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पंचवर्षीय योजना: भारत में आर्थिक ननयोजन

भारत में आर्थिक ननयोजन

नवश्वेश्वरय्या योजना:

भारत में आर्थिक नियोजि काल की शुरुआत निश्वेश्वरय्या की दस िर्ष की योजिा के साथ शुरु हुई थी। श्री एम.
निश्वेश्वरय्या िे 1934 में “भारत में आर्थिक नियोजि” शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशशत की थी जजसमें उन्होंिे दस
िर्ों में राष्ट्र की आय दोगुिी करिे का मसौदा पेश नकया था। उन्होंिे श्रम को कृनर् पर आधाररत हटाकर उद्योग
आधाररत करिे का सुझाि दे कर लोकताांनिक पांजीिाद (सांयुक्त राज्य अमेररका के समाि) का समथषि नकया था
जजसमें औद्योनगकीकरण पर जोर ददया गया। हालाांनक, निदटश सरकार िे इस योजिा में कोई ददलचस्पी िहीं
ददखाई, लेनकि इसिे दे श के शशक्षित युिाओं के बीच राष्ट्रीय नियोजि की माांग को सफलतापिषक उभारा था।

राष्ट्रीय योजना आयोग (एन.पी.सी.)

यह भारत के शलए राष्ट्रीय योजिा निकशसत करिे का प्रथम प्रयास था जजसकी शुरुआत 1938 में जिाहर लाल
िेहरू की अध्यिता में गदित एि.पी.सी. की स्थापिा से हुई थी। हालाांनक, निश्व युद्ध II की शुरुआत के कारण,
कमेटी की ररपोटटष स तैयार िहीं की जा सकी। आखखरकार इसके दस्तािेज 1948-49 में स्ितांिता के बाद जारी हुए।

बॉम्बे योजना:

आि शीर्ष उद्योगपनतयों और तकिीकी निशेर्ज्ञों िे “भारत के शलए आर्थिक निकास की योजिा” शीर्षक से एक
सांक्षिप्त ज्ञापि मसौदा तैयार नकया जजसका सांपादि पुरुर्ोत्तम िाकुरदास िे 1944 में नकया। इस मसौदे को “बॉम्बे
योजिा” के िाम से जािा जाता है। इस योजिा का मुख्य उद्दे श्य 15 िर्ों में कृनर् िेि में आउटपुट को दोगुिा
करिा और उद्योग िेि में िृजद्ध को पाांच गुिा करिा था। बॉम्बे योजिा का मुख्य शसद्धाांत यह था नक अथषव्यिस्था का
निकास नबिा सरकारी हस्तिेप और निनियमि के िहीं हो सकता है। आधधकाररक रूप से, योजिा को कभी
स्िीकार िहीं नकया गया, इसके सुझािों को भनिष्य की आर्थिक योजिाओं में दोहराया गया।

पीपल प्लान:

पीपल प्लाि का मसौदा साम्यिादी िेता एम.एि. राय िे 1944 में लाहौर की भारतीय पररसांघ के उत्तर-युद्ध
पुिषसांरचिा सधमनत की ओर से नकया गया था। यह मार्कसषिादी समाजिादी पर आधाररत था और इसमें कृनर् को
प्रधािता दी गई। इसिे कृनर् और सभी उत्पादि गनतनिधधयों के राष्ट्रीकृत होिे पर बल ददया।

गांधी योजना:

गाांधी योजिा का मसौदा एस.एि. अग्रिाल िे 1944 में िधाष िाक्षणज्ज्यक कॉलेज के शसद्धाांत पर तैयार नकया था।
इस योजिा में भारत के शलए ‘आत्म-निभषर गाांिों’ के साथ ‘निक्रेन्रीकृत आर्थिक सांरचिा’ तैयार की गई।
एि.पी.सी. और बॉम्बे योजिा से इतर, योजिा में कृनर् पर अधधक बल ददया गया। और जहाां भी औद्योगीकरण की
बात कही गई िहाां सत और ग्राम स्तर उद्योगों के प्रोत्साहि पर बल ददया गया।
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सवोदय योजना:

इस योजिा का मसौदा जय प्रकाश िारायण िे 1950 में बिाया था। यह गाांधी योजिा और नििोबा भािे के आत्म-
निभषरता शसद्धाांतों पर आधाररत था। इसिे कृनर् के साथ-साथ लघु और कपास उद्योगों पर जोर ददया। इसिे निदे शी
तकिीक के प्रयोग को कम करके आत्म-निभषर होिे तथा भधम सुधारों और निक्रेन्रीकृत भागीदारी नियोजि लाग
करिे पर बल ददया।

योजना आयोग:

स्ितांिता प्राप्प्त पश्चात अखखल भारतीय काांग्रेस सधमनत द्वारा आर्थिक कायषक्रम सधमनत (ई.पी.सी.) गदित की गई।
पां. जिाहर लाल िेहरू इसके अध्यि थे। 1948 में, सधमनत िे योजिा आयोग के गिि की शसफाररश की थी। यह
एक अनतररक्त सांिैधानिक निकाय है, जजस पर पाांच िर्ों के शलए पांचिर्ीय योजिाएां बिािे का दानयत्ि है।

राष्ट्रीय नवकास पररर्षद (एन.डी.सी.)

इसका गिि 6 अगस्त, 1952 को नकया गया था। इसका अध्यि प्रधािमांिी होता है। यह भारत में निकास के मुद्दों
पर फैसले लेिे और चचिति करिे िाला शीर्ष निकाय है। यह भारत की पांचिर्ीय योजिाओं को अांनतम मांजरी प्रदाि
करता है।

प्रथम तीन पंचवर्षीय योजनाएं संक्षेप में:

योजनाएं समय-सीमा उद्दे श्य और टिप्पणी


· ध्याि: कृनर्, मल्य ज्स्थरता और बुनियादी ढाांचा।

प्रथम योजिा 1951-1956 · यह होराषड डोमर मॉडल पर आधाररत था (अथषव्यिस्था


की िृजद्ध दर सकारात्मक दृनि में पांजी की उत्पादकता और
नििेश दर पर निभषर करती है)।
· ध्याि: तेज औद्योनगकीकरण

नद्वतीय योजिा · इसे महालिोनबस योजिा भी कहा गया (नियोजि का


ध्याि कृनर् से हटाकर उद्योगों पर करिे की सलाह दी गई)
(लक्ष्य िृजद्ध: 4.5% 1956-1961
· इसिे भारी और बुनियादी उद्योगों पर बल ददया।
िास्तनिक िृजद्ध: 4.27%)
· इसमें आयात-प्रनतस्थापि की िकालत की, निराशािाद
नियाषत और अनतव्यापार आदाि-प्रदाि।
तृतीय योजिा
· ध्याि: भारी और बुनियादी उद्योग जजसे बाद में कृनर् की
1961-1966 ओर प्रनतस्थानपत कर ददया गया।
(लक्ष्य िृजद्ध: 5.6%
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िास्तनिक िृजद्ध: 2.84%) · चीि 1962 और पानकस्ताि 1965 दो युद्धों तथा 1965-
66 में भयांकर सखा पडा था, यह योजिा कईं मोचों पर
असफल सानबत हुई।

1966-67, 1967-68 और 1968-69 तीि िार्र्िक योजिाएां थीं। तीि लगातार िर्ों तक पांचिर्ीय योजिाओं को
स्थनगत करिे के कारण इसे योजिा अिकाश का समय कहा जाता है। व्यापक खाद्य सांकट के कारण, िार्र्िक
योजिाओं का ध्याि कृनर् पर केजन्रत नकया गया। इि योजिाओं के दौराि, हररत क्राांनत की िींि रखी गई जजसमें
एच.िाई.िी. (उच्च पैदािार नकस्मों) बीजों, रासायनिक उिरषकों के व्यापक प्रयोग और ससिचाई सांभाििाओं का बडे
स्तर पर दोहि शाधमल था। इि िर्ों के दौराि, तीसरी पांचिर्ीय योजिा के घाटों को झेल शलया गया और 1969 से
पांचिर्ीय योजिा को क्रमशः आगे बढाया गया।

IV से XII पंचवर्षीय योजनाओं का संक्षक्षप्त नववरण:

योजना समय-सीमा उद्दे श्य और टिप्पणी


· ध्याि: खाद्य में आत्म-निभषरता और आत्म-
निश्वसिीयता
चौथी योजिा
· इसका लक्ष्य घरेल खाद्य उत्पादि सुधारिा था।
(लक्ष्य िृजद्ध: 5.7% 1969-1974
· इसका लक्ष्य निदे शी सहायता लेिे से इांकार करिा था।
िास्तनिक िृजद्ध: 3.30%)
· 1973 का प्रथम तेल सांकट, प्रमुख निदे शी निनिमय
ररजिष स्रोतों हेतु प्रेर्ण जारी नकए
· ध्याि: गरीबी उन्मलि और आत्म-निभषरता प्राप्प्त।
पाांचिी योजिा
· इसे डी.डी. धर द्वारा तैयार और पेश नकया गया था।
(लक्ष्य िृजद्ध: 4.4%
1974-1979
· इस योजिा को 1978 में स्थनगत कर ददया गया था।
िास्तनिक िृजद्ध: 4.8%)
· िर्ष 1978-79 और 1979-80 के शलए तीि अििरत
योजिाएां (रोसलिग प्लाि) चलाई गईं।
· ध्याि: गरीबी हटाओ और उत्पादकता बढाओ।
छिी योजिा
· तकिीकी आधुनिकीकरण पर बल ददया गया।
(लक्ष्य िृजद्ध: 5.2% 1980-1985
· पहली बार, महात्िाकाांिी गरीबी हटाओ को अपिाकर
िास्तनिक िृजद्ध: 5.4%) गरीबी पर सीधे हमला नकया गया (अधोमुखी धि प्रिाह
रणिीनत को छोडा गया)।
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· ध्याि: उत्पादकता और कायष जैसे रोजगार सृजि।

सातिीं योजिा · पहली बार, निजी िेि को सािषजनिक िेि से ऊपर


प्राथधमकता धमली।
(लक्ष्य िृजद्ध: 5.0% 1985-1990
· केन्र में अज्स्थर राजिैनतक ज्स्थनतयों के कारण, िर्ष
िास्तनिक िृजद्ध: 6.01%)
1990-91 और 1991-92 के शलए दो िार्र्िक
योजिाएां शुरू की गई।
· ध्याि: मािि सांसाधि निकास।
आििीं योजिा
· इस योजिा के दौराि, उदारीकरण, निजीकरण और
(लक्ष्य िृजद्ध: 5.6% 1992-1997
िैश्वीकरण के साथ िई आर्थिक िीनतयों को लाया गया।
िास्तनिक िृजद्ध: 6.8%)
· इसिे मािि पांजी और निजी िेि को प्राथधमकता दी।
िौिीं योजिा · ध्याि: ‘समता और न्याय के साथ निकास’

(लक्ष्य िृजद्ध: 7.1% 1997-2002 · इसिे चार िेिों पर बल ददया: जीिि गुणित्ता,
उत्पादक रोजगार का सृजि, िेिीय सांतुलि और
िास्तनिक िृजद्ध: 6.8%) आत्म-निभषरता।
दसिीं योजिा 1. इसका लक्ष्य अगले 10 िर्ों में भारत में प्रनत व्यशक्त
आय को दोगुिी करिा था।
(लक्ष्य िृजद्ध: 8.1% 2002-2007
2. 2012 तक गरीबी अिुपात को 15% तक घटािा
िास्तनिक िृजद्ध: 7.7%) था।
ग्यारहिीं योजिा

(लक्ष्य िृजद्ध: 8.1% 2007-2012 1. ध्याि: तेज िृजद्ध और अधधक समािेशी निकास

िास्तनिक िृजद्ध: 7.9%)


बारहिीं योजिा
1. ध्याि: तेज, अधधक समािेशी निकास और धारणीय
2012-2017
निकास।
(लक्ष्य िृजद्ध: 8%)

नीनत आयोग

िीनत आयोग, िेशिल इांस्टीट्यट ऑफ ट्ाांसफॉर्मिग इांधडया िर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा स्थानपत एक सथिक टैं क
है। इसिे योजिा आयोग का स्थाि शलया है। धारणीय निकास लक्ष्यों को प्राप्त करिा और ‘िीचे से ऊपर’ दृनिकोण
अपिाकर सहयोगी सांघिाद को बढािा दे िा इसके दोहरे लक्ष्य थे। इसकी पहलों में शाधमल हैं:
(i) 15 िर्ीय रोड मैप
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(ii) 7 िर्ीय सोच, रणिीनत और कायष-योजिा


(iii) 3 िर्ीय एजेंडा

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