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सी.जी.-डी.एल.-अ.-28092022-239179
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CG-DL-E-28092022-239179
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असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग II—खण्ड 3—उप-खण्ड (ii)
PART II—Section 3—Sub-section (ii)
प्राजधकार से प्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
गृह मंत्रालय
अजधसूचना
नई दिल्ली, 27 जसतम्बर, 2022
का.आ. 4559(अ).—िबदक, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंजडया (जिसे इसमें इसके पश्चात 'पीएफआई’ कहा गया है) को
सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अजधजनयम, 1860 (1860 का 21) के अंतगगत पंिीकरण संख्या एस 226 जिला िजिण 2010 के
तहत दिल्ली में पंिीकृ त दकया गया ा र हरहैब इं जडया फाउं डेिन (आरआईएफ)(पंिीकरण संख्या 12,2द दिनाक
17.02.2008)द कैं पस फ्रंट ऑफ़ इं जडया (सीएफआई)द आल इं जडया इमाम काउं जसल (एआईआईसी)द नेिनल कॉन्फ़े डरे िन
ऑफ़ ह्यूमन राइट्स आगेनाईिेिन (एनसीएचआरओ) (पंिीकरण संख्या एस-22,6द दिनाक 12.09.2010)द नेिनल
जिमेंस फ्रंटद िूजनयर फ्रंटद एम्पािर इं जडया फाउं डेिन (पंिीकरण संख्या के सीएच-IV-001,0 2016-17द दिनाक
02.12.2016) र हरहैब फाउं डेिनद के रल (पंिीकरण संख्या 1016 91) सजहत इसके कई सहयोगी संगठन या सम्बद्ध
संस्ट् ाएं या अग्रणी संगठन हैं ;
र िबदक, अन्िेषण से पीएफआई र इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ाओं या अग्रणी संगठनों के बीच
स्ट्पष्ट सम्बन्ध स्ट् ाजपत हुआ है;
र िबदकद हरहैब इं जडया फाउं डेिनद पीएफआई के सिस्ट्यों के माध्यम से धन िुटाता है र कैं पस फ्रंट ऑफ़
इं जडयाद एम्पािर इं जडया फाउं डेिनद हरहैब फाउं डेिनद के रल के कु छ सिस्ट्य पीएफआई के भी सिस्ट्य हैं त ा पीएफआई के
नेता िूजनयर फ्रंटद आल इं जडया इमाम काउं जसलद नेिनल कॉन्फ़े डरे िन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स आगेनाईिेिन
(एनसीएचआरओ) र नेिनल जिमेंस फ्रंट की गजतजिजधयों की जनगरानी समन्िय करते हैं;
र िबदक, पीएफआई ने समाि के जिजभन्न िगों िैसे युिाओंद छात्रोंद मजहलाओंद इमामोंद िकीलों या समाि के
कमिोर िगों के बीच अपनी पहुच को बढाने के उद्देश्य से उपरोक्त सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्ट् ाओं या अग्रणी संगठनों
की स्ट् ापना की है जिसका एकमात्र उद्देश्य इसकी सिस्ट्यताद प्रभाि र फण्ड िुटाने की िमता को बढ़ाना है;
र िबदक, उपरोक्त सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्ट् ाओं या अग्रणी संगठनों र पीएफआई के बीच
“हब र स्ट्पोक” िैसा संबध हैद जिसमें पीएफआई ‘हब’ के रूप में कायग करते हुए सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्ट् ाओं
या अग्रणी संगठनों की िनता के बीच पहुच र फण्ड िुटाने की िमता का उपयोग जिजध जिरुद्ध दियाकलापों हेतु अपनी
िमता बढाने के जलए करता है त ा ये सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ाएं या अग्रणी संगठन “िड़ र जिराओं” की
तरह भी कायग करते हैं जिनके माध्यम से पीएफआई को जनजध एिं िजक्त प्राप्त होती है;
र िबदकद पीएफआई र इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ाएं या अग्रणी संगठन सािगिजनक तौर पर
एक सामाजिक-आर् क ग र रािनीजतक संगठन के रूप में कायग करते हैं लेदकन ये गुप्त एिेंडा के तहत समाि के एक िगग
जििेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अिधारणा को कमिोर करने की दििा में कायग करते हैं त ा िेि के संिैधाजनक
प्राजधकार र संिैधाजनक ढाचे के प्रजत घोर अनािर दिखाते हैं;
र िबदक, पीएफआई र इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ाएं या अग्रणी संगठन जिजधजिरुद्ध
दियाकलापों में संजलप्त रहे हैं, िो िेि की अखंडता, सम्प्रभुता र सुरिा के प्रजतकू ल है र जिससे िांजत त ा
साम्प्रिाजयक सिभाि का माहौल खराब होने र िेि में उग्रिाि को प्रोत्साहन जमलने की आिंका है;
र िबदक, पीएफआई के कु छ संस्ट् ापक सिस्ट्य स्ट्टू डट्ें स इस्ट्लाजमक मूिमेंट ऑफ इं जडया (जसमी) के नेता रहे हैं
त ा पीएफआई का सम्बन्ध िमात-उल-मुिाजहिीन बांग्लािेि (िेएमबी) से भी रहा है, ये िोनों संगठन प्रजतबंजधत संगठन
हैं;
र िबदक, पीएफआई के िैजिक आतंकिािी समूहोंद िैसे दक इस्ट्लाजमक स्ट्टेट ऑफ़ इराक एंड सीहरया
(आईएसआईएस)द के सा अंतरागष्ट्रीय सम्पकग के कई उिाहरण हैं;
र िबदक, पीएफआई र इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ायें या अग्रणी संगठनद चोरी-जछपे िेि में
असुरिा की भािना को बढ़ािा िेकर एक समुिाय के कट्टरपं को बढ़ाने के जलए काम कर रहे हैंद जिसकी पुजष्ट इस तथ्य से
होती है दक इसके कु छ सिस्ट्य अंतरागष्टरीय आतंकी संगठनों से िुड़ चुके हैं;
र िबदक, कें द्रीय सरकार का यह मत है दक उपयुगक्त कारणों के िृजष्टगत जिजधजिरुद्ध दियाकलाप (जनिारण)
अजधजनयम, 1967 (1967 का 27) की धारा 3 की उप-धारा (1) के अधीन अपनी िजक्तयों का प्रयोग करना आिश्यक है,
जिसकी जनम्नजलजखत तथ्यों से भी पुजष्ट होती है; य ाद
i. पीएफआई कई आपराजधक र आतंकी मामलों में िाजमल रहा है र यह िेि की संिैधाजनक प्राजधकार का
अनािर करता है त ा बाह्य स्रोतों से प्राप्त धन र िैचाहरक सम गन के सा यह िेि की आंतहरक सुरिा के जलए
एक बड़ा खतरा बन गया हैद
ii. जिजभन्न मामलों में अन्िेषण से यह स्ट्पष्टट हुआ है दक पीएफआई र इसके काडर बार-बार हहंसक र जिध्िंसक
कायों में संजलप्त रहे है जिनमें एक कॉलेि प्रोफे सर का हा काटना, अन्य धमों का पालन करने िाले संगठनों से
िुड़े लोगों की जनमगम हत्या करना, प्रमुख लोगों र स्ट् ानों को जनिाना बनाने के जलए जिस्ट्फोटक प्राप्त करना,
सािगिजनक सम्पजि को नुकसान पहुंचाना आदि िाजमल हैंद
iii. पीएफआई काडर कई आतंकिािी गजतजिजधयों र कई व्यजक्तयों य ा श्री संिीत (के रल, निम्बर, 2021),
श्री िी. रामहलंगम (तजमलनाडु , 2019), श्री नंि ू (के रल, 2021), श्री अजभमन्यु (के रल, 2018), श्री जबजबन
(के रल 2017), श्री िरत (कनागटक 2017), श्री आर. रुद्रेि (कनागटक 2016), श्री प्रिीण पुिारी (कनागटक 2016)
श्री िजि कु मार (तजमलनाडु , 2016) र श्री प्रिीण नेि ारू ( कनागटकद 2022) की हत्या में िाजमल रहे हैं र
ऐसे अपराजधक कृ त्य र िघन्य हत्याएंद सािगिाजनक िांजत को भंग करने र लोगों के मन में आतंक का भय
पैिा करने के एकमात्र उद्देश्य से की गई हैद
iv. पीएफआई के िैजिक आतंकिािी समूहों के सा अंतरागष्ट्रीय सम्पकग के कई उिाहरण हैं र पीएफआई के कु छ
सिस्ट्य आईएसआईएस में िाजमल हुए हैं र सीहरया, ईराक र अफगाजनस्ट्तान में आतंकी कायगकलापों में भाग
जलए हैं इनमें से पीएफआई के कु छ काडर इन संघषग िेत्रों में मारे गए र कु छ को राज्य पुजलस त ा कें द्रीय
[भाग II—खण्ड 3(ii)] भारत का रािपत्र : असाधारण 3
एिेंजसयों ने जगरफ्तार दकया इसके अलािा, पीएफआई का सम्पकग प्रजतबंजधत आतंकिािी संगठन िमात-उल-
मुिाजहिीन बांग्लािेि (िेएमबी) से भी रहा हैद
v. पीएफआई के पिाजधकारी र काडर त ा इससे िुड़े अन्य लोग बैंिंकं ग चैनल, हिाला, िान आदि के माध्यम से
सुजनयोजित आपराजधक षडयंत्र के तहत भारत के भीतर र बाहर से धन इकट्ठा कर रहे हैं र दफर उस धन को
िैध दिखाने के जलए कई खातों के माध्यम से उसका अंतरण, लेयररं ग र एकीकरण करते हैं त ाद अंतत: ऐसे धन
का प्रयोग भारत में जिजभन्न आपराजधक, जिजधजिरुद्ध र आतंकी कायों के जलए करते हैंद
vi. पीएफआई की ओर से उनसे सम्बंजधत कई बैंक खातों में िमा धन के स्रोत खाताधारकों के जित्तीय प्रोफाइल से
मेल नहीं खाते र पीएफआई के कायग भी उसके घोजषत उद्देश्यों के अनुसार नहीं पाए गएद इसजलए आयकर
जिभाग नेद आयकर अजधजनयमद 1961 ( 1961 का 3) की धारा 12-A या 12-AA के तहत माचग, 2021 में
इसका पंिीकरण रद्द कर दिया इन्हीं कारणों से द आयकर जिभाग नेद आयकर अजधजनयमद 1961 की धारा 12-A
या 12-AA के तहतद हरहैब इं जडया फाउन्डेिन के पंिीकरण को भी रद्द कर दिया
vii. उि र प्रिेिद कनागटकद गुिरात राज्य सरकारों ने पीएफआई को प्रजतबंजधत करने की अनुिंसा की है
र िबदक, पीएफआई र इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ाएं या अग्रणी संगठन िेि में आतंक फै लाने
र इसके द्वारा राष्ट्र की सुरिा र लोक व्यिस्ट् ा को खतरे में डालने के इरािे से हहंसक आतंकी गजतजिजधयों में िाजमल
रहे हैं त ा पीएफआई की राष्ट्र- जिरोधी गजतजिजधयां राज्य के संिैधाजनक ढ़ांचे र सम्प्रभुता का अनािर र अिहेलना
करते हैं, र इसजलए इनके जिरुद्ध तत्काल र त्िहरत कारग िाई अपेजित है;
र िबदक, कें द्रीय सरकार का यह मत है दक यदि पीएफआई र इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ाओं
या अग्रणी संगठनों के जिजधजिरुद्ध दियाकलापों पर तत्काल रोक अ िा जनयंत्रण न लगाया गयाद तो पीएफआई र
इसके सहयोगी संगठन या सम्बद्ध संस्ट् ाएं या अग्रणी संगठन इस अिसर को जनम्नजलजखत हेतु प्रयोग करें गे -
(i) अपनी जिध्िंसात्मक गजतजिजधयों को िारी रखेंगेद जिससे लोक व्यिस्ट् ा भंग होगी र राष्ट्र का संिैधाजनक
ढांचा कमिोर होगा;
(ii) आतंक आधाहरत पश्चगामी तंत्र (हरग्रेजसि हरिीम)को प्रोत्साजहत एिं लागू करें गे;
(iii) एक िगग जििेष के लोगों में िेि के प्रजत असंतोष पैिा करने के उद्देश्य से उनमें राष्टर-जिरोधी भािनाओं को
भड़काना र उनको कट्टरिाि के प्रजत उकसाना िारी रखेंगे;
(iv) िेि की अखण्डताद सुरिा र सम्प्रभुता के जलए खतरा उत्पन्न करने िाली गजतजिजधयों को र तेि करें ग;े
र िबदक, कें द्रीय सरकार का उपयुगक्त कारणों की ििह से यह िृढ़ मत है दक पीएफआई र इसके सहयोगी
संगठनों या सम्बद्ध संस्ट् ाओं या अग्रणी संगठनों की गजतजिजधयों को ध्यान में रखते हुए, पीएफआई र इसके सहयोगी
संगठनों या सम्बद्ध संस्ट् ाओं या अग्रणी संगठनों को तत्काल प्रभाि से जिजधजिरुद्ध संगम घोजषत करना आिश्यक है;
इसजलए अब, कें द्रीय सरकारद जिजधजिरुद्ध दियाकलाप (जनिारण) अजधजनयम, 1967 (1967 का 27) की धारा 2
की उप-धारा (1) द्वारा प्रित्तत िजक्तयों को प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंजडया (पीएफआई) र इसके
सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्ट् ाओं या अग्रणी संगठनोंद हरहैब इं जडया फाउं डेिन (आरआईएफ)द कैं पस फ्रंट ऑफ़ इं जडया
(सीएफआई)द आल इं जडया इमाम काउं जसल (एआईआईसी)द नेिनल कॉन्फ़े डरेिन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स आगेनाईिेिन
(एनसीएचआरओ)द नेिनल जिमेंस फ्रंटद िूजनयर फ्रंटद एम्पािर इं जडया फाउं डेिन र हरहैब फाउं डेिनद के रल सजहत को
“जिजधजिरुद्ध संगम” घोजषत करती है;
र िबदक द उपयुगक्त पहरजस्ट् जतयों के सन्िभग में कें द्रीय सरकार का यह िृढ़ मत है दक पीएफआई र इसके
सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्ट् ाओं या अग्रणी संगठनों को तत्काल प्रभाि से जिजधजिरुद्ध संगम घोजषत करना आिश्यक
है र उक्त अजधजनयम की धारा 2 की उप-धारा (2) के परं तक ु द्वारा प्रित्त िजक्तयों का प्रयोग करते हुए, कें द्रीय सरकार
एतद्द्वारा यह जनिेि िेती है दक यह अजधसूचना, इसके रािपत्र में प्रकािन की जतज से पाच िषग की अिजध के जलए लागू
होगी, िो उक्त अजधजनयम की धारा 4 के तहत िारी दकए िाने िाले दकसी भी आिेि के अध्यधीन होगी
[फा. सं. 14017 2 2022-एनआई-एमएफओ]
प्रिीण िजिष्टठ, अपर सजचि
4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]
Now, Therefore, in exercise of the powers conferred by sub-section (1) of section 3 of the
Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967 (37 of 1967), the Central Government hereby declares the
Popular Front of India (PFI) and its associates or affiliates or fronts including Rehab India Foundation
(RIF), Campus Front of India (CFI), All India Imams Council (AIIC), National Confederation of Human
Rights Organization (NCHRO), National Women’s Front, Junior Front, Empower India Foundation and
Rehab Foundation, Kerala as an “unlawful association”;
And Whereas, the Central Government, having regard to the above circumstances, is of firm
opinion that it is necessary to declare the PFI and its associates or affiliates or fronts as an unlawful
association with immediate effect, and accordingly, in exercise of the powers conferred by the proviso to
sub-section (3) of section 3 of the said Act, the Central Government hereby directs that this notification
shall, subject to any order that may be made under section 4 of the said Act, have effect for a period of five
years from the date of its publication in the Official Gazette.
[F. No. 14017/3/2022-NI-MFO]
PRAVEEN VASHISTA, Addl. Secy.
Uploaded by Dte. of Printing at Government of India Press, Ring Road, Mayapuri, New Delhi-110064
and Published by the Controller of Publications, Delhi-110054. MANOJ KUMAR
Digitally signed by MANOJ KUMAR
VERMA
VERMA Date: 2022.09.28 05:43:20 +05'30'