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इकाई:१४ च ींटी और कबूतर

अभ्यास-कायय
लिखित उत्तर- (पृष्ठ क्रमाींक 53-54)
1. क. च ींटी को तैरना नहीीं आता था इसलिए वह घबरा गई।

ि. कबूतर ने पेड़ से एक पत्ता तोड़कर अपन चोंच में दबा

लिया। पान में बहत हुई च ींटी के पास उसने वह पत्ता

तेज से फैंक ददया। च ींटी उस पत्ते पर चढ़कर बैठ गई।

वह अब भ परे शान थ । कबूतर चोंच में पत्ते पर बैठी

ख ींदा च ींटी को पान से बाहर िेकर आ गया।


ग. च ींटी ने कबूतर से कहा दक, “तुमने मेरी ान बचाई है ,
यह मैं हमेशा याद रिूूँग ।”

घ. कबूतर मन में सोच रहा था दक च ींटी की बुद्धि की व ह


से ही आ मैं बच गया।
2. सही उत्तर √ िगाओ-
क. च ींटी पान प ने के लिए कहाूँ आई?
नदी पर तािाब पर √ झरने पर कुएूँ पर

ि. कबूतर पर लनशाना दकसने साधा?


√ लशकारी ने च ींटी ने िड़की ने बाज ने
(पृष्ठ क्रमाींक 54-55)
भाषा से......
1. प्रत्येक के लिए दो-दो पयाायवाची शब्द लिखो-

झरना - िप्रपात लनझयर सदा - सवयदा लनरीं तर

पेड़ - वृक्ष द्धवटप शाम - सींध्या सायीं

पत्ता - पल्िव पर्य पान - ि नर


2. इस कद्धवता में धीरे -धीरे और लिरते-लिरते ैसे
शब्दों के ोड़े प्रयोग में िाए गए हैं । इन्हें शब्द-युग्म कहते
हैं । ददए िए शब्द-युग्मों को सही स्थान पर लिखो-
ववपरीत अथावािे लमिते-जुिते अथावािे

रात-ददन आस-पास
रात-ददन, ध र-अध र,
ध र-अध र घास-पात आगे-प छे , घास-पात,

अच्छा-बुरा चमक-दमक अच्छा-बुरा, चमक-दमक,


भाग-दौड़, आस-पास
आगे-प छे भाग-दौड़
3. च ींटी रान , धन्यवाद कहने आ यहाूँ मैं आया।
काटा इतन जोर से उसने, लशकारी था घबराया।

रे िाींदकत शब्द दक्रया के बारे में कुछ बता रहे हैं । दक्रया
कब, कहाूँ, दकतन और कैसे हो रही है , यह बतानेवािे
शब्द दियाववशेषण कहिाते हैं ।
दियाववशेषण शब्द चुनकर लििो-

क. च ींटी ध रे -ध रे झरने पर आई। ध रे -ध रे

ि. कबूतर ने च ींटी के पास पत्ता तेज से फेंका। तेज से

ग. एक लशकारी उस गह पर आया। उस गह

घ. कबूतर शाम को च ींटी से लमिने आया। शाम को

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