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RADIO DOCUMENTARY

स्पीकर: नमस्कार सभी को! कैसे हैं आप लोग? मैं ,Luvya kariro, स्वागत करती हु आप
सभी का हमारे शो "सु नहरे सितारे " में । तोह आज के एपिसोड में हम उस अदाकारा की
बात करें गे जिनकी आँ खों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं , हांजी बिलकुल सही पहचाना
आप सब ने - रे खा जी। आज के हमारे एपिसोड में हम रे खा जी और उनकी स्त्रुग्ग्ले स के
बारे में कुछ किस्से आप सबको बताएँ गे तोह बने रहिये हमारे साथ।

भानु रे खा गणे शन। फिल्मों के साथ उनका इनिशियल रिले शन ठीक नहीं था उन्हें
अच्छा नहीं लगता था। और एअरलिएर डे ज में घाटे कुछ किस्सों की वजह से अपनी
छोटी बे हेन राधा को भी कभी फिल्मों में नहीं आने दिया। क्या थे ये साद
एक्सपीरियं स? जान ने के लिए सु न्नते रहिये "सु नहरे सितारे "

रे खा की माता श्री ते लगु फिल्मों की जानी मानी हीरोइन थी और उनके पिताजी ते लगु
फिल्मों के बोहोत बड़े सितारे । उनकी मै रिड लाइफ काफी सु खी नहीं थी। इन्ही बु रे
सं भंदो का प्रभाव बच्ची रे खा पे भी पड़ा इसीलिए उनका बचपन ठीक नहीं गु ज़रा।
रे खा अपनी माता जी के साथ रहती थी और पिता के घर पे ना होने से घर के हालत भी
कुछ ठीक नहीं थ। १३ साल की छोटी उम्र में ही रे खा को मजबूरन फिल्मों में काम
करना पड़ा अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिय। जब १९६९ में उन्हें एक फिल्म का
ऑफर आया तोह उन्होंने अपनी माँ से कहा की उन्हें काम नहीं करना है ले किन घर के
हालत ठीक ना होने के कारण उनकी माँ ने उन्हें ये कहके मनाया की फिल्म की शूटिंग
साउथ अफ् रका में होगी, वाइल्डलाइफ सैं क्चु अरी में तु झे शे र, हाथी जै से जानवर दे खने
को मिलें गे , जै से बच्चे को आप टे म्प्ट करते है वै से किया उन्होंन। और रे खा इस
टे म्पटे शन में फस्स गयी। साउथ अफ् रीका के बाद इस फिल्म की कुछ शूटिंग मुं बई में
हुी। साउथ अफ् रीका के बाद इस फिल्म की कुछ शूटिंग मुं बई में भी हुी। साउथ
अफ् रीका का तोह एक्सपीरियं स ठीक रहा, मगर मुं बई का ख़राब रहा। रे खा उस वक़्त
एक चब्बी चाइल्ड थी, थोड़ी मोती थी इसीलिए उनके माँ की तरफ से इं स्ट् रक्शं स थे की
नपा तु ला खाना दिया जाए उन्हें , काफी लिमिटे ड। चॉकले ट और आइस क् रीम से दरू
रखा जाता था और इसके आलावा रे खा को यहां की भाषा बोलने और समझने में भी

बोहोत तकफ़लीक आ रही थी। तोह इस वजह से कहते है की लोगो से उन्हें गन्दी भाषा
तक सु नने को मिलती थी। रे खा ने अपने इस अनु भव के बारे में एक इं टरव्यू में बताया था
की मुं बई उनके लिए एक जं गल की तरह था जहां लोग उनका फायदा उठाने की कोशिश
किया करते थे । ऐसे कपडे और गहने पहनाये जाते थे जिनसे उन्हें एलर्जी होजाय करती
थ।और हर दिन वो रोटी थी और सौचती थी की क्यों वो एक नार्मल बच्चे की तरह
नार्मल लाइफ नहीं जी पा रही है !? इस सडने स की वजह से रे खा ने कभी अपनी बे हेन
राधा को फिल्मों में नहीं आने दिया।
अगर एक विदे र पर्सपे क्टिव से दे खे हम तोह रे खा की लाइफ काफी स्त्रुग्ग्ले स से भरी
हुई थी। बचपन ही इतना ट् रैजिक था। इतनी छोटी उम्र में ही इतना कुछ सहना पड़ा।
घर बसाने की जब उन्होंने कोशिश की तोह बस नहीं पाया, जिनसे प्यार किया वो मिल
नहीं पाया। और ज़िन्दगी के इन् स्त्रुग्ग्ले स में उन्हें एक स्त्री को जो सबसे बड़ी ख़ु शी
मिलती है माँ बनने की वो मिल नहीं पायी।

तोह चलिए एक और किस्से की ओर बढ़ते है , जब रे खा जी ने पहली बार परदे पर एक


स्मूचिंग सन किया तोह वो बे हसूश होगयी थी। बात है १९६९ की , रे खा और विश्वजीत,
कुलजीत पल की फिल्म, अं जना सफर में काम कर रहे थे । रे खा अभी बिलकुल नयी नयी
फिल्मों में आयी ही थी। रे खा के अभिनय जीवन को पहला किसिं ग सन और उन्हें किश
करने वाले थे विश्वजीत। इस किसिं ग सन के लिए पहले तोह रे खा राज़ी हुई , हीच
किचहात हो रही थी , घबराहट हो रही थी , फिर उन्हें समझाया गया की ये तोह स्टोरी
की डिमांड है , ये तोह करना पड़े गा आपको। तोह मजबूरन रे खा इस किसिं ग सन को
करने के लिए राज़ी होगयी। शूटिंग शु रू हुई ले किन विश्वजीत जी के बढ़ते हुए होठ
रे खा को ऐसे लग रहे थे जै से कोई अक़् ४७ उनकी तरफ बड़ा रहा हो। तोह उस चक्कर में
उनके चे हरे पर डर के एक्सप्रेशं स आ रहे थे जिसकी वजह से बार बार टे क ले ने पद रहे
थे । किसिं ग की घबराहट और उसके बाद इतने रे तकेस की घबराहट इतनी बढ़ गई एक
टे क में ये सन करते हुए रे खा जी बे होश होगय। किश सन की वजह से किसी का बे होश
हो जाना हिं दी सिने मा के इतिहास का पहला किसा है । ये खबर न्यूज़ में आगयी, खूब
खबरे चप्पी , यहां तक की "लाइफ" मै गज़ीन ने अपने एशियाई एडिशन में उस किसिं ग
सन को अपना कवर पे ज बना दिया। ये किसिं ग सन की चर्चा की वजह से ये फिल्म
इतनी हाईलाइट होगयी की सें सरशिप बोर्ड के कान खड़े होगये और जै से ही फिम सें सर
तक पहुंची उन्होंने केहड़िया की ये सन निकल दो| विवाद बढ़ गया और फिल्म लटक
गयी और ऐसी लटकी की १-२ महीने नहीं बल्कि १० साल बाद नए नाम से सें सर के पास
भे जी गयी और किसी तरह से ये फिल्म "२ शिकारी" के नाम से १९७९ में रिलीज़ हुई।

इस सबके बावजूद रे खा जी ने कई हिट फिल्मों में काम किया और कई अवार्ड्स जीते है ।


आज भी इं डस्ट् री में उनकी ब्यूटी और एक्टिं ग दोनों के चर्चे हैं । इतने साल इस
इं डस्ट् री को दे ने के बावजूद भी उनके फंस उनका इं तज़ार करते हैं और काफी नयी
एक्ट् रेसे स उन्हें अपना गु रु मानती है ।

तोह इसी के साथ ख़तम होता है हमारा आज का एपिसोड हमारी तिमे लेस ब्यूटी रे खा
जी पे ।अगले हफ्ते फिर लौटें गे एक नए शख्स की कहानी के साथ तब तक आप बने रहे
कम्यु निटी रे डियो 90.4 JIMS Vasant Kunj

मैं हु Luvya Kariro और आप सु न्न रहे थे "सु नहरे सितारे "। गु डबाय गूडनिघत

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