भिाई चा ते ो तो (c)/ तु िन्त य ाँ
से चिे जाओ। (d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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Q3. जब से हमिाई (a)/ घि में आई ै (b)/ तभी से हमिाई खािे के हिए (c)/ िहि सत्याग्र कि
ि ा ै । (d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
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Q4. घि की सभी (a)/ सदस्ोिं से य (b)/ अपेहक्षत ै हक िे (c)/ सद्भाििा से ि ें । (d)/ कोई िुहट
ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
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Q5. कामकाज हकतिा भी ै (a)/ िेहकि व्यक्तक्त को (b)/ खािा समय पि ी (c)/ खा िेिा
चाह ए। (d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
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6. क्ा तु म (a)/ इतिा भी ि ी िं जािते (b)/ हक प्रकृहत िे िाहि (c)/ हिश्राम िे हिए बिाया ै । (d)/
कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 1
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7. जब य कत्ल हआ (a)/ तभी याहियोिं का (b)/ एक झुिंड (c)/ ि ाँ से गुज़ि ि ा था। (d)/ कोई
िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
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8. म िोग को (a)/ उस सैि में (b)/ जो आिन्द आया (c)/ ि िणािातीत ै । (d)/ कोई िुहट ि ी िं
(e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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9. अचािक उिका य (a)/ अिािश्यक प्रश्न सुिकि (b)/ मेिा पािा एकदम (c)/ चढ़ चुका था।
(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
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10. इस पुस्तक के हिकास में (a)/ अिे क अध्यापक, हशक्षाहिदोिं (b)/ का स योग (c)/ हमिा ै ।
(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
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11.सच्चा िीि ै (a)/ जो कभी युि से (b)/ पीि हदखाकि दौड़ ि ी िं जाता (c)/ बक्ति शिु का
डटकि सामिा किता ै ।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
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12.आजकि भाित के(a)/ कािखािोिं से एक से(b)/ बढ़कि श्रेष्ठतम िस्तुएिं(c)/ बिकि हिकि ि ी
ै ।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)

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L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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13.छायािादी कहि श्री म ादे िी िमाा िे (a)/ केिि काव्य की िचिा(b)/ ि ी िं की िे सिि गद्(c)/
िेक्तखका भी थी(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
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14.साह त्य िचिा के हिए प्रयुक्त(a) भाषा िोक भाषा की (b) काया किते हए भी (c)उससे हभन्न
ोती ै ।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 2
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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15. कम्पिी िािा हिधाारित(a)/ िये िीहतयोिं से िोगोिं को(b)/ कािी पिे शािी का (c)/सामिा
कििा पड़ा।(d)/ कोई िुहट ि ी िं (e)
L1Difficulty 3
QTags वाक्य में िु ट से सम्बक्तन्धत प्रश्न
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उत्ति

S1. Ans. (a):


Sol. यहााँ ‘इतने क्षदन क ’ के स्र्ान पर ‘इतने क्षदनों क ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S2. Ans. (b)
Sol. यहााँ ‘और अपन पररवार क ’ के स्र्ान पर ‘और अपने पररवार क ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S3. Ans. (d)
Sol. यहााँ ‘रक्षव सत्याग्रह कर रहा है ’ के स्र्ान पर ‘रक्षव हि कर रहा है ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S4. Ans. (a)
Sol. यहााँ ‘घर क सि ’ के स्र्ान पर ‘घर के सि ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S5. Ans. (a)
Sol. यहााँ ‘कामकाज क्षकतना ि है ’ के स्र्ान पर ‘कामकाज क्षकतना ि हो’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S6. Ans. (d) :
Sol. यहााँ ‘क्षवश्राम ने क्षलए बनाया है ’ के स्र्ान पर ‘क्षवश्राम के क्षलए बनाया है ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S7. Ans. (c) :
Sol.यहााँ ‘एक झुण्ड’ के स्र्ान पर ‘एक कारवां ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S8. Ans. (a)

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Sol. यहााँ ‘हम लोग को’ के स्र्ान पर ‘हमें ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S9. Ans. (d)
Sol. यहााँ ‘चढ़ चु का र्ा’ के स्र्ान पर ‘चढ़ गया’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S10. Ans. (a) :
Sol. यहााँ ‘इस पुस्तक के क्षवकास में ’ के स्र्ान पर ‘इस पुस्तक के प्रकार्न में ’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S11. Ans. (c):
Sol. यहााँ ‘प ि क्षदखाकर दौड़ नह ं जाता’ के स्र्ान पर ‘प ि क्षदखाकर िाग नह ं जाता’ का प्रयोग
उक्षचत है ।
S12. Ans. (c):
Sol. यहााँ ‘बढ़कर श्रेष्ठतम वस्तु एं’ के स्र्ान पर ‘बढ़कर श्रेष्ठ वस्तु एं’ का प्रयोग उक्षचत है ।
S13. Ans. (a):
Sol. यहााँ ‘छायावाद कक्षव श्र महादे व वमाश ने’ के स्र्ान पर ‘छायावाद कवक्षयि श्र महादे व वमाश ने ’
का प्रयोग उक्षचत है ।

S14. Ans. (b):


Sol. यहााँ ‘क्षलए लोक िाषा क ’ के स्र्ान पर ‘क्षलए लोक िाषा का’ का प्रयोग उक्षचत है ।

S15. Ans. (b):


Sol. यहााँ ‘नये न क्षतयों से लोगों को’ के स्र्ान पर ‘नई न क्षतयों से लोगों को’ का प्रयोग उक्षचत है ।

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SET 20
Directions (1-15) न चे क्षदए गए गद्ां र् को ध्यानपूवशक पक्षढ़ए और उस पर आधाररत प्रश्नों के उत्तर
द क्षजए।
आज का युग क्षवज्ञान का युग है । ज वन के हर िे ि में क्षवज्ञान और उस पर आधाररत तकन क का
बोलबाला है । हम तकन क पर इतने ज्यादा क्षनिश र हैं क्षक अब उसके क्षबना ज वन क कल्पना ि संिव
नह ं रह । तकन क के इस प्रयोग ने हमारे ज वन को काि सुक्षवधाजनक बना क्षदया है । चाहे घर का
काम हो, यातायात के साधन हो या औद्ोक्षगक उत्पादन हो, सब कुछ आधु क्षनक तकन क के सहारे पहले
से बेहतर और ते ज गक्षत से हो रहा है । ज वन को सुख और सुरक्षित बनाने के क्षलए एक से बढ़कर एक
आक्षवष्कार हो रहे हैं । इसका मानव समाज को बहत लाि हो रहा है । इस बात में कोई र्क नह ं है क्षक
तकन क हमारे ज वन का आवश्यक अंग बन गई है और इससे हमें बहत लाि ि हआ है । क्षकंतु
आधु क्षनक तकन क क इस चकाचौंध में मानव य संवेदनाएाँ क्षजस तरह मजाक बन कर रह गई है , उस
तरि बहत कम लोगों का ध्यान गया है । लोगों के पास अब एक दू सरे के क्षलए समय ह नह ं रहा। लोग
या तो काम में व्यस्त रहते हैं या आधु क्षनक उपकरणों में लगे रहते हैं । मोबाइल-कंप्यूटर-इं टरनेट इनसे
लोगों को िुसशत ह नह ं क्षमलत । पहले बच्े घर से क्षनकलने और खेलने का बहाना खोजते र्े । क्षकस
तरह मौका क्षमला नह ं क्षक मै दान क तरि िागे। छु क्षियों के क्षदन मै दानों पर पैर रखने को जगह नह ं
क्षमला करत र् । बच्ों का हजूम नजर आता र्ा। मै दान में ि बच्े अपने खेलने क जगह बााँ ट ले ते र्े
क्षक क्षकसक ट म कहााँ खेलेग । यक्षद कोई और उस जगह पर खेलने आ जाए तो घमासान मच जाता र्ा।
सार् में खेलने से बच्ों में क्षमिता क िावना बढ़त । आपस में िाईचारा बढ़ता। आज हालत क्षबलकुल
क्षवपर त है । बच्ों के क्षलए खेल का मतलब हो गया है कंप्यूटर गेक्षमंग। पूरा क्षदन क्षनकल जाता है कंप्यूटर
पर खेलते हए। कई क्षदनों तक सूरज क रौर्न ि नह ं दे खते । जब आपस में क्षमलें गे ह नह ं तो क्षमिता
कैसे बढ़े ग , िाईचारा कैसे बढे गा। यक्षद क्षकस वजह से सार् में बैिे तो ि मोबाइल में लगे रहते हैं । एक
दू सरे को कुछ कहना हो तो बोलने क बजाय मे सेज िे जते हैं । जवाब ि मे सेज से क्षमलता है । घरों में
पहले लोग सार् में खाना खाते र्े । रात को पूरा पररवार सार् में बैिकर ट व दे खता, एक दू सरे से बातें
करते । यक्षद ट व न हो तो जाकर पड़ोक्षसयों से बातें करते । अब लोग बाहर से आते ह अपना-अपना
मोबाइल ले कर बैि जाते हैं । पररवारवालों को आपस में बात करने का समय ह नह ।ं बच्े माता-क्षपता
से बात करने के बजाय मोबाइल पर चै ट करना ज्यादा पसंद करते हैं । अक्षििावकों को पता ह नह ं
चलता क्षक हमारे बच्े के ज वन में क्या हो रहा। एक दू सरे के प्रक्षत जो िावनात्मक लगाव हआ करता
र्ा, वो क्षदनों क्षदन कम हो रहा है । कई बार कंप्यूटर के दू सरे छोर पर बैिे अनजान व्यक्ति से हम घंटों
बात करते हैं , उसके सार् अपन कई बातें साझा करते हैं पर अपने पररवार वालों के सार् कई क्षदनों तक
बातें नह ं होत । इससे पररवार के सदस्यों का एक दू सरे पर जो प्रेम हआ करता र्ा, अब वैसा नह ं रहा।
एक ह घर में रहकर ि लोग एक दू सरे के क्षलए अजनब हैं । तकन क के आवश्यकता से अक्षधक प्रयोग
से मनुष्य िावनार्ून्य होता जा रहा है ।

प्रश्न1. गद्ािंश के अिु साि, आधु हिक युग में हकसके हबिा जीिि की कल्पिा कििा सिंभि ि ी िं
ि गया ै ?
(a) क्षवकक्षसत पररवेर्
(b) तकन क
(c) आधु क्षनक ज वन र्ैल

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(d) आत्मक्षनिश रता
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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प्रश्न2. गद्ािंश के अिु साि, िता माि में आधु हिक व्यक्तक्त क ाँ व्यस्त ै ?
(a) कायों में व्यस्त हैं
(b) आधु क्षनक उपकरणों में व्यस्त हैं
(c) a और b दोनों
(d) सुखों को िोगने में व्यस्त है ,
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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प्रश्न3. जीिि को सुखी औि सुिहक्षत बिािे के हिए मिु ष् क्ा कि ि ा ै?


(a) आपस प्रेम को बढ़ा रहा है
(b) एक-दू सरे से बैर िाव को नष्ट कर रहा है
(c) आक्षवष्कार कर रहा है
(d) एक दू सरे से होड़ कर रहा है
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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प्रश्न4. आधु हिक तकिीक की चकाचौिंध में हकसका मजाक बि गया ै?


(a) मानव य आवश्यकताओं का
(b) मानव य संवेदनाओं का
(c) मानव य सोच का
(d) मानव य कक्षिनाइयों का
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न5. गद्ािंश के अिु साि, कुछ दशक प िे छु हियोिं के हदि मैदािोिं पि पैि िखिे के हिए भी
जग क्ोिं ि ी िं हमि पाती थी?
(a) मै दान नह ं र्े
(b) मै दानों में अनेक सामू क्षहक कायशक्रम हआ करते र्े
(c) मै दानों का रख-रखाव सह नह ं होता र्ा
(d) बच्े खेलने के क्षलए अक्षधक उत्सुक हआ करते र्े
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2

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प्रश्न6. गद्ािंश के अिु साि, बच्चोिं में हमिता की भाििा औि आपसी भाईचािा कैसे बढ़ता ै ?
(a) एक-दू सरे को वाट् सअप करने से
(b) सार् खेलने से
(c) सार् रहने से
(d) एक-दू सरे के क्षलए अपने सुखों का त्याग करने से
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 3
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प्रश्न7. गद्ािंश के अिु साि, िता माि समय में एक-दू सिे व्यक्तक्त के प्रहत क्ा कम ोता जा ि ा ै ?
(a) ऋणात्मक लगाव
(b) सकारात्मक लगाव
(c) व्यावहाररक लगाव
(d) िावनात्मक लगाव
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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प्रश्न8. गद्ािंश के अिु साि, िता माि समय में बच्चे, माता-हपता से बात कििे की बजाय अब क्ा
कििा पसिंद किते ैं ?
(a) मोबाइल पर चै ट करना
(b) मै दान पर खेलना
(c) पढ़ना
(d) क्षवक्षिन्न स्र्लों पर घूमना
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न9. गद्ािंश के अिु साि, तकिीक के अत्यहधक प्रयोग से मिु ष् क्ा ोता जा ि ा ै ?
(a) तनाव ग्रस्त
(b) सृजनात्मकता र्ून्य
(c) िावनार्ून्य
(d) क्षवचारह न
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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प्रश्न10. गद्ािंश में प्रयुक्त शब्द ‘हिभाि’ के हिए कौि सा शब्द समािाथी अथा ि ी िं दे ता ै ?
(a) अवलं क्षबत
(b) प्रच्छन्न
(c) पराक्षश्रत
(d) अध न
(e) इनमें से कोई नह ं
L1Difficulty 2
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Directions (11-15) िीचे हदए गए गद्ािंश को ध्यािपूिाक पहढ़ए औि उस पि आधारित प्रश्नोिं के


उत्ति दीहजए।
मानव संसार का सवशश्रेष्ठ प्राण है । कारण यह है क्षक इसमें क्षचंतन क र्क्ति है क्षजसके द्वारा यह प्राच न
काल से सब पर र्ासन करता आया है । आज प्रकृक्षत ि इसके सामने नतमस्तक हो रह है । संसार के
सम्पू णश ऐश्वयश के प छे मानव मक्तस्तष्क के क्षवकास का इक्षतहास गुंर्ा हआ है ले क्षकन यह कि नह ं िू लना
चाक्षहए क्षक केवल मक्तस्तष्क का क्षवकास एकां ग है । मक्तस्तष्क के क्षवकास के सार्-सार् र्ार ररक र्क्ति
का ि होना अक्षनवायश है । अतः मक्तस्तष्क के क्षवकास के क्षलए जहां क्षर्िा क आवश्यकता है , वहां
र्ार ररक र्क्ति को प्राप्त करने के क्षलए ि ड़ा क ि आवश्यकता है । दोनों एक-दू सरे के अिाव में
अपूणश हैं ।
र्र र के क्षवकास के क्षलए खेलों के अक्षतररि अन्य साधन ि हैं । व्यायाम के द्वारा तर्ा प्रातः काल में
भ्रमण द्वारा ि स्वास्थ्य लाि क्षकया जा सकता है । कुश्त , कबड्ड , दं गल, भ्रमण, दौड़ना आक्षद ि
स्वास्थ्यवद्धश न के क्षलए उपयोग हैं । इसमें र्र र तो पुष्ट होता है , पर मनोरं जन आक्षद से मनुष्य वंक्षचत रहता
है । खेलों से मनोरं जन ि पयाश प्त हो जाता है । इससे क्तखलाड़ में आत्म-क्षनिश र होने क िावना का उदय
होता है । वह केवल अपने क्षलए ह नह ं खेलता बक्ति उसक हार और ज त पूर ट म क हार और ज त
है । अत: उसमें अपने साक्षर्यों के क्षलए स्नेह तर्ा क्षमिता का क्षवकास होता है । उसमें अपनि तर्ा एकि
क िावना जन्म ले त है । वह अपने में ह अपन टोल क प्रगक्षत दे खता है । रुक्षच क क्षिन्नता के कारण
क्षकस को हॉक , क्षकस को क्षिकेट और क्षकस को िुटबाल अच्छा लगता है । खेलों से अनेक लाि हैं ।
इनका ज वन और जाक्षत में क्षवक्षर्ष्ट स्र्ान है । र्ार ररक और मानक्षसक क्तस्र्क्षत तो कायम रखने के क्षलए
खेलों का बड़ा महत्त्व है । इसक्षलए प्राच न काल से ह खे लों को महत्त्व क्षदया जाता है । क्षवद्ार्ी आश्रमों में
अध्ययन के सार्-सार् क्षवक्षिन्न प्रकार के खेलों में ि पारं गत होते र्े । उस समय के खेल युद्ध क दृक्षष्ट से
महत्त्वपूणश होते र्े । धनुक्षवशद्ा क क्षर्िा का क्षवर्ेष बोल-बाला र्ा। खेलों से केवल र्र र ह नह ं बनता
अक्षपतु इससे मक्तस्तष्क और मन का ि पयाश प्त क्षवकास होता है क्योंक्षक पुष्ट और स्वस्र् र्र र में ह सुन्दर
मक्तस्तष्क का वास होता है । क्षबना र्ार ररक र्क्ति के क्षर्िा पंगु है । मान लो क्षक एक क्षवद्ार्ी अध्ययन में
बहत अच्छा है पर वह र्र र से कमजोर। उसके क्षलए क्षकस ि बाधा का सामना करना सम्भव नह ।ं
अपने मागश में पड़ा एक पत्थर तक उिा कर अपना मागश क्षनष्कंटक बनाने क र्क्ति उसमें नह ।ं तब ऐसे
क्षवद्ार्ी से दे र् और जाक्षत क्या कामना कर सकत है ? रात-क्षदन क्षकताबों पर ह अपन दृक्षष्ट गड़ाए रखने
वाले क्षवद्ार्ी ज वन में कि सिल नह ं हो सकते । र्क्ति के अिाव में अन्य सब गुण व्यर्श क्षसद्ध होते हैं ।
यहां तक क्षक मानव के सवशश्रेष्ठ गुण तप-त्याग तक र्क्ति के अिाव में व्यर्श साक्षबत होते हैं । बक्षलष्ठ र्र र
के सार्-सार् खेलों से मनुष्य में िमार् लता, दया, स्वाक्षिमान, आज्ञा पालन, अनुर्ासन आक्षद अनेक

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गुणों का समावेर् ि होता है । बहत-से क्षवद्ार्ी तो खेलों के बल पर ह ऊंचे-ऊंचे पदों को प्राप्त कर ले ते
हैं । खेलों के अिाव तर्ा क्षनबशलकाय होने के कारण ह अक्षधकां र् क्षवद्ार्ी क्षकस महत्त्वपूणश स्र्ान से
वंक्षचत रह जाते हैं । कहने का तात्पयश यह क्षक मक्तस्तष्क क्षकतना ह सबल क्यों न हो पर चलना पैरों से ह
है । अतः क्षर्िण के सार्-सार् ि ड़ा में ि कुर्ल होना उिल िक्षवष्य का प्रत क है । खेलों से राष्टर यता
और अन्तराश ष्टर यता क िावना का ि उदय होता है ।

प्रश्न11. मिु ष् हकस कािण प्राचीि काि से ि हकसी पि शासि किता आया ै ?
(a) बाहबल के कारण
(b) बुक्तद्धज व होने के कारण
(c) परोपकार होने के कारण
(d) क्षचंतन क र्क्ति के कारण
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न12. गद्ािंश के अिु साि, हकस कािण से क्तखिाड़ी में आत्म-हिभाि ोिे की भाििा जागृत ोती
ै?
(a) व्यायाम से
(b) क्षर्िा से
(c) खेलों से
(d) a, b और c सि से
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न13. गद्ािंश के अिु साि, प्राचीि काि में आश्रमोिं में हिद्ाहथा योिं के खेि हकस दृहष्ट से म त्वपूणा
ोते थे ?
(a) मानक्षसक दृक्षष्ट से
(b) र्ार ररक दृक्षष्ट से
(c) युद्ध दृक्षष्ट से
(d) ि डा दृक्षष्ट से
(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न14. गद्ािंश के अिु साि, सुिंदि मक्तस्तष्क का िास क ाँ ोता ै ?


(a) परोपकार मनुष्य में
(b) पुष्ट और स्वस्र् र्र र में
(c) सुंदर ह्रदय में
(d) सुंदर वातावरण में

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(e) इनमें से कोई नह ं
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प्रश्न15. गद्ािंश के अिु साि, िाष्टरीयता औि अन्तिााष्टरीयता की भाििा का उदय हकससे ोता ै ?
(a) व्यायाम से
(b) क्षर्िा से
(c) खेलों से
(d) पुरुषार्श से
(e) इनमें से कोई नह ं
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उत्ति-
S1. Ans. (b):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, आधु क्षनक युग में तकन क के क्षबना ज वन क कल्पना करना संिव नह ं रह
गया है ।
S2. Ans. (c):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, वतश मान में आधु क्षनक व्यक्ति कायों में और आधु क्षनक उपकरणों में व्यस्त हैं ।
S3. Ans. (c):
Sol. ज वन को सुख और सुरक्षित बनाने के क्षलए मनुष्य आक्षवष्कार कर रहा है ।
S4. Ans. (b):
Sol. आधु क्षनक तकन क क चकाचौंध में मानव य संवेदनाओं का मजाक बन गया है ।
S5. Ans. (d):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, कुछ दर्क पहले छु क्षियों के क्षदन मै दानों पर पैर रखने के क्षलए ि जगह
इस क्षलए नह ं क्षमल पात र् क्योंक्षक बच्े खेलने के क्षलए अक्षधक उत्सुक हआ करते र्े ।
S6. Ans. (b):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, बच्ों में क्षमिता क िावना और आपस िाईचारा सार् खेलने से बढ़ता है ।
S7. Ans. (d):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, वतश मान समय में एक-दू सरे व्यक्ति के प्रक्षत िावनात्मक लगाव कम होता जा
रहा है ।
S8. Ans. (a):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, वतश मान समय में बच्े , माता-क्षपता से बात करने क बजाय अब मोबाइल पर
चै ट करना करना पसंद करते हैं ।
S9. Ans. (c):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, तकन क के अत्यक्षधक प्रयोग से मनुष्य िावनार्ून्य होता जा रहा है ।
S10. Ans. (b):
Sol. गद्ां र् में प्रयुि र्ब्द ‘क्षनिश र’ के क्षलए प्रच्छन्न र्ब्द समानार्ी अर्श नह ं दे ता है ।

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S11. Ans. (d):
Sol. मनुष्य क्षचंतन क र्क्ति के कारण प्राच न काल से हर क्षकस पर र्ासन करता आया है ।
S12. Ans. (c):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, खेलों से क्तखलाड़ में आत्म-क्षनिश र होने क िावना जागृत होत है ।
S13. Ans. (c):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, प्राच न काल में आश्रमों में क्षवद्ाक्षर्शयों के खेल युद्ध दृक्षष्ट से दृक्षष्ट से महिपूणश होते
र्े ।
S14. Ans. (b):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, सुंदर मक्तस्तष्क का वास पुष्ट और स्वस्र् र्र र में होता है ।
S15. Ans. (c):
Sol. गद्ां र् के अनुसार, राष्टर यता और अन्तराश ष्टर यता क िावना का उदय खेलों से होता है ।

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