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ECONOMICS

अर्थव्यवस्र्ा (ECONOMY)
जब हम किसी देश िो उसिी समस्त आकथिि कियाओ ं िे सम्बन्ध में परिभाकित ििते है जो उसे उस देश िी अथिव्यवस्था िहा जाता है।
 एड्म कस्मथ िो अथिशास्त्र िा जनि (FATHER OF ECONOMY) िहा जाता है, 1776 में इनिे द्वािा किखी गई पस्ु ति दे वेल्थ ऑफ
नेशंस िो पूँजीवादी अथिव्यवस्था िा उद्गम श्रोत माना जाता है।
 उत्पादन पि कनयंत्रण िे आधाि पि अथिव्यवस्था िे प्रिाि
 पूँजीवादी अर्थव्यवस्र्ा (CAPATALIST ECONOMY)
एड्म कस्मथ (THE WEALTH OF NATURE)
 समाजवादी अर्थव्यवस्र्ा/राज्य अर्थव्यवस्र्ा (SOCIALIST ECONOMY)
जमिन दाशिकनि DAS CAPITAL िािि मार्कसि
 मममित अर्थव्यवस्र्ा (MIXED ECONOMY)
जार्थ मेर्ार्थ कीन्स
िुछ गणु समाजवादी अथिव्यवस्था िे एवं िुछ गणु पूँजीवादी अथिव्यवस्था िे पाये जाते है।
पूँजीवादी अर्थव्यवस्र्ा
(CAPATILIST ECONOMY)
इस अथिव्यवस्था में र्कया उत्पादन ििता है ि इसे किस मल्य पि बेाना है, ये सब बाजाि तय ििता है इसमें सििाि िी भकमिा िगभग नगण्य होती
है।
उदाहरण- अमेररका, मिटे र् ।
सकारात्मक पहल (POSITIVE POINTS)
 तेज आकथिि कविास
 िाभ िी अकधि सम्भावना
 अकधि अकतव्यकि आय
 अकधि घिे ि उत्पादन (GDP)
 व्यकि द्वािा अकधि भौकति संसाधनों िा उपयोग।
र्कारात्मक पहल (NEGETIVE POINT)
 आय असंतुिन
 उत्पाद में असंतिु न
 क्षेत्रीय असंतुिन
 मंदी िी सभं ावना
 कवकभन्न प्रिाि िे शोिण ।
समाजवादी अथिव्यवस्था / िाज्य अथिव्यवस्था (SOCILIST ECONOMY)
समाजवादी अथिव्यवस्था िी संिल्पना िािि मार्कसि ने अपनी पस्ु ति ‘DAS CAPITAL’ में प्रस्तुत िी।
इस अथिव्यवस्था में उत्पादन, िीमत ि आपकति िा फै सिा सििाि द्वािा किया जाता है, ऐसी अथिव्यवस्था िो िे न्रीिृ त कनयोकजत अथि इसिे दो रूप
है।
1.समाजवादी अर्थव्यवस्र्ा- लेमर्र् द्वारा-रूस में 1921 में स्र्ामपत ।
2. साम्यवादी अर्थव्यवस्र्ा- माओत्से तुंग द्वारा 1949 में स्र्ामपत ।
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सकारात्मक पहल-
 अथिव्यवस्था में असंतिु न नही िहता है।
 मंदी िा प्रभाव नगण्य िहता है।
 जन िल्याणिािी प्रोग्राम अकधि होते है।
र्कारात्मक पहल-
 आकथिि कविास िी गकत धीमी िहेगी।
 साविजकनि आय में िमी िहेगी।
 कनम्न जीवन गणु वत्ता।
 उदाहिण- रूस, ाीन, र्कयबा, उत्ति िोरिया आकद।
कमकश्रत अथिव्यवस्था (MIXED ECONOMY)
1948 में जािी प्रथम द्योकगि िांकत में कमकश्रत अथिव्यवस्था िी नीकतयों िो अपनाया गया अथाित् उत्पादन िे साधनों पि साविजकनि + कनजी
कनयंत्रण ि उत्पादन िा उद्देश्य जन िल्याण + िाभ होता है।
 यह संिल्पना जॉन मेनाई िीन्स िे कवाािों से प्रेरित है।
 भाितीय अथिव्यवस्था एि कमकश्रत अथिव्यवस्था है कजसमें पूँजीवादी एवं समाजवादी दोनो अथिव्यवस्थाओ ं िे गणु पाये जाते है।
 1991 से पवि ति भाितीय अथिव्यवस्था िा सझु ाव समाजवाद िी ओि अकधि था िेकिन 1991 िे बाद इसिा झि ु ाव पूँजीवादी िी ओि
अकधि हो गया।
 1991 िे बाद पूँजीवादी िी ओि झि ु ाव िुछ कवशेिज्ञों िे अनसु ाि संकवधान िे साथ धोखा माना जाता है र्कयोंकि संकवधान िी प्रस्तावना, नीकत
कनदेशि तत्वों आकद में समाजवादी उद्देश्यों िो प्राथकमिता दी गई अतं एव बगैि प्रस्तावना में संशोधन िे पूँजीवाद िो अपनाना सही नही है,
सििाि िे द्वािा इसिा खंडन किया जाता है ि िहा जाता है कि पजूँ ीवादी िी ओि झि ु ाव िे बावजद अभी भी मिु ण्य उद्देश्य जन िल्याण ही
है।
उदाहरण- भारत, इण्र्ोर्ेमिया, मलेमिया।
 बन्द अर्थव्यवस्र्ा (CLOSED ECONOMY)- वे अथिव्यवस्थाएं कजनिा कवश्व िे अन्य देशों से िोई व्यापारिि सम्पिि नहीं होता है, वे बंद
अथिव्यवस्था िहिाती है।
अथाित् NO EXPORT NO IMPORT

GNP = GDP
अर्थव्यवस्र्ा के क्षेत्र
अर्थव्यवस्र्ा को मख्यतः 3 क्षेत्रों में मवभामजत मकया जाता है।
 प्राथकमि क्षेत्र
 कद्वतीयि क्षेत्र
 तृतीयि क्षेत्र
प्रार्ममक क्षेत्र (PRIMARY SECTOR)
अथिव्यवस्था िा यह क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से पयािविण पि कनभिि होता है।
उदाहिण- िृ कि एवं िृ कि से सम्बद्ध गकतकवकधयाूँ
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 िृ कि
 पशपु ािन
 मत्स्य
 खनन
मद्वतीयक क्षेत्र (SECONDARY SECTOR)
प्राथकमि क्षेत्र िे उत्पादों िो कद्वतीयि क्षेत्र में िच्ाे माि (RAW MATERIAL) िी तिह उपयोग किया जाता है।
उदाहिण- कनमािण उद्योग (िोहा-इस्पात, वस्त्र, वाहन, उद्योग)
 कवद्यतु
 गैस
 जिापकति
तृतीयक क्षेत्र (TERTIORY SECTOR)
 (सेवा क्षेत्र)
 परिवहन एवं संााि
 बैंकिंग एवं बीमा
 व्यापाि एवं भण्डािण
 सामदु ाकयि सेवांए
 काकित्सा
 कशक्षा
 पयिटन
 (वतिमान में भाित िी GDP में सवािकधि योगदान सेवा क्षेत्र िा ही है एवं सबसे िम योगदान प्राथकमि क्षेत्र िा हैं।)
आमर्थक सवुं मृ ि, एवुं मवकास- (ECONOMY GROWTH AND DEVLOPMENT)
किसी अथिव्यवस्था में होने वािा मात्रात्मि परिवतिन (QUANTITATIVE CHANGE) आकथिि संवकृ द्ध िहिाता है।
 सामान्यतया आकथिि संवकृ द्ध िे मापन में आकथिि ािों िो शाकमि किया जाता है जैसे GDP (सिि घिे ि उत्पाद), प्रकतव्यकि आय (PER
CAPITAL INCOME), प्रकतव व्यकि आय (PER CAPITAL INCOME) आकद।
 किसी देश िी आकथिि संवकृ द्ध िा सवािकधि उपयि ु मापि प्रकतव्यकि वास्तकवि आय होती है।
 आकथिि संवकृ द्ध- िे वि परिमाणात्मि परिवतिन (QUANTITATIVE)
आमर्थक मवकास (ECONOMIC DEVELOPMENT)
किसी अथिव्यवस्था में होने वािा मात्रात्मि (QUANTITATIVE) एवं गणु ात्मि (QUALITATIVE) परिवतिनों िो आकथिि कविास िहते है।
 आकथिि कविास िी धािणआ संवकृ द्ध से अकधि व्यापि अवधािणा है।
 आकथिि कविास में सामाकजि, सांस्िृ कति एवं आकथिि सभी गकतकवकधयाूँ सकम्मकित िी जाती है।
 आकथिि कविास में कनम्न िो भी शाकमि किया जाता है-
 कशक्षा तथा साक्षिता दि
 जीवन प्रत्याशा
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 पोिण िा स्ति
 स्वास््य सेवाएूँ
 प्रकत व्यकि उपभोग वस्तुएूँ।
 प्रो. अमत्यि सेन ने आकथिि कविास िो अकधिारित तथा क्षमता िे कवस्ताि िे रूप में परिभाकित किया है, कजसिा िायि जीवन पोिण,
आत्मसम्मान तथा स्वतंत्रता है।
 महबब उि हि ने आकथिि कविास िो (पाकिस्तान) गिीबी िे कवरूद्ध िडाई िे रूप में परिभाकित किया है।
राष्ट्रीय आय (NATIONAL INCOME)
 CSO (िाष्ट्रीय सांकययिीय िायाििय) (CENTRAL STATISTICAL OFFICE)
 स्थापना- 1951
 मयु यािय-नई कदल्िी
 द्योकगि सांकययिी शाखा- ििित्ता में.
 िाष्ट्रीय िेखा सांकययिी- प्रकतविि CSO द्वािा जािी िी जाती है।
 CSO मयु य रूप से िाष्ट्रीय आय िी गणना ििता है।
 प्रािम्भ में 1999-2000 इसिा आधाि विि (BASE YEAR)था कजसे बाद में 2004-2005 िि कदया गया कजसे पनु ः बदििि 2011-2012 िि
कदया गया।
 वतिमान में आधाि विि पनु ः बढािि 2017-2018 ििना प्रस्ताकवत है।
(NATIONAL SAMPLE SURVEY OFFICE) NSSO
(राष्ट्रीय प्रमतदिथ सवेक्षण कायाथलय)
 स्थापना विि- 1950
 मयु यािय-िोििाता
 मयु य-िायि- िाष्ट्रीय आय िी गणना हेतु असंगकित क्षेत्रों िे आूँिडो िो एित्र ििना।
 सामाकजि आकथिि सवेक्षणों िे माध्यम से उपभोिा व्यय, िोजगाि बेिोजगािी से सम्बकन्धत आूँिडे जटु ाना।
 23 मई 2019 िे आदेशानसु ाि NSSO ि CSO िे कविय िे माध्यम से (NSO-NATIONAL STATISTICAL OFFICE) िाष्ट्रीय
सांकययिी िायाििय िे गिन िो मजं िी दी गई है।
राष्ट्रीय आय (NATIONAL INCOME)
 किसी भी अथिव्यवस्था से एि विि िे दौिान उत्पाकदत अकं तम वस्तुओ ं एवं सेवाओ ं िा मल्य िाष्ट्रीय आय िहिाता है।
 भाित में िाष्ट्रीय आय िे आूँिडे कवत्तीय विि 1 अप्रैि-31 मााि ति िे आधाि पि कदये जाते है।
 िाष्ट्रीय आय िे आूँििन एवं प्रिाशन िा दाकयत्व िे न्रीय सांकययिीय संगिन (CSO)िा होता है।
 िाष्ट्रीय आय िेखा प्रणािी (NATIONAL INCOME ACCOUNTING SYSTEM) िा जन्मदाता साइमन िुजनेट्स िो िहा जाता है।
 विि 1949 में िाष्ट्रीय आय सकमकत (NATIONAL INCOME COMMITTEE) िे अध्यक्ष पी0जी0 महािनोकबस थे।
राष्ट्रीय आय = बाजार मल्य पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद-मल्य ह्रास-अप्रत्यक्ष कर+समससर्ी
 भाित में सविप्रथम िाष्ट्रीय आय िी गणना िा प्रयास दादा भाई नौिोजी द्वािा विि 1863 में किया गया था। इन्होंने अपनी पस्ु ति पावटी एण्ड
अनकिकटश रूि इन इकण्डया (POVERTY AND UNBRITISH RULE IN INDIA)में प्रकतव्यकि आय 20 रू0 बताई थी।
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 वतिमान में िाष्ट्रीय आय िे प्रश्नशन में िाष्ट्रीय सांकययिीय संगिन (CSO)द्वािा विि 2011-2012 िो आधाि विि (BASE YEAR)िे रूप में
प्रयोग किया जा िहा है। (इससे पहिे बेस इयि 2004-05 था।)
 वतिमान में िाष्ट्रीय आय िी गणना िे किए आधाि विि 2017-18 ििने िा प्रस्ताव है।
 नोट- 29 जन िो प्रकतविि सांकययिीय कदवस पी0 सी0 महािनोकबस िी स्मृकत में मनाया जाता है।
सकल घरेल उत्पाद (जी0र्ी0पी0)
(GROSS DOMESTIC PRODUCT)
एि कवत्तीय विि में किसी देश िी िाजनैकति एवं आकथिि सीमा (200 नॉकटिि मीि (NM) ति समरु ीय सीमा भी सकम्मकित है, िे अन्दि िहन वािे
सभी िोगों (नागरिि एवं गैि नाकगि) िे द्वािा अकं तम रूप से उत्पाकदत वस्तुओ ं एवं सेवाओ ं िा मौकरि मल्य है।
 स्िॉििकशप (वजीफा), पेंशन, िॉटिी से प्राप्त आय GDP में शाकमि नही िी जाती है, अथाित् TRANSFER OF PAYMENT GDP िा
कहस्सा नही है।
 GDP के फायदे-
 इसमें अथिव्यवस्था में होने वािी वृकद्ध िो मापा जा सिता है कजसिे माध्यम से बेहति योजना गत कनणिय (PLANNING DECISIONS) िेने
में सििािों िो मदद कमिती है।
 GDP की सीमाएूँ-
 GDP अथिव्यवस्था में स्थाकपत सिं ानात्मि अविोधों िो नही दशािती है।
 पयािविण, मानवीय खश ु हािी िैंकगि भेदभाव आकद महत्वपणि त्यों िो नजि अदं ाज ििती है, मरु ा स्फीकत (INFLATION)जैसे प्रमख

आकथिि सािों से इति िहते हुये िे वि सत आूँिडा ही देता है।
 िि राष्ट्रीय उत्पाद- (NDP) (NET DOMESTIC PRODUCT)
 NDP=GDP-DEPRECIATION (मल्यह्रास)
सकल राष्ट्रीय उत्पाद (जी0एर्0पी0)
(GROSS NATIONAL PRODUCT)
 सिि िाष्ट्रीय उत्पाद से आशय एि कवत्तीय विि में देश िे सामान्य नागरििों द्वािा देश िी घिे ि सीमा िे अदं ि या बाहि उत्पाकदत अकं तम वस्तुओ ं
एवं उत्पादों िे सिि मल्य से है।
 GNP=GDP+X-M
 जहाूँ X = भारतीयों द्वारा मवदेिों से अमजथत आय
 M= मवदेमियों द्वारा भारत में अमजथत आय।
 नोट- भाित िे मामिे में कवदेशों से होने वािी आय िे बदिे में हाकन होती है इसकिए GNP हमेशा GDP से िम होती है।
 र्ोट-
बंद अथिव्यवस्था में - GDP = GNP
 शद्ध ु िाष्ट्रीय उत्पाद (एन0 एन0 पी0)NET NATIONAL PRODUCT (NNP)
NNP = GNP-मल्य ह्रास (DEPRECIATION)
 राष्ट्रीय आय (NATIONAL INCOME)
राष्ट्रीय आय=NNPMP – अप्रत्यक्ष कर + अर्दार्
(साधर् लागत पर)
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(INDIRECT TAMES) (SUBSIDIES)


 NATIONAL INCOME = NNPMP – INDIRECT TANT SUBSIDIES

 प्रमत व्यमि आय= राष्ट्रीय आय (NI)
(PER CAPITA INCOME) कल जर्सख्ुं या
 नोट- GDP िे आूँििन िी नई व्यवस्था में अब GDP िो हटा कदया गया है, ि GDPMP MARKET PRICE से GDP िा आूँििन
किया जा िहा है।
 िाष्ट्रीय आय िी गणना िे किये तीन पदक् तयों िा उपयोग किया जाता है-
(1) उत्पादन कवकध
(2) आय कवकध
(3) व्यय कवकध
कपछडे देशों में मयु य रूप से उत्पादन कवकध से िाष्ट्रीय आय िी गणना िी जाती है, कविकसत देशों में व्यय कवकध से ि भाित जैसे कविासशीि देश में
उत्पादन एवं व्यय दोनों कवकधयों से सकम्मकित रूप से िाष्ट्रीय आय िी गणना िी जाती है।
राष्ट्रीय आय की गणर्ा में कमिर्ाईयाूँ
 िािेधन िे रूप में स्थाकपत समानान्ति अथिव्यवस्था जो कि सििािी गणना से पिे होती है।
 ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत बडा िेन देन अनौपाारिि तौि पि होता है।–BARTER SYSTEM- साहूिाि, महाजन
 आधी से अकधि मकहिाओ ं िी आबादी िे समस्त कियाििापों िो िे यि इिोनॉमी िे रूप में िाष्ट्रीय आय िी गणना से बाहि िखना होता है।
 पयािविणीय क्षकत िो भी GDP में शाकमि नही किया जाता है।
मद्रा एवुं बैंमकग (MONEY AND BANKING)
RBI (RESERVE BANK OF INDIA)
RBI भाित िा िें रीय बैंि है । कहल्टन यंग योजना )1926(िे आधाि पि RBI Act 1934 पारित किया गया ।
1 अप्रेि 1935 िो 5 ििोड िी अकधिृ त पंजी िे साथ (PAID UP CAPITAL) RBI िी स्थापना ििित्ता में िी गई ।
1937 में इसिा मयु यािय ििित्ता से मम्ु बई स्थानान्तरित िि कदया गया ।
सि ऑस्बोनि कस्मथ RBI िे प्रथम गविनि थे एवं सी0 डी0 देशमख ु प्रथम भाितीय गविनि थे ।
सी0 डी0 देशमख ु िे समय में ही 1 जनविी 1949 िो RBI िा िाष्ट्रीयििण किया गया ।
RBI िा िेखा विि 1 जि ु ाई से 30 जन ति होता था कजसे वतिमान में 2021 से परिवकतित िि कदया गया है । विि 2021 से RBI िा िेखा विि भी 1
अप्रेि से 31 मााि ति होगा ।
सरुं चर्ा (STRUCTURE)
RBI िा प्रबन्धन 21 सदस्यीय बोडि द्वािा किया जाता है कजसमें –
1 – गविनि (वतिमान में शकििांत दास 25वें
4 – कडप्टी गविनि वतिमान में –
M. RAJESHWAR PRASAD
M.D PATRA
M.K JAIN,
B. P KANUNGO
4 – क्षेत्रीय कनदेशि (उत्तिी क्षेत्र, दकक्षणी क्षेत्र, पवी क्षेत्र, पकिमी क्षेत्र) कदल्िी, मम्ु बई,
िोििाता, ाेन्नई
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10 – िे न्र सििाि द्वािा कनयिु कनदेशि


2- कनदेशि (कवत्त मंत्रािय द्वािा कनयि
ु अकधिािी)
RBI के कायथ
मौकरि नीकत जािी ििना (MONETARY POLICY)
मवदेिी मद्रा से सम्बमन्धत कायथ
 कवदेशी मरु ा कवकनमय (ENCHANGE OF FORIGN CURRENCY)
 अन्तिािष्ट्रीय कवत्तीय संस्थाओ से भाित िी ओि से सम्बन्ध स्थाकपत ििना
 कवदेशी मरु ा भण्डाि
बैंकों के बैंक के रुप में कायथ
 मरु ा कनगिमन (ISSUE` OF CURRENCY)
 15CR-GOLD न्यन्ु तम आिकक्षत पद्धकत (MINIMUM RESERVE SYSTEM)
 85 CR-अतं िाष्ट्रीय कवत्तीय विि नोट कनगमन में 200 CR संिकक्षत िोि िखेगी मरु ा
सरकार के बैंक के रुप में कायथ
 साख कनयंत्रण
 अिडों िा सग्रहण एवं प्रिाशन
 कविास से सम्बकन्धत िायि
मौमद्रक र्ीमत (MONETARY POLICY)
 RBI द्वािा जािी मौकरि कनकत से बाजाि में मल्य संति ु न स्थेकपत ििने िी िोकशश िी जाती है कवशेि रुप से मरु ा िी आपकति घटािि या बढािि ।
 इसिे अिावा मौकरि नीकत िे अन्य उद्देश्यों में आकथिि कविास िी गकत िो तेज ििना (ब्याज दिों िो घटािि) कजसिे फिस्वरुप कनवेश ि
माूँग बढ जाएगी ि अकथिि कविास तीवि गकत से होगा ।
 िुि कमिािि गिीबी िम िखते हुये समवेशी कविास इसिा प्रमख ु उद्देशय है ।
 अथिव्यवस्था में मल्य िाने हेतु RBI द्वािा दो िायि किये जाते हैं ।
मल्य सतुं लर्(MONEY STABILITY)
मात्रात्मि उपाय गणु ात्मि उपाय
(QUANTITATIVE MESURES) (QUALITATIVE MEASURES)
मात्रात्मक उपाय (QUANTITATIVE MESURES)
1. C.R.R (CASH RESERVE RATIO)
(र्गद आरमक्षत अर्पात)
वह अनपु ात जो प्रत्येि अनसु कात बैंि िो अपनी िुि जमा में से RBI िे पास िखना होता है ।
RBI Act िे अनसु ाि यह 3 से 15% िे बीा है पिन्तु वतिमान में 3% िी न्यनु तम सीमा िो हटा कदया गया है ।
वतिमान में CRR – 3% (WEF 05 FEB 2021)
2. SLR (STATUTORY LIQUIDTY RITIO)(सावाथमधक तरलता अर्पात )
ये वे अनपु ात है जो प्रत्येि बैंि िो अपनी िुि जमा िे बदिे स्वणि । सििािी प्रकतभकत िे रुप में अपने पास िखना होता है । प्रािम्भ में यह 25% -
40% िे बीा था किंतु अब न्यन्तम सीमा िो घटािि शन्य िि कदया गया है ।
वतिमान में SLR 18 % है । (WEF 05 FEB 2021) CRR एवं SLR बैंकिग स्थाकयत्व िे किये आवश्यि है , इससे बैिों िा कवश्वास बढता है एवं
आपातिािीन कस्थकतयों में बैंिो िो बााने िे किये इनिा प्रयोग किया जाता है ।
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रेपो दर (REPO RATE)


यह वे दि है कजस पि RBI द्वािा बैंिो िो अल्पिािीन ऋण उपिब्ध ििाया जाता है ।
वतिमान में िे पो िे ट 4% है ।(WEF 05 FEB 2021)
ररवसथ रेपो रेट(REVERSE REPO RATE)
जब RBI द्वािा बैंिों से अल्पिाकिि ऋण किया जाता है तो इसपि प्राप्त ब्याज दि िो रिवसि िे पो िे ट िहा जाता है ।
वतिमान में इन्ही दोनों िा उपयोग ज्यादा किया जाता है ।
वतिमान में रिवसि िे पो िे ट – 3.35% है (WEF 05 FEB 2021)
MSF (MARGINAL STANDING FACILITY)
(मसमान्त स्र्ायी दर )
 मई 2011 से मौरि नीकत िे उपििण िे तौि पि इसिी शरुु आत िी गई है ।
 यह बैिों द्वािा RBI से किये गये अकत अल्प िाकिि ( UP TO 48 HOUR) ऋण होता है ।
 यह बैंिो िी शद्धु माूँग एवं सावकध जमा िा 1% होता है
 मयु यत: बडे बैंिों िी अल्पिाकिि िजि आवश्यिताओ ं िो पिा ििने से सम्बकन्धत है ।
 वतिमान में MSF - 4.25% है। (WEF 05 FEB 2021)
बैंक दर(BANK RATE)
यह RBI द्वािा बैंिों िो कदये जाने वािें दीघििाकिि िजि (LONGTERM LOAN) पि किया जाने वािा ब्याज दि है । यह बैंिों द्वािा जमा िी गई
प्रकतभकतयों िे अनरुु प प्राप्त होता है । वतिमान में बैंि िे ट 4.25 % है । (WEF 05 FEB 2021)
खले बाजार की मियाुंए
OMO (OPEN MARKET OPERATIONS)
इसिे अन्तगित सििािी प्रकतभकतयों िो खिीदा एवं बेाा जाता है । खि ु े बाजाि िी कियांए बढाने से बाजाि में नगदी िी िमी तथा घटाने से नगदी िा
प्रसाि होगा ।

सरकारी प्रमतभमतयाूँ
RBI द्वािा इसे बेाा एवं खिीदा
रेजिी कबि –बैंि SLR िे रुप में िखते हैं ।
सििाि द्वािा िाजिोिीय घाटे िो पिा ििने िे किए इसिा उपयोग किया जाता है । रेजिी कबि मरु ा बाजाि िा भाग है । बांड – दीघि िाकिि (LONG
TERM)
जाता है । (बैंि, बीमा िम्पकनया MUTUAL FUND िम्पकनया ग्राहि होती है )
2010 में पहिी बाि प्रयोग किया गया ।
र्गद प्रबन्धर् मबल (CASH MANAGEMET BILL)
91 से िम कदनों िे किये प्रयोग होता है ।
CMB भी MONEY MARKET िा भाग है ।
सििाि िी नगद आवश्यिताओ ं िी पकतिििता है ।
राज्य मवकास ऋण पत्र
ब्याज दि िे साथ ZERO COUPON BOND
इसिे अिावा NSC, किसान बात िाज्य अपने िजि िी आवश्यिताओ िी पकति िे पत्र भी सििािी प्रकतभकतयों िे दायिे में आते है । िे किये जािी
ििता है ।
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बैंमकग (BANKING)
बैंि (BANK) – बैंि उस कवत्तीय संस्था िो िहते है जो जनता से धनिाकश जमा ििने एवं जनता िो ऋण देने िा िायि ििती है ।
पहिा आधकु नि बैंि इटिी िे जेनोिा में 1406 में स्थाकपत किया गया था, इसिा नाम बैंिों कद सैन कजओकजिओ (सि जाजि) बैंि था ।
भारतीय बैंमकग इमतहास
 भाित में पहिा व्यापारिि बैंि जनिि बैंि आफ इकण्डया था कजसे 1786 में खोिा गया था ।
 1790 में बैंि आफ कहन्दस्ु तान (BANK OF HINDUSTAN) िी यिोकपयन बैंि थे ।
 भाितीयों द्वािा प्रबकन्धत सीकमत दाकयत्व िा प्रथम भाितीय बैंि अवध िामकशियि बैंि था कजसिी स्थापना 1881 में िी गई थी ।
 1894 में स्थाकपत पंजाब नेशनि बैंि (PNB) भाितीयों द्वािा पणि रुप से प्रबकन्धत पहिा बैंि था।
 1806 में बैंि ऑफ बगं ाि, 1840 में बैंि ऑफ बाम्बे तथा 1843 में बैंि ऑफ मरास िी स्थापना िी गई 19214 में इन्ही तीनों बैंिों िो
कमिािि इम्पीरियि बैंि ऑफ इकण्डया िी स्थापना िी गई ।
 1 जि ु ाई 1955 िो िाष्ट्रीयििण िे बाद इसिा नाम बदििि स्टेट बैंि ऑफ इकण्डया िि कदया गया ।
 1 अप्रेि 2017 िो SBI िे पाूँा सहायि बैंिों (प्रािम्भ में 1959 में संयया 8 थी) िा एवं भाितीय मकहिा बैंि (2013 में स्थाकपत) िा कविय
SBI में िि कदया गया ।
 NOTE- SBI िाष्ट्रीयिृ त बैंिों िी सका में शाकमि नहीं है र्कयोंिी ये शरुु से ही िाज्य सां ाकित कवत्तीय सस्ं था िही है ।
बैंको का राष्ट्रीयकरण
भाित में बैंिों िा िाष्ट्रीयििण दो ािणों में किया गया ।
प्रथम ािण – 19 जि ु ाई 1969 िो 14 बडे व्यावसाकयि बैंिों िा िाष्ट्रीििण (NATIONALISATION) किया गया ।
इसमें वो बैंि शाकमि किये गये जनिी िुि जमा 50 ििोड रुपय से अकधि था
पहिे ािण िे िाष्ट्रीिृ त बैंि-
1. बैंि ऑफ इकण्डया 8. यनाइटेड िामकशियि बैंि
2. यकनयन बैंि ऑफ इकण्डया 9. पंजाब नेशनि बैंि
3. बैंि ऑफ बडौदा 10. इकण्डयन बैंि
4. बैंि ऑफ महािाष्ट्र 11. इकण्डयन ओविसीज बैंि
5. सेन्रि बैंि ऑफ इकण्डया 12. इिाहाबाद बैंि
6. िे निा बैंि 13. यनाइटेड बैंि ऑफ इकण्डया
7.कसंकडिे ट बैंि 14. देना बैंि
मद्वतीय चरण - 15 अप्रैि 1980 िो 200 ििोड रुपय से अकधि जमा वािे 6 बैंिो िा िाष्ट्रीयििण किया गया ।
दसिे ािण में िाष्ट्रीिृ त होने वािे बैंि-
1. आन्रा बैंि
2. िापोिे शन बैंि
3. न्य बैंि ऑफ इकण्डया
4. ओरियन्टि बैंि ऑफ िामसि
5. पजं ाब & कसधं बैंि
6. कवजया बैंि
कसतम्बि 1993 में न्य बैंि ऑफ इकण्डया िा कविय पंजाब नेशनि बैंि में िि कदया गया ।
1 अप्रैि 2019 िो कवजया बैंि एवं देना बैंि िा कविय बैंि ऑफ बडौदा में िि कदया गया ।
30 अगस्त 2019 िो कवत्तमत्रं ी कनमििा सीतािमण द्वािा बैंिों िे एि ि कविय िी घोिणा िी गई । इसिे अनसु ाि-
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ओरियन्टि बैंि ऑफ िामसि - पंजाब नेशनि बैंि - यनाइटेड बैंि ऑफ इकण्डया


कसण्डीिे ट बैंि - िे निा बैंि
आन्रा बैंि - यकनयन बैंि ऑफ इकण्डया – िापोिे शन बैंि
इिाहाबाद बैंि - इकण्डयन बैंि
यह कविय 1 अप्रेि 2020 से प्रभावी हुआ है । वतिमान में साविजकनि क्षेत्र िे बैंिों िी संयया घटिि 12 िह गई है । जो इस प्रिाि हैं –
1. भाितीय स्टेट बैंि
2. बैंि ऑफ इकण्डया
3. बैंि ऑफ बडौदा
4. बैंि ऑफ महािाष्ट्र
5. यकनयन बैंि ऑफ इकण्डया
6. यिो बैंि
7. पंजाब नेशनि बैंि
8. इकण्डया ओविसीज बैंि
9. सेंरि बैंि ऑफ इकण्डया
10. पंजाब एंड कसंध बैंि
11. इकण्डयन बैंि
12. िे निा बैंि
सवािजकनि क्षेत्र िे बैंि िो बैंि होते हैं कजसमें सििाि िी शेयि धारिता 51 % या अकधि होती है ।
बैंकों के प्रकार ( TYPES OF BANKS)
बैंि (BANK)
 वाकणकज्यि बैंि(COMMERCIAL BANK ) सहिािी बैंि (CO-OPERATIVE BANK)
 साविजकनि क्षेत्र िे बैंि (PUBLIC SECTOR BANK)
 िाज्य सहिािी बैंि(CO-OPERATIVE
SECTOR BANK) EX- SBI, PNB BANK)
 कनजी क्षेत्र िे बैंि (PRIVATE BANK)
EX- HDFC, ICICI
 क्षेत्रीय ग्रामीण बैि(REGIONAL GRAMIN BANK )
 िे न्रीय सहिािी बैंि (कजिा) बैंि(DISTRICT W-OPERATE
 कवदेशी बैंि (FOREIGN BANKS) IN BANK)
 EX- STANDARD CHARTED BANK(U.K) HSBC
 प्राथकमि ऋण समीकतयाूँ (PRIMARY CREDIT SOCITIES)
वामणमज्यक बैंक
(Commercial bank)
SCHEDULED BANK NON SCHEDULED BANK
(अनसु कात बैंि) (गैि अनसु कात बेंि)
वो बैंि कजनिा नाम RBI ACT 1934 िी अनसु का ये बैंि RBI ACT 1934 िीं अनसु का में शाकमि
2 में शाकमि है िेकिन RBI िे पास िखने िे किये नहीं हें । िेकिन SLR िी शतों िो मानना पडता है ।
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बध्य नहीं हैं


इस अनसु का में उन्हीं बैंिों िो शाकमि किया सामान्य परिकस्थकतयों में RBI से उधाि नहीं िे
जाएगा कजन बैंिों िी प्रदत्त पंजी (PAID UP सिते हैं िेकिन आपातिािीन परिकस्थयों में िे
CAPITAL) ि संकात िोि 5 िाख से िम सिते हैं ।
ना हो ि RBIिो इस बात िी सतं ुष्टी हो कि बैंि िा
भी िायिििाप जमाितािओ ं िे अकहत में नहीं होगा ।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंि (REGIONAL RURAL BANK)


50% 15% 35%

िे न्र सििाि िाज्य सििाि प्रविति बैंि


(central govt)
(state govt) (sponsored bank)

ग्रामीण बैंिो िी स्थापना 2 अर्कटबि 1975 िो एि अध्यादेश द्वािा िी गई एवं RRB ACT 1976 बाद में आया सविप्रथम 2 अर्कटबि 1975 िो 5
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंिो िो स्थाकपत किया गया मिु ादाबाद तथा गोिखपिु (UP) कभवानी (हरियाणा) जयपिु (िाजस्थान) तथा माल्दा (प0 बगं ाि)
िे ििि समीकत िी कसफारिशों िो मानते हुये सििाि ने 1987 से नये क्षेकत्रय ग्रामीण बैंिो िी स्थापना बदं िि दी उस समय भाित में क्षेत्रीय ग्रमीण
बैंिों िी स्थापना बदं िि दी उस समय भाित में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंि बैंिो िी सयं या 196 थी ।
1 अप्रैि 2020 ति िुि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंिो िी सयं या 38 है ।
सहकारी बैंक (co-operative banks)
सहिािी बैंिो िी स्थापना किसानों िो अल्पिाि िे किये ऋण उपिब्ध ििाने िे किये िी गई ये कत्रस्तिीय होते है-
1. िाज्य सहिािी बैंि-िे वि िाज्य सहिािी बैंि ही RBI से ऋण िे सिता है।
2. िें रीय (कजिा) सहिािी बैंि
3. प्राथकमि ऋण समीकतयां
 सहिािी बैंिो िा क्षेत्र िाज्य कवशेि ति सीकमत होता है।
 िाज्य सहिािी बैंि- ये िाज्य िा शीिि सहिािी बैंि होता है ये िे न्रीय (कजिा) सहिािी बैंि िो ऋण देता है एवं उसिे िायों पि कनयत्रं ण िखता
है।
 िें रीय सहिािी बैंि- ये बैंि कजिा स्ति पि िायि ििते है। इनिे द्वािा कदये गये ऋण िी अवकद 1 से 3 विि ति होती है।
 प्राथकमि साख समीकतयाूँ- एि गाूँव अतवा क्षेत्र में िम से िम 10 व्यकि कमििि प्राथकमि समीकत िी कनमािण िि सिते है। ये 1 विि िे किये
ऋण देती हैं।
 देश में सवािकधि सहिािी बैंि महािाष्ट्र में है।

आमर्थक मर्योजर् (ECONOMIC PLANNING)


आकथिि कनयोजन से अकभप्राय एि ऐसी प्रणािी से है कजसमें िे न्रीय संगिन एि कनधाििण ििता है ि इन िक्ष्यों िी प्राकप्त िे किये िायि िमों
(PROGRAMES) एवं नीकतयों (POLICIES) िा भी कनधाििण किया जाता है
आमर्थक मर्योजर् के मख्य उद्देश्य
(OBJECTIVE OF ECONOMIC PLANING)
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 आकथिि संवकृ द्ध


 आकथिि व सामाकजि असमानता िो दि ििना ।
 गिीबी कनवािण ।
 िोजगाि िे अवसिों में वृकद्ध ।
 भाित में आकथिि कनयोजन सम्बन्धी प्रस्ताव सविप्रथम 1934 में “एम0 कवश्वेश्विै या” िी पस्ु ति “प्िान्ड इिोनामी” फाि इकण्डया” (PLANNED
ECONOMY FOR INDIA)में आया । इस पस्ु ति में भाित िे किये 10 विीय िायििम प्रस्ततु किया गया था ।
 1938 में जवाहि िाि नेहरु िी अध्यक्षता में “िाष्ट्रीय कनयोजन समीकत” (ECONOMIC PLANNING COMMITTEE) िा गिन किया
गया ।
 1944 में बम्बई िे आि उद्दोगपकतयों द्वािा ‘बाम्बे प्िान’ (BOMBAY PLAN) प्रस्तुत किया गया । इसमें 15 विीय योजना िी बात िी गई ।
बाम्बे प्िान िे सत्रु धाि सि आदेकशि दिाि थे ।
 1944 में भाित सििाि ने ‘कनयोजन एंव कविास कवभाग’ (PLANNING AND DEVELOPMENT) नामि नया कवभाग खोिा । इसी विि
श्रीमन नािायण अग्रवाि ने गांधीवादी योजना बनाई ।
 1945 में एम0 एन0 िॉय ने जन योजना ( PEPOLE PLAN) बनाई ।
 1950 में जय प्रिाश नािायण ने सवोदय योजना बनाई ।
योजर्ा आयोग
(PLANING COMMISSION)
स्वतंत्रता िे पिात 1947 में जवाहि िाि नेहरु िे नेतत्ृ व में आकथिि कनयोजन समीकत गकित िी गयी । इसी समीकत िी कसफारिश पि 15 मााि 1950
िो योजना आयोग िा गिन एि गैि सांकवधाकनि (EXTRA CONSTITUTIONAL) पिामशिदात्री कनिाय िे रुप में किया गया ।
प्रथम अध्यक्ष – जवाहि िाि नेहरु
प्रथम उपाध्यक्ष – गि ु ाजािी िाि नंदा
अध्यक्ष - प्रधानमंत्री (पदेन अध्यक्ष होता है)
पंाविीय अवकध िक्ष्य % उपिकब्धयां
योजना (GDP िी वृकद्ध)
पहिी 1951-1956 2.1 (हैिाड डोमि मॉडि पि आधारित)
3.60 मयु य िक्ष्य िृ कि उत्पाद में वृकद्ध िई कसंााई परियोजना प्रािम्भ िी गई
भाखडा नागि परियोजना , व्यास परियोजना, दामोदि नदी घाटी परियोजना ।
दसिी 1956 -1961 4.5 (पी0 सी0 महािनोकबस माडि पि अधारित)
4.1 मयय िक्ष्य
(i) धोकगि उत्पादन में वृद्धी
(ii)भािी उद्दोगों िा कविास (समाजवादी समाज िी स्थपना)
दगु ािपिु (WB) कभिाई (CG) िाउििे िा (उडीसा) िे इस्पात
िािखानें िी स्थापना ।
तीसिी 1961 - 1956 5.6 मयु य उद्देश्य अथिव्यवस्था िो आत्मानभिि बनना तथा स्वतः स्फुति अवस्था में पहुाना
2.8 था ।
इस योजना में िृ कि एवं उद्दोग दोनों िो प्रखाकमिता दी गई ।
1964 में रुस िे सहयोग से बोिािी आयिन एंड स्टीि इडं स्री
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िी स्थापना िी गई ।
इस योजना िी असफिता िा मयु य िािण भाित ाीन यद्ध ु (1962) भाितपाि यद्ध

(1965) एवं अभतपवि सखा था ।
ाौथी 1969 - 1974 5.7 यह योजना डी0 आि0 गाडकगि मॉडि पि आधारित थी ।
3.3 मयु य उद्देश्य-
(i) कविास िी प्रकिया तीव्र ििना
(ii) िीमत कस्थिता
(iii) समाकजि समानता स्थकपत ििना ।
इस योजना में िृ कि वृकद्ध दि सवािकधि िही ।
परिवाि कनयोजन िायििम इसी योजना में िाग किए
गए ।
श्वेत िाकं त इसी योजनािाि में प्रिाम्भ िी गई ।
पांावी 1947 – 1979 4.4 मयु य उद्देश्य :-
(1978) 4.83 (i)गिीबी उन्मिन तथा आत्मकनभििता
(ii) जीवन स्ति िो ऊंाा उिाने (समाज िे िमजोि वगों िे )
इसी योजना में 20 सत्री िायििम (1975) िी शरुु आत हुयी ।
िाम िे बदिे अनाज योजना प्रािम्भ िी गई ।
जनता पाटी सििाि द्वािा एि विि पवि ही 1978 में इस योजना िो समाप्त िि कदया गया
छिी 1980- 1985 5.2 मयु य उद्देशय गिीबी ि िोजगाि वृकद्ध
5.7 गिीबी हटाओ ं िा नािा कदया गया ।
6 िी पां विीय योजना में NABARD तथा EXIM
बैंि िी स्थापना िी गई ।
सातवीं 1985 - 1990 5.0 यह योजना जान डब्िय कमिि मॉडि पि आधारित
6.2 प्रमखु उद्देश्य समग्र रुप से उत्पादन बढाना तथा िोजगाि िे अकधि अवसि सृकजत ििना
भोजन िाम ि उत्पादन िा नािा
इस योजना में कदया गया ।
आिवीं 1992 – 1997 5.6 मयु य उद्देश्य मानव ससं ाधन िा कविास अथाित िोजगाि कशक्षा एवं स्वास्थ िो सवोच्ा
6.8 प्रथकमिता दी गई ।
इसी िाि में प्रधानमत्रं ी िोजगाि योजना (1993) प्रािम्भ िी गई ।
मैिा ढोने िी प्रथा िो पणितः समाप्त ििना भी इसे योजना िा
िक्ष्य था ।
नौवीं 1997 - 2002 6.5 मयु य उद्देश्य:-
5.4 न्यायपणि कवतिण एवं समानता िे साथ कविास
दसवीं 2002 – 2007 8 मयु य उद्देश्य:-
7.5 गिीबी एंव बेिोजगािी समाप्त ििना तथा अगिे 10 विों में प्रकतवयकि आय दगु नु ी
ििना ।
ग्यािहवीं 2007 – 2007 9 मयु य उद्देश्य :-
8.3 तीव्रतम एवं समावेशी सवािकधि वकद्ध दि प्राप्त हुयी ।
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कविास ।
ग्यािहवीं पां विीय योजना मेंकशक्षा िे किए थीम थी
‘ अकनवायि प्रािकम्भि कशक्षा’
बािहवीं 2012 – 2017 9 संशोकधत 8 मयु य उद्देश्य
तीव्र, अकथिि समावेशी धािणीय कविास
उपाध्यक्ष - उपाध्यक्ष िो िै कबनेट मत्रं ी िे समान िैं ि दी जाती है ।
15 अगस्त 2014 िो योजना आयोग िो समाप्त िि कदया गया एवं उसिे स्थान पि 01 जनविी 2015 िो नीकत आयोग िा गिन किया गया ।

राष्ट्रीय मवकास पररषद


(NATIONAL DEVELOPMENT COUNCIL)
6 अगस्त 1952 िो िाकष्ट्रय कविास परििद िा गिन भी एि गैि सांकवकधि कनिाय िे रुप में किया गया ।
योजना आयोग िे सभी सदस्य नीकत आयोग िे भी सदस्य होते हैं । िाज्यों िे मयु यमत्रं ी एवं िे न्रशाकसत प्रदेश िे प्रशासि एवं मयु यमत्रं ी भी इसिे
सदस्य होते हैं ।
िाष्ट्रीय कविास परििद िा मयु य िायि योजना आयोग द्वािा बनायी गई योजनाओ ं िा अनमु ोदन ििना था ।
योजर्ा अवकाि (1966- 1969)
 इस अवकध में तीन वाकििि योजनाएं बनाई गई ।
 मयु य िािण भाित पाि यद्ध
ु (1965) एवं सखा िहे ।
 इस दौिान 3.8% िी वाकििि वृकद्ध दि प्राप्त हो सिी ।
 1966 – 67
 1967 - 68
 1968 – 69
 अनवत योजना िा प्रकतपादन ‘गन्ु नाि कमडिि’ द्वािा अपनी पस्ु ति ‘एकशयन ड्रामा’ में किया गया था तथा भाित में िाग ििने िा श्रेय जनता पाटी
सििाि तथा डी0 टी0 ििडवािा िो जाता है ।
 िोकिंग प्िान 1978 -1983 ति िे किये बनाया गया था िेकिन 1980 में पनु ः इकन्दिा गाूँधी सििाि द्वािा समाप्त िि कदया गया ।
योजर्ा अवकाि (1990 - 1992)
 1990 – 1991 एि विीय योजना बनायी गई
 1991 – 1992 मयु य िािण िाजनैकति अकस्थिता एवं आकथिि संिट था ।

र्ीमत आयोग (NITI Aayog)


NATIONAL INSTITUTUION FOR TRANSFORMING INDIA
स्थापना- 1 जनविी 2015
अध्यक्ष - प्रधानमंत्री (पदेन अध्यक्ष)
निे न्र मोदी (वतिमान)
उपाध्यक्ष – िाजीव िुमाि (वतिमान)
CEO - अभीताभ िांत (वतिमान)
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(मयु य िायििािी अकधिािी)


गविकनंग िाउंकसि – गविकनंग िाउकसि में सभी िाज्यों िे मयु यमत्रं ी एवं िे न्रशाकसत प्रदेशों िे उपिाज्यपाि
योजना आयोग एवं नीकत आयोग में अन्ति –
योजना आयोग नीकत आयोग

पंाविीय योजनाओ ं िा कनमािण ििना । नीकत आयोग द्वािा 15 विो कवजन, 7 विो िो किये
िणनीती एवं 3 विो िे किए एर्कशन
योजनाओ ं िे कनमािण में एजेण्डा िा कनमािण ििना ।
िे न्र िी अकधि भकमिा ।
योजना आयोग िी प्रिृ कत िे न्रीय थी योजनाओ ं िे कनमािण में िे न्र एवं िाज्यों िी
सहभकगता नीकत आयोग िी प्रिृ कत कविे कन्रित है
अथाित सहिािी सघवं ाि िे
कसद्धान्त पि आधारित ।
कवश्व कवद्याियों एवं शोध संस्थान िे प्रकतकनकध िो कवश्व कवद्याियों एवं शोध
शाकमि नहीं किया जाता था। संस्थान िे प्रकतकनकध
िो शाकमि किया जाता है
भारतीय मवत्तीय बाजार
(Indian Financial Market)
भाितीय कवत्तीय बाजाि िो दो भागों में कवभाकजत किया जाता है।
1. मरु ा बाजाि (Money market)
2. पजं ी बाजाि (capital market)
मरु ा बाजाि (Money market)
मरु ा बाजाि से आशय अल्प िाकिि (Short Term) ऋण देने ि िेने से है।
यह एि अल्प िाकिि (Short Term) कवत्तीय बाजाि है कजसमें एि विि ति िे समय िे किये प्रकतभकतयों (Securities) िा िय कविय किया
जाता है।
मद्रा बाजार के प्रमख साधर् (Instruments- उपकरण)
1- वामणमज्यक पेपर/पत्र(Commercial Paper)-
270 कदन िी एि कनकित अवकध िे साथ वान नोट (Promissory note)
न्यनतम अवकध 7 कदन
2- रेजिी कबि- बैंि एवं कवत्तीय सस्ं थाओ ं द्वािा जािी किये जाते है।
14 days
91 days
182 days
364 days
िे किए आम तौि पि जािी किये जाते है।
पजुं ी बाजार (capital market)
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पंजी बाजाि एि दीघि िाकिि बाजाि है कजसमें दीघि िाि िे किए ऋण देने वािी संस्थाए,ं बैंि तथा कनवेशि जो द्योकगि क्षेत्र िे किए ऋण प्रदान
ििते है भाग िेते है।
पंजी बाजाि दो प्रिाि िे होते है।
1- प्राथकमि पजं ी बाजाि (primary capital market)
2- कद्वतीयि पजं ी बाजाि (secondary capital market)
प्रार्ममक पुंजी बाजार
 ये पजं ी बाजाि िा वो भाग है कजसमें प्रकतभकतयां (Securities) पहिी बाि बाजाि में कबिने िे किए आती है। अथाित िम्पनी द्वािा कवत्तीय प्रपत्रों
में धारित स्वाकमत्व प्रत्यक्ष रूप से िे ता िो हस्तातं रित िी जाती है।.
 प्राथकमि पजं ी बाजाि में जो भी प्रकतभकतयां कबिने िे किये आती है वो ऐसी प्रकतभकतयां होती हैं कजसिा स्वाकमत्व जािी ििने वािी िम्पनी िे
पास होता है।
मद्वतीयक पुंजी बाजार (Secondary capital market)
 कद्वतीयि पजं ी बाजाि में पिु ानी जािी िी गई प्रकतभकतयों िा िय कविय होता है। अथाित कवत्तीय प्रपत्र िे प्राथकमि धािि एवं िे ता िे बीा
व्यापाि होता है। इसमें प्रपत्र जैसे ऋण पत्र, शेयि जािी ििने वािी िम्पनी भागीदाि नहीं होती हैं।
 प्राथकमि बाजाि में कनवेशि जो कनवेश ििे गा वो कनवेश (फंड) िंपनी िे पास जायेगा।
 इसिे दो प्रिाि होते हैं।-
Equity shares इमववटी अुंि-
1. ये वो शेयसि होते हैं जो िम्पनी िे स्वाकमत्व धािी होते हैं।
2. इनिी िम्पनी िे प्रबन्धन में भागीदािी होती है।
3. इकर्कवटी अशं धाििों िो िम्पनी िे मामिों में मत देने िा भी अकधिाि होता है।
Preference Share (वरीयता िेयसथ)- ये शेयि धािि िम्पनी िे वास्तकवि माकिि/ कहस्सेदाि नहीं होते हैं ि इन्हें िम्पनी िे मामिों में मत देने
िा अकधिाि भी नहीं होता हैं।
इन्हें िाभांश कवतिण (Dividend Distribution) में विीयता दी जाती है।
IPO (Initial Public opening) जब िोई िम्पनी पहिी बाि अपना शेयि प्राथकमि बाजाि में बेाने िे िाती है तो उसे IPO (Initial Public
opening) िहते हैं।
Other capital market instruments are bonds debentures etc.
SEBI (Securities and Exchange board of India)
(भारतीय प्रमतभमत एवुं मवमर्मय बोर्थ)
मयु यािय- मम्ु बई
प्रािकम्भि पंजी- 7.5 ििोड
सेबी एि गैि संवैधाकनि संस्था है। कजसिी स्थापाना िे न्र सििाि ने 12 अप्रैि 1988 िो िी थी।
30 जनविी 1992 िो एि अध्यादेश द्वािा सेबी िो वैधाकनि दजाि प्रदान या गया।
30 जनविी 1992 िो ही सेबी एर्कट मे संशोधन िििे सेबी िो म्याु अ ु ि फंड एवं स्टॉि मािे ट िे कनयन्त्रण िे अकधिाि दे कदये गये।
 प्रवतिि िम्पकनयां- IDBI, ICICI तथा IFCI
सेबी के कायथ
1. Insider trading िो िोिना।
2. शेयि बाजाि िो मान्यता प्रदान ििना।
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3. स्टाि एर्कसाेंज में व्यवसयाय पि कनयमन ििना।


4. प्रकतभकत बाजाि से जडु े िोगों िो प्रकशकक्षत ििना।
5. म्याु अ
ु ि फंड िी सामकहि कनवेश योजनाओ ं िा पंजीििण ििना।
Mutual Fund (म्यचअल फुंर्)
 म्याु अ
ु ि फंड िा तात्पयि है साझा िोि।
 Mutual Fund िो सामकहि बात िे नाम से भी जाना जाता है।
 Mutual Fund िी स्थापना बैंकिग िम्पकनयों बीमा िम्पकनयों तथा अन्य कवकशष्ट सस्ं थाओ ं द्वािा किया जाता है।
 भाित में Mutual Fund िा आिम्भ UTI (unit trust of India) द्वािा 1964 में किया गया जो कि अमेरििन पद्धकत पि आधारित है अथाित
खि ु ा साझा िोि। यही िािण है कि इसे US-64 िे नाम से भी जाना जाता है।
 जनविी 1993 में सेबी िे द्वािा देश में सविप्रथम म्याु अ ु ि फंड कनयामि जािी किया गया।
 विि 1993 से पहिे भाित में िे वि साविजकनि क्षेत्र िे उपिम द्वािा म्याु अ ु ि फंड िा सां ािन किया जाता था िेकिन 1993 से कनजी िम्पकनयों
िो भी म्याु अ
ु ि फंड िे सा ं ािन िी अनमु कत प्रदान िी गई।
म्यचअल फुंर् के प्रकार
Open Ended Mutual Fund (खला साझा कोष) - इस योजना िे तहत यकनट िा िय कविय पिे विि ािता िहता है ि इसमें किसी भी
समय कनवेशि अपने द्वािा किये गये कनवेश िो कनिाि सिता है। EX=US-64
Closed Mutual Fund (बुंद साझा कोष) – इसिा संाािन एि कनकित अवकध िे किये किया जाता है उससे पवि कनवेशि अपना पैसा नही
कनिाि सिता है। कनकित अवकध पिी होने िे बाद units िे पजं ी मल्य में होने वािी वृकद्ध िो सदस्यों में बांट कदया जाता है।
Income Fund (आय फुंर्)- इसिे अन्तगित कनवेशिों िो कनयकमत आय प्राप्त होती है, इस योजना में िोंिों िो िम जोकखम वािी िम्पकनयों में ही
कनवेश किया जाता है।
Balanced Fund (सतुं मलत फुंर्)- इस योजना में कनवेशिों िो पजं ी वृकद्ध एवं कनयकमत आय दोनों िा िाभ प्राप्त होता है।
भारत के प्रमख िेयर बाजार
राष्ट्रीय िेयर बाजार (National stock Exchange) – मयु यािय – दकक्षण मम्ु बई
िाष्ट्रीय शेयि बाजाि िी स्थापना िी संस्तुकत 1991 में फे िवानी सकमकत ने िी थी।
IDBI (Industrial Development bank of India) - िाष्ट्रीय शेयि बाजाि िा प्रमख ु प्रवतिि है। अन्य प्रवतिि – SBI, LIC, GIC
प्रािकम्भि अकधिृ त पंजी 25 ििोड है।
बाम्बे स्टाक एवसचेन्ज
स्थापना 1875
दिाि स्रीट मम्ु बई
2005 से BSE एि पकब्िि किकमटेड िम्पनी में परिवकतित हो गई है।
भारत के प्रमख िेयर सचकाुंक
 BSE SENSEX- ये बाम्बे स्टाि एिस्ाेंज िा संवेदी सािांि है।
 ये 30 प्रमख
ु शेयिों िा प्राकतकनकधत्व ििता है। इसिा आधाि विि 1978-79 हैं।
 BSE 200- ये बाम्बे स्टाि एर्कसाेंज िे 200 शेयिों िा प्रकतकनकधत्व ििता है। इसिा आधाि विि 1989-90 हैं।
 DOLLEX- BSE 200 सािांि िा ही डािि मल्य सािांि डािेर्कस िहिाता है। इसिा आधाि विि 1989-90 है।
 NSE-50- ये िाष्ट्रीय शेयि बाजाि िा संवेदी सािांि है। इसमें 50 प्रमख
ु शेयिों िा सािांि है। इसी िा नाम अब NIFTY िखा गया है।
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मद्रास्फीमत(Inflation)
 मरु ास्फीकत िी कस्थकत में िीमत स्ति में वृकद्ध होती है तथा मरु ा िा मल्य कगिता है।
 मल्य स्ति में कनिन्ति वृकद्ध होती है कजससे वस्तुएं महगं ी हो जाती है।
 भाित में मरु ास्फीकत थोि मल्य सािांि (Whole sale price Index) िे द्वािा मापी जाती है।
 िीन्स िे अनसु ाि वास्तकवि मरु ा स्फीकत पणि िोजगाि कबन्दु िे बाद ही उत्पन्न होती है पणि िोजगाि कबन्दु से पवि उत्पन्न होने वािी स्फीकत आंकशि
स्फीकत िहिाती है जो प्रेिणात्मि होती है।
मद्रास्फीमत का प्रभाव
 उत्पादि वगि (िृ िि, उद्योगपकत, व्यापािी) िो िाभ होता है।
 ऋणी (Borrower)िो िाभ तथा ऋणदाता (Lender) िो हाकन होती है।
 आकथिि कविमताएं बढ जाती है (धनी ि धनी एवं कनधिन ि कनधिन हो जाता है।)
 व्यापाि संति
ु न कबगड जाता है अथाित आयात बढ जाता है कनयाित िम हो जाता है।
मद्रास्फीमत को मर्यमुं त्रत करर्े के उपाय
राजकोषीय उपाय-
 साविजकनि व्यय पि कनयंत्रण ।
 प्रगकतशीि ििािोपड
 साविजकनि ऋण में वृकद्ध ििना।
 बात िो प्रोत्साकहत ििना।
 उत्पादन में वृकद्ध ििना।
मैमरक उपाय-
 मरु ा कनगिमन िे कनयमों िो ििोि बनाना।
 मरु ा िी मात्रा िो संिुकात ििना।
 मरु ा अवस्फीकत या मरु ा संिुान
 ये मरु ास्फीकत िे कवपिीत अवस्था है इसमें मरु ा िा मल्य बढता है तथा वस्तुओ ं एवं सेवाओ ं िा मल्य घटता है।
 मरु ा अवस्फीकत अथिव्यवस्था में आकथिि कियाओ ं िो समाप्त िििे बेिोजगािी बढाती है कजससे सम्पणि अथिवय्वस्था मंदी िे दौि में फस सिती
है।
मद्रा सक
ुं चर् को रोकर्े के उपाय
राजकोषीय उपाय-
साविजकनि व्यय में वृकद्ध ।
ििािोपड (TAX) में िमी।
ऋणों िा भगु तान।
आकथिि सहायता एवं अनदु ान में वृकद्ध।
मौमद्रक उपाय -
मरु ा िा अकधि प्रसाि
मद्रा सस्ुं फीमत (Reflation)
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मरु ा संस्फीकत िी प्रकिया में जानबझिि मरु ा ि साख िी मात्रा में वृकद्ध िििे वस्तु मल्यों में वृकद्ध िा प्रयास किया जाता है।
Reflation प्राय: अथिव्यवस्था में व्याप्त मंदी से छुटिािा प्राप्त ििने िे किये किया जाता है।
मरु ा स्फीकत (Inflation) एवं मरु ा संस्फीकत (Reflation) प्राय एि जैसे ही प्रतीत होते हैं र्कयोंकि दोनों मे वस्तु एवं सेवाओ ं िे मल्य में वृकद्ध होती है
तथा मरु ा िे मल्य में िमी होती है किंतु मिभत अतं ि ये है कि मरु ास्फीकत परिकस्थकतजन्य होती है जबकि मरु ा सस्ं फीकत जानबझिि अथिव्यवस्था िी
कस्थकत िो सधु ािने िे किये अपनायी जाती है।
गमतहीर् स्फीमत/ मर्स्पुंद मस्र्मत (Stagflation)
Stagflation में मरु ास्फीकत, महगं ाई, बेिोजगािी साथ- साथ कवद्यमान िहते हैं।
इसमें वस्तओ ु ं िे मल्यों तथा मजदिी िी दिों में वृकद्ध होती है किन्तु साथ – साथ बेिोजगािी में भी वृकद्ध होती है तथा उत्पाकदत माि कबिना िकिन हो
जाता है।
लारेंज वि (Lorentj curve) – आय िे कवतिण में व्याप्त कविमताओ ं िो प्रदकशित ििने वािे वि िो िािें ज वि िहते हैं।
िािें ज वस्तुत: आय िी कविमता िी माप ििता है।
कगनी गणु ांि (co-efficient of ginni)- आय या सम्पकत्त िे कवतिण में व्यापत असमता िी संकययिी माप कगनी गणु ांि िहिाता है।
कगनी गणु ांि िा मान कजतना अकधि होगा समाज में कविमतायी उतनी अकधि होगी।
मद्रास्फीमत(Inflation)
मरु ास्फीकत िी कस्थकत में िीमत स्ति में वृकद्ध होती है तथा मरु ा िा मल्य कगिता है।
मल्य स्ति में कनिन्ति वृकद्ध होती है कजससे वस्तुएं महगं ी हो जाती है।
भाित में मरु ास्फीकत थोि मल्य सािांि (Whole sale price Index) िे द्वािा मापी जाती है।
िीन्स िे अनसु ाि वास्तकवि मरु ा स्फीकत पणि िोजगाि कबन्दु िे बाद ही उत्पन्न होती है पणि िोजगाि कबन्दु से पवि उत्पन्न होने वािी स्फीकत आंकशि
स्फीकत िहिाती है जो प्रेिणात्मि होती है।
मद्रास्फीमत का प्रभाव
उत्पादि वगि (िृ िि, उद्योगपकत, व्यापािी) िो िाभ होता है।
ऋणी (Borrower)िो िाभ तथा ऋणदाता (Lender) िो हाकन होती है।
आकथिि कविमताएं बढ जाती है (धनी ि धनी एवं कनधिन ि कनधिन हो जाता है।)
व्यापाि संति ु न कबगड जाता है अथाित आयात बढ जाता है कनयाित िम हो जाता है।
मद्रास्फीमत को मर्यमुं त्रत करर्े के उपाय
राजकोषीय उपाय-
• साविजकनि व्यय पि कनयंत्रण ।
• प्रगकतशीि ििािोपड
• साविजकनि ऋण में वृकद्ध ििना।
• बात िो प्रोत्साकहत ििना।
• उत्पादन में वृकद्ध ििना।
मैमरक उपाय-
• मरु ा कनगिमन िे कनयमों िो ििोि बनाना।
• मरु ा िी मात्रा िो सिं ु कात ििना।
मद्रा अवस्फीमत या मद्रा सक ुं चर्
ये मरु ास्फीकत िे कवपिीत अवस्था है इसमें मरु ा िा मल्य बढता है तथा वस्तओ ु ं एवं सेवाओ ं िा मल्य घटता है।
मरु ा अवस्फीकत अथिव्यवस्था में आकथिि कियाओ ं िो समाप्त िििे बेिोजगािी बढाती है कजससे सम्पणि अथिवय्वस्था मदं ी िे दौि में फस सिती है।
मद्रा सकुं चर् को रोकर्े के उपाय
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राजकोषीय उपाय-
• साविजकनि व्यय में वृकद्ध ।
• ििािोपड (TAX) में िमी।
• ऋणों िा भगु तान।
• आकथिि सहायता एवं अनदु ान में वृकद्ध।
• मौकरि उपाय
मद्रा का अमधक प्रसार
मद्रा सस्ुं फीमत (Reflation)
मरु ा सस्ं फीकत िी प्रकिया में जानबझिि मरु ा ि साख िी मात्रा में वृकद्ध िििे वस्तु मल्यों में वृकद्ध िा प्रयास किया जाता है।
Reflation प्राय: अथिव्यवस्था में व्याप्त मदं ी से छुटिािा प्राप्त ििने िे किये किया जाता है।
मरु ा स्फीकत (Inflation) एवं मरु ा संस्फीकत (Reflation) प्राय एि जैसे ही प्रतीत होते हैं र्कयोंकि दोनों मे वस्तु एवं सेवाओ ं िे मल्य में वृकद्ध होती है
तथा मरु ा िे मल्य में िमी होती है किंतु मिभत अतं ि ये है कि मरु ास्फीकत परिकस्थकतजन्य होती है जबकि मरु ा संस्फीकत जानबझिि अथिव्यवस्था िी
कस्थकत िो सधु ािने िे किये अपनायी जाती है।
गमतहीर् स्फीमत/ मर्स्पदुं मस्र्मत (Stagflation)
Stagflation में मरु ास्फीकत, महगं ाई, बेिोजगािी साथ- साथ कवद्यमान िहते हैं।
इसमें वस्तुओ ं िे मल्यों तथा मजदिी िी दिों में वृकद्ध होती है किन्तु साथ – साथ बेिोजगािी में भी वृकद्ध होती है तथा उत्पाकदत माि कबिना िकिन हो
जाता है।
लारेंज वि (Lorentj curve) – आय िे कवतिण में व्याप्त कविमताओ ं िो प्रदकशित ििने वािे वि िो िािें ज वि िहते हैं।
िािें ज वस्तुत: आय िी कविमता िी माप ििता है।
मगर्ी गणाुंक (co-efficient of ginni)- आय या सम्पकत्त िे कवतिण में व्यापत असमता िी संकययिी माप कगनी गणु ांि िहिाता है।
कगनी गणु ांि िा मान कजतना अकधि होगा समाज में कविमतायी उतनी अकधि होगी।
कर (TAX)
िि (TAX)- िि एि प्रिाि िा अकनवायि भगु तान होता है जो उस व्यकि िो अकनवायि रुप से सििाि िो देना होता है जो उस िि िे दायिे में शाकमि
होता है।
िि िे बदिे िि दाता िो आवश्यि रूप से िोई िाभ प्राप्त नहीं होता है।
कर के प्रकार
प्रत्यक्ष कर (Direct tax)-
उन ििों िो प्रत्यक्ष िि िहते हैं कजनिे वास्तकवि बोझ अथाित िि से उत्पनन ििघात उसी व्यकि पि पडते हैं कजनिे ऊपि सििाि िि िगाती है।
उदाहिण िे न्र सििाि िे प्रत्यक्ष िि
• आयिि
• सम्पकत्त िि
• उपहाि िि
• व्यय िि
• कनगम िि
• िाभांश िि ब्याज िि
• िाज्य सििाि िे प्रत्यक्ष िि
• होटि प्राकप्तयों पि िि
• भ िाजस्व िि
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• िृ कि आय पि िि
• व्यवसाय िि
• गैि शहिी अाि समपकत्तयों पि िि
अप्रत्यक्ष कर
• वे िि कजनिा बोझ व्यकि कवशेि पि ना पडिे सभी पि पडता हो उन्हें अप्रत्यक्ष िि िहते हैं।
• िाज्य सििाि िे अप्रत्यक्ष िि
• कििी िि
• स्टाम्प एवं पजं ीयन शल्ु ि
• वाहनों पि िि
• कवज्ञापन पि िि
• कशक्षा उपिि
• डीजि पेरोि पि कििी िि
• ड्यटी- सििाि द्वािा प्रदत्त िुछ स्पष्ट सकु वधाओ ं जैसे सििाि द्वािा प्रदत्त सडि, पोत, संााि सकु वधा आकद से पिोक्ष रूप से िाभाकन्वत हुआ
तो उसिे बदिे जो अकनवायि भगु तान ििना पडता है वो भी िि ही होता है कजसे हम ड्यटी िहते हैं।
Example- custom duty, Excise duty
उपकर एवुं अमधभार - उपिि तथा अकधभाि किसी कवशेि उद्देश्य िी पकति िे किये िगाया जाता है।
उपिि िि िे साथ एि आधाि पि िगाया जाता है जबकि अकधभाि िि िे ऊपि िि होता है.
वस्त एवुं सेवा कर (goods and services tax)
1 जि ु ाई 2017 से वस्तु एवं सेवािि िी व्यवस्था िाग िी गई है। अब ति िे न्र सििाि एवं िाज्य सििाि या दोनों िे द्वािा िगाये जाने वािे सभी िि
िी जगह एि GST िगेगा जो सभी वस्तुओ ं एवं सेवाओ ं पि िगेगा।
एि वस्तु िे ऊपि जो भी GST िि िी दि होगी वो पिे देश में एि ही होगी।
संकवधान िे 101 वें संशोधन िे द्वािा GST िाग किया गया।
GST कर की दरें
GST में 17 अप्रत्यक्ष ििों एवं 23 िे न्रीय व िाजिीय उपिि समाकहत है।
1- 5
2- 12
3- 18
4- 28
नोट अपरिष्ट्िृत ित्नों एवं ित्न पत्थिों पि 0.25 GST िगेगा जबकि सोने पि 3 GST है।
GST से बाहर वस्तएुं
• शिाब (अल्िोहि)
• िच्ाा तेि
• पेरोि
• डीजि
• प्रािृ कति गैस
इन्हें अस्थायी रूप से बाहि िखा गया है।
GST परििद िे कनणिय द्वािा शाकमि किया जा सिता है।
GST से मि वस्तएुं
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• प्रािृ कति मधु


• दध
• खि ु ा खाद्य पदाथि
• िस्सी
• खि ु ा पनीि
• दही
• प्रसाद
• नमि
• गडु
• अडं ा
• िाजि
• कात्रििा िी किताबें
• कशक्षा सेवाएं
छोटे करदाताओ ुं के मलए GST के लाभ
सिि वाकििि टनि ओवि 20 िाख ति होने पि िोई िि नहीं। पवोत्ति, कसकर्किम, उत्तिाखण्ड एवं कहमााि प्रदेश िे किए छट िी सीमा 10 िाख है।
GST पररषद सरुं चर्ा
अध्यक्ष – िे न्रीय कवत्त मंत्री
उपाध्यक्ष – िाज्य सििािों िे कवत्त मंत्री
सदस्य – िे न्रीय कवत्त िाज्य मत्रं ी तथा सभी िाज्यों िे कवत्त मत्रं ी
िोिम – िुि सदस्यों िा 50
मान – िाज्य िा मान दो- कतहाई, िे न्र िा मान एि कतहाई
कनणिय – 75 बहुमत से
GST परििद GST सम्बन्धी सभी मद्दु ों कवकध, कनयम व दि पि कनणिय ििे गी।

र्किास देखने िे किए नीाे दी गयी इमेज पि कर्किि ििें –

सदस्य गण ध्यार् दें –


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यह वलास प्रमतमदर् रामत्र 10 बजे परीक्षा प्लस के youtube चैर्ल पर चलती है |


इसकी पीर्ीऍफ़ मर्ःिल्क है |
पीर्ीऍफ़ प्राप्त करर्े के परीक्षा प्लस का टे लीग्राम चैर्ल ज्वाइर् कर लें |
परीक्षा प्लस youtube चैर्ल मलुंक - https://www.youtube.com/c/ParikshaPlus
परीक्षा प्लस टेलीग्राम चैर्ल मलुंक – t.me/parikshapluschannel
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