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किसके
जैसा बनना चाहते हो? हमने कभी ना कभी कहीं ना कहीं इनका नाम जरूर लिया।
वो जिन्हें बचपन से ही उड़ने का शौक था, तारे ताकने और ब्रह्मांड की सैर करने
का शौक था जो 40 की उम्र आते आते हमें छोड़कर तो चली गई लेकिन अब ना
जाने कितनी कल्पनाओं, कितनी उम्मीद, कितने सपनों का हिस्सा है तो छोटी
उम्र बडी जिंदगी के इस एपिसोड में हम बात करने वाले हैं डन कन्वेंशनल स्टार।
कं ट्रोल रूम ने बार बार अंतरिक्ष यान से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की।
लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली।
इन्हीं 84,000 टुकड़ों में कल्पना चावला और उनके बाकी साथियों के अवशेष
भी थे, जिनकी पहचान उनके डीएनए से की गयी थी।
बनारसी लाल उनके पिता का नाम था और संज्योति चावला उनकी माँ थी।
और ये लोग पाकिस्तान में शुरू में रहते थे और फिर जब पार्टीशन हुआ तो बहुत
से लोगों के साथ इन्होंने भी भारत का रुख किया।
शुरू में इस परिवार में कपड़ों का काम होता था, कपड़ों का बिज़नेस होता था
लेकिन बाद में ये टाइर्स का काम करने लगे।
उन्होंने सातवें कर खाना खाया वॉन्ट उनका नाम हुआ करता था घर में उनको
मोंटू कहकर पुकार ते थे और बहुत उनकी जिसे कहते है इस्माइल थी बहुत।
खुल के मुस्कु राती थीं।
उस जमाने में छोटे बाल उनके हुआ करते थे, बहुत कम।
उन्होंने कहा नहीं साहब मुझे अगर करना है तो मैं एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ही
करूँ गी और वहाँ बहुत एक्टिव रहती थी।
हरियाणा में तो इन को इस शर्त पर जाने दिया गया कि इनके भाई संजय इनके
साथ जाएंगे।
वह और फिर जैसे ही अमेरिका में इन्होंने **** किया इनकी मुलाकात हुई।
जाओ परे है रीसन से जो कि फ़्रें च मूल के शख्स थे, उतरते ही छात्र मुलाकात
हुई और इन्हें बिल्कु ल अंदाजा नहीं था कि यह इनके जीवन में बहुत।
टोटल लोगों ने अप्लाई किया था उसमें से 122 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया
है।
सर्वाइवल ट्रेनिंग होती है, पानी में एक्सरसाइज होती है, फॉरेस्ट में जंगल में
ट्रेनिंग होती है।
वहाँ पर हुआ और ज़ीरो ग्रैविटी सिचुएशन में इनको काम करने के लिए ट्रेन किया
जाता है और नवंबर 96 में इनको वो मिशन स्पेशलिस्ट का काम सौंपा गया और
प्राइम रोबोटिक आराम ऑपरेटर का काम इन को सौंपा गया।
इनको को तीन किया गया, 15 दिनों तक बिल्कु ल अलग थलग रखा गया अपने
परिवार से और किसी से भी ताकि कोई इन्फे क्शन ना हो पाए और ये जो स्पेस
शटल होता है, एक तरह से बड़ा एयर क्राफ्ट आप समझ लीजिये बड़ा जहाज़
होता है और।
एंट्री इसके अंदर जो एंट्री होती है 195 फिट ऊँ चा प्लेटफॉर्म होता है।
भारी व्यक्ति इनके सीने पर बैठा दिया गया था और फिर जब अंतरिक्ष में गयी, तो
वेट लेसन्स आ गयी एकदम से और सारा जो गुरुत्वाकर्षण था पृथ्वी का वो खत्म
हो गया तो वो एक भारी चेन था।
फिर इनका जो जवाब होता था वो उनके परिवार वालों तक पहुंचाया जाता था।
मेनू जो खाने की चीज़ दी जाती थी, दिन में तीन बार इनको खाना मिलता था
और 2700 कै लोरीज़ हर दिन का खाना होता था और बकायदा मेन्यू होता था
कि नाश्ते में क्या दिया जाएगा? नाश्ते में इनको मिक्स कोन फ्ले क्स? कु कीज़ और
चाय, चीनी वाली चाय, चीनी और दूध के साथ ये चाय ये मिलता था लंच में टोफू
खाती थी और चावल बटर के साथ और फिर ग्रेनोला बार सौर लेमनेड होता था
और डिनर में टोमैटो पिसल सूपिन को दिया जाता था पास्ता।
वहाँ इतना हेक्टिक थामा और फिर 5:21 पर सुबह यह पृथ्वी के कक्षा में
दाखिल हुआ।
क्योंकि इसमें इनको मिशन के तौर पर लिया गया था और रिक हस्बैंड कमांडर थे
इस मिशन के और इसके इसमें पहली बार एक इसराइली रमोन को दिया गया था।
इनको स्पेस में रहना था, अंतरिक्ष में रहना था और 1 फरवरी 2003 को इनकी
वापसी थी के प के नवरल में फ्लो रिडा में।
उसकी जो ट्रेन थी, जो उसके पीछे थी, उससे थोड़े थोड़े टुकड़े टू ट कर गिर रहे
हैं।
शायद उस समय 9:00 बजे थे और कमांड सेंटर पर पहली बार ये दैनिक सेट
हुआ कि हुआ क्या एकदम से और फौरन कमांडर से संपर्क स्थापित करने की
कोशिश की।
लेकिन बीच में ही कर्नल हस्बैंड से जो संपर्क किया गया वह टू ट गया और उसके
बाद।
वो उसे टू ट गए।
पहले प्वांइट सफे द रंग की दिखाई दी और फिर सफे द सफे द धब्बे दिखाई देने
लगे तो साफ हो गया कि कोलंबिया में विस्फोट हो गया है और उसके टुकड़े टू ट
टू टकर लूसियाना, टेक्सस और अरकं सास, जो अमेरिकन स्टेट से उसके ऊपर
गिर रहे हैं, उधर उनका पूरा परिवार इसको घर पे बैठा लिव देखा था।
जैसे ही ये खबर हुई अमेरिकी राष्ट्रपति थे, उन्होंने अनाउंस किया था उसमें की
कोलंबिया में दुर्घटना हुई है और इनके और भारत में भी ये खबर आई तो पूरा
जिसे कहते हैं कि।
बाद में इसकी जांच की गई कि हुआ क्या? बाद में पता चला है कि 16 जनवरी
को जब ये लॉन्च हुआ था उस लॉन्च के 80 सेकं ड के भीतर उसका शटल का
जो एक्सटर्नल टैंक होता है, उसका कु छ टुकड़ा कोलंबिया के विंग से टकराया था
और उससे जो।
सीट रेजिस्टेंट टाइल्स आप वो डैमेज हो गयी थी तो उसका नतीजा ये हुआ कि
जब वह पृथ्वी की कक्षा में दोबारा आया तो जो सीट जेनरेट हुई उसको रीज़िस्ट
नहीं कर पाया और उसकी वजह से ये दुर्घटना हुई।