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मोहनजोदड़ो का इतिहास
मोहनजोदड़ो का इतिहास
● खोज के दौरान पता चला था, िक यहाँ के लोग गिणत का भी ान रखते थे,
इ जोड़ घटाना, मापना सब आता था. जो ईट उस समय अलग अलग शहर
म उपयोग की गई थी, वे सब एक ही वजन व साइज़ की थी, जैसे मानो इसे
एक ही सरकार के ारा बनवाया गया था.
● पु रात वे ाओं के अनु सार िस ु घाटी के स ता के लोग गाने बजाने , खे लने
कूदने के भी शौक़ीन थे. उ ोंने कुछ ूिजक इं मट, खलोने भी खोज
िनकाले थे. वे लोग साफ सफाई पर ान दे ते थे. पुरात वे ाओं को कंघी,
साबुन व दवाइयां भी िमली है . उ ोंने कंकालों के दां त का िन र ण भी िकया
था, िजससे पता चला िक उनके नकली दां त भी लगे ए होते थे. मतलब
ाचीन स ता म भी डॉ र भी आ करते थे.
● खोजकता ने ब त से धातु के गहन व कॉटन के कपड़े भी खोज िनकाले थे. ये
गहन आज भी ब त से सं हालय म रखी ई है .
● इसके अलावा ब त सी िच कारी, मूितयाँ , िस े , िदए, बतन, औजार भी
िमले थे िज दे श िवदे श के सं हालयों म रखा गया है .
● खोज म पता चला था िक ये लोग खेती भी िकया करते थे, काले पड़ गए ग
को आज भी संभालकर रखा गया है .
● कुछ िलिपक भी िमले है , िजससे िस होता है िक इनको पढ़ना िलखना भी
आता था.
● कहते है ये लोग सोने चां दी के गहने भी पहनते है , लेिकन ये सब का पता नहीं
है , ूंिक ये चोरी हो गए.