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हिलोम शब्द (भाग-01)

❖ विलोमार्थी शब्द :-
➢ एक-दसू रे के विपरीत या विरोधी अर्थथिाले शब्द को ही 'विलोम' या 'प्रवतलोम' या विपरीतार्थथक शब्द कहा
जाता है।
➢ अर्थाथत जो एक दसू रे के विपरीत अर्थथ बताते हैं , उन्हें विलोम कहा जाता हैं।
➢ उपसर्थ और प्रत्यय लर्ाकर भी विलोम शब्द बनाए जा सकते हैं और स्ितंत्र भी परस्पर विलोम होते हैं।
जैसे – कपतू – सपतू , वदन – रात , सत्य-असत्य, अमीर-र्रीब आवद ।
❖ विलोमार्थी कई दृवियों से होता है -
➢ बड़ा – छोटा ( आकार के कारण )
➢ अच्छा – बरु ा ( स्िभाि के कारण )
➢ पिू थ – पविम ( वदशा के कारण )
➢ मामा – मामी ( ररश्ते के कारण )
➢ धनी – वनधथन ( आवर्थथक वस्र्थवत के कारण )
➢ स्त्री – परुु ष ( वलंर् के कारण ) आवद।
NOTE :-
➢ हमेशा ध्यान रखे वक शब्द – भेद की दृवि से यवद आपसे संज्ञा शब्द का विपरीतार्थथक पछ ू ा जाए तो उसका
विपरीतार्थथक एक संज्ञा शब्द ही होर्ा।
➢ इसी तरह यवद वकसी विशेषण का विपरीतार्थथक पछ ू ा जाए तो उसका विपरीतार्थथक एक विशेषण ही होर्ा।
जैसे :-
✓ अनश ु ासन (संज्ञा) – अनश ु ासनहीन ( विशेषण ) - (र्लत)
✓ अनश ु ासन (संज्ञा) - अननुशासन (संज्ञा) - (सही)
✓ अर्थ – इवत (PYQ)
✓ अवतिृवि – अनािृवि (PYQ)
✓ अंदरूनी – बाहरी
✓ भीतर – बाहर
✓ ऊँच – नीच
✓ अर्ला – वपछला
✓ अर्थथ – अनर्थथ
✓ उजाला – अंवधयारा (PYQ)
✓ जंर्ल – र्ाँि
✓ खल – सज्जन (PYQ)
✓ उत्तम – अधम
✓ उदय – अस्त
✓ उधार – नकद
✓ उिथर – ऊसर (PYQ)
✓ खरीद – वबक्री
✓ खरा – खोटा
✓ उपावजथत – स्ियं प्राप्त (PYQ)
✓ उर्ना – डूबना
✓ श्रीर्णेश – इवतश्री (PYQ)
✓ दाता – कंजसू
✓ प्रातः – सांय
✓ उद्धत – विनीत (PYQ)
✓ क्षीण – पिु
✓ ह्यस – िृवद्ध
✓ क्षवणक – शाश्वत
✓ फूल – कांटा
✓ कवनष्ठ – ज्येष्ठ (PYQ)
✓ जार्ना – सोना
✓ चस्ु त – ढीला
✓ ऊंचा – नीचा
✓ अनार्थ – सनार्थ
✓ चोर – साधु
✓ क्षमा – दडं
✓ कृ पा – कोप
✓ उदार – अनदु ार / समू (PYQ)
✓ उग्र – सौम्य (PYQ)
✓ चतरु – मख ू थ
✓ घवटया – बविया
✓ घटना – बिना
✓ ककथ शा – सश ु ीला
✓ खीझना – रीझना
✓ खडं न – मडं न
✓ कुसमु – कंटक
✓ कृ वत्रम – प्राकृ वतक
✓ र्ाड़ना – उखाड़ना
✓ कृ श – पीन (PYQ)
✓ कड़ा – मल ु ायम
✓ वनन्दा – स्तवु त
✓ कुत्सा – प्रशंसा
✓ छली – वनिल
✓ उतार – चिाि
✓ होवशयार – बेिकूफ
✓ र्ाँि – शहर
✓ बंधन – मवु ि
✓ ग्रास – मोक्ष
✓ ग्रस्त – मिु
✓ छूट – कै द
✓ अपना – पराया
✓ अमीर – र्रीब
✓ धनी – वनधथन
✓ अमािस्या - पूवणथमा
✓ र्रुु – वशष्य
✓ अंत – आवद (PYQ)
✓ अकाम – सकाम
✓ अग्रज – अनजु
✓ अरुवच – रुवच
✓ आदर – अनादर
✓ आग्रह – दरु ाग्रह
✓ ऊपरी – वनम्न
✓ आय – व्यय
✓ सधु ा – र्रल (PYQ)
✓ उदीची – अिाची (PYQ)
✓ अिश्य – संभितः
✓ अके ला – सार्थ
✓ भला – बरु ा
✓ अंधकार – आलोक / प्रकाश
✓ उदास – प्रफुल / प्रसन्न
✓ अज्ञ – विज्ञ
✓ अर्थथ – अनर्थथ
✓ अग्र – पिात
✓ अदोष – सदोष
✓ अिनी – अम्बर
✓ अपेक्षा – उपेक्षा
✓ अमर – मत्यथ
✓ अतं रंर् – बवहरंर्
✓ अवनिायथ – एवच्छक
✓ अिकाश – अनिकाश
✓ उत्कषथ – उपकषथ
✓ उग्र – शांत / सौम्य
✓ आर्मन – प्रस्र्थान
✓ आवस्तक – नावस्तक
✓ आरूि – अनारूि
✓ आरोह – अिरोह
✓ आसि – अनासि
✓ आतरु – अनातरु
✓ र्लु ामी – आजादी
✓ आकाश – पाताल
✓ आस्र्था – अनास्र्था
✓ ऊध्िथ - अधः
✓ आर्े – पीछे
✓ स्याह – सफे द
✓ कच्चा – पक्का
✓ वति – मधरु
✓ श्रम – विश्राम
✓ ईद – महु रथ म
✓ एकत्र – विकीणथ
✓ कटु – मधु
✓ कविन – सरल
✓ कतथव्य – अकतथव्य
✓ कड़िा – मीिा
✓ उत्र्थान – पतन
✓ उवचत – अनुवचत
✓ विषयी – वजतेंविय
✓ किोर – कोमल
✓ ककथ श – मृदल ु (PYQ)
✓ इहलोक – परलोक
✓ इि – अवनि
✓ आविभाथि – वतरोभाि
✓ आयात – वनयाथत
✓ आवद – अनावद
✓ अनक ु ू ल – प्रवतकूल
✓ सरल – कुवटल
✓ ऋणी – उऋण
✓ र्लत – सही
✓ आधवु नक – प्राचीन
✓ आवमष – वनरावमष
✓ आदान – प्रदान
✓ आर्ामी – विर्त
✓ आिृत – अनािृत
✓ आवश्रत – अनावश्रत / वनरावश्रत
✓ आर्त – अनार्त
✓ अनरु ार् – विरार्
✓ मान – अपमान
✓ अल्पायु – दीघाथयु
✓ अिनवत – उन्नवत
✓ अपराधी – वनरपराधी
✓ आना – जाना
✓ अिाई – विदाई
✓ र्ौण – प्रधान
✓ कड़िा – मीिा
✓ ग्रामीण – नार्ररक / शहरी
✓ कृ ष्ण – श्वेत / कंस / शक्ु ल
✓ आिथ – शष्ु क
✓ आकंु चन – प्रसारण
✓ आसि – विरि
✓ अनरु वि – विरवि
✓ अिनत – उन्नत
✓ अंर्ीकार – अस्िीकार
✓ आयथ – अनायथ
✓ आशा – वनराशा
✓ आहार – अनाहार
✓ अवधक – कम / न्यून
✓ अकाल – सुकाल
✓ अर्म – सर्ु म
✓ उत्तम – अधम
✓ उष्ण – शीत
✓ अनमु ोदन – विरोध
✓ समर्थथन – विरोध
✓ धृि – विनयशील
✓ आरंभ – अतं / अिसान
✓ आध्यावत्मक – आवधभौवतक
✓ जमीन – आसमान
✓ आकाश – पाताल

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