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बालगोबिन भगत- प्रश्नोत्तर
बालगोबिन भगत- प्रश्नोत्तर
कक्षा – कार्य
प्रश्न 3.भगत ने अपने बेटे िी मत्ृ यु पर अपनी भािनाएाँ किस तरह व्यक्त िीं?
उत्तर-भगत ने अपने बेटे िी मत्ृ यु पर औरों िी तरह शोि और मातम नहीं मनाया। िे मत
ृ बेटे िे
सामने बैठिर मस्ती और तल्लीनता में िबीर िे पद गाते रहे। िे मत्ृ यु िो आत्मा-परमात्मा िा
ममलन मानिर इससे दख
ु ी होने िे बजाय खश
ु होने िा समय मान रहे थे। िे अपनी पुििधू िो भी
आनंदोत्सि मनाने िे मलए िहते जा रहे थे।
प्रश्न 4.भगत िे व्यक्क्तत्ि और उनिी िेशभूषा िो अपने शब्दों में चचि प्रस्तुत िीक्जए।
उत्तर-बालगोबबन भगत साठ िषा से अचधि उम्र िाले गोरे -चचट्टे इंसान थे। उनिे बाल सफ़ेद हो चुिे
थे। उनिा चेहरा सफ़ेद बालों से जगमगाता रहता था। िपडों िे नाम पर उनिे शरीर पर एि लाँ गोटी
और मसर पर िनिटी टोपी धारण िरते थे बालगोबबन भगत, गले में तुलसी िी बेडौल माला पहने
रहते थे। उनिे माथे पर रामानंदी टीिा सुशोमभत होता था। सरटदयों में िे िाली िमली ओढे रहते
थे।
प्रश्न 7.िुछ माममाि प्रसंगों िे आधार पर यह टदखाई दे ता है कि बालगोबबन भगत प्रचमलत सामाक्जि
मान्यताओं िो नहीं मानते थे। पाठ िे आधार पर उन प्रसंगों िा उल्लेख िीक्जए।
उत्तर-बालगोबबन भगत प्रचमलत सामाक्जि मान्यताओं िो नहीं मानते थे। यह पाठ िे ननम्नमलखखत
माममाि प्रसंगों से ज्ञात होता है:-
ि) भगत ने अपने इिलौते पुि िे ननधन पर न शोि मनाया और न उसिे किया-िमा िो ज्यादा
तल
ू टदया।
ख) उन्होंने पुि िेशि िो स्ियं मुखाक्नन न दे िर अपनी पुििधू से मुखाक्नन टदलिायी।
ग) उन्होंने विधिा वििाह िे समथान में िदम उठाते हुए उसिे भाई िो िहा कि इसिो साथ ले
जािर दब ु ारा वििाह िरिा दे ना।
घ) िे साधुओं िे संबल लेने और गह
ृ स्थों िे मभक्षा मााँगने िा विरोध िरते हुए तीस िोस दरू गंगा
स्नान िरने जाते और उपिास रखते हुए यह यािा पूरी िरते थे।
प्रश्न 8.धान िी रोपाई िे समय समूचे माहौल िो भगत िी स्िर लहररयााँ किस तरह झंिृत िर दे ती
थीं? उस माहौल िा शब्द-चचि प्रस्तुत िीक्जए।
उत्तर-आषाढ महीने िी ररमखझम िे बीच सारा गााँि खेतों में उमड पडा है। शीतल परु िाई चल रही है ।
आसमान बादलों से आच्छाटदत है। िहीं हल चल रहे हैं िहीं रोपनी हो रही है। बच्चे पानी भरे खेत
में खेल रहे हैं। औरतें िलेिा मलए मेंड पर बैठी हैं। इसी समय भगत िा िंठ िूट पडता है और उनिे
स्िरों िी गूंज आसपास िे लोगों िो झूमने िे मलए वििशिर दे ती है । इसे सुनिर बच्चे झूमने लगते
हैं, क्स्ियों िे होंठ गुनगुनाने लगते हैं और गीत िी लय-ताल पर अाँगुमलयााँ रोपाई िरने लगती हैं तथा
िदम उठने लगते हैं।
गह
ृ कार्य
रचना और अभभव्र्क्तत
प्रश्न 9.पाठ िे आधार पर बताएाँ कि बालगोबबन भगत िी िबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रिट
हुई है?
उत्तर-बालगोबबन ‘भगत िा पहनािा और आचरण िबीर पंचथयों जैसा था। िे िबीर िो साहब मानते
थे और उनसे असीम श्रद्धा और विश्िास रखते थे। िबीर िे प्रनत उनिी श्रद्धा ननम्नमलखखत रूपों में
प्रिट हुई है
1) िबीर भी घर-पररिार िे साथ रहते हुए साधुओं जैसा जीिन बबताते थे।
2) िबीर िायाडंबरों से दरू रहिर सामाक्जि िुरीनतयों पर प्रहार िरने िाले थे। यह भगत िो
पसंद आया होगा।
3) िबीरदास िा ‘सादा जीिन उच्च विचार’ भगत िो पसंद आया होगा।
4) भगत िो िबीर िा खरा-खरा व्यिहार िरना बहुत पसंद आया होगा।
प्रश्न 11.गााँि िा सामाक्जि-सांस्िृनति पररिेश आषाढ चढते ही उल्लास से क्यों भर जाता है ?
उत्तर-भारत गााँिों िा दे श है । यहााँ िी 80 प्रनतशत जनसंख्या िे जीिन ननिााह िा साधन िृवष है ।
भारतीय िृवष मानसून पर आधाररत है। मानसून िी शुरुआत िषाा िे पहले महीने आषाढ से शुरू
होती है । आषाढ आते ही गााँििासी बादलों िी राह दे खते हैं। बादलों िे बरसते ही िे अपने िृवष िायों
िी शुरूआत िर दे ते हैं। खेतों िी जुताई-बुबाई, धान िी रोपाई जैसे िाया शुरू िर टदए जाते हैं। इसी
महीने में गरमी िी तपन से राहत ममलती है । यह महीना ग्रामीण बच्चों िे मलए बडा ही आनंददायी
होता है । पानी भरे खेतों िी िीचड में खेलना उन्हें बहुत रुचचिर लगता है। इस समय गााँि िे
सामाक्जि सांस्िृनति पररिेश िा उल्लास दे खते ही बनता है।
प्रश्न 12.ऊपर िी तसिीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबबन भगत साधु थे।” क्या ‘साधु’ िी
पहचान पहनािे िे आधार पर िी जानी चाटहए? आप किन आधारों पर यह सुननक्श्चत िरें गे कि
अमुि व्यक्क्त साधु’ है?
उत्तर-साधु प्रायः गेरुए िस्िों में या रामनामी िस्ि लपेटे नज़र आते हैं। उनिे बढे दाढी और जटाजूट
उनिे साधु होने िे साधन से टदखते हैं पर यह आिश्यि नहीं कि गेरुआ िस्ि पहनने िाला हर
व्यक्क्त साधु ही हो। इस िलयुग में ढोंचगयों ने भी यही िस्ि अपना मलया है , इसमलए पहनािे िे
आधार पर किसी िो साधु नहीं माना जा सिता है।
िास्ति में साधु िी पहचान उसिे पहनािे िे आधार पर न िरिे उसिे विचार और व्यिहार पर
िरना चाटहए। आडंबरहीन जीिन, सद्व्यिहार, सत्यिाटदता, परोपिार िी भािना पहनािे िी सादगी एिं
विचारों िी उच्चता दे खिर किसी भी व्यक्क्त िो साधु िी श्रेणी में रखा जा सिता है।
प्रश्न 13.मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत िे जीिन िी किस घटना िे आधार पर इस िथन
िा सच मसद्ध िरें गे?
उत्तर-यह नन:संदेह सत्य है कि मोह और प्रेम में अंतर होता है , इसे भगत िे जीिन िी इन दो
घटनाओं िे आधार पर सत्य मसद्ध किया जा सिता है
लोग अपने वप्रयजनों िी मत्ृ यु पर रोते-धोते हैं यह उनिा मोह है परं तु भगत अपने बेटे से प्रेम िरते
हैं। िे जीते जी उसे प्रेम िा अचधि हिदार मानते रहे और उसिी मत्ृ यु पर आत्मा-परमात्मा िा
ममलन माना।
भगत अपने बढ
ु ापे में अिेले होने पर भी बहू िो उसिे भाई िे साथ भेज दे ते हैं। अपने बुढापे से
मोह नहीं टदखाते हैं, परं तु बहू से प्रेम िरते हुए उसिे भाई से उसिा पुनविािाह िरने िा आदे श दे ते
हैं।
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