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Gess 107
Gess 107
आपने उठा
अ याय और जब
और गर गया। म देयह
ख ाहोकरहा
कै से
थारानईय कला
होते ह श प और उ पादन ग त व धयां
क ब और गांव म फली फू ल । स दय से मह वपूण राजनी तक सामा जक और आ थक
वकास ए थे। ले कन सामा जक प रवतन हर जगह एक जैसा नह था य क अलग च
अलग तरह के समाज अलग अलग तरह से वक सत ए। यह कै से और य आ यह जनजातीय नृ य
संथाल च त ॉल।
समझना ज री है।
हमारे अतीत II
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मान च
कु छ मुख भारतीय
जनजा तय क त।
खानाबदोश और मोबाइल कै से
च
भील रात म हरण का शकार करते ह।
च
मोबाइल ापा रय क एक ृंख ला ने भारत को बाहरी नया
से जोड़ा। यहाँ आप दे ख ते ह क मेवे बटोर कर ऊँ ट क पीठ
पर लादे जाते ह। म य ए शयाई ापारी इस तरह के सामान को
भारत लाते थे और बंज ारे और अ य ापारी इ ह ानीय बाजार
म ले जाते थे।
हमारे अतीत II
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बंज ारे सबसे मह वपूण खानाबदोश ापारी थे। उनके कारवां को टांडा कहा जाता
था। सु तान अलाउ न खलजी अ याय ने बंज ार का इ तेमाल शहर के बाजार म
अनाज प च
ं ाने के लए कया। बादशाह जहाँगीर ने अपने सं मरण म लखा है क बंज ार उनम से ब त से पशुपालक ह
जो अपनी भेड़ बक रय और
ने व भ े से अपने बैल पर अनाज लाद कर शहर म बेचा। उ ह ने सै य अ भयान
गाय बैल के साथ एक चरागाह
के दौरान मुगल सेना के लए खा ा प ँचाया। एक बड़ी सेना के साथ बैल
से सरे चरागाह म घूमते ह।
अनाज ले जा सकते थे।
ारा काम पर रखा जाता है ले कन आमतौर पर वे वयं ापारी होते ह। वे वहां अनाज खरीदते
ह जहां यह स ता उपल होता है और इसे उन जगह पर ले जाते ह जहां यह अ धक महंगा होता
है। वहां से वे फर से अपने बैल को ऐसी कसी भी चीज़ से भरते ह जसे अ य जगह पर
लाभ द प से बेचा जा सकता है ... एक टांडा म या सौ हो सकते ह ... वे एक दन
कई चरवाहा जनजा तयाँ समृ लोग को पशु जैसे मवेशी और घोड़े पालती और
बेचती थ ।
छोटे मोटे फे रीवाल क व भ जा तय ने भी एक गाँव
से सरे गाँव क या ा क । वे र सयाँ नरकट
पुआ ल क चटाई और मोटे बोरे जैसे माल
बनाते और बेचते थे। कभी कभी भखारी
आवारा ापा रय के प म काम करते
थे। मनोरंज न करने वाल क जा तयाँ थ
जो अपनी आजी वका के लए व भ
क ब और गाँव म दशन करती थ ।
च
कां य मगरम कु टया
क ड जनजा त उड़ीसा।
©एनसीईआरट व को पुन का
श कारीगर लोहार शत नहराज मकया
बढ़ई और ी को जाना
भी ा ण चा
ारा हए
अलग अलग
जा तय के प म मा यता द गई थी। वण के बजाय जा तयाँ समाज को संग ठत करने
का आधार बन ।
हमारे अतीत II
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करीब से दे ख ने पर
झूम खेती
गड कसी वन े म
पेड़ और झा ड़य को पहले
ग ड ग डवाना नामक एक वशाल जंगली े म रहते थे या ग ड ारा बसा आ दे श । काट कर जला दया जाता है।
वे झूम खेती करते थे। बड़ी ग ड जनजा त आगे कई छोटे कु ल म वभा जत थी। येक फसल राख म बोई जाती है।
कबीले का अपना राजा या राय होता था। जस समय द ली के सु तान क श कम हो जब यह भू म अपनी उवरता
रही थी कु छ बड़े ग ड सा ा य छोटे ग ड मुख पर हावी होने लगे थे। अकबर के खो दे ती है तो भू म के सरे
भूख ंड को साफ करके उसी
शासनकाल के इ तहास अकबरनामा म गढ़ा कटं गा के ग ड सा ा य का उ लेख है जसम
तरह से लगाया जाता है।
गांव थे।
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अहोम
©एनसीईआरट
हालाँ क अहोम को द ण प मको
से कईपु
आनमणका शतकरनानह
पड़ा। कया
म मीर जाना चा हएक जनजा तयाँ।
न ा
का सामना जुमला पूव भारत
के तहत मुगल ने अहोम सा ा य पर हमला कया।
नह रह सका।
अहो स
न कष
जस अव ध का हम परी ण कर रहे ह उस दौरान उपमहा प म उ लेख नीय सामा जक
प रवतन आ।
वण आधा रत समाज और आ दवासी लोग लगातार एक सरे के साथ बातचीत करते थे।
इस अंतः या ने दोन कार के समाज को अनुकू लन और प रवतन के लए े रत कया।
कई अलग अलग जनजा तयाँ थ और उ ह ने व वध आजी वकाएँ अपना ।
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मंगोल
अपने एटलस म मंगो लया का पता लगाएं। इ तहास म सबसे स चरवाहा और शकारी सं ाहक जनजा त मंगोल थे। उ ह ने
म य ए शया के घास के मैदान सी ढ़य और आगे उ र म वन े म नवास कया। तक चंगेज खान ने मंगोल और
तुक जनजा तय को एक श शाली सै य बल म एकजुट कर दया था। अपनी मृ यु के समय वह व तृत दे श का
शासक था। उनके उ रा धका रय ने एक बनाया
कह
वशाल सा ा य। अलग अलग समय म इसम स पूव यूरोप और चीन और प म ए शया के अ धकांश ह से शा मल थे।
मंगोल के पास सुसंग ठत सै य और शास नक व ा थी। ये व भ जातीय और धा मक समूह के समथन पर आधा रत थे।
क पना करना
©एनसीईआरट
आप एकको पुन समुका
खानाबदोश दाय शत नह
के सद य ह जो हरकया
तीन जाना चा हए
महीने म अपना घर बदलते ह। यह आपके जीवन को कै से
बदलेगा
. न न ल खत का मलान क जए
गढ़ टांडा खेल
चौरासी
मज र कारवां
वंश गढ़ कटं गा
सब सह अहोम रा य
गावती पाइक
जनजा तयाँ खानाबदोश और
बसे ए समुदाय
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. र ान क पू त कर
जा त
सी द उ लेख है क गढ़ कटं गा
टांडा गाँव थे।
गढ़
d जैसे जैसे आ दवासी रा य बड़े और मजबूत होते गए उ ह ने भू म अनुदान दया
तथा
चौरासी ।
बरहोट
. सही या गलत बताएं
भुइयां
ए आ दवासी समाज म समृ मौ खक परंपराएं थ ।
पाइक
खेल बी उपमहा प के उ र प मी भाग म कोई आ दवासी समुदाय नह थे।
©एनसीईआरट
बुरांज ी
को पुन का शत नह कया जाना चा हए
सी ग ड रा य म चौरासी म कई शा मल थे
जनगणना
शहर ।
आइए समझते ह
हमारे अतीत II
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चलो कर
. उपमहा प म वतमान समय के खानाबदोश दे हाती समूह के बारे म अ धक जानकारी ा त कर। वे कौन
से जानवर रखते ह वे कौन से े ह जहां इन समूह का बार बार आना जाना होता है