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वात्स्यायन का कामसूत्र हिन्दी में-1-11
वात्स्यायन का कामसूत्र हिन्दी में-1-11
ब्रह्मा ने एक संववधान बनाया जजसके अंदर लगभग 1 लाख अध्याय र्े। इन अध्र्यार्यों में
जीवन के हर पहल का ववशद्, संयमन और तनरूपण का उकलेख र्ा। मनु ने उस ववशाल ग्रंर्
को मर्कर आचारशास्त्र का एक अलग संस्करण पेश ककया जो मनस्
ु मतृ त या धममशास्त्र के
नाम से प्रचशलत है।
मनु ने जो मनुस्मतृ त रची र्ी वह असली रूप में उपलब्ध नहीं है । प्रचशलत स्मतृ त उसी
स्मतृ त का संक्षक्षतत वववरण है जजसे मनु ने पेश ककया र्ा। आचायम बह
ृ स्पतत ने भी उसी ववशाल
ग्रंर् के द्वारा अर्मशास्त्र ववषयक भाग अलग करके बाहमस्पत्यम अर्मशास्त्र की रचना की।
कौहिकय के अर्मशास्त्र में बह
ृ स्पतत के अर्मशास्त्र के अंतगमत ही दे खने को शमलते है।
उसने जो कुछ भी पढ़ा या सुना र्ा वह ऐसे ही शशष्यों और जानने वालों को बताया।
लेककन श्वेतकेतु के काल में संक्षक्षततीकरण का प्रचलन हो चुका र्ा और बाभ्रव्य के काल में
तो ग्रंर्-प्रणयन और संपादन की एक मजबत प्रणाली प्रचशलत हो गयी। पांचाल द्वारा तैयार
ककए गए 7 अधधकरण इस प्रकार है -
•साधारण अधधकरण
•साम्प्रयोधगक अधधकरण
•कन्या सम्प्रयक्
ु तक अधधकरण