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7 Hindi L2
7 Hindi L2
7 Hindi L2
स : 2022-23
क ा – 7 ( र-2)
िवषय – िहं दी
(वसं त भाग 2) िवधा / िवषय-व ु ाकरण और अिधगम सं ा सं दभ/सु झावा क
पाठ सं ा और नाम रचना क लेखन ि याकलाप
पाठ. 1 किवता/ तं ता पूववत क ाओं से िलए गए किवता िवधा से प रिचत होंगे, कायप क सं. 7-8
िवषय व ु भावानुकूल स र वाचन की कोिशश पशु/पि यों को िपं जरे म
हम पं ी उ ु गगन के पि यों के मा म से मनु की पराधीनता क ा5 करगे, रखने के औिच पर
(िशवमंगल िसंह सुमन) की पीड़ा को समझाने का यास िवशे षण: पहचान का. सं . 39A ाकृितक प रवे श, पशु-पि यों के ित वाद-िववाद
क ा6 िज ासु होंगे,
िवशे षण: योग का. सं. 9 िचिड़या के खान-पान, रहन-सहन प रवेश
आिद के बारे म जान सकगे ,
क ा7 िविभ िचिड़या के नाम और प को
िवशे षण: भेद का. सं . 13 गौर करगे,
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु- पशु-प ी के ित संवेदनशील होंगे,
ं समास पि यों के मा म से मनु की पराधीनता
की पीड़ा को समझने का य करगे ,
पशु/प ी/पयावरण पर आधा रत परतं भारत के िनवािसयों की पीड़ा और
पिठत/अपिठत प ांश का ि िटश गु लामी से तं ता की उ ट
अ ास अिभलाषा को जान सकगे,
क नाशीलता का िवकास होगा,
पाठा गत यु नए श ों एवं
ाकरिणक िब दु ओं से प रिचत होते
ए उनका भािषक योग कर सकगे
पाठ. 2 कहानी/ प रवार पूववत क ाओं से िलए गए कहानी िवधा से प रिचत होंगे, कायप क सं. 9-13
िवषय व ु आदश वाचन म स म होंगे, ‘बुजुग के ित हमारा
दादी माँ लेखक और उसकी दादी के पर र ेह क ा5 प रवार म दादानानी आिद -नाना ,दादी - कत पर समू ह चचा
(िशव साद िसंह) और ममतापूण संबंधों को दशाती कहानी भाषा और िलिप: पहचान अपने संदभ म बु जुग के मह को
क ा6 ,अनुभव कर सकगे
भाषा और िलिप: योग ेह और ममता की मूित के पम
दादीनानी ब ों के िलए िकस कार /
क ा7 इस त से ,अभयदान की ोत होती ह
भाषा और िलिप – आँ चिलक ,अवगत हो सकगे
भाषा पा रवा रक रहन ,सहन पर रा-
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु- भावों दान -िवचारों के आपसी आदान -
समानता का बोध कराने वाले ,म समथ होग
श जै से- सा,सी,से आिद पाठा गत यु नए श ों से प रिचत
वा म ि या का दो बार होते ए उनका योग कर सकगे ,
योग ि या को जोर दे ने के पाठा गत यु ाकरिणक िब दु ओं के
िलए िकया जाता है जैसे – अवगत होते ए उनका भािषक योग
पू छ-पू छकर,छू-छूकर आिदl करने म समथ होंगे I
ऐसे श ों से वा िनमाण
आँ चिलक/बोलचाल के श ों
का सं ह
बु जुग की संवेदना पर
आधा रत पिठत/अपिठत
ग ां श का अ ास
अपनी दादी/नानी को संबोिधत
िकसी भी िवषय पर
अनौपचा रक प का अ ास-
का. सं. 142A
पाठ. 4 किवता/ तं ता पूववत क ाओं से िलए गए किवता िवधा से प रिचत होंगे, कायप क सं. 14-15
िवषय व ु भावानुकूल स र वाचन की कोिशश पुराने कपड़े / अखबार/
कठपुतली कठपुतिलयों के मा म से तं ता की क ा5 करगे, बे कार व ुओं से गु िड़या
(भवानी साद िम ) इ ा को दशाने वाली किवता सवनाम: पहचान का. सं . 10 गुलामी/ परतं ता की पीड़ा को समझ बनाना
क ा6 सकगे ,
सवनाम: योग का. सं. 7 तं ता/ आज़ादी के मह को समझ
पाएं गे,
क ा7 े ीय और पारं प रक खे लों, मनोरं जन के
सवनाम के भे द साधनों और गितिविधयों के ित िज ासु
ये , मेरे, इ ,मुझे,हमआिद का होंगे,
सवनाम के भे दों के अनुसार पाठा गत यु ाकरिणक िब दु ओं के
वग करण का. सं . 25, 27 अवगत होते ए उनका भािषक योग
करने म समथ होंगे,
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु-
दो श ों के जुड़ने से उनके
मूल प म प रवतन जैसे-
काठ और पु तली िमलकर
कठपु तली बनते ह l इसी
कार दो श ों को िमलाकर
नए श का िनमाण
भाषा म चिलत श यु ों म
प रवतन करना जैसे आगे-
पीछे का पीछे -आगे आिद l
तं ता िदवस पर
अनु े द/िनबं ध लेखन/ िच
वणन का अ ास
पाठ. 6 िनबं ध/ ान-िव ान पूववत क ाओं से िलए गए िनबं ध श से प रिचत होते ए इस िवधा कायप क सं.
िवषय व ु के बारे म जान सकगे , 22,24,26,28,29
र और हमारा शरीर र , उसकी सं रचना तथा मानव शरीर के क ा5 भावानुकूल एवं आदश वाचन म स म र /शरीर के अं गों से
(यतीश अ वाल) िलए उसके मह को बताता वै ािनक मुहावरे : अथ होंगे, सं बंिधत मु हावरों का
िनबं ध क ा6 इस िव ान िवषयक पाठ के मा म से उनके अथ एवं वा
मुहावरे : वा योग हमारे शरीर और र संरचना को जान योग के साथ संकलन
क ा7 सकगे ,
मुहावरे : पाठ म आए मुहावरों र के िनमाण,उसकी उपयोिगता और
का अथ एवं उनका वा हमारे शरीर के िलए उसके मह को जान
योग सकगे ,
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु- र से जुड़े कई श यथा- ाइड,
वा म एक ही श का दो सू दश , ा ा, िब ाणु ( ेटले ट्स)
बार योग जैसे- होते- आिद से प रिचत होंगे,
होते,िकनारे -िकनारे ,दू र-दू र र की कमी से होनेवाली बीमा रयों एवं
आिद l इसी कार के अ उसके भाव से अवगत होंगे,
श ों का वा योग र अथवा खू न की कमी को कैसे पूरा
िकया जा सकता है, इस त को जान
र दान का मह िवषय पर सकगे ,
अनु े द/िनबं ध लेखन/ िच अपने आहार एवं शरीर के ित सजग होंगे,
वणन का अ ास पाठा गत यु ाकरिणक िब दु ओं के
अवगत होते ए उनका भािषक योग
करने म समथ होंगे,
पाठ. 7 नाटक/ बाल-मनोिव ान पूववत क ाओं से िलए गए ‘नाटक श से प रिचत होते ए इस कायप क सं. 16-21
िवषय व ु िवधा से प रिचत होंगे, सं वाद लेखन : दो या दो
पापा खो गए िनज व व ुओं और सजीव जीवों के च र क ा5 एकांकी/ लघु नािटका श से प रिचत से अिधक िनज व
(िवजय तदु लकर) के मा म से बाल-मनोिव ान को दशाता िवराम िच :पहचान का. सं . होंगे, व ु ओं के बीच क ना
मनोरं जक नाटक 112 A, भावानुकूल एवं आदश वाचन म स म पर आधा रत संवाद
होंगे, लेखन
िवलोम श :पहचान का. सं. नाटक के िविभ त यथा पा , सं वाद,
135A घटना म आिद से प रिचत होंगे,
क ा6 संवाद के मा म से वाचन कौशल को
िवलोम श : योग समृ कर सकगे,
अपनी क नाश का िव ार कर
क ा7 सकगे ,
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु- पाठा गत यु ाकरिणक िब दु ओं के
िवराम िच ों का वा म अवगत होते ए उनका भािषक योग
योग करने म समथ होंगे
िवलोम श ों का वा म
योग
अपनी िकसी व ु के खोने की
सू चना दे ते ए थाना को
प
म ाविध परी ा
पाठ.11 दोहे/भाषा और सं ृ ित पूववत क ाओं से िलए गए दोहा िवधा से प रिचत होंगे, कायप क सं. 30,32
िवषय व ु भावानु कूल स र वाचन की कोिशश िव ालय और घर के िम ों के
रहीम के दोहे जीवन जीने की कला को समझाते ए क ा6 करगे, बारे म जानकारी एक करते
(रहीम) रहीम के िस दोहों का सं कलन त म और त व श : पाठ म िदए गए रहीम के दोहों का ए एक सुंदर ै प-बु क का
पहचान अथ समझ सकगे , िनमाण
क ा7 ेक दोहों म सि िहत भाव एवं सीख
त म और त व श : से प रिचत होंगे,
पहचान और उनका वा स ी िम ता की कसौटी को जान
योग सकगे ,
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु- वा िवक लगाव को समझ पाएं गे,
जभाषा या आँ चिलक परोपकार की भावना को सोदाहरण
भाषा के श ों के चिलत समझ पाएं गे,
िहंदी प सहनश और उदारता की भावना
वण की आवृि वाले वा को सोदाहरण समझ पाएं गे ,
पाठा गत यु ाकरिणक
अपनी िकसी िम /सहे ली िब दु ओं के अवगत होते ए उनका
को अ े काय करने की भािषक योग करने म समथ होंगे,
ेरणा दे ते ए प लेखन
जीवन मू ों पर आधा रत
पिठत/अपिठत प ांश का
अ ास
पाठ. 12 कहानी/बाल मनोिव ान पूववत क ाओं से िलए गए आदश एवं अनुकरण वाचन, कायप क सं. 34,36,40
िवषय व ु किठन श ों की पहचान एवं उनके वाद-िववाद: गली मोह े म
कंचा बाल मनोिव ान पर आधा रत एक ब े की क ा5 सरलाथ, खेले जाने वाले खे लों का थान
(टी. प नाभन) कहानी िजसके मन म कंचों को पाने के वचन: पहचान मूल कथानक का भाव-िव े षण, मोबाइल फ़ोन ने ले िलया है l यह
ित लालसा है l क ा6 ो र एवं पाठा गत यु ाकरिणक िकतना उिचत?
वचन के भे द िब दु ओं का अ ास
क ा7
वचन प रवतन के अनुसार
वा प रवतन
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु-
पाठ म आए मुहावरे , अथ
और वा योग
एक से अिधक श ों वाले
िवशे षण जैसे- बिढ़या
सफ़ेद गोल कंचे
अपने घर के आस-पास
खेल का मैदान उपल
कराने के िलए नगर िवकास
अिधकारी को प
िम ता पर आधा रत
पिठत/अपिठत ग ां श का
अ ास
पाठ.15 कहानी/सं वेदना पूववत क ाओं से िलए गए ‘रे खािच श से प रिचत होते ए समू ह चचा: पशु/पि यों को घर
िवषय व ु इस िवधा के बारे म जान सकगे, म पालना सही या गलत?
नीलकंठ नीलकंठ और राधा नामक मोर और मोरनी क ा5 स र आदश वाचन म स म होंगे,
(महादे वी वमा) का रे खािच िजसम दोनों के जीवन के िलंग: पहचान ाकृितक प रवे श, पशु-पि यों के ित
ब आयामी रं गों को दशाया गया है l क ा6 िज ासु होंगे,
िलंग के भे द और उनका योग िचिड़या के खान-पान, रहन-सहन
क ा7 प रवेश आिद के बारे म जान सकगे,
िलंग प रवतन के अनुसार िविभ िचिड़या के नाम और प
वा प रवतन को गौर करगे,
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु- पशु-पि यों के ित सं वेदनशील होंगे,
एक श से अ श ों रा ीय प ी मोर के बारे म अिधक
का िनमाण जैसे- ‘ प िज ासु होकर उनसे स ंिधत
श से कु प , प, जानका रयां एकि त कर सकते ह,
ब प आिद श l मनु और पि यों के बीच के आपसी
पाठ म दी गई संिध का स ों को जान सकगे ,
अ ास क नाशीलता का िवकास होगा,
पाठा गत यु ाकरिणक
मोह े म घूम रहे आवारा िब दु ओं के अवगत होते ए उनका
पशुओं के उिचत रख- भािषक योग करने म समथ होंगे
रखाव की व था हे तु
नगर िनगम के अिधकारी
को प
पाठ. 17 जीवनी/सं वेदना पूववत क ाओं से िलए गए जीवनी श से प रिचत होते ए इस 1857 की ां ित से संबंिधत भारत
िवषय व ु िवधा के बारे म जान सकगे , के अमर सपू तों के सिच और
वीर कँु वर िसंह 1857 की ां ित के नायकों म से एक वीर क ा5 भावानु कूल एवं आदश वाचन म स म सं ि िववरण के साथ सूची तै यार
(िवभागीय) कुंवर िसंह के जीवन पर आधा रत पाठ िलं ग: पहचान होंगे, करना
क ा6 वीर कुँवर िसं ह के जीवन, ,
िलं ग के भेद और उनका योग दे शभ और ाधीनता सं ाम म
क ा7 उनके योगदान को जान सकगे ,
िलं ग प रवतन के अनुसार 1857 के ाधीनता सं ाम एवं उसके
वा प रवतन से नािनयों के बारे म जान सकगे,
पाठा ागत ाकरिणक िबं दु- रा ीय ाधीनता सं ाम के िविभ
एक श से अ श ों घटना मों और उनसे जु ड़े यों
का िनमाण जैसे- ‘ प के ित िज ासु होंगे,
श से कु प , प, पाठा गत यु ाकरिणक
ब प आिद श l िब दु ओं के अवगत होते ए उनका
पाठ म दी गई संिध का भािषक योग करने म समथ होंगे
अ ास
भारतीय तं ता आं दोलन
पर आधा रत
पिठत/अपिठत ग ां श का
अ ास
उपरो पा म 31 जनवरी 2023 तक पूरा करवाना अिनवाय है।
वािषक परी ा म संपूण पा म का मू ांकन िकया जाएगा।
वािषक परी ा हेतु संपूण पा म की पुनरावृि करवाई जाए।
िदया गया पा म मू ांकन हेतु है । ात है िक शे ष पा -व ु अिधगम सं वृ के उ े मा है।
ात है िक पू रक पा -पु क “बाल महाभारत” क ा-7 अिधगम सं वृ (Learning Enrichment) के उ े मा से ह | गत परी ाओं म इन पूरक पु कों से नही ं
पू छे गए ह । अिधगम संवृ (Learning Enrichment) के उ े ों की पूित हेतु इनका उपयोग िकया जा सकता है।
वािषक परी ा